कैसा होगा आपके लिए गुरु और शनि का वक्री होना

मई मध्य माह का समय ज्योतिष की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण समय होगा. इस समय के पर दो महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी. ये दोनों घटनाएं गुरु और शनि ग्रह से जुड़ी हैं ज्योतिष में किसी भी ग्रह की चाल बहुत तरह के इफैक्ट देने वाली होती है.

इस चाल का प्रभाव तेज ओर धीमा किसी भी रुप में हो सकता है. इस समय पर गुरु और शनि दोनों ही वक्री होने वाले हैं. इन दो महत्वपूर्ण ग्रहों की चाल में जब वक्रता आती है. तो इनसे मिलने वाले प्रभाव में भी वक्रता का आगमन हो जाता है.

मई 2020 में गुरु शनि के साथ ही शुक्र भी वक्री होंगे. जहां गुरु-शनि ग्रह लम्बे समय तक असर डालेंगे. वहीं शुक्र कुछ कम समय तक अपना प्रभाव डालते दिखाई देंगे. ग्रहों का वक्री होने से मतलब है कि ये ग्रह अपनी स्वभाविक चाल के विपरीत चलते हैं.

आइये जानते हैं कब होने वाले हैं गुरु-शनि और शुक्र वक्री और कैसा रहेगा इन सभी का सभी पर प्रभाव

शनि , बृहस्पति और शुक्र के वक्री होने का समय

शनि के वक्री होने का समय – 11 मई 2020 को 09:27 पर वक्री होंगे.

बृहस्पति के वक्री होने का समय – 14 मई 2020 को 19:58 पर वक्री होंगे.

शुक्र के वक्री होने का समय 13 मई 2020 को 12:12 पर वक्री होंगे.

किन राशियों पर कैसा पड़ेगा इसका असर:

मेष राशि –

इस समय आपका भाग्य आपका साथ देगा. अटके हुए काम आगे बढ़ने कि उम्मिद अब बम्ध सकती है. पिछले कुछ समय से चलि आ रही मानसिक उलझनों से राहत मिल सकति है. आपके काम में बना हुआ तनाव दूर हो सकता है. पर इस समय प्रयास अधिक होंगे. पारिवारिक जीवन में जो परेशानी थी उसमें थोड़ी राहत की उम्मिद है.

वृषभ राशि

इस समय आपखि स्वामी के ग्रह शुक्र भी वक्री होंगे तो इस कारण खर्चों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल होगा. वक्री चाल आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है. छात्रों को पढ़ाई में परेशानी हो सकती है. एकाग्रता की कमी के कारण किसी भी चीज में ध्यान सही से नहीं लग पाएगा. प्यार में नई शुरुआत कर सकते हैं. व्यवसाय में लाभ होगा या निवेश अचानक से अधिक करना होगा.

मिथुन राशि –

काम के लिए अभी का समय कुछ सहायक बन सकता है. आपकी नौकरी की शुरुआत का समय है. इस समय प्यार और विवाह के मामले एक बार फिर से आपके लिए मुख्य विषय बन सकते हैं. दफ्तर में भी माहौल थोड़ा परेशानी दे सकता है. संघर्ष का समय होगा पर आप सफल हो सकते हैं. वैवाहिक संब्म्धों को लेकर चिंताएं अलग ही होंगी.

कर्क राशि –

इस समय गुरु फिर से आपके छठे भाव पर असर डालेगा. वहीं शनि का वक्री होना दो तरफा परेशानी दे सकता है. खर्च अधिक होंगे. बच्चों और परिवार को लेकर आपको तनाव अधिक रह सकता है. इसी के साथ नए काम का आरंभ भी होगा जो कुछ लाभ देगा.ध्यान रखें व्यर्थ के खर्च से बचने कि जरुरत है. स्वास्थ्य का ख्याल रखें.

सिंह राशि –

घर पर किसी व्यक्ति का अचानक से आगमन माहौल को बदल सकता है. आप अपने लिए किसी नए स्थान की खोज में होंगे. काम को लेकर कुछ नए प्रोजेक्ट या नई चुनौतियां सामने होंगी. बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी इस समय अधिक सोच विचर होगी. प्यार हो या अन्य कोई रिश्ता सभी को संभल्ने के लिए आपको अधिक समय देना होगा.

कन्या राशि –

अपने काम पर अधिक फोकस करने की जरुरत होगी. अभी दूसरों पर बहुत अधिक भरोसे का फायदा नहीं होगा. इस समय आपको सतर्क रहने की जरूरत है. धैर्य से काम लेकर विवादों से दूर रहें.दांपत्य जीवन में एक दूसरे के साथ रिश्ते मजबूत बनाने की कोशिशें अधिक करने वाले हैं.

तुला राशि –

आपको अपनों का सहयोग इस समय कम ही मिल पाएगा. राशि स्वामी के वक्री होने के चलते मानसिक रुप से भी तनाव अधिक हो सकता है. कुछ लापरवाही अधिक रहने वाली है. पर कुछ मामलों में विरोधियों को दबाने में सक्ष्म होंगे.

वृश्चिक राशि –

काम के लिहाज से आपके लिए समय बेहतर होगा. मेहनत अधिक रहने वाली है. आपके लिए धन प्राप्ति का योग भी बनाता है. प्यार के मामले में समय अनुकूल है. नए रिश्तों में खुद को डाल सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल रखें. अपने क्रोध और जल्दबाजी पर नियंत्रण रखें.

धनु राशि –

आप इस समय अपने कामों के लेकर ज्यादा तेजी दिखा सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से परेशानी अधिक रहने वाली है. इस समय के दौरान आर्थिक लाभ भी होंगे लेकिन खर्च की रफ्तार अधिक रहने वाली है. किसी नए काम की तलाश में हैं तो अभी मौके मिल सकते हैं. किसी भी चीजे में एकाग्रता की कमी अधिक परेशान कर सकती है.

मकर राशि –

आप अपने फैसलों ओर अपने काम को लेकर बहुत अधिक आश्व्स्त न रह पाएं. इस समय कुछ नए फैसले लेने से बचें. कुछ लोगोम से मुलाकात और तैवलिंग के मौके मिल सकते हैं. घर पर कुछ माम्गलिक कार्य भी होंगे. अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें अधिक थकान से बचें. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करें.

कुम्भ राशि –

इस समय काम में नए लोगों से मुलाकात होगी. प्रोजेक्ट की शुरात में मेहनत अधिक होगी. आर्थिक क्षेत्र में लाभ होगा तो खर्च भी उसी हिसाब से ही रहेगा. प्रोपर्टी से जुड़े मसलों पर काम आगे बढ़ सकता है. प्यार के मामले में आप को अधिक साथ न मिल पाए.

मीन राशि –

अपनी किसी भी चीज को अधूरा छोड़ने से बचें. समय पर काम पूरा कर लेने पर आपको आगे चल कर उसका फायदा जरुर मिल सकता है. छात्रों को पढ़ाई में दिक्कत होगी. भागदौड़ अधिक रहने वाली है, आपके लिए ये समय अपने काम में ध्यान रखने का है. बास के साथ कुछ मुद्दों को लेकर अधिक सहमती न बन पाए.

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2025 में इन पर रहेगी शनि की साढे़साती और शनि ढैय्या

शनि एक धीमी गति के ग्रह हैं ऎसे में इनका गोचर एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. शनै: शनै: चलने वाले शनि की गति और उनका किसी राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा इन सभी बातों को जानने की उत्सुकता तो रहती ही है, पर सबसे अधिक इस बात को लेकर ध्यान अधिक जाता है की की शनि का गोचर किन राशि के लोगों के लिए साढेसाती का आरंभ करने वाला है और किन के लिए शनि ढैय्या लाने वाला होगा.

जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है लोग यह जानने को उत्सुक होते हैं कि उनके लिए यह राशि परिवर्तन क्या फल देने वाला है. शनिदेव को न्याय और कर्म के अनुसार फल देने वाले देव का स्थान प्राप्त है. जातक का आचरण उसका व्यवहार एवं उसके कर्मों का स्वरुप ही शनि के द्वारा दिए जाने वाले फलों का शुभ और अशुभ रुप में निर्धारण करता है.

शनि का साल 2025 में होने वाला राशि परिवर्तन कुछ लोगों की साढे़साती की समाप्ति का समय होगा तो कुछ लोगों की साढ़ेसाती का आरंभ बनेगा. इसी के साथ शनि की ढैय्या का प्रभाव भी कुछ पर से अपना असर कम करेगा तो कुछ पर अपना प्रभाव देना आरंभ होगा.

क्या होती है शनि की साढे़साती

गोचर में जब शनि किसी जातक की जन्म राशि से बारहवें भाव, पहले भाव और दूसरे भाव में होता है तो उस समय शनि की स्थिति उस जातक के लिए शनि की साढे़साती का समय कहलाती है. शनि की सढे़साती को ज्योतिष शास्त्र में मानसिक रुप से चिंताओं को बढ़ाने वाला समय कहा गया है. ये प्रियजनों से अलगाव दे सकती है. शारीरिक कष्ट को भी बढ़ा सकती है.आर्थिक क्षेत्र में घाटा भी झेलना पड़ सकता है. ऎसी बहुत सी बातें होती हैं जो इस समय के दौरान जातक पर अलग अलग रुप से अपना असर डालती हैं.

शनि की साढे़साती 2025 से किन राशियों पर असर डालेगी

मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती की समाप्ति का समय होगा, इस समय मकर जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का एक लंबा असर अब समाप्ति पर होगा जो महत्वपूर्ण दौर रहने वाला है. शनि की साढे़साती का ये समय अंत आपके लिए नए परिणाम लाएगा. शनि जाते-जाते कई सारी कुछ बेहतर लाभ दे सकता है जो लम्बे समय तक प्रभाव डालने वाले होंगे. मकर राशि वालों को अब शनि देव की शुभ कृपा मिल सकती है. अगर कोई नए फैसले ले रहे हैं तो अब काम को आगे बढ़ाने का समय होगा. सभी बातों के बारे में सोचते विचारते हुए काम को पूरा करें. अब इस साल से अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर पाएंगे.

मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए शनि पहले भाव और दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और इस समय शनि आपके लिए उस स्थान में होंगे जहां शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति का समय होगा. आप आर्थिक क्षेत्र में लाभ करने वाले रहेंगे ही पर साथ ही साथ कोई संपत्ति का मामला भी आपके लिए एक मुख्य विषय के रुप में रहेगा. आपके लिए ये समय खास रहने वाला होगा. इस समय पर बहुत से कामों को करने में आगे रह सकते हैं. आपकी आय के स्रोत किसी न किसी रुप में बने रहेंगे. आपको वाहन और संपत्ति का कुछ लाभ भी इस समय हो सकता है.

कुम्भ राशि – कुंभ पर शनि का प्रभाव यानी आपके चंद्रमा पर से सीधे शनि का गोचर हट रहा हो रहा है. शनि की साढे़साती कुंभ राशि वालों के पैरों पर होगी. यह साढे़साती का तीसरा समय होगा. आपके लिए शनि पैरों में चक्कर को बढ़ा सकते हैं. तनाव बढ़ाने वाला होगा लेकिन पर कुछ मामलों में शनि की शुभता भी मिलेगी. नए लोगों के साथ संपर्क बनेंगे. अचानक से धन लाभ और ट्रैवलिंग के अवसर भी दे सकता है.

कुंभ राशि वालों के लिए समय सकारात्मक भी होगा, पूर्व में किए गए कामों से लाभ मिलेगा. संपत्ति सुख के साथ परिवार की ओर से भी आप को कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है, लेकिन चिंताओं एवं जिम्मेदारियों के लिए समय भी काफी महत्वपूर्ण होगा.

मीन राशि – मीन राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती का महत्वपूर्ण समय रहने वाला है. इस समय घर परिवार को लेकर जिम्मेदारियां भी बहुत ज्यादा रहने वाली हैं. कई मामलों में स्थिति आपके लिए विपक्ष में खड़ी दिखाई देती है. कुछ अलगाव इस समय बढ़ सकते हैं मानसिक और भावनात्मक स्तर पर चिंताएं अपना असर डालने वाली होंगी. पैरों से संबंधित परेशानी, अनिद्रा और शैय्या सुख में कमी का समय होगा.

मेष राशि – शनि कुंभ राशि में होंगे ऎसे में मेष राशि के जातकों की शनि के साढे़साती का आरंभ होगा. मेष राशि वालों के लिए ये समय शनि की साढे़साती के आरंभ का समय है. मेष राशि वालों के लिए शनि की साढे़साती का प्रभाव आरंभ अवस्था में होगा. मेष राशि वालों के लिए शनि का गोचर बारहवें भाव में रहेगा. ऎसे में खर्च की अधिकता तो रहने ही वाली है. स्वास्थ्य से संबंधी परेशानी भी इस समय आप पर अपना असर डालेगी. ये तीन राशियां इस समय अवधि के दौरान शनि की साढे़साती के प्रभाव में रहने वाली हैं. इन पर शनि का प्रभाव सबसे अधिक रहने वाला है. इस मामले में इन राशि के जातकों को अपने काम और अपने परिवार की ओर से बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

विशेष : मकर राशि के लोगों के लिए शनि की साढ़ेसाती पांव से उतर रही है, इस समय मकर जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का ये अंतिम दौर होगा. तो अब साढेसाती से मुक्ति का समय भी है मकर के लिए शनि का प्रभाव काफी राहत देने वाला तो होगा ही.

क्या होती है शनि की ढैय्या
गोचर में जब शनि की स्थिति जन्म राशि के चंद्रमा से चौथे अथवा आठवें भाव में होती है तो वह समय जातक के लिए शनि की ढैय्या का समय कहलाता है. यह ढ़ाई वर्ष का समय ढैय्या कहलाता है. इसे भी अनुकूल नहीं माना आता है. इसे लघु कल्याणी (ढैय्या) के नाम से भी जाना जाता है. शनि की ढैय्या जातक को व्यर्थ की भागदौड़ देने वाली होती है. प्रयास अधिक करने पड़ते हैं लेकिन लाभ कम ही मिल पाता है. अनावश्यक खर्च भी बढ़ जाते हैं. अपने लोगों के साथ विर्ध भी बढ़ने लगता है.

वर्ष 2025 में शनि ढैय्या से प्रभावित राशियां शनि की ढैय्या का प्रभाव सिंह राशि और धनु राशि के जातकों पर रहेगा. कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद दिखाई देती है.

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव सभी जातकों के लिए एक जैसा नही रहता है. यह बहुत सी चीजों के कारण अलग अलग फल देने वाला बनता है. इसका एक कारण की यह है की जिस कुण्डली में शनि पहले भाव, पांचवें भाव और नवें भाव का स्वामी हो तो यह त्रिकोण भाव के स्वामी बनेगा, किसी कुंडली में उच्च या मित्र क्षेत्री हो शुभ ग्रह से दृष्ट हो शुभ स्थानों का स्वामी होकर अपने बुरे प्रभावों को कुछ कम सकता है. लेकिन इसके साथ ही जन्म कुण्डली में ग्रहों की स्थिति और दशा का प्रभाव अनुसार भी शनि की साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव जातक पर अपना असर डालता है. इसलिए किसी एक तथ्य पर बात करते हुए शनि ग्रह के फलों के विषय में नहीं कहा जा सकता है.

 

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2025 में जानें ज्वालामुखी योग कब-कब बनेगा

  <p> ज्योतिष में बहुत से योगों का वर्णन मिलता है. इन योगों में अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के योग मिलते हैं. ज्वालामुखी योग अशुभ योगों में से एक योग है. इस योग में कभी कोई शुभ काम आरंभ नहीं करना चाहिए. शुभ तो क्या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य इस योग में नहीं करने चाहिए. यदि कभी कोई व्यक्ति गलती से भी इस योग के समय कोई काम शुरु कर लेता है तब उसकी सफलता में संदेह बना रहता है.</p>

<p>इस योग में आरंभ किया कार्य सिद्ध नही होता है और उसे करने के लिए बार-बार प्रयास करने पड़ते हैं. हर बार विघ्न तथा बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहले यह अवश्य जाँच ले कि ज्वालामुखी योग तो नहीं चल रहा है. लेकिन  इस योग की अपनी कुछ विशेषताएँ भी है. यदि यह योग शुभ काम के लिए खराब है तो शत्रुओं पर विजय पाने के लिए इस योग को शुभ माना गया है. दुष्ट प्रवृति के शत्रुओं पर प्रयोग करने के लिए यह ज्वालामुखी योग शुभ माना गया है. </p>

<p>जब प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र पड़ता हो, पंचमी तिथि के दिन भरणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि के दिन कृतिका नक्षत्र, नवमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र या दशमी तिथि के दिन आश्लेषा नक्षत्र पड़ता हो तब ज्वालामुखी योग बनता है. ज्वालामुखी योग के अशुभ फल का बखान करने के लिए एक लोकोक्ति प्रचलित है जो इस प्रकार है : - “जन्मे तो जीवे नहीं, बसे तो उजड़े गाँव, नारी पहने चूड़ियाँ, पुरुष विहीनी होय, बोवे तो काटे नहीं, कुएँ उपजे नीर।।” </p>

<p>कई विद्वानों का कहना है कि यह लोकोक्ति अतिशयोक्तिपूर्ण है लेकिन इस योग के अशुभ प्रभाव को वह विद्वान नकारते भी नहीं हैं. इस योग से मिलने वाले अशुभ फलों को वह स्वीकारते हैं. कई प्राचीन ग्रंथों में भी इस योग का उल्लेख मिलता है. यदि किसी बच्चे का जन्म ज्वालामुखी योग में हुआ है तब उसे अरिष्ट योग हो सकता है. यदि इस योग में किसी का में किसी कन्या या पुरुष का विवाह होता है तब उसे शुभ नहीं माना जाता है. उसे वैवाहिक सुख नहीं मिलता है. </p>

<p>यदि इस योग में बीज बोया जाए +`1तो तो फसल अच्छी नहीं होती है. यदि जल प्राप्ति के लिए कुआं या तालाब खोदा जाए तब उनका पानी ज्यादा समय तक नहीं चलता और वह शीघ्र ही सूख जाता है. यदि इस योग में कोई व्यक्ति बीमार पड. जाता है तब वह काफी समय तक अपनी बीमारी से जूझता रहता है. ऎसी और भी बाते हैं जो इस योग में आरंभ करने पर पूरी नहीं होती.</p>

<h2>वर्ष 2025 में ज्वालामुखी योग बनने की तिथियाँ </h2)
प्रारंभ काल - तारीख	प्रारंभ काल - घं.मि.	तारीख - समाप्ति काल	समाप्ति काल - घं.मि.

05 फरवरी        20:33    06 फरवरी       22:53
04 मार्च  	04:29	04 मार्च 	        15:16
07 अप्रैल     	06:25	07 फरवरी	20:00
11 जून          20:10	12 जून          14:47
16 अगस्त      	06:06	16 अगस्त        21:34
17 अगस्त         04:38   17 अगस्त        19:24
11 सितंबर  	13:58	12 सितंबर    	09:58
15 अक्टूबर       12:00   16 अक्टूबर        10:35
20 दिसंबर       07:12    21 दिसंबर        01:21
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2025 में बनने वाले यमघंटक योग की तिथियां

ज्योतिष में कुछ योगों को अशुभ योगों की श्रेणी में रखा गया है जैसे कक्रय योग, दग्ध योग, कुलिक योग और यमघण्टक इत्यादि योग. यह योग शुभ-मंगल कार्यों को करने के लिए त्याज्य माने जाते हैं अत: शुभ कामों को करने के लिए इन अशुभ योगों को त्यागना चाहिए. यात्रा, बच्चों के लिए किए जाने वाले शुभ कार्य तथा संतान के जन्म समय में भी इस योग का विचार किया जाता है. वसिष्ठ ऋषि द्वारा दिवसकाल में यदि यमघंटक नामक दुष्ट योग हो तो मृत्युतुल्य कष्ट हो सकता है, परंतु साथ ही रात्रिकाल में इसका फल इतना अशुभ नहीं माना जाता.

यमघंटक योग में आरंभ किया गया कार्य सफलता नहीं पाता. इसी प्रकार जब रविवार को मघा नक्षत्र हो, सोमवार को आद्रा नक्षत्र हो, मंगल को विशाखा नक्षत्र, बुधवार को मूल, गुरु को स्वाति, शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र हो तथा शनिवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र हो तो यमघंटक नामक अशुभ योग बनता है.

किसी भी कार्य को करने हेतु एक अच्छे समय की आवश्यकता होती है. हर शुभ समय का आधार तिथि, नक्षत्र, चंद्र स्थिति, योगिनी दशा और ग्रह स्थिति के आधार पर किया जाता है. शुभ कार्यों के प्रारंभ में भद्राकाल से बचना चाहिये. चर, स्थिर लग्नों का ध्यान रखना चाहिए. जिस कार्य के लिए जो समय निर्धारित किया गया है यदि उस समय पर उक्त कार्य किया जाए तो मुहूर्त्त के अनुरूप कार्य सफलता को प्राप्त करता है.

योगों में जीवन का सारांश छुपा होता है जिसे पढ़कर व्यक्ति भूत, भविष्य और वर्तमान के संदर्भ में अनेक बातों को जान सकता है. ज्योतिष में अनेक योगों का निर्माण होता है कुछ शुभ योग होते हैं और कुछ अशुभ योग होते हैं, कौन सा योग किस प्रकार के फल देगा इस बात को तभी समझा जा सकत है जब हम समय का अवलोकन करते हैं.

यमघंटक योग 2025 | Yamghantak Yoga 2025

प्रारम्भकाल घं. मि. समाप्तिकाल घं. मि.
09 जनवरी 15:07  10 जनवरी 07:17
06 फरवरी 07:08 07 फरवरी 18:40
15 फरवरी 25:29 15 फरवरी 31:00
15 मार्च  08:54 15 मार्च  30:31
12 अप्रैल  06:00 12 अप्रैल  18:08
15 मार्च 16:08 16 मार्च सूर्योदयकाल
14 अप्रैल 24:13 14 अप्रैल 29:57
12 मई 06:17 12 मई 29:33
01 जून 21:36 01 जून  29:25
09 जून   05:24 09 जून  15:31
11 जून  20:11 11 जून    29:24
29 जून   06:34 29 जून 29:28
09 जुलाई   05:32 09 जुलाई  28:50
22 जुलाई 19:25 22 जुलाई   सूर्योदयकाल
27 जुलाई  05:41 27 जुलाई  16:23
06 अगस्त  05:47 06 अगस्त  13:00
19 अगस्त  05:54 19 अगस्त 25:08
16 सितंबर 06:08 16 सितंबर सूर्योदयकाल
09 अक्टूबर  20:02 10 अक्टूबर   30:21
06 नवंबर 06:38 07 नवंबर 24:33
15 नवंबर  23:34 15 नवंबर  सूर्योदयकाल
04 दिसंबर 07:00 05 दिसंबर  11:46
13 दिसंबर  07:07 13 दिसंबर सूर्योदयकाल
06 नवंबर सूर्योदयकाल 06 नवंबर 11:00
19 नवंबर सूर्योदयकाल 19 नवंबर 14:56
14 दिसंबर 05:48 14 दिसंबर  

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वाहन खरीदारी का शुभ मुहूर्त समय

नए और अच्छे वाहन की चाहत तो सभी के मन में रहती है, पर इसके साथ ही जो वस्तु हम ले रहे हैं वो सही रहे कोई दिक्कत न आई और हमारे लिए शुभदायक हो यह सभी बातें मन में चलती ही रहती हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही हमारे आचार्यों ने कुछ मुहूर्तों व शुभ समय का निर्धारण किया है. ऎसे में अगर हम कोई वस्तु विशेष का चयन करते हैं और साथ ही इन मुहूर्त को भी ध्यान में रखते हुए काम करते हैं तो उक्त कार्यों में हमें सफलता की संभावना दिखती है.

इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपको वाहन खरीदने के शुभ मुहूर्त का समय यहां दे रहे हैं. यदि आप इस समय पर कोई नया वाहन खरिदते हैं तो यह आपके लिए लाभदायक होगा. पर इन सभी के साथ कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखा जाए तो शुभ फलों में वृद्धि की प्राप्ति ही होती है. जैसे की जिस दिन आप वाहन ले रहे हैं उस दिन राहुकाल के समय को त्यागना चाहिए, चौघडि़या की शुभ, लाभ, अमृत, चर घडी़ का चयन करना चाहिए. वाहन से पूर्ण लाभ पाने के लिए वाहन खरीदने वाले व्यक्ति का चंद्रमा भी 4,8,12 भाव में उस दिन नहीं होना चाहिए.

एक शुभ समय और दशा में खरीदा गया वाहन आपको कष्ट से बचाने वाला और आपके लिए लाभदायक बन सकता है.

जनवरी 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
02 जनवरी बृहस्पतिवार श्रवण/धनिष्ठा पौष शुक्ल तृतीया मुहूर्त 07:14 आरंभ
06 जनवरी सोमवार रेवती पौष शुक्ल अष्टमी मुहूर्त 07:06 बाद
19 जनवरी रविवार हस्त षष्ठी मुहूर्त 17:30 बाद
20 जनवरी सोमवार हस्त षष्ठी मुहूर्त 07:14 से

 

फरवरी 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
03 फरवरी सोमवार रेवती षष्ठी मुहूर्त 07:08 बाद
07 फरवरी शुक्रवार रोहिणी/ मृगशिरा दशमी/एकादशी मुहूर्त 07:06 से आरंभ
09 फरवरी रविवार पुनर्वसु त्रयोदशी मुहूर्त 19:25 बाद
10 फरवरी सोमवार पुनर्वसु त्र्योदशी मुहूर्त 07:03 बाद
17 फरवरी सोमवार चित्रा षष्ठी मुहूर्त 06:58 बाद
19 फरवरी बुधवार स्वाती सप्तमी/षष्ठी मुहूर्त 06:56 बाद
20 फरवरी बृहस्पतिवार अनुराधा अष्टमी मुहूर्त दोपहर से
21 फरवरी शुक्रवार अनुराधा अष्टमी मुहूर्त 06:54
26 फरवरी बुधवार श्रवण त्रयोदशी मुहूर्त 06:49 से

 

मार्च 2025 में में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
02 मार्च रविवार रेवती तृतीया मेष लग्न, वृष लग्न, अभिजित
06 मार्च बृहस्पतिवार रोहिणी/ मृगशिरा अष्टमी मुहूर्त 10:50 बाद
07 मार्च शुक्रवार मृगशिरा अष्टमी मुहूर्त 06:40 से

 

अप्रैल 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
02 अप्रैल बुधवार रोहिणी पंचमी/षष्ठी मुहूर्त 08:49 से
03 अप्रैल बृहस्पतिवार मृगशिरा षष्ठी मुहूर्त 06:09 से

 

जुलाई 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
02 जुलाई बुधवार हस्त अष्टमी मुहूर्त 11:58 से
03 जुलाई बृहस्पतिवार हस्त अष्टमी मुहूर्त 05:28 से
04 जुलाई शुक्रवार स्वाती दशमी मुहूर्त 16:31 बाद
13 जुलाई रविवार श्रवण / धनिष्ठा तृतीया मुहूर्त 05:32 से
17 जुलाई बृहस्पतिवार रेवती अष्टमी सिंह लग्न, तुला लग्न अभिजित मुहूर्त
21 जुलाई सोमवार रोहिणी एकादशी मुहूर्त 05:36 से
30 जुलाई बुधवार हस्त/चित्रा षष्ठी मुहूर्त 05:41 बाद

 

अगस्त 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
01 अगस्त शुक्रवार स्वाती अष्टमी मुहूर्त 05:42 से
03 अगस्त रविवार अनुराधा दशमी मुहूर्त 09:42 से
04 अगस्त सोमवार अनुराधा दशमी मुहूर्त 05:44 से
08 अगस्त शुक्रवार श्रवण पूर्णिमा मुहूर्त 14:28 से
10 अगस्त रविवार धनिष्ठा प्रतिपदा मुहूर्त 05:48 से
11 अगस्त सोमवार शतभिषा तृतीया मुहूर्त 10:33 से
13 अगस्त बुधवार रेवती पंचमी मुहूर्त 10:32 से

 

सितंबर 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
05 सितंबर शुक्रवार श्रवण/ धनिष्ठा त्रयोदशी मुहूर्त 06:01 से
07 सितंबर रविवार शतभिषा पूर्णिमा मुहूर्त 06:02 से

 

अक्टूबर 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
02 अक्टूबर बृहस्पतिवार श्रवण दशमी/एकादशी मुहूर्त 09:13 से
03 अक्टूबर शुक्रवार श्रवण/ धनिष्ठा एकादशी मुहूर्त 06:15 से
05 अक्टूबर रविवार शतभिषा त्रयोदशी मुहूर्त 06:16 से
10 अक्टूबर शुक्रवार रोहिणी पंचमी मुहूर्त 19:38 से
12 अक्टूबर रविवार मृगशिरा षष्ठी मुहूर्त 06:20 से
13 अक्टूबर सोमवार पुनर्वसु अष्टमी मुहूर्त 12:26 से
15 अक्टूबर बुधवार पुष्य दशमी मुहूर्त 10:33 से
24 अक्टूबर शुक्रवार अनुराधा तृतीया मुहूर्त 06:27

 

नवम्बर 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
3 नवम्बर रविवार रेवती त्रयोदशी मुहूर्त दोपहर से
07 नवम्बर शुक्रवार रोहिणी/मृगशिरा तृतीया मुहूर्त 11:05 से
09 नवम्बर रविवार पुनर्वसु पंचमी/ षष्ठी मुहूर्त 20:04 बाद
10 नवम्बर सोमवार पुनर्वसु / पुष्य षष्ठी मुहूर्त 06:40 बाद से
17 नवम्बर सोमवार चित्रा / स्वाती त्रयोदशी मुहूर्त 06:45 बाद
26 नवम्बर बुधवार श्रवण षष्ठी मुहूर्त 06:53 से
28 नवम्बर शुक्रवार शतभिषा अष्टमी मुहूर्त 06:54 से

 

दिसंबर 2025 में वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
01 दिसंबर सोमवार रेवती एकादशी मुहूर्त 06:56 से
04 दिसंबर बृहस्पतिवार रोहिणी पूर्णिमा मुहूर्त 14:54 से
05 दिसंबर शुक्रवार अश्विनी प्रतिपदा मुहूर्त 06:59 से
07 दिसंबर रविवार पुनर्वसु तृतीया मुहूर्त 07:01 से
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नई दुकान या व्यवसाय शुरू करने का शुभ मुहूर्त

काम को लेकर सभी के मन नई-नई योजनाएं बनती ही रहती है. हर व्यक्ति यह चाहता है की जब भी वह कोई नय काम शुरू करे तो उसे उक्त काम में अच्छी सफलता मिले. अपने काम से वह धन और मान सम्मान की प्राप्ति करे और उसका कार्यक्षेत्र शुभता और समृद्धि से फलीभूत रहे.

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऎसे समय घटी का निर्धारण किया है. जिन में आप अगर अपना नया काम आरंभ करते हैं तो आपको उससे अच्छे लाभ और शुभता प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

वर्ष 2024 में नयी दुकान, फ़ैक्टरी या व्यवसाय को शुरू करने के लिए कुछ शुभ मुहूर्त यहां दिए जा रहे हैं जो आपके काम को सफल करने में सहायक सिद्ध होंगे.

जनवरी 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
21 जनवरी रविवार रोहिणी पौष शुक्ल एकादशी मेष लग्न
25 जनवरी बृहस्पति पुष्य पौष पूर्णिमा मुहूर्त 10:38
26 जनवरी शुक्रवार पुष्य माघ कृष्ण प्रतिपदा मुहूर्त 10:28 तक
31 जनवरी बुधवार हस्त माघ कृष्ण पंचमी मेष लग्न, अभिजित मुहूर्त

 

फरवरी 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
01 फरवरी बृहस्पतिवार चित्रा माघ कृष्ण षष्ठी मुहूर्त 05:28 तक
05 फरवरी सोमवार अनुराधा माघ कृष्ण दशमी मुहूर्त07:54 तक
14 फरवरी बुधवार अश्विनी माघ शुक्ल पंचमी मुहूर्त 10:43 बाद
15 फरवरी बृहस्पतिवार अश्विनी माघ शुक्ल षष्ठी मुहूर्त 09:26 तक

 

मार्च 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
2 मार्च सोमवार रोहिणी फाल्गुन शुक्ल सप्तमी मुहूर्त 13:56 बाद, मिथुन लग्न
11 मार्च बुधवार हस्त चैत्र कृष्ण द्वितीया मेष, वृषभ लग्न, मिथुन लग्न

 

जुलाई 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
11 जुलाई बृहस्पतिवार उतरा फाल्गुनी आषाढ़ शुक्ल पंचमी मुहूर्त 13:04 बाद
12 जुलाई शुक्रवार उतरा फाल्गुनी आषाढ़ शुक्ल षष्ठी मुहूर्त 07:09 बाद
17 जुलाई बुधवार अनुराधा आषाढ़ शुक्ल एकादशी सिंह लग्न
21 जुलाई रविवार उतराषाढ़ा आषाढ़ पूर्णिमा सिंह लग्न, अभिजित मुहूर्त
22 जुलाई सोमवार श्रवण आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा सिंह लग्न, तुला लग्न
27 जुलाई शनिवार रेवती श्रावण कृष्ण सप्तमी मुहुर्त 10:26 से 13:00 तक
28 जुलाई रविवार अश्विनी श्रावण कृष्ण अष्टमी मुहूर्त 11:48 तक
31 जुलाई बुधवार रोहिणी/ मृगशिरा श्रावण कृष्ण एकादशी मुहूर्त 14:14 बाद

 

अगस्त 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
01 अगस्त बृहस्पतिवार मृगशिरा श्रावण कृष्ण द्वादशी मुहूर्त 10:24 तक
14 अगस्त बुधवार अनुराधा श्रावण शुक्ल नवमी मुहूर्त 12:13 तक
24 अगस्त शनिवार अश्विनी भाद्रपद कृष्ण पंचमी तुला लग्न, वृश्चिक लग्न
28 अगस्त बुधवार मृगशिरा भाद्रपद कृष्ण दशमी भौमयुति परिहार

 

सितंबर 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
04 सितंबर बुधवार उतरा फाल्गुनी भाद्रपद शुक्ल प्रतिपदा तुला लग्न, वृश्चिक लग्न, धनु लग्न
08 सितंबर रविवार स्वाती भाद्रपद शुक्ल पंचमी तुला लग्न, वृश्चिक लग्न
14 सितंबर शनिवार उतराषाढ़ा भाद्रपद शुक्ल एकादशी धनु लग्न, मुहूर्त 14:08 तक

 

अक्टूबर 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
07 अक्टूबर सोमवार अनुराधा आश्विन शुक्ल चतुर्थी मुहूर्त 09:48 बाद
11 अक्टूबर शुक्रवार उतराषाढ़ा आश्विन शुक्ल अष्टमी मुहूर्त तुला लग्न, वृश्चिक लग्न, धनु लग्न
12 अक्टूबर शनिवार श्रवण आश्विन शुक्ल नवमी मुहूर्त 10:59 बाद
18 अक्टूबर शुक्रवार अश्विनी कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा मुहूर्त 13:26 तक
21 अक्टूबर सोमवार मृगशिरा कार्तिक कृष्ण पंचमी मुहूर्त 11:11 बाद
24 अक्टूबर बृहस्पतिवार पुष्य कार्तिक कृष्ण अष्टमी वृश्चिक लग्न, धनु लग्न

 

नवम्बर 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
03 नवम्बर रविवार अनुराधा कार्तिक शुक्ल द्वितीया वृश्चिक लग्न, धनु लग्न,
04 नवम्बर सोमवार अनुराधा कार्तिक शुक्ल तृतीया मुहूर्त 08:04 तक
08 नवम्बर शुक्रवार श्रवण कार्तिक शुक्ल सप्तमी मुहूर्त 12:03 तक
09 नवम्बर शनिवार श्रवण कार्तिक शुक्ल अष्टमी मुहूर्त 11:48 तक
14 नवम्बर बृहस्पतिवार अश्विनी कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी मुहूर्त 09:44 तक

 

दिसंबर 2024 में दुकान-फैक्टरी-कार्यालय के लिए शुभ मुहूर्त

दिनांक दिन नक्षत्र हिन्दु माह शुभ समय
05 दिसंबर बृहस्पतिवार उतराषाढ़ा मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी मुहूर्त 12:50 बाद
06 दिसंबर शुक्रवार श्रवण मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी मुहूर्त 10:43 तक
11 दिसंबर बुधवार रेवती मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी धनु और मकर लग्न
12 दिसंबर बृहस्पतिवार अश्विनी मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी मुहूर्त 09:53 तक
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2025 में ग्रहों के वक्री और मार्गी होने का समय

नव ग्रहों का गोचर प्रभाव बहुत महत्व रखता है. हर बार ग्रहों की स्थिति में आने वाला बदलाव जीवन पर गहरे असर डालता है. देश दुनिया ओर जीवन पर पड़ने वाले असर इन ग्रहों के द्वारा प्रभावित होते हैं. आइये जान लेते हैं 2025 में कौन से ग्रह कब होंगे वक्री ओर कब दिखाएंगे मार्गी असर.

मंगल 2025 | Mars 2025


मंगल 05 फरवरी 2024 को मकर राशि में 21:42 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 15 मार्च 2024 को कुंभ राशि में 18:08 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 23 अप्रैल 2024 को मीन राशि में 08:38 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 01 जून 2024 को मेष राशि में 15:37 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 12 जुलाई 2024 को वृष राशि में 18:58 पर गोचर करेंगे.
मंगल 26 अगस्त 2024 को मिथुन राशि में 15:25 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 20 अक्टूबर 2024 को कर्क राशि में 14:22 पर प्रवेश करेंगे.
मंगल 06 दिसंबर 2024 को वक्री होंगे कर्क राशि में 19:01 पर.

बुध 2025 | Mercury 2025

बुध 04 जनवरी 2025 को धनु राशि में 12:02 पर गोचर करेंगे.
बुध 24 जनवरी 2025 को मकर राशि में 17:38 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 11 फरवरी 2025 को कुंभ राशि में 12:53 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 27 फरवरी 2025 को मीन राशि में 23:45 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 15 मार्च 2025 को मीन राशि में 12:16 पर वक्री होंगे.
बुध 07 अप्रैल 2025 को मीन राशि में 16:40 पर मार्गी होंगे.
बुध 06 मई 2025 को मेष राशि में 28:06 पर गोचर करेंगे.
बुध 23 मई 2025 को वृष राशि में 13:00 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 06 जून 2025 को मिथुन राशि में 09:27 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 22 जून 2025 को कर्क राशि में 21:32 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 18 जुलाई 2025 को कर्क राशि में 10:12 पर वक्री होंगे.
बुध 11 अगस्त 2025 को कर्क राशि में 12:26 पर मार्गी होंगे
बुध 30 अगस्त 2025 को सिंह राशि में 16:41 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 15 सितंबर 2025 को कन्या राशि में 11:08 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 02 अक्टूबर 2025 को तुला राशि में 27:43 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में12:36 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 09 नवंबर 2025 को वृश्चिक राशि में वक्री होंगे 24:39 पर
बुध 23 नवंबर 2025 को वक्री होकर ही तुला राशि में प्रवेश करेंगे 20:36 पर
बुध 29 नवंबर 2025 को तुला राशि में मार्गी होंगे 23:07 पर
बुध 06 दिसंबर 2025 को वृश्चिक राशि में 20:312 पर प्रवेश करेंगे.
बुध 29 दिसंबर 2025 को धनु राशि में 07:23 पर प्रवेश करेंगे

गुरू (बृहस्पति) 2025 | Jupiter2025
गुरू 01 मई 2024 को वृष राशि में 12:14 पर प्रवेश करेंगे.
गुरू 09 अक्टूबर 2024 को वृष राशि में 12:30 पर वक्री अवस्था में गोचर करेंगे.

शुक्र 2024 | Venus 2024
शुक्र 18 जनवरी 2024 को धनु राशि में 20:56 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 18 फरवरी 2024 को मकर राशि में 04:52 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 07 मार्च 2024 को कुम्भ राशि में 10:46 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 31 मार्च 2024 को मीन राशि में 16:46 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 24 अप्रैल 2024 को मेष राशि में 23:58 पर में प्रवेश गोचर करेंगे.
शुक्र 19 मई 2024 को वृष राशि में 08:42 पर प्रवेश करके गोचर करेंगे.
शुक्र 12 जून 2024 को मिथुन राशि में 18:29 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 31 जुलाई 2024 को सिंह राशि में 14:33 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 24 अगस्त 2024 को कन्या राशि में 26:16 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 18 सितंबर 2024 को तुला राशि में 13:56 पर गोचर करेंगे.
शुक्र 13 अक्टूबर 2024 को वृश्चिक राशि में 06:00 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 06 नवंबर 2024 को धनु राशि में 27:31 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 02 दिसंबर 2024 को मकर राशि में 11:57 पर प्रवेश करेंगे.
शुक्र 28 दिसंबर 2024 को कुंभ राशि में 23:39 पर प्रवेश करेंगे.

शनि2024 | Saturn2024
शनि 29 जून 2024 को कुंभ राशि में वक्री होंगे.
शनि 15 नवंबर 2024 को कुंभ राशि में मार्गी होंगे.

राहु 2024 | Rahu2024
राहु का गोचर मीन राशि में रहेगा

केतु2024 | Ketu2024
केतु का गोचर कन्या राशि में रहेगा.

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2025 सर्वार्थ सिद्धि योग । Sarvartha Siddhi Yoga in 2025

किसी भी मुख्य कार्य को करने के लिए ज्योतिष में शुभ मुहूर्त विचार के बारे में बताया गया है. कई बार परिस्थिति वश अथवा समय के अभाव के चलते उपयुक्त समय न मिल पाने के कारण कोई सुनिश्चित या निर्धारित मुहूर्त नही मिल पाता है, तब उस समय सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

इन योगों में अभीष्ट कार्यों को करने से सिद्धि की प्राप्ति होती है. अक्सर देखा जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अमृत सिद्धि योग का संयोग बनता है, ऐसे में यह समय बहुत उपयुक्त होता है. इन दोनों ही योगों के बनने पर अगर आप कोई काम आरंभ करते हैं अथवा कुछ सफलता की आशा रखते हैं तो आपको सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है. इस बार 2025  में बनने वाले सर्वार्थ सिद्ध योगों के बारे में विस्तार पूर्वक जा रही है यदि आप अपने काम की शुरूआत इस समय पर करेंगे तो आपको बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.

आईये जानते हैं की 2025 में किस दिन और कब बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग –

जनवरी माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in January 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
5 जनवरी 20:18 6 जनवरी

31:14

7 जनवरी 17:50 8 जनवरी 31:15
11 जनवरी 07:15 11 जनवरी 12:30
12 जनवरी 15:18 13 जनवरी 12:50
19 जनवरी 07:14 19 जनवरी 07:14
23 जनवरी सूर्योदयकाल 24 जनवरी 31:13
24 जनवरी 07:13 25 जनवरी 31:08
26 जनवरी 08:27 27 जनवरी 31:12
       

फरवरी माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in February 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 फरवरी 07:09 03 फरवरी 24:53
04 फरवरी 07:07 04 फरवरी 21:50
05 फरवरी 20:34 06 फरवरी 31:06
10 फरवरी 18:01 11 फरवरी 31:03
11 फरवरी 18:35 12 फरवरी 31:02
16 फरवरी 06:59 17 फरवरी 28:32
21 फरवरी सूर्योदयकाल 21 फरवरी 15:54
23 फरवरी 06:52 23 फरवरी

18:43

       

मार्च माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in March 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 मार्च सूर्योदयकाल 03 मार्च 30:44
04 मार्च  26:38 04 मार्च सूर्योदयकाल
05 मार्च 06:42 06 मार्च सूर्योदयकाल
09 मार्च 23:56 10 मार्च सूर्योदयकाल
10 मार्च सूर्योदयकाल 11 मार्च

24:52

11 मार्च 06:36 12 मार्च

26:16

16 मार्च 06:30 16 मार्च 11:46
19 मार्च 20:50 20 मार्च सूर्योदयकाल
20 मार्च सूर्योदयकाल 20 मार्च 23:32
23 मार्च 28:19 24 मार्च  30:21

अप्रैल माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in April 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
01 अप्रैल 11:07 08 अप्रैल सूर्योदयकाल
02 अप्रैल 06:10 06 अप्रैल 08:50
04 अप्रैल 29:21 05 अप्रैल सूर्योदयकाल
06 अप्रैल 06:06 06 अप्रैल सूर्योदयकाल
07 अप्रैल सूर्योदयकाल 07 अप्रैल 06:25
08 अप्रैल 06:03 08 अप्रैल 07:55
16 अप्रैल सूर्योदयकाल 17 अप्रैल  29:55

मई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in May 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 मई 13:05 03 मई 29:39
04 मई सूर्योदयकाल 04 मई 12:54
10 मई 27:15 10 मई सूर्योदयकाल
14 मई 05:31 14 मई 11:47
18 मई  05:28 18 मई 18:53
19 मई 05:28 19 मई 19:30
22 मई 16:03 22 मई 29:26

जून माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in June 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
04 जून 27:36 04 जून सूर्योदयकाल
07 जून 09:40 08 जून 29:22
09 जून 15:32 10 जून

29:22

14 जून 24:22 14 जून 29:22
19 जून 23:17 20 जून 29:23
20 जून 05:23 20 जून

21:45

23 जून 15:17 24 जून 29:24
25 जून 05:24 25 जून

10:41

26 जून 08:47 27 जुलाई

29:25

जुलाई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in July 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
11 जुलाई 11:07 03 जुलाई 29:27
05 जुलाई सूर्योदयकाल 05 जुलाई 19:51
07 जुलाई 05:28 08 जुलाई सूर्योदयकाल
12 जुलाई 06:37 12 जुलाई

29:31

17 जुलाई 05:33 18 जुलाई 27:39
18 जुलाई 05:34 19 जुलाई  26:14
21 जुलाई सूर्योदयकाल 21 जुलाई 21:07
24 जुलाई सूर्योदयकाल 24 जुलाई 16:44
30 जुलाई  05:40 30 जुलाई  09:13

अगस्त माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in August 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
08 अगस्त 14:29 09 अगस्त सूर्योदयकाल
09 अगस्त सूर्योदयकाल 09 अगस्त 14:24
12 अगस्त 11:53  13 अगस्त सूर्योदयकाल
14 अगस्त  सूर्योदयकाल 14 अगस्त 09:06
15 अगस्त सूर्योदयकाल 15 अगस्त

07:36

16 अगस्त 28:39 16 अगस्त 29:51
18 अगस्त 05:51 19 अगस्त 

26:06

21 अगस्त 05:53 22 अगस्त

24:09

24 अगस्त 26:06 24 अगस्त 29:55
27 अगस्त 05:56 27 अगस्त 06:05

सितंबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in September 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
05 सितंबर 06:00 05 सितंबर 23:39
09 सितंबर 06:02 09 सितंबर 18:08
11 सितंबर 06:03 11 सितंबर

13:58

13 सितंबर 10:12 14 सितंबर 30:05
15 सितंबर 06:05 15 सितंबर 07:32
18 सितंबर सूर्योदयकाल 18 सितंबर 06:33

अक्तूबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in October 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
06 अक्तूबर 06:14 07 अक्तूबर सूर्योदयकाल
07 अक्तूबर 25:28 08 अक्तूबर  30:17
11 अक्तूबर 06:19 11 अक्तूबर 15:20
19 अक्तूबर 06:24 19 अक्तूबर

17:50

19 अक्तूबर 17:50 20 अक्तूबर

30:24

23 अक्तूबर 28:51 23 अक्तूबर 30:27
24 अक्तूबर 06:27 25 अक्तूबर 31:51
26 अक्तूबर 10:47 27 अक्टूबर 30:29
       

नवम्बर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in November 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 नवम्बर 17:04 03 नवम्बर

30:34

04 नवम्बर 12:35 05 नवम्बर 30:35
05 नवम्बर 30:34 05 नवम्बर 30:36
10 नवम्बर 18:48 10 नवम्बर 30:40
11 नवम्बर 18:18 17 नवम्बर 30:40
16 नवम्बर 06:44 17 नवम्बर 26:11
20 नवम्बर 10:58 21 नवम्बर 30:48
21 नवम्बर 06:48 21 नवम्बर

13:56 

दिसंबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2025 | Sarvartha Siddhi Yoga in December 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 दिसंबर सूर्योदयकाल 02 दिसंबर 20:52
03 दिसंबर 18:00 03दिसंबर 30:58
07 दिसंबर सूर्योदयकाल 07 दिसंबर 31:01
08 दिसंबर 07:01 09 दिसंबर  26:53
09 दिसंबर 07:01 10 दिसंबर 26:23
14 दिसंबर 07:05 14 दिसंबर 08:18
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साल 2025 में बनने वाले गुरु पुष्य योग और रवि पुष्य योग डेट

गुरू पुष्य योग रवि पुष्य योग एक बहुत ही विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण योग माना जाता है. ज्योतिष में इस योग की बहुत महत्ता है. इस योग के समय किए गए कार्यों में सफलता एवं शुभता की संभावना में वृद्धि होती है. इसके साथ ही व्यक्ति को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है.

कैसे बनता है गुरु पुष्य योग

इस योग में गुरु का संयोग होने पर पुष्य नक्षत्र के साथ होने पर ही निर्माण होता है. जिस दिन बृहस्पतिवार हो और उस दिन पुष्य नक्षत्र भी हो तो इन दोनों का संयोग गुरूपुष्य संयोग बनता है.

क्या होता है रवि पुष्य योग

इसी प्रकार जिस दिन रविवार हो और पुष्य नक्षत्र हो रवि पुष्य योग कहलाता है. इन योगों द्वारा व्यक्ति को उसके कार्यों में सफलता प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

पुष्य नक्षत्र का महत्व

पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों में श्रेष्ठ माना जाता है. वहीं पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों में राजा की उपाधि दी गई है. इस नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्यों का फल बहुत उत्तम प्राप्त होता है. पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है अत: इसके समय किए गए कार्यों में स्थायित्व का भाव मौजूद होता है. इस कारण से यदि आपको कुछ ऎसे काम करने हैं जिनमें आप जल्द से बदलाव की इच्छा न रखते हों ओर उसकी स्थिरता की चाह रखते हों तो यह नक्षत्र में करना बेहतर होता है.

इसके साथ ही गुरू(बृहस्पति) को ग्रहों में मंत्री एवं गुरु का स्थान प्राप्त है. इसके साथ ही गुरू की दृष्टि को गंगाजल के समान पवित्र भी माना गया है. गुरु का सानिध्य पाकर कोई भी पवित्रता एवं शुभता को प्राप्त कर जाता है. वहीं सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है. ऎसे में इन दोनों का एक साथ होना सोने पर सुहागा जैसी स्थिति को साकार करने वाला होता है.

2025 में बनने वाले गुरुपुष्य योग और रवि पुष्य योग तिथियां

गुरुपुष्य योग तिथियाँ 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
24 जुलाई 16:43 25 जुलाई 05:42
21 अगस्त 05:57 22 अगस्त  24:08 
18 सितंबर 06:10 18 सितंबर सूर्योदयकाल

रवि पुष्य योग तिथियां 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
09 मार्च  11:55 10 मार्च सूर्योदयकाल
06 अप्रैल सूर्योदयकाल 07 अप्रैल  सूर्योदयकाल
04 मई सूर्योदयकाल 04 मई 12:53
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शनि का मकर राशि में प्रवेश

24 जनवरी 2020 में शनि ग्रह का प्रवेश मकर राशि में होगा. 2020 से 2022 के आरंभ तक शनि मकर राशि में ही गोचर करेंगे. 11 मई 2020 को मकर राशि में ही वक्री होकर गोचर करेंगे. इसके बाद 29 सितंबर 2020 को मार्गी होकर मकर राशि में गोचर करेंगे.

मकर राशि शनि की स्व राशि है तीस वर्षों के पश्चात शनि अपने घर पर आ रहे हैं तो इस कारण ये गोचर विशेष रुप से प्रभावशाली होगा. अईये जानते हैं की शनि का गोचर सभी राशि के जातकों के लिए क्या फल लेकर आएगा.

मेष राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • मेष राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर उनके दसवें भाव पर हो रहा है.
  • शनि का गोचर जातकों के काम को अवश्य प्रभावित कर सकते हैं.
  • जातक के लिए ये समय ट्रैवलिंग का भी होगा.
  • इस समय कई लोगों के साथ मुलाकातें होंगी जो कार्य क्षेत्र के लिए फायदेमंद भी होंगी.
  • नौकरी में कुछ मुद्दों को लेकर भी चिंताएं रहेंगी और कुछ नए काम भी बनने की उम्मीदें बढ़ेंगी.
  • सुख में कमी आ सकती है रिश्तों में तनाव भी बढ़ सकता है.
  • रिश्तों के मध्य पैसों को अधिक अहमियत दी जा सकती है.
  • उपाय – सोमवार के दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें

    वृषभ राशि वालों के लिए शनि का गोचर.

  • वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर नवम भाव में होगा.
  • वृषभ राशि वालों के लिए गुरु भाग्य और कर्म के स्वामी हैं.
  • वृषभ राशि वालों के लिए यह समय नए बदलावों और नई काम और नीतियों को लाएगा.
  • लम्बे समय से सोचे चले आ रहे काम अब जाकर आरंभ होने की अच्छी उम्मीद दिखाई देती है.
  • कुछ कारणों से भाग्य का वो फल नही मिल पाएगा जिसका मिलना आवश्यक है, लेकिन फिर भी समय कुछ सकारात्मक पक्ष में रहेगा.
  • भाई बंधुओं के साथ कुछ विरोधाभास की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, इसलिए स्वयं को शांत रखें. समय आने पर परिस्थितियां पक्ष में भी होंगी.
  • उपाय – गरीबों को चने की दाल से बनी खिचड़ी खिलाएं.

    मिथुन राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर आठवें भाव में आरंभ होगा.
  • आपके लिए शनि नवम और अष्टम भाव के स्वामी हैं.
  • आठवें भाव पर शनि का गोचर होने के कारण चले आ रहे कामों में किसी कारण से देरी हो सकती है.
  • किसी के द्वारा आप की शिकायत लगाई जा सकती है.
  • इस समय आपको सजग होकर काम करना होगा.
  • दूसरों पर निर्भरता से बचने की आवश्यकता है.
  • परिवार में किसी संपत्ति से लाभ मिलने की संभावनाएं भी आगे आएंगी.
  • शनि की ढैय्या के चलते तनाव और कष्ट बढ़ेगा.
  • काम के क्षेत्र में भी बदलाव देखने को मिलेंगे.
  • पारिवारिक कलह बढ़ सकती है और बीमारी का प्रभाव भी आप पर असर डाल सकता है.
  • उपाय – माता का सम्मान करें और उन्हें कुछ वस्तुएं भेंट दीजिए.

    कर्क राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • कर्क राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर सातवें भाव में होगा.
  • व्यवसाय और पारिवार से जुड़े कुछ मुद्दे अचानक से आपके लिए एक बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं.
  • कामों को लेकर टाल मटोल की आदत इस समय बढ़ सकती है या आलस्य का प्रभाव भी आप पर रह सकता है.
  • इस समय आपको दांपत्य जीवन में भी सुख की कमी दिखाई देगी.
  • जो विवाह के इच्छुक हैं उनके लिए विवाह का समय भी अब से आरंभ होगा.
  • क्रोध अधिक रह सकता है.
  • उच्च अधिकारियों की ओर से कुछ सहयोग बने लेकिन छुपे हुए विरोधियों का दबाव आपको पूरा लाभ नही देगा.
  • सहयोगी और साझेदारों के साथ अनबन अधिक रहने वाली है.
  • शनि का ताम्र पाया होने पर कुछ अच्छे लाभ के मौके भी उभरेंगे.
  • उपाय – असहाय लोगों की मदद करें और मंदिर में कुछ खाने की वस्तु दान करें.

    सिंह राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • सिंह राशि वालों के लिए शनि का गोचर छठे भाव में होगा.
  • शनि का छठे भाव में गोचर आपको अपने विरोधियों से ड्टकर सामना करने की शक्ति देगाऔर आप उन्हें परास्त कर पाने में भी सफल होंगे.
  • कुछ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी झेल सकते हैं. चिकित्सक के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं.
  • परिवार में चले आ रहे वाद विवाद में आप विजय प्राप्त कर सकते हैं.
  • कार्यक्षेत्र में आपको अपने बॉस के साथ मतभेद उभर सकते हैं.
  • कई बार आपके सामने कठिन और विपरित परिस्थितियां भी आएंगी, पर परेशान न हों क्योंकि आप उन्हें परास्त कर पाने में सक्षम होंगे.
  • यात्रा के मौके बनेंगे और खर्च भी अधिक रहने वाले हैं.
  • उपाय – शिव चालिसा का पाठ 40 दिनों तक लगातार करें.

    कन्या राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • कन्या राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर पांचवें भाव में होगा.
  • इस समय आपके नए रिश्तों का आरंभ हो सकता है.
  • नए मित्र बन सकते हैं तो कुछ पुराने दोस्तों के साथ विवाद भी उभर सकता है.
  • शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को इस समय अधिक मेहनत करने की जरुरत होगी.
  • जो छात्र घर से दूर जाकर शिक्षा पाने का सोच रहे हैं उन्हें इस समय तैयारी शुरु कर देनी चाहिए.
  • प्रेम संबंधों में आरंभिक समय थोड़ा तनाव लाने वाला होगा लेकिन धीरे धीरे रिश्तों में सुधार होगा.
  • बच्चों को लेकर माता-पिता अधिक सजग दिखाई देंगे.
  • जो दंपति संतान सुख का इंतजार कर रहे हैं उन्हें अब कुछ अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है.
  • उपाय – मीट्टी के बर्तन में सरसों के तेल का दान करें

    तुला राशि के लिए शनि का गोचर

  • तुला राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर चौथे भाव में होगा.
  • शनि की ढैय्या का प्रभाव इन पर रहेगा.
  • शनि का पाया लोहा होगा इस कारण भी आर्थिक क्षेत्र में संघर्ष अधिक रह सकता है.
  • शनि का प्रभाव आप लोगों को परिवार की ओर से मिलने वाले मानसिक तनाव को बढा़ने वाला होगा.
  • कई बार कुछ कामों के लिए आपको व्यर्थ का तनाव भी झेलना होगा.
  • कुछ नया काम अगर अभी शुरु करने की सोच रहे हैं तो खर्च के लिए भी तैयार रहें.
  • घर में मेहमानों का आगमन होगा.
  • कुछ अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है.
  • दोस्तों का सहयोग मिलेगा और उनके साथ से आप आगे भी बढ़ पाएंगे.
  • प्रेम संबंधों में थोड़ा ध्यान रखें अधिक जिद्द और अपनी बात को ही आगे रखना सही नहीं होगा.
  • उपाय – श्री विष्णु भगवान का पूजन करें.

    वृश्चिक राशि के लिए शनि का गोचर

  • वृश्चिक राशि के लोगों के लिए शनि का गोचर उनकी कुण्डली के तीसरे भाव पर होगा.
  • ऎसे में आप थोड़े आलसी हो सकते हैं लेकिन अपने काम को पूरा करने के लिए भी पूरे मन से आगे बढ़ना चाहेंगे.
  • शुरुआत में आपके काम बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकते हैं.
  • अपने माता-पिता को आप किसी यात्रा पर भी ले जाने वाले हैं.
  • प्यार के मामले में थोड़ा कम लकी हों लेकिन नए दोस्त तो बन सकते हैं.
  • छात्र अपनी पढ़ाई को अच्छे से करें क्योंकि कई बार आपका टाल मटोल करना परेशानी पैदा कर सकता है.
  • काम काज में आर्थिक लाभ भी होगा और आप नई चीजों को खरीदने का मन भी बनाएंगे.
  • उपाय – अमावस्या के दिन खीर का दान करें

    धनु राशि में वालों के लिए शनि का गोचर

  • धनु राशि वालों के लिए शनि का गोचर दूसरे भाव पर होगा.
  • इस समय आप शनि की साढेसाती का तीसरा चरण देखेंगे.
  • आपके लिए थोड़ा मानसिक तनाव इस समय कम होने की उम्मीद बंधेगी.
  • कुछ लाभ भी होगा जिसका उपयोग आप अपने कर्ज एवं अपने रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं.
  • थोड़ा ध्यान रखें क्योंकि विरोधी आप को परेशान करने की कोशिश करेंगे.
  • स्वास्थ्य का ख्याल रखें दुर्घटना एवं कोई चोट लग सकती है.
  • इस समय आपकी कुछ लम्बी दूरी की यात्रा भी होगी.
  • उपाय – शनि मंत्र का जाप नियमित रुप से 108 बार किया करें

    मकर राशि वालों के लिए शनि का गोचर

  • आप के लिए इस समय शनि का गोचर भागदौड़ बढा़ने वाला होगा.
  • कई ऎसे कामों पर एनर्जी खराब होगी जिन्हें करने की आवश्यकता भी नहीं हो.
  • अपने लोगों के साथ दूरी का अनुभव करेंगे.
  • प्रेम संबंधों को लेकर इस समय आप थोड़े कठोर हो सकते हैं.
  • अपनी जिद और अपनी सोच के चलते आप अलगाव भी अनुभव कर सकते हैं.
  • मकर राशि के जातकों के लिए शनि की साढे़साती का मध्य भाग होने के कारण चिंताएं बढ़ेंगी.
  • अपने प्रियजनों के साथ अलगाव भी उत्पन्न हो सकता है.
  • काम के क्षेत्र में नए मौके मिलेंगे इस समय स्थान परिवर्तन के योग भी बनेंगे.
  • उपाय – तेल का दीपक पीपले के वृक्ष के नीचे जलाएं.

    कुम्भ राशि वाली के लिए शनि का गोचर

  • कुम्भ राशि के लोगों के लिए शनि का गोचर बारहवें स्थान पर होगा.
  • व्यर्थ की भागदौड़ और वाद विवाद उभर सकते हैं.
  • इस समय के दौरान आप कुछ अधिक क्रोधी हो सकते हैं.
  • अधिक खर्चीले भी होंगे.
  • किसी कानूनी वाद-विवाद का निपटारा इस समय होना संभव है.
  • आपके लिए सुझव है की बहुत अधिक जोखिम उठाने से बचें.
  • चोट इत्यादि लगने का भी भय है.
  • एक बात बेहतर होगी की आप अपने शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं.
  • धर्म स्थल की यात्रा और किसी गुरु समक्ष व्यक्ति से मिलने का मौका भी मिलेगा.
  • अपने प्रेम संबंधों में दूसरे का हस्तक्षेप भी इस समय बढ़ सकता है.
  • उपाय – मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को पान चढ़ाएं

    मीन राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर

  • मीन राशि वालों के लिए शनि का गोचर एकादश भाव में होने वाला है.
  • इस समय लाभ भी मिलने की अच्छी उम्मीद जागती है.
  • अचानक से कोई व्यक्ति आपके जीवन में आकर आपको हैरान कर सकता है.
  • आप अपने रिश्तों और प्रेम संबंधों के मध्य खिंचतान का अनुभव कर सकते हैं.
  • दोस्तों के साथ घूमने फिरने के मौके बनेंगे. कुछ यात्राएं आपको लाभ भी दिला सकती हैं.
  • आप अपनी बातों को दूसरों से अधिक छुपाने वाले हैं.
  • अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें लापरवाही परेशानी पैदा कर सकती है.
  • पैतृक संपत्ति को लेकर अपनों के साथ संबंध तनाव में आ सकता है.
  • बच्चों का सुख इस समय आपको मिलने की अच्छी उम्मीद दिखाई देती है.
  • उपाय – शिवलिंग पर जलाभिषेक करें.

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