Tag Archives: ashtakvarga

अष्टकवर्ग में नक्षत्रों द्वारा गोचर की महत्ता | Significance of Transits Through Nakshatra in Ashtakavarga

नक्षत्रों द्वारा गोचर के महत्व को समझने में सहायता मिलती है. अष्टकवर्ग में इनका उपयोग करके फलित के संदर्भ को जाना जा सकता है. नक्षत्रों को क्रमश: जन्म, सम्पत, विपत, क्षेम, प्रत्येरि, साधक, वध, मित्र और अति मित्र के रूप … Continue reading

Posted in Ashtakavarga | Tagged , , , , | Leave a comment

अष्टकवर्ग से ऎसे होता है फलकथन:भविष्यफल

जिस प्रकार लग्न व चंद्रमा से ग्रहों के द्वादशभाव शुभाशुभ फल बताए गए हैं उसी प्रकार अन्य ग्रहों से भी भावों के शुभाशुभ फल कहे गए हैं इसलिए सूर्य व अन्य ग्रह तथा लग्न द्वारा इन आठों के क्रम से … Continue reading

Posted in Ashtakavarga | Tagged , , , , | Leave a comment

अष्टकवर्ग और गोचर | Ashtak Varga and Transits

ग्रह सदैव चलायमान रहते हैं और इस कारण सौरमण्डल में इनकी स्थिति निरंतर बदलती रहती है. ग्रहों कि यही चलायमान स्थिति गोचर कहलाती है. अष्टकवर्ग पद्धति गोचर अध्ययन की विभिन्न पद्धतियों में से एक है. इसके ज्ञान के लिए सर्वप्रथम … Continue reading

Posted in Ashtakavarga | Tagged , , , , | Leave a comment