Category Archives: Yantra

कमजोर बृहस्पति के फल | Effects of Weak Jupiter in Different Houses

कोई ग्रह कुण्डली में किस अवस्था में है यदि ग्रह नीच का है, वक्री है, पाप ग्रहों के साथ है या इनसे दृष्ट है, खराब भावों में स्थित है, षडबल में कमजोर है, अन्य अवस्थाओं में निर्बल हो इत्यादि तथ्यों … Continue reading

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क्यों होता है मानसिक रोग और अवसाद आईये जाने ज्योतिष से

आज के इस लेख में हम मानसिक बीमारियों के अध्ययन की बात करेगें. मानसिक बीमारी होने के बहुत से कारण होते हैं लेकिन इन कारणों का ज्योतिषीय आधार क्या है, इसकी चर्चा इस लेख के माध्यम से की जाएगी. चिकित्सा … Continue reading

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श्रीयंत्र की चमत्कारिक शक्तियां खोल देती हैं सुख समृद्धि का द्वार

आधुनिक समय में इस भाग दौड़ और चमक की दुनिया में हर कोई व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. इसके लिए वह ना जाने कैसे कैसे हथकंडे भी आजमाने की कोशिश करता है. कई बार तो मनुष्य अपनी अंदर केभले मानुष … Continue reading

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लक्ष्मी स्वरुप श्री यंत्र | Shri Yantra For Goddess Lakshmi

श्रीयंत्र में लक्ष्मी जी वास माना गया है. सभी यंत्रों में श्रेष्ठ स्थान पाने के कारण इसे यंत्रराज भी कहते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी पृथ्वी से बैकुंठ धाम चली जाती हैं, इससे पृथ्वी पर संकट … Continue reading

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स्फटिक श्री यंत्र का सही उपयोग बना सकता है रंक को राजा। आईये जाने कैसे

स्फटिक श्री यंत्र देवी लक्ष्मी जी का  अमोघ फलदायक यंत्र है. श्री यंत्र में महालक्ष्मी जी का वास माना जाता है इस यंत्र को अपनाने से समस्त सुख व समृद्धि प्राप्त होती है. निर्धन धनवान बनता है और अयोग्य योग्य … Continue reading

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श्रीचण्डी ध्वज स्तोत्रम् महत्व | Significance of Shri Chandi Dhwaj Stotram

देवी के अनेक रुपों में एक रुप चण्डी का भी है. देवी काली के समान ही देवी चण्डी भी प्राय: उग्र रूप में पूजी जाती हैं, अपने भयावह रुप में मां  दुर्गा चण्डी अथवा चण्डिका नाम से जानी जाती हैं. … Continue reading

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बीसा यंत्र | Beesa Yantra | Importance of Beesa Yantra

यंत्र शास्त्र में बीसा यंत्र को प्रमुख स्थान प्राप्त है, विभिन्न यंत्रों की श्रेणी में बीसा यंत्र भी कई प्रकार के हो सकते हैं. यंत्र की अलौकिक शक्तियां साधक की कामना की पूर्ति करने में समर्थ होती हैं. यंत्र अक्षय … Continue reading

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व्यापार वृद्धि यंत्र – पूजन और स्थापित करने कि विधि स्वयं करें

यंत्र सर्वोपरि एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं व्यापार वृद्धि यंत्र की संरचना बड़ी ही विचित्र है, इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धिदाता कहा गया है. व्यापार वृद्धि यंत्र की रचना तांबे, चांदी या सोने के पत्र पर या स्फटिक पर … Continue reading

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सूर्य यंत्र का पूजन और स्थापन खुद कैसे करें

ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को प्रमुख ग्रह के रूप मान्यता प्राप्त है. सूर्य देव को नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है इन्हें आत्म कारक कहा गया है. सभी ग्रह इन्हीं की परिक्रमा करते हैं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सम्पूर्ण विश्व … Continue reading

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गणेश यंत्र को स्थापित करने की सही विधि (स्वयं करें)

अभिष्ट फलों की प्राप्ती हेतु यंत्र साधना का प्रतिकात्मक या चित्रात्मक रुप में उपयोग बहुत लाभदायक होता है. गणेश यंत्र सबसे महत्वपूर्ण, शुभ और शक्तिशाली यंत्र होता है जो न केवल लाभ देता है तथा व्यक्ति के लिए शुभ फलदायक … Continue reading

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