शुक्र उदय क्यों है विशेष और क्या है इसका महत्व

शुक्र का उदय ओर अस्त होना ज्योतिष शास्त्र में गोचर की विशेष घटना क्रम में से होता है. जिस प्रकार बृहस्पति अपनी शुभता एवं सौभाग्य के प्रतिक माने जाते हैं उसी प्रकार शुक को भी शुभता एवं समृद्धि का प्रतिक माना जाता है. ज्योतिष में इन दोनों का उदय और अस्त समय विशेष माना गया है. शुक्र का अस्त होना भौतिक संपदा, प्रेम, आकर्षण, सभी प्रकार की कामनाओं को दर्शाने वाला होता है.

शुक्र के अस्त होने पर शुक्र के कारक तत्वों में कमी देखी जा सकती है. विवाह एवं मांगलिक कार्यों में शुक्र के उदय की स्थिति का ध्यान खासतौर पर रखा जाता है. यदि शुक्र अस्त होता है तो इन कार्यों को करने से बचा जाता है. जब शुक्र उदय होता है तो विवाह, सगाई इत्यादि मांगलिक कार्यों को करने के लिए समय शुभ माना जाता है.अभी तक एक लम्बे समय से शुक्र देव अस्तगत थे किंतु अब वह उदय की स्थिति में होंगे. शुक्र के उदय होने का समय मांगलिक कार्यों के आरंभ का होता है.

शुक्र उदय का क्या पड़ता है प्रभाव

शुक्र उदय का पहले भाव पर प्रभाव सुखद संबंधों को दर्शाता है. सामाजिक जीवन और प्रेम में सफलता की प्राप्ति का समय होता है. अच्छी आय, सुखद यात्राएं भी मिल सकती हैं. इस अवधि में व्यक्तिगत रुप से बहुत सी घटनाओं की उम्मीद कर सकते हैं. अपने लिए एक अच्छा मैच मिलने की संभावना होती है. परिवार में किसी नए सदस्य के आगमन की भी उम्मीद कर सकते हैं. सामाजिक रूप से, नए लोगों से मिलने और विपरीत लिंग के साथ का आनंद लेने के लिए यह एक अच्छा समय है. समाज में प्रतिष्ठा भी बढ़ सकती है. स्वयं पर धन खर्च कर सकते हैं.

शुक्र के द्वितीय भाव में उदय का प्रभाव आनंद लेने का भरपूर अवसर दिला सकता है. कुछ वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है. अच्छे – अच्छे व्यंजनों का आनंद भी ले सकते हैं. यह अवधि जीवन को समृद्ध बनाने के लिए मौके प्रदान करती है. कुछ महंगी चीजें अथवा उपकरण प्राप्त हो सकते हैं. कपड़े, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन और वाहनों का भी उपयोग करने का अवसर प्राप्त होता है. आर्थिक रूप से, इस अवधि के दौरान सुचारू रूप से काम कर पाने में सक्षम होते हैं. इस विशेष समय में आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है. शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत अच्छा समय साबित हो सकता है.

शुक्र के तीसरे घर में उदय होने का प्रभाव, सामाजिक रुप में आपके योगदान को बढ़ा सकता है. शुभ समारोह, भाइयों और बहनों का साथ मिलता है. इस समय दोस्तों के साथ यात्राएं कर सकते हैं. सामाजिक कामों में सफलता प्राप्ति होती है. खुशी और संतोष को पाने का समय बनता है. वित्तीय सुरक्षा मिल पाती है. आगे बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं. यह कार्य में भी अच्छी अवधि हो सकती है और पद में वृद्धि की भी उम्मीद कर सकते हैं. आप अधिकार में लाभ की उम्मीद भी कर सकते हैं.

शुक्र के चतुर्थ भाव में उदय का प्रभाव धन एवं लाभ वृद्धि को दर्शाता है. समृद्धि में वृद्धि की उम्मीद भी कर सकते हैं. यदि कृषि से जुड़े हैं, तो यह कृषि उद्यम में आपको लाभ दिलाने वाला एक अच्छा समय हो सकता है. जीवनसाथी और बच्चों के साथ समय प्राप्त होता है. नई भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति का समय होता है. अच्छे भोजन, भव्य वस्तुओं का भी आनंद ले सकते हैं. नए मित्र बनने की प्रबल संभावना हो सकती है. पुराने और नए दोस्तों का साथ अच्छा समय बिता पाते हैं. मौज-मस्ती करने और विपरीत लिंग के साथ का आनंद भी मिलता है.

पंचम भाव में शुक्र का उदय होना व्यक्ति को रोमांच एवं रोमांस का पल भी प्रदान करता है. मनोरंजन में समय बिताने को मिलता है. यह अवधि आर्थिक रूप से भी एक अच्छा समय दर्शाती है, धन में वृद्धि करने में सक्षम होते हैं. इस विशेष अवधि में मित्रों, बड़ों और शिक्षकों का भी व्यवहार अच्छा रहने की उम्मीद रहती है. रिश्ते सुचारू रूप से चलने की उम्मीद की जा सकती है. नए प्रेम संबंध भी विकसित हो सकते हैं. संतान का सुख मिलता है. रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर होता है.

शुक्र का छठे भाव में उदय होना मिश्रित प्रभाव दे सकता है. कुछ चीजों में कठिन समय लेकर आ सकता है. यह अवधि प्रयासों में काफी परेशानियों को दिखा सकती है. शत्रुओं में वृद्धि होने की संभावना रहती है. व्यावसायिक साझेदारों से झगड़ा भी हो सकता है. शत्रुओं से भी अपनी इच्छा के विरुद्ध समझौता करना पड़ सकता है. विशेष रूप से इस चरण के दौरान अपनी जीवन साथी और बच्चों के साथ किसी भी तरह के वाद-विवाद में उलझने की संभावना भी रहती है. यात्रा इत्यादि से बचना ही उचित होता है तथा खर्चों पर नियंत्रण बनाए रखने की जरुरत होती है.

शुक्र के सातवें घर में उदय होने पर नए रिश्तों का आगमन जीवन में हो सकता है. परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. इस दौरान वाहन इत्यादि से दुर्घटना होने की संभावना रह सकती है. स्वास्थ्य पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होगी, क्योंकि मानसिक अशांति, चिंता, भय और इच्छाओं में असामयिक वृद्धि से पीड़ित हो सकते हैं. समाज में अपने सम्मान और कार्यस्थल पर अपने सम्मान पर कायम रहता है. व्यर्थ के विवाद से बचना चाहिए. मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ सकता है.व्यावसायिक रुप से समय सामान्य रहता है.

शुक्र के अष्टम भाव में उदय होने पर समय उतार-चढ़ाव लिए रह सकता है. भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने में अधिक समय लगा सकते हैं. कुछ विवाद इस समय शांत हो सकते हैं. संपत्ति की प्राप्ति का समय भी बनता है. प्रेम एवं रिश्तों में विस्तार का समय होता है. विपरित लिंग के प्रति आकर्षण उत्पन्न होता है. खर्चों की अधिकता बःई होती है तथा अचानक से कहीं से लाभ प्राप्ति हो सकती है.

शुक्र का नवम भाव में उदय होना नई शुरुआत का समय बनता है. इस अवधि के दौरान लाभ और कीमती चीजों में समय व्यतीत होता है. व्यापार के लिए यह अवधि संतोषजनक लाभ के साथ अनुकूल रह सकती है. इस दौरान शिक्षा में भी सफलता मिलने के संकेत अधिक रहते हैं. स्वास्थ्य सकारात्मक रहता है. भाई-बहनों के साथ प्रेम प्राप्त होता है. घर में कुछ शुभ एवं मांगलिक कार्य होने की संभावना होती है. भाग्य का सहयोग काम आता है, दोस्तों एवं नए लोगों का संपर्क बढ़ता है. धार्मिक यात्राओं एव्म आयोजनों में शामिल हो पाते हैं.

शुक्र के दशम भाव में उदय होने पर सामाजिक रूप से अनुकूल अवधि की भी उम्मीद की जा सकती है. नए दोस्त बनने की संभावना होती है. काम में कोई सलाहकार भी मिल सकता है. इस दौरान कलात्मक क्षेत्र में रुचि बढ़ती है. लोगों द्वारा कार्यों पर ध्यान दिया जाता है. समाज में प्रतिष्ठा को बनाए रखने की इच्छा शक्ति बढ़ेगी. इस समय मनोकामना पूरी हो सकती है और शत्रु पराजित हो सकते हैं. वित्त को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ सकती है और किसी भी प्रकार के ऋण से बचने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि इस समय के दौरान आप पर कर्ज होने की संभावना अधिक रहती है. शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत होती है और अनावश्यक और व्यर्थ की चर्चाओं से बचना चाहिए.

एकादश भाव में शुक्र का उदय होन प्रेम में सफलता, घरेलू मामलों में सकारात्मकता प्रदान कर सकता है. विपरित लिंग के साथ अच्छे संबंध बनते हैं सामाजिक सफलता भी इस समय पर प्राप्त हो सकती है. ज्यादातर वित्तीय सुरक्षा और कर्ज से राहत का समय होता है.आर्थिक समस्याओं के समाधान की भी उम्मीद कर सकते हैं. यह अवधि प्रयासों में सफलता भी लाती है. लोकप्रियता में वृद्धि तथा प्रतिष्ठा प्राप्ति का समय दिखाती है. सुख-सुविधाओं, अच्छे भोजन, वस्त्रों, गहनों और अन्य विदेशी सामानों की प्राप्ति पर ध्यान अधिक केंद्रित रह सकता है.

द्वादश भाव में शुक्र का उदय होना संघर्ष को दिखाता है.समाज में अपना योगदान देने कार्य करने की रुचि अधिक होती है. प्रेम संबंधों में सफलता का समय होता है. यह सकारात्मक और नकारात्मक घटनाओं के मिश्रित समय को इंगित करता है. यह अवधि जहां एक ओर आर्थिक लाभ को दर्शाती है वहीं दूसरी ओर यह धन और वस्त्र के कुछ अप्रत्याशित नुकसान को भी दर्शाती है. विदेश यात्रा पर अनावश्यक खर्च और धन की बर्बादी का समय हो सकता है.

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Planets, Transit | Tagged , , , | Leave a comment

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर 22 अप्रैल 2023

बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में – 22 अप्रैल 2023

बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति ज्ञान, पिता, शिक्षक, परिवार के बुजुर्गों, संतान, धन इत्यादि का प्रतीक बनता है. किसी की जन्म कुंडली में इस ग्रह की स्थिति काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है.

बृहस्पति शुभ होने पर व्यक्ति को नाम, प्रसिद्धि, सम्मान और ज्ञान देता है. विवाह सुख एवं संतान प्राप्ति के लिए इस ग्रह का कुंडली में मजबूत होना जरूरी है. बृहस्पति धनु राशि और मीन राशि का स्वामी होता है. यह कर्क राशि में उच्च का और मकर राशि में नीच का होता है. गुरु की दृष्टि जीवन के अमृत के समान मानी जाती है.

बृहस्पति का धनु राशि में गोचर समय
बृहस्पति गोचर 2023 में 22 अप्रैल 2023 को 06:13 बजे, मेष राशि में होगा. बृहस्पति की यह गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा, आइए जानते हैं प्रत्येक राशि के लिए कैसा रहेगा बृहस्पति का मेष राशि गोचर

बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशिफल
बृहस्पति का मेष राशि के लिए गोचर पहले घर में होगा. ​​लग्न भाव में गोचर का प्रभाव आपके लिए सामान्य प्रभाव देगा. परिश्रम बनाए रखेगा. जीवन में भाग्य साथ देगा. धन से संबंधित चिंता दूर होगी. यह गोचर काल कुछ परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाला होगा. धन संचय करने में सफल होंगे. लापरवाही से बचना होगा. लेन-देन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतनी होगी. वैवाहिक जीवन में, जीवनसाथी के साथ कुछ अच्छा समय बिता पाएंगे.

बृहस्पति गोचर 2023 वृषभ राशिफल
बृहस्पति का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा. इस समत स्थिति मिले जुले परिणाम दे सकती है. दूर की यात्राओं का समय होगा. विदेश गमन का अवसर मिल सकता है. किसी काम के कारण अचानक से यात्रा भी हो सकती है. इस गोचर के दौरान पैसों से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. किसी को उधार देने से पहले ध्यान रखें की वापसी हो पाए. आध्यात्मिकता से जुड़े काम में शामिल हो सकते हैं. कुछ समय धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने में भी बिता सकते हैं.

बृहस्पति गोचर 2023 मिथुन राशिफल
कुंभ के लिए बृहस्पति का गोचर एकादश भाव में होगा. यह समय अच्छे लाभ दिला सकता है. कई क्षेत्रों में अच्छे परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं. स्वास्थ्य में सुधार का समय होगा. भाग्य कुछ आपके पक्ष में काम कर सकता है. सफलता की प्राप्ति का समय बन रहा है. कुछ पाने की इच्छा भी अब पूरी हो सकती है. बॉस या वरिष्ठ अधिकारी वर आपके कार्य को लेकर प्रशंसा कर सकता है. उपलब्धियों की प्राप्ति का समय होगा. विरोधियों को लेकर चिंता कम होगी. कुछ लोग परेशानियां उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए ध्यान से काम करें.

बृहस्पति गोचर 2023 कर्क राशिफल
कर्क राशि के लिए बृहस्पति का गोचर दशम भाव में होगा. दशम भाव में बैठा गुरु कर्म और करियर को प्रभावित करने वाला होगा. यह समय अनुकूल रह सकता है. कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, कोई स्थानांतरण होने की भी संभावना बन सकती है. परिवार और कार्य को लेकर समय का बंटवार अकुछ मुश्किल रह सकता है. कुछ बदलाव शुरुआत में परेशानी का कारण बन सकता है, लेकिन जल्द ही बदलाव अनुकूल भी होगा.

बृहस्पति गोचर 2023 सिंह राशिफल
सिंह राशि के लिए गुरु का गोचर नवम भाव में होगा. भाग्य का सहयोग मिलेगा. जीवन में कोई प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त हो सकता है. अच्छे कर्मों का लाभ प्राप्त होगा. नौकरी या व्यवसाय में विस्तार का समय होगा. नई परियोजनाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. पारिवारिक जीवन में बृहस्पति की कृपा रहेगी, इसलिए यह अच्छा रहेगा. परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. संतान की प्राप्ति एवं सुख मिल सकता है. इस गोचर के दौरान विभिन्न स्रोतों से धन प्राप्त कर सकते हैं.

बृहस्पति गोचर 2023 कन्या राशिफल
कन्या राशि के लिए बृहस्पति का गोचर आठवें भाव में होगा. अब का समय थोड़ा जटिल रह सकता है. इस समय पर जीवन में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ अचानक और अप्रत्याशित घटनाओं का समय बना रहने वाला है. इस दौरान स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखने की आवश्यकता है. भोजन की आदतों में सुधार करें. बाहरी भोजन या जंक फूड से बचें अन्यथा आपको पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. मन बेचैन रह सकता है. कुछ अवांछित यात्राएं भी आपको परेशान कर सकती हैं.

बृहस्पति गोचर 2023 तुला राशिफल
तुला राशि के लिए बृहस्पति का गोचर सातवें घर में होगा. सप्तम भाव को विवाह और पार्टनरशिप के रुप में देखा जाता है. इस समय कुछ नई साझेदारियों बन सकती है. वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा समय रह सकता है. जीवनसाथी को खुश करने के लिए कुछ नया कर सकते हैं, साथी के साथ घूमने की योजना भी बना सकते हैं. विवाह होने की संभावना भी अधिक रह सकती है. बृहस्पति का सकारात्मक प्रभाव आर्थिक मोर्चे को भी मजबूत कर सकता है.

बृहस्पति गोचर 2023 वृश्चिक राशिफल
बृहस्पति का गोचर छठे भाव में होगा. इस समय जीवन में रोग, नौकरी, शत्रु, कानूनी मसलों का असर पड़ सकता है. कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती है. इस समय में अपने मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. योग या अन्य प्रकार का मेडिटेशन करना अच्छा होगा. नौकरी में सहकर्मियों की योजना के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. कार्यस्थल पर बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है. व्यापार में साझेदारी का समय होगा.

बृहस्पति गोचर 2023 धनु राशिफल
धनु राशि के लिए बृहस्पति का गोचर पंचम भाव में होगा. इस समय संतान सुख प्राप्ति का समय होगा. शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. रचनात्मकता रुप से कुछ कामों में शामिल हो पाएंगे. नए अवसरों की प्राप्ति का समय होगा. यह गोचर काफी अनुकूल साबित हो सकता है. सामाजिक रूप से, नए संपर्क बनाएंगे जो लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं. इस दौरान परोपकारी एवं समाज के कल्याण से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं. माता-पिता आपके व्यवहार से बहुत खुश होंगे.

बृहस्पति गोचर 2023 मकर राशिफल
बृहस्पति का गोचर मकर राशि के लिए चौथे भाव में होगा. इस गोचर के परिणामस्वरूप कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. पारिवारिक स्थिति में माता-पिता के साथ बहस से बचें. इस समय कुछ बातें वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है. शांत रहने और धैर्य के साथ स्थिति के अनुसार कार्य करने की आवश्यकता है. अपनों के साथ संवाद करें तथा प्रेम पूर्वक कार्यों में शामिल होना अनुकूल होगा. किसी सदस्य की घर में वापसी का समय बना हुआ है.

बृहस्पति गोचर 2023 कुंभ राशिफल
कुंभ राशि के लिए गुरु का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस समय स्थिति मिलेजुले परिणाम दे सकती है. आलस्य से बचना होगा अन्यथा चीजें हाथ से निकल सकती हैं. इस समय के दौरा किया परिश्रम ही अच्छे परिणाम देने में सहायक होगा. यात्राओं का समय बना हुआ है. स्थान परिवर्तन का समय होगा. अवांछित यात्राओं पर जाना खर्च और सेहत दोनों के लिए परेशानी का सबब होगा. जो नौकरी कर रहे हैं या खुद का व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें काम में अपनी गति बढ़ानी होगी, अन्यथा मार्ग में बाधा और कई चुनौतियां परेशानी बढ़ा सकती हैं.

बृहस्पति गोचर 2023 मीन राशिफल
मीन राशि के लिए गुरु का गोचर दूसरे घर में होगा. यह गोचर बहुत शुभ होगा. अच्छे लाभ दिला सकता है. कई अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं. इस गोचर काल में आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी. उधार लिया हुआ धन भी वापस मिल सकता है. परिवार के साथ सहयोग प्रेम विस्तार होगा. कई समस्याओं का समाधान होगा. परिजनों के साथ भ्रमण का अवसर होगा. पैतृक संपति से लाभ मिल सकता है. परिवार को एक साथ लाने का प्रयास करते हुए दिखाई देंगे.

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Yoga | Tagged , , , , | Leave a comment

सूर्य का मकर राशि में गोचर

सूर्य का मकर राशि में गोचर (14 जनवरी, 2023)

सूर्य का मकर राशि में गोचर शुक्रवार 14 जनवरी 2023 को 20:44 बजे होगा. ज्योतिष में, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय पर सूर्य का प्रवेश अपने पुत्र शनि देव के घर पर होता है अर्थात शनि की स्वराशि मकर में होता है इसलिए, यह माना जाता है कि यह गोचर बहुत महत्वपूर्ण है, और इस दिन को मकर संक्रांति भी माना जाता है, और यह संपूर्ण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. 

सूर्य का मकर राशि में गोचर

सूर्य ग्रह अधिकार, शक्ति और महिमा का प्रतीक है और वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों में सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है. सूर्य किसी कुंडली में नेतृत्व, गौरव और प्रसिद्धि का प्रतिनिधित्व करता है. यह जीवन में पिता और उच्च अधिकारियों को दिखाता है. मकर राशि को करियर, प्रसिद्धि और यश को दर्शाती है. अब इस स्थान में सूर्य का होना समाज में किए गए कार्यों को दर्शाता है. सूर्य के इस राशि में आना व्यक्ति को कर्मठ बनाता है. परिश्रम अधिक रहता है. सूर्य का मकर राशि में जाना चाहे शत्रु राशि में गोचर को दर्शाता है किंतु यह उतना अशुभ साबित नहीं होता है. काल पुरुष कुंडली के अनुसार, मकर राशि दसवें घर की राशि है और सूर्य दसवें घर में होने पर भी दिशा बल पाता है. इस तरह से यह गोचर कई मायनों में बदलाव और नए शक्ति संचार को दिखाता है. 

मेष राशि

मेष राशि के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है और इस समय पर गोचर में दशम भाव पर स्थित होगा.  करियर और व्यवसाय के क्षेत्र में यह समय नए मौके दे सकता है. कुछ नए अनुभव ओर नई चीजों की प्राप्ति के लिए समय आपके लिए सहायक होगा. सरकारी काम और राजनीति में अधिकार के पदों पर शामिल होने का समय होगा. छात्र राजनीति विज्ञान, कानून और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. समाज सेवा से जुड़े काम करने में भी आगे रह सकते हैं. इस समय व्यस्तता बनी रहेगी घरेलू पक्ष में किसी का सहयोग बहुत मददगार होगा. 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है. भाग्य, आध्यात्मिकता और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के स्थान पर सूर्य का होना जातक को अच्छे अवसर दे सकता है. उच्च शिक्षा के लिए समय अनुकूल रह सकता है. अंतर्राष्ट्रीय खेल कूद में शामिल हो सकते हैं. इस समय कुछ यात्राओं में शामिल हो पाएंगे. खर्चों में वृद्धि हो सकती है, और कुछ समय के लिए छुट्टी पर जाने की इच्छा बहुत प्रबल हो सकती है. माता-पिता से कुछ बातों को लेकर मतभेद भी उत्पन्न हो सकते हैं. इस दौरान आप किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का अच्छा समय मिलेगा. इस गोचर में आपका झुकाव धार्मिक कार्यों एवं गुरुजनों की संगत में भी व्यतीत हो सकता है. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी होकर इस समय अष्टम भाव में गोचर कर रहा है. इस गोचर का असर अचानक लाभ – हानि, स्वास्थ्य समस्याओं एवं आर्थिक क्षेत्र से जुड़ा रहने वाला है. इस समय रहस्यों का खुलासा हो सकता है. छवि प्रभवैत हो सकती है. इस दौरान शत्रुओं से सावधान रहने की सलाह दी जाती है. करियर पर, कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और कार्यस्थल पर थोड़ा संघर्ष अधिक रहने वाला है. लक्ष्यों की प्राप्ति में देरी महसूस हो सकती है. व्यवसायियों को किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है. कुछ दुर्घटनाओं के शिकार हो सकते हैं और खाने या पीने में बाहरी भोजन से परहेज करना अच्छा होगा. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी है और इस समय सूर्य का गोचर सातवें घर में होगा.  विवाह और साझेदारी से जुड़े मामलों पर सूर्य असर डालेगा. करियर में सामान्य स्थिति रहनेवाली है. इस समय सहकर्मियों का साथ नहीं मिल पाए. कार्यस्थल पर कड़ी प्रतिस्पर्धा भी रहने वाली है. इस समय जरुरी है ध्यान पूर्वक काम करें. सक्रिय बने रहने की जरूरत होगी. वरिष्ठों और सहकर्मियों से भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में वैवाहिक जीवन गड़बड़ा सकता है या जीवनसाथी के स्वास्थ्य में भी गिरावट आ सकती है.आर्थिक बचत इस समय कुछ प्रभावित रहने वाली है. स्वयं को शांत बना कर रखें और स्थिति के अनुरुप काम करने से ही लाभ मिलेगा. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए  सूर्य राशि स्वामी होकर छठे घर में गोचरस्थ होगा. ऋण, रोग और शत्रु के भाव में होने पर समय मिला जुला रह सकता है. इस समय शत्रुओं का नाश करने में सफल होंगे. कर्ज की स्थिति से कुछ राहत मिल सकती है. नौकरी या व्यवसाय में पद प्राप्ति का अवसर मिल सकता है. छात्र अपनी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. इस समय के ददौरान काम काज में परेशानी अधिक रह सकती है. स्वास्थ्य समस्याएं उभर सकती हैं लेकिन उनसे निजात भी प्राप्त होगी. अपने कार्यों में लापरवाही से बचना होगा अन्यथा लोग इसका फायदा उठाने में आगे रहेंगे. इस सय जोश में वृद्धि रहने वाली है परिश्रम द्वारा कार्यों में सफलता मिलेगी. 

कन्या राशि 

सूर्य का गोचर कन्या राशि के लिए भावनात्मक रुप से काफी उतार-चढ़ाव दिखाने वाला होगा. इस समय धन खर्च अधिक रहने वाला है. छात्र अपनी शिक्षा में इस समय पैसा भी अधिक व्यय कर सकते हैं. विदेश शिक्षा हेतु छात्र आवेदन कर पाएंगे. प्रेम संबंधों में अनबन रह सकती है. रिश्ते में किसी अन्य का हस्तक्षेप परेशानी उत्पन्न कर सकता है. काम में कुछ रुकावट होने से देरी भी लग सकती है. इस समय पर कुछ नए दोस्त बनेंगे ओर बाहरी सोशल सर्कल में वृद्धि हो सकती है. 

तुला राशि 

सूर्य का गोचर इस समय पर चतुर्थ भाव में होगा. परिवार में किसी सदस्य का आगमन हो सकता है. घरेलू काम में वृद्धि होगी. कुछ निर्माण या रख रखाव में बदलाव भी कर सकते हैं. माता के स्वभाव में कुछ कठोरता अधिक बढ़ सकती है. कोई नई वस्तु की खरीदारी घर में प्रसन्नता लाने वाली होगी. संपत्ति की खरीद फरोख्त के काम हो सकते हैं. घरेलू स्तर पर नियम अधिकि रहने वाले हैं. काम काज में अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर भी बना रह सकता है. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य दसवें भाव का स्वामी होता है. इस समय सूर्य का गोचर तीसरे भाव में होने से साहस में वृद्धि होगी. छोटी यात्राओं  पर जाने का मौका मिलेगा. भाई-बहनों के साथ अधिक समय बीत सकता है. यह समय अनुकूल रहेगा क्योंकि कई बातों में अच्छे परिणाम मिलने की संभावना भी तेज होती दिखाई देगी. आस पड़ोस में मेल जोल का समय होगा. संचार के मामले में लोगों के साथ संपर्क बेहतर रहने वाला है. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी होते हैं और इस समय दूसरे भाव में सूर्य का गोचर होता है. इस समय पर धन, परिवार और वाणी पर सूर्य का प्रभाव दिखाई देगा. धन कमाने की क्षमता अच्छी रघने वाली है. बड़ों का सहयोग कुछ सहयोग मिल सकता है. पारिवारिक मामलों में अधिक व्यस्तता रह सकती है. नेताओं और सरकार से जुड़े लोगों के लिए यह समय बेहतर रह सकता है. आर्थिक रूप से, अभी बचत अनुकूल होगा यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत बनेगी. 

मकर राशि

मकर राशि के लिए सूर्य आठवें भाव का स्वामी होता है. इस समय पर सूर्य का गोचर राशि पर ही होगा. स्वयं के व्यक्तित्व पर इसका असर बहुत अधिक रहने वाला है. इस गोचर के दौरान पिता के साथ कुछ टकराव हो सकता है. करियर में अचानक कुछ लाभ की उम्मिद की जा सकती है. नए कार्यस्थल में जुड़ने का अवसर मिलेगा और करियर में सुधार देखने को मिल सकता है. निजी जीवन में जीवनसाथी के साथ कुछ समस्याएं हो सकती हैं, या रिश्ते में खटास भी उत्पन्न हो सकती है. इस समय खुद पर नियंत्रण रखने की जरुरत है क्योंकि स्वभाव में क्रोध अधिक रह सकता है. 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी होता है. इस समय सूर्य का गोचर बारहवें घर में होगा. खर्च अधिक होंगे. जीवन साथी के साथ मन मुटाव भी हो सकता है. सेहत के चलते अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं. विदेश से संबंधित गतिविधियों में सफल होने का अवसर मिल सकता है. व्यर्थ के किसी विवाद में पड़ सकते हैं, इसलिए अपने अहंकार को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है; अन्यथा, यह  जीवन में सामंजस्य बनाए रखने में अनुकूल नहीं रह पाएगा. कार्यक्षेत्र में कठिनाई और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 

मीन राशि 

मीन राशि के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी होता है. इस समय पर सूर्य का गोचर एकादश भाव में होगा. यह गोचर इच्छाओं को बढ़ाएगा तथा लाभ प्राप्ति का भी मौका मिलेगा. वरिष्ठ अधिकारी आपके लिए सहायक हो सकते हैं. विशेष आर्थिक और सामाजिक लाभ. अचानक धन लाभ होने के योग हैं. शत्रुओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह वह समय है जब आप अपने करियर में आगे बढ़ सकते हैं. 

Posted in Ascendant, Planets, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , , , | Leave a comment

वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर प्रभाव

मंगल का वक्री होना मंगल की शक्ति को कई दिशाओं में बांट देने वाला होता है. वक्री मंगल वह समय है जब व्यक्तित ऊर्जावान महसूस कर हुए भी शारीरिक शक्ति धीमी लगने लगती है. व्यवहार में असंतोष अधिक रह सकता है और चिड़चिड़े भी रह सकते हैं. कुछ समय के लिए अचानक गुस्सा आ सकता अनियंत्रित हो सकते हैं. गोचर का प्रभाव जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति और दशा पर निर्भर करता है.

मंगल एक उग्र ग्रह है सभी ज्वलनशील पदार्थों को नियंत्रित करने में सक्षम होता है. यह जीवन शक्ति, शारीरिक शक्ति, समर्पण, कुछ भी करने की प्रेरणा और किसी भी कार्य को पूरा करने की ऊर्जा देता है. मंगल प्रभाव वाले लोग साहसी, आवेगी और आगे होंगे. मंगल भूमि, भाई, अग्नि युक्त कार्यों, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का कारक भी है. और अब वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर व्याकुलता दिखाने वाला होगा. 

वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर प्रभाव

मेष राशि 

मेष राशि के लिए मंगल का वक्री होना स्वभाव में तेजी को दर्शाता है. वृष राशि में वक्री मंगल गोचर के दौरान दूसरे घर में वक्री गति में गोचर कर रहा है. इस गोचर के कारण परिवार, पूंजी और वाणी पर इसका असर अधिक दिखाई देगा.

मंगल का वक्री गति में दूसरे भाव में गोचर करना संचार को खराब कर सकता है, वाणी में कठोरता एवं अपशब्द बढ़ सकते हैं. अन्य लोग असभ्य मान सकते हैं. इसे लेकर घरवालों से तकरार और लड़ाई भी हो सकती है. अचानक धन खर्च की अधिकता का सामना करना पड़ सकता है. इस समय कुछ नया काम शुरू करना अनुकूल न हो पाए. छात्रों के लिए यह एकाग्रता की कमी को बढ़ा सकता है. 

वृष राशि 

वृष राशि के लिए मंगल  बारहवें और सातवें का स्वामी होता है और इसका गोचर लग्न में वक्री गति से होगा. इस समय पर स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है. धैर्य के साथ काम करें. मंगल एक उग्र ग्रह है जो आपकी त्वचा में रूखापन पैदा कर सकता है.

ध्यान और शारीरिक व्यायाम करने से ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी. यदि आपका विदेशी भूमि से कोई व्यावसायिक संबंध है तो यह कुछ समय के लिए अटक सकता है. खर्चों की अधिकता रहेगी और यात्राएं अधिक रह सकती हैं. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए मंगल छठे भाव और एकादश भाव का स्वामी होता है.  बारहवें घर में वक्री गति में मंगल का गोचर काम की अधिकता को लेकिन लाभ की कमी को दर्शाता है. वक्री मंगल का भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के तर्क या लड़ाई को दिखाता है इसलिए इस समय क्रोध से बचें.

शांत रह कर चीजों में शामिल होना अच्छा होगा. कुछ छोटी यात्रा की योजना बनाने में पैसा अधिक खर्च कर सकते हैं. इस समय लाभ में अटकाव भी रह सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर  इच्छा और लाभ की पूर्ति के लिए अनुकूल रह सकता है. काम अचानक होंगे, कड़ी मेहनत के परिणामों का लाभ मिल पाएगा. कार्यक्षेत्र में बदलाव दिखाई देंगे.

स्वभाव में कुछ अहंकार भी अधिक रह सकता है. छवि भी कुछ प्रभावित हो सकती है. वृष राशि में वक्री मंगल का गोचर छात्रों के लिए अनुकूल रह सकता है. स्वभाव से थोड़े जिद्दी और लापरवाह हो सकते हैं. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए  वक्री मंगल का असर शक्ति में वृद्धि करने वाला होगा.  वृष राशि में वक्री मंगल के गोचर के कारण, कार्यस्थल पर कठोर और दूसरों पर हावी रह सकते हैं.  लक्ष्य को प्राप्त करने में जल्दबाज और कुछ दिशाहीन भी महसूस कर सकते हैं.

कार्यस्थल पर खराब रवैया छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. वैवाहिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्तित्व में ऊर्जा और आक्रामकता की कमी हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की जरुरत होगा. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर रिश्तों पर असर डाल सकता है. पिता, गुरु और भाग्य पर वक्रता असर अधिक पड़ सकता है. इसके कारण दूसरों के साथ कुछ असहमति का सामना करना पड़ सकता है. पिता और गुरु के बीच संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है.

दूसरों की बात सुनने की क्षमता विकसित करें. अचानक से किसी यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है. स्वास्थ्य पर ध्यान बनाए रखने की आवश्यकता होगी. अपने निर्णयों को लेकर संभल कर काम करें. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर इस समय थोड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति रह सकती है. अचानक होने वाली घटनाओं के कारण परेशानी अधिक रह सकती है. वक्री मंगल के गोचर के दौरान अचानक होने वाली बहुत सी घटनाएं मानसिक बेचैनी भी दे सकती हैं.

आर्थिक रुप से चीजें परेशानी को बढ़ा सकती हैं. सामाजिक रुप से अधिक व्यस्त भी होंगे. घर में कुछ निर्माण या रहन सहन में बदलाव की स्थिति परेशानी दे सकती है. 

वृश्चिक राशि 

वक्री मंगल का गोचर वृश्चिक राशि के लिए विशेष होगा. मंगल वृश्चिक का स्वामी है और इस कारण वक्रता का प्रभाव इस राशि वालों के काम पर संबंधों पर तथा इनकम पर पड़ेगा. जीवन साथी और व्यावसायिक साझेदारी को लेकर अधिक सोच विचार में रहने वाले हैं.

वक्री मंगल की स्थिति रिश्ते में प्रमुख और आक्रामक बना सकती है. वक्री मंगल अनावश्यक अहंकार संघर्ष और तर्क का कारण बन सकती है जिसके कारण आपके साथी के साथ आपके रिश्ते में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं. खान पान में लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है. 

धनु राशि 

धनु राशि के लिए वक्री मंगल का गोचर खर्चों में वृद्धि का समय होगा. इस समय विरोधी परेशानी दे सकते हैं इसलिए स्वयं को शांत रखना आवश्यक होगा. क्रोध एवं अभिमान में वृद्धि की संभावना के कारण व्यर्थ के तनाव अधिक रहेंगे. मौसम में बदलाव के चलते सेहत पर कुछ असर पड़ सकता है. आवश्यक मसले कुछ समय के लिए अटक सकते हैं. खर्चों की अधिकता बनी रहने वाली है. 

मकर राशि 

वक्री मंगल का गोचर मकर राशि वालों को कई तरह से प्रभावित करने वाला है. इस समय प्रेम संबंध प्रभावित हो सकते हैं. जीवन में अचानक से कुछ नए रिश्तों का आगमन हो सकता है. छात्र इस समय अपनी शिक्षा के अतिरिक्त कुछ अन्य गतिविधियों में शामिल रह सकते हैं.

रिसर्च से जुड़े कामों में शामिल हो सकते हैं. भावनात्मक रुप से ये समय सोच समझ कर फैसले लेने का होगा. बड़ों की ओर से अधिक सख्ती भी हो सकती है.शेयर मार्किट इत्यादि में निवेश से मिलने वाला लाभ साधारण ही रहेगा अधिक खर्च से बचना ही उचित होगा. 

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी होता है. वक्री मंगल का असर इस समय परिवार, और घरेलू सुख पर अधिक रहने वाला है. इस दौरान आपको अपने घर और वाहन की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. 

माता के स्वभाव एवं सेहत पर बदलाव देखने को मिल सकता है. व्यर्थ की बहस से बचना ही सही होगा. काम के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे. घर में कोई निर्माण कार्य या बदलाव भी हो सकता है. 

मीन राशि

वक्री मंगल का गोचर मीन राशि के साहस ओर परिश्रम को बढ़ाने वाला हो सकता है. इस समय भाई बहनों की ओर अधिक ध्यान रहने वाला है. इस दौरान कुछ चीजों को सीखने का शौक उपन्न हो सकता है.

धन खर्च का समय भी है इसलिए सोच समझ कर निवेश करें. बोलचाल में कठोरता बढ़ सकती है. नए लोगों के साथ मुलाकात का समय भी बन रहा है. धार्मिक रुप से गतिविधियों में शामिल रहने वाले हैं. 

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Transit, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , | Leave a comment

बुध का मकर राशि में गोचर

बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को होगा. बुध इस समय धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 11 फरवरी 2025 के मध्य तक यहीं रहेंगे. 

बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को शुक्रवार के दिन होगा. बुध का मकर राशि गोचर समय शाम 05:45 के करीब होगा.

बुध एक युवा और ऊर्जावान ग्रह है, जो संचार पर अधिकार रखता है. बुद्धि के कारक ग्रह के रूप में जाना जाता है. इसलिए जातक की कुंडली में मजबूत बुध जातक को मजबूत दिमागी शक्ति प्रदान करता है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति को अच्छा संचार कौशल प्रदान करता है. बुध एक शुभ ग्रह है, शुभ ग्रहों के प्रभाव में होने पर अनुकूल परिणाम प्रदान करता है और अशुभ ग्रह के साथ या दृष्टि में होने पर नकारात्मक परिणाम देगा. बुध का स्वतंत्र प्रभाव जातक को शरारती और मजाकिया बनाता है. यह नटखट और चुलबुला भी बना देता है. व्यक्ति को अक्सर बाते करना पसंद आता है. बुध दो राशियों मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है.

सामान्यत: बुध जब किसी ग्रह के साथ होता है तो अलग असर दिखाता है. वक्री स्थिति में होता है तो उसका प्रभाव भी इस अर्थ में विपरीत हो जाता है . जानिए बुध के मकर राशि में होने का आपकी राशि पर क्या प्रभाव!

मेष राशि

मेष राशि के लिए बुध उनके करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें भाव में होगा. इसलिए इस अवधि के दौरान अपने करियर में पुरानी युक्तियों के बारे में सोचें और उन पर ध्यान दे सकते हैं. यदि आपको अधिक कार्य मिल रहे हैं, तो आपको उस पर भी विचार करना चाहिए और अपने अनुभव और कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए. इस चरण के दौरान, किसी भी व्यक्तिगत गलतफहमी को हल करने का प्रयास करें और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी न कहें क्योंकि यह आपके लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है. पिता या उच्च अधिकारियों के साथ संबंधों में सुधार होगा. 

वृषभ राशि

वृष राशि के लिए बुध का गोचर यात्राओं और भाग्य के नवम भाव में होगा. संभावना है कि इस समय रुझान अध्यात्म की ओर अधिक हो सकता है, और अपने भीतर ही उत्तर मिल जाएंगे. किसी भी विदेशी स्रोत से आपको पहले मिले अवसरों पर अब पुनर्विचार करना चाहिए. आर्थिक लाभ की प्राप्ति का समय बनेगा. जो लोग विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे थे, उन्हें नई संस्कृतियों के साथ मेल जोल का अवस्र मिल सकेगा. किसी भी संघर्ष से बचने के लिए व्यर्थ के विवाद से बचें. भाग्य का सहयोग मिलेगा. इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी खर्च होने की संभावना है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए बुध अष्टम भाव में होगा, यह भाव गुप्त रहस्यों, अचानक हानि-लाभ और विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. इस दौरान शारीरिक सुख में वृद्धि होगी. इस चरण में विचारों की कमी के कारण आप दबाव महसूस कर सकते हैं या कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं. इस दौरान स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है. पूर्व में किसी रोग से पीड़ित हैं तो वह पुन: परेशानी दे सकता है. कागजी कार्रवाई में कुछ समस्या हो सकती है, और हस्ताक्षर करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ लेना उचित होगा. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए बुध का गोचर् विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में होगा और इसलिए आपको कार्यस्थल पर और अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस चरण के दौरान अपने रिश्ते में शामिल हो सकते हैं. संचार को मजबूती मिलेगी. बातचीत द्वारा समस्याओं और संघर्षों को सुलझाना उचित होगा. किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए भी यह अच्छा समय है. किसी भी प्रकार की नई साझेदारी में प्रवेश करने या नया व्यवसाय शुरू करने का समय होगा. 

सिंह राशि 

बुध छठे भाव में गोचरस्थ होगा, छठा भाव ऋण, मुकदमेबाजी और रोग का भाव होता है. यहां बुध परिवार के सदस्यों के बीच कुछ भ्रम और संचार की कमी पैदा कर सकता है, और इस अवधि के दौरान स्वभाव में कठोरता उत्पन्न हो सकती है. इसलिए, इस अवधि के दौरान शांत कर काम करना अधिक उचित होगा. धैर्य के साथ काम करना सफलता प्रदान करेगा. यदि किसी कानूनी मामले में फंस जाते हैं, तो परेशान नहीं हों स्थिति पक्ष में होगी.  स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको कुछ छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसके अलावा आप अपने स्वास्थ्य में सुधार देखेंगे.

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए बुध का गोचर पंचम भाव में होगा. इस गोचर के दौरान, रिश्ते में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, और रिश्ते भी बन सकते हैं. रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होंगे. चीजों को शांत रह कर करना अच्छा होगा. आपसी बंधन को जबूत करने पर ध्यान देना चाहिए. छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है. दोस्तों के साथ मौज मस्ती के अवसर भी मिलेंगे. इस समय छात्र राजनीति से दूर रहना अधिक अनुकूल होगा.

तुला राशि

तुला राशि के लिए बुध का गोचर चौथे भाव में होगा. इस अवधि के दौरान, घरेलू मामलों में व्यस्त रह सकते हैं. घर में कुछ निर्माण या नवीनीकरण का काम हो सकता है.  घरेलू सामानों की खरीदारी पर कुछ अनावश्यक खर्च का सामना करना पड़ सकता है. निजी जीवन में कुछ संघर्ष को महसूस कर सकते हैं. माता-पिता की स्वास्थ्य समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी. 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए बुध का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान बुध यात्रा और संचार को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है. इस दौरान यात्राअधिक करनी पड़ सकती है. अपने समान को संभाल कर रखने की आवश्यकता होगी. भाई बंधुओं के साथ कुछ लम्बी बातें हो सकती है. ये समय कार्यक्षेत्र में प्रसिद्धि के लिए बहुत अनुकूल रह सकता है. 

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध परिवार, धन और वाणी के दूसरे भाव में गोचर करेगा. साझेदारी से जुड़े काम में बुध व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है. इस अवधि के दौरान, अपने बजट का प्रबंधन करने की आवश्यकता होगी. पैसों का निवेश करने के लिए नए तरीके खोजने की कोशिश कर सकते हैं जो आपके लिए अनुकूल हो सकते हैं. खान पान को लेकर लापरवाही से बचें. आपसी रुप से ये समय काफी अनुकूल रह सकता है. 

मकर राशि

मकर राशि के लिए बुध लग्न भाव में हो गोचर करेगा. इस अवधि के दौरान जीवन में महत्वपूर्ण घटनाएं घट सकती हैं. इस चरण के दौरान पूरी तरह से खुद पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.  काम में कुछ देरी भी हो सकती है. निराशा और गुस्सा का भाव भी मन में आ सकता है, लेकिन शांत और धैर्य के साथ काम करना अधिक अच्छा होगा. कोई भी नई योजना शुरू करने से पहले पर्याप्त समय लेना बेहतर होगा. 

कुंभ राशि 

बुध का कुंभ राशि अर्थिक मामलों के लिए मिलेजुले फल दर्शाता है. इस समय पर अपने काम को लेकर सावधानी से आगे बढ़ने की अश्यकता होगी. द्वादश का संबंध गोचर में बनने के कारण जातक को अपने मनोकूल कामों को करने से देरी का असर परेशानी दे सकता है. इस समय स्वास्थ्य एवं क्रोध के मुद्दे अधिक परेशानी देंगे. बहुत अधिक विचारों में खुद को जाने से बचाएं. किसी के साथ मेल जोल आत्मिक शांति प्रदान करने वाला होगा. 

मीन राशि 

मीन राशि वालों के लिए ये समय नए अवसरों को देगा लेकिन अस्थायी रुप से ही अभी मौके मिल पाएंगे. पैतृक मामलों में अपनों का दखल अधिक होगा. सामाजिक रुप से लोगों के साथ नए रिश्तों की प्राप्ति होगी. कुछ नए काम में शामिल हो सकते हैं. स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना होगा. खान पान में बदलाव को लेकर अधिक सजग रहना होगा. 

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Rashi, Signs, Transit | Tagged , , , | Leave a comment

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर फल

सूर्य का गोचर पुनर्वसु नक्षत्र में तब होता है जब सूर्य मिथुन राशि के अंतिम चरणों की ओर अग्रसर होता है. पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण मिथुन राशि में ही पड़ते हैं और इसका अम्तिम चरण कर्क राशि में होता है. ऎसे में सूर्य मिथुन ओर कर्क दोनों राशि के संपर्क करता है इस नक्षत्र में गोचर के दौरान.

पुनर्वसु नक्षत्र शुभ नक्षत्र में स्थान पाता है अत: सूर्य का यहां होना भी अनुकूल ही कहा जाता है. पुनर्वसु नक्षत्रों की संख्या में सातवें स्थान पर आता है. इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है और राशि स्वामी बुध और चंद्र है. इस नक्षत्र की देवी अदिति हैं जो देवों की माता भी हैं. 

सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर का समय 2025

सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में जुलाई माह के आरंभिक समय में करता है. इस समय सूर्य आर्द्रा से निकल कर पुनर्वसु में जाता है. सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश 6 जुलाई 2025 को 05:47 पर होगा. 

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र प्रवेश जीवन के आरंभ का संकेत  

पुनर्वसु नक्षत्र को राजसिक नक्षत्र के रुप में भी देख सकते हैं क्योंकि इसके देव एवं स्वामी भी राजसिक पात्रता को पाते हैं. इस नक्षत्र में आने से पहले सूर्य आर्द्रा में होता है जहां चीजें काफी बदलाव लिए होती हैं. इस समय पर होने वाले कठोर बदलाव अब समाप्त होकर धीमे पड़ने लगते हैं और साथ ही पुनर्वसु के आगमन से सूर्य पुन: नवजीवन को प्रकाशित करने लगता है. ये समय पुन: प्राप्ति और पुन: जागृत होने का समय भी होता है. 

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर में विभिन्न ग्रहों से योग 

सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में आते ही सूर्य इस नक्षत्र के प्रत्येक पद पर जाता है उसका उस नक्षत्र के चरण स्वामी के साथ भी संबंध बनता है. ग्रहों का प्रभाव ओर वेध भी इस गोचर में विशेष रुप से असर डालने वाला होता है. 

पुनर्वसु पहले चरण में सूर्य-मंगल, 

पुनर्वसु दूसरे चरण में सूर्य -शुक्र, 

पुनर्वसु तीसरे चरण में सूर्य-बुध

पुनर्वसु चतुर्थ चरण में सूर्य – चंद्र

पुनर्वसु नक्षत्र प्रत्येक पद पर सूर्य का असर 

पुनर्वसु नक्षत्र के (1) पहले पद में सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का पहला पद मंगल के अधिकार क्षेत्र को पाता है और मेष नवांश में पड़ता है. इस समय सूर्य का प्रभाव तेजी ओर बदलाव को दिखाने वाला होता है. सभी ओर व्यवस्था का चेंज दिखाई दे सकता है. इस समय पर मौसम के बदलाव अधिक होगा. प्रकृतिक बदलाव भी जल्दी से होते दिखाई देंगे. इस समय मंगल सूर्य का योग कुछ अग्नि तत्व की अधिकता लिए होता है. काम काज में तीव्रता होगी, धीमी गति से काम नहीम होगा. सामाजिक क्षेत्र में भी ये समय अचानक से स्थिति का बदलाव दिखाता है. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (2) दूसरे पद में सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का दूसरा पद शुक्र के अधिकार क्षेत्र को पाता है और वृष नवांश में पड़ता है. इस समय के दोरान स्थिति कुछ रचनात्मक एवं कला पक्ष वाली होगी. चीजों में नवीनता और सौंदर्य देखने को मिलेगा. संबंधों के मध्य कुछ अनबन हो सकती है लेकिन आकर्षण बना रह सकता है. इस समय व्यवहार में रोमांच भी झलक सकता है. कला और फैशन से जुड़े क्षेत्र इस समय अधिक प्रभावित होते हैं. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (3) तीसरे पद पर सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का तीसरा पद बुध के अधिकार क्षेत्र को पाता है और मिथुन नवांश में पड़ता है. इस समय के दौरान बौद्धिकता का अच्छा उपयोग दिखाई देता है. बेहतर रुप से काम करने की प्रेरणा भी विकसित होती है. धार्मिक गतिविधियों का समय होता है. आपसी संबंधों में प्रेम एवं सहयोग की भावना विकसित होती है. ये समय स्थिरता और प्रगति के लिए काफी उपयोगी बनता है. नए अनुसंधान कार्य भी इस समय के दौरान अच्छे होते हैं. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (4) चौथे पद पर सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का चौथा पाद कर्क नवांश में पड़ता है और चंद्रमा द्वारा प्रभावित होता है. इस समय की स्थितियां मिलेजुले फलों को दर्शाती है. भावनात्मक एवं बौद्धिकता का अच्छा संगम होता है. ये समय रिश्तों में मजबूती का होता है. नए रिश्तों से जुड़ाव इस समय पर हो सकता है. आस पास की चीजों के प्रति अधिक संवेदनशील दिखाई दे सकते हैं. 

सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र गोचर मेदिनी प्रभाव 

मेदिनी ज्योतिष के अनुसर सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र में आना भौगोलिक स्थिरता की ओर कुछ आगमन होता है. नई चीजें उभरती हैं. प्रकृति में कुछ समय के लिए स्थिरता भी दिखाई देती हैं. ये समय परिस्थितियों में संभले की स्थिति को दिखाता है. 

Posted in Nakshatra, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , | Leave a comment

वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर

वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर – 30 अक्टूबर 2022 

मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहस, ताकत और पराक्रमी बनाता है, जबकि कमजोर अवस्था में ग्रह व्यक्ति के आत्मविश्वास को कमजोर करता है. यह मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी है. इसका राशि बदलाव कई तरह से परिवर्तन से भरा होगा

वक्री मंगल का मिथुन राशि प्रवेश समय 

ऊर्जा, भाई, संपत्ति, शक्ति, साहस, पराक्रम और वीरता का कारक ग्रह मंगल व्रकी होगा और मिथुन राशि में इसका वक्री होने का समय 30 अक्टूबर 2022 को 18:54 पर होगा.  वक्री मंगल के इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर देखा जा सकता है. आइए जानें इस गोचर के आपकी राशि पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से :- 

मेष राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का गोचर आपके प्रयासों में वृद्धि को दिखाने वाला होगा. साहस और दृढ़ संकल्प को लेकर कठोरता से बचना होगा. तेजी से निर्णय लेना परेशानी दर्शा सकता है. इस समय आवश्यक होगा की धैर्य के सतह काम किया जा यात्राएं अधिक हो सकती हैं. लोगों के साथ मिलने वाले अनुबंध कुछ समय के लिए रुक सकते हैं लेकिन जल्द ही फिर से मिलने के संकेत बनेंगे. व्यवसायी कारोबार में कुछ समस्याओं का सामना करेंगे लेकिन जल्द ही संबंधित क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन होगा.  इस गोचर से आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए अधिक उत्सुक होंगे ओर सफलता के लिए मौके भी होंगे. कोई कार्य लंबित हो सकता है तनाव न लेना ही बेहतर होगा. माता-पिता की देखभाल करने की आवश्यकता है, क्योंकि उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है.

वृषभ राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल के दूसरे भाव में गोचर करने से आप धन खर्च में अधिक कर सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप आर्थिक रूप से स्थितियां परेशान कर सकती हैं. व्यवसायियों को विदेशों से लाभ मिलेगा.  इस समय के दौरान अपने शब्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और दूसरों की भावनाओं को आहत करने से बचें. सेइस समय गलत संगति से दूर रखना चाहते हैं तो स्वयं को कंट्रोल में रखें. संतान के बारे में सावधान रहने और उनके साथ अधिक समय बिताने की आवश्यकता है. जीवनसाथी की सेहत को लेकर ध्यान अधिक बना रह सकता है क्योंकि उनके स्वास्थ्य में गिरावट संभव है. व्यापार साझेदारी में शामिल होना अभी अधिक अनुकूल नहीं होगा कुछ इंतजार करना अधिक बेहतर होगा. 

मिथुन राशि पर वक्री मंगल का असर

वक्री मंगल लग्न भाव में गोचर करेगा, जिसका अर्थ है कि इस गोचर का मिथुन पर प्रभाव अधिक होगा. गोचर की शुरुआत से ही स्वभाव में बदलाव देख सकते हैं क्रोध अधिक बढ़ सकता है इसलिए  कुछ भी करने – कहने से पहले आपको सावधानी से सोचने की जरूरत है. वाहन चलाते समय सावधान रहें दूसरों की लापरवाही भी परेशानी दे सकती है, वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव की संभावना है, इसलिए इस दौरान किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करनी चाहिए. परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी. 

कर्क राशि पर वक्री मंगल का असर

वक्री मंगल का प्रभाव बारहवें भाव में होगा ऎसे में स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता होगी. शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं, फिट रहने और समस्याओं से दूर रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम या योग जैसी गतिविधियों में शामिल होना अनुकूल होगा. बाहरी क्षेत्र से मिलने वाले प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए स्थगित हो सकते हैं. जो छात्र विदेश में अध्ययन करना चाहते हैं, वे अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.  आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए बचत पर ध्यान दिया जाए. जीवनसाथी की देखभाल करने की आवश्यकता होगी. रक्त संबंधी बीमारियों और अनिद्रा से पीड़ित हो सकते हैं.

सिंह राशि पर वक्री मंगल का असर  

वक्री मंगल का प्रभाव ग्यारहवें भाव में होगा. ऊर्जा से भरपूर होंगे लेकिन जोखिम में काम करने से बचें. सोच में बदलाव होगा, किसी नए काम को शुरु करने की कोशिश हो सकती है. शत्रुओं को परास्त करने में सफल रहेंगे लेकिन अधिक उत्साह से बचना होगा अन्यथा काम हाथ से निकल भी सकता है. इस दौरान लाभ पाना आसान नहीं होने वाला है, लेकिन परिस्थितियों का बहादुरी से सामना करने से आने वाला समय सहक हो सकता है. प्रेम सम्बन्धी मामलों के लिए समय उतना अच्छा नहीं है. प्रेमी से झगड़ा होने की संभावना है. काम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपने वरिष्ठ लोगों की बातें सुनना लाभदक होगा. 

कन्या राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का गोचर दशम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. काम में बदलाव देखने को मिल सकता है. नए संपर्क बन सकते हैं काम की अधिकता हो सकती है. करियर में तेजी का समय भी होगा. काम पर आपके अधिकार क्षेत्र का विस्तार होगा.  जो बेरोजगार हैं और नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी.  इस दौरान अपने विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता है, साथ ही इस दौरान आपको अपने गुस्से पर भी काबू रखना चाहिए, घर पर कुछ निर्माण से जुड़े काम भी इस समय पर हो सकते हैं. व्यर्थ के मतभेदों से बचना ही शांति का काम करेगा. 

तुला राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का नवम भाव में गोचर होने से वृथा की भागदौड़ अधिक रह सकती है. आय में वृद्धि की संभावनाएँ होंगी लेकिन उनका मिल पाना कठिन इस दौरान काम से संबंधित यात्रा भी अधिक रहने वाली है. पिता के साथ किसी बात को लेकर विवाद होने की भी संभावना है. जल्द ही स्थिति में शांति उत्पन्न होगी और सब कुछ ठीक हो जाएगा. सामाजिक दृष्टि से देखें तो यह गोचर आपके लिए काम की अधिक को दिखाने वाला होगा. लोगों के सामने अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त न कर पाएं ऎसे में चीजें कुछ परेशानी भी दे सकती हैं. ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है. 

वृश्चिक राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का असर अष्टम घर पर होगा, इसके कारण अपना ध्यान रखने की आवश्यकता अधिक होगी. इस दौरान कुछ रीरिक कष्ट हो सकते हैं. भोजन में बाहरी खान पान को कम शामिल करें और संतुलित आहार से इनमें से कई समस्याएं खत्म होंगी. इस दौरान एक तरफ अप्रत्याशित लाभ होने के योग हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाई-बहनों के साथ मनमुटाव की भी संभावना बनी हुई है.  जीवनसाथी के साथ झगड़ा कर सकते हैं, इसलिए क्रोध से बचें और शांति के साथ चीजों को निपटाएं. इस समय किसी प्रकार की उधारी या कर्ज चुकाने में सफलता प्राप्त हो सकती है. 

धनु राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का असर सातवें घर पर होने से संबंधों के लिए चुनौतिपूर्ण समय हो सकता है.  रिश्तों में विवाह या साझेदारी जैसे कार्यों को लेकर सजगता बनाए रखें. जीवनसाथी के स्वभाव में थोड़ी आक्रामकता देख सकते हैं जिससे मनमुटाव उत्पन्न हो सकता है. साथी के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता रह सकती है.  काम पर पदोन्नति की उम्मीद रहेगी पर इंतजार कुछ अधिक लम्बा खिंच सकता यह गोचर आर्थिक पक्ष में उतार-चढ़ाव वाला रह सकता धन का अत्यधिक खर्च घरेलू जीवन एवं अपने ऊपर अधिक हो सकता है. मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए काम से कुछ दिन की छुट्टी लेकर कुछ आत्मचिंतन करना अच्छा होगा, सैर पर निकल जाएं यात्रा करें ऎसा करने से दिक्कतों से कुछ राहत मिल सकती है. 

मकर राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल के छठे भाव में गोचर करने से कई कानूनी मामलों में रुकावट होने की संभावना है. इस दौरान आपको कोई भी गैरकानूनी काम करने से बचना चाहिए, शार्टकट के चक्कर में परेशानी होगी. गुस्से पर नियंत्रण रखने और उन सभी स्थितियों से दूर रहने की आवश्यकता है जहां विवाद हो सकता है. ख़र्चे बढ़ सकते हैं और काम के सिलसिले में यात्रा भी करनी पड़ सकती है. अपने काम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी.  स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और छात्र जातकों के लिए प्रतियोगिताओं का स्तर काफी कठिन दिखाई देता है. 

कुंभ राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का प्रभाव इस समय पांचवें भाव पर होगा. शिक्षा को लेकर एकाग्रता की कुछ कमी रह सकती है. अपने परिणाम में बेहतर प्रदर्शन के लिए अधिक परिश्रम करना होगा. खेलकूद या अन्य गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिल सकता है. छोटी-छोटी बातों पर प्रेमी के साथ कुछ अनबन भी हो सकती है. इस अवधि में किसी नए संगठन में शामिल होने की योजना बना सकते हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि इस दौरान सेहत कमजोर रहने की संभावना है. सामाजिक रूप से अधिक मेलजोल होगा और किसी नए व्यक्ति से जुड़ सकते हैं.

मीन राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का चौथे भाव में गोचर सुख में बदलाव को दिखाता है. माता की सेहत या स्वास्थ्य में बदलाव देखने को मिल सकता है. घर पर ट्रैवलिंग इत्यादि से जुड़े प्लान बना सकते नई संपत्ति या वाहन भी खरीदने के लिए कोशिशें तेज हो सकती हैं.  पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव की संभावना है. दांपत्य जीवन में सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि गलतफहमियां जीवन में समस्याएँ खड़ी कर सकती हैं. परिवार के किसी बड़े से वैचारिक मतभेद होने की स्थिति में खुद को शांत करने का प्रयास करें क्योंकि झगड़ों से स्थिति और बिगड़ सकती है. 

Posted in Ascendant, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , , | Leave a comment

शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जानिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का वृश्चिक राशि में प्रवेश गोचर 26 नवंबर 2025 को 11:21 बजे होगा 

शुक्र ग्रह आनंद और सौंदर्य का ग्रह है. ज्योतिष में इसे उर्वरता और समृद्धि के रुप में भी देखा जाता है. यह पुरुष कुंडली में पत्नी का कारक बनता है. रिश्तों में प्रेम एवं सुख का आधार होता है. रचनात्मकता, कला, आभूषण और रत्न सभी इसी के अंतर्गत आते हैं. नृत्य, संगीत, मनोरंजन, भौतिक सुख, सुगंध, फैशन, रंगमंच जैसे कार्य भी इसी के अधिपत्य को प्राप्त करते हैं. एक शुभ शुक्र जीवन में अच्छे शुभ रिश्ते देता है और पीड़ित शुक्र व्यक्ति को ब्रह्मचर्य की ओर ले जा सकता है. 

मेष राशि के लिए शुक्र का गोचर

मेष राशि के लिए, शुक्र का गोचर आठवें भाव में होगा. इस समय पर जीवनसाथी के साथ कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. साथी के खराब स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता हो सकती हैं. रिश्ते की अंतरंगता को लेकर भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. साझेदारी के व्यवसाय में इस समय सावधान रहने की आवश्यकता होगी.

इस दौरान गुप्त विरोधी परेशानि दे सकते हैं. बातचीत में स्पष्ट रहें, क्योंकि दूसरे लोग इन बातों में काफी ध्यान देने वाले हैं. स्रोतों से अचानक लाभ मिल सकता है. अवैध रूप से कमाई के अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं. इस समय निष्पक्ष और ईमानदार बने रहने की जरुरत होगी. इस अवधि के दौरान पैतृक संपत्ति से लाभ की कुछ उम्मीद दिखाई देती है. स्त्री पक्ष को कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा. 

वृषभ राशि के लिए शुक्र का गोचर

वृषभ राशि के शुक्र का गोचर सप्तम भाव में होगा. इस समय के दौरान विवाह, साझेदारी पर इसका असर होगा. वैवाहिक सुख की प्राप्ति होगी, रिश्ते में प्यार और गर्मजोशी बढ़ेगी. जीवनसाथी के साथ कुछ घूमने और डेट पर बाहर जाने का अवसर मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में कुछ सफलता मिल सकती है. यात्राओं का समय भी होगा, कार्यक्षेत्र अथवा घरेलू स्तर पर कुछ ट्रैवलिंग लगी रह सकती है. जो सिंगल्स हैं उनके लिए शादी के रिश्ते भी आ सकते हैं.

जो लोग संयुक्त रुप से या साझेदारी में काम कर रहे हैं, उन्हें व्यवसाय में नए मौके मिल सकते हैं. मुकदमेबाजी में आगे बढ़ने का समय भी होगा. अपने ड्रेसिंग सेंस को लेकर और खुद के स्टाइल पर भी अधिक ध्यान दे सकते हैं. इस समय व्यक्तित्व में निखार आएगा और विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोग आपकी ओर आकर्षित हो सकते हैं. 

मिथुन राशि के लिए शुक्र का गोचर

मिथुन राशि के लिए शुक्र का गोचर छठे भाव में होगा. शत्रु, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और प्रतिस्पर्धा से संबंधित बातें अधिक प्रभावित करने वाली होंगी. जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिल सकती है. इस समय अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे. निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए परिश्रम का समय होगा. विशेष रूप से यात्रा, पर्यटन, मीडिया या मनोरंजन क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए स्थिति अनुकूल रह सकते हैं. कार्यक्षेत्र में अच्छे अवसर मिल सकते हैं.

वेतन वृद्धि और पदोन्नति के लिए भी कुछ अनुकूल समय रह सकता है. यात्रा करने और नए दोस्त बनाने के लिए भी समय अनुकूल है. साथी के साथ झगड़े और मतभेद उभर सकते हैं इसलिए अभी किसी भी तरह की बहस से बचें. शादीशुदा को भी रिश्ते में कुछ गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान बच्चे की हेल्थ को लेकर कुछ चिंता रहेगी ध्यान से कार्य करें तथा सावधानी बना कर रखें. 

कर्क राशि के लिए शुक्र का गोचर

कर्क राशि के लिए शुक्र का गोचर पंचम भाव में होगा. आर्थिक स्थिति की दृष्टि से यह समय अनुकूल रह सकता है. नौकरी में लगे हुए लोगों के वेतन में कुछ वृद्धि होने की प्रबल संभावना भी दिखाई देती है. व्यापार से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं. फैशन, इंटीरियर इत्यादि से जुड़े काम में मुनाफा मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में एक तेजी का दौर भी देखने को मिल सकता है.

अपने अच्छे कामों के लिए पहचान प्राप्त होगी. कोई पुराना निवेश अच्छे लाभ दिला सकता है. छात्र इस समय कुछ रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. संतान पक्ष की ओर से स्थिति सामान्य रहेगी. दोस्तों के साथ मिलकर कहीं भ्रमण के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. 

सिंह राशि के लिए शुक्र का गोचर

सिंह राशि के जातकों के लिए, शुक्र का गोचर चौथे भाव में होगा. शुक्र के प्रभाव से कुछ घरेलू चीजों पर धन का व्यय हो सकता है. नई वस्तुओं की प्राप्ति होगी. घर में परिवार के लोगों के साथ मिलकर कई तरह के प्लान भी बना सकते हैं. घर के लोगों के लिए कुछ करने का अधिक मन रहेगा. इस अवधि के दौरान कोई वाहन, संपत्ति या वस्त्र आभूषण को खरीद सकते हैं. 

माता जी के साथ संबंध अच्छे रह सकते हैं उनका प्यार और देखभाल प्राप्त हो सकती है. पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हैं, तो समय अनुकूल रह सकता है. लोगों के साथ तालमेल अच्छा रह सकता है. कला, फैशन और इंटीरियर डिजाइनिंग के छात्रों के लिए एक अच्छे परिणाम पाने का समय होगा. इस समय रचनात्मक विचारों से भरे रह सकते हैं. छात्रा नवीन योजनाएं बनाने और अच्छे अंक लाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं तथा किसी की सहायता द्वारा काम में आगे बढ़ पाएंगे. 

कन्या राशि  के लिए शुक्र का गोचर

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान आपकी वाणी में तेजी और संचार से संबंधित कामों में आगे बढ़ने का समय होगा. व्यक्तित्व में निखार आएगा और लोगों पर इसकी बेहतर छाप दिखाई देगी. सामाजिक क्षेत्र में पहचान प्राप्त कर सकते हैं. कुछ नए लोगों के साथ मेलजोल होगा तथा नए मित्र प्राप्त हो सकते हैं. भ्रमण के लिए समय अनुकूल है.

छोटे भाई-बहनों के साथ आपका संबंध सामान्य रह सकता है. अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है. धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं. जो छात्र उच्च अध्ययन कर रहे हैं, उनके लिए अनुकूल समय रह सकता है. प्रेम संबंधों में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 

तुला राशि के लिए शुक्र का गोचर

तुला राशि के लिए शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा. इस दौरान आर्थिक स्थिति में कुछ राहत देखने को मिलेगी. विभिन्न स्रोतों से कमाई कर पाएंगे. इस समय व्यवहार में निष्पक्ष और मधुर रहना उचित होगा. पैतृक संपत्ति से भी लाभ हो सकता है. विद्वानों और शोधार्थियों के लिए समय अनुकूल रह सकता है. ध्ययन के क्षेत्र में छिपे रहस्यों की खोज कर सकते हैं. फैशन इंडस्ट्री या इवेंट ऑर्गनाइजेशन से जुड़े लोगों के लिए समय बेहतर रह सकता है.

कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए खानपान में लापरवाही से बचना चाहिए. जो लोग परिवार से दूर रह रहे हैं, उन्हें घर जाने और परिवार के सदस्यों के साथ बेहतर समय बिताने का अवसर मिल सकता है. इस समय जोखिम भरे निवेश जैसे सट्टा, शेयर मार्किट इत्यादि में निवेश न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अचानक से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र का गोचर

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र का गोचर लग्न भाव में होगा. व्यय अधिक रह सकता है. खुद को लेकर चीजों की खरिदारी कर सकते हैं. विपरीत लिंग के बीच आकर्षक और लोकप्रिय रहने का अवसर भी प्राप्त होगा. आशावादी रह कर काम कर सकते हैं. इस समय के दौरान कलात्मक चीजों की ओर आकर्षण बना रह सकता है.

शादीशुदा लोगों के रिश्ते में गर्मजोशी और प्यार बना रह सकता है. जीवनसाथी के साथ समय बिताने और यात्रा की योजनाएं भी बना सकते हैं. अपने रिश्तों में प्रेम एवं नए संबंधों का आकर्षण इस समय बना रह सकता है. जो लोग कला या डिजाइनिंग में हैं, उनके लिए समय अनुकूल रह सकता है. अपने परिधान घरेलू वस्तुओं एवं गृह सज्जा से संबंधित कार्यों में भी व्यस्तता रह सकती है. 

धनु राशि के लिए शुक्र का गोचर

धनु राशि के जातकों के लिए, शुक्र का गोचर द्वादश भाव में होगा. इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य एवं सेवाओं पर धन खर्च हो सकता है. लाभ और सफलता के लिए भागदौड़ अधिक रह सकती है. यह ग्रह स्थिति मिले-जुले परिणाम देने वाली रह सकती है. इस समय धन की बचत कर पाना आसान नहीं होगा. सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और चतुराई से काम लेना होगा.  विदेश यात्रा करने का अवसर मिल सकता है, कार्यक्षेत्र में वृद्धि का भी समय होगा. खर्च की स्थिति बचत से अधिक रहने वाली है.

मकर राशि के लिए शुक्र का गोचर

मकर राशि राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर ग्यारहवें भाव में होगा. यह समय अनुकूल माना जा सकता है. नौकरी या व्यवसाय में किए गए प्रयासों से धन लाभ मिल सकता है. एक शुभ ग्रह है और इस समय मनोरंजन, रोमांस से संबंधित असर दे सकता है. करियर के क्षेत्र में कुछ सकारात्मक समय होगा.  मित्रों की संख्या बढ़ सकती है तथा सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है.

भौतिकवादी इच्छाओं पर भी खर्च कर सकते हैं. वरिष्ठ लोग प्रयासों को पहचान पाएंगे और वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं. फैशन, डिजाइनिंग, मनोरंजन और मीडिया उद्योग में काम कर रहे हैं तो सफलता मिल सकती है. सामाजिक दायरा विस्तार पाएगा. प्रेम संबंधों की ओर भी इस समय रुझान अधिक लगा रह सकता है. 

कुंभ राशि के लिए शुक्र का गोचर

कुंभ राशि के लिए शुक्र ग्रह का गोचर दशम भाव में होगा. सुख, विलासिता और परिवार के साथ साथ कार्यक्षेत्र में भी चीजों पर अधिक व्यस्तता रह सकता है. कर्म के क्षेत्र में विस्तार होगा. अपने प्रयासों द्वारा गतिशील रह सकते हैं.  करियर में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. सरकारी संगठन या प्रशासन में आधिकारिक लोगों के द्वारा सहायता मिल सकती है.

उपलब्धियों को प्राप्त कर पाने में सफलता मिल सकती है. भाग्य पक्ष में रह सकता है. माता-पिता से मदद मिल सकती है. प्रॉपर्टी में निवेश करने का अच्छा समय हो सकता है. घर परिवार एवं वस्तुओं की खरीद इत्यादि में   निवेश कर सकते हैं. 

मीन राशि के लिए शुक्र का गोचर

मीन राशि के लिए शुक्र का गोचर नवम भाव में होगा. इस गोचर अवधि के दौरान भाग्य में अनिश्चितता बनी रह सकती है. मिले-जुले परिणाम देखने को मिल सकते हैं. जीवन के प्रति सामान्य रवैया रह सकता है. जीवन के कुछ छोटे-छोटे पल का आनंद उठा सकते हैं. कार्यक्षेत्र में समझदारी से काम कर सकते हैं. सफलता प्राप्त करने में इच्छा शक्ति का सहयोग अधिक होगा.

भाग्य का सहयोग पूर्ण रुप से नहीं मिल पाएं. परिवार के वरिष्ठों का दिल जीतने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे. इस समय गुप्त ज्ञान की ओर रुझान भी रह सकता है. प्रेम संबंध में सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि व्यर्थ की बातों पर बहस अधिक रह सकती है. संचार कौशल के द्वारा अच्छे लाभ मिल सकते हैं. 

Posted in Ascendant, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , , , | Leave a comment

शुक्र का अस्त होना कैसे डालता है अपना असर , और क्यों रुक जाते हैं शुभ कार्य

सूर्य की शक्तिशाली ऊर्जा किसी भी ग्रह को जला सकती है और ग्रह की शक्ति को भड़का भी सकती है, जिसके सूर्य निकट होता है. शुक्र का अस्त  होना अशांत प्रेम जीवन का प्रतीक बन सकता है. अधिकांश मामलों में प्यार का बलिदान करियर या अन्य व्यक्तिगत लक्ष्यों, आदर्शों के कारण होता है. भले ही यह स्थिति रिश्तों के मामले में दर्दनाक हो सकती है. इसमें तलाक या अलगाव की प्रबल संभावना का कारण बनती है. सूर्य का अंतिम उद्देश्य किसी भी ग्रह के प्रभाव को आध्यात्मिक बनाना और शुद्ध करना होता है. ऎसे में शुक्र जो काम यौन प्रेम का प्रतिक है वह अगर सूर्य के इस असर से प्रभावित होगा तब विरोधाभास अवश्य उत्पन्न होंगे. 

शुक्र ग्रह का पौराणिक खगोलिय रहस्य 

शुक्र को एक ब्राह्मण, शुक्राचार्य के रूप में वर्णित किया गया है, जो विद्वान है. शुक्राचार्य ऋषि भृगु और उनकी पत्नी पुलोमा के पुत्र हैं. भगवान शिव ने उन्हें संजीवनी विद्या का ज्ञान दिया जिसके द्वारा वह मृतकों को जीवित कर सकते हैं. शिव ने शुक्र को सर्वश्रेष्ठ ग्रहों के रूप में भी आशीर्वाद दिया और यह कि शुक्र का आकाश में उदय होना अनुष्ठानों की शुभ शुरुआत होने से संबंधित हुआ. शुक्र के आकाश में उदय होने पर विवाह का समय आरंभ होने का होता है. 

खगोल शास्त्र में शुक्र सबसे चमकीला तारा है और नग्न आंखों को दिखाई देता है. यह सूर्य और चंद्रमा के बाद आकाश में सबसे चमकीला पिंड है. यह सूर्य से दूसरा ग्रह है और जब इसे पृथ्वी से देखा जाता है, तो यह हमेशा सूर्य के आसपास होता है. पृथ्वी से देखने पर शुक्र हमेशा सूर्य से 48 डिग्री के भीतर होता है.

शुक्र जीवन में अधिकांश सुखद चीजों का कारक है, खासकर भौतिक चीजों का. यह प्रेम, रोमांस, सौंदर्य, विवाह, सेक्स, वीर्य, ​​यौवन, ललित कला, रंगमंच, संगीत, इत्र, विलासिता, शानदार वाहन और सुंदर कपड़ों का प्रतीक है. शुक्र वृष और तुला राशि का स्वामी है जो कालपुरुष कुंडली के दूसरे और सातवें घर हैं. शुक्र की मूलत्रिकोण राशि तुला है. शुक्र उन तरीकों को नियंत्रित करता है जिसमें हम रिश्तों में बातचीत करते हैं और साथ ही जिस तरह से हम खुद को व्यक्त करते हैं. शुक्र इच्छा का प्रमुख कारक है. साझेदारी, जीवनसाथी, भागीदारों के रूप में कैसे व्यवहार करते हैं. क्या हमें आकर्षित करता है, इस संबंध में यह शुक्र यौन इच्छाओं, रोमांटिक जोड़ी में हमारी इच्छाओं और हमारे व्यवहारों का वर्णन करता है. यह प्रभावित करता है कि आप कैसे प्यार में पड़ते हैं और जब आप करते हैं तो आप कैसे व्यवहार करते हैं. शुक्र बेडरूम और यौन गतिविधियों को नियंत्रित करता है.

शुक्र ग्रह के अस्त होने का समय 

इस युति के बाद अस्त शुक्र का परिवर्तन होता है. वह इवनिंग स्टार से मॉर्निंग स्टार या दूसरी तरफ जाती है. सूर्य/शुक्र की युति हर 18 महीने में दो बार होती है. जन्म कुंडली में या व्यक्तिगत गोचर में इसे देख सकते हैं. पारंपरिक रूप से यह माना जाता है कि अस्त के दौरान सूर्य की अत्यधिक शक्ति शुक्र को जला कर और नष्ट कर देती है. वह अदृश्य सा लगता है, इस खूबसूरती को न तो देखा जाता है और न ही सराहा जाता है. प्रेम जीवन अशांत हो सकता है तलाक की अधिक संभावना रहती है. पैसे, सुरक्षा या सत्ता के लिए प्यार का त्याग करना पड़ सकता है.

आधुनिक ज्योतिषी इस योग को एक आदर्श भी मानते हैं जो सुंदर, आकर्षक, दयालु, रचनात्मक, सामंजस्यपूर्ण, लोकप्रिय और समृद्ध बनाता है. 

जब शुक्र अस्त हो रहा हो सूर्य के 10 डिग्री के भीतर तो वह रूपांतरित हो जाता है. यदि शुक्र वक्री है, तो वह भोर का तारा बनता है. अगर वह मार्गी है, तो वह इवनिंग स्टार बनता है. मॉर्निंग स्टार को सूर्योदय से निकटता को देखते हुए, प्रकाश, अग्नि, जीवन शक्ति, शक्ति, पीछा और युद्ध के साथ इसका जुड़ाव देखा जाता है. इवनिंग स्टार के रूप में, शुक्र एक वनस्पति देवी है, जो कृषि से संबंधित माना जाता है जो उपजाऊ और पोषण का प्रतीक बनता है. 

ज्योतिष शास्त्र में सभी भौतिक और सांसारिक सुखों का कारक शुक्र को माना जाता है. शुक्र अस्त होने पर कुछ विशेष कामों को रोक भी दिया जाता है. यह मुख्य रुप से सभी शुभ कार्यों और विवाह जैसे कार्यों पर विराम लगाने का समय होगा. जब भी कोई ग्रह  परिभ्रमण के दौरान सूर्य के इतने करीब जाता है, तो सूर्य के प्रकाश और उसकी चमक के कारण उस ग्रह का प्रकाश कमजोर पड़ने लगता है. इसके प्रभाव से चमक गायब हो जाती है. इस दौरान ग्रह सूर्य से एक विशेष अंश की दूरी पर होता है, जिसके कारण सूर्य की ऊर्जा उस ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर देती है, इस घटना को ज्योतिष में ग्रह के अस्त होने के रूप में जाना जाता है. कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक विशेष दूरी पर होता है, जिसके कारण सूर्य की ऊर्जा उस ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर सकती है तो ये स्थिति अस्त बन जाती है. 

अब यदि हम शुक्र ग्रह की बात करें, जिसे भोर का तारा कहा जाता है, तो जब भी यह परिक्रमा करते हुए सूर्य के निकट आता है, तो कुछ विशेष परिस्थिति होती हैं, जब सूर्य की ऊर्जा के सामने शुक्र की ऊर्जा कमजोर हो जाती है, जिसके कारण जिसमें शुक्र दिखाई नहीं देता है और इस स्थिति को शुक्र दहन के रूप में जाना जाता है. जब भी कोई ग्रह अस्त होता है तो उस ग्रह की अपने कारक के अनुसार फल देने की क्षमता कम हो जाती है. शुक्र भी इस स्थिति में अपवाद नहीं होता है. वह भी जब अस्त होता है तो उसके कारक तत्व समाप्त होते दिखाइ देते हैं. 

शुक्र के अस्त होने का फल  

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सभी सुखों का कारक माना गया है. कुंडली में शुक्र ग्रह के अस्त होनी की स्थिति होने पर व्यक्ति को जीवन भर विवाह से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

शुक्र अस्त के इस चरण के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश पूजा, आदि करना सख्त वर्जित होता है, क्योंकि शुक्र इनका कारक होता है इसलिए अस्त होने पर इन कारक फलों की शुभता भी कमजोर हो जाती है, जिसके फलस्वरुप इस समय इन कामों को करने से रोक देने का नियम बना हुआ है. 

कुण्डली में शुक्र ग्रह अस्त अवस्था में होना, यौन रोगों, गर्भाशय रोग अथवा स्त्री रोग से संबंधित समस्या हो सकती है, क्योंकि शुक्र जननांग या यौन संबंधों का कारक होता है. 

शुक्र के अस्त होने के कारण रिश्तों में एक से अधिक साथी की भागीदारी हो सकती है, अनैतिक संबंधों में भी व्यक्ति अधिक लिप्त हो सकता है. 

इसके अलावा, इन लोगों को गुर्दे, आंख, मूत्राशय और त्वचा से संबंधित शारीरिक समस्याएं होना भी परेशानी का कारण होता है.

विवाहित रिश्तों में जीवन साथी के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है.

यदि किसी जातक की कुण्डली के आठवें भाव में शुक्र का गोचर होता है तो जातक को वैवाहिक जीवन में विवाह संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

Posted in Ascendant, Basic Astrology | Tagged , , , , | Leave a comment

धनु राशि में सूर्य का गोचर : जानें सभी राशियों के लिए होगा खास

धनु राशि में सूर्य का गोचर : जानें सभी राशियों के लिए होगा खास

सूर्य को आत्मा एवं ऊर्जा माना जाता है, वैदिक ज्योतिष में यह इन्हीं तत्वों का कारक बनकर जीवन के विकास में सहायक बनता है. कुण्डली में यह राष्ट्र राजा और पिता का स्वाभाविक कारक होता है. इस ग्रह की शक्ति व्यक्ति की समाज में स्थिति को निर्धारित करती है. मजबूत होने पर यह अधिकार, आदेश और प्रतिष्ठा देने में सहायक होता है. 

सूर्य का धनु राशि में गोचर

सूर्य को एक राशि में गोचर काल पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लगता है. इस गोचर  अवधि के दौरान, यह वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि की ओर जाएगा, जिस पर बृहस्पति का स्वामित्व है. अब इस दौरान छिपे और मौन कार्यों की पहचान होगी. इस परिवर्तन के दौरान अतीत के प्रयासों का परिणाम भी प्राप्त होगा. सूर्य ग्रह 15 दिसंबर 2024 रात्रि 21:10 के करीब धनु  राशि में प्रवेश करेगा. यह सुर्य के लिए मित्र राशि भी होगी. आइए जानें धनु राशि में सूर्य के गोचर का सभी बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है :- 

मेष राशि

मेष राशि के लिए सूर्य का गोचर नवम भाव में होगा. यह समय शुभ माना जा सकता है, भाग्य पक्ष में रहेगा. धन संचय करने में सक्षम होंगे, अपने सामाजिक दायरे में सम्मान हासिल कर पाएंगे. वरिष्ठ अधिकारी, बॉस और प्रबंधन से जुड़े लोग प्रयासों को पहचानेंगे और पदोन्नति भी मिल सकती है. अच्छा संचार कौशल होगा, दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे. स्वयं को सामाजिक कार्यों में  व्यस्त रख सकते हैं. लोगों के लिए मदद करने का प्रयास कर सकते हैं. धार्मिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे और इस समय किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का विचार भी किया जा सकता है. पारिवारिक समय अनुकूल रहेगा, संतान से सुख की प्राप्ति होगी. भाई-बहनों और पिता के साथ संबंध सुधार को पाएंगे रहेंगे.

वृषभ राशि 

इस समय वृष राशि के लिए सूर्य अष्टम भाव में गोचर करेगा. इस समय आस पास के लोगों के अलावा स्वयं की देखभाल करने की आवश्यकता है, क्योंकि इस समय कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अपने व्यवहार में निष्पक्ष और न्यायपूर्ण रह सकते हैं लेकिन सामने वाला ऎसा नही हो. इस समय किसी भी प्रकार की भ्रामक बातों से बचना होगा. साथ ही, आप जिम्मेदारियां दूसरों को सौंपने से भी बचना चाहिए. कारोबारियों के पास अपने काम को आगे विस्तार देने कि इच्छा होगी लेकिन खर्च अभी अधिक बने रह सकते हैं. इस दौरान अपनी जीवनशैली में योग, मेडितेशन जैसी बातें शामिल करना चाह सकते हैं. अनावश्यक रूप से चिंतित हो सकते हैं और तनाव बढ़ सकता है. कोर्ट-कचहरी के मामलों में काफी पैसा खर्च हो सकता है. अपनी वाणी में नम्रता बना कर रखें जिद से काम खराब हो सकते हैं. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए इस समय सूर्य का गोचर सप्तम भाव में रहेगा. इस गोचर काल में ऊर्जा से भरे रहने वाले हैं. कभी-कभी क्रोधी भी हो सकते हैं लिए स्वयं को नियंत्रित बना कर रखें. अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित कर पाएंगे. दांपत्य जीवन के मामले में समय अनुकूल रह सकता है. प्रेम एवं विवाह संबंधों में कुछ व्यवहार का बदलाव परेशानी दे सकता है, अहंकार अधिक रहेगा जिससे बचने की जरूरत है. इस समय अपने भाइयों और बहनों का पूरा सहयोग मिल पाएगा. विदेश मामलों से जुड़े लोगों को सफलता मिल सकती है. नौकरीपेशा की अपने काम पर अच्छी पकड़ होगी और उनका प्रभुत्व, कौशल उत्कृष्ट होगा, जिससे वे टीम का नेतृत्व कर पाएंगे.  प्रयासों से, धन लाभ करने में सक्षम होंगे. छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना सकते हैं, अगर विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं तो यह एक अच्छा समय हो सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य छठे भाव में गोचर करेगा, इस गोचर काल में बल, साहस और पराक्रम की प्राप्ति होगी. विरोधियों और शत्रुओं को परास्त करने में सफल होंगे. जो लोग मुकदमेबाजी में लगे हुए हैं, उनके लिए सकारात्मक समय रहेगा. अपने विरोधियों पर बढ़त हासिल हो पाएगी. जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनका पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन होगा. परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है. इस समय अच्छी कमाई करने में सक्षम होंगे, लेकिन साथ ही बहुत अधिक खर्च भी कर सकते हैं जो बैंक बैलेंस को प्रभावित कर सकता है. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए सूर्य का गोचर पंचम होगा. रिश्तों में अहंकारी न हों. इस दौरान आप थोड़े घमंडी हो सकते हैं, जो आपके प्रियजनों को पसंद नहीं आएगा. प्रेमी आपके रवैये से आहत हो सकते हैं. कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे मांसपेशियों में दर्द या पीठ दर्द से पीड़ित हो सकते हैं. इस समय अपना पैसा सट्टा या जुए में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि पैसा खो सकते हैं. स्वभाव से कुछ रूखे हो सकते हैं और इससे अपनों से दूरी बढ़ सकती है. सरकारी नौकरी में हैं या किसी वरिष्ठ पद पर हैं तो इस समय सफलता मिलेगी. अपने बच्चों की देखभाल करने की आवश्यकता है. छात्रों के लिए भी यह समय शुभ माना जा सकता है, एकाग्रता और सीखने की क्षमता उत्कृष्ट रहेगी. अपनी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और अपने प्रयासों के अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे.

कन्या राशि 

इस गोचर अवधि के दौरान, विदेश जाने या बाहर जाने की योजना बना सकते हैं. कार्यस्थल पर आपका पूरा ध्यान धन में वृद्धि पर रहेगा. अपनी मेहनत के द्वारा ही पहचान मिलेगी. जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें अपने दोस्तों और परिवार की मदद से नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं. इस समय आपके नए मित्र बनेंगे, जो प्रभावशाली स्थिति में होंगे. इस गोचर काल में माता जी का ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान मौसमी फ्लू या उच्च रक्तचाप की चपेट में भी आ सकते हैं. इस समय झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों की ओर रहेगा. इस समय भावनात्मक भी अधिक रह सकत हैं और आसानी से नाराज़ हो सकते हैं, इसलिए शांत रहें और धैर्य बना कर रखे. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान साहस से भरे रहेंगे और परिश्रम द्वारा सफलता पाएंगे. अपने शत्रुओं को परास्त करने में सफल रहेंगे. अपनी टीम से काम करवाने में सफल रहेंगे ओर एक अच्छे लीडर के रुप में उभर सकते हैं. इस समय किसी यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं. समाज में प्रसिद्धि मिलेगी, अपने कार्यक्षेत्र में स्थन परिवर्तन हो सकता है. इस समय वाहन पर काफी खर्च कर सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं लेकिन सुधार भी होगा. खेलकूद में लगे छात्र अपनी प्रतिभा से सभी को आकर्षित करेंगे राष्ट्रिय स्तर पर काम और नाम प्राप्ति का अवसर भी होगा. भाई बहनों का सहयोग काम आएगा. 

वृश्चिक राशि 

इस समय वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का गोचर दूसरे भाव में रहेगा. इस गोचर के दौरान स्वभाव में बदलाव अचानक से बना रहेगा. कभी-कभी भावुक भी हो सकते हैं तो कभी अधिक क्रोधी. आसानी से नाराज भी हो सकते हैं. शांति में कमी रहेगी और व्यस्तता अधिक रह सकती है. खुद को शांत करने के लिए ध्यान को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए. वाद-विवाद हो सकता है, लेकिन आपको इससे बचना होगा. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा क्योंकि इस समय वह बीमार हो सकती है. आप अपने परिवार में कुछ झगड़े और परेशानी का माहौल देखेंगे. सदस्यों के बीच तालमेल और समझ का अभाव रहेगा. कार्यस्थल पर यदि आप प्रबंधन में हैं, तो आप सफल होंगे. भाषण देने की कला में निपुणता हासिल होगी लोग आपकी बातों से बहुत अधिक प्रभावित रह सकते हैं. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए सूर्य का गोचर पहले भाव में होगा. इस गोचर काल में आप उत्साहित, जोखिम लेने में आगे, दयालु, परोपकारी और सच्चे रहेंगे.सेंस ऑफ ह्यूमर काफी अच्छा होगा. आकर्षक व्यक्तित्व से सभी को प्रभावित होंगे. ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और इस गोचर अवधि के दौरान एक चुंबकीय व्यक्तित्व प्राप्त होगा. अपने काम से अच्छी आय अर्जित करने में सफल होंगे, लेकिन गलत रास्ते से बचें. सरकारी नीतियों से लाभ होगा और संपत्ति से भी लाभ हो सकता है. अपने कार्यस्थल पर अपने साहसिक और गतिशील संचार कौशल से सभी को प्रभावित करेंगे, और यदि टीम लीडर की भूमिका में काम कर रहे हैं तो सफल होंगे. मेहनत काबिले तारीफ होगी. जो लोग पारिवारिक व्यवसाय में हैं वे चमकेंगे और छाप छोड़ेंगे.

मकर राशि

मकर राशि के लिए सूर्य का गोचर बारहवें भाव में होगा. इस गोचर अवधि के दौरान सजग होकर काम करना होगा. समय बदलाव वाला होगा. कोई फैसले जल्दबाजी में लेने से बचना होगा. खर्च  आय से अधिक हो सकते हैं. स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है. इस समय अपना पैसा दान में देने का भी इरादा कर सकते हैं. धार्मिक गतिविधियों के प्रति रुझान बढ़ेगा और इस ओर काम भी कर सकते हैं. कोई जोखिम भरा निवेश अभी अच्छा नहीं होगा. शत्रु और विरोधी इस समय सक्रिय रह सकते हैं.  नींद न आना, आंखों की रोशनी और पेट से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं. पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. जो लोग विदेशी ग्राहकों के साथ व्यापार कर रहे हैं, उनके लिए अनुकूल अवधि होगी, क्योंकि अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए सूर्य का गोचर लाभ के भाव में होगा. लोगों का मार्गदर्शन करनेऔर संघर्ष करते हुए ऊंचाइयों पर जाएंगे. बहादुर और साहस से भरपूर होंगे. इस समय समाज में मान सम्मान और प्रसिद्धि प्राप्त होगी. आकर्षक व्यक्तित्व वाले होंगे. प्रभावशाली और आधिकारिक लोगों के साथ अच्छे संपर्क बना सकते हैं. सरकारी नीतियों और आधिकारिक लोगों से सकारात्मक रुख मिल सकता है. यदि जीवन साथी कोई काम करता है तो उसे उपलब्धि, पदोन्नति या वेतन वृद्धि मिल सकती है. दोस्तों के साथ समय बीतेगा कुछ मस्ती से भरपूर काम भी कर पाएंगे. 

मीन राशि 

मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर कार्य क्षेत्र से जुड़े फलों को दर्शाने वाला होगा. इस दौरान आधिकारिक रिश्ते अच्छे से बनेंगे. नौकरी या व्यवसाय से जुड़े कामों में अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. सभी प्रयासों को समय पर पूरा करने के लिए कोशिशें जारी रखेंगे. कुछ मामलों में अधीनस्थों से आलोचना और बैकबिटिंग का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये बातें जल्द ही ठंडी भी पड़ जाएंगे इनका कोई असर नहीं पड़ेगा. सपनों को पूरा करने के लिए ताकत और साहस प्राप्त होगा. कार्यों को पूरा करने की दिशा में आक्रामक तरीके से काम करने वाले होंगे. राजनीति में बैठे कुछ लोगों से संपर्क बनेंगे, समाज में छवि अच्छी होगी. 

Posted in Ascendant, Basic Astrology, Planets, Rashi, Signs, Transit, Vedic Astrology | Tagged , , , | Leave a comment