शनि का मकर राशि में मार्गी होना बड़े बदलावों का संकेत

एक लम्बे समय से शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. मकर राशि शनि के स्वामित्व की राशि है. शनि का मकर राशि में गोचर करना शनि के कारक तत्वों में वृद्धि करने वाला हो सकता है. शनि के गोचर में शनि ग्रह की चाल का प्रभाव भी बहुत असरदायक रुप से पड़ता है.

शनि के मार्गी होने का समय
11 अक्टूबर 2021 सोमवार के दिन शनि ग्रह मकर राशि में मार्गी होंगे.
संवत के अंत तक शनि मकर राशि में मार्गी रहेंगे.

शनि वक्री हो जाते हैं और ऎसे में शनि के शुभ प्रभाव में व्रकता आने से स्थिति परेशानी वाली रहती है. किसी भी ग्रह में जब उसकी चाल में बदलाव को देखा जाता है तो ये स्थिति काफी बदलाव और तनाव को दिखाने वाली है. ग्रह के फलों में भी वृद्धि होने लगती है और इस प्रकार चीजों की अधिकता अस्थिरता को भी जन्म देती है.

शनि की चाल में एक बार फिर से बदलाव होगा. शनि मार्गी होंगे, शनि का वक्री से मार्गी होना कुछ सुधार और स्थिरता की ओर इशारा करने वाला होगा. शनि का मार्गी होना सभी राशि के लोगों पर अपना विशेष प्रभाव डालने वाला होगा

शनि का मार्गी होना क्यों है प्रभावशाली

शनि देव का किसी एक राशि में रहना एक लम्बा समय होता है. शनि जिस भी राशि में गोचर करते हैं उस राशि के गुण स्वभाव और प्रभाव पर अपना असर भी अवश्य डालते हैं. शनि यदि मित्र राशि, उच्च राशि या स्वराशि में होते हैं तो यह स्थिति शनि से मिलने वाली सभी चीजों को बढ़ाने का काम करती है. इसके विपरित यदि शनि अपनी किसी शत्रु राशि, नीचस्थ राशि में हों तो ऎसे में उन सभी गुणों में कमि आती है ओर विपरित फल भी मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इस वर्ष शनि का मकर राशि में गोचर हो रहा है. मकर राशि के स्वामी शनि हैं. इसलिए शनि का मकर राशि में गोचर बहुत मायनों में खास माना गया है.

आईये जाने मार्गी शनि का क्या होगा आप पर प्रभाव

मेष राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
मेष राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना उनकी मानसिक और कार्य क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं में राहत देने वाला होगा. काम काज को लेकर कुछ बेहतर स्तर के बदलावों को देखा जा सकता है. पिछले कुछ समय से चली आ रही दबाव की स्थिति भी कुछ कम होती दिखाई देगी. निर्वाह योग्य आय के साधन भी बनेंगे. यदि धन कहीं अटका हुआ था तो उसकी फिर से प्राप्ति की संभावना बनेगी. इस समय पर आर्थिक मामलों में आपको आगे बढ़ने के अवसर भी मिल सकते हैं.

वृष राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
वृष राशि के लोगों के लिए शनि की मार्गी स्थिति भाग्य के सहयोग को दर्शाती है. अभी कुछ समय से संबंधों की उधेड़बुन जो आप पर अधिक भारी हो रही थी, उसमें उलझाव दूर होने वाला है. आध्यात्मिक क्षेत्र में आप अधिक शामिल होंगे. आपको इस समय धार्मिक कृत्य करने के मौके भी प्राप्त होंगे. छात्रों को शोध से जुड़े काम करने का बेहतर अवसर भी मिलेगा. कुछ लम्बी दूरी की यात्राओं का समय भी होगा. भाई बंधुओं का सहयोग आपकी मेहनत को बेहतर दिशा में ले जाने वाला होगा.

मिथुन राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
मिथुन राशि के लोगों के लिए शनि का मार्गी होना इनकी विचारधारा और काम के क्षेत्र में नए मौके दिखाने वाला होगा. आपके लिए काम के संसाधनों में बदलाव और अचानक मिलने वाले लाभ की स्थिति बनती दिखाई देती है. फैमली में किसी संपंति से जुड़े मसले अब सामने आ सकते हैं. परिवार में नए व्यक्ति का आगमन बदलाव को दिखाने वाला होगा. कुछ बदलाव आपको मानसिक रुप से और आर्थिक रुप से बदल कर रख सकते हैं. अभी के समय पर निवेश के मौके प्राप्त होंगे.

कर्क राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
कर्क राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना भावनात्मक स्तर पर नए लोगों के साथ जुड़ाव को दिखाएगा. आपके लिए मानसिक परेशानियों का अभी अंत न हो लेकिन कुछ समय पर आप इस मसले पर रह कर काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकते हैं. शादिशुदा जीवन में होने चले आ रहे संताप कम होंगे और नए सिरे से बातें सुलझेंगी. इस समय पर साझेदारी के काम में आप अब आगे बढ़ सकते हैं.

सिंह राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
सिंह राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर माहौल दिखाने वाला होगा. तनाव व दबाव के चलते आपको काम में बदलाव झेलना पड़ सकता है. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिन मसलों को लेकर बात नहीं बन पाई है उसमें आगे बढ़ना बेहतर नही होगा. कुछ समय के लिए स्थिति को ठंडे बस्ते में डाल देना ही बेहतर होगा. आपका परिश्रम आपके लिए परिणाम का अच्छा स्तर बनाने में सहायक बनेगा.

कन्या राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
कन्या राशि के लिए शनि का मार्गी होना कई मामलों में कुछ स्थिरता ओर बेहतर परिणाम दे सकता है. रोग इत्यादि से राहत मिलने का भी समय अभी बना हुआ है. प्रेम के मामले में आप अपने साथी का प्यार इस समय पर प्राप्त कर पाएंगे. अब समय से बच्चों की ओर से आपको राहत मिलने का.निसंतान दंपतियों के लिए मौका है संतान के सुख को पाने का. कुछ लम्बी यात्राओं का भी समय है, पर ध्यान रखें इस यात्राओं में खर्च की वृद्धि बनी रहने वाली है.

तुला राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
तुला राशि वालों के लिए शनि का मार्घि होना कई बातों में अच्छे परिणाम दिलाने वाला हो सकता है. घरेलू स्तर पर कुछ नए लोगों के साथ आपकी भावनात्मक पकड़ मजबूत होगी. संपत्ति के मामले अब लाभ दिला सकते हैं. अब इस समय पर सुख की कमी परेशानी दिला सकती है. आपके लिए घर से दूर जाने के नई स्थितियां बनेंगी. धनार्जन के लिए समय ज्यादा बेहतर न हो इस समय पर आप अपनी जमा पूंजी को खर्च करने का मामला दिखाई देता है. मधुमेह ओर संक्रमण की संभावना अधिक बनी हुई है.

वृश्चिक राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना आपकी मेहनत को सही दिशा में ले जाने वाला होगा. काम और भागदौड़ के कारण स्थिति बेहतर न हो लेकिन अभी आने वाले समय पर आप बेहतर परिणाम पा सकते हैं. धार्मिक क्षेत्र में आपके लिए विशेष मौके दिखाई देंगे. जो लोग किसी विशेष मंत्र साधना पर काम करना चाहते हैं तो वह आपके लिए अनुकूलता से भरा समय रहने वाला है. उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए छात्र बेहतर फल को पा सकते हैं. अपने लोगों का कुछ सकारात्मक सहयोग अब आप प्राप्त कर सकते हैं.

धनु राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
धनु राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना धनार्जन के मामले में कुछ तेजी और नए स्त्रोतों को दिलाने वाला होगा. परिवार में चल रहे विवाद में कुछ धीमापन दिखाई दे सकता है. आप इस समय जल्दबाजी से निर्णय लेने में आगे दिखाई देंगे. जो लोग ऎसे काम से जुड़े हुए जिनमं रहस्यों को जानने कि प्रवृत्ति होती है तो उसमे आपके लिए बेहतर मौके आएंगे.पैतृक संपत्ति का मसला आपके लिए सकारात्मक परिणामों को दिलाने वाला होगा.

मकर राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
मकर राशि के लिए शनि का मार्गी होना आपके विचारों में बदलावों को दिखाने वाला होगा. आप अपने काम में नए फैसलों को लेकर आ सकते हैं. इस समय पर आपके कार्यों को गति मिलेगी तथा सफलता के अवसर आपको आगे ले जा सकते है. काम को लेकर आप कुछ नयी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ सकते हैं. विरोधी हावी होने का प्रयास करेंगे पर अब आप उन सभी पर दबाव बनाने में सफल हो सलते हैं. क्रोध पर नियंत्रण रखकर अच्छा समय आपके पक्ष का हो सकता है. वैवाहिक संबंधों के मामले में आपको अपने साथी की ओर से प्यार ओर सहयोग की प्राप्ति होगी.

कुम्भ राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
कुंभ राशि के लोगों के लिए शनि का गोचर मानसिक तनाव से कुछ मुक्ति दिलाने वाला हो सकता है. पैसों को लेकर बनी हुई चिंता इस समय कम होगी तथा नए स्त्रोतों द्वारा लाभ के मौके मिल सकते हैं. सेहत के मामले में अब सुधार की संभावना बनेगी. आप के लिए जरूरी है की आप अपने विरोधियों पर ध्यान बना कर रखें. लम्बे समय से चले आ रहे रोगों के उपचार में सही दिशा को देख पाएंगे. अपने मित्रों का साथ पाकर आप विरोधियों के समक्ष खड़े होने में सक्षम होंगे.

मीन राशि पर मार्गी शनि का प्रभाव
मीन राशि वालों के लिए शनि का मार्गी होना आर्थिक क्षेत्र में कुछ अच्छे लाभ को दिखाएगा. इस समय विदेश जाने के योग भी बनेंगे ओर जो लोग वीजा इत्यादि के इंतजार में हैं उन्हें सकारात्मक रुख देखने को मिलेगा. आपके काम के लिए अब लाभ भी होंगे. अपनी योग्यता के अनुसार आय मिल सकती है. सम्मान प्राप्त होने की उम्मीद भी बनेगी. कुछ एक साथ दूसरे काम भी सामने होंगे. बच्चों को लेकर अधिक ध्यान रहेगा. आप मानसिक रुप से खुद को लेकर भी अधिक सजग दिखाई देंगे.

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मंगल का कन्या राशि में गोचर: सोच समझ कर लेने होंगे फैसले तभी मिलेगी सफलता

मंगल ग्रह 06 सितंबर 2021 को कन्या राशि में गोचर करेंगे. मंगल का कन्या राशि प्रवेश एवं गोचर सभी राशियों के जातकों के लिए महत्वपुर्ण होगा और इस के प्रभाव से कुछ राशियों पर अधिक असर दिखाई देगा और कुछ को इससे लाभ की प्राप्ति होगी. मंगल का अग्नि तत्व युक्त होकर एक पृथ्वी तत्व राशि में गोचर करना कई मामलों में महत्वपूर्ण होगा. इस समय पर बौद्धिकता परिष्कृत होगी एवं कुछ नवीन निर्णयों को लेने में भी आप काफी संघर्षशील होंगे.

मेष से लेकर मीन राशि तक सभी लोगों के लिए मंगल कुछ न कुछ शुभाशुभ फलों को देने में सक्षम होंगे.

मेष राशि

मेष राशि के व्यक्तियों के लिए ये समय साहस और पराक्रम का समय होगा जब आप अपने काम में कुछ सकारात्मक और प्रभावशाली रुप से काम करने वाले हैं. इस समय पर आप अपने विरोधियों पर विजय पा सकते हैं. इस समय पर स्वास्थ्य में कुछ कमी रह सकती है, इसलिए अपने खान-पान को लेकर सजग रहें. ट्रैवलिंग का समय भी बना हुआ है. इस समय पर खर्च की अधिकता भी बनी रहने वाली है.

वृषभ राशि

वृष राशि के जातकों के लिए इस समय काफी बदलाव होंगे. विपक्ष का दबाव अधिक रह सकता है. इस समय आप व्यस्त और काफी प्रभावशाली दिखाई देंगे. आप काम में उच्च लाभ और प्रगति को पाने में बेहतर कर सकते हैं. इस समय पर लोगों के साथ मेल-जोल के मौके होंगे. अधिकारियों का साथ आपके काम में नए बदलाव को दिखाने वाला है. इस समय पर रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव होंगे लेकिन स्थिति नियंत्रण में रख पाने में आप सफल रहेंगे.

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल का गोचर उनके सुख भाव पर होने से मानसिक बेचैनी अधिक रह सकती है. आपके आस-पास का माहौल थोड़ा व्यस्तता वाला अधिक रह सकता है. घर पर कुछ नए काम और बदलाव भी हो सकते हैं. संपति प्राप्त का लाभ भी आपको मिल सकता है. आर्थिक स्थिति में लाभ प्राप्ति के बेहतर योग भी बनते दिखाई देते हैं.

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल का गोचर उनके परिश्रम को बढ़ाने वाला हो सकता है. अपने भाई बंधुओं का सहयोग पाकर आप काम में बदलाव भी कर सकते हैं. आय के स्त्रोत बढ़ाने की कोशिश में सफलता भी मिलेगी. कुछ काम के सिलसिले में यात्राएं भी अधिक रहेंगी. धार्मिक रुप से भी आप लोगों के साथ जुड़ सकते हैं.

सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों के दूसरे भाव पर मंगल का गोचर होने से आप की धनार्जन की क्षमता विकसित होगी और आप आर्थिक क्षेत्र में नए निवेश को लेकर भी काफी सजग दिखाई देंगे. इस समय पर कुछ अचानक से परिवार में कार्य आरंभ हो सकते हैं. प्रेम संबंधों के लिए स्थिति सामान्य ही है, छुपे हुए रिश्ते इस समय उजागर भी हो सकते हैं इसलिए सावधानी के साथ कार्यों को करना उचित होगा.

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के राशि लग्न पर ही प्रभाव के चलते सजग बने रहने की आवश्यकता होगी. दांपत्य जीवन में इस समय थोड़ी हलचल दिखाई देगी. आपकी बातों के चलते सहमती न बन पाए ओर दूसरे को समझाने के चक्कर में विवाद भी उत्पन्न हो सकता है. प्रेम संबंध विवाह के बंधन में बदल सकते हैं. साझेदारी के काम में आपको आगे बढ़ने का अच्छा मौका मिलेगा.

तुला राशि

तुला राशि के लोगों के लिए द्वादश भाव में मंगल की स्थिति के चलते आप को नए लोगों के साथ काम के नए अवसर भी प्राप्त होंगे. वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए संघर्ष अधिक रहेगा. ये समय एक्स्ट्रा मैरिटल रिश्तों का भी संकेत देता है ऎसे में संभल कर आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी, अन्यथा रिश्तों में तनाव बढ़ने लगेगा. कानूनी मसलों में आप सफलता भी पा सकते हैं. इस समय पर वाहन इत्यादि से संभल कर यात्रा करने की सलाह दी जाती है.

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल का गोचर लाभ स्थान पर होगा. इस समय पर नए काम बनेंगे और साथ ही कुछ लाभ के साथ साथ खर्च की अधिकता भी रह सकती है. बच्चों को लेकर माता-पिता थोड़ा चिंता में रहेंगे लेकिन उनके कार्यों द्वारा उन्हें काफी सकारात्मकता भी मिल सकती है. स्वास्थ्य का ध्यान रखें आपकी लापरवाही के चलते ही सेहत पर असर रह सकता है.

धनु राशि

धनु राशि के लोगों के लिए इस समय पर काम के स्थान पर मंगल का गोचर होने से परिश्रम के अनुसार ही लाभ की प्राप्ति भी दिखाई देती है. इस समय पर अधिकारियों के साथ काम को रफ्तार मिलेगी. कुछ मामलों में शायद बातों पर सहमती अधिक न हो या फिर काम का दबाव भी आप पर बना रह सकता है. अचानक से दूर स्थलों की यात्राएं भी बनी रह सकती है.

मकर राशि

मकर राशि के लोगों के लिए ये समय भाग्य का सहयो देने वाला होगा. इस समय पर पूजा पाठ इत्यादि में आप अधिक ध्यान रख सकते हैं. इस समय लोगों के साथ मेल-जोल अधिक होगा. भाई बहनों की ओर से कुछ चिंता अधिक रह सकती है. कुछ नई वस्तु की खरीदारी का भी मन बना सकते हैं. बचत पर इस समय अधिक असर बना रह सकता है.

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए ये समय थोड़ा सजग होकर काम करने का होगा. जल्दबाजी में किए गए काम परेशानी बढ़ा सकते हैं. उत्साह आप में बना रहने वाला है. इस समय पेट से जुड़े रोग भी कुछ परेशानी दे सकते हैं. नए-नए विचार आपके मन में बने रहेंगे और जो लोग किसी ऎसे काम में हैं जिसमें रिसर्च का काम हो वहां बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं. गुप्त शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत होगी सुनी-सुनाई बातों पर कम ही ध्यान देना चाहिए अन्यथा आपके लिए ही दिक्कत बन सकती है.

मीन राशि

इस समय पर मंगल आपके सप्तम भाव पर होगा. आपके वैवाहिक जीवन के आरंभ के लिए समय अनुकूल होगा. दांपत्य जीवन में साथी के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिशें भी होंगी. इस समय पर लोगों के साथ मेल जोल अधिक होगा ओर सामाजिक रुप से आप थोड़े काम में अधिक लगे रह सकते हैं.

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कर्क राशि में सूर्य का गोचर, लाएगा नए बदलाव

सूर्य का प्रत्येक माह में एक राशि से दूरी राशि में प्रवेश अत्यंत महत्वपूर्ण घटना होती है. सूर्य का कर्क राशि परिवर्तन सौर मास गणना में संक्रांति काल कहलाता है. कर्क राशि में प्रवेश का समय सूर्य के उत्तरायण से दक्षिणायन जाने का भी होता है. कर्क राशि में प्रवेश के साथ यह स्थिति आरंभ मानी जाती है. सूर्य के दक्षिणायन होने के साथ ही कुछ मांगलिक कार्यों में रोक लग जाती है.

दक्षिणायन समय देवताओं की रात्रि का समय होता है इसलिए इस समय के आने पर शुभ कार्य टाल दिए जाते हैं. कर्क राशि एक जल प्रधान राशि है और चंद्रमा को इसका स्वामित्व प्राप्त है सूर्य के इस राशि में आने पर सुर्य में शीतलता भी आने लगती है उसका तेज कुछ हल्का भी होने लगता है इस लिए यह समय कई मायनों में खास बन जाता है. आईये जानते हैं कैसा रहेगा सूर्य का कर्क राशि में जाने का प्रभाव.

सूर्य का कर्क राशि प्रवेश समय 2025

सुर्य का कर्क राशि में प्रवेश 16 जुलाई 2025 को शाम में 17:30 मिनिट पर होगा. सूर्य कर्क राशि में 16 जुलाई से 16 अगस्त तक 25:52 तक गोचरस्थ रहेगा.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का मेष राशि पर प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए सूर्य का कर्क राशि गोचर परिवार के साथ संपर्क की स्थिति को दर्शाता है. परिवार में किसी के सहयोग से आपके अधूरे काम आगे बढ़ सकते हैं. काम काज के क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से आपको सकारात्मक रवैया भी दिखाई देगा लेकिन आवश्यकता है की अपने काम में किसी भी प्रकार की ढ़िलाई से बचने की.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का वृष राशि पर प्रभाव

वृष राशि वालों के लिए कर्क राशि में सूर्य का गोचर उन्हें परिश्रमी तो बनाता है लेकिन इस समय आलस्य का भाव भी देखने को मिल सकता है. बहनों का साथ आपको सकारात्मकता देने वाला होगा और आप को परिवार के लोगों का साथ भी मिलेगा. आप अपने काम के लिए कहीं जाने की तैयारी भी कर सकते हैं व्यर्थ के खर्चों पर नियंत्रण लगाने की आवश्यकता होगी.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव

मिथुन राशि वालों के लिए ये गोचर उनके आर्थिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है. इस समय खर्च अधिक रह सकते हैं. बैंक इत्यादि से लोन निवेश निकालने की आवश्यकता पड़ सकती है. इस समय पर आपके शत्रुओं की ओर से आप पर अधिक दबाव बनाने की कोशिश रह सकती है, लेकिन आप उन्हें ऎसा कर ने से रोक पाएंगे. कुछ मुख संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं इसलिए खान-पान का ध्यान रखने की जरूरत होगी.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर उन्हीं की राशि पर होने से उनके पराक्रम को वृद्धि मिलेगी. मान सम्मान की प्राप्ति होगी लेकिन स्वभाव में क्रोध और जिद का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. इस समय पर मित्रों के साथ लम्बी ट्रैवलिंग का भी आनंद ले पाएंगे. विवाह संबंधी मामलों में थोड़ा तनाव आपको परेशान करेगा पर स्थिति को आप नियंत्रित कर पाने में भी सक्षम होंगे.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव

सिंह राशि वालों के लिए समय थौड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है. अपने काम को लेकर लापरवाही से बचने की आवश्यकता है. घरेलू मुद्दे आपको कुछ समय के लिए कहीं दूर ले जा सकते हैं. इस समय पर विरोधियों की ओर से आप पर दबाव होगा और काम में भी नए प्रोजेक्ट इत्यादि से आपकी व्यस्तता अधिक होगी स्वास्थ्य की अनदेखी परेशान कर सकती है.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव

कन्या राशि के जातकों के लिए ये समय कुछ नए रिश्तों के साथ जुड़ने की स्थिति को दिखाता है. परिवार और काम के बीच आप थोड़े उलझे तो रहेंगे लेकिन फिर भी समय निकाल लेने की योग्यता भी आप में अच्छी होगी. इस समय आपको चीजों में संतुलन बनाना आसान नहीं होगा. बच्चों की ओर से भी आप कुछ चिंता में रहेंगे लेकिन आर्थिक क्षेत्र में लाभ के मौके कुछ राहत देने वाले भी हैं.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का तुला राशि पर प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए ये समय काम की अधिकता और उससे जुड़े मुद्दों वाला हो सकता है. इस समय पर आपको अपने आस पास के लोगों की ओर से काफी कुछ नई चीजें सिखने को भी मिल सकती है. पिता के स्वास्थ्य में कमी के कारण कुछ चिंता हो सकती है. इस समय पर सहकर्मियों के साथ तालमेल में अगर कमी आती है तो जरूरी है की उस पर बहुत अधिक ध्यान देने से बचें अन्यथा दूसरी बातों पर इसका असर पड़ सकता है.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

वृश्चिक राशि वालों के लिए इस समय नए मौके उभर सकते हैं. आप को कई मामलों में आगे बढ़ने के अवसर भी मिल सकते है, पर इस समय अपने विरोधियों को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. स्वास्थ्य की दृष्टि से इस समय पर नींद की कमी होने जैसी समस्याएं रह सकती हैं. भाईयों के साथ कुछ बातो को लेकर विवाद उभर सकता है लेकिन जल्द ही सुलह होने के भी अवसर सामने होंगे. धनार्जन के लिए अच्छा समय बन रहा है.

कर्क राशि में सूर्य के गोचर का धनु राशि पर प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए सूर्य का ये गोचर थोड़ा सा संघर्ष की स्थिति को दिखाता है लेकिन प्रयासों द्वारा सफलताओं का भी मौका आपके सामने होगा. अपनी मेहनत द्वारा आप दूसरों को अपनी ओर कर पाने में भी सक्षम होंगे. पैसों के मामलें में खर्च की अधिकता परेशान कर सकती है. कहीं अचानक से यात्रा के मौके इस समय पर जल्द ही दिखाई दे सकते हैं.

कर्क राशि में सूर्य का गोचर मकर राशि पर प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए ये गोचर उनके प्रेम संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण रह सकता है. आप अपने आप को लेकर भी काफी सोच विचार में दिखाई देने वाले हैं. इस समय पर नए संबंधों की शुरुआत कुछ रुखाई से भरी रह सकती है लेकिन इससे निराश न हों क्योंखि आने वाले समय में स्थिति बेहतर अवश्य होगी. अपनी जिद पर नियंत्रण बना कर रखें और व्यर्थ के विवाद से बचें.

कर्क राशि में सूर्य का गोचर कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य का ये गोचर उनके भीतर एक ऊर्जा और उत्साह लाने वाल अहोगा. इसके साथ ही आपको कानूनी विवादों में पड़ने से बचने की जरूरत है क्योंकि इस समय पर वे लम्बे खिंच सकते हैं. आपकी वाणी में खामोशी कुछ अलग ही तरह की होगी जो दूसरों को परेशान भी कर सकती है. प्रेम संबंधों को लेकर निराश न हों अच्छा समय जल्द ही आएगा और आप अपने साथी के साथ यादगार समय बिता सकेंगे.

कर्क राशि में सूर्य का गोचर मीन राशि पर प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए सूर्य का राशि बदलाव उनके लिए खास रह सकता है. बच्चों की ओर से थोड़ी चिंता होगी लेकिन उनकी एजुकेशन का स्तर अच्छा भी होगा. आप इस समय कुछ अलग ओर रचनात्मक गतिविधियों में भाग भी ले सकते हैं. इस समय पर उच्च शिक्षा के साथ साथ दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका भी आपको मिल सकता है. अपने काम काज में प्रगति के लिए अच्छा समय है इसका लाभ उठाएं.

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Venus Transit in Leo – From 17th July to 11th August- Prediction for different Zodiac (based on Moon Sign)

Venus the planet of beauty, Romance and comfort will now transit in the Zodiac of Sun the most fierce, Passionate and adventurous planet.

Venus is transiting in Leo. This transit in Leo will bring in a lot of changes as it is moving from the coolest place to the hottest place. The presence of Venus in Leo will lead to a general lack of kindness. Venus’ transit in Leo will lead to a lot of disruptions for natives of several zodiac signs. health issues in general may increase. For India, lot of chaos could be seen in the Political scenario.

Venus is a vibrant and luminous planet. The radiance of Venus is present all around. It is also considered to be the brightest of all the planets. Venus has the title of Guru. It is also a master like Jupiter. The only difference is that Venus is the master of the demons and Jupiter is the master of the gods. Venus is an auspicious planet. It is the auspiciousness of Venus that makes one capable of enjoying all kinds of worldly pleasures.

The transit of Venus, the giver of all kinds of wealth and knowledge, is considered to be extremely important and auspicious. When Venus is placed auspiciously in a horoscope, the native is blessed with many pleasures from time to time. On the other hand, if Venus is weak, then in that situation many kinds of problems start to arise, desires may remain unfulfilled leading to a lack of happiness.

Venus Transit In Leo

Venus has entered Leo on 17th July 2021 and will stay in Leo till 11th August 2021. After that Venus will leave Leo and enter Virgo.

The appearance of Venus in the Sun-owned Leo zodiac sign will have stupendous effect on people of all zodiac signs. Let us know what changes this transit will bring to the natives all the 12 zodiac signs: –

Aries –

For Aries natives Venus will now leave the house of ease to the house of action and move forward on the path of progress. Fifth house is the house of romance, education and being the 7th lord placed in 5th house indicates a good time to find a Love mate or a life partner. It will also be eager to bring in benefits for the family. You will give serious thought to your education. You will also have the opportunity to learn something. Those in the creative field and art will see a growth in their prospects. There may be times when there will be conflicts but do not give up. Love relationships may take a serious turn and those in love may see find things moving faster during this period. An excellent time to propose and get into the love life. When it comes to working, keep trying.

Taurus –

For Taurus natives, Venus rules your zodiac and this change will lead to an increase in hard work. Being the owner of your zodiac, it’s transit into the Leo sign will make you aware of new things. There may be some ups and downs in health in this period. As Venus will be transiting the Sukh Stan there will be a decline in happiness. Expenses may increase. You will be spending money on shopping. Some renovation related work may also be taken up at home. Be careful while using any vehicle. You will benefit from political changes.

Gemini –

Gemini natives will have a lot of running around and problems in this period. This period will bring mixed effects for Gemini natives. You may not get the support of others to accomplish your tasks. Although your mother will support you, others will take their time to help you. There is a need to be a little vigilant about health, Avoid being rash while driving the vehicles etc. Avoid showing off. You will now stop overthinking about your relationships. An excellent time for communication and Marketing. Go ahead and make the best use of the time in building up new relations and make the best use of Govt. deals.

Cancer –

The influence of Venus will be beneficial in some cases for Cancer natives. You can get money from your family. You will be able to take time out for yourself and will indulge in activities that you did not have time for so far. Venus will also reduce your anger and mental anguish. You will interact with people. This period will also be good to buy and sell essential household items. In love relationships, you need to be a bit careful.

Leo –

The arrival of Venus in your sign will bring in changes in your mood. You will indulge in good self care. You may want to be close to your partner but distance may remain due to some reasons. The situation can be taken care of through a known mediator. Manglik occasions at home or similar events will get you to meet up either with your relatives or with your friends.

Virgo –

Your work will be done through a person or through a technology away from you. You will have to be alert about your health in this period. Carelessness in your eating habits may lead to insomnia. You may meet someone on the internet with whom you will connect emotionally. Avoid people who treat you as enemies. Take care of legal documents and be alert in your legal undertakings.

Libra –

Venus is the owner of your zodiac and now he is transiting in Leo zodiac. You will socialise and make new friends. You will collaborate with people wherever you go. This period will help you in developing your personal and professional relationships. You will also acquire a new things and will be engaged in some profitable deals . This period will be favourable for those in business.

Scorpio –

Your destiny will support you. There will be new developments which will bring you respect and name. Overall your expenses will increase. You will indulge in a lot of expenditure for yourself. It is advisable to keep a tab on your expenses. You will receive love from your parents. Avoid getting into fights in this period. Even if there are hiccups at work stay calm. There are high chances of attaining happiness. You will be given new responsibilities at work.

Sagittarius –

This period will bring a lot of obstacles and will reduce the pace of work causing problems. There will be differences between family members at work. You may remain worried about your in-laws. If you are a businessman, then you should avoid investing more money in your business. You may start a new project with your friends. You will have new sources of earning income. You are very likely to benefit from ancestral property.

Capricorn –

Your expenses will be more and your savings will be less in this period. You may invest money in places where you do not have much attachment. You will keep your love relationships secretive and will not disclose to others. Some auspicious events may come up suddenly leading you to higher social interaction. If you are planning to travel, you will receive opportunities for the same. Keep a tab on your speech. Avoid getting excessively emotional when you communicate with others. You will have to take care of your health also. You may suffer from fatigue and sugar related issues.

Aquarius –

Venus will affect your marital life. Others will interfere in your happiness and your marital life as an effect of this transit. Benefits from the in laws side are foreseen. Venus is going to go to the seventh house in your zodiac. This will make it difficult for you to interact easily with others. There can be some financial support from your life partner. You will benefit from partnerships.

Pisces –

Transit of Venus will bring a boost for you. You will spend money extravagantly. You will get some good responses from the life partner, but again the interference of others can cause stress in your relationship. Guests will come home which will increase your work. You will be in a mood of love and romance. You will be full of excitement and enthusiasm. You will put in more effort for your children. This is an excellent period for those in Jobs and contracts. Take care of your health as Transit of 8th lord in the 6th house may lead to some minor injuries and ill health. Avoid being impulsive.

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Dilip Kumar- The Twinkling Star through the lens of Astrology

Mohd. Yusuf Khan alias Dilip Kumar was born on 11th december in the year 1922 in a pashtun family in Peshawar,  the city of flowers, which is now in the territory of Pakistan. He had 12 siblings. His childhood was not the bed of Roses, rather it was a rough patch as his father relocated himself from Peshawar to Mumbai after his birth. His father was basically a fruit merchant. 

Dilip Kumar completed his college around 1940 and had a positive thought of supporting his father financially, but, with some disagreement with his father he skipped to Pune and started working in a British canteen. This was the turning point of his life as he was being noticed by a leading actress of that time, Devika Rani. Ms. Devika was impressed by his profile and offered him to work for Bombay Talkies which was jointly owned by her husband Mr. Himanshu Rai.His first film ‘Jwar bhata’ was released in the year 1944. Although this was a flop, But, this breakthrough gave him the courage to enter an entirely unexpected career. Later he got his first box office hit film in 1947 ‘Jugnu’. And this ‘Jugnu’ led to the birth of a magical star Dilip Kumar.  

Later, his career went to the 2nd lap in the 60s when he worked for Mughal E Azam  which became a Superhit on Box office and produced a film ‘Ganga Jamuna’  which received the National Award and many other awards. 

Dilip Kumar’s unique style of acting made him one of the greatest actors and the newcomers like Sharukh Khan got inspired from him and followed his style of acting.

After 1970 Dilip Kumar’s career slumped as hardly any movie got a superhit on the box Office. Now let us analyze this “Tragedy King ” through the lens of Astrology.

Dilip Kumar was born in the Nakshatra of Venus (Purva Phalguni) with rising Ascendant Capricorn and Moon placed in Leo.

His Nakshatra Purva Phalguni indicates him to be freedom lover, famous in the Artistic field, good intuitive powers, sweet speech and ready to offer a helping hand. He was never a Yes Man and hence did not work under anyone. Health wise he was good except some problems related to dental, abdomen and diabetes.

His Rising Ascendant Capricorn is a mature, assertive and considered daddy of the zodiac. Since this zodiac falls under cardinal sign, he is motivated, ambitious, and a great leader. Also, being an earth sign, he is  practical, productive, and dependable. He had the strategy of ‘Slow but steady’. Capricorn made him Tragic King,  super serious, almost all the time! He was goal-driven, brilliant in his field, and, like all earth signs, motivated by money. But even if he made enough money , he was only interested in being as hardworking as he is.

Let us analyze his Vimshottari Dasha 

Till 1932 – He was under Venus Dasha which indicates he had enjoyed childhood and was participating in stage shows during that period. 

Turning points of Dilip Kumar 

1944– He was undergoing the Moon-Saturn period which can be considered as the prime period for breakthrough. Also Saturn was transiting in his Laabh Bhav from the Moon. So he got the breakthrough.  Since Moon is placed in the 8th house so things came to him surprisingly and suddenly.  

1947– He was under the Moon-Venus period which is considered to be the best combo for masses and media. He got his first Hit at the box office this year. 

1950-1960 – This is the period when he entered Mars Dasha which is the lord of the house of gain and House of happiness. Also Mars is placed in the house of finance so his earning improved undoubtedly and also he had the best period career wise. Later in 1955 he entered the key dasha of his life and that is Rahu Dasha. This Rahu Dasha took him to the Pinnacle of Success. 

1961-1970 The actual success and the feel of being a superstar and also the achievement of awards and rewards all happened in the period of Rahu which displaced the Ascendant lord Saturn in the house of Fate. People always think Rahu to be negative but the real virtual world success in terms of fame and money can be given by Rahu Only.  He produced a film and got a National Award in the Rahu-Saturn Period.

1971-1980– This was the slump period which was obvious because he entered Jupiter Dasha and Jupiter is never supportive to the showbiz industry. Also Jupiter was not well placed in the initial 70s.

1981-1990 From 1981 he entered into Venus Antardasha under Jupiter and this time again brought him back on the screen with some success. In 1986-87 when Rahu Antardasha came he got the success of his famous box office hit ‘Karma’. 

1991- 2000 In early 90s he entered Saturn Mahadasha which again gave him a stupendous success in ‘Saudagar’. And he got a ‘Lifetime Achievement Award’.

2001- 2021 In the initial period of this new decade i.e from 2000 to 2006 he was nominated as the Rajya Sabha member of Parliament and this if we analyze was the period when he was undergoing Saturn- Mars and Saturn- Rahu period.

He was also acknowledged with the highest civilian Award i.e Padma Vibhushan in 2015 when he was undergoing Mercury – Venus period as both are placed in the house of gains and aspected by Saturn. 

Talking about his love life, Dileep Kumar fell in love with Madhubala but after 7 years it flopped then he get into the affair of Vyajayanthimala which also did not continue longer. But one day while he was in the birthday celebration of Saira Banu, they both clicked the emotions and tied the knot. The difference between Dileep kumar and Saira Banu was almost 22 years younger to him.  Looking from the lens of Astrology we can say it was in his destiny because of following reasons, His 7th lord is Moon placed in the death and destruction house i.e 8th house and this led to problems in his love affairs. Also Ketu is aspecting his 7th house which again indicates that his marriage will have breaks and be delayed. Apart from this Cancer in the 7th house indicates the age difference with the life partner will be more than normal and as it happened he finally married  a 22 years younger girl. 

Regarding his fifth house that is the children he was not fortunate enough because of Ketu and Saturn affliction on Venus.

Hence we can conclude that the Twinkling Star Dileep Kumar had a twinkling effect of Rahu Saturn and Mars that took him to the epitome of success. But at the same time he had Saturn and Rahu in conjunction which led to Shrapit dosh so he could not get the fortune of having kids. 

Thus we can say that a natural malefic will give all the happiness of the physical world but not the mental satisfaction. He has to undergo many things. Also, we can say that Rahu gave him everything he could think of like money, fame, position and an excellent life partner but did not give him the pleasure of children.  

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कुंभ राशि में वक्री गुरु का गोचर बदलेगा इन राशि के लोगों का भाग्य

Jupiter Turns Retrograde in Aquarius from June 20, 2021 to October 18, 2021

वर्तमान समय 2021 में गुरु ग्रह का गोचर कुंभ राशि में हो रहा है. कुंभ राशि में गोचर करते हुए गुरु जून माह में इसी राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे ओर यह समय सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सभी क्षेत्रों पर असर डालने वाला होगा. देवगुरु बृहस्पति 20 जून को कुंभ राशि में वक्री होंगे, 15 सिंतबर के बाद बृहस्पति वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे और फिर बृहस्पति लगभग 20 नवंबर तक वक्री अवस्था में गोचरस्थ होंगे. बृहस्पति का वक्री होना मिला जुला प्रभाव देने वाला होगा. वक्री अवस्था में गोचर करते हुए कुंभ, मकर और धनु पर अपना विशेष प्रभाव डालेंगे, इसके साथ अन्य राशि के लोगों पर भी इसका प्रभाव स्पष्ट रुप से दिखाई देगा.

बृहस्पति के वक्री होने पर कुछ कार्यों का आरंभ होगा तो कुछ वस्तुओं की प्राप्ति का योग भी इस समय पर मिलता दिखाई दे सकता है. शुभ ग्रह के वक्रत्वकाल का मिला जुला प्रभाव डालने वाला होता है. वक्री होते ही आर्थिक क्षेत्र, काम-काज, घर-परिवार, सामाजिक व राजनितिक परिपेक्ष में इसका दूरगामी प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. आने वाले चार माह में इस समय गुरु का प्रभाव कुछ बदलावों और नवीनता को दिखाने वाला होगा. बृहस्पति का ये वक्री होकर गोचर करना सावधानी और संयम रखने की स्थिति को भी दर्शाता है.

आईये जाने सभी 12 राशियों पर वक्री गुरु का प्रभाव

वक्री गुरु का मेष राशि पर प्रभाव

गुरु गोचर मेष राशि के नवम और बारहवें भाव का स्वामी होकर इस समय वक्री हो रहे हैं. इस दौरान मेष राशि के लोगों को अपने धन को लेकर अधिक सजग रहना होगा. आर्थिक स्थिति में बदलाव के चलते आप किसी न किसी कारण से आप दबव में रह सकते हैं. आमदनी में वृद्धि के भी अवसर इस समय पर मिल सकते हैं पर व्यर्थ के खर्चों से सावधान रहना जरुरी है. इस समय पर अचानक से यात्रा के मोके भी मिल सकते हैं. संतान सुख की प्राप्ति का भी योग दिखाई देता है. छात्रों को अपनी कुछ परिक्षाओं में बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. आप कई मामलों में लोगों से सलाह भी लेते दिखाई देंगे. काम काज के क्षेत्र में अवसरों का लाभ मिल सकता है. सितंबर माह के दौरान बदलाव अधिक रह सकता है इस समय पर थोड़ा अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.

उपाय – महामृत्युंजय का मंत्र नियमित रुप से करें.

वक्री गुरु का वृषभ राशि पर प्रभाव

वृषभ राशि वालों के लिए गुरु अष्टम-एकादश भाव पर अधिकार रखते हैं. कुम्भ राशि में वक्री होने पर गुरु आपकी जिम्मेदारियों को विस्तार देने वाले होते हैं. इस समय पर मानसिक रुप से सोच-विचार का समय रह सकता है. काम के क्षेत्र में नए लोगों का साथ मिल सकता है. कुछ समस्याएं काम की रफ्तार को धीमा कर सकती हैं. पारिवारिक जीवन में आप अधिक उलझे होंगे. शिक्षा हो या फिर खर्चे दोनों को तालमेल पर लाने की जरुरत होगी. मेहनत कुछ अधिक बढ़ सकती है, इसके बाद गुरु जब वक्री होते हुए वापस मकर में विराजमान आएंगे तब उस समय के दौरान आप कुछ चीजों को लेकर नए फैसले भी ले सकते हैं. वक्री गुरु का गोचर आय के विभिन्न स्रोतों को देने में सहायक हो सकता है पर समस्या उन स्त्रोतों के चुनाव को लेकर रह सकती है क्योंकि यह एक लम्बे समय तक स्थायित्व को पाने में सफल न हों.

उपाय –

पीली सरसों को पोटली में बांध कर मंदिर में दान करें.

वक्री गुरु का मिथुन राशि पर प्रभाव

मिथुन राशि में गुरु सप्तम और दशम भाव पर अपना अधिकार रखते हैं. वक्री बृहस्पति का कुम्भ में होना भाग्य की प्राप्ति को लेकर प्रयास को बढ़ाने वाला हो सकता है. आपको इस समय काम में कुछ विलम्ब की स्थिति परेशान कर सकती है. सफलता को पाने के लिए संघर्ष अधिक करना पड़ सकता है. वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से संबंध एक बार पुन: थोड़ा परेशान कर सकते हैं. लोगों के साथ काम करने में बेहतर माहौल न मिल पाए लेकिन आप उन्हें परास्त करने में सक्षम भी रह सकते हैं. धार्मिक क्षेत्र में आपकी रुची थोड़ी बढ़ सकती है. छात्र घर वापसी की तैयारी कर सकते हैं.

गुरु जब वक्री अवस्था में कुंभ से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब एकाग्रता की कमी और परिवार से कुछ दूरी बढ़ सकती है. मित्रों के साथ मिलकर कुछ नयी चीजों को करना चाहेंगे. परिवार में किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. वर्ष के अंत में, गुरु के पुन: कुंभ राशि मे आने पर आपको लाभ व भाग्य का सहयोग प्राप्त हो सकेगा. कुछ स्थिति में भी सुधार होता हुआ दिखाई देगा.

उपाय –

केसर और कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें.

वक्री गुरु का कर्क राशि पर प्रभाव

कर्क राशि वालों के लिए गुरु छठे-नवें भाव के अधिपति होते हैं. कर्क राशि वालों के लिए बृहस्पति का वक्री होना मिलेजुले परिणामों को दिखाने वाला होगा. परिवार में कुछ धार्मिक कार्य संपन्न हो सकते हैं. संतान को लेकर आप कुछ नवीन समाचार प्राप्त कर सकते हैं. इस समय आपके काम के क्षेत्र में प्रयास अधिक होंगे और सफलता प्राप्ति के लिए लगातार परिश्रम की भी आवश्यकता होगी. पार्टनर्शीप में काम का विचार कर सकते हैं ओर ये समय राजनैतिक जीवन में भी कुछ बदलावों को दिखाएगा. इस समय दूसरों पर बहुत अधिक भरोसे से बचना चाहिए. शत्रुओं को हराने में सक्षम रह सकते हैं. वैवाहिक संबंधों में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है. जीवन साथी के साथ मतभेदों से बचने के लिए जरुरी है की इस समय शांत रहें. कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में रह सकती है. स्वास्थ्य का इस समय ख्याल रखने कि अधिक आवश्यकता होगी. उच्च रक्तचाप और मधुमेह का प्रभाव आप पर पड़ सकता है.

उपाय –

दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमित रुप से करें.

वक्री गुरु का सिंह पर प्रभाव

गुरु सिंह राशि के पांचवें और छठे स्थान पर अधिकार रखते हैं. गुरु का इस समय पर कुंभ राशि में वक्री होना विरोधियों का सामना कराने वाला होगा, इसी के साथ आप खुद को लेकर काफी विचारशील भी होंगे. वक्रत्व की शुरुआत में आप अपने काम को लेकर अधिक सजग रहेंगे. इस समय आप को सावधानी से कार्य करने और खुद को सुरक्षित रखने की आवश्यकता होगी. आपके प्रेम संबंधों में किसी का प्रवेश गंभीरता को दिखाने वाला होगा लेकिन साथ ही आप बहुत से मामलों में खुद ही बेहतर रुप से फैसला ले पाएंगे. नए लोगों से मेल जोल बढ़ सकता है. अभी जब गुरु पुन: एक बार वक्री होते हुए मकर में जाएंगे तब आप के लिए वैवाहिक संबंधों में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन इस समय भाग्य का सहयोग आपको कुछ सकारात्मक स्थिति भी दे सकता है. आप कानूनी मसलों में आप अच्छा प्रदर्शन भी कर सकते हैं. आपके लिए जरूरी है कि आप अपनी कोशिशों को जारी रखते हुए काम करें.

उपाय –

विष्णु मंदिर में भगवान की मूर्ति पर पीले वस्त्र भेंट करें.

वक्री गुरु का राशि कन्या राशि पर प्रभाव

कन्या राशि वालों के लिए गुरु सुख और विवाह स्थान के स्वामी बनते हैं. इस समय बृहस्पति गोचर में कन्या राशि वालों के लिए छठे भाव पर गोचर कर रहे हैं. गुरु के वक्री होने पर यात्रा का मौका बढ़ सकता है. काम को लेकर कुछ लोगों के साथ अचानक से होने वाली मुलाकातें आप को प्रभावित कर सकती हैं. छात्रों को परिक्षाओं में बेहतर करने का दबाव होगा. उच्च शिक्षा प्राप्ति का योग इस समय बना दिखाई देता है. इस समय पर अपने स्वास्थ्य और खान-पान संबंधी आदतों का ध्यान रखने की जरूरत होगी. व्यापार में बदलाव के अवसर मिल सकते हैं. कुछ बाहरी संपर्क इस समय काम आ सकते हैं. दोस्तों के साथ मिलकर नए रिसर्च वर्क को करने के लिए आप काफी उत्साहित होंगे और इसमें आपको सफलता भी मिल सकती है. गुरु का वक्री होना आप को अचानक से थोड़ा मानसिक तनाव ओर चिंता दे सकता है. प्रेम संबंधों में स्थिति परेशानी को दिखा सकती है. इस समय खर्चों पर नियंत्रण बना कर रखने की आवश्यकता होगी.

उपाय –

पीपल के वृक्ष पर शनिवार के दिन लाल डोर बांधें.

वक्री गुरु का तुला राशि पर प्रभाव

तुला राशि के लिए गुरु परिश्रम, मेहनत और रिपु भाव से संबंधित होते हैं. गुरु का गोचर कुंभ राशि में होने के कारण वह तुला राशि के लोग अपने प्रेम संबंधों और संतान सुख को लेकर प्रभावित रह सकते हैं. कई स्थानों पर सफलता के बेहतर योग भी दिखाई देते हैं. प्रवेश परीक्षाओं में इस समय कुछ सकारात्मक फल मिल पाए लेकिन इसके साथ ही अन्य चीजों में एकाग्रता की कमी कुछ परेशानी भी देने वाली होगी. प्यार के मामले में किसी के साथ मुलाकात के योग हैं और साथ में किसी दोस्त के साथ मिलकर आप कुछ रोमांच के कामों को भी कर सकते हैं. इस समय आपको आध्यात्म के क्षेत्र से जुड़ने का मौका भी प्राप्त हो सकता है. किसी सम्मेलन अथवा सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने का भी अच्छा अवसर मिल सकता है. परिवार में किसी का सहयोग काम आ सकता है.

उपाय –

बृहस्पतिवार के दिन खीर का भोग भगवान को अर्पित करें.

वक्री गुरु का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति धन भाव और शिक्षा भाव को प्रभावित करता है. इस समय आपके लिए गुरु कुंभ राशि में वक्री होंगे ऎसे में आप के लिए ये कुछ समय काफी महत्वपूर्ण भी होगा. आपको इस समय पर अपने रिलेशनशिप को लेकर थोड़ा सजग होना पड़ेगा क्योंकि कुछ लोगों का असर आपके रिश्ते में जो परेशानी ला रहा था वह असर डाल सकता है. इस समय जरूरी है की आप कोई भी फैसला जल्दबाजी से न लें तो वह ज्यादा अधिक बेहतर होगा. आपको अपने लोगों का साथ ओर सहयोग मिलेगा. पारिवारिक क्षेत्र में किसी का व्यवहार आपके विरोध में होने से आप कुछ समय के लिए तनाव का अनुभव भी कर सकते हैं. ये समय आप कुछ वाहन इत्यादि की खरीद का मन बनाएंगे. स्वास्थ्य का ध्यान रखें सिरदर्द की शिकायत परेशान कर सकती है.

उपाय –

बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद नियमित रुप से लेना शुभ होगा.

वक्री गुरु का धनु राशि पर प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए गुरु उनके राशि स्वामी हैं तो ऎसे में आप लोगों को थोड़ा अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा. आपके राशि का स्वामी वक्री होगा तो ये स्थिति घर परिवार में बदलाव को दिखाने वाली होगी. सेहत को लेकर आप थोड़ा परेशान हो सकते हैं. आप के स्वभाव में क्रोध अधिक बढ़ सकता है और आप अपने फैसलों को थोड़ा जल्दबाजी में ले सकते हैं. करियर के आगे बढ़ाने के कुछ मौके इस समय मिल सकते हैं. आध्यात्मिकता स्तर पर आप कुछ नवीन बातों की ओर उत्सुकता लिए होगे. प्रेम संबंधों में अधिकता आपको भ्रम में डाल सकती है इसलिए सावधान होकर काम करना बेहतर होगा. जैसे ही गुरु की स्थिति मार्गी होगी चीजों में सकारात्मका भी बढ़ने लगेगी.

उपाय –

घी का दीपक प्रत्येक बृहस्पतिवार के दिन श्री विष्णु लक्ष्मी जी के समक्ष जलाएं.

वक्री गुरु का मकर राशि पर प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर खर्चे बढ़ाने वाला और भागदौड़ में वृद्धि करने वाला हो सकता है. प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में थोड़ा सावधानी बनाए रखने की आवश्यकता होगी. परिवार में भाई बंधुओं की ओर से आप को कुछ मदद मिल सकती है. माता के स्वास्थ्य के कारण चिंता का योग है. इस समय पर गुरु के वक्री होने पर किसी काम की प्राप्ति दिखाई देती है. ट्रैवलिंग और काम को लेकर कुछ मीटिंग में व्यस्तता रहने वाली है. बच्चों को आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे. आपको काम में अधिक मेहनत करनी होगी लेकिन उसका लाभ भी आपको मिलेगा. परेशानी को स्वयं पर हावि न होने दीजिएगा.

उपाय –

शनिवार के दिन हल्दी और काले चने का दान करें.

वक्री गुरु का कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ राशि के लोगों के लिए गुरु लाभ और धन के क्षेत्र को प्रभावित करते हैं. इस समय गुरु आपके लग्न पर वक्री होकर गोचरस्थ होंगे ऎसे में जरूरी होगा की आप मानसिक रुप से खुद को मजबूत बना कर रखें. इस समय किसी भी काम में पूर्ण रुप से मन न लग पाए. विचारों में बदलाव की स्थिति प्रभावित कर सकती है. जीवनसाथी के साथ संबंधों में थोड़ी तल्खी देखने को मिलेगी लेकिन अगर इस समय आप खुद को छोटी-छोटी बातों में नहीं उलझाते हैं तो आप इस कंट्रोल कर पाएंगे. कुछ जिम्मेदारियां और पैसों के लेन-देन को लेकर आप पर दबाव रह सकता है. सेहत को लेकर थोड़ा सजग रहना चाहिए. अचानक से उच्च रक्तचाप अथवा लीवर से संबंधित परेशानी हो सकती है. सामाजिक क्षेत्र में लोगों के साथ मेलजोल होगा और कुछ काम में आप भागीदारी भी दे पाएंगे.

उपाय –

कुमकुम और हल्दी देवी दुर्गा को अर्पित करें.

वक्री गुरु का मीन राशि पर प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए भी बृहस्पति उनके राशि स्वामी ही होते हैं. धनु और मीन राशि इन दोनों पर बृहस्पति का स्वामित्व है. मीन राशि के लिए वक्री बृहस्पति इस समय पर आर्थिक और कार्यक्षेत्र पर अधिक परिश्रम को दिखा सकता है. परिवार के कुछ मसले इस समय अधिक उलझन से भरे रह सकते हैं. किसी मेहमान का आगमन होने से घर पर चहल-पहल अधिक रहने वाली है. इस समय आपको बाहरी कामों को करने की अधिकता के चलते थकान का अनुभव रह सकता है और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत परेशान कर सकती है. वरिष्ठ अधिकारियों से कुछ सकारात्मक दृष्टिकोण मिलने से आप लाभ भी पा सकते हैं. जब गुरु पुनः आपके व्यय भाव को प्रभावित करेंगे तब अपने निवेश से जुड़े मसलों पर आपको सावधान रहना होगा.

उपाय –

शिवलिंग का अभिषेक नियमित रुप से करें और गाय को हरा चारा खिलाएं.

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बुध का कन्या राशि में गोचर

कन्या राशि और बुध के मध्य एक बहुत ही गहरा संबंध है. बुध को कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है इस कारण से कन्या राशि बुध के अधिकार क्षेत्र में आती है. बुध ग्रह के लिए कन्या राशि उसके लिए मजबूत स्थिति तैयार करती है. बुध के कन्या राशि में होने के कारण बुध के कारक तत्व बढ़ जाते हैं.

बुध कन्या में प्रवेश 15 सितंबर 2025 को 11:08 पर होगा. बुध कन्या राशि में 2 अक्टूबर तक रहेगा और फिर तुला राशि में प्रवेश करेगा.

बुध के कन्या राशि में गोचर का समय

बुध ग्रह गत वर्तमान समय में सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं. सूर्य की स्वामित्व वाली राशि सिंह भी बुध के लिए अनुकूल स्थान माना गया है. मैत्रभाव वाले इस स्थान पर रहते हुए बुध कुछ राशि के लोगों पर अपना विशेष असर डालता है, पर अब बुध ग्रह का कन्या राशि में प्रवेश होने वाला है. कन्या में जाते ही बुध की शुभता में वृद्धि होने लगती है.

बुध गोचर मुहूर्त समय

बुध का गोचर आने वाले अगस्त माह में कन्या राशि में होने वाला है. कन्या राशि में बुध का गोचर बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसका महत्व इस कारण से अधिक होता है क्योंकि कन्या राशि बुध की उच्च राशि हैं. बुध कन्या राशि में जब भी आता है उसकी स्थिति बहुत मजबूत हो जाती है.

बुध का गोचर कन्या राशि में 15 सितंबर 2025 को होगा. इस समय पर बुध सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. बुध इस राशि में 02 अक्टूबर तक रहने वाले हैं. इसके बाद बुध तुला राशि में चले जाएंगे.

बुध के कन्या राशि में गोचर करने से सभी 12 राशियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा. मुख्य रुप से बुध का गोचर मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए कुछ ज्यादा ही प्रभावशाली होगा क्योंकि इन दोनों राशियों के स्वामी बुध हैं और ऎसे में स्वामी का अपनी राशि में आना अशुभता और सकारात्मकता को बढ़ाने में सहायक बनता है.

आईए जानते हैं आपकी राशि पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा.

मेष राशि –

मेष राशि वालों को बुध के इस गोचर के प्रभाव के चलते मौके मिलेंगे. इस समय कम्पटीशन बहुत अधिक रहने वाला है. आप कुछ अधिक गुस्से में भी रह सकते हैं. आपका गुस्सा इन कारणों से भी अधिक बढ़ने वाला है कि लोग आपके प्रति बहुत सहयोगात्मक न बन पाएं. आपके लिए इस समय परिश्रम अधिक होना है. आपके विरोधी और कर्जदार इस समय आपको परेशान करेंगे. काम के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे. जॉब में तरक्की मिल सकते ही वहीं जो लोग नई नौकरी की तलाश में हैं उन्हें काम मिल सकता है.

वृषभ राशि –

आप लोगों के लिए बुध का गोचर सकारात्मक होगा. आपकी एक्टिविटी के साथ आपकी योगता में भी निखार लाने वाला होगा. वृषभ राशि के जातकों के पढ़ाई में अब अधिक भागदौड़ करनी होगी. शिक्षा, बुद्धि, और प्रेम के लिहाज से आपको कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं. छात्रों को अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त के लिए भी नए अवसर मिल सकते हैं. उच्च शिक्षा पाने के लिए अगर कोशिश करते हैं तो अभी आवेदन करना ज्यादा अच्छा होगा. आपके लिए समय है उपलब्धि पाने का और अपनी धन से जुड़ी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रखें.

मिथुन राशि –

आप लोगों के लिए बुध का ये गोचर अच्छे फलों को देने वाला होगा. आपके सुख में वृद्धि होगी ओर आपको अपने मन के अनुरुप कुछ काम करने को भी मिल सकते हैं. नए काम या फिर नई जगह जाकर बेहतर अवसर भी मिलेंगे. राशि के अनुसार सुख का प्रभाव आपके अपनों से ही मिलेगा आपको. सरकारी ओर उच्च अधिकारी क्षेत्र से लाभ दिलाने वाला हो सकता है.

कर्क राशि –

कर्क राशि वालों के लिए उन्नति के संकेत कर रहा है पर साथ ही खर्च में भी वृद्धि है. आपकी मेहनत आपको फायदा दिला सकती है. किसी को धनराशि उधार दी हुई है तो वह भी आपको इस समय पर मिलने कि अच्छी संभावना दिखाई देती है. बड़े भाई बहनों का प्रेम मिलेगा. कुछ ट्रैवलिंग भी हो गी. इस यात्रा में धन व्यय और प्राप्ति दोनों समान रुप से रहेंगे. बच्चों की ओर से आपको प्यार और स्नेह की प्राप्ति होगी. शिक्षा के क्षेत्र में अवसर आएंगे इसलिए अपनी तैयारी में किसी भी तरह से कोई कमी नहीं आने देना.

सिंह राशि –

आप पिछले कुछ समय से जिसे लेकर चिंतित भी हों तो उससे इस समय आप कुछ मुक्ति तो पाएंगे. आपको पैतृक संपति से लाभ मिल सकता है. भाई-बहनों का भी आपको सहयोग मिलने से आप कुछ आत्मविश्वास में होंगे. इस समय पर आप कुछ नवीन वस्तुओं की खरीदारी भी करेंगे. फैमली में किसी व्यक्ति का आगमन भी हो सकता है. आपको इस समय पर कुछ आर्थिक क्षेत्र में संतोषजनक परिणाम दिखाई दे सकते हैं.

कन्या राशि –

आप लोगों के लिए ये गोचर बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस समय पर आपकी जो चीजें सही से काम नहीं कर पा रहीं थी वह अब बेहतर होने लगेंगी. नौकरी ओर धन के मामले में मौके आएंगे. प्रेम संबंधों में राहत मिलेगी. कोई अगर रुठा हुआ है तो वह अब मान भी सकता है. माता-पिता का स्नेह भी आप पर बना रहने वाला है. संपत्ति से भी लाभ की उम्मीद होगी. बुध के परिवर्तन से आप अपनी पढ़ाई हो या फिर परिवार हो या फिर मानसिक क्षेत्र में बदलाव इन सभी स्थानों पर कुछ न कुछ राहत तो आप अवश्य पा सकते हैं. कुल मिलाकर सुख – शांति लेकर आ सकता है.

तुला राशि –

व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में बदलाव देखने को मिल सकते हैं. आपकी राशि से बुध का राशि खर्चों की अधिकता की ओर इशारा करता है. आपके लिए बचत कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा. जरूरी है की आप उन चीजों के उपर ध्यान नहीं दें जो आपके लिए महत्व नहीं रखती हैं. ऎसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि आप भावनात्मक रुप से बहुत जल्द ही चीजों से जुड़ सकते हैं. आप आत्मविश्वास से भरे रहने वाले हैं ऎसे में इसकी भी संभावनाएं बन सकती हैं कि आप अधिक उत्साहित होकर कुछ ऎसा न कर बैठें जो परेशानी पैदा करे आपके लिए.

वृश्चिक राशि – आप लोगों के लिए इस बुध का गोचर नए अवसर और नई उपलब्धियों को पाने का होगा. अति आत्मविश्वास में रहने वाले हैं, पर ध्यान रखें की दुसाहसिक फैसलों से बचें. क्योंकि इस समय आप कोई गलत कदम उठा भी सकते हैं जिसका ख़ामियाज़ा आपको भुगतना पड़ सकता है. रोमांटिक जीवन में प्रेमी को समझाने और मनाने का दौर चलने वाला है. आपके लिए कोई भी ऎसा निर्णय लेना जिसमें जल्दबाजी हो सही नहीं होगा. धनार्जन के अच्छे अवसर आएंगे. परिवार के साथ और सहयोग को पा सकते हैं बस आपको स्वयं पर थोड़ा कंट्रोल रखने की आवश्यकता है.

धनु राशि –

आपको नई नौकरी या फिर पद में उन्नती की प्राप्ति हो सकती है. इसलिए अपनी ओर से किसी भी प्रकार की कोई कमी न होने दीजिए. वैसे इस समय आपके धनु राशि के स्वामी गुरु की स्थिति बहुत अधिक अच्छी नही है. ऎसे में सोच के अनुरूप काम न मिल पाए लेकिन जो भी मौका मिले उसे इंकार करने से अच्छा होगा की आप उसका उपयोग करें. प्रेम संबंधों के लिये समय इस समय मिले जुले परिणाम ही देने वाला है. परिवार की ओर से आप पर अधिक दबाव भी हो सकता है. कुछ कारणों से काम के लिए ट्रैवलिंग भी करनी पड़ सकती है.

मकर राशि –

भाग्य का साथ आपके लिए नए अवसर देने वाला होगा. आप इस समय पर धार्मिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकते हैं. जो लोग बाहरी कंपनी में काम कर रहे हैं उन्हें लाभ मिलेगा. आपका परिश्रम बढ़ेगा, परिजनों के साथ संबंध में भी नज़दीकियों का आना आरंभ होगा. अभी का समय अगर आप किसी उच्च संस्थान इत्यादि में प्रवेश का सोच रहे हैं तो आवेदन कर सकते हैं.

कुम्भ राशि –

आपके जीवन में अचानक धन लाभ की प्राप्ति होगी. किसी ऎसी वस्तु से लाभ मिलने की संभावना है जो परिवार की ओर से आपको प्राप्त हो सके. शोध से जुड़े छात्रों के लिए अच्छे मौके हैं. किसी धर्म गुरु एवं धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर भी प्राप्त होगा. आपके लिए जरूरी है कि आप गलतफहमी का शिकार होने से बचें. दूसरों की बातों पर बहुत अधिक विश्वास न करें. कुल मिलाकर अपने बुद्धि से काम लेना ही उचित होगा. इस समय संयम का परिचय दीजिए और वाणी में विनम्रता रखें चीजें आपके पक्ष में होने लगेंगी.

मीन राशि –

प्रेम संबंध हों या वैवाहिक मसले इन दोनों ही क्षेत्रों में आप कुछ अधिक व्यस्त दिखाई देंगे. इस समय आपका अधिक ध्यान परिवार की ओर ही रहने वाला है. अपने जीवन साथी से इच्छा आप रखे हुए हैं वो शायद पूरी तरह से न मिल पाए. आपकी सोच इस समय और ज्यादा बेहतर होगी ओर नए आईडिया आपको बिजनेस ओर अन्य प्रकार के काम में बहुत सहायक भी बनेंगे. कुछ मामलों में बहुत अधिक सहमती न भी बन पाए परंतु कुछ अच्छे रिजल्ट तो मिल ही सकते हैं.

उपाय –

इस समय पर बुध मंत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत लाभ देता है. बुध की स्थिति कुण्डली में शुभाशुभ फलों के अनुरुप आपको इस गोचर का प्रभाव मिलता है.

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बृहस्पति का कुम्भ राशि गोचर: सभी राशियों पर इसका प्रभाव

बृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश 6 अप्रैल 2021 को होगा. वर्तमान समय में बृहस्पति मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. पर 6 अप्रैल 2021 में 00:23 मिनिट पर बृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश होगा. इसके साथ ही एक लम्बे समय से चली आ रही गुरु शनि कि युति की समाप्ति भी होगी.

बृहस्पति का मकर से निकल कर कुम्भ में जाना एक महत्वपुर्ण समय होगा. इसी समय पर कुंभ पर्व की महत्ता भी अधिक बढ़ जाती है. इसके साथ ही सभी 12 राशियों पर इसका अलग अलग प्रभाव दिखाई देगा.

बृहस्पति का कुम्भ राशि गोचर समय महत्व

मकर की ही भांति कुम्भ राशि भी शनि देव की राशि है. शनि इसके स्वामी हैं. बृहस्पति का गोचर इसलिए अधिक महत्वपूर्ण होगा क्योंकि बृहस्पति अभी तक अपनी नीच राशि में विचरण कर रहे थे. ऎसे में बृहस्पति के शुभ कारक तत्वों में कमी दिखाई देना भी स्वाभाविक ही रहा है.

शनि के प्रभुत्व की कुम्भ राशि में जाने पर बृहस्पति के प्रभाव में कुछ मजबूती और स्थिरता दिखाई दे सकता है. इस समय पर कुम्भ राशि के लोगों के कुछ कामों को रफ्तार मिलेगी और नए बदलाव होंगे. वहीं मकर राशि के लोगों को कुछ राहत प्राप्त होगी.

धनिष्ठा नक्षत्र का अंतिम चरण

इस समय पर बृहस्पति का धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश होगा. धनिष्ठा नक्षत्र के इसअंतिम चरण पर जाने के साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र के जातकों को कुछ राहत मिल सकती है. इस समय कार्यक्षेत्र और स्वास्थ्य से संबंधित होगा. इस समय पर मौसम में भी बदलाव का रुख दिखाई देगा. भौगौलिक और राजनैतिक रुप से भी ये परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं देश के कुछ क्षेत्रों पर अस्थिरता की स्थिति हो सकती है.

मेष राशि पर प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए गुरु का गोचर शुभस्थ होगा. आर्थिक क्षेत्र में बेहतर परिणाम देगा. इस समय पर गुरु का एकादश भाव में गोचर होने के कारण आपके पास अनेक ऎसे अवसर होंगे जिसका लाभ उठा कर आप कुछ बेहतर स्थिति को देख पाएंगे. आपको मान सम्मान व कोई पद की प्राप्ति भी हो सकती है. साधनों में बढ़ोतरी के योग भी दिखाई देते हैं. यदि कोई प्लानिंग काफी समय से चल रही थी तो उसके लिए अब समय आपके पक्ष का दिखाई देता है. जो भी इस समय वस्तुएं या कहें संसाधनों मिलेंगे उनका आप बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं. अपने प्रेम संबंधों का लाभ पाएंगे और उनसे सुख उठा सकने में भी सफल हो सकते हैं.

इस दौरान आप सामाजिक रुप से काफी सशक्त फिखाई दे सकते हैं. सोशल सर्विस में काफी मजबूत दिखाई देंगे. पारिवारिक जीवन में भी भाई बंधुओं की ओर से अनेक प्रकार के आश्चर्यजनक सकारात्मक बदलाव पा सकते हैं. कार्यक्षेत्र में भी आपको आगे बढ़ने के नए मौके मिल पाएंगे किसी नए काम की तलाश में हैं तो लाभ व मौका दोनों ही मिल सकता है. अपनी बौद्धिक क्षमता के बल पर काम-काज में बेहतर प्रदर्शन कर पाने में सफल हो सकते हैं.

वृषभ राशि पर प्रभाव

वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का गोचर दसवें भाव में होगा. इस गोचर के प्रभाव से गुरु आपके लिए घर और कार्यक्षेत्र दोनों ही तरफ आपको कुछ बदलाव दिखाई देंगे जो सकारात्मक रुप से सामने हो सकते हैं. हालांकि जब बृहस्पति वक्री होगा, उस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र पर अन्य आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देना पड़ सकता है. आपके खर्च भी इस समय बढ़ सकते हैं. घरेलू स्तर पर इस समय काफी व्यस्तता होगी. कुछ निर्माण कार्य जैसे कामों को करवा सकते हैं या नए घर की प्राप्ति के मौके भी दिखाई दे सकते हैं. यह वह समय होगा, जिस दौरान घरेलू जीवन का आपके काम पर भी सर देखने को मिल सकता है.

आरंभिक रुकावटें आपको दिक्कत दे सकती हैं लेकिन फिर उसके बाद आपके काम के क्षेत्र में विस्तार दिखाई दे सकता है. विशेष रूप ये समय आपकी यात्राओं को भी दिखाता है. इसलिए आपको काम पर फोकस भी करना पड़ेगा और इससे आपको कई प्रकार से आय विस्तार के मौके मिल सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से आपको थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता है. आपको छाती से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं. माता की ओर से स्नेह की प्राप्ति होगि ओर पिता का सहयोग काम करेगा.

मिथुन राशि पर प्रभाव

मिथुन राशि वालों पर गुरु का गोचर इस समय भाग्य स्थान अर्थात नवें भाव पर होगा. इस समय आपको ऎसे कई चीजें देखने को मिल सकती हैं जिन्हें समझ् पाना आपके लिए थोड़ा कठिन हो सकता है. चीजों को लेकर खर्चे अधिक होंगे इस कारण तनाव भी होगा. परिश्रम अधिक रहने वाला है कुछ काम बार बार करने पर ही उनसे लाभ की प्राप्ति संभव हो सकती है. शिक्षा प्रभावित होगी और आपको उच्च शिक्षा से संबंधित बेहतरीन नतीजे मिल सकते हैं. परिवार से दूर जाकर काम करने पड़ सकते हैं.

जो लोग लेखन, पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों से संबंध रखते हैं उनके लिए ये बेहतर मौका होगा. इस समय पर आपको अपने भाई बंधुओं की ओर से आपकी कुछ चिंताएं हो सकती है. गुरु का गोचर आपको काफी अच्छे लाभ प्रदान कर सकता है. आपको भाग्य की ओर से कई मौके मिल सकते हैं. काम के स्थान पर स्थानांतरण का समाचार मिल सकता है. आमदनी काफी विस्तार पा सकती है. आपका मनोबल ऊंचा रह सकता है. कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं. कुछ मित्रों से मुलाकात और संतान के सुख की प्राप्ति का योग भी बनता दिखाई देता है.

कर्क राशि पर प्रभाव

कर्क राशि के लिए बृहस्पति का गोचर इस समय आठवें भाव पर होने वाला है. इस दौरान आपको कठिन समय झेलना पड़ सकता है. किसी न किसी कारण से रुकावटों की स्थिति भी परेशान कर सकती है. इस समय पर संभल कर काम करने की जरुरत होगी. आपकी मेहनत काफी बढ़ सकती है. प्रयास काफी कठिन हो सकते हैं. प्रयासों के बाद अल्प सफलता ही हाथ लगेगी. इस दौरान खर्चों में वृद्धि अथवा अवांछनीय यात्राएं आपको परेशान कर सकती हैं.

पैतृक संपत्ति या भूमि से जुड़े विवादों को इस समय हवा मिलेगी. किसी न किसी कारण से कुछ न कुछ व्यर्थ चिंताएं बनी रह सकती है. इस समय पर परिवार में किसी न किसी व्यक्ति या बड़े बुजुर्गों को भी किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ससुराल पक्ष के लोगों से कुछ आर्थिक मदद मिल सकते है. बातचीत के द्वारा किसी बड़े मुद्दे पर आपको समाधान भी मिल सकता है. अचानक से कुछ लोग आपकी सहायता के लिए भी सामने आ सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से आपको संभल कर रहने कि आवश्यकता होगी.

सिंह राशि प्रभाव

सिंह राशि के लिए बृहस्पति का सातवें भाव में गोचर नए लोगों के साथ मुलाकात और नए विचार देने वाला होगा. परेशानियों के बाद कुछ सकारात्मक सफलता हाथ लग सकती है. इस दौरान आपको विशेष तौर पर अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा क्योंकि स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी कुछ दिक्कत दे सकती हैं. आपको अपने जीवन साथी की ओर से भी इस समय काफी परेशान कर सकती हैं. आपका धन भी इस समय पर अपने साथी के ऊपर किसी न किसी कारण से खर्च हो सकता है.

वैवाहिक मुद्दों पर बात हो सकती है, विबाह प्रस्ता मिल सकते हैं. प्रेम संबंधों को लेकर भी आपका ध्यान अधिक भटकाव में होगा. खर्चों की अधिकत अतो होगी ही पर इसके साथ ही ट्रैवलिंग के योग भी बनते हैं. हालांकि इस समय के दौरान जब बाहरी लोगों के सतह संपर्क बनेंगे. आंशिक तौर पर धन लाभ भी हो सकता है. इस समय के दौरान अपने क्रियाकलापों पर ध्यान देने की अश्यकता भी होगी. हो सकता है कोई बड़े से बड़ा निर्णय लेने से भी नहीं हिचकिचाएं ऎसे मेम जल्दबाजी से काम न लेना ही बेहतर होगा.

कन्या राशि प्रभाव

कन्या राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर छठे भाव में होगा. इस समय वाद विवादों का दौर अधिक रह सकता है. काम में बदलाव को लेकर आप अधिक परेशानी में रह सकते हैं. शादीशुदा हैं, तो विवाह के मसले परेशानी पैदा कर सकते हैं. इस समय आप अपने काम में बदलाव का भी सोच सकते हैं. कम काज में लोगों के साथ कुछ म्तभेद उभर सकते हैं. किसी कारण से स्थन परिवर्तन भी हो सकता है. इस समय पर स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी.

इस समय के दौरान काम अधिक होगा लेकिन फायदा कम ही मिल पाए. आपके प्रयासों का बहुत अधिक परिणाम आपको न मिल सके. जो लोग कानूनी मामलों में इस समय लगे हुए हैं उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. किसी मित्र का सहयोग आपके कार्यों में देरी का कारण भी बन सकता है.

तुला ताशि पर प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर पांचवें भाव में होगा. इस के प्रभाव से आपको संतान का सुख मिल सकता है. प्रेम संबंधों के लिए भी ये समय काफी रोमांच वाला हो सकता है. नए लोगों के साथ दोस्ती के अवसर मिल सकते हैं. कुछ नए लोग आपके जीवन में आकर आपको प्रभावित कर सकते हैं. अगर किसी से प्रेम करते हैं तो प्रेम जीवन में इस दौरान कुछ नए पल और रिश्ते को गति मिल सकती है. विवाह के लिए भी आपको मौका मिल सकता है. छात्र पक्ष के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण होगा.

आपका रिलेशनशिप मजबूत हो सकता है, जो लोग काफी समय से किसी कारन से सुदूर यात्राएं करने का विचार रखे हुए थे उन्हें अब मौका मिल सकता है. आपके लिए कुछ नए काम से लाभ का सौदा साबित हो सकता है. उच्च शिक्षा के मौके मिल सकते हैं. जो छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें उच्च शिक्षा में अच्छे नतीजे देख सकते हैं. कोई नया साधन मिल सकता है, जो आमदनी के लिए फायदे का रह सकता है.

वृश्चिक राशि प्रभाव

वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति का चौथे भाव में गोचर होगा. इस गोचर के प्रभाव से आपको घर वापसी के मौके मिलेंगे यानि के अगर परिवार में किसी प्रकार से दूरी बनी हुई थी वह अब कुछ कम हो सकती है. एक बार फिर से परिवार का सहयोग मिलता दिखाई देता है. इस समय स्वास्थ्य को लेकर आप कुछ चिंता में दिखाई दे सकते हैं. दर्द या जकड़न की शिकायत भी हो सकती है. माताजी का स्वास्थ्य भी कुछ प्रभावित होगा लेकिन जल्द ही स्थिति में सुधार भी होगा. स्थितियां काफी अनुकूल हो सकती हैं और आपको बेहतर नतीजे मिल सकते हैं.

कुछ कारणों से आपको अचानक से कोई ऐसा साधन मिल सकता है, जिससे आपको लाभ प्राप्त हो और आपकी संपत्ति में बढ़ोतरी हो सके. इस दौरान आपको अपने लोगों का साथ मिल सकता है. प्रॉपर्टी के मामले में आपको अत्यंत लाभ मिल सकता है. घर बदलने में इस दौरान सफलता मिल सकती है. मान सम्मान में भी बढ़ोतरी हो सकती है. पिता की ओर से किसी प्रकार का लाभ अर्जित कर सकते हैं. आपके संबंध बेहतर संबंध सामाजिक क्षेत्र में भी काम आ सकता है. यात्राओं के दौरान थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ सकती है.

धनु राशि पर प्रभाव

धनु का तीसरे भाव में गोचर होने के कारण मेहनत अधिक रह सकती है. किसी न किसी कारण से लोगों के साथ बहित अधिक बातचीत के मौके सामने होंगे. आप सामाजिक गतिविधोयों में भी शामिल अधिक रह सकते हैं. किसी कार्य को एक से अधिक बार करना पड़ सकता है, जिससे आप कुछ चिड़चिड़ाहट का शिकार हो सकते हैं. मेहनत तो करनी होगी इस समय पर हार बिलकुल भी न मानें आपके लगातार किए जाने वाले प्रयास ही कुछ सकारात्मक परिणाम देने में सफल हो सकते हैं.

इस समय जरूरी होगा की शार्टकट से बचें, आप को भाग्य का सहयोग भी काम आएगा. आप सही राह पर चलेंगे तो तरक्की को पाने के अवसर भी मिलेंगे. खर्चों की अधिकता होगी लेकिन आमदनी के स्त्रोत भी बनेंगे. भाई बंधुओं को लेकर आपके मन में कुछ चिंता रह सकती है. इस समय परिवार की जिम्मेदारियां आप पर भी आ सकती हैं. छोटी यात्राओं के योग हैं न चाहते हुए भी ट्रैवलिंग के अधिक मौके बन सकते हैं. जो लोग ऎसे काम में शामिल हैं जिसमें पब्लिक डिलिंग अधिक होती है उस काम से आपको जबरदस्त लाभ हो सकता है. भाग्य में वृद्धि होगी, धार्मिक क्षेत्र में यात्राओं का लाभ भी प्राप्त हो सकता है. जलीय स्थानों की यात्रा के योग भी बने हुए हैं.

मकर राशि पर प्रभाव

बृहस्पति का मकर राशि वालों के लिए दूसरे भाव में गोचर होगा. इस दौरान आपकी आमदनी में भी वृद्धि देखी जा सकती है. सुखद यात्रा होने की भी सम्भावना होगी और कुटुम्ब का सहयोग भी आपको मिल सकता है. मानसिक तौर पर मजबूत होंगे. कुछ फैसले जो परिवार के लिए जरूरी हैं इस समय ले सकते हैं. निवेश के मामलों में आप अधिक सोच विचार करेंगे. किसी वरिष्ठ व्यक्ति की सलाह इस समय लाभदायक होगी. नए लोगों से मित्रता होने के भी योग हैं मांगलिक सुख की प्राप्ति हो सकति है. मित्रों का सहयोग इस दौरान आपको मिल सकता है.

बृहस्पति का दूसरे भाव में गोचर मकर राशि वालों को कुछ राहत दे सकता है. किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी से अगर जूझ रहे थे तो अब उसमें कुछ सकून भी प्राप्त होगा. चीजों को आप अपने अनुरुप कर पाने में भी सक्षम हो सकते हैं. रुके हुए काम भी बन सकते हैं. इस समय अपने छुपे हुए शत्रुओं से आपको बच कर रहना चाहिए. कुछ साजिशों का दौर भी झेलने को मिल सकता है. यात्राओं से धन कमाने के मौके मिल सकते हैं. कोई कोर्ट कचहरी में केस चल रहा है, तो आपको उस पर जीत हासिल करने का एक मौका तो अवश्य मिलेगा.

कुम्भ राशि पर प्रभाव

कुम्भ राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर लग्न भाव में ही होगा. लगनस्थ कुम्भ के होने के कारण आप बौद्धिक रुप से काफी सजग दिखाई देंगे. आपके ज्ञान मँ इस समय विस्तार भी होगा. कुछ नयी चीजों को सीखने को लेकर आप में उत्सुकता भी होगी. इस समय आपके लिए यह विकास का समय होगा. अपनी समस्याओं को कैसे हल किया जाए, विधार्थी पक्ष को इसका लाभ मिलेगा. आपके पक्ष में गुरु का गोचर आने से आपको आर्थिक लाभ होगा और आप खुद को काफी मजबूत बना पाने में भी सक्षम हो सकते हैं. जो लोग प्रतियोगी परीक्षा में बैठ रहे हैं, उनके लिए भी समय अनुकूल रहेगा. सफलता मिलने की काफी संभावना होगी. परिवार व संतान के सुख को प्राप्त कर सकेंगे.

इस समय आप खुद को लेकर अधिक ध्यान देने वाले हैं. इस गोचर के प्रभाव से शरिर पर चर्बी की अधिकता भी हो सकती है, तब आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देना होगा. निवेश में अच्छा खासा धन जमा कराने में सफल हो सकते हैं. जीवन साथी का सहयोग मिल सकता है. यदि आपका कोई पुराना लोन या क़र्ज़ चल रहा है, तो उससे भी आपको मुक्ति मिल सकती है.

मीन राशि पर प्रभाव

खर्चों में बढ़ोत्तरी होने से आपकी आर्थिक स्थिति पर इसका असर पड़ सकता है. स्वास्थ्य भी कमज़ोर रह सकता है. हालांकि धीरे-धीरे स्थितियां आपके पक्ष में मुड़ना शुरू होंगी और आप खर्चों पर नियंत्रण रखना धीरे-धीरे सीख जाएंगे, जिससे आर्थिक रूप से भी स्थिति में सुधार होगा. इस में आपको सबसे ज्यादा अपने आप पर ध्यान देना होगा. आपके आस पास का माहौल थोड़ा परेशानी देने वाला हो सकता है आपको घूमने फिरने का मौका मिलेगा.

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गुरु मकर राशि में गोचर से बदलेगा इन राशियों का हाल

20 नवंबर 2020 को गुरु मकर राशि में वापसी कर रहे हैं. गुरु का अब मकर राशि में आना सभी लोगों पर अलग-अलग रुप से प्रभाव डालने वाला होगा. गुरु के लिए मकर राशि उसकी कमजोर राशि है यहां आकर गुरु के बल में कमी आ जाती है और इसी स्थान पर गुरु नीच राशि का कहलाता है. 2020 साल के अंत तक गुरु का इसी मकर राशि में भ्रमण अर्थात गोचर करने वाले हैं, इसी के साथ अन्य महत्वपूर्ण बात यह भी है की मकर राशि में ही शनि भी गोचर कर रहे हैं ऎसे में शनि ओर गुरु मकर राशि में आकर एक साथ युति में भी होंगे इस कारण से भी ये गोचर अत्यंत महत्वपुर्ण रहने वाला है. तो आईये जानते हैं गुरु का ये राशि परिवर्तन किस प्रकार सभी राशियों के लोगों को प्रभावित करने वाला होगा.

गुरु राशि परिवर्तन का शुभ और अशुभ फल

गुरु के गोचर का मेष राशि प्रभाव

मेष राशि वालों के लिए गुरु का गोचर उनके नवम और बारहवें भाव का स्वामी होकर आपके दशम भाव को प्रभावित करेगा साथ ही दृष्टि संबंध से अन्य भावों पर असर डालेगा. गुरु का ये गोचर आपके लिए अनुकूल होगा. आपको घर का सुख और नए स्थान पर जाने के मौके मिलेंगे, आर्थिक क्षेत्र में खर्च ओर लाभ दोनों की स्थिति को संभाल पाएंगे. किसी नए व्यक्ति का घर में आगमन हो सकता है. परिवार में वृद्धि के योग दिखाई देते हैं. इसी के साथ कार्यक्षेत्र में नए बदलावों के लिए आपको तैयार रहना चाहिए.

उपाय – केसर का तिलक करें.

गुरु के गोचर का वृष राशि प्रभाव

वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का गोचर इनके नवम भव पर होगा. गुरु वृषभ राशि वालों के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी होती है. ऎसे में नवम भाव पर गुरु का गोचर होने से भाग्य से मिलने वाले फल तेज होंगे. अचानक से होने वाली घटनाएं और नए अवसरों की प्राप्ति का समय दिखाई देता है. आपको अपने उन कामों में सफलता पाने के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा जिस पर आप काफी लम्बे समय से रिसर्च का काम कर रहे थे. भ्रमण के मौके तो मिलेंगे ही साथ ही इस समय आप कुछ मानसिक रुप से उथल-पुथल का अनुभव करेंगे. स्वास्थ्य के मामले में ध्यान बना कर रखने कि आश्यकता होगी.

उपाय –

केले के वृक्ष क अपूजन करें.

गुरु के गोचर का मिथुन राशि प्रभाव

मिथुन राशि वालों के लिए गुरु सातवें और दसवें भाव के स्वामी बनते हैं और आठवें भाव में गोचर होने पर आपकी राशि पर मिले जुले प्रभाव देने वाला होगा. इस समय पर अचानक से स्थिति आपके नियंत्रण से निकल भी सकती है ओर जो काम आपने शुरु करने हैं उनमें थोड़ा सा विलंब हो सकता है. कोई अचानक से धन लाभ के मौके भी प्राप्त हो सकते हैं स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने कि आवश्यकता भी है. व्यर्थ के वाद विवाद से बचना चाहिए.

उपाय –

मंदिर में तुलसी का पौधा दान करें.

गुरु के गोचर का कर्क राशि प्रभाव

कर्क राशि के लिए गुरु ग्रह छठे और नवें भाव के स्वामी है होते हैं और इस समय गुरु आपके सातवें भाव में गोचर करने वाले हैं. इस स्थान पर होने वाला गोचर आपके जीवन में नए लोगों को जोड़्ने वाला होगा. आस-पास के लोगों का आपके जीवन पर काफी प्रभाव रहने वाला है. आप खुद को लेकर भी अधिक सजग होंगे. वैवाहिक जीवन की शुरुआत हो सकती है. कुछ नवीन वस्तुओं की प्राप्ति का योग है पर साथ ही इस समय आपको अपने आस पास के विरोधियों से बच कर रहना होगा.

उपाय –

धर्म स्थल पर अनाज का दान करें.

गुरु के गोचर का सिंह राशि प्रभाव

सिंह राशि वालों के लिए गुरु पंचम और अष्टम भाव के स्वामी बनते हैं और इस समय ये आपके छठे भाव को प्रभावित करने वाले हैं. ऎसे में आर्थिक स्थिति का ध्यान रखने की जरूरत होगी. काम के क्षेत्र में प्रतियोगिताओं का दौर रहेगा. शिक्षार्थियों के लिए समय काफी मेहनत करने को दर्शाता है. कोई नए मसले आपको प्रभावित कर सकते हैं. इस समय आपको खुद को मजबूत बनाना होगा. नियमित रुप गुरु मंत्र की माला का जाप करने से परेशानियों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है.

उपाय

सूर्य को जल में हल्दी डालकर अर्घ्य दीजिए.

गुरु गोचर का कन्या राशि प्रभाव

कन्या राशि के गुरु चौथे भाव और सातवें भाव का स्वामी बनता है और इस समय गुरु इनके पंचम भाव को प्रभावित करने वाले हैं. ऎसे में ये समय छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण रह सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा और नए अवसर मिलेंगे. प्रेम संबंधों में कुछ बदलाव होंगे संबंधों का अंत और शुरुआत दोनों ही पहलूओं का प्रभाव दिखाई देगा. माता-पिता अपनी संतान को लेकर इस समय काफी सोच विचार में होंगे. संतान सुख की प्राप्ति के योग बनते हैं.

उपाय –

केसर की खीर का भोग श्री विष्णु भगवान को लगाएं.

गुरु गोचर का तुला राशि प्रभाव

तुला राशि वालों के लिए गुरु तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है और अभी गुरु आपके चौथे भाव पर गोचर करने वाला है. गुरु का ये गोचर आपको परिवार और कार्यक्षेत्र में नए अवसर देने वाला होगा. कुछ नए पद की प्राप्ति हो सकती है. ट्रांस्फर इत्यादि भी इस समय पर हो सकता है. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करने की सलाह दी जाती है. घर वापसी के भी मौके बनते हैं.

उपाय-

कन्याओं को मीठा खिलाएं.

गुरु गोचर का वृश्चिक राशि फल

वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी बनता है और इस समय गुरु इनके तीसरे भाव पर गोचर करने वाला है. इस स्थान पर गोचर के प्रभाव से आपकी भागदौड़ और मेहनत में वृद्धि होती दिखाई देती है. ये समय आपके लिए स्थान परिवर्तन की स्थिति को भी दर्शाता है. भाई बहनों की ओर से आपको नए समाचार प्राप्त होंगे. आपके लाभ और खर्च में वृद्धि होगी. परिवार में लोगों का सहयोग भी मिलेगा. धार्मिक क्षेत्र की यात्राओं के अवसर भी मिलेंगे.

उपाय –

माता-पिता व वरिष्ठ जनों का आशीर्वाद नियमित रुप से प्राप्त करें.

गुरु गोचर का धनु राशि प्रभाव

धनु राशि वालों के लिए गुरु इन्ही की राशि का स्वामी हैं और ऎसे में इस समय आपके दूसरे भाव पर गोचर होगा. गुरु का ये गोचर आपके लिए आर्थिक क्षेत्र में बदलावों को दिखाएगा. कुछ नए काम शुरु हो सकते हैं. कोई भी कानूनी काम काज में ध्यान बना कर रखने कि आवश्यकता है. आपको इस समय अपनी वाणी द्वारा धन लाभ के मौके मिल सकते हैं. आध्यात्मिक और धर्म में आपकी भागीदारी बढ़ सकती है.

उपाय –

गाय को रोटी खिलाएं.

गुरु गोचर का मकर राशि प्रभाव

मकर राशि वालों के लिए गुरु तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं. आपको इस गोचर के द्वारा आर्थिक क्षेत्र में नए बदलाव देखने को मिलेंगे. इस समय कुछ धन प्राप्ति हो सकती है. बाहरी रुप से आपको कुछ लाभ की प्राप्त हो सकती है लेकिन इसके साथ ही किसी के द्वारा घाटा भी उठाना पड़ सकता है. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें क्रोध अधिक रह सकता है. छात्रों को अपने लिए नवीन शिक्षण स्थानों की प्राप्ति के मौके भी प्राप्त हो सकते हैं. अब आप अधिक योजनाओं को बनाने में लग सकते हैं.

उपाय –

पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं.

गुरु गोचर का कुम्भ राशि प्रभाव

कुम्भ राशि के लिए दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं. इस समय गुरु का आपके बारहवें भाव पर गोचर होगा. ऎसे में खर्चों में अधिकता देखने को मिल सकती है. बाहरी लोगों से कुछ लाभ भी मिल सकता है. प्रतियोगिताओं का दौर रहने वाला है और ऎसे में आपकी मेहनत भी अधिक होने वाली है. स्वास्थ्य का ध्यान रखें मौसम में बदलाव का प्रभाव आप पर दिखाई दे सकता है. घरेलू जिम्मेदारियां भी अधिक रहने वाली हैं.

उपाय –

वृद्ध स्त्री की सेवा करें.

गुरु गोचर का मीन राशि प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए गुरु दशम भाव में गोचर करेंगे. इस गोचर के प्रभाव से आपके लिए बेहतर मौके उभर सकते हैं. आप इस समय किसी वरिष्ठ व्यक्ति से लाभ प्राप्त कर सकते हैं. काम काज में बदलाव होंगे और नए अवसरों की प्राप्ति के मौके भी मिलेंगे. स्वास्थ्य के संदर्भ से देखभाल की आवश्यकता है. मानसिक चिंताएं आपको कुछ थकान दे सकती हैं इस लिए व्यर्थ के तनाव से खुद को मुक्त रखना ही उचित होगा. बच्चों की ओर से आपको नए समाचार मिल सकते हैं.

उपाय –

पीला धागा गले में धारण करें.

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वृश्चिक राशि में बनेगा चतुर्ग्रही योग, जानें इसका आप पर असर

चतुर्ग्रही योग से अर्थ होता है कि जब कोई चार ग्रह एक साथ किसी एक राशि में स्थित हों. इस योग के प्रभाव के फलस्वरुप राशि पर उन सभी चार ग्रहों का प्रभाव होने पर विशेष लक्ष्ण उभरते हैं. कुंडली के किसी भी भाव मे स्थिति चार ग्रहों का योग उन के प्रभाव से भरा होता है.

चतुर्ग्रही योग समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष यह योग 11 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच वृश्चिक राशि में बनेगा. इस समय पर सूर्य, बुध, शुक्र और केतु ग्रह सभी वृश्चिक राशि में एक साथ आने से चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा. वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है और इस राशि में बना हुआ चतुर्ग्रही योग भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी बन सकता है. इस समय पर सूर्य का केतु से ग्रसित होना ओर शुक्र बुध का साथ होना स्थिति को परेशान करने वाला होगा.

सूर्य अग्नि है, शुक्र जल है, केतु भ्रम विरक्ति है, बुध मन की प्रसन्नता है. ऎसे में जब इन सभी कि स्थिति वृश्चिक राशि में होगा तो ऎसे में उत्साह कि कमी होगी एक प्रकार की उदासी और उन्मुक्ता भी दिखाई देगी. इस अवधि के दौरान जो भी इन ग्रहों के विशेष कारक माने गए हैं उन सभी का योग मंगल की राशि वृश्चिक में बन रहा है. इस समय पर बेचैनी का प्रभाव अधिक रहेगा.

चतुर्ग्रही योग का इन राशियों पर होगा असर

कुंडली में मौजूद चतुर्ग्रही योग का प्रभाव कई प्रकार के फलों को देने में सक्षम होता है. यह योग मुख्य रुप से उन सभी राशि वालों पर असर डालेगा जिन ग्रहों का संबंध इन राशि वालों से होगा. इसमें सिंह राशि, मिथुन, कन्या, वृषभ, तुला और वृश्चिक राशि वालों पर इसका विशेष असर होगा.

वृश्चिक राशि में बुध, केतु, सूर्य और शनि हैं. इन ग्रहों के कारण चतुर्ग्रही योग बन रहा है. इससे पहले वृश्चिक राशि में सूर्य, बुध और केतु ही थे. फिर शुक्र के आने से चर्तुग्रही योग का निर्माण हुआ. इसके बाद सूर्य का राशि बदलकर धनु में जाने पर इस योग की समाप्ति होगी.

चतुर्ग्रही योग का प्रभाव

  • जब भी दो से अधिक ग्रह एक ही राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान कई तरह की विपरित परिस्थितियां और घटनाएं अधिक हो सकती हैं. चतुर्ग्रही योग की वजह से सामाजिक, राजनैतिक और प्राकृतिक रुप से बदलाव की संभावना दिखने को मिलती हैं. ग्रहों की ऐसी स्थिति से समाज और व्यक्ति का प्रभाव में अप्रत्याशित घटनाएं देखने को मिल सकती हैं.
  • वृश्चिक राशि में केतु ग्रह के साथ होने से सूर्य, शुक्र ओर बुध पीड़ित भी हो रहा हैं. ऎसे में ये स्थिति राजकीय स्तर पर परेशानी बढ़ा सकती है. इसके प्रभाव से प्रशासन और सामाजिक सोच में बड़े बदलाव होने की संभावना भी अधिक दिखाई देती है.
  • राहु-केतु के कारण सूर्य के भी पीड़ित होने से देश में अराजकता और सांप्रदायिक विवादों की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. मीडिया हाउस और इलैक्ट्रानिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये स्थिति परेशानी को बढ़ाने वाली होगी.
  • शुक्र अपनी विरोधी राशि में स्थित होंगे ऎसे में कई चमक-दमक से जुड़े कामों में बड़े फैसले हो सकते हैं. इसी से संबंधित बड़ी घटनाएं भी होने की संभावना है. केतु के बुध के साथ होने पर विवाद, झगड़े, तनाव, गलत काम, हानि, संक्रमण से जुड़ी बिमारियां बढ़ने की संभावना भी इस समय पर परेशानी दे सकती है. राहु-केतु की स्थिति के कारण शुभ ग्रहों के प्रभावों में कमी भी आएगी.
  • ज्योतिष में जब भी सूर्य का संबंध राहु-केतु के साथ होता है तो उस स्थिति में ग्रहण योग की संभावना बढ़ जाती है. यह दोनों ग्रहों का संबंध सूर्य शुक्र के साथ होने पर ग्रहों के कारण कुछ न कुछ वातावरण में बदलाव होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इन ग्रहों के प्रभाव से देश और बाहरी संपर्क से जुड़े बड़े फैसले और बदलाव भी हो सकते हैं.
  • आपकी राशि पर चतुर्ग्रही योग का असर

    वृश्चिक राशि में सूर्य, बुध, शुक्र और केतु के होने से चार राशियों के लिए समय परेशानी बढ़ा सकता है. वृश्चिक वालोम को मानसिक और शारीरिक क्षेत्र में परेशानी झेलनी पड़ सकती है. इस राशि के लिए समय ठीक नहीं रहेगा. वहीं इसके अलावा अन्य राशि वालों के लिए मिला-जुला समय हो सकता है.

    मेष, कर्क, मकर, कुंभ, मीन राशि वालों को अचानक से परेशानियां बढ़ सकती हैं. वृषभ, तुला , मिथुन, सिंह, कन्या राशि के जातकों के लिए चतुर्ग्रही योग अनुकूल नहीं रह पाएगा.

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