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Monthly Archives: February 2013
विवाह सहम – Vivah Saham – Sensitive Marriage Point in Horoscope
जन्म कुण्डली में सप्तम भाव से विवाह का विश्लेषण किया जाता है. विवाह कब होगा, कैसा होगा आदि सभी बाते सप्तम भाव, सप्तमेश तथा इनसे संबंध बनाने वाले ग्रहों के आधार पर देखी जाती हैं. सबसे पहले तो सप्तम से … Continue reading
ज्योतिष से व्यक्तित्व विचार | Analyzing Personality Through Astrology
ज्योतिष की मान्यता है कि प्राणपद लग्न कर्क राशि में स्थित होने पर व्यक्ति में दिखावे की प्रवृति होती है. चन्द्रमा अथवा राहु पांचवे घर में स्थित हो अथवा उनमें दृष्टि सम्बन्ध बन रहे हों तो व्यक्ति उदासीन एवं निराशावादी … Continue reading
लाल किताब के ये आसान उपाय दिला सकते सूर्य के शुभ फल
लग्न में सूर्य | Sun in Ascendant लाल किताब के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के लग्न में ही अशुभ सूर्य स्थित है तब सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ या नल लगाना चाहिए. इससे सूर्य को बल मिलेगा. सूर्य को शुभ बनाने … Continue reading
भ्रामरी योगिनी दशा | Bhramari Yogini Dasha
भ्रामरी दशा योगिनि दशा में चौथे स्थान पर आती है. यह मंगल की दशा होती है. मंगल से प्रभावित इस दशा में व्यक्ति के भीतर पराक्रम एवं परिश्रम द्वारा समाज में अपना स्थान अर्जित करने की कोशिश में प्रयासरत रहता … Continue reading
पंचतत्वों का महत्व | Significance of Five Elements Of Nature
प्राचीन समय से ही विद्वानों का मत रहा है कि इस सृष्टि की संरचना पांच तत्वों से मिलकर हुई है. सृष्टि में इन पंचतत्वों का संतुलन बना हुआ है. यदि यह संतुलन बिगड़ गया तो यह प्रलयकारी हो सकता है. … Continue reading
श्रीयंत्र की चमत्कारिक शक्तियां खोल देती हैं सुख समृद्धि का द्वार
आधुनिक समय में इस भाग दौड़ और चमक की दुनिया में हर कोई व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. इसके लिए वह ना जाने कैसे कैसे हथकंडे भी आजमाने की कोशिश करता है. कई बार तो मनुष्य अपनी अंदर केभले मानुष … Continue reading
धान्या योगिनी दशा | Dhanya Yogini Dasha
धान्या दशा योगिनी दशाओं में तीसरे स्थान पर आती है. इसका संबंध गुरू से है और इसके स्वामी भी वही हैं. इसकी समय अवधि 3 वर्ष की मानी गई है. धान्या संबंध गुरू से होने के कारण यह दशा शुभता … Continue reading
आदित्य हृदयम स्त्रोत- सूर्य के शुभ फल पाने का अचूक उपाय
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम्।1। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा।2। राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम्। येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे।3। आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्। जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।4। सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम्। चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वधैनमुत्तमम्।5। रश्मिमन्तं … Continue reading
Posted in Mantra, Planets, Remedies, Signs, Yoga
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पिंगला योगिनी दशा | Pingala Yogini Dasha
योगिनी दशा क्रम के अगले चरण में पिंगला दशा आती है. पिंगला दशा की समय अवधि 2 वर्ष की मानी गई है. इस समय के अनुसार जातक को पिंगला दशा फलों की प्राप्ति होती है. सूर्य से संबंधित इस दशा … Continue reading
राहु-केतु का फल कथन | Results of Rahu-Ketu | Shadow Planets
राहु केतु का फलकथन छाया ग्रह के रूप में किया जाता है. राहु एवं केतु आकाशीय पिंड नहीं हैं यह चंद्रमा तथा क्रांतिवृत्त के कटाव बिंदु हैं. पाश्चात्य ज्योतिष शास्त्र में राहु को नार्थ नोड ऑफ द मून कहा जाता … Continue reading