शुक्र का वृषभ राशि गोचर 2025, विशेष लाभ का योग

शुक्र के वृष राशि में गोचर से  शुक्र का बल वृद्धि पाएगा. शुक्र से जुड़े वस्तुओं में भी वृद्धि देखने को मिलेगी, इस समय पर कुछ अच्छी वस्तुओं की प्राप्ति होगी. आस पास की स्थिति भी भौतिक रुप से समृद्धि होने लगेगी. कुछ अच्छी वस्तुओं के प्रति झुकाव होगा तथा कला, फैशन, रचनात्मक चीजों में निखार भी देखने को मिलेगा, वाणी और व्यक्तित्व में बदलाव होगा. तार्किक बुद्धि अच्छी होगी, यह गोचर आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बेहतर रुप देने वाला होगा.

शुक्र का वृषभ राशि में प्रवेश का समय

शुक्र का वृषभ राशि में प्रवेश 29 जून 2025 के दिन होगा. शुक्र 29 जून को 14:08 मिनिट पर वृष राशि में गोचर करेगा.

शुक्र ग्रह को सौंदर्य, भौतिक सुख, प्रेम संबंध आदि का कारक माना जाता है. शुक्र वृषभ राशि और तुला राशि का स्वामी है ऎसे में अपनी स्वराशि में शुक्र का गोचर खास होगा. 

ज्योतिष के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की मजबूत स्थिति होती है, वह अपने जीवन में सभी प्रकार की विलासिता और भौतिक चीजों के सुखों का अनुभव कर पाने में सफल होता है लेकिन कुंडली में शुक्र की कमजोर स्थिति इन चीजों से दूर ले जाने वाली होती है. 

शुक्र के वृषभ राशि में गोचर का सभी राशियों पर असर

शुक्र का वृष राशि में गोच एक शुभ स्थिति रहेगी उन के लिए जिनकी कुंडली में शुक्र उत्तम रुप से स्थिति है ओर शुभ फलों का कारक बनता है. 

मेष राशि

मेष राशि के लिए शुक्र दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी होता है और इस समय दूसरे भाव में गोचर करेगा. शुक्र का गोचर परिवार और आर्थिक स्थिति के लिए अच्छा रहेगा. शुभ समाचार देने वाला होगा. इस दौरान घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा और परिवार के सदस्य आपसी सहयोग करते दिखाई दे सकते हैं. माता का प्रेम आपके लिए अच्छा होगा. परिवार के साथ कुछ अच्छे समय को बिता सकते हैं. जीवन के पलों का आनंद ले सकते हैं.

परिवार में किसी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य भी हो सकते हैं. परिवार में किसी नए सदस्य के आने की दस्तक सुनाई दे सकती है. शुक्र का गोचर साझेदारी से जुड़े कामों के लिए अच्छा रह सकता है काम में व्यवसाय में प्रगति मिल सकती है. प्रगति के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं. पहले से ही किसी परियोजना को निपटाने में लगे हैं तो काम पूरा हो सकता है. ससुराल पक्ष से अनुकूल परिणाम देख पाएंगे. किसी अटके हुए कार्य को पूरा करने में ससुराल का सहयोग मिल सकता है. 

वृषभ राशि 

वृष राशि के लिए शुक्र लग्न और छठे भाव का स्वामी होता है और इस समय गोचर में लग्न पर ही इसका असर होगा. शुक्र इस समय मानसिक क्षमताओं, दृष्टिकोण को प्रभावित करने वाला होगा. यह गोचर काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. शुक्र का प्रभाव व्यक्तित्व को निखारने वाला होगा. इसके साथ ही स्वभाव में सुधार होगा. रहन सहन, पहनावे, खान पान में बदलाव दिखाई देगा. खरीदारी भी अधिक रह सकती है. प्रेम संबंधों के लिए अच्छा होगा.

नए रिश्ते भी आरंभ हो सकते हैं. साथी के बीच प्रेम बढ़ेगा, साथी हर हाल में साथ देता दिखाई देगा. जीवन साथी के साथ प्रेम बढ़ेगा. स्वास्थ्य के मामले में कमजोर स्थिति हो सकती है. मानसिक तनाव या फिर संक्रमण इत्यादि से पीड़ित रह सकते हैं. शांत और धैर्य के साथ काम करना उचित होगा. तनाव से छुटकारा पाने के लिए अभिरुचि से जुड़े कामों में शामिल होना अच्छा होगा. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए शुक्र बारहवें, पांचवें भाव का स्वामी होगा. अभी के समय शुक्र का पंचम भाव में गोचर होगा. विदेश यात्रा का योग बनेगा. खर्च की अधिकता होगी. स्वास्थ्य के लिए कमजोर स्थिति रह सकती है. अनिद्रा नेत्र रोग, तनाव चिंता जैसी बातें असर डाल सकती हैं. बारहवें भाव में गोचर के कारण खर्चों में वृद्धि देखने को मिलेगी. महंगी वस्तुओं की खरीदारी होगी कुछ अपव्यय में भी वृद्धि रहने वाली है. आकर्षक एवं लुभावनी चीजों पर अधिक धन खर्च कर सकते हैं.

इसके अलावा इस समय आय से अधिक खर्च खुद पर तथा परिवार की जरूरतों को पूरा करने में होगा. व्यक्तिगत रूप से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. पैसा जमा करना ही इस स्थिति से बचाव कर सकता है. लंबे समय से विदेश जाने के इच्छुक लोगों को इस गोचर का लाभ मिलेगा. विदेश यात्रा पर जाने का अनुकूल समय होगा. प्रेम संबंधों में कुछ बातें दूरी बढ़ा सकती हैं, संबंधों को लेकर सजग रहना होगा. जीवन सतही के स्वास्थ्य के कारण चिंता अधिक रह सकती है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए शुक्र ग्यारहवें और चौथे भाव का स्वामी होता है और इस समय गोचर में एकादश भाव को प्रभावित करने वाला होगा. इस  गोचर का असर दोस्तों पर, लाभ, उपलब्धियों, इच्छाओं पर सीधेतोर पर होगा. इनकम में वृद्धि का समय होगा. कुछ इच्छाएं पूर्ण होती दिखाई देंगी. काम के स्थान पर कुछ प्रमोशन मिलने के भी योग भी बन सकते हैं. इस गोचर का प्रभाव सामाजिक रुप से जुड़ने का होगा तथा कुछ उपलब्धियों को पाने के लिए भी उचित होगा.

आय के कुछ अन्य स्रोतों इस समय सामने आ सकते हैं. उधार या कहीं अटका हुआ धन मिलने का समय भी रहेगा. बड़े भाई बंधुओं की ओर से आर्थिक सहयोग एवं मार्गदर्शन भी मिलेगा. शेयर बाजार इत्यादि से कुछ लाभ की उम्मीद बन सकती है प्रेम और रोमांस में आप काफी रोमांच को पाएंगे. दोस्तों के साथ भ्रमण के  अवसर मिलेंगे. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए शुक्र दशम और तीसरे भाव का स्वामी होता है और इस समय शुक्र का गोचर दसवें घर पर होगा. यह समय करियर, व्यवसाय, प्रसिद्धि और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करने वाला होगा. कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्ति के बेहतर अवसर मिल सकते हैं. पदोन्नति प्राप्त हो सकती है. अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर कुछ सकारात्मक चीजों को प्राप्त कर सकते हैं.

घरेलू क्षेत्र में सुखद माहौल भी प्राप्त होगा. अपने बड़ों का प्रेम प्राप्त होगा. माता या किसी स्त्री पक्ष की सहायता से कुछ आवश्यक कामों को पूरा कर पाने में भी सफल रह सकते हैं. जीवन साथी के साथ कुछ दुरी हो सकती है, अपने क्रोध को नियंत्रित रखते हुए काम करना ही अनुकूल संबंधों की आधारशीला बन सकता है. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए शुक्र नवम और द्वितीय भाव का स्वामी है और वृष राशि में नवम भाव में गोचर होगा. यात्राओं का योग होगा. यात्रा द्वारा लाभ प्राप्ति की अच्छी संभावनाएं होंगी. प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती दिखाई देगी. धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं. वरिष्ठ लोगों का दृष्टिकोण इस समय काम आएगा. संबंधों के लिए ये गोचर जीवन में अनुकूलता देने वाला हो सकता है.

साथी के साथ कोई गलतफहमी हो रही थी या वाद-विवाद की स्थिति बन रही थी तो इस दौरान वह चीजें समाप्त होंगी. रिश्तों में मजबूती का समय होगा. पिता या किसी बड़े व्यक्ति का पूरा सहयोग भी मिल सकता है. धर्म के प्रति सक्रियता बढ़ेगी, आर्थिक जीवन के मामले में भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है.

तुला राशि

तुला राशि के लिए शुक्र आठवें और लग्न भाव का स्वामी होता है और गोचर में यह आठवें भाव में होगा. इस समय आपकी पैतृक विरासत, विचारों, लड़ाई-झ्गड़ों, गुप्त विरोधियों, अचानक होने वाली चुनौतियों पर असर डालने वाला होगा. राशि से अष्टम भाव में होने से अचानक कुछ लाभ मिलने की संभावना होगी. धन लबह होगा लेकिन जोखिम वाला निवेश घाटा भी दे सकता है. स्वास्थ्य के मामले में आपको थोड़ा संभल कर रहने की जरूरत होगी. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बनी रह सकती हैं.

इस समय कोई घटना घट सकती है और सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित कर सकती है. वाहन चलाते समय विशेष ध्यान रखने की जरुरत होगी. छोटी समस्या भी बड़ी परेशानी हो सकती है. लापरवाही से बचना होगा. स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरुरत होगी. आध्यात्मि दृष्टिकोण विकसित होगा. प्रेम संबंधों की बात करें तो स्थिति मिलीजुली सी रह सकती है. मांगलिक कार्यक्रम होने की संभावना अधिक रह सकती है. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव का स्वामी होता है और इस समय गोचर में सप्तम भाव को प्रभाव देगा. ऎसे में विवाह, साझेदारी और दीर्घकालिक समझौतों पर इसका असर दिखाई दे सकता है. जीवनसाथी की सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होगी क्योंकि सेहत में थोड़ी गिरावट का समय है. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खुद भी कुछ छोटी-मोटी परेशानियों से जूझना पड़ सकता है. खान-पान का ध्यान रखें और बाहर के भोजन से परहेज बेहतर होगा.

प्रेम जीवन में सफलता मिलेगी, कार्यक्षेत्र में बदलाव दिख सकता है. वरिष्ठ आपको पूरा सहयोग दे सकते हैं इसके बावजूद इस समय आपको अधिकांश निर्णयों के बारे में ठीक से सोचने की जरूत होगी. पारिवारिक जीवन में अशांति हो सकती है, संबंधों में कुछ वाद-विवाद होने की संभावना बनी रहेगी. जिन लोगों के अपने संबंध कमजोर थे वे संबंध सुधारने में कामयाब भी होंगे. विदेश यात्रा अथवा लम्बी दूरी की यात्राएं इस समय पर हो सकती हैं. इस गोचर के दौरान विवाह से जुड़ा रिश्ता भी कहीं पक्का होने की संभावना है. कार्यस्थल की स्थिति में पहले से थोड़ी मजबूती दिखाई दे सकती है. साझेदारी के काम में लाभ मिल सकता है. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है और इस समय गोचर में छ्ठे भाव को प्रभावित करने वाला होगा. यह समय आपकी प्रतिस्पर्धाओं, स्वास्थ्य, विरोधियों, खर्चों की स्थिति इत्यादि पर असर डालने वाला होगा. स्वास्थ्य और दिनचर्या पर आप कुछ बदलाव देख सकते हैं. जीवन में कुछ चुनौतियां दिखाई दे सकती है विशेष कर प्रेम संबंधों में थोड़ा स्थिति कमजोर रह सकती है इसलिए बहसबाजी तथा जल्दबाजी के निर्णयों से बचना चाहिए अन्यथा बात अधिक बढ़ सकती है.

इस दौरान आपके विरोधी भी कार्यस्थल पर अधिक सक्रिय रह सकते हैं. नुकसान पहुंचाने और हावी होने की कोशिश भी कर सकते हैं. ऎसे में अधिक सावधान रहने की जरुरत होगी. आर्थिक जीवन में कई कीमती चीजों पर पैसा खर्च कर सकते हैं. आर्थिक संकट के चलते बैंक या किसी अन्य संस्था से ऋण लेने का विचार कर सकते हैं. परिक्षाओं में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. स्वास्थ्य पर इस गोचर का असर कफ की अधिकता, संक्रमण से जुड़े रोग दे सकता है. 

मकर राशि

मकर राशि के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी बनता है और अब ये समय पंचम भाव में गोचर की स्थिति को दर्शाता है. इस समय पर प्रेम संबंधों, संतान, शिक्षा से जुड़े कामों पर इसका असर दिखाई देगा. छात्रों को अच्छे फल मिल सकते हैं. शुक्र का आपकी राशि से इस भाव में गोचर प्रेम जीवन में अनुकूलता को दर्शाने वाला होता है. मित्रों के साथ समय बिताने में भी आप आगे रह सकते हैं.

प्रेम का आनंद लेने में भी आपको सुख की प्राप्ति हो सकती है. विवाह से जुड़े मसलों में आप को आगे बढ़ने का समय मिल सकता है. जीवन साथी से सहयोग मिल सकता है, साथी आपको आकर्षित करने में आगे रह सकता है वह इच्छाओं को पूरा करने के लिए तैयार रह सकता है. 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए शुक्र नवम और चतुर्थ भाव का स्वामी होता है,  शुक्र का यह गोचर आपके चौथे भाव में होगा. इस समय पर परिवार, रिश्ते, संपत्ति, माता को चतुर्थ भाव अधिक प्रभावित होता है. इस समय पर गोचर कुछ खर्च को बढ़ा सकता है. इस समय बहुत से लोग नया घर और वाहन इत्यादि खरीद सकते हैं. घर की मरम्मत, सजावट पर खर्च इत्यादि रह सकता है.

घर से दूर जाना पड़ सकता है. स्वास्थ्य में कुछ गिरावट हो सकती है. स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी. कार्यस्थल पर स्थिति बेहतर करने की जरुरत होगी. अपने प्रदर्शन में सफल हो सकते हैं.  कार्यस्थल पर आपको अपने सहयोगियों और अधिकारियों से प्रशंसा भी प्राप्त हो सकती है. 

मीन राशि

मीन राशि के लिए शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और इस समय गोचर में शुक्र तीसरे भाव में ही गोचर होगा. इस समय पर संचार कौशल, छोटे भाई-बहनों पर इस का अधिक प्रभावित होगा. इस समय मीडिया, कला और अभिनय से जुड़े लोगों को कार्यक्षेत्र में लाभ मिलने के योग दिखाई देंगे. अच्छी लाइफस्टाइल से लोगों को बहुत आसानी से प्रभावित कर उनके दिलों में अपने लिए एक खास जगह भी बना पाएंगे. इसके अलावा कार्यक्षेत्र में भी सफलता मिल सकती है.

अपनी मेहनत के बल पर अपनी आमदनी में वृद्धि करने में सक्षम होंगे. कई लोगों को इस समय किसी छोटी यात्रा पर जाना पड़ सकता है. यह गोचर आपको समाज में प्रसिद्धि दिलाने वाला हो सकता है. इस समय आपको अपने भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिल सकता है. कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखने की जरूरत होगी. 

Posted in Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , | Leave a comment

शनि महाराज – मित्र या शत्रु

शनि देव अपने स्वरुप एवं अपने प्रभाव के कारण सभी के मध्य एक अत्यंत रहस्यमय एवं कठोर देव के रुप में स्थापित हैं शनि देव को सनातन धर्म में एवं ज्योतिष शास्त्र दोनों ही स्थानों पर काफी महत्व प्रदान किया गया है. वैदिक संस्कृति में शनि को नौ ग्रहों में से एक ग्रह के रुप में स्थान प्राप्त है. यदि खगोलीय स्थिति को देखें तो शनि का वैज्ञानिक स्वरुप भी काफी आकर्षक रहा रहा है. शनि को नव ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह बताया गया है जिसके कारण इन्हें शनै:शनै: भी कहते हैं अर्थात धीमी गति से चलने वाले शनि देव. 

शनि ग्रह का रंग काला, नीला बताया गया है. कर्म, न्याय और दण्ड प्रदान करने वाले देव हैं. शनि को सकारात्मक रुप से दीर्घायु, अनुशासन, जिम्मेदारी, नेतृत्व, अधिकार, विनम्रता, आध्यात्मिक, तपस्या तथा कर्तव्यनिष्ठा से जोड़ा जाता है तथा नकारात्मक रुप से दुःख, वृद्धावस्था, लम्बी व्याधि, चिंता, कष्ट जैसी स्थितियों का कारक माना गया है. विभिन्न ग्रंथों तथा आचार्यों जैसे कि आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त इत्यादि आ़चार्यों ने शनि का एक स्वरुप ही वर्णन किया है 

देवता या मनुष्य शनि किसी से नहीं करते भेदभाव 

किसी भी ग्रह में से सबसे अधिक प्रश्न सूचक शब्द शनि के साथ इसी रुप में दिखाई देता है की शनि मित्र हैं या फिर शत्रु क्योंकि शनि के प्रभाव से कोई भी अछूता नहीं रहा है. शनि देव का प्रभाव एवं उनकी कथाओं का वर्णन विस्तार रुप से पुराणों में मिलता है. शनि देव के लिए समस्त देवी देवता, यक्ष, नाग, किन्नर तथा अन्य समस्त प्राणी समान ही हैं क्योंकि शनि देव ने सभी को समान रुप से प्रभावित किया है. शनि के कष्ट से कोई अछूता नहीं रहा है, भगवान शिव हों या श्री विष्णु भगवान या उनके अवतार स्वरुप श्री राम सभी ने शनि के प्रकोप को सहन किया है. शनि देव की स्थिति ही कुछ इस प्रकार रही है जिसके कारण वह कभी शत्रुवत तो कभी मित्रवत प्रतीत होते हैं. 

शनि का एक प्रमुख गुण जो सर्वमान्य है वह कर्मों के अनुरुप फल प्रदान करना रहा है, जिसके चलते सभी को शनि का प्रकोप झेलना पड़ा है. यहां स्वयं शनि देव के पिता सूर्य देव को भी अपने पुत्र के शनि के कारण अंधकार से ग्रसित होना पड़ा था अत: जिसके परिणाम स्वरुप सूर्य एवं शनि के मध्य एक प्रकार की दूरी, अलगाव शत्रुता का भाव भी दृष्टिगोचर होता है. 

पौराणिक आख्यान शनि वर्णन 

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||

जो नीले पर्व की तरह देदीप्यमान हैं, सूर्य के पुत्र हैं, यम के बड़े भाई हैं. छाया और सूर्य से जन्मे हैं, उन धीमी गति से चलने वाले शनि देव को मेरा नमस्कार है. 

शनि देव से संबंधित कई श्लोक मौजूद हैं जो उनके स्वरुप एवं उनके संबंधों के विषय में बताते हैं. शनि देव को सूर्य एवं छाया के पुत्र कहा गया है. इनके अन्य भाई बहनों में मनु, यमराज, यमुना एवं भद्रा हैं. 

शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या विचार क्यों देता है अधिक भय

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की सबसे चिंताजनक एवं गंभीर स्थिति शनि साढ़ेसाती तथा शनि ढैय्या के समय से जुड़ी मानी जाती है. शनि का असल प्रभाव इसी समय पर व्यक्ति पर गहराई से दिखाई देता है. 

बारह राशियों में शनि की साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव कब और कैसे पड़ता है इस बात को समझना आवश्यक होता है. सौरमंण्डल में मौजूद नव ग्रहों के मध्य शनि ग्रह, पृथ्वी से सबसे अधिक दूरी पर मौजूद होते हुए संचरण करते हैं. शनि एक राशि में ढ़ाई वर्ष के काल तक गोचरस्थ होते हैं. शनि की गति में वक्री और मार्गी स्थिति के प्रभाव होने के कारण यह ढ़ाई वर्ष का समय कम और ज्यादा हो सकता है. किंतु खगोलीय गणना अनुसार शनि संपूर्ण राशि चक्र का भ्रमण 29 वर्ष 5 माह 17 दिन ओर 5 घंटों में पूरा करते हैं. 

द्वादशे जन्मगे राशौ द्वितीयै च शनैश्चर: ।

सार्धानि सप्तवर्षाणि तदा दुखै: युतो भवेत्।।

गोचर में जब शनि किसी राशि में प्रवेश करते हैं तब उस राशि से 12वीं राशि को आने वाले ढ़ाई वर्ष के लिए परेशानी तथा कष्ट की स्थिति झेलनी पड़ती है. अर्थात पहली जिस राशि में शनि ने प्रवेश किया हो उसे पांच वर्ष तक और अपनी से दूसरी राशि को लगभग साढ़ेसात वर्ष तक संघर्षशील परिस्थितियों का सामना करना होगा. शनि के जन्म चंद्र राशि से पहली राशि में उपस्थिति होने से लेकर उसके बारहवीं राशि पर होने की क्रिया साढ़ेसाती होती है. 

शनि ढैय्या 

गोचर में जब शनि चंद्र राशि से चतुर्थ अथवा अष्टम स्थान पर गोचर करता है तो शनि ढैय्या का समय आरंभ होता है. यह समय ढ़ाई वर्ष का होता है. शनि देव को ग्रंथों में संकट, दुर्भाग्य, लम्बी व्याधियों, चिंताओं, कठोर परिश्रम, सेवा भाव से संबंधित माना गया है. शनि देव का प्रभाव जीवन में कई तरह से कष्ट एवं समस्याओं की स्थिति भी देखाई देती है. 

“ढैय्या प्रददाति वै रविसुतो: राशे चतुर्थाष्टमे।

व्याधिं बन्धु विरोधं विदेशगमनं, कलेशं च चिंताधिकम्।।”

इस प्रकार यह समय चिंता, परेशानी, मानसिक तनाव, रोग, हानि, कष्ट इत्यादि प्रकार से असर डालने वाला होता है. इसी के साथ यह भी समझने की आवश्यकता है की यह समय यदि हम अपनी जिम्मेदारियों को उचित रुप से निर्वाह करने में सक्षम होते हैं तो इसके सकारात्मक असर भी हमे मिलते हैं.

शनि देव हम सभी को हमारे कर्म अनुसार ही फल प्रदान करते हैं और इस तथ्य को भागवत में भी दर्शाया गया है की अपने कर्मों का फल हमें अवश्य भोगना पड़ता है. कर्मों के बंधन से सृष्टि में कोई मुक्त नहीं हो सकता है. अत: शनि देव मित्र ही हैं वह हमें चाहे कठिन समय दिखाते हैं किंतु यही हमारे धैर्य एवं साहस की परिक्षा होती है.

शनि देव की दशा महा दशा एवं इनका साढ़ेसाती असर जीवन में कायाकल्प को दिखाता है. शनि जब भी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं तब जीवन को जीना विशेष मुश्किल सा दिखाई देता है. चुनौतियों से अधिक प्रभावित होना पड़ सकता है. असफलताएं, विफलता, लगातार किए जाने वाले प्रयास, तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोग भी इस समय पर उभर सकते हैं. किंतु समझने की आवश्यकता है की ये समय परिश्रम और कमर्ठता का समय होता है. शनि देव संघर्ष वाली स्थितियों को उत्पन्न करते हुए व्यक्ति को जीने का मार्ग सिखाने वाले सच्चे मार्गदर्शक होते हैं. 

Posted in Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , | Leave a comment

विवाह के लिए 10 विशेष ज्योतिषीय कारक । Top 10 Astrological factors for marriage

विवाह एक ऎसी परंपरा है जो हर दृष्टिकोण से अत्यंत ही आवश्यक एवं प्रभावशाली स्थिति है जिसके द्वारा परिवार, समाज एवं राष्ट के निर्माण की नींव रखी जा सकती है. विश्वभर में विवाह एक ऎसा संबंध है जिसे सभी धर्म एवं पंथों ने स्वीकार किया और इसकी महत्ता को समझा है. विवाह के विचार पर भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत ही उत्कृष्ट पहलू सभी के समक्ष उपस्थित है और ज्योतिष शास्त्र चाहे वे भारतीय ज्योतिष हो या फिर पाश्चात्य ज्योतिष सभी में विवाह होने की स्थिति पर कुछ महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख मिलता है जिसमें कई मायनों में समानताएं मौजूद हैं. इनके आधार पर हम समझ सकते हैं की एक विवाह होने हेतु कौन-कौन से ज्योतिषीय कारक इस पर गहरा असर डालने में सक्षम होते हैं. 

ब्रह्मो दैवस्तथैवार्ष: प्रजापत्यस्थासुर: ।

गान्धर्वो राक्षश्चैव पैशाचश्चाष्टमोSधम:।।

“विवाह के विषय में आठ प्रकार के विवाह का उल्लेख हमें धर्म ग्रंथों में प्राप्त होता है. नारद पुराण एवं मनु समृति में ब्रह्म विवाह, दैव विवाह, आर्य विवाह, प्राजापत्य विवाह, असुर विवाह, गन्धर्व विवाह, राक्षस विवाह एवं पिशाच विवाह के बारे में कुछ संदर्भ प्राप्त होते हैं. इन सभी में ब्रह्म विवाह को श्रेष्ठ माना गया है.”

आपके जीवन में विवाह कब होगा, विवाह सुखद होगा, विवाह की स्थिति कैसी होगी इत्यादि बातों की सूक्ष्मता का वर्णन ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही सटिकता पूर्ण किया गया है. पराशर होरा शास्त्र, फलदीपिका, सर्वार्थ चिंतामणि इत्यादि ग्रंथों में विवाह से संबंधित कई विचार मौजूद हैं. किसी भी व्यक्ति के विवाह के लिए कौन सी ज्योतिषीय स्थितियां कार्य करती हैं एवं विवाह होगा या नहीं इन बातों को शास्त्रों द्वारा सहजता पूर्ण तर्क रुप से समझा जा सकता है. 

विवाह से जुड़े मुख्य ज्योतिषिय सूत्र 

विवाह संबंधित भाव 

विवाह के लिए जन्म कुंडली में मौजूद ग्रह नक्षत्र एवं भाव फल की स्थिति को देखा जाता है. किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में सप्तम भाव मुख्य रुप से विवाह के लिए देखा जाता है. इसी के साथ लग्न भाव, द्वितीय भाव, पंचम भाव, नवम भाव, अष्टम भाव, एकादश भाव और अष्ट भाव को भी विवाह के लिए देखा जाता है. कुंडली के इन भावों द्वारा विवाह होने की स्थिति, विवाह के सुख-दुख एवं विवाह होने की संभावनाओं को प्रमाणिकता द्वारा जाना जा सकता है. 

विवाह हेतु मुख्य कारक ग्रह 

विवाह के लिए दूसरा मुख्य कारक ग्रह स्थिति बनती है. जन्म कुंडली में विवाह सुख के लिए मुख्य रुप से बृहस्पति, शुक्र और मंगल को विशेष रुप से देखा जाता है. यह ग्रह विवाह एवं विवाह उपरांत इत्यादि की स्थिति के विषय में स्पष्ट रुप से संकेत देने में सक्षम होते हैं. 

विवाह से संबंधित भाव स्वामी 

विवाह के लिए जन्म कुंडली में मौजूद विवाह भावों के साथ ही उनके स्वामियों की स्थिति को भी देखा जाता है जिसके आधार पर विवाह होने की पुष्टि होती है तथा विवाह का सुख किस प्रकार का होगा यह पता लगाया जा सकता है. इस में मुख्य रुप से सातवें भाव के स्वामी ग्रह, लग्न भाव के स्वामी ग्रह, दूसरे भाव के स्वामी ग्रह, पांचवें भाव के स्वामी ग्रह, नौवें भाव के स्वामी ग्रह तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी ग्रह को देखना होता है. जन्म कुंडली में इनकी शुभ स्थिति शुभ विवाह के लिए उत्तरदायी होती है. 

विवाह हेतु भाव कारक ग्रह 

जन्म कुंडली में विवाह के लिए विवाह कारक ग्रह की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. कुंडली में सप्तम भाव का कारक ग्रह शुक्र मुख्य रुप से विवाह का कारक ग्रह बनता है. सप्तम भाव के कारक ग्रह शुक्र की कुंडली में अवस्था को जांच करके ही विवाह होने की संभावनाओं को अभिव्यक्त किया जा सकता है. 

ग्रह दृष्टि  

विवाह के लिए कुंडली में ग्रहों की दृ्ष्टि एवं अवस्थाओं को समझना आवश्यक होता है. सप्तम भाव या सप्तम भाव के स्वामी पर शुभ या पाप ग्रह की दृष्टि होना अथवा कारक ग्रह पर भी शुभ एवं अकारक ग्रह की दृष्टि को देखना- समझाना आवश्यक होता है जो विवाह के लिए मुख्य कारक बनता है. 

ग्रह युति 

विवाह हेतु विवाह भाव, भाव के स्वामी तथा भाव के कारक के साथ अन्य ग्रहों का युति संबंध किस प्रकार हो रहा है. इस तथ्य को देखना भी विवाह के लिए आवश्यक होता है. शुभ युति उत्तम विवाह को दर्शाती है तथा अशुभ युति विवाह सुख को बाधित करती है.

विवाह योग 

जन्म कुंडली में बनने वाले विवाह योग भी इसमें विशेष स्थान रखते हैं. व्यक्ति का विवाह होगा या नहीं होगा, विवाह जल्दी होगा या देर से होगा इत्यादि बातें विवाह योग द्वारा देखी जाती हैं. जन्म कुंडली में यदि लग्न भाव और भावेश, सप्तम भाव-भावेश, पंचम भाव-भावेश, नवम भाव भावेश की शुभ स्थिति, मांगलिक योग इत्यादि विवाह योग का निर्माण करती है जिसके द्वारा विवाह उचित आयु में एवं शुभ प्रकार से संपन्न होता है. 

विवाह हेतु वर्ग कुंडलियां 

विवाह के लिए लग्न कुंडली के साथ साथ अन्य वर्ग कुंडलियों का अध्ययन भी किया जाता है और यह वर्ग कुंडलियां विवाह होने की शुभ स्थिति को बताती हैं. विवाह के लिए नवांश कुंडली, द्रेष्काण्ड कुण्डली, द्वादशांश कुंडली इत्यादि का अध्ययन विवाह होने की पुष्टि तथा सुखी विवाह जीवन के लिए अपनी सहमति देने में मुख्य कारक बनते हैं.  

विवाह दशा 

विवाह होने की स्थिति किसी व्यक्ति के जीवन में तभी बनती है जब उस व्यक्ति की कुंडली में विवाह की दशा भी चल रही होती है. अगर कुंडली में विवाह की दशा नहीं चल रही है. तो चाहे विवाह भाव का गोचर बना हुआ हो लेकिन विवाह तब तक संपन्न नहीं होता है जब तक विवाह भाव की दशा अंतरदशा का योग प्राप्त न हो रहा हो, इसलिए विवाह हेने के लिए विवाह की दशा का होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण कारक होता है. 

विवाह गोचर 

अब बात आती है विवाह के गोचर की, ग्रहों की गोचर की स्थिति सदैव बदलाव से प्रभावित होती है. ऎसे में जब विवाह दशा आरंभ हो और विवाह भाव पर ग्रहों का गोचर भी लग रहा हो, तो ऎसे में विवाह होना निशिचित होता है. विवाह होने की पूर्णता: इस गोचर द्वारा ही संपूर्ण होती है. किसी व्यक्ति का विवाह कब होगा इन बातों पर कई सारे अन्य कारक भी निश्चित रुप से अपना काम करते हैं  किंतु एक महत्वपूर्ण एवं सरसरी निगाह स्वरुप विवाह के लिए भाव, योग, दशा, गोचर इन सभी का निसंदेह अग्रीण स्थान होता है.   

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Dashas, Marriage, Navamsa Kundli | Tagged , , , | Leave a comment

सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र गोचर फल

सूर्य ने 22 जून को गोचर करते हुए आर्द्रा नक्षत्र में जाएंगे. आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में 06.20 से 20.00 डिग्री पर स्थित होता है, पश्चिमी ज्योतिष में इसे ओरियन के नक्षत्र में बेटेलगेस के नक्षत्र और डॉग स्टार सीरियस से भी जोड़ा जाता है. 

सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश 22  जून 2022 को 11:42 पर होगा. इस समय पर शक आषाढ़ माह भी आरंभ होगा. सूर्य का आर्द्रा में जाना मौसम में नमी के आरंभ का समय होता है. आर्द्रा नक्षत्र जिसका अर्थ होता है “नम” यानी के नमी से युक्त यह नक्षत्र सूर्य के साथ जुड़ते ही भौगौलिक परिवर्तनों का समय होता है तथा विशेष बदलावों को दर्शाता है. 

आर्द्रा के स्वामी राहु पर शनि की दृष्टि 

आर्द्रा मानसिक ऊर्जा को केन्द्रित न होने दे, भ्रम पैदा कर सकता है ऎसे में चुनौतियों से निपटने के लिए साहस की तलाश करना आवश्यक हो जाता है. आर्द्रा के स्वामी राहु पर गोचर अनुसार शनि की दृष्टि पड़ रही है और इसलिए इस गोचर का प्रभाव अधिक प्रबल हो सकता है क्योंकि राहु अधिक चिंतित और अस्थिर होता है. आर्द्रा में सूर्य से सबसे अधिक प्रभावित होता है. 

जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में आता है, तो जीवन में अनेक आंतरिक एवं बाहरी उथल-पुथल , परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं क्योंकि आर्द्रा उथल-पुथल और अराजक घटनाओं को दर्शाता है,इस समय पर करियर में कई उतार-चढ़ाव और बदलाव आ सकते हैं. पिता और सत्ता के साथ संबंधों में कुछ तनाव की स्थिति उभर सकती है. विचारों का मतभेद दिखाइ देता है. ऐसे लोगों से मिल सकते हैं जो चोट पहुँचाने में आगे रह सकते हैं. वहीं यह एक ऐसा नक्षत्र है जो चिकित्सा के साथ भी करीब से जुड़ा हुआ है. इसलिए चिकित्सा के क्षेत्र एवं अस्पताल से जुड.ए क्षेत्र में दबाव अधिक रह सकता है. 

आपात स्थिति में लोगों की सेवा का भाव भी दिखाई देगा. राहु के प्रभाव के चलते दवाएं, ड्रग्स, विषाणु का प्रभाव अधिक होगा. चिकित्सा या नए जमाने के वैज्ञानिक और तकनीकी उपकरणों के साथ काम करने का समय होगा. पौराणिक कथा के कारण वे धनुर्विद्या जैसे क्षेत्र में भी शामिल है. मिथुन राशि के प्रभाव के कारण, यात्रा आर संचार से संबंधित व्यवसाय में भी तेजी का समय होगा. संचार के ऑनलाइन तरीकों में तेजी आएगी. 

सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र गोचर में विभिन्न ग्रहों से योग 

सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में आते ही सूर्य इस नक्षत्र के प्रत्येक पद पर जाता है उसका उस नक्षत्र के चरण स्वामी के साथ भी संबंध बनता है. ग्रहों का प्रभाव ओर वेध भी इस गोचर में विशेष रुप से असर डालने वाला होता है. 

आर्द्रा पहले चरण में सूर्य-सूर्य, 

आर्द्रा दूसरे चरण में सूर्य -बुध, 

आर्द्रा तीसरे चरण में सूर्य-शुक्र

आर्द्रा चतुर्थ चरण में सूर्य -मंगल

आर्द्रा नक्षत्र प्रत्येक पद पर सूर्य का असर 

आर्द्रा नक्षत्र के (1) पहले पद में सूर्य का गोचर 

आर्द्रा नक्षत्र का पहला पद बृहस्पति द्वारा शासित धनु नवांश में पड़ता है. इस चरण के दौरान जिज्ञासा और खोज करने की इच्छा होती है. इस पाद में ग्रह शिथिल होते हैं लेकिन भौतिक अतिरेक का कारण बन सकते हैं. यह तूफान से पहले की शांति दिखाई देने जैसा होता है. इस समय सूर्य का गोचर काफी चीजों में बदलाव को दिखाता है. आने वाले समय के दोरान काफी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.  

आर्द्रा नक्षत्र के (2) दूसरे पद में सूर्य का गोचर 

इस नक्षत्र की दूसरी तिमाही शनि द्वारा शासित मकर नवांश में आती है. यह सभी प्रकार की भौतिक महत्वाकांक्षाओं और कुंठाओं का प्रतीक है. इस नक्षत्र के नकारात्मक गुण आमतौर पर धीरे धीरे ही सामने आते हैं. यहां तूफ़ान तेज़ होता जाता है इसलिए समय कष्ट चिंता और समस्याएं दर्शाने वाला होता है. इस समय पर सुर्य क अगोचर अचानक से स्थिति में विकटता को बढ़ा सकता है. चीजें नियंत्रण से बाहर लग सकती हैं.  

आर्द्रा नक्षत्र के (3) तीसरे पद पर सूर्य का गोचर 

आर्द्रा नक्षत्र का तीसरा पद शनि द्वारा शासित कुंभ नवांश में पड़ता है. यह एक वैज्ञानिक प्रकृति का प्रतीक है. तूफान अपने चरम पर है और इस प्रकार अचानक प्रेरणा और तीव्र मानसिक गतिविधि प्रदान करता है. सूर्य का इस समय गोचर परिश्रम की ओर आगे बढ़ने के समय को दर्शाता है. इस स्मय के दोरान छोटी छोटी चीजों पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक होता है. 

आर्द्रा नक्षत्र के (4) चौथे पद पर सूर्य का गोचर 

आर्द्रा नक्षत्र का चौथा पाद मीन नवांश में पड़ता है और बृहस्पति द्वारा शासित होता है. यह संवेदनशीलता और करुणा का प्रतीक है. कमजोर लोगों की मदद करने की प्रबल इच्छा होगी. इस समय पर सूर्य का गोचर धीमे धीमे शांति और स्थिरता को लाता है. तूफान के पश्चात निर्मल स्थिति का आगमन होता है. निर्मल शांति से वातावरण व्याप्त है, और इस चरण के दौरान परिणाम असामान्य रूप से सकारात्मक देखने को मिलते हैं.

आर्द्रा नक्षत्र गोचर अन्य विशेषता 

आर्द्रा राशि चक्र में अधिक कठिन नक्षत्रों में से एक है जो संघर्ष कठिन स्थितियों, तूफानों के बाद होने वाली स्पष्टता और भावनात्मक स्पष्टता को दर्शाता है. आर्द्रा में सूर्य की स्थिति कई स्थानों में अचानक होने वाले बदलावों को दिखाती है. करियर हो या जीवन का उद्देश्य वह हर पहलूओं के आसपास अशांति पैदा करने वाली होती है. ऎसे में यह स्वयं का फिर से मूल्यांकन करने का समय होता है कि आप अपने करियर के साथ क्या करना चाहते हैं, अपने जीवन में उद्देश्य को क्से पूरा कर पाते हैं. 

आर्द्रा के लिए प्राथमिक प्रतीक एक मनुष्य का सिर है, जो सोच का नवीनता का प्रतिनिधित्व करता है, और एक आंसू है, जो आने वाले दुख का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक उदीयमान नक्षत्र है और शानदार मानसिक क्षमताओं को दर्शाता . रुद्र इसके स्वामी हैं इसलिए चुनौतोयों भीष्ण तूफानों की स्थिति भी इस समय पर अधिक देखने को मिलती है. 

अगर हम अतीत में फंस जाते हैं तो आर्द्रा अचानक से भावनात्मक उथल पुथल देता है. इसका उद्देश्य कठोरता से बाहर निकालना और बेहतर भविष्य बनाने के लिए जीवन को बदलना भी होता है. इसमें यूरेनस का गुण भी होता है. तूफान की स्थिति गंदगी को साफ करके  उज्जवल और चमकदार छाप छोड़ती है लेकिन इसके साथ कुछ मिट जाने का दुख भी होता है. यह देखने का नजरिया हो सकता है कि इसे सकारात्मक उद्देश्य से जोड़े या फिर इसे नकारात्मक रुप से. इस नक्षत्र को माया या भ्रम के किसी भी स्तर को नष्ट करने वाला भी माना जाता है. 

Posted in Basic Astrology, Nakshatra, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , | Leave a comment

कुंभ राशि में वक्री शनि का गोचर, होंगे खास बदलाव

कुंभ राशि में वक्री शनि का सभी राशियों पर होगा असर 

जून माह को शनि कुंभ राशि में गोचर करते हुए वक्री होंगे. शनि कर्म प्रधान ग्रह है, इनकी दशा और इनका प्रभाव व्यक्ति को कर्म करने की ओर अत्यधिक उन्मुख बना सकता है. 17 जून, 2023, को 22:52 बजे वक्री होते हुए शनि की गति में कुछ समय के लिए स्तंभित स्थिति भी होगी क्योंकि ग्रह की चाल बदलते समय कुछ समय के लिए ग्रह स्थिर होता है उसके पश्चात ग्रह आगे बढ़ता है. इसी प्रकार शनि ग्रह जब सामान्य अवस्था एवं गति से वक्री होने वाले होते हैं तब वह कुछ समय के लिए अपनी गति पर रुके हुए प्रतीत होते हैं. इनकी इस अवस्था को स्तंभित अवस्था कहा जाएगा. कुछ आचार्यों के अनुसर इसे भीत अवस्था भी माना जाता है. इसलिए शनि का इस अवस्था में होना चाल में वक्रता का आगमन जीवन को काफी पहलुओं से प्रभावित करने वाला होगा. आईये जानें कैसा रहेगा शनि का इस वर्ष वक्रत्व को अपनाना. 

कुंभ राशि में शनि का वक्री असर 

कुंभ राशि शनि के स्वामित्व वाली राशि है और यह राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है जो लाभ स्थान को भी दर्शाती है. शनि अपनी ही राशि में वक्री होने जा रहा हैं और शनि की मूल त्रिकोण राशि भी यही है ऎसे में इस राशि में शनि का असर काफी अलग होगा शुरुआती समय में जहां शनि यहीं होंगे उल्टी चाल चलते हुए राशि परिवर्तन भी शनि करेंगे तो इस स्थिति में यह समय संभल कर फैसले लेने वाला होगा. 

जब कोई ग्रह अपनी राशि में गोचर कर रहा होता है तो संतोषजनक होता है लेकिन वक्री होते ही उसका असंतोष व्याप्त होने लगता है. ऎसे में कुंभ में शनि का वक्री होकर गोचर करना भी बहुत शुभता को नहीं दिखाता है.  शनि वक्री होने पर करियर, विवाह, संबंधों, संतान, कर्म क्षेत्र इत्यादि में रुकावटें आ सकती हैं और आलस्य का भाव भी आ सकता है. प्रयासों में लगातर की जाने वाली कोशिशें शामिल होती दिखाई देंगे. 

वक्री शनि का सामान्य प्रभाव

कार्यक्षेत्र में बदलाव, व्यवसाय में बदलाव के साथ नई नीतियों का अनुसरण करने का समय होगा.

इस समय के दोरान प्राकृत्तिक स्थिति बदलेगी. खाद्य उत्पादन से जुड़े कार्यों में बढ़ोत्तरी की संभावना दिखाई देगी. 

धनार्जन के कार्यों में परिश्रम अधिक रहेगा लेकिन कुछ अचानक से होने वाले लाभ वृद्धि और धन का संचय करवाने में भी सहायक हो सकते हैं. 

नई चीजों की खोजु एवं शोध के कामों से जुड़े लोगों को अच्छे मौके मिल सकते हैं. 

खदानों एवं धातुओं के काम में लाभ प्राप्ति होगी. 

पारंपरिक मामलों में अधिक रुचि विकसित होना संभव हो सकता है.

संबंधों में अनबन दिखाई देगी, रिश्तों में दूरी एक बार पुन: सामने आ सकती है. 

राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रिय मुद्दे गंभीर हो सकते हैं. इस समय जनता के मध्य असंतोष की स्थिति अधिक जटिल हो सकती है.   

वक्री शनि का प्रभाव पाया बदलाव भी करेगा ऎसे में राशियों पर इसका असर कई मायनों में बदलाव को दिखाएगा. 

Posted in Auspicious Marriage Muhurta | Leave a comment

सूर्य का मिथुन राशि गोचर 15 जून से 16 जुलाई

सूर्य का गोचर मिथुन राशि में अनुकूल स्थिति का माना गया है. मिथुन राशि बुध के स्वामित्व की राशि है ऎसे में सुर्य के लिए ये स्थान मित्रवत स्थिति को दर्शाता है. बुद्धज्ञान एवं कुशलता में निखार देखने को मिलता है. कला से संबंधित मामलों में अच्छे प्रदर्शन करने की क्षमता विकसित होती है तथा मान सम्मान प्राप्ति के योग भी निर्मित होते हैं. गोचर के प्रभाव स्वरुप मौसम में भी बदलाव की स्थिति दिखाई देती है. इस समय के दौरान प्राकृतिक रुप से स्थिति में काफी बदलाव होते हैं. 

सूर्य का मिथुन राशि गोचर 15 जून से 2025 में शुरु होगा,

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर नए लोगों से मिलने, नए विचारों को बांटने, नई चीजें सीखने का समय हो सकता है. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा और बुध को बुद्धि  कहा गया है. ऎसे में इन का साथ आत्मा की बौद्धिकता का उत्तम स्तर भी दिखाई देता है. राशियों के लिए ये समय विशेष होता है. सुर्य और बुध में मित्रता का भाव देखने को  मिलता है.

सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के दौरान मौसम में बदलाव दिखाई देने लगता है  शुरू हो जाता है. इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि संक्रमण तेजी से फैल सकता है. दुनिया की अर्थव्यवस्था में भी उतार-चढ़ाव होता है. कुछ स्थानों पर संचार बाधित हो जाता है, मिथुन राशि में सूर्य नेटवर्किंग बनाने, अपने लेखन, मीडिया या संचार को शुरू करने, छोटी यात्राओं पर जाने और नए स्थानों और रुचियों की खोज करने का एक अच्छा समय बनता है.

सूर्य के मिथुन राशि में गोचर का सभी राशि पर प्रभाव 

मेष राशि

मेष राशि के लिए सूर्य पराक्रम एवं भाई-बहनों के तीसरे भाव में गोचरस्थ होगा. इस समय पर छोटी दूरी की यात्रा और संचार के काम अच्छे रह सकते हैं. सूर्य का मिथुन राशि में गोचर संतान को लेकर थोड़ा चिंता दे सकता है. निजी जीवन में आपका समय खुशनुमा और मजेदार बीतेगा. व्यापार और मार्कटिंग से जुड़े काम बेहतर मुनाफा दिला सकते हैं. यात्रा उत्साहजनक रहने वाली होगी. छात्रों को शिक्षा को लेकर अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे.

इस अवधि के दौरान रचनात्मक पक्ष का जागेगा, बिक्री, विपणन, मीडिया या पत्रकारिता से संबंधित व्यवसायों में लाभ का समय होगा. कुछ मस्ती ओर साहसिक कार्य भी कर सकते हैं. भाई बंधुओं के साथ मिलाजुला असर आप को प्रभावित करने वाला होगा. संचार एवं नेतृत्व क्षमता अच्छी होगी, जो लोग खेल इत्यादि के क्षेत्र में हैं उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा. 

वृषभ राशि 

सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होने के कारण धन, परिवार और संचार के दूसरे भाव में गोचरस्थ होंगे. सूर्य का गोचर आपके कुटुम्ब और परिवार में मुख्य रुप से असर डालने वाला होगा. घर पर कुछ बदलाव कर सकते हैं. निर्माण के काम में कुछ पैसा खर्च हो सकता है. संपत्तियों या अचल संपत्तियों में निवेश करने में भी सोच विचार कर सकते हैं. धन आपको प्राप्त हो सकता इसके अलावा परिवार में किसी के सहयोग से धन लाभ मिल सकता है. अपने परिवार और प्रियजनों के साथ समय बिताने की ओर अधिक झुकाव रह सकता है. 

वाणी में अधिकार और सख्त लहजा देखने को मिल सकता है इसलिए अपनी बोलचल में मिठास को शामिल करें ओर बहुत अधिक दबाव बनाने से बचना चाहिए. आपको दूसरों के साथ व्यवहार करते समय बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी व्यवहार कुशलता को नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी. कार्यक्षेत्र में आप नेतृत्व कर सकते हैं. अधिकारियों से सहयोग मिल सकता है, व्यापार से जुड़े लोगों को सौदों और बातचीत से लाभ मिलेगा. सेहत के लिहाज से चेहरे, आंखों से जुड़ी समस्याओं को लेकर सावधान रहने की जरूरत है. संक्रमण से बचने के लिए खान-पान में ध्यान रखें.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी होते हैं और इस समय मिथुन राशि में ही गोचरस्थ होंगे. लग्नस्थ स्थान पर सूर्य का गोचर आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाला होगा. आप खुद के पहनावे, सोच विचार तथा व्यवहारकुशलता को बेहतर कर पाने में सफल भी होंगे. इस गोचर के दौरान, अपनी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए नए कदम उठाने के इच्छुक होंगे. छात्रों के लिए बेहतर समय होगा. अपने शोद्ध कार्यों को बेहतर तरीके से कर पाने में सक्षम हो सकते हैं. आप अपने मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत कर पाएंगे.

कुछ यात्राएं पर अभी होंगी. अचानक से धन खर्च की स्थिति एवं यात्रा पर भी अधिक पैसा खर्च कर सकते हैं. जहां तक ​​करियर का सवाल है, काम और जिम्मेदारियों का बोझ अधिक हो सकता है. व्यापार पर चीजें आपके लिए संतोषजनक रह सकती हैं. जीवन साथी के साथ आपके वैचारिक मतभेद हो सकते हैं. प्रेम संबंधों में विश्वास को बल प्राप्त होगा. जीवन शक्ति का आनंद लेंगे इसलिए अपने शरीर की उचित देखभाल कर पाने में भी सक्षम होंगे. इस समय मनमर्जी को लेकर सजग रहने की जरुरत होगी. अहंकार को नियंत्रण में रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा, संबंधों में उतार-चढ़ाव पैदा होने में देर नहीं लगेगी. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य द्वितीय भाव का स्वामी सूर्य होकर इस समय पर बारहवें भाव में गोचर करने वाले हैं. यह भाव व्यय, मोक्ष और हानि का भाव है ऎसे में स्थिति परेशानी और चिंता को दे सकती है. कर्क राशि के लिए ये समय सेहत के साथ साथ अपने कार्यों में संभल कर आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी. सेहत के लिहाज से सिरदर्द, बुखार, स्वास्थ्य और आंखों की समस्याओं से संबंधित कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.आपको विदेशी लाभ भी इस समय पर मिल सकता है. बहुराष्ट्रिय कंपनियों में कार्यरत लोगों के लिए समय बेहतर हो सकता है. इस समय नए लोगों के साथ मेल जोल भी होगा.

लम्बी यात्राएं भी कर सकते हैं.कुछ बड़ा निवेश करना अभी अधिक अनुकूल न रह पाए इसलिए अधिक इनवेस्टमेंट करने से बचने की सलाह दी जाती है. निवेश करने से पहले उचित प्रकार से चीजों की जांच कर लेना अधिक बेहतर होगा. दूसरों पर अधिक भरोसा न करना ही उचित होगा. कुछ चीजें आपको निराश कर सकती हैं. किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए आपको अपने जीवनसाथी के साथ उचित संवाद बनाए रखने की आवश्यकता है. अपने खाने की आदतों पर नियंत्रण रखें और एक उचित आहार बनाए रखें स्वास्थ्य जांच के लिए जाना बुद्धिमानी होगी. मध्यम आयु वर्ग और उससे अधिक उम्र के पुराने स्वास्थ्य मुद्दों से परेशान हैं और उन्हें विविधताओं के बारे में जागरूक होने के लिए नियमित जांच की आवश्यकता है.

सिंह राशि 

सिंह राशि के के लिए सूर्य इन्ही के स्वामी भी हैं अर्थात पहले घर के स्वामी हैं. इस गोचर के दौरान सूर्य का गोचर एकादश भाव में होगा. सिंह राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर मित्र राशि में होने पर बौद्धिकता एवं आर्थिक स्थिति में अलग स्थिति देखने को मिल सकता है. इस समय यह स्थिति आर्थिक जीवन में विभिन्न स्रोतों से लाभ प्राप्त करने की संभावना को बढ़ाने वाला होगा. भाई बंधुओं के साथ आपके संपर्क बढ़ सकते हैं. आप के मेल जोल का समय होगा ओर उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. सामाजिक रुप से भी आप कुछ मामलों में आगे रह सकते हैं आपकी दक्षता और योग्यता को विस्तार का अवसर भी मिलेगा.

इस समय आप अपनी आय को कुछ निवेश भी करने का विचार कर सकते हैं. आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, साथ ही समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा. प्रेम संबंधों के लिए ये समय थोड़ा उतार-चढ़ाव वाला रह सकता है. रिश्ते में दूरी या गलतफहमी की स्थिति को भी देख सकते हैं. स्वभाव में जिद्दीपन भी देखने को मिल सकता है. शिक्षा में आप एकाग्रता के साथ अच्छा प्रदर्शन हो सकता है. पारिवारिक जीवन में मित्रों और प्रियजनों के साथ कुछ सहयोग मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में प्रमोशन इत्यादि से संबंधित समाचार भी सुनने को मिल सकते हैं. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होता है. इस समय सुर्य का गोचर दशम भाव को प्रभावित करेगा. सूर्य का यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र में अवसर लाने वाला होगा. इस समय बाहरी संपर्क द्वारा आपके काम आगे बढ़ सकते हैं. विदेशी कंपनियों के साथ आप का काम जुड़ सकता है. इस समय आपके करियर में आगे बढ़ने के लिए परिश्रम अधिक करना होगा. नौकरी में  कार्यस्थल पर भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आपको भागदौड़ भी करनी होगी यात्राओं का समय भी होगा जो काम से संबंधित हो सकती हैं.

अधिकारियों के साथ आप के संबंधों का कुछ लाभ मिल सकता है. पारिवारिक जीवन में यह समय आपके माता-पिता के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है. वाहन इत्यादि का सभंल कर उपयोग करना उचित होगा. इस समय काम और व्यवहार में विशेष ध्यान रखने की जरुरत होगी. काम को पूरा करने के लिए अधिक प्रयास करने की भी आवश्यकता होगी, अपना समय अनावश्यक चीजों पर बर्बाद नही करना ही उचित होगा. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य एकादश भाव का स्वामी होता है. इस समय सूर्य नवम भाव को प्रभवैत करने वाला होगा. गोचर का प्रभाव इनकम में वृद्धि देने में सहायक होगा. भाग्य का कुछ सहयोग भी मिलेगा. पारिवारिक जीवन में अपने वरिष्ठ लोगों या पिता का सहयोग आपके लिए लाभदायक होगा. कार्यस्थल पर आपको किसी काम से जुड़ी लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है.

यात्राओं से लाभ पाने की बेहतर संभावनाएं दिखाई दे सकती हैं. धार्मिक कार्यों के प्रति भी झुकाव बढ़ा सकता है जिसके कारण धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. भाई-बंधुओं के साथ कुछ बातों को लेकर तर्क अधिक हो सकता है. रिश्ते कुछ प्रभावित भी हो सकते हैं सरकार एवं अधिकारियों से सहयोग और लाभ मिलने की संभावना दिखाई देंगी. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए दशम भाव का स्वामी सूर्य इस समय गोचर में अष्टम भाव पर होगा. सूर्य का यह गोचर वृश्चिक राशि के लिए अनुकूलता में कमी को अधिक दिखा सकता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. बाहर का खाना और ज्यादा मसालेदार खाने से बचना चाहिए. आर्थिक पक्ष कमजोर रह सकता है.

किसी भी जोखिम भर निवेश से बचना ही उचित होगा. पैसों का लेन-देन करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होगी. व्यर्थ के वाद-विवाद से खुद को दूर ही रखें. कार्यस्थल पर अतिरिक्त मेहनत करने से ही फायदा होगा क्योंकि इस समय आपको हर कार्य में मेहनत के बाद ही सफलता मिलेगी इसलिए शुरू से ही अपनी मेहनत और प्रयास जारी रखें.

धनुराशि

धनु राशि के लिए नवम भाव का स्वामी सूर्य होता है. इस गोचर के दौरान सूर्य का सप्तम भाव में असर होगा. सूर्य का प्रभाव इस राशि के विवाहित लोगों, उनके जीवनसाथी और पार्टनरशिप में व्यापार करने वाले लोगों को अधिक प्रभावित करने वाला होगा.  जीवन साथी के साथ कुछ दुरी या अनबन अधिक देखने को मिल सकती है, लेकिन कुछ मामलों में साथी आपके सामाजिक क्षेत्र में विकास के लिए एक अच्छा सहयोगी भी बन सकता है.

इस समय संबंधों में अहंकार अधिक देखने को मिल सकता है जिसके परिणामस्वरूप इसका नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते पर सीधा प्रभाव डालने वाला है. ऐसे में आपको अपने पार्टनर के साथ सही बातचीत के जरिए अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की जरूरत होगी. जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता हो सकती है. साझेदारी से जुड़े व्यापार के लिए अच्छे लाभ प्राप्त हो सकते हैं. कार्यक्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं.

मकर राशि

मकर राशि के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होता है और अब यह गोचर के दौरान छठे भाव में होगा. इसलिए इस गोचर के दौरान आपको हर कार्य को पूरा करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी.  काम में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ने वाली है. विरोधियों के प्रति भी आपको अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी. अपने विरोधियों पर विजय पाने में भी पूरी तरह सक्षम होंगे.

कार्यक्षेत्र में व्यस्तता रहेगी ओर अपने काम में आप काफी सजग ऊर्जावान दिखाई दे सकते हैं. सहकर्मी आपसे कुछ नाराज हो सकते हैं. ऐसे में आपको विशेष रूप से सलाह दी जाती है कि कार्यक्षेत्र में अपने साहस और आत्मविश्वास को बनाए रखें और किसी भी तरह के नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें. लोन या किसी प्रकार के कर्ज का भुगतान कर सकते हैं. कोर्ट केस जैसे मामलों में सफलता मिल सकती है. 

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी होते हैं. इस समय इनके लिए सूर्य का पंचम भाव में गोचर होगा. ऐसे में सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से संतान, शिक्षा, प्रेम संबंध, मित्रता इत्यादि पर इसका असर देखने को मिल सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.

रिश्तों के मामले में थोड़ी चिंता होगी. संतान को लेकर भी माता-पिता का ध्यान धिक बना रहने वाला है. कुछ मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. प्रेमी से वाद-विवाद हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप प्रेम जीवन में दूरियां देखने को मिल सकती हैं.  स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां परेशान कर सकती हैं.  

मीन राशि

मीन राशि के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी होता है और इस समय गोचर में सूर्य चतुर्थ भाव को प्रभावित करेगा. सूर्य के इस प्रभाव से घर-परिवार में कुछ विवाद की संभावना देखने को मिल सकती है. स्त्री पक्ष के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट भी लाएगा. इस दौरान काम काज की अधिकता होगी तथा काम के चलते थकान भी रहेगी. उच्च रक्तचाप एवं हृदय संबंधी परेशानियां अधिक हो सकती हैं इसलिए स्वास्थ्य की उचित देखभाल करनी होगी.

कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. मेहनत और सूझबूझ से आप समस्याओं का सामना करने में भी सफल होने वाले होंगे. इस समय जल्दबाजी में कोई निर्णय लिए बिना, आपको किसी भी निर्णय पर उचित विचार-विमर्श के बाद ही पहुंचने की आवश्यकता होगी. भूमि, भवन आदि से लाभ प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. व्यवसाय अथवा नौकरी में बदलाव भी देखने को मिलेगा. 

Posted in Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , | Leave a comment

बुध का वृषभ राशि गोचर (23 मई 2025), नवीन क्षमताओं का विकास

बुध का गोचर वृषभ राशि में होने पर एक अनुकूल समय की स्थिति को दर्शाने में सहायक बन सकता है. बुध का जब शुक्र के स्वामित्व की राशि वृषभ में प्रवेश होता है तो ये स्थिति कई मायनों में बदलाव को दर्शाती है. ये समय करियर, संचार, व्यवसाय, भाषण, भाव और व्यक्तिगत मामलों पर गहरा असर डाल सकता है इसी के साथ ये समय रचनात्मक एवं कलात्मक पक्ष का एक अलग स्वरुप भी देखने को मिलता है. बुध का वृष राशि में प्रवेश सकारात्मक गुणों की ओर संकेत भी देता है.

बुध 23 मई 2025 को वृष राशि में प्रवेश करेंगे. बुध का गोचर इस समय अपनी मित्र राशि में होगा. 23 मई शुक्रवार के दिन दोपहर 13:00 पर बुध का वृषभ राशि में प्रवेश होगा.

बुध का वृष राशि में गोचर होना उन्मुख बनाने वाला होता है. व्यावसायिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नए प्रयास होंगे. यदि पहचान प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस अवधि में प्रतिस्पर्धा से अलग खड़े होते दिखाई देते हैं. रचनात्मक और आविष्कारशील क्षमताओं में विस्तार होता है. गंभीरता और स्थिरता द्वारा सफलता के नए मार्ग दिखाई देते हैं.

मेष राशि
मेष राशि के लिए बुध का गोचर दूसरे घर होगा. इस स्थान पर बुध के प्रभाव से कार्यशैली में बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
वित्त और संपत्ति के लिए ये गोचर प्रभावशाली होगा.
इस समय सामान्य रूप से अधिक सोच विचार एवं चर्चा पर अधिक ध्यान देने वाले हैं.
आर्थिक क्षेत्र में बदलाव अधिक रहने वाला है.
आप अपने वक्तव्य द्वारा परिवार वें लोगों को प्रभावित कर लेने में सक्षम होंगे.
आपके दृष्टिकोण नए विचारों वाले होंगे, लाभ भी मिलेगा. प्रतिस्पर्धाएं मजबूत रह सकती हैं.

वृषभ राशि
वृष राशि के लिए बुध का प्रवेश इस समय पहले भाव पर ही होगा.
बुध का गोचर मानसिकता और विचार पर असर डालने वाला होगा.
नए अवसर आपके पास होंगे ओर इसमें प्रतियोगिताओं में भी सफलताओं का अवसर होगा.
बात करने या संवाद करने में अधिक समय व्यतीत होगा.
लोगों के साथ प्रेम और सहयोग को सकारात्मक प्रतिक्रिया देते दिखाई देगी.
इस समय आप का ध्यान स्वास्थ्य, रूप-रंग और दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं इस पर विचार देंगे.
जिज्ञासाओं में वृद्धि का समय होगा तथा नवीन जानकारियां प्राप्त होंगी.

मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बुध का गोचर बारहवें घर में होगा. व्यय भाव पर बुध का गोचर कुछ मिलेजुले असर डालने वाला होगा.
खर्चों की अधिकता होगी तथा कुछ व्यर्थ के व्यय भी आपके लिए परेशानी दे सकते हैं.
बाहरी संपर्क इस समय पर अधिक बढ़ सकता है.
व्यसनों या मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से सामन अहो सकता है.
कुछ एकांत में रहते हुए अपने बारे में सोचते हुए समय बिताएंगे.
इस समय पर आप अपने विचारों को स्वयं तक सीमित अधिक रखने वाले हैं, किसी आध्यात्मिक गतिविधि में शामिल होंगे.
प्रेम संबंधों के मामले में संभल कर आगे बढ़ना होगा.

कर्क राशि
कर्क राशि के लिए यह गोचर लाभ भाव में होगा. आर्थिक मसलों में अच्छे लाभ के मौके आप देख पाएंगे.
यात्राओं का समय होगा जिसमें खर्च की वृद्धि भी होगी.
भाई बंधुओं के साथ आपके संबंधों में नए बदलाव आप देख पाएंगे.
किसी समारोह या फंग्शन में जाने का अवसर मिलेगा.
मान सम्मान की प्राप्ति का भी समय होगा कला से जुड़े विषयों पर रुझान देखने को मिलेगा.
सामाजिक रुप से सक्रियता भी बढ़ सकती है.
नई कल्पनाओं को ऊड़ान मिलेगी और कुछ नए संकल्प पूरे करने की ओर कदम बढ़ सकते हैं.

सिंह राशि
सिंह राशि के लिए बुध दशम भाव को प्रभावित करेंगे.
शेयर मार्किट अथवा संपत्ति इत्यादि में धन का व्यय कर सकते हैं.
कार्यक्षेत्र में बदलाव का समय होगा. नए काम काज में शामिल हो सकते हैं.
बड़े भाई बंधुओं के साथ मेल-जोल और नए विचार साझा करेंगे. कुछ बातों पर विरोधाभास भी दिखाई देगा.
लाभ के नए अवसर मिलेंगे
आय के नए स्त्रोत विकसित होंगे.
मित्रों एवं नए रिश्तों का आरंभ होगा
प्रेम संबंधों एवं वैवाहिक सुख में बदलाव को देख पाएंगे.
पुरस्कार एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करने का समय होगा.

कन्या राशि
कन्या राशि के लिए बुध का गोचर नवम भाव में होगा.
भाग्य का सहयोग मिलेगा, कोई सहभागी आपके भाग्य में वृद्धि का कारक भी बन सकता है.
विदेशी संपर्क प्राप्ति का समय होगा.
उच्च शिक्षा प्राप्त करने एवं आध्यतमिक दृष्टिकोण के विकास का समय होगा.
सामाजिक क्षेत्र में शामिल होंगे लोगों के साथ मेलजोल एवं संस्थागत प्रवेश प्राप्ति का समय होगा.
आपके कलात्मक रचनात्मक क्षेत्र में कुछ नवीनता प्राप्ति होगी.
आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सफलता मिल सकती है.

तुला राशि
तुला राशि के लिए बुध का गोचर अष्टम भाव पर होगा.
अकस्मात होने वाली घटनाओं में वृद्धि दिखाई दे सकती है.
कार्यक्षेत्र में बदलाव अथवा व्यवधानों से दो-चार होना पड़ सकता है.
गुप्त विरोधियों एवं छुपे रिश्तों को लेकर मन में विचार तीव्र हो सकते हैं.
आर्थिक स्थिति में घाटे के कारण परेशानी हो सकती है.
पैतृक संपत्ति एवं कुटुम्ब में कुछ बातों को लेकर जोड़तोड़ बना रह सकता है.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए बुध का गोचर विवाह भव पर होगा, बुध के प्रभाव से रिश्तों में वृद्धि का समय होगा.
जीवन में संबंधों की ओर झुकाव होगा. वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं.
साझेदारी में किए जाने वाले कार्यों में कुछ परेशानी उत्पन्न हो सकती है.
रहन सहन में बदलाव का समय है कुछ नई वस्तुओं का आगमन घर पर हो सकता है.
आर्थिक स्थिति में खर्चों की अधिकता बनी रह सकती है.

धनु राशि
धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी होता है. वृष पर गोचर करने के कारण छठे स्थान पर इसका प्रभाव अधिक होगा.
इस समय के दौरान व्यवसाय या नौकरी में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे.
लाभ प्राप्त करने के साथ-साथ दूसरों का सहयोग भी प्राप्त कर सकते हैं.
प्रतिस्पर्धा तो होगी लेकिन साथ में आगे बढ़ने के अवसर भी सामने होंगे.
काम में विस्तार करने से पुर्व सोच समझ कर योजना बनाने की आवश्यकता होगी.
जल्दबाजी में करना या कोई भी निर्णय लेने से नुकसान भी हो सकता है.
एजुकेशन पर ध्यान केंद्रित करने से संबंधित कुछ समस्या हो सकती है.
स्वास्थ्य की दृष्टि से अपना और दूसरों का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी.

मकर राशि
मकर राशि के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है. वृष राशि में गोचर का अर्थ है की इस समय पर पंचम भाव में गोचर होगा.
शिक्षा, प्रेम संबंधों, मित्रता, संतान से जुड़े मसले अधिक प्रभावित रह सकते हैं.
इस समय पर कला एवं रचनात्मक कार्यों में शामिल होने का मौका भी मिल सकता है.
छात्रों के लिए यह एक अच्छा समय होगा. समस्याओं को सहजता से हल करने में सक्षम हो सकते हैं.
लॉटरी और सट्टेबाजी के माध्यम से धन लाभ अर्जित करने का झुकाव भी अधिक रह सकता है
व्यापारियों को भी इस दौरान लाभ मिल सकता है.
प्रेम संबंधों का आरंभ हो सकता है लेकिन ध्यान रखें कि अनावश्यक विवादों से दूर ही रहें.

कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी होता है. वृष राशि में गोचर होने से आपके सुख स्थान पर इसका प्रभाव होगा.
इस गोचर के कारण जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव महसूस कर सकते हैं.
काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है.
निजी जीवन में, पति-पत्नी और प्रेम विवाह मामलों में नोकझोंक बनी रह सकती है.
माता का सुख एवं सहयोग प्राप्त होगा. ससुराल पक्ष से भी कुछ सकारात्मक रुख दिखाई देगा.
इस गोचर के दौरान मामूली चोट लग सकती है अथवा सर्दी और खांसी से संबंधित सेहत की समस्याएं परेशान कर सकती हैं.

मीन राशि
मीन राशि के लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी होते हैं. वृष राशि गोचर के दौरान आपके तीसरे भाव में इनका प्रभाव होगा.
आपके पराक्रम एवं साहस में वृद्धि होगी. आप उत्साहजनक रुप से आगे बढ़ सकते हैं.
इस गोचर के प्रभाव स्वरुप संचार कौशल में सुधार होगा ओर लाभ के अवसर मिल सकते हैं.
लंबी अवधि की योजनाओं में निवेश करना अनुकूल रह सकता है.
यात्राएं अधिक रह सकती है जिनसे कुछ लाभ भी प्राप्त हो सकता है.
माता पिता के साथ संबंधों में सुधार होगा, कुछ तनाव का अनुभव भी कर सकते हैं.
भाई बंधुओं की ओर अधिक ध्यान रह सकता है.

Posted in Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , | Leave a comment

सूर्य का वृषभ राशि गोचर 14 मई से 15 जून तक

सूर्य का वृषभ राशि गोचर

सूर्य का वृषभ राशि गोचर के द्वारा आपको आर्थिक रुप से प्रभावशाली होगा. इस समय के दौरान आप के पास कुछ बेहतर नए विकल्प आपको आय के नए स्त्रोत दिलाने में सहायक होगा.

मेष राशि
मेष राशि के लिए सूर्य का गोचर धन भाव में होगा. आर्थिक क्षेत्र मुख्य रुप से इस समय प्रभावित होगा. आप अपने मनोरंजन, संतान, अध्ययन, व्यावसाय, शिक्षा के मामलों में धन लाभ ओर खर्च को देखेंगे. इस समय पर आपके भीतर जो भी विकास होगा उसमें कुछ हिस्सा पिछले कर्मों के रुप में भी होगा. आपकी वाणी द्वारा कठोरता होगी, दूसरों को अपनी बातों को सहमत कराने की योग्यता विकसित होगी. परिवार के साथ रिश्तों में जिम्मेदारियों की वृद्धि होगी. आपकी अभिव्यक्ति अब बदलाव लाएगी. वैसे तो आप बोलने में स्पष्ट हैं किंतु अब सीधे ओर गहराई से अपनी बात को कहने में सफल होंगे. कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं जो दूसरों को कठोर लग सकते हैं. आपको अपनों से कुछ दूर भी होना पड़ सकता है. पारिवारिक जीवन में आप तनाव ओर गंभीरता को पाएंगे. माता-पिता और घर के अन्य सदस्यों के साथ संघर्षभी रह सकता है. परिवार के समर्थन और सहायता की कमी महसूस हो सकती है. सीखने और प्रदर्शन के क्षेत्र में आप काफी मजबूत स्थिति में होंगे. माता-पिता गर्व महसूस कर सकते हैं आपके कार्यों में पर आपको उनकी ओर से कुछ रुखा व्यवहार मिल सकता है. शौक और अभिरुचियों का उपयोग करके भी लाभ अर्जित कर सकते हैं.

वृषभ राशि
वृष राशि के लिए सूर्य का गोचर इन्हीं की राशि पर होगा तो विशेष रुप से आप को प्रभावित करने वाला होगा. इस समय स्वयं के रहन सहन पर धन व्यय कर सकते हैं. सुख साधनों, भूमि, संपत्ति और वाहन लेने को लेकर योजनाएं बना सकते हैं. आप के व्यक्तिगत विकास, आत्म सम्मान, अभिव्यक्ति में बदलाव दिखाई देगा. पैसों से जुड़े मामले में यह समय आपके धन को अधिक खर्च करवा सकता है. लेकिन एक से अधिक स्रोतों से कमाई की संभावनाएं भी बनें. काम के क्षेत्र में आप कमान संभालेंगे और महत्वाकांक्षी रूप से अपने लक्ष्यों का पीछा करने मं अधिक शक्ति लगाने वाले हैं. अगर आप किसी टीम के अन्य सदस्यों या वरिष्ठ प्रबंधन में जुड़े हुए हैं तो कुछ संघर्ष स्वाभाविक रुप से दिखाई दे सकता है. परिवार और सदस्यों के प्रति संवेदनशील होंगे, अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं रह सकती हैं. आप कुछ कठोर, नियम पालक और हावी रह सकते हैं. जीवनसाथी के साथ आपके संबंधों में मतभेद उभर सकते हैं. एक दूसरे के साथ विचारों का अलगाव होगा अपने साथी को संभालना मुश्किल हो सकता है इसलिए शांत होकर काम करना होगा. प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा परिणाम मिल सकता है. अन्य लोगों की बातों एवं सलाह पर ध्यान दीजिए चाहे अपने मन से काम करें लेकिन अपनी ओर से उनको प्रमुखता दीजिए स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की सलाह दी जाती है सिरदर्द, माइग्रेन और उच्च रक्तचाप से जुड़े मामले परेशानी दे सकते हैं.

मिथुन राशि
परिक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए यह समय काफी कड़े संघर्ष का होगा. विदेश जाने का योग भी बन रहा है अथवा किसी दूरस्थान पर बैठे लोगों के साथ आपकी बातचीत या मित्रता भी हो सकती है. विदेशी कंपनियों में कार्यरत लोगों के लिए समय अनुकूल होगा. चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपने को मजबूत बना कर रखें. आपका जुनून ऊंचा रहेगा और लक्ष्य भी ऊंचा रहेगा. अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए समय अनुकूल नहीं है थोड़ा इंतजार करें. यदि सरकारी नौकरियों की योजना बना रहे हैं तो यह अवधि आपकी परीक्षा में बेहतर स्कोर करने या अपना आवेदन दाखिल दिलाने में आपकी सहायता करेगी. इस समय आपको अपने वरिष्ठों से आज्ञा लेने में कठिनाई होगी और हो सकता है कि आप उनकी सलाह को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश कर सकते हैं और अपनी समझ के अनुसार काम कर सकते हैं. इस दौरान नौकरी बदलने के बारे में भी आपके मन में विचार आ सकते हैं. भाई-बहनों, संचार और छोटी यात्राओं के लिए स्थिति मिलेजुले असर देगी. कुछ व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्तर पर अपने प्रयासों में मेहनत के बावजूद उचित लाभ न मिल पाए. लोगों साथ कुछ गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है. आप इस दौरान यात्रा करना और नई जगहों की खोज करना पसंद कर सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से आपको अपनी आंखों का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान आपको संक्रमण और एलर्जी होने का खतरा रह सकता है.

कर्क राशि
कर्क राशि के लिए सूर्य का गोचर लाभ स्थान पर होगा जिसके चलते इच्छाओं की पूर्ति लाभ खर्च समान रुप से वृद्धि अपनों के साथ मेल जोल रहेगा. इस दौरान आपका कामकाजी जीवन थोड़ा अस्त-व्यस्त रह सकता है. आपको कुछ यात्रा योजनाएँ बनानी पड़ सकती हैं. जो लोग विदेशी बाजार में काम कर रहे हैं या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत हैं, उन्हें इस अवधि में आशा से कुछ अच्छा लाभ मिल सकता है. काम में वृद्धि देखने को मिल सकती है. आपका दृष्टिकोण और रणनीति ही सफलता दिलाएगी. जो लोग प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं उन्हें किस्मत का साथ मिल सकता है. लोगों के साथ मेलजोल करना पसंद करेंगे और कुछ नए दोस्त बना सकते हैं. दोस्तों के साथ मिलने या परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ अच्छे मस्ती भरे पल भी बिता पाएंगे. उच्च अधिकारियों के लोगों के संपर्क में आ सकते हैं, जीवनसाथी के साथ कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं. कुछ नई चीजों की खरीदारी का भी मन आप अधिक रख सकते हैं.

सिंह राशि
सिंह राशि के लिए यह गोचर कार्यक्षेत्र में बदलाव ओर अवसरों को दिखाने वाला होगा. आर्थिक लाभ के मामले में आप नए मार्ग बना सकते हैं. आप अपने व्यवसाय में कुछ निवेश की योजना भी बना सकते हैं. आपको वेतन में लाभ के साथ पदोन्नति भी मिल सकती है. अपने वरिष्ठों के साथ अच्छे संबंध बन सकते हैं. आपकी प्रोफ़ाइल लोगों को पसंद आ सकती है. कुल मिलाकर आप अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठा बनाएंगे. आप इस अवधि के दौरान उच्च स्तर के लोगों से मुलाकात कर पाएंगे समाज में अच्छी प्रतिष्ठा बनाएंगे. माता-पिता के साथ आपके संबंध सुधार को पाएंगे उनकी ओर से आपको कुछ अच्छे सुझाव व लाभ भी मिल सकते हैं. परिवार में कुछ सदस्यों के रवैये के चलते थोड़ी परेशानी भी होगी लेकिन स्थिति को शांति व धैर्य के साथ नियंत्रित किया जा सकता है. आप इस अवधि के दौरान घर के लिए कुछ चेंज का विचार कर सकते हैं. स्वास्थ्य के मामले में अपना और अपने वरिष्ठ लोगों का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी.

कन्या राशि
कन्या राशि के लिए सूर्य का गोचर नवम भाव में होगा भाग्य का सहयोग मिलेगा. भाग्य, करियर, रिश्ते, आध्यात्मिक पक्ष अधिक प्रभावित होगा. साथ ही जीवन के प्रति अति महत्वाकांक्षी और अधिकारपूर्ण बनाएगा. पदोन्नति आपके पक्ष में होगी. आप अपने संगठन में एक अच्छा नाम और पहचान अर्जित कर पाएंगे. जो लोग अपने करियर में आधिकारिक पद को प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वे अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हो सकते हैं. गुरुजनों और वरिष्ठ लोगों का साथ मिलेगा. नौकरी बदलने और सरकारी नौकरियों में जाने के लिए भी समय अनुकूल है. व्यवसाय में लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाने में सक्षम होंगे, जिससे कारोबार में वृद्धि और सफलता मिलेगी. यात्राओं को कर पाएंगे आध्यात्मिक झुकाव रहेगा इसके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ाई कर सकते हैं. धर्म स्थानों की यात्राएं हो सकती हैं. गुरुजनों के सतसंग को प्राप्त कर सकते हैं. पिता का सहयोग जीवन को दिशा प्रदान करेगा.

तुला राशि
तुला राशि के लिए सूर्य का अष्टम घर पर गोचर होगा जिसके चलते स्थितियं अचानक से आप पर असर डाल सकती हैं. इस अवधि में विशेष ध्यान से काम करने की सलाह दी जाती है. इस समय शास्त्रों को समझने के लिए आप तीर्थ स्थानों की यात्रा कर सकते हैं. आप अपने पूर्वजों के द्वारा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यज्ञ करना, दान करना, मंत्र इत्यादि से जुड़ सकते हैं. पिता के साथ आपके संबंध इस दौरान भले ही बहुत दोस्ताना न हों लेकिन एक-दूसरे के प्रति सम्मान रहेगा उनके स्वास्थ्य पर ध्यान भी रखने की आवश्यकता होगी. जो छात्र शोध विषयों के लिए आगे की पढ़ाई की योजना बना रहे हैं उनके लिए समय अनुकूल रह सकता है. विदेशी कॉलेजों में प्रवेश की योजना बना रहे हैं तो समय प्रबल है, नौकरी या कर्म स्थान पर आपको असंतुष्टि का स्तर मिल सकता है. काम के प्रति एकाग्रता की कमी रह सकती है. धन के मामले में यह समय कुछ अनिश्चित रह सकता है. इस समय कोई भी निवेश न करना ही अधिक अनुकूल होगा. सट्टा बाजारों में निवेश करना उचित नहीं है. जो लोग संयुक्त उद्यम में काम कर रहे हैं उन्हें थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य का ध्यान रखें शरीर में दर्द, जलन, छाले और थकान से पीड़ित हो सकते हैं.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य सातवें घर पर गोचर करने वाले हैं. कुछ दबंग और जिद्दी हो सकते हैं. इस दौरान आप गहरे विचारों में रह सकते हैं और कुछ बातों में जल्द से प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं जो सभी के लिए ग्राह्य न हो पाए. आप हर चीज का मूल्यांकन और न्याय करने का प्रयास करेंगे. आपके मित्र के साथ आपके संबंध मजबूत हो सकते हैं. अहम भाव आपके रिश्तों पर असर डाल सकता है. जीवन के गहरे रहस्यों के बारे में जानने की जिज्ञासा रखेंगे. आप अपने आस-पास की चीजों पर भी सवाल उठा सकते हैं. अपने सहयोगियों के प्रति भ्रामक प्रवृत्ति जन्म ले सकती है. व्यवसाय की वृद्धि के लिए नई रणनीति की योजना बनाने के लिए समय अनुकूल है लेकिन किसी भी प्रकार के कार्यान्वयन को अधिक विचारशील होकर ही करना चाहिए. जो लोग पार्टनरशिप के कारोबार में काम कर रहे हैं उन्हें थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि पार्टनर के साथ आपकी तीखी बहस हो सकती है. वैवाहिक जीवन में भी स्वाभिमान अधिक स्थान बना सकता है और मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं.

धनु राशि
धनु राशि के लिए सूर्य का गोचर छठे घर में होने से आप थोड़े आक्रामक और दबंग रह सकते हैं. व्यक्तिगत या काम के स्तर पर किसी से भी काम लेना आपके लिए मुश्किल हो सकता है. आपके रवैये को लेकर दूसरे असहमती दिखा सकते हैं. आपके जीवनसाथी के लिए स्थिति तनाव वाली रह सकती है, वैवाहिक जीवन में कुछ गड़बड़ी रह सकती है. किसी बातचीत में शामिलहोने से पूर्व स्थिति को समझ लेना उचित होगा अन्यथा व्यर्थ का तनाव मिल सकता है. पदोन्नति और धन वृद्धि के लिए अधिक परिश्रम करना होगा. फिटनेस के प्रति आपकी रुचि और झुकाव बढ़ सकता है. प्रत्येक चीज के प्रति अपने दृष्टिकोण में मजबूत और आत्मविश्वासी रह सकते हैं. प्रतिस्पर्धियों और शत्रुओं पर हावी रह पाएंगे. स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप चिंता, दुर्घटना, स्ट्रोक और कोलेस्ट्रॉल इत्यादि से परेशान हो सकते हैं

मकर राशि
मकर राशि के लिए सूर्य का गोचर पांचवें भाव में होगा. संतान, शिक्षा और प्रेम, मित्रता, धार्मिक स्थिति इन सभी स्थिति पर सूर्य का असर दिखाई दे सकता है. नई चीजें सीखने की ओर आपका झुकाव रह सकता है. शोध विषयों में रुचि रह सकती है. जो लोग प्रेम संबंधों में हैं उनके लिए समय मिलाजुला सा रह सकता है. प्रेमी के साथ आपकी कुछ विचारों में सहमती नहीं बन पाए. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान थोड़ा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. स्वास्थ्य के लिहाज से एसिडिटी, पेट दर्द और अपच संबंधित कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से परेशान कर सकती हैं. शोधकर्ताओं और दार्शनिकों के लिए समय अनुकूल है. कुछ नए पाठ और अध्ययन के मामले मिलेंगे जो ज्ञान का विस्तार करेंगे. जो लोग शादी करने के इच्छुक हैं उन्हें अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं. नई परियोजनाओं और सौदों से अच्छा पैसा कमाने में सक्षम रह सकते हैं.

कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए चतुर्थ भाव में बुध का गोचर होगा विद्यार्थियों विशेषकर जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए यह समय अनुकूल है. आपको सफलता प्राप्त हो सकती है. आप अपने कार्यस्थल पर एक मजबूत और प्रभावशाली स्थिति में रह पाएंगे. टीम से अपना काम करवा पाएंगे और सदस्यों पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं. अधीनस्थों से थोड़ी राजनीति देख सकते हैं लेकिन वे आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति या प्रोत्साहन मिल सकता है. माता के स्वास्थ एवं व्यवहार के कारण थोड़ा तनावपूर्ण रह सकते हैं. परिवार में कुछ लोगों के साथ मतभेद का सामना हो सकता है. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करने की आवश्यकता होगी. करियर में नाम और प्रसिद्धि पाने के अवसर मिल सकते हैं. नया काम आरंभ किया जा सकता है. साजेदारी में काम शुरु हो सकता है. पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ने का समय भी दिखाई देगा.

मीन राशि
मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर तृतीय भाव में होगा. प्रतिस्पर्धा, परिश्रम का समय बनेगा. अपनी कला, संस्कृति, रुचि की ओर अधिक झुकाव होगा. भाई-बहनों के साथ संबंधों का नया आयाम जुड़ता दिखाई देगा. संचार के क्षेत्र में अच्छे अवसर मिल पाएंगे. सपनों को पूरा करने के लिए चुनौतियौं को लेकर संघर्षरत होंगे. अभिरुची, खेलकूद इत्यादि गतिविधियों को करने में सक्रिय रहे सकते हैं. कुछ नई चीजें सीखने का अवसर मिलेगा. साहसिक कार्यों तथा यात्राओं की योजना बना सकते हैं. आप नए दोस्त बना सकते हैं. सामाजिक रुप से इस दौरान ज्यादा मेलजोल बढ़ने की स्थिति उत्पन्न होती है. कानूनी मसले, विवाद इत्यादि में सफलता मिल सकती है. भाई बहनों के साथ नोकझोंक बनी रह सकती है. आर्थिक स्थिति मिलेजुले फलों को दर्शाने वाली होगी.

Posted in Basic Astrology, Hindu Calendar, Hindu Maas, Hindu Rituals, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Leave a comment

शुक्र का मीन राशि प्रवेश : मीन राशि में शुक्र का गोचर देगा विशेष प्रभाव

शुक्र का गोचर मीन राशि में होने पर शुक्र के बलाबल में वृद्धि होगी. मीन राशि में शुक्र उच्च स्थिति को पाता है. शुक्र ग्रह, विलासिता, आनंद, रचनात्मकता, प्रेम, विवाह और जुनून को प्रभावित करता है. मीन राशि में शुक्र ग्रह का गोचर रचनात्मकता को बढ़ाने वाला होगा, आत्मिक रुप से विकास को गति मिलेगी, नई रहस्यमय चीजें को जानने के प्रति जिज्ञासा होगी, अंतर्निहित प्रतिभा के क्षेत्र में उजागर होने का अवसर प्राप्त होगा.

शुक्र मीन राशि में कब प्रवेश करेगा

शुक्र का मीन राशि में प्रवेश 28 जनवरी 2025 को होगा.

शुक्र 28 जनवरी 2025 को सुबह 06:02 मिनिट पर मीन राशि में प्रवेश करेगा.

भावनाओं मुख्य रुप से उत्तेजना को दर्शाता है और इस समय यह सभी प्रकार की सीमाओं को पार करने वाला बन जाता है. मुक्त होकर स्वच्छंद रुप से बहना इसे पसंद होता है.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का मेष राशि पर प्रभाव
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर बारहवें भाव पर होगा. शुक्र के इस स्थान पर होने से ये समय मिश्रित फलों को देने वाला होगा. शुक्र की स्थिति मजबूत होगी यहां पर ऎसे में आपके कार्य क्षेत्र में विस्तार के मौके होंगे लेकिन साथ ही धनार्जन के लिए भी ये समय बेहतर रह सकता है. बाहरी संपर्क इस समय लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं. इस समय धन की प्राप्ति के साथ साथ खर्चों की भी अधिकता हो सकती है. जीवन साथी के लिए एवं व्यवसाय हेतु आप अपनी बचत को खर्च कर सकते हैं, ऎसे में धन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो चिंता का विषय बन सकती हैं.

कारोबार में मुनाफा मिल सकता है. इसी के साथ कुछ ऎसे कामों में लाभ के मौके मिलेंगे जो तकनीक एवं कला से संबंधित जुड़ाव रखते हैं.विदेशी परियोजनाओं में काम करने की भी पेशकश की जा सकती है.इस समय व्यसनों से बचना चाहिए क्योंकि कुछ विशेष आदतों पर आप अधिक एकाग्रचित हो सकते हैं. व्यापार से संबंधित यात्राएं भी इस समय बनी रह सकती हैं. नवविवाहित जोड़े विदेश यात्रा पर जा सकते हैं. स्वास्थ्य को लेकर ध्यान बनाए रखें क्योंकि छोटी-मोटी बीमारियां परेशान कर सकती हैं.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का वृष राशि पर प्रभाव
वृष राशि के जातकों के लिए शुक्र का प्रभाव एकादश भाव स्थान पर होगा. इस के प्रभाव से आप अपनी प्राथमिकताओं की ओर कुछ अधिक ध्यान देना चाहेंगे. आप अपने आप ओर अपने आस पास कि चीजों से प्रभावित होंगे. खुद में कुछ बदलाव या किसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. नई वस्तुओं को पाने और स्वयं पर कुछ बदलावों का भी समय होगा. अपनी देखरेख पर भी व्यय बना रह सकता है. कुछ महत्वपूर्ण चीजें जैसे की कार्य क्षेत्र में पदोन्नति और वेतन वृद्धि जैसे कुछ अच्छे लाभ मिलने की संभावनाओं को मजबूती मिलेगी. अपने लिए निर्मित किए कुछ उद्देश्य पूरे होंगे जिससे मानसिक शांति तथा संतुष्टि मिल पाएगी.

स्वास्थ्य पर मोसम के बदलाव एवं कफ इत्यादि का असर रह सकता है लेकिन जल्द इसमें सुधार देखने को भी मिलेगा. यदि लंबे समय से कोई बीमारी परेशानी कर रही थी तो अब खत्म हो सकती है. मित्रों का साथ मिलेगा ओर कुछ नए दोस्त जीवन में शामिल भी हो सकते हैं. इस समय पर मुख्य रुप से किसी भी प्रकार के अभिमान एवं अत्यधिक उत्साह से बचना चाहिए. प्रेम जीवन में रोमांस और आत्मीयता बनी रहेगी. साथी के साथ कुछ अच्छा समय बिता पाएंगे. छात्र अपनी शिक्षा में अच्छा करेंगे मुख्य रुप से वो छात्र जो किसी अभिरुचि एवं दक्षता से जुड़े काम कर रहे हैं उन्हें बेहतर परिणाम मिल सकते हैं

शुक्र के मीन राशि में गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर दशम भाव में होगा. यह गोचर मिथुन राशि को सुख और पारिवारिक शांति प्रदान करने में सहायक होगा. घर हेतु कुछ नई वस्तुओं की प्राप्ति का भी समय बना हुआ है. वाहन, होम अप्लायंस जैसी वस्तुओं को इस समय खरीद सकते हैं. माता की ओर से प्रेम ओर सहयोग प्राप्त होगा. अपने कुछ सपनों को पूरा कर सकते हैं. नई नौकरी पाने या अपने व्यवसाय को करने के लिए ये समय सहायक बन सकता है. जो छात्र अपनी उच्च शि़अ प्राप्ति का सपना देख रहे हैं उन्हें अब इस पर आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे तथा कुछ अच्छे संस्थानों में आवेदन करने का मौका मिलेगा.

आपकी मेहनत एवं प्रयासों के लिए सर्वोत्तम परिणाम पाने का समय होगा लेकिन इसी के साथ जरूरी है कि अति आत्मविश्वास से बचें. जो लोग स्म्चार या कला संबंधी विषयों में काम कर रहे हैं उनखि प्रतिभा में निखार देखने को मिलेगा. आपका संपर्क कौशल बहुत अच्छा रह सकता है जो अन्य लोगों को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम होगा. खर्चों की अधिकता इस समय रहेगी ओर साथ ही कुछ मसलों पर बहुत अधिक सोच विचार भी रह सकता है ऎसे में मन अशांत्भी होगा इसलिए अधिक सोचने से बचना चाहिए क्योंकि इससे रचनात्मक कार्यों में बाधा आ सकती है. अपने काम पर एकाग्र बने रहें.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर नवम भाव पर होगा. शुक्र के गोचर के प्रभाव द्वारा परिवार एवं आर्थिक क्षेत्र पर इसका असर देखने को मिल सकता है. लाभ के क्षेत्र में किस जाने वाले प्रयासों को सफलता का रुख दिखाई देगा. कार्य जातकों के चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामी शुक्र अपनी उच्च अवस्था में होने के कारण भाग्य का सहयोग भी काम करेगा. कुछ नई संपत्ति की प्राप्ति का योग बनेगा. उच्च वरिष्ठ लोगों के साथ संपर्क साधने का मौका मिलेगा. कुछ शुभ यात्राओं का अवसर भी मिलेगा. आध्यतमिक पक्ष को शुभता प्राप्त होगी ओर जीवन में कुछ मार्ग खुलेंगे. इस समय पर भाई बंधुओं क अप्रेम व सहयोग आपको मिल पाएगा.

परिवार में कुछ लोग आपके लिए एक मजबूत पक्ष के रुप में उभर सकते हैं. बच्चों की ओर से आप कुछ चिंता में दिखाई दे सकते हैं लेकिन धीरे धीरे स्थिति सकारात्मक होगी जिसके चलते राहत के अवसर दिखाई देंगे. किसी न किसी रुप से कुछ आर्थिक लाभ तथा पदोन्नति के रूप में व्यावसायिक सफलता मिल सकती है. पैतृक स्थान से दूर नई संपत्ति खरीदने की संभावना अधिक है. व्यवसायी लोग मुनाफे का आनंद लें सकते हैं और नई चीजों को अपने काम में शामिल कर सकते हैं.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर अष्टम भाव में होगा. इस स्थान पर शुक्र की स्थिति कुछ मसलों में अचानक से चिंता को बढ़ाने वाली हो सकती है तथा दूसरी ओर किसी आकस्मिक धन की प्राप्ति का योग भी प्राप्त हो सकता है. इस समय पर प्रेम संबंधों को लेकर कुछ न कुछ तनाव बना रह सकता है. वैवाहिक मसलों में दूसरों का दखल मुद्दों को बढ़ाने वाला हो सकता है इसलिए इस समय जितना धैर्य व शांति से काम लेते हैं उतना ही बेहतर होगा. नौकरी के क्षेत्र में यह समय कठिनाइयों से भरा रह सकता है, कुछ लोग गुप्त रुप से परेशान कर सकते हैं.

कार्यस्थल की राजनिती से स्वयं को बचाने का प्रयास करना ही उचित होगा. कुछ रहस्यमय भावनाओं में वृद्धि होगी जैसे प्रेम एवं अन्य इच्छाओं को लेकर आप काफी उत्सुक भी रह सकते हैं. कुछ धन ऎसे मसलों पर अधिक लग सकता है जो गुप्त रुप से करना चाहेंगे. भाई बहन मुद्दों को सुलझाने के लिए आपसे सहायता प्राप्त कर सकते हैं यात्राओं में कुछ परेशानी की स्थिति रह सकती है इसलिए अनावश्यक यात्राओं से दूर रहना ही उचित होगा. सेहत के लिहाज से संक्रमण एवं यौन रोगों का असर प्रभावित कर सकता है.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के जातकों के लिए सप्तम भाव में शुक्र का गोचर होगा. शुक्र ग्रह कन्या राशि के लिए दूसरे और नौवें भाव का स्वामित्व पाता है. इस समय पर स्थिति इन मामलों को अधिक प्रभावित करने वाली होगी. इस समय जीवन में किसी नए व्यक्ति का आगमन हो सकता है. दांपत्य जीवन में चले आ रहे विवादों को सुलझाने का एक बेहतर समय होगा ओर साथी के सहयोग व प्रेम की प्राप्ति होगी. परिवार के लोग आपके रिश्ते से भी प्रभावित होंगे. आप मानसिक रुप से मजबूत होंगे तथा भावनात्मक रुप से किसी के करीब अधिक झुकाव का अनुभव कर सकते हैं. आपके काम के क्षेत्र मुख्य रुप से व्यवसायिक हितों की पुष्टि का समय होगा.

अपने सहयोगी एवं साथी से मुनाफा कमाने में मदद मिल सकती है. पार्टनर के बीच संबंध और मजबूत होंगे. जो लोग व्यवसाय में हैं, उनके लिए व्यापार और इस तरह के संबंध बनाने में एक अद्भुत समय हो सकता है. यात्राएं सफल होंगी और यात्रा के लिए यह एक अच्छा समय है. राजनीति एवं सामाजिक क्षेत्र में लोग लाभ उठा सकते हैं और कुशल नेतृत्व कर सकते हैं. धन का निवेश करने में आगे रह सकते हैं तथा मानसिक संतुष्टि से भरा समय भी होगा. अपने आसपास के लोगों का प्यार भी मिल सकता है.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर छठे भाव पर होगा. इस स्थान पर शुक्र की स्थिति काफी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इस समय पर संघर्ष एवं चुनौतियों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. छठे भाव में स्थिति मजबूत शुक्र का प्रभाव धन के संदर्भ में खर्चों की अधिकता को दिखाता है. इस समय पर दूसरों को धन देने से बचना चाहिए. कुछ ऎसे कामों को करने से बचना चाहिए जिसमें रिस्क अधिक हों. निवेश को सोच समझ कर करना ज्यादा बेहतर होगा. फैसलों को सोच समझ कर लेना ज्यादा बेहतर होगा. स्त्री पक्ष की ओर से कुछ परेशानियां खड़ी हो सकती हैं.

इस समय पर सेहत के लिहाज से कुछ परेशानी रह सकती है.किसी तरह के व्यस्नों की अधिक झुकाव भी बढ़ सकता है इसलिए इन बातों की ओर ध्यान बना कर रखना होगा अन्यथा सेहत जल्द प्रभावित हो सकती है. यह समय आर्थिक बाधाओं से भरा रह सकता है कमाई से अधिक व्यय बने रह सकते हैं. लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पाएं. पैसे बचाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है. अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए कार्य में सतर्कता और सजगता की आवश्यकता होगी.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर पंचम भाब पर होगा. इस स्थान पर शुक्र की स्थिति रिलेशनशिप के साथ साथ आपकी योग्यताओं को भी प्रभावित करने वाली होगी. सोच का स्तर विकसित होगा नई नई चीजों को करने का मन कर सकता है. नए अनुभवों से जुड़ने की कोशिश भी कर सकते हैं. इस समय आपकी भावनाएं काफी प्रबल होंगी. रोमांस मजबूत होगा किसी नए व्यक्ति से जुड़ाव का अवसर भी मिलेगा. पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर मिलेगा.

संबंध मजबूत होंगे और साथ ही अगर कोई तनाव उभरता भी है तो उसे दूर कर पाने में भी आप काफी सफल रह सकते हैं. झगड़े और गलतफहमी दूर करने का समय है इसलिए अपनी ओर से प्रेम को बढ़ाने की कोशिशों को आगे ले जाया जा सकता है. दोस्तों के साथ कुछ घूमने फिरने का मौका मिलेगा ओर नए दोस्त भी इस समय आप के साथ शामिल हो सकते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. रचनात्मकता अपने उच्चतम स्तर पर होगी और इससे धन और मान सम्मान पाने में भी सहायता मिल सकती है. मित्रों और विपरीत लिंग के बीच लोकप्रियता बढ़ सकती है. संतान का सुख प्राप्त हो सकता है ओर बच्चों को लेकर पेरेंट्स काफी जागरुक भी रहें तो अच्छा होगा.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का धनु राशि पर प्रभाव
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर चतुर्थ भाव पर होगा. इस स्थान पर इस समय पर पर्वार के साथ सहयोगिता एवं सहभागिता के गुण मिल सकते हैं. घर के क्षेत्र में निर्माण से जुड़े काम तथा कुछ नए चीजों का फेरबदल रह सकता है. इस समय पर कुछ वाहन एवं नई वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है. पारिवारिक मोर्चे पर समृद्धि का समय देखने को मिल सकता है. लोगों का आगमन घरेलू व्यस्तता को बढ़ाने वाला हो सकता है. औपचारिक कार्यक्रम में भी पर शामिल होंगे और बहुत सारे मेहमानों से मिलने का मौका मिलेगा.

इस समय माम्गलिक कार्य भी संपन्न हो सकते हैं. खुशी और उत्साह का अनुभव कर सकते हैं. पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे माता का स्नेह आपको जीवन में आगे बढ़ने का अवसर देगा. नौकरी में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. विलासिता और सुख-सुविधाओं के उपभोग पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला रह सकता है.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का मकर राशि पर प्रभाव
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर तृतीय भाव पर होगा. इस स्थान पर शुक्र की स्थिति आपकी कुशलता को निखारने वाली हो सकती है. यात्राएं होंगी जिनमें कुछ मस्ती और लाभ के अवसर भी मिल सकते हैं. ये यात्राएं परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर हो सकती हैं. अपनों का साथ कुछ सुकून देने वाला हो सकता है.

अपने भाई बहनों का प्रेम पाने में आप सफल रह सकते हैं. जीवन में नए दोस्त बन सकते हैं, इस दौरान प्यार अपने चरम पर रहेगा और उसके लिए आप काफी भावुक भी रह सकते हैं. संतान को लेकर भागदौड़ अधिक रह सकती है. छात्र अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सक्षम हो सकते हैं. काम के क्षेत्र में सहकर्मियों के साथ मिलकर काम करने का माहौल थोड़ा बेहतर होगा. कुछ नए स्थानों पर भ्रमण द्वारा नई चीजों से अवगत हो पाएंगे.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर दूसरे भाव पर होगा. इस स्थान पर शुक्र की स्थिति आपके आर्थिक मसलों आपकी वाणी एवं संपर्क बनाने की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली होगी. अपने लोगों का सहयोग मिल सकता है और साथ ही कुछ महत्वपूर्ण फैसलों को लेने में अपनों का सहयोग भी मिल सकता है. कुछ सकारात्मकता आपके भीतर भी आएगी.

आप अपने आर्थिक पहलु को मजबूती देने में भी सक्षम रह सकते हैं. धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने का अवसर भी मिलेगा. प्यार के संदर्भ में जीवन साथी के साथ अच्छा समय बिता पाएंगे. परिवार में कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर आपकी राय को भी महत्ता दी जा सकती है. खान पान में बदलाव की स्थिति प्रभावित करने वाली होगी कुछ विशेष चीजों की ओर रुझान बढ़ सकता है. सामाजिक प्रतिष्ठा पाने में भी आप सफल हो सकते हैं. संपत्ति इत्यादि के द्वारा लाभ के अवसर पा सकते हैं.

शुक्र के मीन राशि में गोचर का मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर पहले भाव पर ही होगा. मीन राशि पर ही शुक्र का गोचर काफी प्रभावशाली समय हो सकता है. प्रथम भाव में शुक्र स्वयं स्थित होने से आपक आकर्षक एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व को पाएंगे. मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे व अष्टम भाव का स्वामी होता है. इस दौरान शारीरिक रुप से आप कुछ थकान का अनुभव कर सकते हैं इसीलिए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी. इस समय के दौरान वित्तीय स्थिरता भी मिल सकती है. आय के लिए अतिरिक्त स्त्रोत भी मिलेंगे.

शोध के प्रति काफी झुकाव रहेगा तथा अनजान चीजों को जानने की ओर आपका रुझान भी अधिक रह सकता है. आपको अपने भाई-बहनों में काफी आत्मविश्वास दिखाई देगा और वह आपके लिए सहायक बन सकेंगे. इस समय आप स्वयं में उत्साह एवं रोमांच का अनुभव कर पाएंगे. प्रेम तथा सकारात्मकता का प्रभाव जीवन में होगा. दाम्पत्य जीवन सुख शांति से भरा रह सकता है. पार्टनर एक-दूसरे को समझेंगे और एक-दूसरे का सहयोग देने के लिए आगे रह सकते हैं.

Posted in Basic Astrology, Planets, Signs, Transit, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , | Leave a comment

सूर्य का गोचर मेष राशि में (14 अप्रैल से 15 मई 2025)

सूर्य का गोचर मेष राशि में अप्रैल माह के मध्य में होता है. इस समय पर सूर्य अपनी उच्चतम राशि की ओर प्रवृत्त होता है. सूर्य के गोचर का ये समय विशेष गतिविधियों के लिए खास होता है. इसी समय पर सूर्य की स्थिति काफी तीव्र होती है. इस समय के दोरान प्रत्येक राशि पर सूर्य की उच्चतम ऊर्जा का प्रवाह दिखाई देगा. कार्य क्षेत्र के साथ साथ ये स्थिति प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली होती है.

14 अप्रैल , 2025, सोमवार को 03:21 में सूर्य का मेष राशि प्रवेश होगा.

इस समय पर विचारों में तीव्रता, अहम की उत्पत्ति अधिकार की भावनाए, दृढ़ता इत्यादि की तीव्रता का संकेत इस राशि में सूर्य की स्थिति को प्राप्त होता है. साहस में वृद्धि, फैसलों को लेने में निर्णायक स्थिति अब दिखाई देती है. मेष राशि मंगल ग्रह के स्वामित्व की राशि है इसलिए जब सूर्य इस राशि में प्रवेश करता है तो स्वभाविक है की मेष की अस्थिरता और उत्सुकता भी यहां अपना असर डालने वाली होगी.

मेष राशि पर सूर्य के गोचर का फल
मेष राशि के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी बनते हैं. सूर्य का गोचर लग्न भाव पर होगा. आत्मविश्वास में उत्साहित दिखाई देंगे. अपने काम के लिए लगातार उत्साहित होंगे. इस समय कार्य क्षेत्र में भी अग्रीण भूमिका में दिखाई दे सकते हैं. कुछ नई चीजों को सीखने की उत्सुकता भी होगी. शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे फलों की प्राप्ति का समय होगा. अपने मनोकूल फलों की प्राप्ति के लिए भी अधिक परिश्रमी भी होंगे. संतान पक्ष के लिए ये समय अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा.

क्रोध की अधिकता रह सकती है कुछ जल्दबाजी के निर्णय ले सकते हैं अत: इनसे बचने की आवश्यकता होगी. कार्यस्थल पर आपकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी. इस समय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिलेगा. सहकर्मियों के साथ उचित स्थिति बना कर चलने की आवश्यकता होगी. प्रेम संबंधों को लेकर रुचित होगी किंतु अधिकार भावना को स्वयं पर हावि नही होने देना चाहिए. अपने भोजन को लेकर लापरवाही न बरतें साथ ही दुसाहसिक कार्यों में शामिल होने से भी खुद को रोकें अन्यथा परेशानी होगी.

वृष राशि पर सूर्य के गोचर का फल
वृष राशि वालों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है और अभी सूर्य का गोचर इनके बारहवें भाव में हो रहा है. इस समय आपके खर्चों की अधिकता तो रहेगी, प्रतियोगिताओं में संघर्ष का समय है इसलिए लगातर प्रयास जारी रखने होंगे. विदेशी मामलों में लाभ का समय होगा बाहर जाने और यात्राओं में व्यस्तता अधिक रह सकती है. बहुराष्ट्रिय कंपनियों में कार्यरत लोगों के लिए मौके होंगे कुछ अचानक से अवसर भी मिल सकते हैं.

आप आध्यात्मिक रूप से भी जूड़ सकते हैं किसी आश्रम या सत्संग में शामिल हो सकते हैं. कुछ चीजों में आपके विरोधी आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए खुद को मजबूत बना कर रखें और ध्यान से काम करें लापरवाही से बचें. अधिक जोश की स्थिति परेशानी दे सकती है. वाहन, वस्त्र या संपत्ति से संबंधित चीजों में खर्चों की वृद्धि का समय भी बनता है. अपने भोजन में लापरवाही से दूर रहें क्योंकि गलत चीजों का सेवन करके आप अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

मिथुन राशि पर सूर्य के गोचर का फल

मिथुन राशि के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं. इस समय गोचर में वह एकादश भाव में होंगे. अब आपके पास परिश्रम द्वारा अच्छे लाभ अर्जित करने का समय होगा. आपकी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति का समय होगा. आप अपने मन की बातों को पूरा करने के लिए अधिक उत्साहित भी होंगे. भाई बंधुओं के साथ आपकी गतिविधियां तेज हो सकती हैं. जो लोग खेल कूद से जुड़े कार्यों में लगे हुए हैं उन्हें इसमें भी मान सम्मान की प्राप्ति हो सकती है.


इस समय लाभ प्राप्ति के अवसर उभरेंगे, आपकी वित्तीय स्थिति अब कुछ मजबूत होगी. करियर के क्षेत्र में आप अपने विरोधियों से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं. संचार, संप्रेषण के काम में अच्छी सफलता प्राप्ति होगी. अपने अहम भाव को इस समय नियंत्रित रखने की आवश्यकता होगी. काम को साहस के साथ करें लेकिन सोच विचार भी बना कर रखें क्योंकि उत्साहित होकर गलत निर्णय भी ले सकते हैं. सेहत की ओर ध्यान रखें कान, कंधे हाथ से संबंधित रोग मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी हो सकती है.

कर्क राशि पर सूर्य के गोचर का फल
कर्क राशि के लिए सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी होते हैं, इस समय सूर्य का दशम भाव में गोचर होगा. ये समय नौकरी के क्षेत्र में कर्म की प्रधानता का समय होगा. समय कुछ मायनों में बेहद अनुकूल साबित हो सकता है. कार्य क्षेत्र तथा घरेलू क्षेत्र में जीवन को अच्छी तरह से संतुलित करने की जरूरत होगी. आय के एक नए स्रोत भी उत्पन्न हो सकते आपके अधिकारी आपके जोश और काम की प्रतिभा से प्रभावित होंगे. कुछ नई जिम्मेदारियां और उच्च पद भी प्राप्त हो सकता है.

इस समय जरूरत होगी क्रोध को शांत रखने की और अपने सहकर्मियों के साथ मेल जोल बनाए रखने की आवश्यकता होगी. स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि हृदय, छाति और उच्च रक्तचाप से संबंधित रोग परेशानी दे सकते हैं. कारोबार में नए बदलाव ला सकते हैं, आपका झुकाव अपने परिवार के प्रति अधिक रहेगा, लेकिन काम के दबाव के कारण आप उन्हें पर्याप्त समय नहीं दे पाएं लेकिन निराश न हों क्योंकि आपको इस समय कुछ लोगों का सहयोग मिलेगा और आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी.

सिंह राशि पर सूर्य के गोचर का फल
सिंह राशि के लिए, लग्न के स्वामी बनते हैं और गोचर में नवम भाव पर इनका असर होगा. भाग्यदायक स्थिति है. आप का व्यक्तित्व विकसित होगा निखार मिलेगा. नई जीवन शैली के प्रति भी आप काफी उत्साहित होंगे. आप यात्राओं पर होंगे, आध्यात्मिक विकास का समय होगा दृष्टिकोण काफी महत्वपूर्ण होगा. धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों में शामिल होंगे.

विदेशी मामलों में भी आपको सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे सकते हैं. पिता का सुख या कोई पैतृक संपत्ति की प्राप्ति, अथवा लाभ मिल सकता है. गुरुजनों या वरिष्ठ लोगों का सानिध्य भी इस समय आपको प्राप्त हो सकता है. सामाजिक क्षेत्र में अधिक व्यस्त होंगे, नवीन वस्तुओं की ओर रुझान होगा. कुछ आयोजनों में शामिल होंगे तथा आप की प्रतिष्ठा का समय भी है.

कन्या राशि पर सूर्य के गोचर का फल
कन्या राशि के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होते हैं और इस समय सूर्य का गोचर अष्टम भाव में हो रहा है. इस समय स्थितियां कुछ मिलेजुले फलों को प्रदान कर सकती हैं. काम की वृद्धि का समय होगा. अकस्मात होने वाली घटनाएं इस अल्पकालीन समय पर अधिक असर डाल सकती हैं. कार्यों की अधिकता का समय होगा लेकिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण आपके भीतर जागृत होगा.

कुछ व्यर्थ की बातें ओर मुद्दे आपके जीवन को चिंता और तनाव से भी भर सकते हैं, इसलिए इस समय के दोरान खुद को इन बातों से दूर रखें. विदेशी मामलों के लिए बेहतर समय होगा यात्राएं होंगी लेकिन यात्राओं में सावधानी बरतें तथा सामान को संभाल कर रखना चाहिए. सेहत के मामले परेशानी दे सकते हैं. पेट के रोग, अग्नि या चोट का भय भी इस समय पर अधिक रह सकता है.

तुला राशि पर सूर्य के गोचर का फल
तुला राशि के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होंगे. इस समय वह सप्तम भाव में गोचरस्थ होंगे.आप के लिए ये समय नए लोगों से मेलजोल की स्थिति, पार्ट्नर से मुलाकात का समय है. आप कुछ नए काम की शुरुआत किसी के साथ सहयोग में कर सकते हैं. अपने फैसलों में आप अधिक दृढ़ होंगे लेकिन जरुरत होगी की खुद में लचीलापन बना कर रखें. सामाजिक क्षेत्र में मान सम्मान प्राप्ति का समय होगा.

क्रोध और उत्साह अधिक होगा लेकिन जरूरत है की शांति भाव के साथ काम किया जाए तो अच्छे लाभ दे सके, दांपत्य जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है अथवा जीवन साथी को लेकर कोई चिंता उभरेगी इसलिए अभी का समय आपको खुद को नियंत्रित बनाए रखना होगा. आपकी साझेदारी भी इसी पर निर्भर होगी. आपके सौहार्द पूर्ण संबंध ही आपको अच्छे परिणाम दे पाएंगे अन्यथा विवादों से सामना होगा.

वृश्चिक राशि पर सूर्य के गोचर का फल
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दशम भाव के स्वामी बनते हैं. इस समय सूर्य का गोचर छठे भाव पर होता है. इस गोचर के दौरान आप की प्रतिस्पर्धा का स्तर भी उन्नत होगा. आप के जीवन में में विरोधी परेशानी दे सकते हैं लेकिन उन पर विजय प्राप्त करने में आप सक्षम भी होंगे. कार्यक्षेत्र में आपके लिए बेहतर विकल्प होंगे, आय के नवीन स्त्रोत विकसित होंगे. इस समय काम काज में आप को अच्छे बदलाव मिल सकते हैं. वरिष्ठ अधिकारीयों का सहयोग भी आपको मिल सकता है.

घरेलू जीवन में स्थिति के लिए अपने समय को परिवार के साथ भी बांटे. काम की अधिकता के चलते यदि समय नहीं दे पाते हैं तो संतुलन बनाने में मुश्किल अनुभव कर सकते हैं. स्वास्थ्य इत्यादि के मुद्दे परेशानी दे सकते हैं. आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निडर होकर आगे बढ़ सकते हैं. लंबित कार्यों को पूरा करने और नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए यह सबसे बेहतर समय है.

धनु राशि पर सूर्य के गोचर का फल
धनु राशि के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी होते हैं, इस समय सूर्य का गोचर पंचम भाव में होगा. इस समय गोचर की स्थिति आपके लिए भाग्यदायक होगी. भाग्येश मजबूत स्थिति में होगा जिसके द्वारा आप अपने लिए नई संभावनाओं की खोज कर पाएंगे. आपके जीवन में प्रेम, आनंद, सुख और रोमांस के पंचम भाव में गोचर होने से इन सभी क्षेत्रों पर इसका असर होगा.

शिक्षा में उच्च शिक्षा का लाभ मिल सकता है. आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विषयों में शामिल हो सकते हैं. व्यावसायिक रूप से आप अपने काम से कुछ लाभ प्राप्त कर सकते हैं. वरिष्ठों से प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है. व्यवसायियों को अधिक जोखिम उठाने से बचना चाहिए. भोजन के बदलाव पेट से संबंधित रोग उत्पन्न कर सकते हैं. धनार्जन के अवसर उभरेंगे और कुछ अच्छे लाभ भी प्राप्त होंगे यात्राएं भी सकारात्मक होंगी.

मकर राशि पर सूर्य के गोचर का फल
मकर राशि के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी है और इस समय चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे. सूर्य का गोचर इस समय थोड़ा सजगता को लाने वाला होगा. विचारशील होकर काम करने की आवश्यकता होगी. इस समय पर अचानक होने वाली बातें आपको अधिक प्रभावित कर सकती हैं. आराम और विलासिता इस समय थोड़ी कम हो सकती है. खर्चों की अधिकता के चलते परेशानी हो सकती है अथवा सेहत से जुड़े मामले वाहन इत्यादि से परेशानी हो सकती है.

घर पर कोई निर्माण कार्य का समय भी बन सकता है. घर पर अचानक से चीजों का बदलाव भी आपको प्रभावित करने वाला होगा. काम के मोर्चे पर, अपने दृष्टिकोण में तार्किक रहने की कोशिश करें और सफलता के शॉर्टकट से बचें. वाहन चलाते समय सावधान रहने की कोशिश करें और किसी भी तरह की बहस से बचें. यह आपके लिए अनुकूल चरण नहीं है इसलिए इसे सरल और सीधा रहने का प्रयास करें, झूठ फरेब से बचें.

कुंभ राशि पर सूर्य के गोचर का फल
कुम्भ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी है और इस समय तीसरे भाव पर गोचरस्थ होंगे. इसलिए प्रयास वृद्धि को पाएंगे. यात्राओं का दौर रहेगा. दांपत्य जीवन में कुछ न कुछ बदलाव आपको प्रभावित करने वाले होंगे. छोटी यात्राओं में आप शामिल होंगे. आपके साहस में वृद्धि का समय होगा. जनसंपर्क में आप शामिल हो सकते हैं. अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे, और आपका काम के क्षेत्र में नए अवसर भी आपको मिल सकते हैं.

चुनौतीपूर्ण कार्य के साथ कर्तव्यों को निभाएंगे, और इसे जोश और जुनून के साथ पूरा करने में भी आगे रहेंगे. आर्थिक रूप से पूर्व में किए गए अपने निवेश से आपको कुछ धन लाभ होने की संभावना है. पार्ट्नर का भाग्य भी आपके भाग्य में वृद्धि करेगा. भाई-बहनों के साथ व्यर्थ के मतभेदों से खुद को दूर रखें. स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि के दौरान आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता होगी.

मीन राशि पर सूर्य के गोचर का फल
सूर्य का गोचर मीन राशि वालों के द्वितीय भाव पर होगा. मीन राशि के लिए छठे भाव के स्वामी होते हैं. सूर्य का गोचर इस समय पर धनार्जन और खर्च इत्यादि पर विशेष रुप से प्रभावित करने वाला होगा. नौकरी और कारोबार के मामलों में कुछ लाभ मिलने की संभावना भी विकसित होगी. जीवनसाथी अथवा प्रेमी का सहयोग भी मिलेगा लेकिन कुछ नए रिश्तों में ये स्थिति विवाद या व्यर्थ की बहस को भी दर्शाती है.

विदेश में या अपने निवास स्थान से बाहर उच्च शिक्षा की तलाश कर रहे छात्रों को ग्रहों की स्थिति में बदलाव के कारण कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है. अपने निवेश से संबंधित फैसले जल्दबाजी में करने से बचें. थोड़ा सहज होकर काम करें. अकस्मात लाभ की प्राप्ति किसी संपत्ति का फैसला आपके पक्ष में हो सकता है. सेहत के मामलों में स्त्री पक्ष को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी. आपकी इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, में वृद्धि का समय होगा.

Posted in Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , | Leave a comment