सूर्य रत्न माणिक्य Ruby Gemstone Astrology, Properties and Benefits

रत्नो का संसार अपने आप में अदभूत संसार है. इन्हें जानने की जिज्ञासा व्यक्ति में प्राचीन काल से ही रही है. रत्नों के इस संसार को हम जितना जानते जाते हे. इसके प्रति हमारी जिज्ञासा बढती ही जाती है. रत्नों को लेकर कुछ किवंदतियां है तो कुछ अवधारणायें है जो पुराने समय से चली आ रही है. आईये जाने की रत्नों में ऎसा क्या है जो सदा से मनुष्य इनकी ओर आकृ्षित होता रहा है.

सूर्य रत्न माणिक्य (Ruby is the gemstone of Sun)
माणिक्य रत्न को अन्य भाषाओं में अलग- अलग नाम है. संस्कृ्त में पदमराग, उर्दू में रुगल, हिंदी में माणिक्य (Manikya), मराठी में माणिक, फारसी में इसे याकृ्त कहा जाता है. जब कोई व्यक्ति इनमें से कोई नाम पुकारे तो इसे माणिक्य ही समझना चाहिए. माणिक्य के अनेक नाम है. परन्तु सभी भाषाओं में इसे सूर्य के दुष्प्रभाव कम करने के लिये पहना जाता है.

माणिक्य का रंग: (The color of Ruby)
माणिक्य सामान्य रुप लाल, गुलाबी, रक्तवर्णी, फिका गुलाबी इत्यादि रंगों में पाया जाता है. कई रत्नों को सामान्य व्यक्ति केवल रंगों से पहचानता है. रत्नों को लेकर व्यक्ति में सामान्य भ्रम की स्थिति पाई जाती है. कुछ लोग रंग के अनुसार ही रत्नों को पहचानते है. जैसे:-
पीले रंग के रत्न को सामान्य व्यक्ति पुखराज समझ सकता है. नीले रंग के रत्न को नीलम समझना, परन्तु वास्तव में ऎसा नहीं है. अनेक रत्न अलग- अलग रंगों में पाये जाते है. माणिक्य मुख्यत: छ भुजाओं के आकार में पाया जाता है.

माणिक्य को धारण करने के लाभ (Benefits of wearing Ruby)
माणिक्य सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य से प्राप्त होने वाले फलों के लिये माणिक्य धारण किया जा सकता है. सूर्य से पिता का सुख, शारीरिक सुख, राजनीति में स्थान, पदोन्नती, बिजली, प्रकाश, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, इत्यादि विषयों के लिये माणिक्य धारण करना चाहिए. (Wear Ruby for success, discipline and help from elders)
माणिक्य शुभ मुहूर्त समय पर धारण करने पर उपरोक्त सभी विषय़ों के फल व्यक्ति को प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है. इसलिये व्यक्ति में आरोग्य शक्ति में वृ्द्धि करने के लिये माणिक्य धारण करना लाभकारी रहता है. वही कार्य क्षेत्र में अपने उच्चाधिकारियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त न होने पर भी यह रत्न धारण किया जा सकता है.

माणिक्य रत्न बहुमूल्य रत्न है (Ruby is a precious gemstone)
माणिक्य रत्न अत्यन्त बहुमुल्य रत्न है. यह रत्न हीरे से भी कीमती रत्न है. माणिक्य की कीमत हीरे की कीमत से कई गुणा अधिक है. माणिक्य को लम्बे समय तक धारण करने पर भी इसकी चमक पर इसका विपरीत प्रभाव नहीं पडता है. इस रत्न को प्रयोग करने पर इस पर किसी प्रकार की कोई धारी पडने की भी संभावना नहीं रहती है. परन्तु इसे आग व उच्च तापमान से दूर रखना चाहिए. अन्यथा यह फूट सकता है. या फिर इसकी चमक में कमी हो सकती है.

औषधि गुण (Medicinal effects of Ruby)
विशेष परिस्थितियों में माणिक्य को रक्त बढाने के लिये धारण किया जा सकता है. जिन व्यक्तियों के स्वास्थय में शीघ्र कमी होती रहती है. उन सभी को माणिक्य धारण करने से लाभ प्राप्त होता है. इसके प्रभाव से वायु नाशक, उदररोग, तपेदिक इत्यादि में भी कमी होती है. इन रोगों में स्वास्थय लाभ प्राप्त करने के लिये माणिक्य रत्न को धारण करना चाहिए.

माणिक्य में विशेष शक्ति (Special powers of Ruby)
माणिक्य धारण करने पर व्यक्ति के मन से कुविचार दूर रहने की संभावना बनती है. माणिक्य के विषय में यह अवधारणा है की माणिक्य धारण किया हुआ हों, तथा व्यक्ति पर कोई कष्ट आ रहा हों तो माणिक्य का रंग बदल जाता है (It is believed that Ruby changes color if the person wearing it is in peril). जिससे व्यक्ति को इससे संबन्धित पूर्व सूचना प्राप्त हो जाती है.
माणिक्य को धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावनाएं बनती है. माणिक्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की धार्मिक आस्था में वृ्द्धि हो सकती है. इसके फलस्वरुप उसका मन धार्मिक क्रियाओं में अधिक लग सकता है.

माणिक्य रत्न किसे धारण करना चाहिए (Who should wear Ruby)
माणिक्य रत्न सूर्य का रत्न है. जब सूर्य जन्म कुण्ड्ली में अशुभ हों तो व्यक्ति को इन कष्टों में कमी करने के लिये व्यक्ति को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए. इसके अलावा सूर्य की महादशा में भी माणिक्य रत्न धारण करना लाभकारी रहता है.

निम्न परिस्थितियों में माणिक्य धारण किया जा सकता है. (You can wear Ruby when these combinations exist)

  • जब व्यक्ति के लग्न में सूर्य स्थित हों तथा पीडित भी हों उस स्थिति में व्यक्ति को अपना स्वास्थय लाभ प्राप्त करने के लिये यह रत्न धारण किया जाता है (When sun is placed in ascendant and it is afflicted wear Ruby). सूर्य जब पंचम भाव में स्थित हों तो व्यक्ति को प्रथम संतान को लेकर परेशानियां हो सकती है. इस प्रकार के कष्टों में कमी करने के लिये माणिक्य सहयोगी हो सकता है.

  • जन्म कुण्डली में सूर्य जब तीसरे घर में स्थित हों तो व्यक्ति को छोटे भाई-बहन संबन्धी कष्ट होने की संभावना बनती है (To reduce problems to siblings wear Ruby if Sun is in third house). इस योग में सूर्य तीसरे घर में स्थित होकर नवम भाव पर अपना दृ्ष्टि प्रभाव डाल कर भाग्य के सहयोग में भी कमी करने का प्रयास कर सकता है.

  • सूर्य जब जन्म कुण्डली में दूसरे घर में स्थित हों तथा वह पाप ग्रहों के प्रभाव में हों तो व्यक्ति को आंखों संबन्धी रोग होने की संभावना रहती है (Wearing ruby when Sun is in second house protects eyes). इस योग के व्यक्ति को अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. सूर्य की दशा में व्यक्ति को आंखों में रोशनी की कमी होने की संभावना बनती है. इस प्रकार के किसी भी अशुभ प्रभाव से बचने के लिये व्यक्ति को सूर्य की महादशा आरम्भ होते ही माणिक्य रत्न धारण कर लेना चाहिए.

  • जन्म कुण्डली में सूर्य जब अष्टम भाव में स्थित हों तथा सूर्य पाप प्रभाव में हों तो व्यक्ति को सूर्य की महादशा आरम्भ होने पर सूर्य रत्न माणिक्य धारण करना चाहिए (Wear Ruby if Sun is in the eighth house for longevity). अष्टम भाव का सूर्य़ आयु में कमी के साथ-साथ व्यक्ति के परिवार में तनाव का भाव रहने की संभावनाएं बनाता है.

  • सूर्य छठे घर का स्वामी हों तो विंशोतरी दशा की महादशा या अन्तर्दशा में माणिक्य धारण करने पर व्यक्ति को सूर्य के कारण होने वाले रोगों में कमी की संभावनाएं बनती है.

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