बुध का मकर राशि में गोचर

बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को होगा. बुध इस समय धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 11 फरवरी 2025 के मध्य तक यहीं रहेंगे. 

बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को शुक्रवार के दिन होगा. बुध का मकर राशि गोचर समय शाम 05:45 के करीब होगा.

बुध एक युवा और ऊर्जावान ग्रह है, जो संचार पर अधिकार रखता है. बुद्धि के कारक ग्रह के रूप में जाना जाता है. इसलिए जातक की कुंडली में मजबूत बुध जातक को मजबूत दिमागी शक्ति प्रदान करता है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति को अच्छा संचार कौशल प्रदान करता है. बुध एक शुभ ग्रह है, शुभ ग्रहों के प्रभाव में होने पर अनुकूल परिणाम प्रदान करता है और अशुभ ग्रह के साथ या दृष्टि में होने पर नकारात्मक परिणाम देगा. बुध का स्वतंत्र प्रभाव जातक को शरारती और मजाकिया बनाता है. यह नटखट और चुलबुला भी बना देता है. व्यक्ति को अक्सर बाते करना पसंद आता है. बुध दो राशियों मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है.

सामान्यत: बुध जब किसी ग्रह के साथ होता है तो अलग असर दिखाता है. वक्री स्थिति में होता है तो उसका प्रभाव भी इस अर्थ में विपरीत हो जाता है . जानिए बुध के मकर राशि में होने का आपकी राशि पर क्या प्रभाव!

मेष राशि

मेष राशि के लिए बुध उनके करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें भाव में होगा. इसलिए इस अवधि के दौरान अपने करियर में पुरानी युक्तियों के बारे में सोचें और उन पर ध्यान दे सकते हैं. यदि आपको अधिक कार्य मिल रहे हैं, तो आपको उस पर भी विचार करना चाहिए और अपने अनुभव और कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए. इस चरण के दौरान, किसी भी व्यक्तिगत गलतफहमी को हल करने का प्रयास करें और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी न कहें क्योंकि यह आपके लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है. पिता या उच्च अधिकारियों के साथ संबंधों में सुधार होगा. 

वृषभ राशि

वृष राशि के लिए बुध का गोचर यात्राओं और भाग्य के नवम भाव में होगा. संभावना है कि इस समय रुझान अध्यात्म की ओर अधिक हो सकता है, और अपने भीतर ही उत्तर मिल जाएंगे. किसी भी विदेशी स्रोत से आपको पहले मिले अवसरों पर अब पुनर्विचार करना चाहिए. आर्थिक लाभ की प्राप्ति का समय बनेगा. जो लोग विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे थे, उन्हें नई संस्कृतियों के साथ मेल जोल का अवस्र मिल सकेगा. किसी भी संघर्ष से बचने के लिए व्यर्थ के विवाद से बचें. भाग्य का सहयोग मिलेगा. इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी खर्च होने की संभावना है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए बुध अष्टम भाव में होगा, यह भाव गुप्त रहस्यों, अचानक हानि-लाभ और विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. इस दौरान शारीरिक सुख में वृद्धि होगी. इस चरण में विचारों की कमी के कारण आप दबाव महसूस कर सकते हैं या कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं. इस दौरान स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है. पूर्व में किसी रोग से पीड़ित हैं तो वह पुन: परेशानी दे सकता है. कागजी कार्रवाई में कुछ समस्या हो सकती है, और हस्ताक्षर करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ लेना उचित होगा. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए बुध का गोचर् विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में होगा और इसलिए आपको कार्यस्थल पर और अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस चरण के दौरान अपने रिश्ते में शामिल हो सकते हैं. संचार को मजबूती मिलेगी. बातचीत द्वारा समस्याओं और संघर्षों को सुलझाना उचित होगा. किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए भी यह अच्छा समय है. किसी भी प्रकार की नई साझेदारी में प्रवेश करने या नया व्यवसाय शुरू करने का समय होगा. 

सिंह राशि 

बुध छठे भाव में गोचरस्थ होगा, छठा भाव ऋण, मुकदमेबाजी और रोग का भाव होता है. यहां बुध परिवार के सदस्यों के बीच कुछ भ्रम और संचार की कमी पैदा कर सकता है, और इस अवधि के दौरान स्वभाव में कठोरता उत्पन्न हो सकती है. इसलिए, इस अवधि के दौरान शांत कर काम करना अधिक उचित होगा. धैर्य के साथ काम करना सफलता प्रदान करेगा. यदि किसी कानूनी मामले में फंस जाते हैं, तो परेशान नहीं हों स्थिति पक्ष में होगी.  स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको कुछ छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसके अलावा आप अपने स्वास्थ्य में सुधार देखेंगे.

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए बुध का गोचर पंचम भाव में होगा. इस गोचर के दौरान, रिश्ते में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, और रिश्ते भी बन सकते हैं. रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होंगे. चीजों को शांत रह कर करना अच्छा होगा. आपसी बंधन को जबूत करने पर ध्यान देना चाहिए. छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है. दोस्तों के साथ मौज मस्ती के अवसर भी मिलेंगे. इस समय छात्र राजनीति से दूर रहना अधिक अनुकूल होगा.

तुला राशि

तुला राशि के लिए बुध का गोचर चौथे भाव में होगा. इस अवधि के दौरान, घरेलू मामलों में व्यस्त रह सकते हैं. घर में कुछ निर्माण या नवीनीकरण का काम हो सकता है.  घरेलू सामानों की खरीदारी पर कुछ अनावश्यक खर्च का सामना करना पड़ सकता है. निजी जीवन में कुछ संघर्ष को महसूस कर सकते हैं. माता-पिता की स्वास्थ्य समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी. 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए बुध का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान बुध यात्रा और संचार को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है. इस दौरान यात्राअधिक करनी पड़ सकती है. अपने समान को संभाल कर रखने की आवश्यकता होगी. भाई बंधुओं के साथ कुछ लम्बी बातें हो सकती है. ये समय कार्यक्षेत्र में प्रसिद्धि के लिए बहुत अनुकूल रह सकता है. 

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध परिवार, धन और वाणी के दूसरे भाव में गोचर करेगा. साझेदारी से जुड़े काम में बुध व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है. इस अवधि के दौरान, अपने बजट का प्रबंधन करने की आवश्यकता होगी. पैसों का निवेश करने के लिए नए तरीके खोजने की कोशिश कर सकते हैं जो आपके लिए अनुकूल हो सकते हैं. खान पान को लेकर लापरवाही से बचें. आपसी रुप से ये समय काफी अनुकूल रह सकता है. 

मकर राशि

मकर राशि के लिए बुध लग्न भाव में हो गोचर करेगा. इस अवधि के दौरान जीवन में महत्वपूर्ण घटनाएं घट सकती हैं. इस चरण के दौरान पूरी तरह से खुद पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.  काम में कुछ देरी भी हो सकती है. निराशा और गुस्सा का भाव भी मन में आ सकता है, लेकिन शांत और धैर्य के साथ काम करना अधिक अच्छा होगा. कोई भी नई योजना शुरू करने से पहले पर्याप्त समय लेना बेहतर होगा. 

कुंभ राशि 

बुध का कुंभ राशि अर्थिक मामलों के लिए मिलेजुले फल दर्शाता है. इस समय पर अपने काम को लेकर सावधानी से आगे बढ़ने की अश्यकता होगी. द्वादश का संबंध गोचर में बनने के कारण जातक को अपने मनोकूल कामों को करने से देरी का असर परेशानी दे सकता है. इस समय स्वास्थ्य एवं क्रोध के मुद्दे अधिक परेशानी देंगे. बहुत अधिक विचारों में खुद को जाने से बचाएं. किसी के साथ मेल जोल आत्मिक शांति प्रदान करने वाला होगा. 

मीन राशि 

मीन राशि वालों के लिए ये समय नए अवसरों को देगा लेकिन अस्थायी रुप से ही अभी मौके मिल पाएंगे. पैतृक मामलों में अपनों का दखल अधिक होगा. सामाजिक रुप से लोगों के साथ नए रिश्तों की प्राप्ति होगी. कुछ नए काम में शामिल हो सकते हैं. स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना होगा. खान पान में बदलाव को लेकर अधिक सजग रहना होगा. 

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सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर फल

सूर्य का गोचर पुनर्वसु नक्षत्र में तब होता है जब सूर्य मिथुन राशि के अंतिम चरणों की ओर अग्रसर होता है. पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण मिथुन राशि में ही पड़ते हैं और इसका अम्तिम चरण कर्क राशि में होता है. ऎसे में सूर्य मिथुन ओर कर्क दोनों राशि के संपर्क करता है इस नक्षत्र में गोचर के दौरान.

पुनर्वसु नक्षत्र शुभ नक्षत्र में स्थान पाता है अत: सूर्य का यहां होना भी अनुकूल ही कहा जाता है. पुनर्वसु नक्षत्रों की संख्या में सातवें स्थान पर आता है. इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है और राशि स्वामी बुध और चंद्र है. इस नक्षत्र की देवी अदिति हैं जो देवों की माता भी हैं. 

सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर का समय 2025

सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में जुलाई माह के आरंभिक समय में करता है. इस समय सूर्य आर्द्रा से निकल कर पुनर्वसु में जाता है. सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश 6 जुलाई 2025 को 05:47 पर होगा. 

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र प्रवेश जीवन के आरंभ का संकेत  

पुनर्वसु नक्षत्र को राजसिक नक्षत्र के रुप में भी देख सकते हैं क्योंकि इसके देव एवं स्वामी भी राजसिक पात्रता को पाते हैं. इस नक्षत्र में आने से पहले सूर्य आर्द्रा में होता है जहां चीजें काफी बदलाव लिए होती हैं. इस समय पर होने वाले कठोर बदलाव अब समाप्त होकर धीमे पड़ने लगते हैं और साथ ही पुनर्वसु के आगमन से सूर्य पुन: नवजीवन को प्रकाशित करने लगता है. ये समय पुन: प्राप्ति और पुन: जागृत होने का समय भी होता है. 

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर में विभिन्न ग्रहों से योग 

सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में आते ही सूर्य इस नक्षत्र के प्रत्येक पद पर जाता है उसका उस नक्षत्र के चरण स्वामी के साथ भी संबंध बनता है. ग्रहों का प्रभाव ओर वेध भी इस गोचर में विशेष रुप से असर डालने वाला होता है. 

पुनर्वसु पहले चरण में सूर्य-मंगल, 

पुनर्वसु दूसरे चरण में सूर्य -शुक्र, 

पुनर्वसु तीसरे चरण में सूर्य-बुध

पुनर्वसु चतुर्थ चरण में सूर्य – चंद्र

पुनर्वसु नक्षत्र प्रत्येक पद पर सूर्य का असर 

पुनर्वसु नक्षत्र के (1) पहले पद में सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का पहला पद मंगल के अधिकार क्षेत्र को पाता है और मेष नवांश में पड़ता है. इस समय सूर्य का प्रभाव तेजी ओर बदलाव को दिखाने वाला होता है. सभी ओर व्यवस्था का चेंज दिखाई दे सकता है. इस समय पर मौसम के बदलाव अधिक होगा. प्रकृतिक बदलाव भी जल्दी से होते दिखाई देंगे. इस समय मंगल सूर्य का योग कुछ अग्नि तत्व की अधिकता लिए होता है. काम काज में तीव्रता होगी, धीमी गति से काम नहीम होगा. सामाजिक क्षेत्र में भी ये समय अचानक से स्थिति का बदलाव दिखाता है. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (2) दूसरे पद में सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का दूसरा पद शुक्र के अधिकार क्षेत्र को पाता है और वृष नवांश में पड़ता है. इस समय के दोरान स्थिति कुछ रचनात्मक एवं कला पक्ष वाली होगी. चीजों में नवीनता और सौंदर्य देखने को मिलेगा. संबंधों के मध्य कुछ अनबन हो सकती है लेकिन आकर्षण बना रह सकता है. इस समय व्यवहार में रोमांच भी झलक सकता है. कला और फैशन से जुड़े क्षेत्र इस समय अधिक प्रभावित होते हैं. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (3) तीसरे पद पर सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का तीसरा पद बुध के अधिकार क्षेत्र को पाता है और मिथुन नवांश में पड़ता है. इस समय के दौरान बौद्धिकता का अच्छा उपयोग दिखाई देता है. बेहतर रुप से काम करने की प्रेरणा भी विकसित होती है. धार्मिक गतिविधियों का समय होता है. आपसी संबंधों में प्रेम एवं सहयोग की भावना विकसित होती है. ये समय स्थिरता और प्रगति के लिए काफी उपयोगी बनता है. नए अनुसंधान कार्य भी इस समय के दौरान अच्छे होते हैं. 

पुनर्वसु नक्षत्र के (4) चौथे पद पर सूर्य का गोचर 

पुनर्वसु नक्षत्र का चौथा पाद कर्क नवांश में पड़ता है और चंद्रमा द्वारा प्रभावित होता है. इस समय की स्थितियां मिलेजुले फलों को दर्शाती है. भावनात्मक एवं बौद्धिकता का अच्छा संगम होता है. ये समय रिश्तों में मजबूती का होता है. नए रिश्तों से जुड़ाव इस समय पर हो सकता है. आस पास की चीजों के प्रति अधिक संवेदनशील दिखाई दे सकते हैं. 

सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र गोचर मेदिनी प्रभाव 

मेदिनी ज्योतिष के अनुसर सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र में आना भौगोलिक स्थिरता की ओर कुछ आगमन होता है. नई चीजें उभरती हैं. प्रकृति में कुछ समय के लिए स्थिरता भी दिखाई देती हैं. ये समय परिस्थितियों में संभले की स्थिति को दिखाता है. 

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वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर

वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर – 30 अक्टूबर 2022 

मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहस, ताकत और पराक्रमी बनाता है, जबकि कमजोर अवस्था में ग्रह व्यक्ति के आत्मविश्वास को कमजोर करता है. यह मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी है. इसका राशि बदलाव कई तरह से परिवर्तन से भरा होगा

वक्री मंगल का मिथुन राशि प्रवेश समय 

ऊर्जा, भाई, संपत्ति, शक्ति, साहस, पराक्रम और वीरता का कारक ग्रह मंगल व्रकी होगा और मिथुन राशि में इसका वक्री होने का समय 30 अक्टूबर 2022 को 18:54 पर होगा.  वक्री मंगल के इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर देखा जा सकता है. आइए जानें इस गोचर के आपकी राशि पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से :- 

मेष राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का गोचर आपके प्रयासों में वृद्धि को दिखाने वाला होगा. साहस और दृढ़ संकल्प को लेकर कठोरता से बचना होगा. तेजी से निर्णय लेना परेशानी दर्शा सकता है. इस समय आवश्यक होगा की धैर्य के सतह काम किया जा यात्राएं अधिक हो सकती हैं. लोगों के साथ मिलने वाले अनुबंध कुछ समय के लिए रुक सकते हैं लेकिन जल्द ही फिर से मिलने के संकेत बनेंगे. व्यवसायी कारोबार में कुछ समस्याओं का सामना करेंगे लेकिन जल्द ही संबंधित क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन होगा.  इस गोचर से आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए अधिक उत्सुक होंगे ओर सफलता के लिए मौके भी होंगे. कोई कार्य लंबित हो सकता है तनाव न लेना ही बेहतर होगा. माता-पिता की देखभाल करने की आवश्यकता है, क्योंकि उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है.

वृषभ राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल के दूसरे भाव में गोचर करने से आप धन खर्च में अधिक कर सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप आर्थिक रूप से स्थितियां परेशान कर सकती हैं. व्यवसायियों को विदेशों से लाभ मिलेगा.  इस समय के दौरान अपने शब्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और दूसरों की भावनाओं को आहत करने से बचें. सेइस समय गलत संगति से दूर रखना चाहते हैं तो स्वयं को कंट्रोल में रखें. संतान के बारे में सावधान रहने और उनके साथ अधिक समय बिताने की आवश्यकता है. जीवनसाथी की सेहत को लेकर ध्यान अधिक बना रह सकता है क्योंकि उनके स्वास्थ्य में गिरावट संभव है. व्यापार साझेदारी में शामिल होना अभी अधिक अनुकूल नहीं होगा कुछ इंतजार करना अधिक बेहतर होगा. 

मिथुन राशि पर वक्री मंगल का असर

वक्री मंगल लग्न भाव में गोचर करेगा, जिसका अर्थ है कि इस गोचर का मिथुन पर प्रभाव अधिक होगा. गोचर की शुरुआत से ही स्वभाव में बदलाव देख सकते हैं क्रोध अधिक बढ़ सकता है इसलिए  कुछ भी करने – कहने से पहले आपको सावधानी से सोचने की जरूरत है. वाहन चलाते समय सावधान रहें दूसरों की लापरवाही भी परेशानी दे सकती है, वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव की संभावना है, इसलिए इस दौरान किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करनी चाहिए. परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी. 

कर्क राशि पर वक्री मंगल का असर

वक्री मंगल का प्रभाव बारहवें भाव में होगा ऎसे में स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता होगी. शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं, फिट रहने और समस्याओं से दूर रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम या योग जैसी गतिविधियों में शामिल होना अनुकूल होगा. बाहरी क्षेत्र से मिलने वाले प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए स्थगित हो सकते हैं. जो छात्र विदेश में अध्ययन करना चाहते हैं, वे अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.  आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए बचत पर ध्यान दिया जाए. जीवनसाथी की देखभाल करने की आवश्यकता होगी. रक्त संबंधी बीमारियों और अनिद्रा से पीड़ित हो सकते हैं.

सिंह राशि पर वक्री मंगल का असर  

वक्री मंगल का प्रभाव ग्यारहवें भाव में होगा. ऊर्जा से भरपूर होंगे लेकिन जोखिम में काम करने से बचें. सोच में बदलाव होगा, किसी नए काम को शुरु करने की कोशिश हो सकती है. शत्रुओं को परास्त करने में सफल रहेंगे लेकिन अधिक उत्साह से बचना होगा अन्यथा काम हाथ से निकल भी सकता है. इस दौरान लाभ पाना आसान नहीं होने वाला है, लेकिन परिस्थितियों का बहादुरी से सामना करने से आने वाला समय सहक हो सकता है. प्रेम सम्बन्धी मामलों के लिए समय उतना अच्छा नहीं है. प्रेमी से झगड़ा होने की संभावना है. काम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपने वरिष्ठ लोगों की बातें सुनना लाभदक होगा. 

कन्या राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का गोचर दशम भाव को प्रभावित करने वाला होगा. काम में बदलाव देखने को मिल सकता है. नए संपर्क बन सकते हैं काम की अधिकता हो सकती है. करियर में तेजी का समय भी होगा. काम पर आपके अधिकार क्षेत्र का विस्तार होगा.  जो बेरोजगार हैं और नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी.  इस दौरान अपने विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता है, साथ ही इस दौरान आपको अपने गुस्से पर भी काबू रखना चाहिए, घर पर कुछ निर्माण से जुड़े काम भी इस समय पर हो सकते हैं. व्यर्थ के मतभेदों से बचना ही शांति का काम करेगा. 

तुला राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का नवम भाव में गोचर होने से वृथा की भागदौड़ अधिक रह सकती है. आय में वृद्धि की संभावनाएँ होंगी लेकिन उनका मिल पाना कठिन इस दौरान काम से संबंधित यात्रा भी अधिक रहने वाली है. पिता के साथ किसी बात को लेकर विवाद होने की भी संभावना है. जल्द ही स्थिति में शांति उत्पन्न होगी और सब कुछ ठीक हो जाएगा. सामाजिक दृष्टि से देखें तो यह गोचर आपके लिए काम की अधिक को दिखाने वाला होगा. लोगों के सामने अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त न कर पाएं ऎसे में चीजें कुछ परेशानी भी दे सकती हैं. ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है. 

वृश्चिक राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का असर अष्टम घर पर होगा, इसके कारण अपना ध्यान रखने की आवश्यकता अधिक होगी. इस दौरान कुछ रीरिक कष्ट हो सकते हैं. भोजन में बाहरी खान पान को कम शामिल करें और संतुलित आहार से इनमें से कई समस्याएं खत्म होंगी. इस दौरान एक तरफ अप्रत्याशित लाभ होने के योग हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाई-बहनों के साथ मनमुटाव की भी संभावना बनी हुई है.  जीवनसाथी के साथ झगड़ा कर सकते हैं, इसलिए क्रोध से बचें और शांति के साथ चीजों को निपटाएं. इस समय किसी प्रकार की उधारी या कर्ज चुकाने में सफलता प्राप्त हो सकती है. 

धनु राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का असर सातवें घर पर होने से संबंधों के लिए चुनौतिपूर्ण समय हो सकता है.  रिश्तों में विवाह या साझेदारी जैसे कार्यों को लेकर सजगता बनाए रखें. जीवनसाथी के स्वभाव में थोड़ी आक्रामकता देख सकते हैं जिससे मनमुटाव उत्पन्न हो सकता है. साथी के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता रह सकती है.  काम पर पदोन्नति की उम्मीद रहेगी पर इंतजार कुछ अधिक लम्बा खिंच सकता यह गोचर आर्थिक पक्ष में उतार-चढ़ाव वाला रह सकता धन का अत्यधिक खर्च घरेलू जीवन एवं अपने ऊपर अधिक हो सकता है. मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए काम से कुछ दिन की छुट्टी लेकर कुछ आत्मचिंतन करना अच्छा होगा, सैर पर निकल जाएं यात्रा करें ऎसा करने से दिक्कतों से कुछ राहत मिल सकती है. 

मकर राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल के छठे भाव में गोचर करने से कई कानूनी मामलों में रुकावट होने की संभावना है. इस दौरान आपको कोई भी गैरकानूनी काम करने से बचना चाहिए, शार्टकट के चक्कर में परेशानी होगी. गुस्से पर नियंत्रण रखने और उन सभी स्थितियों से दूर रहने की आवश्यकता है जहां विवाद हो सकता है. ख़र्चे बढ़ सकते हैं और काम के सिलसिले में यात्रा भी करनी पड़ सकती है. अपने काम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी.  स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और छात्र जातकों के लिए प्रतियोगिताओं का स्तर काफी कठिन दिखाई देता है. 

कुंभ राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का प्रभाव इस समय पांचवें भाव पर होगा. शिक्षा को लेकर एकाग्रता की कुछ कमी रह सकती है. अपने परिणाम में बेहतर प्रदर्शन के लिए अधिक परिश्रम करना होगा. खेलकूद या अन्य गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिल सकता है. छोटी-छोटी बातों पर प्रेमी के साथ कुछ अनबन भी हो सकती है. इस अवधि में किसी नए संगठन में शामिल होने की योजना बना सकते हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि इस दौरान सेहत कमजोर रहने की संभावना है. सामाजिक रूप से अधिक मेलजोल होगा और किसी नए व्यक्ति से जुड़ सकते हैं.

मीन राशि पर वक्री मंगल का असर 

वक्री मंगल का चौथे भाव में गोचर सुख में बदलाव को दिखाता है. माता की सेहत या स्वास्थ्य में बदलाव देखने को मिल सकता है. घर पर ट्रैवलिंग इत्यादि से जुड़े प्लान बना सकते नई संपत्ति या वाहन भी खरीदने के लिए कोशिशें तेज हो सकती हैं.  पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव की संभावना है. दांपत्य जीवन में सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि गलतफहमियां जीवन में समस्याएँ खड़ी कर सकती हैं. परिवार के किसी बड़े से वैचारिक मतभेद होने की स्थिति में खुद को शांत करने का प्रयास करें क्योंकि झगड़ों से स्थिति और बिगड़ सकती है. 

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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जानिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का वृश्चिक राशि में प्रवेश गोचर 13 अक्टूबर 2024 को 06:00 बजे होगा 

शुक्र ग्रह आनंद और सौंदर्य का ग्रह है. ज्योतिष में इसे उर्वरता और समृद्धि के रुप में भी देखा जाता है. यह पुरुष कुंडली में पत्नी का कारक बनता है. रिश्तों में प्रेम एवं सुख का आधार होता है. रचनात्मकता, कला, आभूषण और रत्न सभी इसी के अंतर्गत आते हैं. नृत्य, संगीत, मनोरंजन, भौतिक सुख, सुगंध, फैशन, रंगमंच जैसे कार्य भी इसी के अधिपत्य को प्राप्त करते हैं. एक शुभ शुक्र जीवन में अच्छे शुभ रिश्ते देता है और पीड़ित शुक्र व्यक्ति को ब्रह्मचर्य की ओर ले जा सकता है. 

मेष राशि के लिए शुक्र का गोचर

मेष राशि के लिए, शुक्र का गोचर आठवें भाव में होगा. इस समय पर जीवनसाथी के साथ कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. साथी के खराब स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता हो सकती हैं. रिश्ते की अंतरंगता को लेकर भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. साझेदारी के व्यवसाय में इस समय सावधान रहने की आवश्यकता होगी. इस दौरान गुप्त विरोधी परेशानि दे सकते हैं. बातचीत में स्पष्ट रहें, क्योंकि दूसरे लोग इन बातों में काफी ध्यान देने वाले हैं. स्रोतों से अचानक लाभ मिल सकता है. अवैध रूप से कमाई के अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं. इस समय निष्पक्ष और ईमानदार बने रहने की जरुरत होगी. इस अवधि के दौरान पैतृक संपत्ति से लाभ की कुछ उम्मीद दिखाई देती है. स्त्री पक्ष को कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा. 

वृषभ राशि के लिए शुक्र का गोचर

वृषभ राशि के शुक्र का गोचर सप्तम भाव में होगा. इस समय के दौरान विवाह, साझेदारी पर इसका असर होगा. वैवाहिक सुख की प्राप्ति होगी, रिश्ते में प्यार और गर्मजोशी बढ़ेगी. जीवनसाथी के साथ कुछ घूमने और डेट पर बाहर जाने का अवसर मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में कुछ सफलता मिल सकती है. यात्राओं का समय भी होगा, कार्यक्षेत्र अथवा घरेलू स्तर पर कुछ ट्रैवलिंग लगी रह सकती है. जो सिंगल्स हैं उनके लिए शादी के रिश्ते भी आ सकते हैं. जो लोग संयुक्त रुप से या साझेदारी में काम कर रहे हैं, उन्हें व्यवसाय में नए मौके मिल सकते हैं. मुकदमेबाजी में आगे बढ़ने का समय भी होगा. अपने ड्रेसिंग सेंस को लेकर और खुद के स्टाइल पर भी अधिक ध्यान दे सकते हैं. इस समय व्यक्तित्व में निखार आएगा और विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोग आपकी ओर आकर्षित हो सकते हैं. 

मिथुन राशि के लिए शुक्र का गोचर

मिथुन राशि के लिए शुक्र का गोचर छठे भाव में होगा. शत्रु, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और प्रतिस्पर्धा से संबंधित बातें अधिक प्रभावित करने वाली होंगी. जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिल सकती है. इस समय अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे. निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए परिश्रम का समय होगा. विशेष रूप से यात्रा, पर्यटन, मीडिया या मनोरंजन क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए स्थिति अनुकूल रह सकते हैं. कार्यक्षेत्र में अच्छे अवसर मिल सकते हैं. वेतन वृद्धि और पदोन्नति के लिए भी कुछ अनुकूल समय रह सकता है. यात्रा करने और नए दोस्त बनाने के लिए भी समय अनुकूल है. साथी के साथ झगड़े और मतभेद उभर सकते हैं इसलिए अभी किसी भी तरह की बहस से बचें. शादीशुदा को भी रिश्ते में कुछ गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान बच्चे की हेल्थ को लेकर कुछ चिंता रहेगी ध्यान से कार्य करें तथा सावधानी बना कर रखें. 

कर्क राशि के लिए शुक्र का गोचर

कर्क राशि के लिए शुक्र का गोचर पंचम भाव में होगा. आर्थिक स्थिति की दृष्टि से यह समय अनुकूल रह सकता है. नौकरी में लगे हुए लोगों के वेतन में कुछ वृद्धि होने की प्रबल संभावना भी दिखाई देती है. व्यापार से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं. फैशन, इंटीरियर इत्यादि से जुड़े काम में मुनाफा मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में एक तेजी का दौर भी देखने को मिल सकता है. अपने अच्छे कामों के लिए पहचान प्राप्त होगी. कोई पुराना निवेश अच्छे लाभ दिला सकता है. छात्र इस समय कुछ रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. संतान पक्ष की ओर से स्थिति सामान्य रहेगी. दोस्तों के साथ मिलकर कहीं भ्रमण के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. 

सिंह राशि के लिए शुक्र का गोचर

सिंह राशि के जातकों के लिए, शुक्र का गोचर चौथे भाव में होगा. शुक्र के प्रभाव से कुछ घरेलू चीजों पर धन का व्यय हो सकता है. नई वस्तुओं की प्राप्ति होगी. घर में परिवार के लोगों के साथ मिलकर कई तरह के प्लान भी बना सकते हैं. घर के लोगों के लिए कुछ करने का अधिक मन रहेगा. इस अवधि के दौरान कोई वाहन, संपत्ति या वस्त्र आभूषण को खरीद सकते हैं.  माता जी के साथ संबंध अच्छे रह सकते हैं उनका प्यार और देखभाल प्राप्त हो सकती है. पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हैं, तो समय अनुकूल रह सकता है. लोगों के साथ तालमेल अच्छा रह सकता है. कला, फैशन और इंटीरियर डिजाइनिंग के छात्रों के लिए एक अच्छे परिणाम पाने का समय होगा. इस समय रचनात्मक विचारों से भरे रह सकते हैं. छात्रा नवीन योजनाएं बनाने और अच्छे अंक लाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं तथा किसी की सहायता द्वारा काम में आगे बढ़ पाएंगे. 

कन्या राशि  के लिए शुक्र का गोचर

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान आपकी वाणी में तेजी और संचार से संबंधित कामों में आगे बढ़ने का समय होगा. व्यक्तित्व में निखार आएगा और लोगों पर इसकी बेहतर छाप दिखाई देगी. सामाजिक क्षेत्र में पहचान प्राप्त कर सकते हैं. कुछ नए लोगों के साथ मेलजोल होगा तथा नए मित्र प्राप्त हो सकते हैं. भ्रमण के लिए समय अनुकूल है. छोटे भाई-बहनों के साथ आपका संबंध सामान्य रह सकता है. अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है. धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं. जो छात्र उच्च अध्ययन कर रहे हैं, उनके लिए अनुकूल समय रह सकता है. प्रेम संबंधों में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 

तुला राशि के लिए शुक्र का गोचर

तुला राशि के लिए शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा. इस दौरान आर्थिक स्थिति में कुछ राहत देखने को मिलेगी. विभिन्न स्रोतों से कमाई कर पाएंगे. इस समय व्यवहार में निष्पक्ष और मधुर रहना उचित होगा. पैतृक संपत्ति से भी लाभ हो सकता है. विद्वानों और शोधार्थियों के लिए समय अनुकूल रह सकता है. ध्ययन के क्षेत्र में छिपे रहस्यों की खोज कर सकते हैं. फैशन इंडस्ट्री या इवेंट ऑर्गनाइजेशन से जुड़े लोगों के लिए समय बेहतर रह सकता है. कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए खानपान में लापरवाही से बचना चाहिए. जो लोग परिवार से दूर रह रहे हैं, उन्हें घर जाने और परिवार के सदस्यों के साथ बेहतर समय बिताने का अवसर मिल सकता है. इस समय जोखिम भरे निवेश जैसे सट्टा, शेयर मार्किट इत्यादि में निवेश न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अचानक से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र का गोचर

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र का गोचर लग्न भाव में होगा. व्यय अधिक रह सकता है. खुद को लेकर चीजों की खरिदारी कर सकते हैं. विपरीत लिंग के बीच आकर्षक और लोकप्रिय रहने का अवसर भी प्राप्त होगा. आशावादी रह कर काम कर सकते हैं. इस समय के दौरान कलात्मक चीजों की ओर आकर्षण बना रह सकता है. शादीशुदा लोगों के रिश्ते में गर्मजोशी और प्यार बना रह सकता है. जीवनसाथी के साथ समय बिताने और यात्रा की योजनाएं भी बना सकते हैं. अपने रिश्तों में प्रेम एवं नए संबंधों का आकर्षण इस समय बना रह सकता है. जो लोग कला या डिजाइनिंग में हैं, उनके लिए समय अनुकूल रह सकता है. अपने परिधान घरेलू वस्तुओं एवं गृह सज्जा से संबंधित कार्यों में भी व्यस्तता रह सकती है. 

धनु राशि के लिए शुक्र का गोचर

धनु राशि के जातकों के लिए, शुक्र का गोचर द्वादश भाव में होगा. इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य एवं सेवाओं पर धन खर्च हो सकता है. लाभ और सफलता के लिए भागदौड़ अधिक रह सकती है. यह ग्रह स्थिति मिले-जुले परिणाम देने वाली रह सकती है. इस समय धन की बचत कर पाना आसान नहीं होगा. सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और चतुराई से काम लेना होगा.  विदेश यात्रा करने का अवसर मिल सकता है, कार्यक्षेत्र में वृद्धि का भी समय होगा. खर्च की स्थिति बचत से अधिक रहने वाली है.

मकर राशि के लिए शुक्र का गोचर

मकर राशि राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर ग्यारहवें भाव में होगा. यह समय अनुकूल माना जा सकता है. नौकरी या व्यवसाय में किए गए प्रयासों से धन लाभ मिल सकता है. एक शुभ ग्रह है और इस समय मनोरंजन, रोमांस से संबंधित असर दे सकता है. करियर के क्षेत्र में कुछ सकारात्मक समय होगा.  मित्रों की संख्या बढ़ सकती है तथा सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है. भौतिकवादी इच्छाओं पर भी खर्च कर सकते हैं. वरिष्ठ लोग प्रयासों को पहचान पाएंगे और वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं. फैशन, डिजाइनिंग, मनोरंजन और मीडिया उद्योग में काम कर रहे हैं तो सफलता मिल सकती है. सामाजिक दायरा विस्तार पाएगा. प्रेम संबंधों की ओर भी इस समय रुझान अधिक लगा रह सकता है. 

कुंभ राशि के लिए शुक्र का गोचर

कुंभ राशि के लिए शुक्र ग्रह का गोचर दशम भाव में होगा. सुख, विलासिता और परिवार के साथ साथ कार्यक्षेत्र में भी चीजों पर अधिक व्यस्तता रह सकता है. कर्म के क्षेत्र में विस्तार होगा. अपने प्रयासों द्वारा गतिशील रह सकते हैं.  करियर में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. सरकारी संगठन या प्रशासन में आधिकारिक लोगों के द्वारा सहायता मिल सकती है. उपलब्धियों को प्राप्त कर पाने में सफलता मिल सकती है. भाग्य पक्ष में रह सकता है. माता-पिता से मदद मिल सकती है. प्रॉपर्टी में निवेश करने का अच्छा समय हो सकता है. घर परिवार एवं वस्तुओं की खरीद इत्यादि में   निवेश कर सकते हैं. 

मीन राशि के लिए शुक्र का गोचर

मीन राशि के लिए शुक्र का गोचर नवम भाव में होगा. इस गोचर अवधि के दौरान भाग्य में अनिश्चितता बनी रह सकती है. मिले-जुले परिणाम देखने को मिल सकते हैं. जीवन के प्रति सामान्य रवैया रह सकता है. जीवन के कुछ छोटे-छोटे पल का आनंद उठा सकते हैं. कार्यक्षेत्र में समझदारी से काम कर सकते हैं. सफलता प्राप्त करने में इच्छा शक्ति का सहयोग अधिक होगा. भाग्य का सहयोग पूर्ण रुप से नहीं मिल पाएं. परिवार के वरिष्ठों का दिल जीतने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे. इस समय गुप्त ज्ञान की ओर रुझान भी रह सकता है. प्रेम संबंध में सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि व्यर्थ की बातों पर बहस अधिक रह सकती है. संचार कौशल के द्वारा अच्छे लाभ मिल सकते हैं. 

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शुक्र का अस्त होना कैसे डालता है अपना असर , और क्यों रुक जाते हैं शुभ कार्य

सूर्य की शक्तिशाली ऊर्जा किसी भी ग्रह को जला सकती है और ग्रह की शक्ति को भड़का भी सकती है, जिसके सूर्य निकट होता है. शुक्र का अस्त  होना अशांत प्रेम जीवन का प्रतीक बन सकता है. अधिकांश मामलों में प्यार का बलिदान करियर या अन्य व्यक्तिगत लक्ष्यों, आदर्शों के कारण होता है. भले ही यह स्थिति रिश्तों के मामले में दर्दनाक हो सकती है. इसमें तलाक या अलगाव की प्रबल संभावना का कारण बनती है. सूर्य का अंतिम उद्देश्य किसी भी ग्रह के प्रभाव को आध्यात्मिक बनाना और शुद्ध करना होता है. ऎसे में शुक्र जो काम यौन प्रेम का प्रतिक है वह अगर सूर्य के इस असर से प्रभावित होगा तब विरोधाभास अवश्य उत्पन्न होंगे. 

शुक्र ग्रह का पौराणिक खगोलिय रहस्य 

शुक्र को एक ब्राह्मण, शुक्राचार्य के रूप में वर्णित किया गया है, जो विद्वान है. शुक्राचार्य ऋषि भृगु और उनकी पत्नी पुलोमा के पुत्र हैं. भगवान शिव ने उन्हें संजीवनी विद्या का ज्ञान दिया जिसके द्वारा वह मृतकों को जीवित कर सकते हैं. शिव ने शुक्र को सर्वश्रेष्ठ ग्रहों के रूप में भी आशीर्वाद दिया और यह कि शुक्र का आकाश में उदय होना अनुष्ठानों की शुभ शुरुआत होने से संबंधित हुआ. शुक्र के आकाश में उदय होने पर विवाह का समय आरंभ होने का होता है. 

खगोल शास्त्र में शुक्र सबसे चमकीला तारा है और नग्न आंखों को दिखाई देता है. यह सूर्य और चंद्रमा के बाद आकाश में सबसे चमकीला पिंड है. यह सूर्य से दूसरा ग्रह है और जब इसे पृथ्वी से देखा जाता है, तो यह हमेशा सूर्य के आसपास होता है. पृथ्वी से देखने पर शुक्र हमेशा सूर्य से 48 डिग्री के भीतर होता है.

शुक्र जीवन में अधिकांश सुखद चीजों का कारक है, खासकर भौतिक चीजों का. यह प्रेम, रोमांस, सौंदर्य, विवाह, सेक्स, वीर्य, ​​यौवन, ललित कला, रंगमंच, संगीत, इत्र, विलासिता, शानदार वाहन और सुंदर कपड़ों का प्रतीक है. शुक्र वृष और तुला राशि का स्वामी है जो कालपुरुष कुंडली के दूसरे और सातवें घर हैं. शुक्र की मूलत्रिकोण राशि तुला है. शुक्र उन तरीकों को नियंत्रित करता है जिसमें हम रिश्तों में बातचीत करते हैं और साथ ही जिस तरह से हम खुद को व्यक्त करते हैं. शुक्र इच्छा का प्रमुख कारक है. साझेदारी, जीवनसाथी, भागीदारों के रूप में कैसे व्यवहार करते हैं. क्या हमें आकर्षित करता है, इस संबंध में यह शुक्र यौन इच्छाओं, रोमांटिक जोड़ी में हमारी इच्छाओं और हमारे व्यवहारों का वर्णन करता है. यह प्रभावित करता है कि आप कैसे प्यार में पड़ते हैं और जब आप करते हैं तो आप कैसे व्यवहार करते हैं. शुक्र बेडरूम और यौन गतिविधियों को नियंत्रित करता है.

शुक्र ग्रह के अस्त होने का समय 

इस युति के बाद अस्त शुक्र का परिवर्तन होता है. वह इवनिंग स्टार से मॉर्निंग स्टार या दूसरी तरफ जाती है. सूर्य/शुक्र की युति हर 18 महीने में दो बार होती है. जन्म कुंडली में या व्यक्तिगत गोचर में इसे देख सकते हैं. पारंपरिक रूप से यह माना जाता है कि अस्त के दौरान सूर्य की अत्यधिक शक्ति शुक्र को जला कर और नष्ट कर देती है. वह अदृश्य सा लगता है, इस खूबसूरती को न तो देखा जाता है और न ही सराहा जाता है. प्रेम जीवन अशांत हो सकता है तलाक की अधिक संभावना रहती है. पैसे, सुरक्षा या सत्ता के लिए प्यार का त्याग करना पड़ सकता है.

आधुनिक ज्योतिषी इस योग को एक आदर्श भी मानते हैं जो सुंदर, आकर्षक, दयालु, रचनात्मक, सामंजस्यपूर्ण, लोकप्रिय और समृद्ध बनाता है. 

जब शुक्र अस्त हो रहा हो सूर्य के 10 डिग्री के भीतर तो वह रूपांतरित हो जाता है. यदि शुक्र वक्री है, तो वह भोर का तारा बनता है. अगर वह मार्गी है, तो वह इवनिंग स्टार बनता है. मॉर्निंग स्टार को सूर्योदय से निकटता को देखते हुए, प्रकाश, अग्नि, जीवन शक्ति, शक्ति, पीछा और युद्ध के साथ इसका जुड़ाव देखा जाता है. इवनिंग स्टार के रूप में, शुक्र एक वनस्पति देवी है, जो कृषि से संबंधित माना जाता है जो उपजाऊ और पोषण का प्रतीक बनता है. 

ज्योतिष शास्त्र में सभी भौतिक और सांसारिक सुखों का कारक शुक्र को माना जाता है. शुक्र अस्त होने पर कुछ विशेष कामों को रोक भी दिया जाता है. यह मुख्य रुप से सभी शुभ कार्यों और विवाह जैसे कार्यों पर विराम लगाने का समय होगा. जब भी कोई ग्रह  परिभ्रमण के दौरान सूर्य के इतने करीब जाता है, तो सूर्य के प्रकाश और उसकी चमक के कारण उस ग्रह का प्रकाश कमजोर पड़ने लगता है. इसके प्रभाव से चमक गायब हो जाती है. इस दौरान ग्रह सूर्य से एक विशेष अंश की दूरी पर होता है, जिसके कारण सूर्य की ऊर्जा उस ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर देती है, इस घटना को ज्योतिष में ग्रह के अस्त होने के रूप में जाना जाता है. कोई भी ग्रह जब सूर्य से एक विशेष दूरी पर होता है, जिसके कारण सूर्य की ऊर्जा उस ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर सकती है तो ये स्थिति अस्त बन जाती है. 

अब यदि हम शुक्र ग्रह की बात करें, जिसे भोर का तारा कहा जाता है, तो जब भी यह परिक्रमा करते हुए सूर्य के निकट आता है, तो कुछ विशेष परिस्थिति होती हैं, जब सूर्य की ऊर्जा के सामने शुक्र की ऊर्जा कमजोर हो जाती है, जिसके कारण जिसमें शुक्र दिखाई नहीं देता है और इस स्थिति को शुक्र दहन के रूप में जाना जाता है. जब भी कोई ग्रह अस्त होता है तो उस ग्रह की अपने कारक के अनुसार फल देने की क्षमता कम हो जाती है. शुक्र भी इस स्थिति में अपवाद नहीं होता है. वह भी जब अस्त होता है तो उसके कारक तत्व समाप्त होते दिखाइ देते हैं. 

शुक्र के अस्त होने का फल  

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सभी सुखों का कारक माना गया है. कुंडली में शुक्र ग्रह के अस्त होनी की स्थिति होने पर व्यक्ति को जीवन भर विवाह से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

शुक्र अस्त के इस चरण के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश पूजा, आदि करना सख्त वर्जित होता है, क्योंकि शुक्र इनका कारक होता है इसलिए अस्त होने पर इन कारक फलों की शुभता भी कमजोर हो जाती है, जिसके फलस्वरुप इस समय इन कामों को करने से रोक देने का नियम बना हुआ है. 

कुण्डली में शुक्र ग्रह अस्त अवस्था में होना, यौन रोगों, गर्भाशय रोग अथवा स्त्री रोग से संबंधित समस्या हो सकती है, क्योंकि शुक्र जननांग या यौन संबंधों का कारक होता है. 

शुक्र के अस्त होने के कारण रिश्तों में एक से अधिक साथी की भागीदारी हो सकती है, अनैतिक संबंधों में भी व्यक्ति अधिक लिप्त हो सकता है. 

इसके अलावा, इन लोगों को गुर्दे, आंख, मूत्राशय और त्वचा से संबंधित शारीरिक समस्याएं होना भी परेशानी का कारण होता है.

विवाहित रिश्तों में जीवन साथी के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है.

यदि किसी जातक की कुण्डली के आठवें भाव में शुक्र का गोचर होता है तो जातक को वैवाहिक जीवन में विवाह संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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धनु राशि में सूर्य का गोचर (15 दिसंबर 2024) सभी राशियों के लिए होगा खास

सूर्य को आत्मा एवं ऊर्जा माना जाता है, वैदिक ज्योतिष में यह इन्हीं तत्वों का कारक बनकर जीवन के विकास में सहायक बनता है. कुण्डली में यह राष्ट्र राजा और पिता का स्वाभाविक कारक होता है. इस ग्रह की शक्ति व्यक्ति की समाज में स्थिति को निर्धारित करती है. मजबूत होने पर यह अधिकार, आदेश और प्रतिष्ठा देने में सहायक होता है. 

सूर्य का धनु राशि में गोचर

सूर्य को एक राशि में गोचर काल पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लगता है. इस गोचर  अवधि के दौरान, यह वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि की ओर जाएगा, जिस पर बृहस्पति का स्वामित्व है. अब इस दौरान छिपे और मौन कार्यों की पहचान होगी. इस परिवर्तन के दौरान अतीत के प्रयासों का परिणाम भी प्राप्त होगा. सूर्य ग्रह 15 दिसंबर 2024 रात्रि 21:10 के करीब धनु  राशि में प्रवेश करेगा. यह सुर्य के लिए मित्र राशि भी होगी. आइए जानें धनु राशि में सूर्य के गोचर का सभी बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है :- 

मेष राशि

मेष राशि के लिए सूर्य का गोचर नवम भाव में होगा. यह समय शुभ माना जा सकता है, भाग्य पक्ष में रहेगा. धन संचय करने में सक्षम होंगे, अपने सामाजिक दायरे में सम्मान हासिल कर पाएंगे. वरिष्ठ अधिकारी, बॉस और प्रबंधन से जुड़े लोग प्रयासों को पहचानेंगे और पदोन्नति भी मिल सकती है. अच्छा संचार कौशल होगा, दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे. स्वयं को सामाजिक कार्यों में  व्यस्त रख सकते हैं. लोगों के लिए मदद करने का प्रयास कर सकते हैं. धार्मिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे और इस समय किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का विचार भी किया जा सकता है. पारिवारिक समय अनुकूल रहेगा, संतान से सुख की प्राप्ति होगी. भाई-बहनों और पिता के साथ संबंध सुधार को पाएंगे रहेंगे.

वृषभ राशि 

इस समय वृष राशि के लिए सूर्य अष्टम भाव में गोचर करेगा. इस समय आस पास के लोगों के अलावा स्वयं की देखभाल करने की आवश्यकता है, क्योंकि इस समय कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अपने व्यवहार में निष्पक्ष और न्यायपूर्ण रह सकते हैं लेकिन सामने वाला ऎसा नही हो. इस समय किसी भी प्रकार की भ्रामक बातों से बचना होगा. साथ ही, आप जिम्मेदारियां दूसरों को सौंपने से भी बचना चाहिए. कारोबारियों के पास अपने काम को आगे विस्तार देने कि इच्छा होगी लेकिन खर्च अभी अधिक बने रह सकते हैं. इस दौरान अपनी जीवनशैली में योग, मेडितेशन जैसी बातें शामिल करना चाह सकते हैं. अनावश्यक रूप से चिंतित हो सकते हैं और तनाव बढ़ सकता है. कोर्ट-कचहरी के मामलों में काफी पैसा खर्च हो सकता है. अपनी वाणी में नम्रता बना कर रखें जिद से काम खराब हो सकते हैं. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए इस समय सूर्य का गोचर सप्तम भाव में रहेगा. इस गोचर काल में ऊर्जा से भरे रहने वाले हैं. कभी-कभी क्रोधी भी हो सकते हैं लिए स्वयं को नियंत्रित बना कर रखें. अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित कर पाएंगे. दांपत्य जीवन के मामले में समय अनुकूल रह सकता है. प्रेम एवं विवाह संबंधों में कुछ व्यवहार का बदलाव परेशानी दे सकता है, अहंकार अधिक रहेगा जिससे बचने की जरूरत है. इस समय अपने भाइयों और बहनों का पूरा सहयोग मिल पाएगा. विदेश मामलों से जुड़े लोगों को सफलता मिल सकती है. नौकरीपेशा की अपने काम पर अच्छी पकड़ होगी और उनका प्रभुत्व, कौशल उत्कृष्ट होगा, जिससे वे टीम का नेतृत्व कर पाएंगे.  प्रयासों से, धन लाभ करने में सक्षम होंगे. छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना सकते हैं, अगर विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं तो यह एक अच्छा समय हो सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य छठे भाव में गोचर करेगा, इस गोचर काल में बल, साहस और पराक्रम की प्राप्ति होगी. विरोधियों और शत्रुओं को परास्त करने में सफल होंगे. जो लोग मुकदमेबाजी में लगे हुए हैं, उनके लिए सकारात्मक समय रहेगा. अपने विरोधियों पर बढ़त हासिल हो पाएगी. जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनका पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन होगा. परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है. इस समय अच्छी कमाई करने में सक्षम होंगे, लेकिन साथ ही बहुत अधिक खर्च भी कर सकते हैं जो बैंक बैलेंस को प्रभावित कर सकता है. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए सूर्य का गोचर पंचम होगा. रिश्तों में अहंकारी न हों. इस दौरान आप थोड़े घमंडी हो सकते हैं, जो आपके प्रियजनों को पसंद नहीं आएगा. प्रेमी आपके रवैये से आहत हो सकते हैं. कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे मांसपेशियों में दर्द या पीठ दर्द से पीड़ित हो सकते हैं. इस समय अपना पैसा सट्टा या जुए में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि पैसा खो सकते हैं. स्वभाव से कुछ रूखे हो सकते हैं और इससे अपनों से दूरी बढ़ सकती है. सरकारी नौकरी में हैं या किसी वरिष्ठ पद पर हैं तो इस समय सफलता मिलेगी. अपने बच्चों की देखभाल करने की आवश्यकता है. छात्रों के लिए भी यह समय शुभ माना जा सकता है, एकाग्रता और सीखने की क्षमता उत्कृष्ट रहेगी. अपनी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और अपने प्रयासों के अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे.

कन्या राशि 

इस गोचर अवधि के दौरान, विदेश जाने या बाहर जाने की योजना बना सकते हैं. कार्यस्थल पर आपका पूरा ध्यान धन में वृद्धि पर रहेगा. अपनी मेहनत के द्वारा ही पहचान मिलेगी. जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें अपने दोस्तों और परिवार की मदद से नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं. इस समय आपके नए मित्र बनेंगे, जो प्रभावशाली स्थिति में होंगे. इस गोचर काल में माता जी का ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान मौसमी फ्लू या उच्च रक्तचाप की चपेट में भी आ सकते हैं. इस समय झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों की ओर रहेगा. इस समय भावनात्मक भी अधिक रह सकत हैं और आसानी से नाराज़ हो सकते हैं, इसलिए शांत रहें और धैर्य बना कर रखे. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस दौरान साहस से भरे रहेंगे और परिश्रम द्वारा सफलता पाएंगे. अपने शत्रुओं को परास्त करने में सफल रहेंगे. अपनी टीम से काम करवाने में सफल रहेंगे ओर एक अच्छे लीडर के रुप में उभर सकते हैं. इस समय किसी यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं. समाज में प्रसिद्धि मिलेगी, अपने कार्यक्षेत्र में स्थन परिवर्तन हो सकता है. इस समय वाहन पर काफी खर्च कर सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं लेकिन सुधार भी होगा. खेलकूद में लगे छात्र अपनी प्रतिभा से सभी को आकर्षित करेंगे राष्ट्रिय स्तर पर काम और नाम प्राप्ति का अवसर भी होगा. भाई बहनों का सहयोग काम आएगा. 

वृश्चिक राशि 

इस समय वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का गोचर दूसरे भाव में रहेगा. इस गोचर के दौरान स्वभाव में बदलाव अचानक से बना रहेगा. कभी-कभी भावुक भी हो सकते हैं तो कभी अधिक क्रोधी. आसानी से नाराज भी हो सकते हैं. शांति में कमी रहेगी और व्यस्तता अधिक रह सकती है. खुद को शांत करने के लिए ध्यान को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए. वाद-विवाद हो सकता है, लेकिन आपको इससे बचना होगा. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा क्योंकि इस समय वह बीमार हो सकती है. आप अपने परिवार में कुछ झगड़े और परेशानी का माहौल देखेंगे. सदस्यों के बीच तालमेल और समझ का अभाव रहेगा. कार्यस्थल पर यदि आप प्रबंधन में हैं, तो आप सफल होंगे. भाषण देने की कला में निपुणता हासिल होगी लोग आपकी बातों से बहुत अधिक प्रभावित रह सकते हैं. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए सूर्य का गोचर पहले भाव में होगा. इस गोचर काल में आप उत्साहित, जोखिम लेने में आगे, दयालु, परोपकारी और सच्चे रहेंगे.सेंस ऑफ ह्यूमर काफी अच्छा होगा. आकर्षक व्यक्तित्व से सभी को प्रभावित होंगे. ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और इस गोचर अवधि के दौरान एक चुंबकीय व्यक्तित्व प्राप्त होगा. अपने काम से अच्छी आय अर्जित करने में सफल होंगे, लेकिन गलत रास्ते से बचें. सरकारी नीतियों से लाभ होगा और संपत्ति से भी लाभ हो सकता है. अपने कार्यस्थल पर अपने साहसिक और गतिशील संचार कौशल से सभी को प्रभावित करेंगे, और यदि टीम लीडर की भूमिका में काम कर रहे हैं तो सफल होंगे. मेहनत काबिले तारीफ होगी. जो लोग पारिवारिक व्यवसाय में हैं वे चमकेंगे और छाप छोड़ेंगे.

मकर राशि

मकर राशि के लिए सूर्य का गोचर बारहवें भाव में होगा. इस गोचर अवधि के दौरान सजग होकर काम करना होगा. समय बदलाव वाला होगा. कोई फैसले जल्दबाजी में लेने से बचना होगा. खर्च  आय से अधिक हो सकते हैं. स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है. इस समय अपना पैसा दान में देने का भी इरादा कर सकते हैं. धार्मिक गतिविधियों के प्रति रुझान बढ़ेगा और इस ओर काम भी कर सकते हैं. कोई जोखिम भरा निवेश अभी अच्छा नहीं होगा. शत्रु और विरोधी इस समय सक्रिय रह सकते हैं.  नींद न आना, आंखों की रोशनी और पेट से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं. पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. जो लोग विदेशी ग्राहकों के साथ व्यापार कर रहे हैं, उनके लिए अनुकूल अवधि होगी, क्योंकि अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए सूर्य का गोचर लाभ के भाव में होगा. लोगों का मार्गदर्शन करनेऔर संघर्ष करते हुए ऊंचाइयों पर जाएंगे. बहादुर और साहस से भरपूर होंगे. इस समय समाज में मान सम्मान और प्रसिद्धि प्राप्त होगी. आकर्षक व्यक्तित्व वाले होंगे. प्रभावशाली और आधिकारिक लोगों के साथ अच्छे संपर्क बना सकते हैं. सरकारी नीतियों और आधिकारिक लोगों से सकारात्मक रुख मिल सकता है. यदि जीवन साथी कोई काम करता है तो उसे उपलब्धि, पदोन्नति या वेतन वृद्धि मिल सकती है. दोस्तों के साथ समय बीतेगा कुछ मस्ती से भरपूर काम भी कर पाएंगे. 

मीन राशि 

मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर कार्य क्षेत्र से जुड़े फलों को दर्शाने वाला होगा. इस दौरान आधिकारिक रिश्ते अच्छे से बनेंगे. नौकरी या व्यवसाय से जुड़े कामों में अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. सभी प्रयासों को समय पर पूरा करने के लिए कोशिशें जारी रखेंगे. कुछ मामलों में अधीनस्थों से आलोचना और बैकबिटिंग का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये बातें जल्द ही ठंडी भी पड़ जाएंगे इनका कोई असर नहीं पड़ेगा. सपनों को पूरा करने के लिए ताकत और साहस प्राप्त होगा. कार्यों को पूरा करने की दिशा में आक्रामक तरीके से काम करने वाले होंगे. राजनीति में बैठे कुछ लोगों से संपर्क बनेंगे, समाज में छवि अच्छी होगी. 

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मंगल का मिथुन राशि गोचर

मंगल ग्रह साहस, हिम्मत और बहादुरी और ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल जब एक राशि से निकल कर किसी दूसरी राशि में जाता है तो इस समय को मंगल के राशि गोचर के रुप में जाना जाता है. मंगल का गोचर मिथुन राशि में होना गोचर की दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना है. 

मंगल 25 जनवरी 2025 को शाम 10:05 पर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा. मंगल की स्थिति इस बार मिथुन राशि और वृषभ राशि में लम्बी यात्रा की होगी इन्हीं में वक्री और मार्गी स्थिति होने के कारण गोचर की अवधी में वृद्धि देखने को मिलेगी इसलिए ये वर्ष मंगल के गोचर के लिए खास होगा. 

मंगल का मिथुन राशि गोचर फल 

मंगल का मिथुन राशि में होना सकरात्मक स्थिति से कुछ अनुकूलता की कमी को दिखाने वाला होगा. मंगल का यहां होना काफी चीजों में विस्तार का समय तो होगा लेकिन उत्साह ओर विस्तार के साथ जो एकाग्रता चाहिए होगी अथवा स्थिरता की कमी भी इस समय कमजोर दिखाई दे सकती है. जल्दबाजी के फैसले इस समय लिए जा सकते हैं जिनमें बदलाव की संभावना भी भविष्य में अधिक रह सकती है. मंगल की मिथुन राशि में स्थिति मित्र भाव की कमी को भी दर्शाती है. मंगल का यहां होना उचित रुप से फलों को देने में कम ही सहायक होगा. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना मेष राशि के लिए कैसा रहेगा

मेष राशि वालों के लिए मंगल का गोचर तृतीये भाव में होगा. मंगल का यहां होना कुछ मामलों में अच्छा होगा तो कुछ स्थानों पर परेशानी भी दे सकता है. ये समय आपके उत्साह को बढ़ा सकता है. आप काम में तेजी दिखाएंगे. जो लोग संचार से जुड़े हैं उन्हें लेखन कार्यों, भाषण देने, मीडिया के काम में, पत्र पत्रकारिता के काम में सफलता मिल सकती है. तीसरे भाव में मंगल का गोचर लाभकारी रह सकता है साहस और दृढ़ संकल्प के मामले में. अपनी बुद्धि फैसले लेंगे ओर काम को पूरा करने में सक्षम होंगे. काम में समस्याओं का सामना करना होगा लेकिन बेहतर रुप से मेहनत सभी को दिखाई देगी जिसके कारण सफलता भी मिलेगी. खेलकूद रंग मंच कला जैसे क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. इस गोचर के चलते शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर पाने में अच्छे होंगे.  कुछ लम्बे समय से रुके हुए काम आगे बढ़ सकते है. यात्रा पर भी जा सकते हैं. स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है कान और कंधों की समस्या हो सकती है. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना वृष राशि के लिए कैसा रहेगा

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल का गोचर द्वितीय घर पर होगा. इस दूसरे स्थान को धन और किसी से मिलने वाले लाभ के रुप में देखा जाता है. मंगल के दूसरे भाव में गोचर करने से पैसों की बचत करने में सफल हो सकते हैं. आर्थिक रूप से स्थितियां अनुकूल हो सकती हैं. आय में वृद्धि की उम्मीद भी इस समय पर हो सकती है. बोलचाल में कठोर शब्दों का उपयोग करने से बचना होगा अन्यथा दूसरे आपकी वाणी से आहत भी हो सकते हैं. व्यवसाय में बाहरी संपर्क से विदेश इत्यादि से लाभ मिल सकता है. इस समय पर गलत संगति से दूर रहें और किसी भी प्रकार के नशे इत्यादि से बचें अन्यथा सेहत खराब हो सकती है. गले इत्यादि के रोग उभर सकते हैं. इस समय पर बच्चों के बारे में सावधान रहने और उनके साथ अधिक समय बिताने की आवश्यकता होगी.  जीवनसाथी के साथ व्यर्थ के विवादों से दूर रहना ही उचित होगा अन्यथा बातें बिगड़ सकती हैं. फिटनेस में सुधार करने को लेकर भी कुछ काम करेंगे. व्यायाम और योग को शामिल करने से रोग का प्रभाव कमजोर होगा 

मंगल का मिथुन राशि में जाना मिथुन राशि के लिए कैसा रहेगा

मिथुन राशि वालों पर ही मंगल का आगमन होगा, अर्थात मंगल इसी राशि में होने से क्रोध और उत्साह दोनों में ही वृद्धि हो सकती है. अपने उत्साह को थोड़ा कंट्रोल में रखना होगा अन्यथा परेशानी भी उठानी पड़ सकती है. स्वभाव में बदलाव देखने को मिल सकता है और जिद या मनमानी करने का भव भी हावी हो सकता है, इसलिए इस अवधि में कुछ भी करने से पहले सावधानी से सोचने की जरूरत होगी. वाहन चलाते समय सावधान रहें अन्यथा परेशानी हो सकती है. घर पर अधिक मन नहीं लगे और ऎसे में घर से अधिक समय बाहर बिता सकते हैं. किसी अपने के स्वास्थ में गिरावट होने से चिंता हो सकती है. वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव अभी लगे रहेंगे. इस दौरान किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करनी चाहिए. परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बनाए रखें. कार्यक्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ सकते हैं तथा आय बढ़ाने के मौके मिल सकते हैं.  अगर परिस्थितियाँ आपके पक्ष में नहीं हैं तो परेशान नहीं हों धैर्य शांति के साथ काम करते रहें भविष्य अच्छा होगा. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना कर्क राशि के लिए कैसा रहेगा

कर्क राशि के लिए मंगल का मिथुन राशि में गोचर बारहवें भाव में होगा. वास्तविक अवसरों की प्रतीक्षा अब अच्छे परिणाम देने वाली है. इस गोचर के दौरान काम या व्यवसाय के कारणों से विदेश यात्रा की संभावना भी रह सकती है. अप्रत्याशित रुप से व्यावसायिक क्षेत्र में खर्च अधिक रह सकती है. वित्तीय संतुलन पर असर होगा बचत पर ध्यान देने की जरुरत होगी. इस समय महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लेने से बचने की जरूरत है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं करियर की उन्नति को प्रभावित कर सकती हैं. प्रेम जीवन में भी कुछ समस्याएं होने की संभावना उभर सकती है. पार्टनर के बीच कुछ तनाव हो सकता है, लेकिन सुलह भी जल्द होगी. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना सिंह राशि के लिए कैसा रहेगा

मंगल का मिथुन राशि में गोचर एकादश भाव में होगा. यह लाभ प्राप्ति का समय होगा. नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिलने की संभावना है. वरिष्ठों के साथ संबंध अच्छे रह सकते हैं, और यह आने वाले समय में भी काम आएंगे. दोस्तों के साथ कुछ घूमने फिरने के अवसर बनेंगे. इस समय के दौरान, लाभदायक सौदे भी मिल सकते हैं और अपने काम में प्रगति करने के लिए योजनाएं उपयोगी रह सकती हैं. अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं. कानूनी मामले अनुकूल परिणाम दे सकते हैं. निवेश इत्यादि में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. कुछ नए लोगों के साथ मेलजुल होगा ओर सफलताओं के लिए परिश्रम भी काम आएगा. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना कन्या राशि के लिए कैसा रहेगा

कन्या राशि के लिए मंगल का गोचर दसवें भाव में होगा. यह गोचर अनुकूल और लाभकारी हो सकता है. कार्यक्षेत्र में अधिक जिम्मेदारियां मिल सकती हैं. जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं. कारोबार में इस दौरान मनचाहा परिणाम मिल सकता है. व्यवसाय के विस्तार के लिए अनुकूल समय है. परिवार में कुछ विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. छोटी यात्रा पर जा सकते हैं. छात्रों को अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की सलाह दी जाती है. इस दौरान आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए किए गए उपाय काफी अच्छे होंगे. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना तुला राशि के लिए कैसा रहेगा

तुला राशि के लिए मंगल का गोचर इस समय नवम भाव में होगा.  यह समय चुनौतीपूर्ण रह सकता है लेकिन साथ ही नई प्राप्ति का भी समय होगा. आपको अपने कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो किसी की सहायता से हल हो सकती हैं.  किसी भी नए व्यापारिक सौदे पर हस्ताक्षर करते समय सावधान रहें. आपके व्यवसाय में लगातार वृद्धि हो सकती है. आर्थिक रूप से इस समय सेविंग को लेकर चिंता रह सकती है. लंबी अवधि के निवेश के लिए समय अनुकूल है. प्रतिस्पर्धीयों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सावधान रह कर काम किया जाना ही उचित होगा. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना वृश्चिक राशि के लिए कैसा रहेगा

वृश्चिक राशि के  लिए मंगल का गोचर आठवें भाव में होगा. यह एक महत्वपूर्ण समय होगा. रोमांच और जोखिम से जुड़े कार्यों में शामिल होने का समय होगा. करियर में तरक्की के लिए समय अनुकूल नहीं है लेकिन शेयर मार्किट से जुड़े मसले लाभ दिला सकते हैं. कई कार्यों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. अपने वरिष्ठों या सहकर्मियों के साथ बेहतसंबंध बनाए रखने की आवश्यकता है. पारिवारिक जीवन में पैतृक संपत्ति से संबंधित मुद्दे उभर सकते हैं. इस समय किसी भी प्रकार के कानूनी मामलों से बचने की आवश्यकता होगी. यात्राओं में सावधानी बरतें कुछ असुविधा हो सकते हैं. कठोर भाषा के प्रयोग से बचें, प्रेम संबंधों में साथी के साथ कुछ अच्छा समय बिताने को मिलेगा लेकिन साथ ही तर्क-वितर्क मतभेद भी उत्पन्न कर सकते हैं. इस समय विशेष रुप से सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी. 

मंगल का मिथुन राशि में जाना धनु राशि के लिए कैसा रहेगा

धनु राशि के लिए मंगल का गोचर सातवें भाव में होगा. यह गोचर आपके लिए कुछ परेशानी दे सकता है विशेष रुप से संबंधों में इसका असर तनाव बढ़ा सकता है. स्वभाव में क्रोध की अधिकता रहेगी. करियर में कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरु हो सकते हैं. किसी से काम करवाने में  व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता हो सकती है, विशेष रूप साथी या सहकर्मियों के साथ तर्क-वितर्क से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए. सामाजिक क्षेत्र में दबदाब अधिक रहने वाला है और कुछ यात्राओं का भी समय होगा. इस दौरान रक्त संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. यह गोचर वैवाहिक जीवन में अशांति और उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है

मंगल का मिथुन राशि में जाना मकर राशि के लिए कैसा रहेगा

मकर राशि के लिए मंगल छठे भाव में गोचर करेगा. यह गोचर काफी सहायक रह सकता है. अपने विरोधियों को परास्त कर पाएंगे. गोचर फायदेमंद साबित हो सकता है. इस अवधि के दौरान योग्यता एवं कुशलता में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हो सकता है. व्यापार में मेहनत और पूर्ण समर्पण के साथ अपेक्षित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं. व्यापार भागीदारों से भी समर्थन मिल सकता है. अनावश्यक खर्च अधिक होने की संभावना है. इसलिए खर्चों पर नजर रखने की सलाह दी जाती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी जिसके चलते सेहत अनुकूल रह सकती है.  

मंगल का मिथुन राशि में जाना कुंभ राशि के लिए कैसा रहेगा

मंगल का पंचम भाव में गोचर होगा. कुंभ राशि के लिए यह गोचर मिश्रित परिणाम देने वाला हो सकता है. काम के क्षेत्र में उचित परिणाम मिल सकते हैं. कड़ी मेहनत द्वारा छात्र अच्छे रिजल्ट को प्राप्त कर सकते हैं.  पदोन्नति या वेतन वृद्धि में देरी हो सकती है, व्यवसायियों को अधिक लाभ के मौके नहीं मिल सकते हैं. इस दौरान छोटी अवधि के निवेश से बचने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है. कुछ अप्रत्याशित खर्च होने की संभावना है. इसलिए भविष्य में कठिनाइयों से बचने के लिए उचित वित्तीय बजट तैयार करना  छात्रों को अपने रचनात्मक विचारों या दृष्टिकोणों को व्यवहार में लाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता हो सकती है. लव लाइफ को लेकर आप तनाव में रह सकते हैं.

मंगल का मिथुन राशि में जाना मीन राशि के लिए कैसा रहेगा

मीन राशि के लिए मंगल का गोचर चतुर्थ भाव में होगा. इस समय मनोकूल फलों को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी . कार्यस्थल में पद प्राप्ति, और प्रशंसा पाने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा. इस दौरान कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं. अचल संपत्ति और घरेलू परियोजनाओं से लाभ होने की संभावना है. साथी के साथ मतभेद पारिवारिक माहौल को कुछ बिगाड़ सकते हैं. उच्च शिक्षा से जुड़े फैसले पक्ष में हो सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधी कुछ छोटी-मोटी दिक्कतों का सना करना पड़ सकता है. 

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सूर्य का वृश्चिक राशि गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव

सूर्य 30 दिनों की अवधि के लिए वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे. कुंडली में सूर्य की स्थिति का जीवन में बहुत महत्व होता है और यह उसके समग्र व्यक्तित्व को प्रभावित करती है. सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर बहुत विशेष होता है. सूर्य को नेतृत्व, गौरव और प्रसिद्धि का प्रतिनिधित्व कारक माना जाता है. सूर्य सरकारी या निजी क्षेत्र, सरकारी नौकरी, सम्मान, आत्मा और शाही जीवन जीने और उच्च पद का निर्धारक है. 

सूर्य ग्रह 16 नवंबर, 2025 को 13:36 बजे वृश्चिक राशि में गोचर करेगा और अपनी नीच स्थिति को पीछे छोड़ते हुए वृश्चिक राशि में  जाएंगे. अधिकार, शक्ति और महिमा के प्रतीक ग्रह सूर्य को वैदिक ज्योतिष में ग्रहों में सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है.

जानिए सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है:

मेष राशि

मेष राशि के लिए, सूर्य का गोचर आठवें घर में होगा. इस समय अचानक हानि या लाभ और विरासत से संबंधी मुद्दे सामने होंगे. इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना जरुरी है. इस अवधि में त्वचा संबंधी समस्याएं, बुखार और अनिद्रा से संबंधित बातें परेशानी का सबब बन सकती हैं. स

ंतुलित आहार लेना और ध्यान योग इत्यादि क्रियाओं को करना अनुकूल होगा. पैसों के मामले में जरुरी है खर्चों को अनियंत्रित होने से बचाया जाए. व्यर्थ की बातों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की गुटबाझी से बचें. अनिश्चित चीजों के कारण बचत में गिरावट हो सकती है. पार्टनर की मदद से कुछ चीजों को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे. सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे आपकी छवि के लिए कुछ जोखिम उठा सकते हैं.

वृषभ राशि 

वृष राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होते हैं इस समय गोचर में सातवें घर को प्रभावित करेंगे. विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर का असर इन पर असर डाल सकता है. इस अवधि के दौरान सूर्य का गोचर वैवाहिक जीवन को बहुत प्रभावित कर सकता है. साथी के साथ एक सुखी दाम्पत्य संबंध कुछ कमजोर हो सकता है, क्रोध या दूरी उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन जल्द ही चीजें नियंत्रण में होंगी और आनंद प्राप्त होगा.

अविवाहित लोगों के लिए रिश्तों की प्राप्ति का समय है. व्यवसाय के लिए समय अनुकूल है. नया वाहन खरीद सकते हैं. व्यावसायिक रूप से इस अवधि में व्यापार में लाभ होगा और आप आध्यात्मिक रुप से भी शामिल होंगे. संतान पक्ष और आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए, सूर्य तीसरे भाव का स्वामी होता है. इस समय सुर्य का गोचर छठे भाव में होगा. इस दौरान सूर्य का प्रभाव सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छी सफलता दिला सकता है.  खर्चों पर ध्यान देना शुरू कर देंगे, जिससे जीवन में सामंजस्य बना रहेगा. नौकरी या व्यवसाय में अच्छा लाभ और प्रगति प्राप्त करने का समय हो सकता है.

मेहनत आपके पक्ष में हो सकती है. परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा.जिन लोगों ने घर या वाहन इत्यादि खरीदने की योजना बनाई थी, उनकी मनोकामना पूरी हो सकेगी. इस समय सेहत पर ध्यान देने की जरूरत होगी तथा व्यर्थ के विवाद से बचना होगा. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी होते हैं और अभी सूर्य का गोचर पंचम भाव में होगा. पंचम भाव संतान, प्रेम और संबंधों का स्थान होता है. यह गोचर मिश्रित परिणाम दे सकता है. किसी बड़े नेटवर्क से लाभ मिल सकता है. घरेलू जीवन शांतिपूर्ण नहीं रह पाए और पनों के साथ मनमुटाव भी उत्पन्न हो सकता है. शांत रहने से चीजें परेशानी कम देंगी. इस गोचर के दौरान किसी गलतफहमी के कारण प्रेम जीवन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

इसलिए जरूरी है की व्यर्थ के मुद्दों को अधिक महत्व नहीं दिया जाए. एक खुशहाल और लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि चीजों को गंभीरता से लिया जाए. प्रेम पूर्वक किया गया संवाद सुधार ला सकता है. निर्माण से जुड़े कार्य सफल होंगे. व्यावसायिक रूप से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं.  धार्मिक कार्यों में व्यस्त रह सकते हैं और राजनीति में आने वालों को सफलता मिलेगी. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए सूर्य का गोचर चतुर्थ भाव स्थान में होगा. इस का असर सुख, संपत्ति और माता पर होगा. यह गोचर नए बदलाव लेकर आने वाला हो सकता है क्योंकि इस गोचर की अवधि में परिवार में शांति कुछ कम हो सकती है. स्वयं को सही साबित करने की अपनी प्रवृत्ति के कारण किसी न किसी से उलझ सकते हैं. स्वभाव से आक्रामकता और अहंकार को दूर रखने की सलाह दी जाती है. संपत्ति के जरिए धन अर्जित कर सकते हैं.

व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ हो सकता है और अप्रत्याशित लाभ मिल सकते हैं. धार्मिक कार्यों में भाग ले सकते हैं. राजनीति में रहने वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा और सामाजिक रूप से भी छवि बढ़ सकती है. इस दौरान घर और परिवार पर पैसा खर्च हो सकता है. आमदनी में थोड़ी कमी आएगी लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोई काम नहीं रुकेगा. निजी जीवन में कुछ संघर्ष के कारण काम में बाधा आ सकती है इसलिए जरुरी है की क्रोध तथा जल्दबाजी से बचा जाए. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए, सूर्य का गोचर पराक्रम, भाई-बहनों और कम दूरी की यात्राओं के घर अर्थात तीसरे भाव में होगा. गोचर के दौरान साहस में वृद्धि रहेगी. कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने का समय होगा. आर्थिक रूप से स्थिति मजबूत होगी और इस दौरान सफलता की ओर अग्रसर रहेंगे. इस समय चीजों को गंभीरता से लेना उचित होगा जिसके कारण भविष्य के लिए बेहतर स्थिति निर्मित होगी.

  छात्रों को सफलता मिल सकती है और जो लोग अपने काम में पद प्राप्ति या अच्छी स्थिति चाहते हैं वह इन चीजों को हासिल करने में सक्षम होंगे. अप्रत्याशित स्रोत से धन की प्राप्ति हो सकती है.  सूर्य आपके आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाएगा और एक ऊर्जावान व्यक्ति के रूप में, सामने आएंगे. जीवन साथी के साथ अच्छे संबंधों का अनुभव कर सकते हैं. इस दौरान मित्रों और सहकर्मियों का सहयोग मिल सकता है. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए, सूर्य का गोचर धन भाव में होगा. इस गोचर के दौरान आर्थिक लाभ होने की संभावना है. व्यवसाय की सफलता देखने को मिल सकती है. नए कार्यों से जुड़ सकते हैं. गोचर के दौरान लाभ को अधिकतम करने के लिए कुछ नए स्त्रोत विकसित हो सकते हैं. वानी में कठोरता हो सकती है. कुछ संकीर्णता की प्रवृत्ति विकसित होने की संभावना है, जो रिश्तों को प्रभावित कर सकती है. इस समय खर्च और बचत का ध्यान रखना होगा. अपने खानपान में संतुलित आहार लेना जरुरी होगा. इस गोचर के दौरान परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. संपत्ति से जुड़े मसले भी उभर सकते हैं. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का गोचर पहले भाव में होगा. इस गोचर के दौरान यह संभावना है कि स्वभाव में कुछ आक्रामकता दिखाई दे सकती है. रिश्तों पर इस आक्रामकता के प्रभाव नकारात्मक असर डाल सकते हैं. जीवनसाथी के साथ अथवा व्यवसाय में छोटी-मोटी असहमति उत्पन्न हो सकती है. काम और करियर में कुछ लाभ हो सकता है. पिता या पिता के समान वरिष्ठ लोगों का सहयोग प्राप्त हो सकता है.

स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ परेशानी हो सकती है. स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता होगी. इसके अलावा पारिवारिक स्तर पर आने वाली समस्याओं से निपटने में भाई-बहनों का सहयोग मिल पाएगा. कार्यस्थल पर ऐसी स्थितियां हो सकती हैं जो असहज और निराश महसूस करा सकती है लेकिन हर अवसर को अपने पक्ष में करने का प्रयास करें. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए, सूर्य का गोचर द्वादश भाव में होगा. व्यय, मोक्ष और विदेश स्थान के इस जगह सूर्य का गोचर काफी बदलाव दिखा सकता है. इस गोचर के दौरान लंबी दूरी की यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है. सेहत को लेकर थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता होगी. पेट, नेत्र से संबंधित बीमारियां परेशान कर सकती हैं. इस गोचर के दौरान अत्यधिक खर्चे होंगे.

जो लोग व्यापार के क्षेत्र में हैं या विदेश से जुड़े हैं, वे गोचर के दौरान किसी अच्छी खबर की उम्मीद कर सकते हैं. सूर्य का गोचर कुछ लोगों के लिए दबाव की स्थिति भी पैदा कर सकता है. इस समय स्वयं को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे. करियर में अस्थिरता का महसूस कर सकते हैं. इस गोचर के दौरान आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और क्षमताओं को लेकर संशय में पड़ सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपके आत्मविश्वास में भी कमी आने की संभावना है.

मकर राशि

मकर राशि के लिए सूर्य का गोचर लाभ स्थान अर्थात एकादश भाव में होगा. आय, लाभ और इच्छा को लेकर मई आकांक्षाएं उत्पन्न होंगी. इस गोचर के दौरान सूर्य की स्थिति कुछ लाभ दिला सकती है. समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होगी और वहीं मित्रों के बीच आकर्षण का केंद्र रहेंगे.

एकाग्र और दृढ़ निश्चयी रह सकेंगे. चीजें अनुकूल हो सकती हैं, आय के स्रोत में वृद्धि के संकेत हैं और किसी का के लिए  पुरस्कृत भी हो सकते हैं. धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए सफल होंगे. निजी जीवन भी कुछ सकारात्मक देख सकते हैं इस गोचर के दौरान छात्र शिक्षा के क्षेत्र में सफल होंगे और उच्च अध्ययन के लिए भी जा सकते हैं. 

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के लिए सूर्य का गोचर दशम भाव में होगा. नाम, प्रसिद्धि और करियर के क्षेत्र में सूर्य का गोचर अनुकूल असर दिखा सकता है. इस भाव में गोचर में कुछ पद प्राप्ति का अवसर मिल सकता है  क्योंकि इस भाव में सूर्य को दिशा और शक्ति प्राप्त होती है. जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं या नौकरी बदलने या पदोन्नति के अवसर की तलाश कर रहे हैं, वे इस सूर्य गोचर की अवधि में अपनी इच्छा पूरी होते देख सकते हैं.

कार्यस्थल पर उच्च पद मिलने की संभावना है. इस दौरान सहकर्मी और अधीनस्थ आपके काम और आपके प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं. जिससे कार्यस्थल पर उत्पादकता और कार्यकुशलता में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है. कार्यस्थल पर वरिष्ठों के साथ संबंध सुधरेंगे. 

मीन राशि

मीन राशि के लिए, सूर्य का गोचर नवम भाव में होगा. भाग्य और आध्यात्मिकता के नौवें घर में सूर्य सकारात्मक रुप से मजबूती दे सकता है. इस गोचर के दौरान काम पूरा करने के लिए परिश्रम काम आएगा. कुछ तनावपूर्ण क्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है लेकिन चीजें बेहतर होने लगेंगी. पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.

काम के सिलसिले में कुछ तनाव और यात्रा का भी सामना करना पड़ सकता है. सेहत के लिहाज से चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता हो सकती है. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा और धार्मिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं. समाज में पहचान मिल पाएगी. आध्यात्मिक होंगे और आध्यात्मिक यात्राओं पर जाने का मौका मिलेगा. खर्चों पर ध्यान देना होगा अन्यथा बचत पहले से थोड़ी कम हो सकती है.

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बुध का वृश्चिक राशि गोचर : सभी राशियों पर होगा खास प्रभाव

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर किसी व्यक्ति के संचार, व्यवहार, व्यवसाय और तर्क -विश्लेषण के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाने वाला होता है. यह गोचर विभिन्न राशियों के लोगों के लिए कई सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देने वाला हो सकता है.

बुध का शुभ और अशुभ प्रभाव फल उस पर निर्भर करता है जिस ग्रह से इसका संबंध बनता है क्योंकि बुध जिस ग्रह या राशि के साथ होता है उसके गुण को आत्मसात करने कि कोशिश करता है. मंगल और बुध का संबंध अधिक अनुकूल नहीं माना जाता है.  ऎसे में बुध का मंगल के स्वामित्व की राशि में होना उग्रता जल्दबाजी ओर क्रोध की अधिकता को दर्शा सकता है. 

वृश्चिक राशि में बुध का प्रवेश समय  

बुध 24 अक्टूबर 2025 को 12:36 बजे से वृश्चिक राशि में गोचर करेगा. इसके बाद 29 दिसंबर 2025 तक इसी राशि में विचरण करेगा. 

मेष राशि

मेष राशि के लिए बुध आठवें भाव में गोचर कर रहा है, जो रिसर्च, परिवर्तन और अनिश्चितता को दर्शाता है. इस गोचर के दौरान, जातकों को अपने जीवन में मिले-जुले परिणाम देखने को मिल सकते हैं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है. व्यवसाय में लगे लोगों को अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता होगी.  भाई-बहनों से संबंधित फल भी प्रभावित कर सकते हैं. स्वास्थ्य समस्या परेशानी दे सकती है. स्वास्थ्य के मुद्दों से बचने के लिए, उचित ध्यान रखने की आवश्यकता है. 

बातचीत करते समय सावधान रहने की सलाह दी जाती है. अन्यथा, अनावश्यक रूप से बोलने का लहजा रिश्ते में तनाव भी दे सकता है कटु के उपयोग से बचें. साथी के बीच संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव झेलने पड़ सकते हैं. बेकार की गलतफहमी से खुद को दूर रखें. 

वृषभ राशि 

वृष राशि के लिए बुध विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर करने वाला है. यह गोचर करियर के लिए अनुकूल रह सकता है. घरेलू जीवन को शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण बनाने की ओर कोशिशें बनी रहने वाली हैं. बेहतर संवाद द्वारा चीजों को सुलझाने में आगे रह सकते हैं. प्रेम जीवन में रिश्तों की गंभीता को समझें तथा प्रेम पूर्वक रिश्ते बनाने की कोशिश करनी होगी. क्रोध और जल्दबाजी से बचना होगा. 

प्रेम के संबंध में आपके रास्ते में रुकावटें आ सकती हैं. व्यावसायिक रूप से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. बेहतर क्षमता पद प्राप्ति के साथ अच्छी स्थिति हासिल करने में मदद कर सकती है. अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होंगे. प्रयासों द्वारा सफलता और उपलब्धि प्राप्त हो सकती है. विदेशी स्रोतों से भी लाभ हो सकता है तथा लम्बी यात्राओं का योग भी बनता है. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए बुध छठे भाव में गोचर कर रहा है. छठा भाव रोगों, शत्रुओं, बाधाओं और रुकावट का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के दौरान जीवन में कुछ भावनात्मक असंतुलन सहना पड़ सकता है. स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है, इसलिए उचित ध्यान रखने की आवश्यकता है. वाद-विवाद के कारण परेशानी उभर सकती है. व्यवसायिक रूप से काम में अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी.

कार्यस्थल में सहकर्मियों के साथ सहयोग की कमी परेशान कर सकती है. कुछ मामलों में ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं यह गोचर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्ग दिखा सकता है. प्रबंधन में अपने वरिष्ठों से पूर्ण सहयोग प्राप्त हो सकता है. शत्रु आपके खिलाफ अपनी पूरी कोशिश कर सकते हैं इसलिए ध्यान से काम करना आवश्यक होगा. इस समय खर्चों की अधिकत अभी रहेगी. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए बुध का गोचर संतान, विचार, बुद्धि, प्रेम और रोमांस के घर पर होगा अर्थात पंचम भाव में बुध होंगे. कर्क राशि के जातकों के लिए बुध की यह स्थिति मिले-जुले परिणाम देने वाली हो सकती है. इस समय पर अपने समय को उचित रुप से बिताना जरुरी होगा अन्यथा काम में लापरवाही झलक सकती है. यदि छात्र हैं तो शिक्षा पर एकाग्र रहें. अगर करियर में लगे हुए हैं तो उस स्थान पर ध्यान केंद्रित रखे.

अपने काम को हल्के में न लें क्योंकि चीजें खराब होने की संभावना अधिक बनती है. इस समत एक अच्छा संचार कौशल होगा और आपकी बुद्धि में वृद्धि भी होगी. अपने किसी शौक को पूरा कर सकते हैं. जो छात्र उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए इस गोचर के दौरान बहुत अच्छा मौका हो सकता है. संतान को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने की संभावना है. आर्थिक रूप से, किसी भी जोखिम भरी गतिविधियों में निवेश न करना बेहतर होगा. 

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए बुध दूसरे और एकादश भाव का स्वामी होता है और इस समय चतुर्थ भाव में गोचर करने वाला है. चौथा भाव माता, भूमि, विलासिता और सुख का प्रतिनिधित्व करता है. बुध का गोचर घरेलू जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाला होगा, घरेलू गतिविधियों पर या पारिवारिक समय को खुशनुमा बनाने में धन का खर्च अधिक हो सकता है. अपने क्रोध और शब्दों का सावधानी से उपयोग करना होगा अन्यथा माहौल खराब भी हो सकता है.

परिवार के सदस्यों के बीच गलतफहमी और कलह उत्पन्न हो सकती है इसलिए शांति के साथ चीजों को करें. अपेक्षाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, आप अपने कार्यस्थल पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पाएंगे. परिवर्तन आपको नई सीख, अनुभव और रोमांच दे सकता है.  यह समय खुद को निखारने के लिए भी होगा. वरिष्ठ और परिवार के सदस्यों द्वारा कुछ सराहना भी की जा सकती है. इस गोचर के दौरान नया वाहन और संपत्ति भी खरीद सकते हैं. 

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर तीसरे घर पर होगा. कुंडली का तीसरा घर पराक्रम भाव भी कहलाता है. इस भाव से भाई-बहनों, साहस और यात्राओं को देखा जाता है. इस गोचर के दौरान बुध ग्रह जुनून, क्रोध, दृढ़ संकल्प और संचार कौशल में वृद्धि कर सकता है. उताह और जोश में नौकरी में बदलाव की तलाश कर सकते हैं.

भाई-बहनों और दोस्तों के प्रति सहायक रह सकते हैं तथा उनका जीवन आपको प्रभावित कर सकता है. कुछ स्वास्थ्य संबंधि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस गोचर में नए दोस्त बनने और नए लोगों से मिलने की संभावना भी है. जीवनसाथी की सामाजिक स्थिति में वृद्धि हो सकती है. जीवनशैली अधिक व्यस्त हो सकती है. कार्य क्षेत्र बेहतर होगा, काम में अधिक व्यस्त रह सकते हैं. व्यापार के क्षेत्र में कुछ अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकता है. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए बुध का गोचर दुसरे भाव में होगा. कुंडली का दूसरा भाव संचित धन, बचत, परिवार और वाणी को प्रभावित करता है. इस समय के दौरान घर में किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. बुध का गोचर शुभ फल दिला सकता है. लाभ प्राप्ति हो सकती है.

अपनी बचत को लेकर योजनाएं आगे बढ़ सकती हैं. परेशानियों से निजात पाने में सफल भी हो सकते हैं. वाणी प्रभावशाली हो सकती है तथा अपनी बातों से दूसरों को अपने पक्ष में कर पाएंगे. विदेशी भूमि से भी कुछ लाभ की संभावना दिखाई देती है. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए बुध का गोचर पहले भाव पर होगा. वृश्चिक राशि के लिए बुध अष्टम और एकादश भाव के स्वामी होते हैं. इस गोचर के दौरान मिले-जुले असर दिखाई दे सकते हैं. इस समय पर व्यवहार में मनमानापन दिखाई दे सकता है. कुछ जिद भी रहने वाली है इसलिए निर्णय लेने का कौशल भी अलग रुप से दिखाई दे सकता है.

इस समय जो कुछ भी करेंगे वह भविष्य में बहुत महत्वपूर्ण होगा. सामाजिक समारोहों में भाग ले सकते हैं. भाइ-बंधुओं के साथ मेल जोल अधिक रहेगा. कुछ चिंताएं बनी रहेंगी लेकिन उत्साह द्वारा उनसे निपटने के प्रयास भी होंगे. स्वभाव में शांत और संयमित रहने की आवश्यकता है. लंबे समय से जिन कार्यों पर अटकाव बना था वह अब गति प्राप्त कर सकता है. जल्दबाजी में कोई भी निर्णय लेने से बचना ही उचित होगा. सेहत की दृष्टि से त्वचा, रक्त आदि से संबंधित कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

धनु राशि

धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते है़ इस समय बुध का गोचर व्यय स्थान पर होगा. कुंडली के बारहवें भाव में गोचर करते हुए बुध काफी कुछ बदलाव की स्थिति को दिखा सकते हैं. आय के साधनों में वृद्धि होगी, लेकिन साथ ही आपके ख़र्चे भी अधिक होने की संभावना है. पहले की तुलना में अधिक खर्च का अनुभव कर सकते हैं. घर परिवार में जिम्मेदारियां अधिक रह सकती हैं.

व्यवसाय के लिए यात्राओं का दौर बनेगा. विदेश यात्रा का समय भी दिखाई देता है. स्वास्थ्य के मुद्दों के कारण कुछ चिंता रह सकती है इसके अतिरिक्त जीवनसाथी कुछ स्वास्थ्य और चिंता के मुद्दों से गुजर सकता है.  एक स्थिर करियर बनाने के अवसर अभी अधिक सहायक न हों लेकिन आने वाले समय में स्थिति पक्ष में काम कर सकती है. आयात और निर्यात से जुड़े काम में बेहतर फल की उम्मीद कर सकते हैं.

मकर राशि

मकर राशि के लिए बुध का गोचर एकादश भाव में होगा. बुध मकर के लिए छठे और नवम भाव का स्वामी होता है और एकादश भाव में गोचर करते हुए अच्छे लाभ के संकेत देता है. इस गोचर के दौरान, लाभ, आय के अन्य स्त्रोतों का उदय होगा. नाम और प्रसिद्धि का समय होगा. सामजैक रुप से लोगों के साथ मेल जोल के अवसर भी होंगे. संपत्ति से लाभ प्राप्ति का मौका भी मिल सकता है.

दोस्तों के साथ मिलकर यात्राओं पर जा सकते हैं. कार्यक्षेत्र में विकास के कई अवसर मिल सकते हैं.  प्रेम जीवन में सुधार की भावना का अनुभव करेंगे और सामाजिक दायरे में मित्रों की संख्या में वृद्धि होगी. विवादों में सफल होने की अच्छी स्थिति का निर्माण भी होगा. विरोधियों पर हावी रह सकते हैं. उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु घर से दूर जाने का समय भी बन रहा है. 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए बुध पंचम भाव और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं. इस समय बुध का गोचर दशम भाव में होगा. इस अवधि में अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. संचार और बुद्धि में वृद्धि का समय होगा. बुध उस भाव से गोचर करेगा जो करियर को प्रभावित करता है. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और पुराने काम का भी अच्छा परिणाम मिल सकता है.

इस अवधि में आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है. इस गोचर के दौरान शेयर बाजार और रियल एस्टेट में किया गया निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है. कार्यक्षेत्र में अचानक कुछ यात्रा होने की संभावना है, बच्चों को कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इस समय काम पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने की अश्यकता होगी. 

मीन राशि

मीन राशि के लिए बुध का गोचर नवम भाव में होगा. मीन राशि के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं. इस समय भाग्य, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिकता को अधिक बल मिलेगा.  यह गोचर धार्मिक प्रवृत्ति, अच्छे कर्म, उच्च शिक्षा को नियंत्रित करेगा.

इस समय में, छात्र शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. जो छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, वे इस अवधि के दौरान अनुकूल परिणाम प्राप्त कर पाएंगे. लिखने और पढ़ने में रुचि विकसित हो सकती है. व्यवसाय या शिक्षा से संबंधित लंबी यात्राएं होने के योग हैं. व्यापार के माध्यम से भी आपको लाभ हो सकता है. 

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सूर्य का कन्या राशि में गोचर (16 सितंबर 2025)

वैदिक ज्योतिष में, सूर्य को सभी ग्रहों में राजा का प्रतिनिधित्व प्राप्त है. सूर्य की स्थिति सभी ग्रहों के लिए नियंत्रक के रुप में होती है. सौर गणना द्वारा सौर मास का निर्धारण करती है. सूर्य का  कन्या राशि गमन विशेष रुप से खास होता है. सूर्य की स्थिति में इस समय शीतलता का प्रभाव भी समाहित होता है. कन्या राशि स्त्री तत्व को अधिक दर्शाती है और सूर्य की उर्जा यहां आकर इस उर्जा के साथ समाहित होकर विशेष असर डालने में सक्षम होती है. 

सूर्य फिर से अपना स्थान परिवर्तन कर रहे हैं 16 सितंबर 2025 को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. 16 सितंबर को रात में 24:16 में कन्या राशि प्रवेश होगा.

सिंह से निकल कर बुध की राशि कन्या में इनका प्रवेश बौद्धिक एवं राजनैतिक समिकरण पर अपना असर डालने वाला होगा. इस गोचर का सभी राशियों पर असर देखने को भी मिलेगा. 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है. इस समय गोचर में सूर्य का प्रभाव छठे घर पर होगा. छठा घर रोग शत्रु और ऋण का होता है. यहां सूर्य आपको एक अत्यधिक शक्ति देने में सहायक होगा. विरोधियों का दबाव होगा लेकिन अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में कामयाबी भी हासिल कर पाएंगे. कार्य क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनी रह सकटि है पर सफलता मिलेगी. काम पर चीजें बहुत सहज नहीं होंगी, इसलिए स्वयं को शांत रखते हुए चीजों के साथ ढलने की कोशिश करना उचित होगा.

वृषभ राशि

वृष राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है. इस समय सूर्य का गोचर पांचवें घर पर होगा. प्रेम, रोमांस, संतान के घर में सूर्य की स्थिति थोड़ी कमजोर रह सकती है. इस अवधि के दौरान कुछ समस्याएं होने की संभावना है लिए जहां तज है कुछ अच्छे परिणाम भी देख पाएंगे. इस समय संभल कर ओर धैर्य के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी. जल्दबाजी में किए गए काम परेशानी का सबब हो सकते हैं. कार्य पर ध्यान केंद्रित करना ही इस समय उचित होगा. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी होता है और इस समय चौथे घर पर गोचर करेगा. इस समय चौथे घर में सूर्य का होना सुख के स्थान में बेचैनी का कारण बन सकता है. घरेलू मुद्दे परेशानी देंगे लेकिन जरूरी होगा की स्थिति को बेहतर तरीके से काम करने की आवश्यकता होगी. चतुर्थ भाव में गोचर के दौरान सुख-सुविधाएं भी प्राप्त होंगी. लोगों के साथ खुल कर चर्चा करने का यह अच्छा समय रह सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी होता है और इस समय पर तीसरे भाव पर गोचर करेगा. साहस, भाई-बहनों और छोटी यात्राओं के भाव पर सूर्य इन सभी चीजों पर तीव्रता दिखाने वाला होगा. इस गोचर के दौरान समय अनुकूल रहेगा.  साहस और पराक्रम द्वारा सफलताओं को प्राप्त कर पाने में सक्षम हो सकते हैं. अपने कार्यस्थल पर अच्छा योगदान दे सकते हैं. 

सिंह राशि

सिंह राशि के लिए सूर्य पहले भाव का स्वामी होता है और इस समय सूर्य का गोचर दूसरे भाव में होगा.  इस गोचर के दौरान अचानक धन लाभ के अवसर मिल सकते हैं. जोखिम लेने पर माध्यम से जीत हासिल कर सकते हैं, समाजिक क्षेत्र में पद प्राप्ति का अवसर प्राप्त होगा. संचार कौशल में सुधार होने की संभावना है और जिसके द्वारा सामाजिक दायरा भी विस्तार पाएगा.  विदेश कार्यों से भी लाभ प्राप्ति के अवसर मिल सकते हैं. कुछ लम्बी दूरी की यात्राएं भी इस समय पर होने वाली हैं.

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होता है. इस समय गोचर में यह इस राशि पर ही अर्थात पहले घर पर ही होगा. राशि में ही गोचर करने पर स्वभाव में बदलाव दिखाई देगा. क्रोध, बेचैनी ओर उग्रता का अनुभव हो सकता है. कुंडली का पहला भाव अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह व्यक्तित्व, शरीर, शारीरिक बनावट को दर्शाता है. सामाजिक छवि,मान- सम्मान और स्वास्थ्य का निर्धारण होता है ऐसे में सूर्य का कन्या राशि में गोचर मिलेजुले फलों को देने वाला होगा. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य का गोचर द्वादश भाव में होगा. इस समय पर खर्च की अधिकता रह सकती है. राशि से बारहवें भाव में सूर्य का गोचर यात्राओं को दर्शा सकता है. विदेश जाने या निवास स्थान से दूर जाने के लिए अधिक उत्सुक रह सकते हैं. काम के सिलसिले में भी यात्राएं रह सकती है. कुछ समय के लिए घर से दूर रहने के लिए बाध्य हो सकते हैं. या फिर घूमने फिरने का भी अवसर मिल सकता है. इस समय अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता होगी. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का गोचर एकादश भाव में होगा. कुंडली में एकादश भाव लाभ वृद्धि का स्थान होता है, इस भाव में सूर्य का गोचर आपके जीवन में बहुत से बदलावों का पूर्वाभास देता है. संपत्ति से आय, बड़े भाई-बहनों, वरिष्ठ अधिकारियों, महत्वाकांक्षाओं और आय के स्रोत इस समय प्रभावित होंगे. सूर्य का गोचर फायदेमंद रह सकता है. इस दौरान उत्साहित नजर आ सकते हैं. आय के स्रोतों का विस्तार होगा, और कई माध्यम से पैसा कमाने में सक्षम हो सकते हैं. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए सूर्य का गोचर दशम भाव में होगा, कर्म भाव कुंडली का दशम भाव है. इससे करियर आदि के बारे में जान सकते हैं. सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान दशम भाव से सूर्य के गोचर के कारण अतिरिक्त ऊर्जा शक्ति प्राप्त होगी. विशेष रूप से कार्यक्षेत्र में कुछ उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं. नौकरीपेशा लोगों को पदों पर उन्नति के अवसर पाने का अवसर मिल सकता है. इस समय काम को लेकर कोई उपलब्धि हासिल करने की संभावना भी अधिक दिखाई दे सकती है. 

मकर राशि

मकर राशि के अष्टम भाव का स्वामी सूर्य होता है और इस समय गोचर में नवम भाव में गोचर कर रहा है. कुंडली में नवम भाव को भाग्य का स्थान माना गया है. इसके साथ ही व्यक्ति के धार्मिक विचारों, लंबी यात्राओं, तीर्थयात्राओं, गुरु और गुरु जैसे व्यक्तियों, समाज में सम्मान आदि के बारे में इसी से ज्ञात होता है. ऐसे में सूर्य के नवम भाव में गोचर का प्रभाव जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है. गतिविधियों के बारे में सतर्क रहते हुए संयम बनाए रखना चाहिए.

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी होता है और इस गोचर के दौरान अष्टम भाव में इसका गोचर होगा. वैदिक ज्योतिष में अष्टम भाव को अत्यंत रहस्यमय भाव माना गया है. इस के माध्यम से जीवन में बड़े बदलाव, आध्यात्मिकता, जीवन की समस्याओं और बाधाओं, अप्रत्याशित लाभ और हानि को देखा जाता है. सूर्य के अष्टम भाव में होने के कारण इस समय जीवन में कुछ चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है. शक्ति और बुद्धि इस समय संघर्ष का कारण बन सकती है, 

मीन राशि

मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर सातवें घर पर होगा. सूर्य का प्रभाव साझेदारी के साथ-साथ आपकी शादी, जीवनसाथी, बिजनेस पार्टनर, आयात-निर्यात व्यवसाय, सामाजिक छवि आदि को प्रभावित करने वाला होगा. सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान वैवाहिक जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है जिसके कारण जीवनसाथी से दूरी या तनाव की स्थिति उभर सकती है. इसके अतिरिक्त पति या पत्नी और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता उभर सकती है. इस समय क्रोध एवं अहंकार को अपने रिश्तों पर हावी नहीं होने देना चाहिए. इस समय चीजों को धैर्य के साथ संभालने की आवश्यकता है. 

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