14 जनवरी के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है. मकर संक्रान्ति के दिन से मौसम
में बदलाव आना आरम्भ होता है. यही कारण है कि रातें छोटी व दिन बडे होने लगते है. सूर्य
के उतरी गोलार्ध की ओर जाने बढने के कारण ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है. मकर संक्रान्ति
के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भर कर तिलों का प्रयोग किया जाता है.
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आज के दिन धार्मिक साहित्य भी धर्म स्थलों में दान किये जाते है. पुन्य प्राप्त करने
के इस सुअवसर का प्रत्येक व्यक्ति को लाभ उठाना चाहिए. फिर भी यह शास्त्रों में कहा
गया है कि तुम यह सब न कर सको तो भी कोई हर्ज नहीं,
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मकर संक्रान्ति का पर्व प्रदेश रुपी फूलों को स्नेह व उंमग के पावन धागे में बांधता
है. यह पर्व भी प्रदेशो को एक सूत्र में बांध कर भारत का गौरव बढाता हे.
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पंजाब में जीवन को एक नये अंदाज में जिया जाता है. मौज-मस्ती और जिन्दगी के हर पल को
जी भर के जीने की परम्परा यहां देखी जा सकती है. कुछ इसी प्रकार के जीवन की झलक हमें
13, जनवरी को आने वाले लोहडी पर्व में दिखाई देती है. लोहडी पर्व मकर
संक्रान्ति की पूर्व संध्या में भारत के उतरी राज्यों जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,
हिमाचल प्रदेश और अन्य आस-पास के राज्यों में मनाया जाता है. इसी दिन यहां की संस्कृति
अपने एक अलग रुप में होती है.
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मकर सक्रान्ति प्राकृतिक पर्व है. प्रकृति के बिना हमारा जीवन एक पल भी नहीं चलेगा.
मकर संक्रान्ति उसकी कृ्पा दृष्टि का धन्यवाद करने का एक पर्याय मात्र है. सूर्य जीवन,
प्रकाश व उन्नति का कारक है. हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है. सूर्य के आगमन से मनुष्य
ही नहीं अपितु जीव-जन्तुओं की दिनचर्या भी आरम्भ होती है
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मकर संक्राति भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इस त्यौहार का सम्बन्ध प्रकृति,
ऋतु परिवर्तन और कृषि से है. ये तीनों चीजें ही जीवन का आधार हैं. प्रकृति के कारक
के तौर पर इस पर्व में सूर्य देव को पूजा जाता है
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मकर संक्रान्ति भारत का प्रमुख पर्व है. इस दिन सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण होता है.
इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी पर्व के रूप में भी जाना जाता है. देश के विभिन्न प्रांतों
में मकर संक्रांति पर्व को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है.
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मकर संक्रांति में पुण्य काल में स्नान का बहुत महत्व है, कहा जाता है कि इस काल में
स्नान करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है व शरीर को ओज, बल और स्वास्थ मिलता है.
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संक्रान्ति पर्व के दिन से शुभ कार्यो का मुहूर्त समय शुरु होता है. इस दिन से सूर्य
दक्षिणायण से निकल कर उतरायण में प्रवेश करते है.
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14 जनवरी के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना
आरम्भ कर देते हैं. यह दिन सारे भारतवर्ष में पर्व के रुप में मनाया जाता है.
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पोंगल का त्योहार दक्षिण भारत में मनाया जाता है. इस त्यौहार का संबंध फसल से जुडा़
है. पोंगल का अर्थ है - खिचडी़. इस दिन दक्षिण भारत में नई फसल आने के उपलक्ष्य में
खिचडी़ बनाई जाती है.