भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति की धूम (Makar Sankranti Celebrations in different States of India)
मकर संक्रांति पर्व देशभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पर्व किसी न किसी रूप में देश के प्रत्येक हिस्से में अपनी छाप छोड़ता दिखाई देता है. मकर संक्रांति पर्व को कई नामों से जाना जाता है कहीं इसे पोंगल तो कहीं लोहडी़ तो कहीं उत्तरायण पर्व, नाम चाहे कोई भी हो लेकिन इस पर्व का एक ही अर्थ है और वह है जीवन में प्रकाश और प्रेम का आगमन.
इस उत्सव के आगमन से ही सूर्य उत्तरायण होते हैं यह समय देवताओं का दिन कहा जाता है इस दिन से शुभ कार्यों का आरंभ होता है. मकर संक्रान्ति के दिन से मौसम में बदलाव आना आरम्भ होता है. दिन बडे़ होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं. ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है. मकर संक्रान्ति के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भर कर तिलों का प्रयोग किया जाता है. इस दिन तिल का सेवन और साथ ही दान करना अत्यंत शुभ होता है.
मकर संक्रांति पर लोहडी़ और भांगडा़ की धूम (Bhangra on Lohri - Makar Sankranti)
मकर संक्रांति को हरियाणा और पंजाब में लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पंजाब में भांगडा़ और गिद्दे की थाप पर थिरकते हुए लोग मस्ती में झूमते हुए दिखाई देते हैं. शाम के समय अंधेरा होते ही एक स्थान पर लकडियों और उपलों का ढेर लगाकर उसकी पूजा करते हुए वहां आग्नि प्रजज्वलित कि जाती है और अग्नि पूजा करते हुए तिल, गुड़ और मक्के के भूने हुए दानों को अग्नि में डाला जाता है तथा साथ ही अग्नि के चारों और परिक्रमा करते हुए पूजा कि जाती है. पूजा पश्चात मूंगफली, तिल की बनी हुई गजक और रेवड़ियाँ को आपस में बाँटकर खुशियाँ मनाते हैं. यह पर्व तब और भी अधिक रंग में रंग जाता है जब किसी के घर में नई दुल्हन का आगमन होता है या बच्चे का जन्म होता है .
गुजरात में मकर संक्रांति पर्व (Celebration of Makar Sankranti in Gujarat)
गुजरात में मकर संक्रांति का पर्व उत्तरायण पर्व के नाम से अधिक प्रचलित है. इस दिन लोग पतंग उडा़ने में लगे रहते हैं यहां इस उत्सव की रंगत इसी रूप में अधिक देखी जाती है. आकाश में चारों ओर रंग बिरंगी पतंगे उड़ते हुए देखी जा सकती है सभी लोग घरों की छतों पर जाकर इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं.
बंगाल में मकर संक्रांति उत्सव की धूम (Celebration of Makar Sankranti in Bengal)
बंगाल में मकर संक्रांति उत्सव के दिन स्नान के पश्चात तिल दान करने का बहुत महत्व होता है. बंगाल में गंगासागर पर हर साल इस दिन विशाल मेले का आयोजन होता है. इस संदर्भ में एक कथा भी जुडी़ है कि मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में जा मिली थीं अत: मान्यता अनुसार गंगासागर में स्नान-दान करने हेतु लाखों श्रद्धालुओं का जमावडा़ लगता है. यहां स्नान करने के पश्चात भक्त लोग दान की परंपरा का निर्वाह करते हैं.
कर्नाटक में मकर संक्रांति (Celebration of Makar Sankranti in karnataka)
कर्नाटक में मकर संक्रांति का त्यौहार फसल से संबंधित रहा है. इस दिन बैलों और गायों को सजाया जाता है तथा कुछ शोभायात्राओं का आयोजन भी होता है. इस दिन सभी लोग नए वस्त्र पहनते हैं और एक दूसरे को मकर संक्रांति की बधाई देते हुए गले मिलते हैं तथा गन्ना. नारियल, दालें इत्यादि अपने पास रखते हैं साथ ही सभी लोग मिलकर पतंग उडा़ने का आनंद लेते हैं.