नवग्रह रत्न पुखराज और हीरा (Gemstone Yellow Sapphire and Diamond)

नवग्रहों में अद्भुत शक्तियां है जिसके कारण इसे देवताओं के समान आदर दिया गया है. यह दवा की भांति व्यक्तियों को पीड़ा से उबारने में सक्षम होता है. इनमें कमज़ोर ग्रहों को बलवान बनाने की क्षमता होती है जिससे असंभव को भी संभव करने में भी राशि रत्न कारगर होते हैं. रत्नों का उपयोग ग्रहों की शांति में उपयोग किया जाता है. किसी भी ग्रह की शांति के लिए बहुत से उपायों का उल्लेख ज्योतिष शास्त्र में मिलता है. जिनमें मंत्र, यंत्र इत्यादि का उपयोग पर जोर दिया जाता है.


ग्रहों में शुक्र और गुरु को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है. यह शुभ ग्रह होते हैं पर जब ये ग्रह कुण्डली में कमजोर होते हैं तो इस स्थिति में रत्न का उपयोग करके ग्रह की शुभता को बढा़या जा सकता है. आईये हम जानें की बृहस्पति और शुक्र के लिए कौन से रत्न धारण किए जा सकते हैं ओर वे हमारे लिए किस तरह से शुभ फल देने वाले बनते हैं


बृहस्पति(गुरु) के रत्न को कैसे धारण करें

बृहस्पति के लिए पुखराज और उपरत्नों में पीला बैरुज, सुनहला, येलो सिट्रीन जैसे रत्न का उपयोग किया जाता है. बृहस्पति यदि जन्म कुंडली में कमजोर है तो इस स्थिति में पुखराज को पहनने से गुरु को मज़बूती मिलती है. गुरु के शुभ प्रभाव के फलस्वरूप जातक को जीवन में उचित अनुचित का बोध हो पाता है. अपने ज्ञान को मजबूत करके जातक समाज में सम्मानित स्थान पाता है.


पुखराज को पहनने से इसके उपयोग से व्यक्ति का सामाजिक दायरा बढ़ता है लोगों के मध्यय उसे स्नेह और सहयोग मिलता है. इसके उपयोग से व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में एवं आर्थिक स्थिति में बेहतर रुख देख पाता है. जीवन में अपने लोगों का साथ मिलता है. दांपत्य जीवन में भी पुखराज अपना सकारात्मक परिणाम भी दिखाता है. संतान पक्ष की ओर से भी व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है. यदि किसी की कुण्डली में गुरु का प्रभाव संतान के पक्ष में होने पर कमजोर हो तो पुखराज पहनने से संतान का सुख मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है. यह व्यक्ति की बुद्धि को उचित मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है.


पुखराज की ज्योतिषीय विशेषता Astrological Characteristics of Yellow Sapphire

बृहस्पति ग्रह का रत्न पुखराज पीली आभा लिये होता है. यह गहरा पीला, हल्का पीला एवं सफेद भी होता है. छूने में ठोस, चिकना, चमकीला, दाग़ धब्बा रहित पुखराज उत्तम होता है. दूध में रात भर रखने से असली पुखराज क्षीण नहीं होता है और न ही इसका रंग फीका होता है.पुखराज धारण करने से पहले अच्छी तरह जांच परख लेना चाहिए कि रत्न दोष रहित हो.


पुखराज धारण करने से लाभ Astrological Benefits of wearing Yellow Sapphire

जिस व्यक्ति की कुण्डली में बृहस्पति नीच का होता है अथवा कमजोर होता है उनके लिए पुखराज धारण करना लाभप्रद होता है. पुखराज अध्यात्म, सत्यता, लनशीलता और सजगता का प्रतीक होता है. प्रेमियो के लिए यह भाग्यशाली रत्न माना जाता है.मानसिक शांति एवं आत्मिक शांति के लिए भी यह रत्न लाभकारी होता है.


इस रत्न को धारण करने से वाणी सम्बन्धी दोष एवं गले की पीड़ा से राहत मिलती है.प्राचीन यूनान में इसे अपोलो देवता द्वारा प्रदान किया गया माना जाता था जिसका उपयोग कई प्रकार के रोगों के ईलाज के लिए किया जाता था. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार जिस कन्या की शादी में बार बार बाधा आ रही हो वह अगर पुखराज धारण करती हैं तो विवाह में बाधक तत्व का अंत होता है और जल्दी शादी होती है.


शुक्र के रत्न को कैसे धारण करें

शुक्र के लिए हीरा मुख्य रत्न होता है और उपरत्न के रुप में जरकन और ओपल को भी धारण किया जा सकता है.

इनके प्रभाव के कारण जातकों के लिए स्थिति बहुत ही सकारात्मक हो सकती है.

रत्नों का उपयोग जिस सूझ-बूझ के साथ किया जाता है उसी प्रकार से वो फल भी देता है. इस संदर्भ में जब हमे शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है तो इस ग्रह के रत्नों को नियम पूर्वक उपयोग में लाना भी आवश्यक होता है. इस रत्न में चाहें हम हीरा धारण करें या जरकन, ओपल इत्यादि को तो उस स्थिति में हमें नियम पालन करने होते हैं.

रत्न धारण करते समय ध्यान रखें की शुक्ल पक्ष का चयन किया जाए. शुक्ल पक्ष को शुभ प्रभावदायक समय कहा जाता है. जो भी रत्न पहनें उस रत्न को पंचामृत से शुद्ध करते हुए धूप - दीप दिखाएं, फिर रत्न से संबंधित ग्रह के मंत्र का 108 बार जाप करें. शुक्र के रत्न को धारण करने के लिए “ऊँ शुं शुक्राय नम:” का मंत्र का जाप करना चाहिए.


हीरा की ज्योतिषीय विशेषता Astrological Characteristics of Diamond

हीरा संसार का सबसे कठोर रत्न है. इसे किसी भी अन्य रत्न से खरोंचा नहीं जा सकता.हीरा जितना कठोर व चमकीला होता है उतना ही अच्छा माना जाता है. यह मुख्यत: सफेद, पीला , लाल, गुलाबी और काला होता है.मान्यताओं के अनुसार संतान की इच्छा रखने वाली महिलाओं को हीरा धारण नहीं करना चाहिए. ज्योतिषशास्त्र इस मान्यता को नही स्वीकार करता है. ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार जो स्त्री त्रिकोण हीरा धारण करती हैं उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.


हीरा धारण करने से लाभ Astrological Benefits of wearing Diamond

हीरा शुक्र का रत्न है. तुला और वृषभ राशि वाले अगर इस रत्न को धारण करते हैं तो उनका शुक्र मजबूत होता है फलत: शुक्र से सम्बन्धित सभी क्षेत्रो में उन्हें लाभ मिलता है.जिनकी कुण्डली में शुक्र कमज़ोर अथवा मंदा है उन्हें भी हीरा धारण करने से लाभ मिलता है. हीरा की विशेषता है कि इसे धारण करने वाला व्यक्ति साहसी, बुद्धिमान और उत्साही होता है. हीरा कई प्रकार के मानसिक रोगों में लाभकारी होता है.

जातक की कुण्डली में शुक्र निर्बल होने पर यह संतान से संबंधित परेशानी भी हो सकती है. ऎसे में शुक्र के रत्न हीरा को धारण करने से शुक्र को मजबूती मिलती है और संतान प्रदान करने में भी ये सहायक होता है.

यह जहर काटने में भी सक्षम होता है. हीरा धारण करने वाले पर जादू टोने का प्रभाव नहीं होता है. रंग के अनुसार हीरा का अलग अलग प्रभाव होता है जैसे लाल और पीला हीरा राजनीति और प्रशासन से सम्बन्धित व्यक्तियों के लिए लाभप्रद होता है. सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए सफेद हीरा उत्तम होता है.

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