शनि ग्रह की शान्ति के उपाय - Remedies for Saturn

Remedies for Saturnसभी ग्रहों में शनि को सबसे अधिक कष्ट देने वाला ग्रह कहा गया है. जब गोचर में शनि किसी व्यक्ति के लिये शुभ न चल रहे हों या फिर शनि की साढेसाती चल रही हों या फिर शनि की ढैय्या में भी ये उपाय किये जा सकते है (remedies for Saturn's Sadhesati and Dhaiyya). शनि की महादशा में मानसिक कष्टों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिये शनि के उपाय इन कष्टों में कमी करने में सहयोग करते है. ज्योतिष शास्त्र में ऎसा कहा जाता है. की "भला ऎसा कौन है जिसे शनि की साढेसाती में दु:ख का सामना नहीं करना पडा हों" शनि के उपाय श्रद्धा व विश्वास से करने पर व्यक्ति को दु:खों से मुक्ति मिलती है.

शनि स्नान उपाय (Bathe Using the Products related to Saturn)

इस उपाय को करने के लिये स्नान के जल में काले तिल (Put black sesame in the bathing water) डालकर स्नान करना चाहिए. यह स्नान कार्य शनिवार को करने पर विशेष शुभ फल प्राप्त होने कि संभावना बनती है. इस योग को करते समय व्यक्ति को शनि देव का ध्यान करना लाभकारी रहता है. इसके अलावा शनि स्नान करते समय शनि के मंत्र का जाप करने पर इस शुभता में वृ्द्धि होती है. शनि स्नान उपाय करते समय व्यक्ति को अपनी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए. उपाय वाले दिन किसी से झूठ बोलने व किसी को धोखा देने से बचना चाहिए (DO not lie and cheat anyone on the day of performing remedy). इस दिन जहां तक हो सके किसी का अहित करना भी हितकारी नहीं रहता है.

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शनि की वस्तुओं का दान (Donate products of Saturn)

शनि के उपायों में शनि की वस्तुओं से स्नान करने के अलावा इसकी वस्तुओं का दान करना भी शनि के अशुभ फलों में कमी करता है. शनि के लिये दान के लिये ली जाने वाली वस्तुओं में साबुत उडद व सरसों का तेल दान कर सकते है (donate products of mustard oil and plain Urad Dal for Saturn's auspiciousness). दान प्रक्रिया गुप्त रुप से करने पर दान की शुभता में वृ्द्धि होती है. यह दान शनि के मन्दिर में किया जा सकता है. या फिर किसी जरूरमंद को भी यह दान दिया जा सकता है.

शनि मंत्र का जाप करना _Recitation of Saturn's Mantra)

शनि के इस उपाय में शनि मंत्र का जाप किया जा सकता या फिर हनुमान चालिसा का पाठ (read Hanumana chalisa or recite Saturn's Mantra for Saturn's positivity) करना भी लाभकारी रहता है. शनि मंत्र इस प्रकार है

" ऊँ शं शनिश्चाराये नम:"

इस मंत्र का जप प्रतिदिन या फिर शनिवार के दिन करना व्यक्ति के लिये लाभकारी रहता है. शनि की साढेसाती में शनि मंत्र का जप करने पर व्यक्ति के इस अवधि की परेशानियों में कमी होती है (This mantra helps to reduce problems you may face during Sadhesati) . शनि मंत्र का जप करने पर व्यक्ति में दु:खों को सहने की शक्ति आती है.

Shani Yantraशनि यन्त्र धारण करना (Wear Saturn's Yantra)
शनि यन्त्र की स्थापना करने के लिये शनि यन्त्र किसी जानकार पण्डित से तैयार करा कर इसकी प्राण प्रतिष्ठा कराई जाती है (Establish Saturn's Yantra with the help of knowledgeable priest). उसके बाद इस यन्त्र को धारण करना चाहिए. इस यन्त्र की प्रथम पक्ति के तीन खानों में 12,7,14 ये संख्याये आती है. मध्य की लाईन में 13, 11, 9 लिखा जाता है. तथा अन्तिम तीन खानों में 8,15,10 ये संख्याये लिखी जाती है. इस यन्त्र की सभी लाईनों का योग 33 होता है.

ग्रहों में शनि को सबसे मन्द गति ग्रह कहा जाता है (Saturn moves slowly in all the planets). इसलिये शनि के गोचर या फिर उसकी दशा के प्रभाव मन्द गति से तथा लम्बे समय तक प्राप्त होते है. जब कोई व्यक्ति निराशा या फिर मानसिक कष्टों की स्थिति से गुजर रहा होता है. उस स्थिति में शनि के उपाय करने से व्यक्ति में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है.

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