कृष्णमूर्ति पद्धति और अष्टम भाव – KP Astrology and Eighth House
अष्टम भाव मृत्यु स्थान के रुप में विशेष रुप से जाना जाता है. जन्म से लेकर तमाम उम्र जो चीज़ व्यक्ति को सबसे अधिक परेशान करती है, वह मृत्यु. मृ्त्यु से संबन्धित प्रश्न के लिये अष्टम भाव का विचार किया जाता है. अष्टम भाव से छुपी हुई या गुप्त बातें देखी जाती है. मृत्यु भाव होने के कारण इस भाव को शुभ नहीं समझा जाता है इसलिये जिस घटना से इस भाव का संबन्ध बनता है. उसमें शुभ फल कम मिलने की संभावना रहती है.
कुण्डली का ये भाव एक प्रकार से दु:स्थान भी होता है. जीवन में अचानक से होने वाले बदलावों को इसी भाव से देखा जाता है. इस लिहाज से व्यक्ति के जीवन में आने वाले कुछ ऎसे घटना क्रम जो उसकी लाइफ के मेजर प्वाइंट बन जाते हैं वो इसी भाव की बदौलत सम्भव हो पाता है. ये घटनाएं इस प्रकार से देखने को मिलती है कि जीवन में अचानक से आर्थिक क्षेत्र में घाटा हो जाना, किसी बड़ी दुर्घटना में अपनी महत्वपूर्ण वस्तुओं को खो देना इत्यादि बातें इस भाव के अन्तर्गत समझ में आती हैं.
आठवें भाव में ग्रहों का प्रभाव
आठवें भाव में ग्रह की स्थिति को अनुकूल नही माना जाता है. यहां आकर सभी ग्रह अपनी ऊर्जा को उतने बल से सामने नहीं ला पाते हैं. इस स्थान में शनि की स्थिति को ही अच्छा कहा गया है.
सूर्य ग्रह -अष्टम भाव में स्थित सूर्य की चमक का रंग कुछ धीमा हो जाता है. व्यक्ति को अपने जीवन में अपने वरिष्ठ जनों एवं उच्च पदों पर आसीन लोगों की ओर से बहुत अधिक सहायता नही मिल पाती है. आग से जलने का भय एवं पित्त से प्रभावित रोग अधिक परेशान कर सकते हैं.
चंद्र ग्रह -जन्म कुण्डली में चंद्रमा की आठवें भाव में स्थिति अच्छी नही कही जाती है. यह स्थिति जातक को जल से प्रभावित होने वाले रोग एवं मानसिक रुप से परेशानी दे सकती है.
मंगल ग्रह - आठवें भाव में मंगल के होने पर व्यक्ति को पेट से संबंधित रोग एवं रक्त विकार भी हो सकते हैं. क्रोध की अधिकता हो सकती है. अचानक से होने वाली दुर्घटना भी परेशान कर सकती है.
गुरू ग्रह - व्यक्ति में अपने मामले में बहुत अधिक अहंकार से भरा हो सकता है. अपनी जिद के कारण दूसरों की बातें सुनना उसे पसंद नही होता. खर्च अधिक रह सकते हैं.
शुक्र ग्रह -आठवें भाव में शुक्र आपको आकर्षक बनाता है, आर्थिक क्षेत्र में व्यक्ति को उतार-चढा़व अधिक झेलने पड़ते हैं. यात्राओं की अधिकता रह सकती है
शनि ग्रह -यहां शनि का प्रभाव कुछ सकारात्मक देने वाला होता है. आर्थिक क्षेत्र में धन की हानि की संभावना भी अधिक होती है. जायदाद से जुड़े मसले भी जीवन पर असर डाल सकते हैं.
राहु-केतु - स्वास्थ्य कुछ खराब रह सकता है, व्यवहार में कठोरता हो सकती है. व्यक्ति अपने में अधिक रहने वाला होता है जिस कारण उसे घमंडी भी समझा जा सकता है. बातों में छल अधिक होता है.
अष्टम भाव से विचार की जाने वाली बातें:(Other Information of the Eighth House as per K P Systems)
अष्टम भाव गुप्त शत्रुओं (enemies) के विषय में बताता है, साजिश, छुपी योजनाएं, प्यार के छुपे मामले, दुर्घटना, आपरेशन, गर्भपात, शरीर के हिस्से बेकार हो जाना, अपयश व नैतिक पतन इस भाव से देखा जाता है. इस भाव से मृत्यु के समय शरीर की स्थिति की भी जानकारी मिलती है तथा अचानक होने वाली हानि व लाभों के लिये भी अष्टम घर को देखा जाता है. इस घर के बली होने पर शेयर बाजार, रेस से आय की प्राप्ति होती है.
आठवां भाव एक प्रकार की गहरा स्थान है जो अंधेरे से भरा हुआ है, इसे गड्ढा भी कहा गया है जिसमें जीवन की अच्छी वस्तुएं समाकर परेशानी का सबब बनती हैं. इसी के कारण जीवन में मिलने वाले सुख होने पर भी उन सबका सुख नहीं मिल पाना ही इस परेशानी का सबब मिलता है.
आठवें भाव से लॉटरी या कोई ऎसी चीज जो अचानक से आपके जीवन में आकर दिशा बदल देती है. पैतृक संपत्ति में अधिकारी की प्राप्ति को लेकर भी इस भाव की भूमिका आती है.
अष्टम भाव की विशेषताएं:(Specialties of the Eighth House as per K P Systems)
अष्टम भाव से प्राप्त होने वाली आय के पीछे कष्ट या दुख प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है.
गुप्त रुप से मिलने वाला धन भी इस भाव से देखने को मिल जाता है.
इस भाव से विवाह के बाद प्राप्त होने वाले धन की जानकारी प्राप्त होती है. इसी के साथ मांगल्य सुख की स्थिति भी देखने को मिलती है. यह भाव आपके जीवन साथी के साथ सुख को दर्शाता है.
अष्टम भाव से धन की प्राप्ति की संभावना तो रहती है, परन्तु इसमें भी अशुभ प्रभाव बना रहता है जैसे:- नौकरी छुटने पर ग्रेच्युटी की प्राप्ति, किसी अपने की मृत्यु के बाद वसीयत की प्राप्ति, दुर्घटना के बाद मुआवजे की प्राप्ति में बाधा आती है.
अन्य बातें:-(Other Information as per K P Systems)
इस घर को गोपनीय विषयों के लिये देखा जाता है. इसलिए पुलिस विभाग, जासूसी, आडिट डिपार्टमेन्ट, किसी भी विभाग में पूछताछ के काम, अग्निशमन दल, सफाई विभाग, सर्जरी, जन्म-मृत्यु पंजीकरण का दफ्तर, जहर, बडी असफलता, बीमा ऎजेंट आदि का भी इसी इस घर से देखा जाता है.
इस भाव और इस भाव से संबंधित ग्रह के नक्षत्र का विचार भी करना अत्यंत आवश्यक होता है. ग्रह नक्षत्र के पद को जान कर उसका सूक्ष्म आंकलन करके इस भाव से मिलने वाली स्थिति से अवगत हुआ जा सकता है.
इस भाव की महादशा जातक के लिए बदलावों का दौर लाने वाली होती है. व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत प्रकार के चेंज देखने होते हैं. कई बार स्वास्थ्य के चलते तो कई बार आर्थिक स्थिति की उठा-पटक के कारण.
इस भाव से संबन्धित अन्य फल:- (Other Results of the Eighth House as per K P Systems)
अष्टम भाव से छोटे भाई-बहनों के स्वास्थ्य में खराबी, नौकरी, धन अर्जन और ऋण, मां की नौकरी में बदलाव, लम्बी अवधि की बीमारियां, संतान की शिक्षा, घर और वाहन खरीदना, जीवनसाथी का धन कमाना, पिता का नुकसान, मोक्ष, भाई-बहन या दोस्तों का प्रमोशन, यश, सम्मान. इन सभी बातों का विचार किया जाता है.
अन्य भावों से संबन्धित फल:(Relationship of the Eighth House with other House and Its Results as per K P Systems)
अष्टम भाव नवम भाव से बारहवां भाव होने के कारण पिता के स्वास्थ्य में कमी का कारण हो सकता है. भाग्य में आने वाली बाधाओं को जानने के लिए भी अष्टम भाव को देखा जाता है. धर्म-कर्म में मन नहीं लगने का कारण भी आठवें घर से जाना जाता है. पर इसके साथ ही यह भाव एक गहन आध्यात्मिक ज्ञान भी देने में सक्षम होता है. अत: यह दोनों तरफ के झुकाव को लेकर चलता है अत: ग्रह और नक्षत्र के प्रभाव से ही समझा जा सकता है की कौन सी दिशा पर आगे बढ़ना होगा. उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में मिलने वाले विरोध का कारण भी यही घर होता है.
व्यवसाय के लिये की जाने वाली यात्राओं में लाभ की स्थिति का विचार भी आठवें घर से किया जाता है. आठवां भाव अस्पताल का भी भाव होता है इसलिए जब छठे घर का संबन्ध, अष्टम भाव से बनता है तो व्यक्ति लम्बे समय तक रोग से पीड़ित होगा यह जानकारी मिलती है.