सिंह लग्न के लिये शनि साढे साती (The Result of Saturn in Various Houses for Leo Ascendant)

वैदिक ज्योतिष से किसी भी ग्रह से मिलने वाले फलों को जानने के लिये संबन्धित ग्रह की स्थिति का संपूर्ण विश्लेषण किया जाता है. सभी ग्रह कुछ निश्चित भावों में होने पर शुभ फल देते है तथा कुछ भावों में ग्रहों की स्थिति मध्यम स्तर के शुभ फल दे सकती है. तथा इसके अतिरिक्त कुण्डली के कुछ विशेष भावों में ग्रहों की स्थिति सर्वथा प्रतिकूल फल देने वाली कही गई है.

इसी प्रकार सभी ग्रह अपनी स्वराशि, मित्र राशि, उच्च राशि में हों तो शुभफल देने की क्षमता रखते है. सम राशि में होने पर मिले- जुले फल देते है. या वे शत्रु राशि, राशिअंत, नीच राशि में हों, तो शुभ फल देने में असमर्थ होते है. अन्य अनेक कारणों से ग्रहों से मिलने वाले फल प्रभावित होते है.

प्रथम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 1st house for Leo ascendant)

सिंह लग्न के स्वामी सूर्य व शनि के मध्य शत्रुवत संबन्ध होने के कारण इस राशि में लग्न भाव में स्थित हों तो व्यक्ति को स्वास्थ्य संबन्धी परेशानियां हो सकती है. आजिविका के लिये यह योग सामान्य फल देता है. तथा शनि के प्रथम भाव में होने पर व्यक्ति के अपने जीवन साथी से अनुकुल संबन्ध न रहने की सम्भावनाएं बनती है. जिसके कारण व्यक्ति की मानसिक परेशानियों में वृ्द्धि हो सकती है.

द्वितीय भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 2nd house for Leo ascendant)

द्वितीय भाव, कन्या राशि में शनि होने पर व्यक्ति को भूमि- भवन के मामलों में कठिनाईयों को झेलना पड सकता है. उसके जीवन साथी के स्वास्थ्य में कमी हो सकती है. इस योग के प्रभाव से धन संबन्धी विषयों में सहयोग प्राप्त होगा. तथा धन के बढने की भी संभावनाएं बन सकती है. यह योग होने पर व्यक्ति को अपनी माता के साथ मधुर संबन्ध बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए. आजिविका क्षेत्र में सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड सकती है. तथा कार्यभार भी अधिक होने कि संभावनाएं बनती है.

तृ्तीय भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 3rd house for Leo ascendant)

इस योग के फलस्वरुप व्यक्ति के आय से अधिक व्यय हो सकते है. जिसके कारण व्यक्ति को संचय में परेशानियां हो सकती है. कार्यो में उसे अपने भाईयों का सहयोग मिलता है. व्यक्ति को पराक्रम व पुरुषार्थ से सफलता व उन्नति प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है. तथा शिक्षा क्षेत्र के लिये यह योग शुभ फलकारी न होने के कारण व्यक्ति को इस क्षेत्र में बाधाएं दे सकता है. संतान से भी कष्ट प्राप्त हो सकते है.

चतुर्थ भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 4th house for Leo ascendant)

सिंह लग्न के चतुर्थ भाव में शनि व्यक्ति को व्यापार व आजिविका क्षेत्र में अनुकुल फल देता है. पर इस योग के कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य में कमी हो सकती है. भूमि या मकान संबन्धित मामलों के अपने पक्ष में फैसला होने की संभावनाएं बनती है. प्रयास करने से इन विषयों की योजनाओं को पूरा करने में सफलता मिलती है. आय के भी सामान्य रहने के योग बनते है.

पंचम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 5th house for Leo ascendant)

व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है. शनि के प्रभाव के कारण संतान देर से प्राप्त हो सकती है. व्यक्ति को पिता का सुख कम मिलता है. कई अवसरों पर पिता से मिलने वाले सहयोग में भी कमी हो सकती है. व्यक्ति के अपने जीवन साथी से संबन्ध मधुर रहते है. आजिविका क्षेत्र में कई बार बद्लाव करना पड सकता है. बुद्धिमानी, चतुराई से व्यक्ति अपने संचय में वृ्द्धि करने में सफल हो सकता है.

छठे भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 6th house for Leo ascendant)

दैनिक कार्यो में परेशानियां बनी रहती है. प्रतिदिन के व्ययों के लिये रोकड में कमी का कई बार सामना करना पड सकता है. व्यक्ति का अपने शत्रुओं पर प्रभाव बना रहता है. मेहनत से व्यक्ति को उन्नती की प्राप्ति होती है. पर इस योग के व्यक्ति को अपने छोटे- भाई- बहनों के सुख में कमी अनुभव हो सकती है.

सप्तम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 7th house for Leo ascendant)

माता-पिता से सुख -सहयोग कम मिलने की संभावनाएं बनती है. व्यक्ति को अपने जीवन साथी से कष्ट मिल सकते है. उसे अपने व्यापार में बाधाओं की स्थिति से गुजरना पड सकता है. योग के कारण व्यक्ति के भाग्य में भी मन्द गति से वृ्द्धि होती है. तथा जीवन में अधिक संघर्ष का सामना करना पड सकता है.

अष्टम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 8th house for Leo ascendant)

सिंह लग्न की कुण्डली के अष्टम भाव में शनि हों तो व्यक्ति को समय के साथ चलने का प्रयास करना चाहिए. अत्यधिक रुढिवादी होना उसके लिये सही नहीं होता है. यह योग व्यक्ति की आय को बाधित कर सकता है. इन बाधाओं को दूर करने के लिये व्यक्ति को अपनी मेहनत में वृ्द्धि करनी चाहिए.

नवम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 9th house for Leo ascendant)

यह योग व्यक्ति को जीवन में बार-बार बाधाएं व परेशानियां दे सकता है. भाग्य भाव में शनि व्यक्ति के स्वास्थ्य में मध्यम स्तर की कमी कर सकता है. उसके अपने जीवन साथी के साथ संबन्ध मधुर न रहने की संभावनाएं बनती है. लडाई -झगडें हो सकते है. आय के लिये शनि का यह योग प्रतिकूल नहीं रहता है.

दशम भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 10th house for Leo ascendant)

यह योग व्यक्ति के अपने पिता से संबन्ध मधुर न रहने कि संभावनाएं देता है. सिंह लग्न कि कुण्डली में शनि जब दशम भाव में स्थित हों तो उसे कानूनी नियमों व करों का सख्ती से पालन करना चाहिए. व्यक्ति के व्यय अधिक हो सकते है. पुरुषार्थ व मेहनत में वृ्द्धि करने से वह कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है.

इसके फलस्वरुप व्यक्ति के दांम्पत्य जीवन में मिला-जुला प्रभाव बना रहता है. शनि के प्रभाव से उसके अपनी माता के सुख में कमी हो सकती है.

एकादश भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 11th house for Leo ascendant)

व्यक्ति की आ में मन्द गति से मगर लम्बी अवधि तक वृ्द्धि होती है. उसके विवाहित जीवन में परेशानियां बनी रहती है. व्यवसाय में आरम्भ में हानि के बाद लाभ प्राप्त हो सकते है. नौकरी में होने पर व्यक्ति को पूर्ण प्रयास करने से लाभ प्राप्त हो सकते है.

द्वादश भाव में शनि के फल (Result of Saturn in 12th house for Leo ascendant)

व्यक्ति के परिवार से बाहर के लोगों के साथ संबन्ध मधुर न रहने के योग बनते है. व्यापार में अडचने मिलने की संभावनाएं बनती है. उसे धन-संचय में कठिनाईयों का सामना करना पड सकता है. परन्तु आय के क्षेत्र में लाभ प्राप्त होते है.

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