चंद्रमा के गोचर का फल कैसे मिलता है ?

गोचर नियम अनुसार ग्रहों की स्थ्ति भाव अनुरुप फल प्रदान करती है. चंद्रमा का गोचर भी उसी अनुसार काम करता है. जन्म कुंडली में चंद्रमा का असर जिस भाव में होगा उसी अनुसार परिणाम मिलते हैं. गोचर के चंद्रमा को जब जन्म कुंडली में जन्मकालीन चंद्रमा की स्थिति से देखा जाता है तब उसके असर को समझा जाता है. 

जन्म कुंडली के पहले, तीसरे, छठे, दसवें और  ग्यारहवें भाव में गोचर करता हुआ चंद्रमा अच्छे परिणाम देता है. इसके अलावा गोचर के प्रभाव अनुसार जीवन में कुछ चुनौतियां अधिक बनी हुई दिखाई देती हैं. चंद्रमा 28 दिनों में एक राशि चक्र पूरा करता है, वह एक राशि में लगभग 2.5 दिन बिताता है. चंद्रमा मन और भावनाओं से संबंधित है. इसकी तेज गति हमारे दैनिक स्वभाव और भावनाओं में आने वाले उतार-चढ़ाव पर असर डालती है. 

चंद्र गोचर का सभी 12 भावों में फल 

चंद्रमा का पहले भाव में गोचर फल 

चन्द्रमा के पहले भाव में गोचर का असर रिश्तों एवं मानसिकता में होने वाले बदलावों का होता है. इस समय के दोरान व्यक्ति अपने आस पास की चीजों को लेकर बहुत अधिक सोच विचार करता है. इस समय आर्थिक स्थिति में खर्च की अधिकता रहती है. अधिक तनाव ओर चिंता बढ़ सकती है. 

चंद्रमा का दूसरे भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का दूसरे भाव में गोचर होने पर व्यक्ति को आर्थिक रुप से लाभ की प्राप्ति होती है. दूसरे भाव में गोचर करता हुआ चंद्रमा व्यक्ति को काफी उत्साहित बना सकता है. व्यक्ति सुखी और संतुष्ट दिखाई देता है. गोचर के दौरान फैमली में संपत्ति को लेकर बातें अधिक बढ़ जाती हैं. इस अवधि तक कुछ नए लोगों के साथ मेल जोल बढ़ता है. बातचीत और नई चीजों में शामिल रहते हैं. 

चंद्रमा का तीसरे भाव में गोचर फल 

चंद्रमा के तीसरे भाव में गोचर का प्रभाव परिश्रम को अधिक बढ़ा देने वाला होता है. भागदौड़ एवं यात्रा का समय होता है.  धन लाभ भी संभव है. यह एक सकारात्मक अवधि है क्योंकि जातक के प्रयास सकारात्मक रुप से काम करते हैं. भावनात्मक संतुष्टि को पाते हैं, इस दौरान चीजों को लेकर व्यक्ति के भीतर अधिक जिज्ञासा भी बनी रहती है. रोमांस और रोमांच को लेकर व्यक्ति अधिक उत्साहित दिखाई देता है. 

चंद्रमा का चतुर्थ भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का चतुर्थ भाव में गोचर घर परिवार के साथ मेल को बढ़ाता है. परिवार में कुछ कार्यों के होने की की उम्मीद कर सकते हैं. मित्रों और रिश्तेदारों से मुलाकात का समय होता है. काम काज को लेकर सम्मान और पहचान मिलती है. स्वास्थ्य को लेकर थोड.अ ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. नई चीजों की खरीद फरोख्त का समय भी होता है. इस समय पर दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका कम मिल पाता है. 

चंद्रमा का पंचम भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का पंचम भाव में गोचर फल व्यक्ति के लिए भावनाओं में अधिक व्यस्त होता है. इस समय के दौरान अपनी मर्जी के काम की पूर्ति भी होती है. शिक्षा को लेकर उत्साह बना रहता है. छात्रों के लिए ये समय बेहतर होता है. इस समय प्रेम संबंधों पर भी अधिक ध्यान बना रहता है. नई मुलाकत ओर रिश्तों में नवीनता का समय होता है. दोस्तों से मुलाकात एवं नए दोस्तों को बनाने का समय होता है. 

चंद्रमा का छठे भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का छठे भाव में गोचर व्यक्ति को नई चुनौतियों से रुबरु कराने वाला होता है. इस समय प्रतिस्पर्धा का दौर रहता है. व्यक्ति अपने कार्यों में अच्छी सफलता को पाने में सक्षम होता है. जीवन में नई घटनाएं घटती हैं. रोग विरोध जैसी बातें आप के जीवन पर भी असर डालने वाली होती है. लड़ाई-झगड़े और तर्क-वितर्क शुरू करने से भी बचना चाहिए. सामाजिक जीवन भी अधिक प्रेरक बनता है

चंद्रमा का सप्तम भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का गोचर सातवें भाव में होने पर व्यक्ति के लिए नए संघर्ष की स्थिति सामने होती है लेकिन सफलता भी मिलती है. प्रेम और सहयोग का भी अच्छा समय होता है. व्यक्ति अपने लोगों के साथ अधिक नजदीकी संबंधों को पाता है. इस समय पर व्यक्ति अपने काम में किसी के सहयोग को पाता है. सामाजिक रुप से अधिक व्यस्त भी रहता है. यात्राएं बनी रहती हैं. 

चंद्रमा का अष्टम भाव में गोचर फल 

चंद्रमा के आठवें भाव में गोचर के चलते व्यक्ति अपने आस पास की चीजों को पहचान नहीं पाता है. भ्रम की स्थिति मानसिकता पर हावि रहती है.  निराशा की भावना विचारों में व्याप्त होती है. आँखों से संबंधित कुछ समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं. कुछ आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. यात्रा करने के लिए भी यह कम ही अनुकूल होता है. सेहत से संबंधी परेशानियों के कारण चिकित्सक के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं. 

चंद्रमा का नवम भाव में गोचर फल 

नवम भाव में स्थित चंद्रमा का असर व्यक्ति को आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नती प्रदान करने वाला होता है. शत्रुओं को परास्त करने का साहस भी मिलता है. इस अवधि में व्यक्ति प्रसन्न और संतुष्ट रहता है. सेहत और रिश्तों में भी यह सुधार का समय होता है. इस समय पर बड़ों के मार्गदर्शन का लाभ मिलता है. दोस्त, रिश्तेदार और भाई-बहन हर समय साथ भी प्राप्त होता है. जीवनसाथी के साथ भी संबंध इस दौरान मधुर बने रह सकते हैं. 

चंद्रमा का दशम भाव में गोचर फल 

चंद्रमा का दसवें भाव में गोचर होने से काम काज को लेकर अधिक चिंता बनी रह सकती है. कार्य क्षेत्र में प्रगति के मौके होते हैं. इस समय अधिकारियों के साथ मेल जोल बढ़ सकता है. इस दौरान निवेश में आगे बढ़ने के कुछ अवसर अचानक से सामने आते हैं. खर्चा भी काफी बढ़ जाता है कुछ नए काम की शुरुआत के लिए भी समय विशेष होता है. परिवार में चहलकदमी बढ़ने लगती है. 

चंद्रमा का एकादश भाव में गोचर फल 

चंद्रमा के एकादश भाव में गोचर का प्रभाव व्यक्ति को अच्छे लाभ प्रदान करने वाला होता है. सफलता और प्रसिद्धि प्राप्त होने के मौके होते हैं. महत्वाकांक्षाएं बहुत तेजी से बढ़ती हैं. अपने प्रेम संबंधों में अच्छा समय देख पाते हैम. मित्रों के साथ ट्रैवलिंग का अवसर मिलता है. खर्चों की अधिकता के साथ कुछ अचानक से लाभ प्राप्त का अवसर भी मिलता है  

चंद्रमा का द्वादश भाव में गोचर फल 

चंद्रमा के बारहवें भाव में गोचर का प्रभाव कई मायनों में कमजोर होता है. इस समय पर कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं अधिक बढ़ सकती हैं. जीवन में कुछ दुख का अनुभव करता है. इस दौरान सहकर्मियों का अधिक सहयोग नहीं मिलता है.  कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन इस दौरान उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाता है. प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है. पेट से जुड़ी कुछ समस्याएं जैसे अपच या मानसिक तनाव भी बना रहता है. सौदे अधिक लाभदायक नहीं हो पाते हैं. 

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सूर्य सिद्धांत : सूर्य गोचर में कब देता है शुभ और शुभ फल

गोचर नियम अनुसर ग्रहों की शुभता एवं अशुभता का प्रभाव जन्म राशि होने वाले ग्रह के गोचर की स्थिति पर निर्भर करता है. सभी ग्रहों की गोचर का फल उनकी इसी स्थिति के अनुसर मिलता है. जन्म कुंडली में कुछ भावों पर गोचर शुभ होता है तो कुछ अशुभ. हर ग्रह अपने अनुसार फल देता है. सूर्य का गोचर जन्मकालीन राशि से तीसरे भाव, छठे भाव, दशम भाव और एकादश भाव में शुभ माना जाता है. इन भावों में जब भी सूर्य के गोचर का असर देखा जाता है तो जीवन में कुछ सकारात्मक असर दिखाता है. इसके अलावा अन्य भावों में सूर्य का गोचर अनुकूलता की कमी को दर्शाता है. 

12 भाव अनुसार सूर्य का शुभ-अशुभ गोचर 

कुंडली के पहले भाव में सूर्य का गोचर फल 

कुंडली के पहले भाव में सूर्य का गोचर शुभता की कमी को दर्शाता है. सूर्य के गोचर फल के कारण व्यक्ति को सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अपने काम को लेकर अधिक सावधान रहना होता है. गोचर के दौरान हृदय, रक्तचाप, सिरदर्द और आंखों से संबंधित  समस्याएं अपना असर डाल सकती हैं. मानसिक रुप से अशांतिआधिक रहती है. बेचैनी का भाव बना रहता है. जीवन में चीजों को देखने का नजरिया भी बदला हुआ सा होता है. 

कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का गोचर फल 

कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य का गोचर होने पर धन से जुड़े मामले अधिक समस्या उत्पन्न करने वाले होते हैं. परिवार में स्थिरता के साथ अशांति का अनुभव हो सकता है. समाज में स्थिति को लेकर भी अधिक सजग होते हैं. वाणी में कठोरता आने लगती है और व्यर्थ के विवाद बढ़ सकते हैं. कार्यस्थल पर भी कठिनाइयों का सना करना पड़ सकता है. रोग एवं गुप्त चिंताएं बढ़ सकती हैं. गुस्से और चिड़चिड़ेपन पर नियंत्रण रखना इस समय बेहद जरुरी होता है. जीवनसाथी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी अनबन हो सकती है.

कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य का गोचर फल 

के तीसरे भाव में सूर्य का गोचर काफी अनुकूल होता है. इस समय के दौरान परिश्रम और उत्साह से व्यक्ति भाग्य का फल पाता है. नौकरी में प्रगति का मौक अमिलता है. कारोबार से जुड़े फैसलों को आगे बढ़ा पाने में सफल हो सकते हैं. कुछ पदोन्नति या वेतन वृद्धि भी देखने को मिल सकती है. इस समय अपने काम के साथ साथ अपने सुख एवं अच्छे स्वास्थ्य को पाते हैं. धनार्जन के मौके अच्छे होते हैं और शत्रु परास्त होते हैं. 

कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर फल 

कुंडली के चतुर्थ भाव में सुर्य का गोचर होने से व्यक्ति को आर्थिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है. अपने लोगों के साथ विवाद भी अधिक रह सकता है. इस गोचर के दौरान गुस्से और ज़ुबान पर क़ाबू रखने की ज़रुरत है क्योंकि यह परिवार में तनाव को बढ़ा सकती है. दोस्तों के साथ कुछ अलगाव समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. मान सम्मान को लेकर चिंता रहती है. माता-पिता का स्वास्थ्य भी चिंता देता है. किसी भी जोखिम भरे निवेश या अटकलों से बचना ही उचित होता है. स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए सीने से संबंधित समस्याए एवं रक्तचाप समस्याए बनी रहती हैं. 

कुंडली के पंचम भाव में सूर्य का गोचर फल 

सूर्य के पंचम भाव में गोचर का प्रभाव परेशानी और चिंता को दिखाता है. मानसिक तनाव और व्यर्थ के विरोधाभास की स्थिति जीवन पर असर डालती है. छवि और स्थिति पर भी असर पडता है. प्रेम संबंधों को लेकर स्थिति कमजोर रह सकती है. अपने दोस्तों या सीनियर्स के साथ कुछ अनबन भी होती है. सहकर्मियों और कर्मचारियों के साथ कुछ कम्युनिकेशन गैप या गलतफहमी भी हो सकती है. काम का बोझ अधिक रहता है इसलिए तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है. 

कुंडली के छठे भाव में सूर्य का गोचर फल

सूर्य का छठे भाव में गोचर करना बेहतर परिणाम दिलाने वाला होता है. यह अच्छा समय भी माना जाता है. इस समय कठिन मामलों में राहत पाने में मदद मिलती है. इस दौरान शत्रु भी कमजोर दिखाई देते हैं. यह कुल मिलाकर एक सुखद और भाग्यशाली अवधि साबित हो सकती है. प्रयास सफलता पाते हैं. सेहत पर भी बेहतर प्रभाव दिखाई देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है. कानूनी मामलों में सफलता मिलती है. 

कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य का गोचर फल

सूर्य का सप्तम भाव में गोचर कमजोर होता है. पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. दूसरे आपके काम पर सवाल उठाने लगते हैं. शत्रु और प्रतिस्पर्धी भी आपको नीचे खींचने की कोशिश कर सकते हैं. वैवाहिक जीवन में दूरी, कुछ मानसिक तनाव पूरे समय बना रहता है. इस अवधि में आपको किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए. स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की संभावना भी बढ़ जाती है. 

कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का गोचर फल

कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नही होता है. इस समय पर हेल्थ पर असर अधिक दिखाई देता है. विशेष रूप से हृदय और पेट से संबंधित रोग उभर सकते हैं. अपने जीवनसाथी और बच्चों के साथ भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. नकारात्मक ग्रह ऊर्जा के चलते कार्यों में अटकाव हो सकता है. पिता अथवा वरिष्ठ लोगों के साथ रिश्ते में कमजोर स्थिति बनती है. सरकार के साथ कुछ मुद्दे भी इस दौरान आपको परेशान कर सकते हैं.

कुंडली के नवम भाव में सूर्य का गोचर फल

कुंडली के नवम भाव में भी सूर्य का गोचर कमजोर स्थिति को दर्शाता है. जमीन-जायदाद के मामलों में परेशानी बनी रह सकती है. किसी भी अप्रत्याशित यात्रा का होना थकान और परेशानी को बढ़ा सकता है.  घरेलू अशांति भी बढ़ती है क्योंकि समझ की कमी बनी रहती है. माता के साथ कुछ विवाद हो सकता है. सूर्य की इस स्थिति के कारण जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में देरी का अनुभव होता है. व्यर्थ के खर्च अधिक बढ़ सकते हैं और धन हानि भी संभव हो सकती है.

कुंडली के दशम भाव में सूर्य का गोचर फल

कुंडली के दशम भाव में सूर्य के गोचर की स्थिति वैदिक ज्योतिष में अच्छे परिणाम दिखाने वाली मानी जाती है. इस समय के दोरान करियर में प्रगति का समय होता है. सरकारी कार्यों में भी राहत मिलती है. इस गोचर के साथ स्थिति और कमाई में भी सुधार होता है. सामाजिक संपर्कों में भी सुधार होता है तथा उच्च अधिकारियों के साथ मेलजोल का अवसर मिलता है. यात्रा एवं लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह एक अच्छा समय होता है. व्यवसाय से संबंधित अच्छे परिणाम मिलते हैं.

कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का गोचर फल

कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का गोचर अच्छा माना जाता है. यह एक शुभ अवधि के रुप में सहायक बनता है. इस समय अधिक प्रयास किए बिना ही लाभ की प्राप्ति होती है. इस दौरान प्रमोशन, लाभ प्राप्ति के अतिरिक्त मौके मिल सकते हैं. मित्रों का सहयोग बढ़ता है. जीवन में इच्छाओं को पाने के लिए प्रयास अच्छे परिणाम दिखाते हैं.  नए लोगों अथवा उच्च स्तर के कार्यों से जुड़ने का मौका मिलता है. भाई बंधुओं का सुख प्राप्त होता है. समाज में प्रतिष्ठा पाने का समय होता है. 

कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य का गोचर फल

सूर्य का द्वादश भाव में गोचर जीवन में चुनौतियों की अधिकता को दिखाने वाला होता है. सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ विवाद हो सकता है. शत्रु प्रगति में बाधा डाल सकते हैं.  इस दौरान विपक्ष अधिक मजबूत दिखाई देता है. सेहत भी परेशान करती है आंखों से संबंधित रोग परेशानी दे सकते हैं. इस दौरान जीवनसाथी के स्वास्थ्य एवं व्यवहार को लेकर भी चिंता बनी रह सकती है. खर्चों में वृद्धि जमा पूंजी पर दबाव डालती है. 

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सूर्य महादशा आपके लग्न पर कैसे डालती है अपना असर

सूर्य महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर एक कम अवधि के लिए पड़ता है. इस दशा के दोरान व्यक्ति आत्मिक रुप से जागरुक बनता है. वह अपने आस पास की स्थिति को अब बहुत अधिक गहराई से देख पाता है. सूर्य आत्मा का कारक है जिसके चलते व्यक्ति जो भी अनुभव करता चला जाता है उन सभी का उसे आने वाले जीवन पर भी असर पड़ता है. सभी लग्नों में सूर्य की महादशा का असर कुछ मौलिक चीजों को छोड़ कर अलग-अलग दिखाई देता है. यहां व्यक्ति को सूर्य की दशा लग्न के अनुसार प्रभाव देती है. मेष से मीन लग्न तक सभी में सूर्य अपने अपने स्वामित्व के आधार पर ही अपने असर को दिखाता है. 

सूर्य महादशा के प्रभाव में चल रहे हैं, तो लग्न के आधार पर फल अशुभ और शुभ दोनों हो सकते हैं अलग-अलग लग्न अलग-अलग परिणाम देते हैं और यह पूरी तरह से सूर्य ग्रह की शक्ति और शक्ति पर निर्भर करता है. यदि सूर्य ग्रह स्वराशि, उच्च और मित्र राशि में स्थित हो तो निश्चित रूप से शुभ फल देता है. यदि यह पापी शनि, राहु, केतु और मंगल से पीड़ित है तो यह निश्चित रूप से बुरा परिणाम देगायदि ग्रह तुला राशि में नीच का हो तो सूर्य की महादशा अवश्य ही अशुभ फल देगी.

आइये जानते हैं कैसे सभी लग्न के लिए सूर्य महादशा दिखाती है अपना फल 

मेष लग्न के लिए सूर्य महादशा का परिणाम

मेष लग्न वालों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है. सूर्य ग्रह पंचम भाव पर अधिपत्य रखता है जिसके कारण यह काफी शुभ हो जाता है. सूर्य व्यक्ति को शुभदायक फल प्रदान करता है.  से जातक के लिए एक लाभकारी ग्रह है.

वृष लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

वृष लग्न के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है. इस स्थान को केन्द्र भाव भी कहा जाता है. यहां सूर्य शुभ स्थिति में होने पर अनुकूल परिणाम देता है. सूर्य की स्थिति का प्रभाव व्यक्ति को सकारात्मक रुप से मान सम्मान प्रदान करने में भी सहायक बनता है. 

मिथुन लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

मिथुन लग्न के लिए तीसरे भाव का स्वामी  होता है सूर्य ग्रह. यह इस भाव का स्वामी होकर मिलेजुले परिणाम प्रदान करता है. व्यक्ति को पराक्रम मिलता है साहस अच्छा होता है. एकाग्रता की कमी परेशान कर सकती है. 

कर्क लग्न के लिए सूर्य महादशा का परिणाम

कर्क लग्न के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी होता है. सूर्य ग्रह वैदिक ज्योतिष के अनुसार यहां पर तटस्थ होता है. इस दशा के दोरान व्यक्ति को आर्थिक स्थिति में अच्छे मौके मिलते हैं लेकिन क्रोध एवं वाणी में उग्रता का प्रभाव देखने को मिलता है. सूर्य पीड़ित और दुर्बल होने पर  बुरा परिणाम दे सकता है.

सिंह लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

सिंह लग्न के लिए सूर्य लग्नेश होकर शुभ होता है. सूर्य ग्रह अत्यंत संतोषजनक और अभूतपूर्व परिणाम दे सकता है. सूर्य लग्न का स्वामी है और एक प्राकृतिक शुभ ग्रह बन जाता है. सूर्य की महादशा के दौरान विकास के अच्छे मौके मिलते हैं. सामाजिक प्रतिष्ठा, आर्थिक लाभ, महिमा और सामाजिक स्थिति अच्छी होती है. 

कन्या लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

कन्या लग्न  के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होता है. यह भाव व्यय का स्थान होता है इस कारण से सूर्य की दशा कुछ खराब परिणाम देने वाली होती है. इस समय व्यक्ति अपने खर्चों के कारण परेशानी अनुभव कर सकता है. व्यक्ति को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से परेशानी अधिक झेलनी पड़ सकती है. विदेश से लाभ मिलता है. 

तुला लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

तुला लग्न के लिए सूर्य एकादश भाव का स्वामी होकर लाभ प्रदान करने वाला होता है. लाभ भाव का स्वामी होकर सूर्य लाभकारी रहता है.. अच्छी स्थिति में स्थित सूर्य महादशा के दौरान पर्याप्त धन, ज्ञान, सम्मान, सम्मान और सामाजिक स्थिति मिल सकती है. 

वृश्चिक लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

वृश्चिक लग्न के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी होता है. सूर्य महादशा में व्यक्ति अपने करियर में नए पड़ाव अनुभव कर पाता है. 10वें भाव का स्वामी सूर्य यदि अच्छी स्थिति में तो व्यक्ति अपने करियर से ऊंचाईयों को छू लेने में सक्षम होता है. 

धनु लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

धनु लग्न के लिए सूर्य नवम भाव का स्वामी होता है. भाग्य का स्वामी बनकर सूर्य व्यक्ति को अच्छे लाभ प्रदान करता है. सूर्य महादशा व्यक्ति को भ्रमण के अवसर देती है. व्यक्ति को धार्मिक यात्राओं का मौका भी इस समय के दोरान मिलता है. 

मकर लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

मकर लग्न के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होता है. अष्टम भाव का स्वामी होकर सूर्य दशा खराब रुप में फल अधिक देती  सूर्य की महादशा के दौरान अच्छे परिणाम का अनुभव नहीं हो पाते हैं. सूर्य ग्रह आठवें भाव का स्वामी है जो मारकेश भी बन जाता है. 

कुम्भ लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

कुम्भ लग्न के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी बनता है. सूर्य की स्थिति व्यक्ति को सामाजिक एवं कारोबार में अधिक प्रभावित करने वाली होती है. सूर्य की महादशा के दौरान मिलेजुले अनुभव हमें प्राप्त होते हैं. यदि जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित है, तो वित्तीय मुद्दों और वैवाहिक कलह का अनुभव भी दे सकता है. 

मीन लग्न के लिए सूर्य महादशा का फल

मीन लग्न के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी होता है.  जन्म कुंडली में छठा भाव रोग, ऋण और शत्रुता को दर्शाता है. जन्म कुण्डली में सूर्य की महादशा व्यक्ति को शत्रुओं की अधिकता दे सकती है स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं. 

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बुध का मीन राशि में गोचर : जानें अपनी राशि पर इसका असर

बुध का मीन राशि में गोचर विशेष होता है क्योंकि बुध के लिए मीन राशि में होना नीच राशि स्थान भी होता है. यह विभिन्न राशियों के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है. बुध एक व्यक्तिगत ग्रह है जो हमारे व्यक्तित्व का प्रतीक हैं, बुध हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है और निर्धारित करता है, हमारे संवाद और संचार पर यह गहरा प्रभुत्व रखता है. कैसे बोलते हैं और अपनी रणनीतियों और व्यावहारिकता का उपयोग अपनी दिनचर्या में कैसे किया जाता है. बुध पर इसका गहरा महत्व डालता है.  

बुध का मीन राशि में गोचर समय 

बुध 27 फरवरी 2025 को गुरुवार को रात 23:45 बजे मीन राशि में प्रवेश करेगा. आइए जानते हैं कि बुध का मीन राशि में गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है. 

मेष राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

बुध आपके बारहवें भाव में गोचर करेगा. इसके कारण कुछ चिंता के मुद्दों से जूझना पड़ सकता है. निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है. चेतना और व्यावहारिक दृष्टिकोण की आवश्यकता भी होगी. यह भाव अवचेतन पक्ष से जुड़ी हुआ है. इस दौरान नींद की कमी प्रभावित कर सकती है. इसलिए जरूरत है स्वास्थ्य को लेकर सजग रहा जाए. इस अवधि में कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए.  

वृष राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

बुध का गोचर एकादश भाव में होगा और इस वजह से सामाजिक क्षेत्र में प्रभाव कुछ मिलाजुला रह सकता है.  दूसरों के साथ कुछ भावनात्मक लगाव महसूस कर सकते हैं. कुछ भावनात्मक सहयोग भी मिलेगा नए रिलेशनशिप आरंभ हो सकते हैं. बुध का प्रभाव व्यक्ति को अपने पुराने काम पर अधिक फोकस करने के लिए प्रेरित करेगा. बौद्धिक रुप से मार्गदर्शन का समय होगा. 

मिथुन राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

बुध मिथुन राशि के लिए  दशम भाव में गोचर करेगा. यह एक ऐसी स्थिति को जन्म देगा जहां सोचने की क्षमता तेज होगी. अपने मनोकूल काम न हो पाएं. नौकरी में कुछ बदलाव की संभावनाएं अधिक रहेंगी. मनचाहे परिणाम भी मिल सकते हैं. बुध गोचरके जन्म के चंद्रमा पर एक चौकोर पहलू बनाएगा और संघर्ष का कारण बनेगा जो आपके पेशे को बढ़ा सकता है.

कर्क राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

कर्क राशि के लिए बुध नवम भाव में गोचर करेगा. कुछ भी नया सीखने के लिए सबसे अच्छा समय हो सकता है. इस अवधि में छात्रों के लिए समय काफी अनुकूल रह सकता है. परिक्षाओं में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं. कोई विशेषज्ञता करियर के क्षेत्र में अच्छी तरह से उपयोग हो पाएगी.  यात्राओं एवं धार्मिकता से जुड़ने का समय होगा. 

सिंह राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

सिंह राशि के लिए बुध अष्टम भाव में गोचर करेगा. दिनचर्या में अधिक व्यस्त दिखाई दे सकते हैं. इस स्थिति में और अधिक चीजों को जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है. इस समय अचानक से लाभ और हानि की संभावना भी है. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा. रक्त संबंधी विकार उभर सकते हैं अपने निवेश के प्रति सजग रहना होगा.

बुध गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव

कन्या राशि के लिए बुध का गोचर सप्तम भाव में होगा. यह चंद्रमा और बुध के बीच एक विपरीत स्थिति को भी दिखाता है. कुछ मामलों में रिश्ते में ठहराव की स्थिति भी परेशानी दे सकती है.  कई स्थितियां विभिन्न दुविधाओं को दिखा सकती हैं. अपने वैवाहिक जीवन को शांतिपूर्ण बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. रिश्ते में एकाकीपन आ सकता है.  

तुला राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

तुला राशि में बुध का छठे भाव में गोचर होगा. इस अवधि के दौरान अप्रत्याशित धन हानि या नौकरी की असुरक्षा का भाव भी उजागर हो सकता है. लोगों के साथ व्यर्थ की बातों में तनाव भी हो सकता है. दिनचर्या में बदलाव की स्थिति दिखाई दे सकती है. इसलिए अपनी दिनचर्या में संतुलन बनाए रखना होगा, अन्यथा कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

वृश्चिक राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि के लिए बुध का गोचर पंचम भाव में हो सकता है. बुध का गोचर लोगों के साथ तालमेल बिठाने में सहायक हो सकता है. इस दौरान शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं. लंबे समय के बाद आप शांत और तनावमुक्त महसूस कर पाएंगे. यात्राओं का समय होगा अपने दोस्तों के साथ समय बिताने का समय होगा. 

बुध गोचर का धनु राशि पर प्रभाव

धनु राशि के लिए बुध का गोचर चतुर्थ भाव में होगा. यह गोचर परिवार में कुछ बदलाव दिखा सकता है. घर के वातावरण में अनावश्यक समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अपने रिश्तेदारों के साथ संपत्ति के मुद्दों पर विवाद का सामना करना पड़ सकता है. परिवार के साथ समय बिताएं. माता-पिता का आशीर्वाद नियमित रुप से प्राप्त करें.

मकर राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

मकर राशि के लिए बुध का गोचर तीसरे भाव में होगा. इस समय पराक्रम में कुछ कमी रह सकती है. अपने लक्ष्यों को पाने के लिए कोशिशें बढ़ानी होंगी. आत्मविश्वास कुछ कमजोर हो सकता है. इस समय खुद पर काम करने की जरुरत होगी. सकारात्मक रुप से आगे बढ़ना होगा मिलेगा. सेल्सपर्सन को अपने वार्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अच्छा लाभ मिलेगा.

कुंभ राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

कुंभ राशि के लिए बुध दूसरे भाव में गोचर करेगा. इस समय के दौरान आर्थिक स्थिति पर अधिक ध्यान देने की जरुरत होगी. बजट को बेहतर रुप से बनाए रखने की जरुरत होगी. ये समय वितीय मामलों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. धन कहीं अटका रह सकता है. परिवार पर अधिक ध्यान देने की जरुरत होगी. 

मीन राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

मीन राशि के लिए बुध का गोचर प्रथम भाव में होगा. कुछ अधिक विचारों में रह सकते हैं. मतभेद अधिक रह सकते हैं. कोई भी कदम उठाने के बारे में असुरक्षित महसूस कर सकते हैं.  इस दौरान स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य करना चाहिए. खान पान में लापरवाही से बचें और नींद के प्रति लापरवाही से बचें 

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शुक्र का मेष राशि गोचर : जानें अपनी राशि पर इसका असर

शुक्र नई ऊर्जा और नई चीजों को बनाने का मौका देने के अलावा, लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके में साहस को लाता है. मेष से पूर्व शुक्र जहां अपनी उच्च राशि में गोचर कर रहे थे अब वह वहां से हट कर मेष राशि में जाएंगे.

शुक्र वैभव विलास का ग्रह है तो वहीं मेष राशि अग्नि तत्व युक्त उत्साह से भरपूर राशि है. शुक्र अपनी स्थिति बदलने जा रहा है. शुक्र का प्रभाव कुछ राशियों के लिए नई ऊर्जा और नई चीजें दिखाने और करने का मौका देने वाला होगा. लक्ष्यों को प्राप्त करने में साहस मौजूद होगा. तो कुछ राशियों के लिए ये समय संभल कर तथा धैर्यशीलता के साथ आगे बढ़ने का होगा.

शुक्र का मेष राशि गोचर कब होगा?

31 मई 2025 को शुक्र का गोचर मेष राशि में होगा. शुक्र का मेष राशि प्रवेश सुबह 11:52 में होगा. शुक्र के बदलाव का मंगल की राशि मेष में जाना रोमांच, उत्साह ओर चकाचौंध की दुनिया को भी बदलने वाला होगा. आइए जानते हैं कि शुक्र के मेष राशि में आने सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा ये राशि परिवर्तन. 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र की चाल सुखद हो सकती है. इस दौरान जिस तरह आप खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कर सकते हैं. सौंदर्य वर्धक वस्तुओं, उत्पादों पर भी धन खर्च कर सकते हैं. पारिवारिक जीवन में आपके करीबी लोग आपकी बातों से प्रभावित हो सकते हैं. इस समय के दौरान भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति एवं उस पर खर्च की स्थिति बनी रह सकती है.

वृष राशि 

वृष राशि वालों को इस समय खर्चों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. अचानक से कुछ यात्रा के कार्य हो सकते हैं. बाहरी खान-पान के कारण सेहत कुछ कमजोर रह सकती है. इस समय विदेशी कार्यों में लिप्त लोगों को अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है. इस समय के दौरान कुछ निर्णयों को लेकर आप परेशानी का अनुभव कर सकते हैं लेकिन जल्दबाजी में लिए गए फैसलों को लेकर सोच विचार कर लेना उचित होगा.

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के एकादश में शुक्र का गोचर धनार्जन के मौके देने में सहायक हो सकता है. प्रेम की प्रचुरता देखने को मिल सकती है. कीमती रत्नों और आभूषणों के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए शुक्र का यह गोचर फायदेमंद साबित हो सकता है. इस समय के दौरान सामाजिक क्षेत्र में लोगों के साथ मेल जोल की अधिकता भी रह सकती है.

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए इस दौरान कामकाज में अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. परिवार में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं. धन प्राप्ति के साथ ही धन व्यय भी कर सकते हैं. नौकरी चाहने वालों को अपने करियर में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है.इस समय वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से काम का बोझ मिल सकता है. इस समय पर काम में स्थिरता की कमी हो सकती है.

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए ये समय भाग्यदायक हो सकता है. परेशानियों से कुछ राहत मिल सकती है. यात्रा आपके लिए नई संभावनाएं लेकर आ सकती है. जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिल सकता है. घर के लोगों के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे, बड़े भाई-बहनों के माध्यम से आपको लाभ मिल सकता है.यह समय गुरु जनों की संगत का भी होगा ओर कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों से जुड़ने का मौका मिलेगा.

कन्या राशि 

अष्टम भाव में शुक्र का गोचर मिश्रित परिणाम देगा. इस समय कुछ अचानक से धन खर्च की अधिकता अथवा घाटे की स्थिति चिंता दे सकती है. परिवार में किसी बात को लेकर कुछ विवाद भी हो सकते हैं. इस समय पर सोच-विचार पश्चात ही कोई फैसला लेना उचित होगा अन्यथा आने वाले समय में फैसले अनुकूल न रह पाए़ं. 

तुला राशि 

वैवाहिक जीवन में कुछ बदलाव देखाई दे सकते हैं. घर पर नए मेहमानों का आगमन हो सकता है. जो लोग विदेशी कंपनियों या फिर साझेदारी में काम कर रहे हैं उनके लिए यह समय अनुकूल साबित हो सकता है. इस दौरान आपको अपने व्यापार को बढ़ाने में सफलता मिल सकती है और आप इससे काफी लाभ कमा सकते हैं.

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए छठे भाव में गोचर करते समय शुक्र उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है. घर या वाहन के लिए कोई बड़ा कर्ज लेना चाहते हैं तो यह सही समय नहीं है. विरोधियों की ओर से परेशानी रह सकती है. स्वास्थ्य का ध्यान रखें. उच्च अंक प्राप्त करने के लिए छात्रों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी.

धनु राशि

धनु राशि के लिए शुक्र ग्रह आपकी राशि से पंचम भाव में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरुप प्रेम संबंधों में सुधार होता दिखाई दे सकता है. छात्रों के लिए भी समय अच्छा रहेगा, परिवार के सदस्यों और सहपाठियों की मदद से कठिन विषयों पर भी आपकी अच्छी पकड़ हो सकती है. 

मकर राशि 

मकर राशि के लिए शुक्र का यह स्थानांतरण घरेलू जीवन तथा सुख को प्रभावित करने वाला होगा. माता का प्रेम मिलेगा तथा घर पर कुछ नई वस्तुओं को ला सकते हैं. इस दौरान काम काज में पदोन्नति या आय में वृद्धि हो सकती है. अपने भाई बंधुओं के साथ मिलकर कुछ कार्यों में गतिविधियां ते हो सकती हैं. 

कुंभ राशि 

पराक्रम के भाव में शुक्र की स्थिति होने से उत्साह-जोश में वृद्धि होगी. रचनात्मक एवं अभिरुचि से संबंधित विषयों में आपकी अच्छि पकड़ बन सकती है. भाई बहनों के साथ कुछ समय बिताएंगे. इस समय रोमांच से भरपूर कार्यों में शामिल हो सकते हैं. परिवार में नई चीजों का आगमन हो सकता है और आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है.

मीन राशि 

शुक्र का प्रभाव आर्थिक पक्ष को मजबूती दिलाने वाला होगा. दांपत्य जीवन में संबंध सुधार होगा. धन संचय करने में सक्षम होंगे, यात्रा में निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना उचित होगा. मांगलिक कार्यों में शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा. इस समय पर परिवार में कुछ नए बदलाव भी हो सकते हैं. संचार से संबंधित काम सफल रह सकते हैं लेकिन वाणी की कठोरता से बचना होगा.

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शुक्र का कुंभ राशि गोचर 12 राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र का गोचर कुंभ राशि में 07 मार्च 2024 को होगा. शुक्र का कुंभ राशि प्रवेश होने पर वृष एवं तुला राशि वालों के लिए ये समय खास होगा. इन दोनों राशियों का स्वामी शुक्र है ऎसे में शुक्र का राशि बदलाव इन पर सीधेतोर पर असर डालने वाला होगा. 

मेष राशि

शुक्र का कुंभ राशि में परिवर्तन मेष राशि के जातकों के लिए अनुकूल समय रह सकता है. शुक्र का राशि परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए अच्छे दिनों की शुरुआत का संकेत भी दे सकता है. मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर लाभ और आमदनी के नए मौके देने वाला हो सकता है. ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं. नौकरी में आपको प्रमोशन और आर्थिक स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा. व्यापार से जुड़े जातकों को भरपूर मुनाफा मिलेगा. नए व्यापार की दिशा में काम करने वाले जातकों के लिए दिन बहुत ही शुभ रहेगा.

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन अनुकूल रहने वाला है. कुंभ शुक्र के लिए मित्रवत स्थान है जिसके कारण राशि बदलाव बहुत ही लाभदायक रहने वाला है. इन राशि के लोगों के पास नौकरी और करियर में तरक्की करने का समय है. नौकरी के कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं. नौकरी में प्रमोशन और अधिकारियों से तारीफ मिल सकती है. भाग्य आपका साथ देगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार देखने को मिलेगा. सम्मान मिलेगा. किसी खास प्रोजेक्ट में आपको सफलता मिलेगी. जीवनसाथी के साथ संबंध अनुकूल रह सकते हैं. 

‘मिथुन राशि

शुक्र का कुंभ राशि में प्रवेश मिथुन राशि के लिए सामान्य रुप से अच्छा रह सकता है. इस समय आपका मन कुछ संतोषजनक रह सकता है.  काम पूरा करने में परिश्रम अधिक रहने वाला है. काफी मेहनत या कष्ट के बाद ही चीजें साथ दे पाएंगी. मेहनत अधिक रहेगी लेकिन लाभ कुछ कम ही होंगे. पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और प्रतिष्ठा पर भी इस समय असर पड़ सकता है. अपनी हेल्थ का भी विशेष ध्यान रखें. इस समय आपके काम बिना किसी रुकावट के पूरे हो सकते हैं. परिवार या किसी प्रिय व्यक्ति के साथ प्रवास पर जाने की संभावना है. इस समय का सदुपयोग करना उचित होगा.

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए समय सामान्य होगा, लेकिन अचानक होने वाले लाभ भी इस समय आपको प्रभावित करने वाले होंगे. इस दौरान आपको अप्रत्याशित आर्थिक लाभ हो सकता है. कर्ज वसूली, गैर-पारंपरिक आय से भी कुछ लाभ प्राप्ति का समय होगा. जीवनसाथी या प्रियतम के साथ यात्रा करने का मौका मिल सकता है. स्वास्थ्य संबंधी चिंता या दुर्घटना की आशंका रह सकती है. काम में विघ्न और परेशानी भी आ सकती है लेकिन भाग्योदय के नए अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. किसी नई योजना या नए कार्य की भी संभावना बन सकती है.

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र के कुंभ राशि में गोचर करने से धन और सुख की प्राप्ति के योग बन सकते हैं. आप अपने जीवन साथी से मित्रवत रहने की कोशिश करने पर भी व्यर्थ के विवादों में फंस सकते हैं. लोगों के साथ बेवजह के मतभेद बढ़ सकते हैं. ससुराल पक्ष से विवाद खत्म हो सकता है और वसीयत के कामों में परेशानी और उलझन कम होगी. जीवन साथी की ओर से सहयोग की प्राप्ति हो सकती है. पूर्व में किया गया कोई निवेश आपको लाभ दे सकता है. साझेदारी का कोई भी फैसला इस दौरान अकेले न लें और जहां तक हो सके नए अनुबंध से बचना होगा.

कन्या राशि

नौकरी के लिहाज से शुक्र का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा. लेकिन स्वास्थ्य संबंधी चिंता और शत्रुओं से पीड़ा आपके लिए बाधा बन सकती है. आपको आर्थिक लाभ मिलेगा. काम के सिलसिले में विदेश जाने की संभावना बन सकती है. जीवन साथी के संबंध में परेशानी हो सकती है. जो लोग विवाह के लिए योग्य साथी की तलाश में हैं उन्हें भी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. इस समय किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें क्योंकि विश्वासघात की संभावना अधिक है. यदि व्यापार में कोई भागीदार है तो उसके साथ मतभेद या गलतफहमियां उत्पन्न होंगी.

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शुक्र का कुंभ राशि में गोचर अनुकूल रह सकता है. लेकिन कुछ मामलों में मिलेजुले परिणाम देगा. प्रेम के प्रति असंतोष भी अधिक रह सकता है. संपत्ति, मकान और वाहन संबंधी कार्य अधिक प्रभावित करने वाले होंगे. माता से संबंध अनुकूल रहेंगे. प्रसन्नता और मानसिक शांति बनी रह सकती है. वर्तमान समय में परिश्रम अधिक रहने वाला है इस समय धैर्य से काम करना अनुकूल होगा. जो लोग सरकारी नौकरी या व्यापार से जुड़े हैं उन्हें इस समय कुछ खास फायदा नहीं मिल पाएगा. इस दौरान यदि आमदनी और बकाया धन की प्राप्ति हो तो वह प्राप्त हो सकता है.

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र के कुंभ राशि में गोचर करने से चिंता और बेचैनी रहेगी. लेकिन के द्वारा काम सफल होंगे. मनोभाव मिलेजुले रुप से प्रभावित होंगे. इस समय छात्र वर्ग का भी पढ़ाई में मन लगेगा. मौजूदा समय में शेयर बाजार में निवेश करने से पैसा फंसने या गुम होने की संभावना बढ़ जाएगी. माता या परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है. अप्रत्याशित ख़र्चे आपको आर्थिक तंगी में डाल सकते हैं. अधिकारी का सहयोग कम रहेगा, फिर भी आप अपनी कुशलता से उन्नति के मार्ग प्रशस्त कर पाएंगे. शत्रु या प्रतिस्पर्धी आपके सामने सिर नहीं उठा सकते.

धनु राशि

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके लिए सामान्य तौर पर फलदायी रहेगा. लेकिन भाग्य साथ देगा. भाई-बहन के संबंधों में सुधार आएगा. अचानक नौकरी बदलने या नौकरी को लेकर किसी तरह की परेशानी होने की संभावना है. नौकरी में अचानक बदलाव हो सकता है और किसी रिश्ते में अचानक नकारात्मक बदलाव आ सकता है. दांपत्य जीवन में भी जीवनसाथी के साथ रिश्ते में कुछ कड़वाहट आ सकती है. मौजूदा समय में जो लोग किसी विदेशी कंपनी में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह सी

मकर राशि

शुक्र के गोचर से आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं और आय में कमी आ सकती है. इस वजह से आपकी मानसिक चिंता बढ़ सकती है. हाथ पैरों में छोटी या बड़ी चोट लगने की संभावना हो सकती है. किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर जाने के योग बन सकते हैं. रक्त विकार से संबंधित रोग होने की संभावना रहेगी. चर्म रोग भी हो सकते हैं. खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतें, अन्यथा आप बीमार पड़ सकते हैं. भाग्य आपके साथ मध्यम रहेगा. मानसिक मजबूती के साथ काम करना सबसे जरूरी है.

कुंभ राशि

शुक्र के कुंभ राशि में गोचर करने से आप परिवार को लेकर अधिक चिंतित रहेंगे, जिससे आपका मन किसी काम में नहीं लगेगा. कुछ शारीरिक कष्ट होने के योग हैं. प्रेम संबंध की बात करें तो विपरीत लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षण की भावना प्रबल होगी. जिससे आपके जीवन में नई ऊर्जा का आगमन हो सकता है. सामान्य धन मिलने पर भी मन में असंतोष का भाव रह सकता है. आपका जीवनसाथी भी आपको बेहतरीन सहयोग प्रदान करेगा जिससे आपके परिवार में ख़ुशियाँ बढ़ेंगी.

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र के कुम्भ राशि में गोचर करने से यह समय मिला जुला रहेगा. विदेश संबंधी कार्यों को हल करने के अनुकूल अवसर प्राप्त होंगे. स्वास्थ्य संबंधी बातों पर ख़र्चे की संभावना है. त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है. कुछ कार्यों पर मेहनत करने के बाद भी परिणाम नहीं मिलने पर निराशा आपको घेर सकती है. आर्थिक लाभ बढ़ सकता है. परिवार के सदस्य का सहयोग भी प्राप्त हो सकता है लम्बी यात्राएं रह सकती हैं. कोई बड़ा फैसला लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. 

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बुध दोष का असर और निजात के उपाय

ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है. बुध उन शुभदायक ग्रहों में से एक है जो सकारात्मक हैं. यह संचार कौशल, मानसिक क्षमताओं और बुद्धि का प्रदाता है. बुध का शुभ फल जब प्राप्त होता है तो व्यक्ति उत्तम शक्ति को पाता है.  बुध आपकी जन्म कुंडली के अनुसार उच्च राशि में मजबूत या उपस्थित हो तो व्यक्ति को उच्च बौद्धिक गणितज्ञ बना सकता है इसके विपरित पाप ग्रहों की दृष्टि में बुध अनुकूल परिणाम प्रदान नहीं कर पाता है.

बुध ग्रह की विशेषताएं

बुध ग्रह की विशेषताओं में मानसिक शक्तियाँ, बौद्धिक मन, निर्णय लेने का कौशल, तार्किकता, विचार, संचार, भाषण, चेतना जैसी बातें शामिल होती हैं. ज्योतिष में बुध को सभी के मध्य विचार करने वाला माना गया है. बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशियों पर अधिकार रखता है. बुध के कारण भाषण या संचार कौशल में सुधार होता है. बुध की मदद से व्यक्ति अपनी छवि को भी बेहतर बना सकता है. ज्योतिष में यह वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. यह शुभ ग्रह जातकों को नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. यह आपकी सोचने की प्रक्रिया और चेहरे के भावों पर नियंत्रण रखता है. यह आपके सचेत कार्यों, विकल्पों और विश्लेषणात्मक दिमाग को नियंत्रित करता है.

जन्म कुंडली में बुध मजबूत होता है, तो व्यक्ति अपने शब्दों पर बेहतर नियंत्रण रख सकता है. बुध के द्वारा व्यक्ति को पता होता है कि दूसरों के साथ कैसे संवाद करना है. इससे उसे दूसरों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने में और मदद मिल सकती है. यदि बुध आपकी कुंडली में अनुकूल स्थिति में है, तो आप सीख सकते हैं कि बातचीत कैसे शुरू करें और इसे कैसे समाप्त करें. इसके अलावा, बुध तीन नक्षत्रों (नक्षत्रों) का भी स्वामी है. यह अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का स्वामी है.

बुध का असर अन्य ग्रहों के साथ प्रभाव

बुध का अन्य ग्रहों से संबंध कुछ इस प्रकार का माना गया है. बुध के मित्र ग्रह सूर्य और शुक्र हैं. इसके साथ तटस्थ ग्रह में शनि, मंगल और बृहस्पति आते हैं. बुध केवल चंद्र को अपना शत्रु मानता है. बुध के अन्य ग्रहों से सम्बन्धों के बारे में यह स्पष्ट देखा जाता है कि बुध के शत्रु से अधिक उसके मित्र हैं. और अब, आपके लिए यह समझना आसान होगा कि क्या होता है जब बुध अन्य ग्रहों के साथ एक हो जाता है तो वह कैसे अपना असर दिखाता है. 

बुध जब सूर्य के साथ होता है तो शुभ माना जाता है. बुध की अपने मित्र ग्रह सूर्य के साथ युति से बुधादित्य योग बनाती है. बुध और सूर्य दो ग्रहों की युति का प्रभाव व्यक्ति को विश्लेषणात्मक कौशल और बुद्धिमत्ता देने वाला होता है. जीवन में विशेषताओं का आगमन होता है यह एक महान व्यक्तित्व बनाने में भी सहायता करता है.

बुध और शुक्र की युति शुभ होती है. जब सौंदर्य का ग्रह बुद्धिमान बुध के साथ मिलता है तो मन से मिलता है. यह शुक्र और बुध का मिलन सकारात्मक प्रभाव डालने वाला होता है. यह योग व्यक्तियों को उनके संचार कौशल को बेहतर एवं तेज करने में मदद कर सकता है. व्यक्ति विज्ञान या गणित विषयों में रुचि ले सकता है. आर्थिक स्थिति परअच्छी पकड़ हो सकती है.

बुध और शनि की युति कुछ अच्छी एवं कुछ गंभीर बौद्धिकता को प्रदान करती है. एक ही घर में बुध और शनि की युति वाला व्यक्ति व्यवसायी या वकील बनने की संभावना रखता है. व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इन ग्रहों की यह युति संतान के दौरान समस्याएं पैदा कर सकती है.

बुध और मंगल की युति का असर व्यक्ति को तर्क युक्त बनाता है. बुध और मंगल के एक ही भाव में होने वाले जातक साहसी, बहादुर और ऊर्जावान होते हैं. गंभीर बातचीत करते समय आपके पास गलत संचार नहीं हो सकता है. लेकिन, आप अपने तर्क को साबित करने के लिए तर्क-वितर्क में लिप्त हो सकते हैं. आपको अपने करियर ग्रोथ में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है.

बुध और गुरु की युति का प्रभाव व्यक्ति को विचारशील और तक युक्त बनाता है. यदि बुध बृहस्पति के साथ हो तो व्यक्ति जल्दी ही जीवन में नई चीजें सीख सकता है. यह संबंध इस बात की ओर भी इशारा करता है कि व्यक्ति कई बार अनावश्यक लड़ाई-झगड़े में शामिल हो सकता है. बृहस्पति की उपस्थिति जीवन में आध्यात्मिकता और उच्च ज्ञान विकसित करने में मदद कर सकती है.

बुध और चंद्रमा की युति का असर दो नैसर्गिक शत्रु ग्रहों की युति जैसा देखने को मिल सकता है. आपको अनुकूल परिणाम नहीं दे सकती है. लेकिन जीवन में कोई बड़ी समस्या नहीं हो सकती है क्योंकि बुध एक शुभ ग्रह है. यदि ये दोनों ग्रह एक ही घर में हों तो आप वन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कमी आती है.

बुध और राहु-केतु की युति काफी गंभीर मानी जाती है. बुध राहु के साथ होने पर नए विचारों और बुद्धिमत्ता को देने में सक्षम होता है. अपनी चीजों पर बात करना अधिक पसंद कर सकते हैं. बुध केतु के साथ होने पर रिसर्च देता है. त्वचा से संबंधी बिमारी और वाणी विकार हो सकते हैं.

बुध से मिलने वाले परिणाम अन्य ग्रहों के साथ युति भावों, राशियों और बल में इसकी स्थिति पर निर्भर करती है. ऎसे में जब बुध किसी पाप ग्रह के साथ होता है या फिर वह नीच राशि एवं खराब भाव स्थान खरब नक्षत्र में बैठता है तब बुध का दोष काफी गहरा असर डालने वाला होता है. 

बुध दोष के उपाय 

बुध मंत्रों का उपयोग बुध के पाप प्रभाव को समाप्त करने के लिए विशेष होता है. यदि बुध मंत्रों का जाप किया जाए तो इसके प्रभाव द्वारा जातक व्यक्ति को बुध के सकारात्मक असर मिलते हैं. बुध की शांति का असर बुध के खराब असर को कम कर देने वाला होता है. 

” ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”

 “ॐ बुं बुधाय नम: “

“प्रियंगु कलिका श्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम

सौम्यं सौम्य गुणोपेतं बंध तं प्रणमाम्यहम्”

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मकर राशि में शुक्र का गोचर फल 2024

वैदिक ज्योतिष पंचांग अनुसार शुक्र का प्रभाव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में होगा और यह प्रवेश 2024 में काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मकर राशि में शनि के साथ मंगल का युति संबंध हो रहा है और अब शुक्र का भी मकर राशि में आना परिस्थितिओं में काफी आक्रामक स्थिति को दिखाने वाला होगा. शुक्र गोचर के साथ यह युति संबंध मकर राशि में अब देखने को मिलेगा.

मकर राशि में शुक्र का होना
शुक्र का इस स्थान पर आ जाना इस पर अपने असर की छाप लम्बे समय तक छोड़ने वाला होगा. इस समय मुख्य रुप से कला जगत, सैन्य क्षेत्र एवं धातु तथा ईंधन की स्थिति काफी प्रभावित होने वाली है.

शुक्र 02 दिसंबर 2024 को सोमवार 11:57 बजे मकर राशि में गोचर करेंगे. मकर राशि शुक्र के अनुकूल है, और शुक्र मकर राशि में है, इसलिए यह सामान्य भावनाओं में वृद्धि का दौर होगा. शुक्र का गोचर कुछ राशियों के लिए खुशी और वित्तीय भाग्य ला सकता है तो कुछ के लिए नई चुनौतियां ओर जिम्मेदारियों को लाएगा. शुक्र ग्रह रोमांस, सौंदर्य, विलासिता, कला, साहित्य, रचनात्मक झुकाव को दर्शाता तो वहीं यहां शनि और मंगल जैसे ग्रहों का योग इसकी इन प्रवृत्तियों से अलग होगा, शनि और मकर राशि यह गोचर मित्रवत है लेकिन मंगल की स्थिति का होना किसी कमल से कम नही होगा. इस समय कुछ राज खुलेंगे.

मेष राशि पर प्रभाव
शुक्र दशम भाव में प्रवेश करने जा रहा है, यह काम और इससे जुड़े पहलुओं का भाव है जैसे पदोन्नति, प्रसिद्धि, शक्ति और अधिकार का समय होगा. नौकरी में वृद्धि हासिल करने का समय, आपकी मेहनत और लगन से आपको कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. आपके वरिष्ठ आपके क्षेत्र में आपके द्वारा की गई ईमानदारी और प्रयासों को पहचान पाएंगे.

वृष राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के लिए शुक्र नवम भाव में गोचर करने जा रहा है. यह भाव भाग्य, सपने, उच्च शिक्षा और धार्मिक यात्राओं का प्रतिनिधित्व करता है. गोचर भाग्य के घर में होने वाला है और इसलिए इस समय के दौरान यह वित्तीय लाभ दिलाने में सहयोग करेगा. कार्यक्षेत्र में मनचाही आर्थिक आमदनी मिलने के योग हैं. आप अपने कार्यस्थल पर अपने प्रयासों के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त कर सकते हैं या अपने व्यावसायिक सौदों में भारी मुनाफा कमा सकते हैं. यात्राओं क अयोग बनेंगे.

मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर आठवें भाव में होने वाला है. यह चिंताओं, बाधाओं, ऋणों और शत्रुओं का घर है. इस राशि में बुध का स्वामी होने के बावजूद, जो शुक्र के अनुकूल है, गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है. इस चरण के दौरान आपके अनावश्यक रूप से पैसा खर्च करने की संभावना है क्योंकि आप सांसारिक सुखों की ओर आकर्षित होंगे. अनियोजित बातें चिंता का कारण हो सकती हैं. कुछ गुप्त प्रेम संबंध तथा अचानक होने वाली घटनाएं परेशान कर सकती हैं.

कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क राशि के लिए शुक्र का गोचर सातवें भाव में होगा, यह भाव वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी, साझेदारी, इच्छाओं और आशाओं का कारक होता है. यह गोचर आय के मामले में फलदायी परिणाम देगा, आपको कार्यस्थल पर प्रोत्साहनमिलेगा. साझेदारी के माध्यम से वित्तीय लाभ मिल सकते हैं. जीवनसाथी आपको आर्थिक रूप से योगदान देने और समर्थन करने में आगे रह सकता है. व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन का नया रंग दिखाई देगा.

सिंह राशि में गोचर का प्रभाव
शुक्र आपके लिए छठे भाव में गोचर करेगा. छठा भाव ऋण, विवाद, रोग और दुख का घर होता है, यह शुक्र के लिए प्रतिकूल भाव है. इसलिए यह गोचर आपको कुछ मीठे और खट्टे अनुभव देने वाला हो सकता है. आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में कुछ तर्क और विवाद हो सकते हैं. जीवनसाथी के साथ कुछ अनबन हो सकती है, साथी के स्वास्थ्य और देखभाल की चिंता रह सकती है. दाम्पत्य संबंधों में शांति बनाए रखने की आवश्यकता होगी. अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होने की संभावना होगी. खर्चों पर नियंत्रण रखने और अपने बजट का सख्ती से प्रबंधन करने का सुझाव दिया जाता है.

कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के लिए शुक्र का इस समय पंचम भाव में गोचर होगा. यह भाव रोमांस, प्रेम, भावनात्मक सुख और रचनात्मकता का प्रतीक है. शुक्र का गोचर आपके लिए फलदायी रहने वाला है. शुक्र लाभ भाव पर दृष्टि डाल रहा होगा और इसलिए आपके प्रयास आपको अच्छे परिणाम दिला सकता है. बौद्धिक विचार विकसित होंगे. कार्यस्थल पर या व्यावसायिक प्रोजेक्ट में अपने वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने में सफल होंगे. प्रेम जीवन या वैवाहिक जीवन में आनंद का अनुभव होग अलेकिन नोकझोंक भी रहने वाली है.

तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि का स्वामी शुक्र है और यह आपकी जन्म कुंडली के चौथे भाव में प्रवेश करने जा रहा है. यह भाव अपनों, सांसारिक सुखों, भू-संपत्ति और चल संपत्ति का प्रतीक है. इस भाव में शुक्र का गोचर आपके निजी जीवन में बदलाव लाएगा. परिवार और दोस्तों के करीब आने की संभावना है. अपनों के बीच के बंधन मजबूत होंगे. वाहनों की खरीद और संपत्ति में निवेश के लिए पैसा खर्च करने की संभावना को बढ़ाता है.

वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि के जातकों की जन्म कुंडली में शुक्र तीसरे भाव में गोचर करने जा रहा है. यह भाव रिश्तेदारों, साहस, वीरता, बुद्धि और संचार का प्रतिनिधित्व करता है.गोचर का शुक्र आपको साहसी बनाएगा, दृढ़ता बढ़ाएगा और आपके संचार में कुशलता आएगी. सकारात्मक गुणों को अच्छा बढ़ावा मिल सकता है.आपके लेखन कौशल और प्रतिभा को बढ़ाएगा. जीवनशैली में बदलाव होंगे फिटनेस को पूरा करने के लिए आप रोजाना व्यायाम और योग दिनचर्या शुरू कर सकते हैं.

धनु राशि पर प्रभाव
धनु राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा. यह धन, परिवार और वित्तीय मामलों का घर है. धनार्जन के स्त्रोत या लाभ के अवसर मिल सकते हैं. इस समय कमाई और बचत पर ध्यान केंद्रित करना होगा. वित्तीय स्थिति में सुधार होने की संभावना है. इस गोचर में शुक्र अष्टम भाव पर भी दृष्टि डाल रहा है जिससे खान-पान में भी कुछ बदलाव आएंगे और आपको अपने स्वास्थ्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. परिवार के करीब आने और उनके साथ शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की संभावना रखते हैं.

मकर राशि पर प्रभाव
मकर राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर प्रथम भाव में होगा. यह भाव आत्म, मान, समृद्धि और भाग्य का घर है. शुक्र अनुकूल स्थिति में रहने वाला है. इस समय शुक्र सीधे सप्तम भाव पर दृष्टि करेगा जो जीवनसाथी और साझेदारी का प्रतीक है, साझेदारी के माध्यम से लाभ की संभावना है. भाग्य आपके जीवन को समृद्ध देगा. यदि आप लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित थे, तो आपके ठीक होने की संभावना है. अपने रहन सहन को लेकर सजग होंगे.

कुम्भ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि के लिए शुक्र का गोचर बारहवें भाव में होने वाला है, यह व्यय, हानि और विदेश का स्थान है. शुक्र इस समय आपके घरेलू और वैवाहिक जीवन को प्रभावित करेगा. आपको रोमांस में वृद्धि का अनुभव हो सकता है, वहीं दूसरी ओर खर्चों को लेकर सतर्क रहना होगा. खर्चों का गलत प्रबंधन बाद में आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है इसलिए खर्चों पर सख्ती से नियंत्रण रखने की जरूरत है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतने की जरूरत होगी.

मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि के लिए शुक्र ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा, यह भाव समस्त प्रकृति के लाभ, समृद्धि, पुरस्कार और इच्छाओं की पूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है. जो लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं उनके लिए यह एक राहत का समय होगा. ऑफिस में काम की तारीफ हो सकती है. आपको अपने समर्पण और ईमानदारी के लिए सम्मान मिलेगा. काम के क्षेत्र में विकास और आगे बढ़ने का समय होगा.

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सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश होने से बदलावों को देखा जा सकता है इस समय पर व्यक्तित एव विचारधारा में स्वतंत्रता का प्रभाव दिखाई देता है. सूर्य की स्थिति का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होता है यहीं से सूर्य की प्रबलता धीरे धीरे विस्तार पाती है. यह तर्क की क्षमता को विस्तार देता है. इस समय पर कुंभ की खोजी प्रवृति को इस समय अधिक बल प्राप्त होता है. यहां नवीन चीजों को लेकर उत्सुकता देखने को मिल सकती है.

कुंभ राशि में सूर्य गोचर का समय

सूर्य गोचर समय 12 फरवरी 2025, को होगा इस समय गोचर 10:03 सुबह के समय पर होगा.

मेष राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
मेष राशि के लिए सूर्य का गोचर एकादश भाव स्थान पर होने पर महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आप की प्रयासशीलता वृद्धि देने वाली होती है. इस दौरान यात्राओं और नई चीजों से जुड़ने के लिए समय काफी अनुकूल हो सकता है. कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अनुकूल समय होगा. लाभ अर्जित करने के अवसर मिलेंगे.

इस समय पर उचित निर्णय आपको आगे ले जाने में सफलता प्राप्ति के लिए काफी अच्छा रह सकता है. शिक्षार्थियों के लिए समय अच्छा होगा अपने गुरुजनों से उचित निर्देश प्राप्त होंगे. नए दोस्तों से मेलजोल की स्थिति बन सकती है.

वृषभ राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
वृषभ राशि के लिए सूर्य का गोचर दशम भाव पर होगा. सूर्य की स्थिति इस स्थान पर होने से प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने के मौके बने रह सकते हैं. काम के क्षेत्र में आपकी योजनाएं काफी बेहतर स्थिति को पा सकती हैं. अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने ओर नवीन चीजों को सिखने का अवसर प्राप्त होगा. प्रतिष्ठा प्राप्ति का समय होगा.

इस समय काम या अन्य परिस्थितियों के चलते घर से दूर जाने की स्थिति भी विकसित होती दिखाई दे सकती है. पिता की ओर से सहयोग बनेगा लेकिन साथ ही सख्त निर्देश भी शामिल होंगे. आर्थिक क्षेत्र में स्थिति सामान्य रह सकती है. स्वास्थ्य के लिहज से समय संभल कर आगे बढ़ने का समय होगा. घरेलू स्तर पर खर्चों की वृद्धि का समय बना हुआ है.

मिथुन राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
मिथुन राशि के लिए सूर्य का गोचर नौवें भाव पर गोचर होगा. इस समय पर कुछ धार्मिक यात्राओं में शामिल हो सकते हैं, काम काज में बदलाव और स्थान परिवर्तन भी देखने को मिल सकता है. इस समय पर आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़ने एवं नई चीजों को जानने का समय होगा. काम के लिए नए प्रोजेक्ट अभी मिल सकते हैं. भाई बंधुओं के साथ मेल जोल का समय होगा साथ ही उनको लेकर मन में कई विचार जन्म ले सकते हैं.

परिवार के साथ मिलकर साथ बिताने का समय मिलेगा. छात्रों के लिए ये समय काफी अनुकूल होगा और बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. भाग्य का सहयोग कई मामले में आगे बढ़ने के लिए अवसर देगा. इस समय पर व्यर्थ के विवाद भी उभर सकते हैं लेकिन अपनी प्रतिभा को बेहतर रुप से आगे ले जाने में भी सफल होंगे. परिश्रम में वृद्धि मिलेगी और सफलता मिलेगी.

कर्क राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
कर्क राशि के लिए अष्टम भाव में होने से स्थिति काफी प्रभावशाली होगी. यह समय के दौरान काम काज में ध्यान पूर्वक आगे बढ़ने की स्थिति होगी. ये समय कुल मिलाकर आपको विरोधियों से सावधान रह कर काम करने की आवश्यकता होगी. खर्चों की स्थिति बनी रह सकती है. इस समय लाभ की स्थिति अधिक न हो पाए लेकिन अचानक से आने वाली होगी.

पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में आपको लाभ मिल सकते है. कुछ पुरानी चीजें फिर से जुड़ाव देखने को मिल सकता है. अचानक से दुर्घटन अया काम में अड़चन की स्थिति परेशान कर सकती है.दांपत्य जीवन में मतभेद की स्थिति परेशान हो सकती है.

सिंह राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
सिंह राशि के लिए सूर्य का गोचर सप्तम भाव स्थान पर हो रहा है. इस समय काफी चीजें परेशान कर सकती है अधिक उत्साहित होकर काम कर सकते हैं. आप में क्रोध की स्थिति परेशान कर सकती है. वैवाहिक जीवन में तनाव और मनमुटाव बढ़ सकता है.

कारोबार के लिए समय काफी प्रभावशाली होगा आपको यात्राओं से लाभ की स्थिति प्राप्त हो सकती है. धनार्जन के स्त्रोत भी मिलेंगे. परिवार में घरेलू मसलों को लेकर काफी चीजें परेशान दे सकती हैं. यात्रा का समय होगा. कुछ मामलों में अपनों के साथ परेशानी रह सकती है.

कन्या राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
कन्या राशि के लिए सूर्य का गोचर छठे स्थान पर होने से स्थिति काफी मजबूत दिखाई देगी. इस समय पर विरोधियों का दबाव अधिक रह सकता है. स्वास्थ्य के मामले में ये समय परेशानी दे सकता है. ये समय कानूनी पक्ष में आपके लिए मजबूत रह सकता है. इस समय पर प्रतियोगिताओं के मामले में सफलता का समय भी होगा.

खर्चों की अधिकता बनी रह सकती है. चीजों को लेकर लापरवाही से बचने की आवश्यकता होगी. नौकरी पेशा लोगों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी. आवेदन से जुड़े मामले में आप बेहतर परिणाम देख पाएंगे. स्वास्थ्य को लेकर ध्यान रखने की आवश्यकता होगी अग्नि हथियार से चोट का भय लगा रह सकता है.

तुला राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
तुला राशि के लिए, सूर्य का गोचर पंचम भाव में होने से आपके लिए ये समय प्रतिस्पर्धाओं में आपको अच्छा स्थान दिला सकता है. छात्रों को अपनी शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर देगा. अपने दोस्तों के साथ कुछ रोमांच से भरपूर कार्यों में शामिल हो सकते हैं. काम के लिए ये समय आपके लिए काफी मौके दे सकता है इस समय पर छात्र अपने शिक्षा को लेकर दूर स्थानों पर आवेदन कर सकते हैं.

प्रेम संबंधों के मामले थोड़ा नम्र रहना होगा. धनार्जन के मामले में आप कलाभ के अवसर देख पाएंगे. आप इस समय कुछ नए क्षेत्रों में काम करने के लिए काफी आगे बढ़ सकते हैं. नए लोगों के साथ मिलने अवसर भी आपको मिल सकता है. स्वास्थ्य के मामले में ध्यान बना कर रखें क्योंकि आप काफी उत्साहित होंगे.

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर सुख स्थान पर होने से समय बदलाव और आर्थिक लाभ की स्थिति का समय होता है. सूर्य का यह गोचर आर्थिक लाभ में वृद्धि के संकेत मिल सकते हैं. काम काज में आपको नए संपर्क से लाभ प्राप्त होता है. इस समय अधिकारियों का सहयोग मिल सकता है. यात्राओं का समय होगा और नए प्रोजेक्ट मिल सकते हैं. परिवार में कुछ चीजें शुरु हो सकती हैं.

इस समय के दौरान घर पर कुछ बदलाव और निर्माण से जुड़े काम भी शुरु हो सकते हैं. इस समय सहकर्मियों के साथ आपको सकारात्मक रुप से लाभ मिल सकता है.पद प्राप्ति और आर्थिक लाभ वृद्धि का समय भी होगा. इस समय स्वास्थ्य से संबंधी कुछ तनाव की स्थिति रह सकती है. उच्च रक्तचाप, छाती से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं.

धनु राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
धनु राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर तीसरे भाव स्थान पर होगा. इस समय पर आपकी मेहनत में वृद्धि का समय दिखाई देगा. कुछ मामलों में आप काफी अधिक व्यस्तता को देख सकते हैं. वृथा के कामों में भी इस समय उर्जा अधिक लग सकती है. भाग्य का सहयोग काम आएगा और आप अपने क्षेत्र में काफी अच्छे अवसर भी देख पाएंगे. इस समय पर आपकी सूचनाएं प्रभावित होंगी और उनसे आपको कुछ लाभ प्राप्ति हो सकती है. इसी के साथ भाई बंधुओं का सहयोग मिल सकता है.

मकर राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
मकर राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर दूसरे भाव समय पर होने से आर्थिक स्थिति ओर आपके वक्तव्यों पर इसका काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है. आपकी बोलचाल में काफी कठोरता भी हो सकती है और गुस्सा आपके लिए परेशानी बन सकता है. यात्राओं में आप काफी व्यस्त रहेंगे लेकिन इस समय पर आप के लिए जरुरी है कि अपने काम पर ध्यान रखें.

आपकी बौद्धिकता भी काफी प्रखर होगी और आप कई मामलों में नए बदलाव देख सकते हैं. आप रचनात्मकता होंगे ओर साथी के साथ मिलकर काम में भी काफी व्यस्त रह सकते हैं. खान पान में बदलाव कर सकते हैं और इस कारण सेहत पर भी असर दिखाई देगा. वरिष्ठ लोगों के साथ आप की अच्छी बन सकती है तथा परिवार से कुछ सकारात्मक सहयोग भी देखने को मिल सकता है.

कुंभ राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
कुंभ राशि के लिए राशि पर सूर्य का गोचर इस समय आप को उत्साहित बना देना वाला होगा. आप योजनाओं को काफी मजबूत स्थिति से रखना चाहेंगे. आप काफी दृढ़ संकल्प में रह सकते हैं. बहुत प्रभावी ढंग से और कुशलता से काम को करने में आप अपनी मेहनत लगा सकते हैं. आप कुछ आध्यात्मिकता रुप से कुछ अधिक जागरुक रह सकते हैं. अपने माता-पिता की ओर से आपको काफी सहयोग मिल सकता है.

मीन राशि के लिए सूर्य का कुंभ राशि गोचर
मीन राशि वालों के लिए बारहवें भाव में होगा और ये समय कई चीजों में संभल कर आगे बढ़ने के लिए और व्यस्थित रुप से काम करने का होगा.आप विरोधियों से कुछ परेशानी में होंगे ओर इस समय जल्दबाजी से जुड़े काम में ध्यान पूर्वक आगे बढ़ना अधिक अनुकूल होगा. इस समय के दौरान आप अपने रिश्ते में साथी के साथ कुछ बातों में असहमती को देख पाएंगे इसलिए शांति से चीजों को सुलझाना अधिक बेहतर होगा.

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मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय

मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस राशि में गोचर के कारण कर्क राशि वालों के साथ साथ मेष, मिथुन एवं अन्य राशियों के व्यक्तियों पर इसका काफी प्रभाव रह सकता है.

इस समय मंगल का इस राशि पर होना सभी राशियों पर अपना असर डालने वाला होगा. मंगल के शुभाशुभ प्रभाव को समझने के लिए आये जानते हैं कैसा रहेगा हम सभी के लिए मंगल का ये गोचर : –

मंगल के गोचर का मेष राशि प्रभाव
मेष राशि वालों का स्वामित्व मंगल को मिला हुआ है ऎसे में मेष राशि वालों के लिए ये समय अधिक परेशानी दे सकता है क्योंकि मेष राशि की उर्जा में कमी देखने को मिलेगी ओर किसी न किसी क्रारण से कुछ कार्यों में देरी भी देखने को मिल सकती है. इस समय आप खुद में जोश की कमी या आलस्य का भाव भी देख सकते हैं, इसके साथ की काम को करने में कुछ लापरवाही भी आपको परेशान कर सकती है. भाग्य का साथ मिलेगा और आप अपने काम के क्षेत्र में कुछ नए मौके पा सकते हैं.

मंगल के गोचर का वृष राशि प्रभाव

वृष राशि वालों के लिए मंगल का ये गोचर उनके काम काज के लिए नए मौके ला सकता है. कुछ समय के लिए आप अधिक जिद्दी या फिर क्रोधी भी रह सकते हैं. आप को मानसिक तनाव थोड़ा अधिक रह सकता है. आपको अपने कार्यक्षेत्र में ट्रैवलिंग के मोके मिलेंगे ओर साथ ही इस समय पर प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहने वाली है. छात्रों को अपनी एकाग्रता में कमी की परेशानी हो सकती लेकिन कोशिशों में कमी नहीं आने देनी होगी. आपके लगातार किए जाने वाले प्रयास कुछ मामलों में बेहतर नतीजे दे सकते हैं.

मंगल के गोचर का मिथुन राशि प्रभाव
मंगल का गोचर मिथुन राशि वालों के खर्च को अधिक कर सकता है. आपके लिए इस समय पर के लिए निवेश से संबंधित काम काज में तेजी रहने वाली है. आपके लिए परिवार में किसी व्यक्ति के प्रभाव से थोड़ी चिंता अधिक हो सकती है. आपके लिए जरुरी है कि आप खुद को व्यर्थ के खर्चों से बचाएं. यात्रा के कुछ अवसर अचानक से बन सकते हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखें त्वचा से संबंधित रोग और पित्त की अधिकता से परेशानी हो सकती है. खुद को वाद विवाद से बचाना ही बेहत्र होगा वर्ना दूसरों के चलते आप तनाव झेल सकते हैं.

मंगल के गोचर का कर्क राशि प्रभाव
कर्क राशि पर ही मंगल का गोचर हो रहा है. इस समय पर आप के लिए काम के साथ साथ परिवार की ओर से भी काफी कुछ नई जिम्मेदारियों का असर भी देखने को मिल सकता है. काम के क्षेत्र में दूसरों का दखल होने के कारण आप स्वतंत्रता पूर्वक अपने काम को शायद न कर पाएं. आर्थिक क्षेत्र में स्थिति सामान्य रह सकती है. इस समय में आप किसी न किसी कारण से कुछ कामों में देरी को भी देख सकते हैं. अधिकारियों की ओर से काम में तेजी न मिल पाए. माता के स्वास्थ्य को लेकर आप थोड़ें चिंता में रह सकते हैं. इस समय पर यात्राएं होंगी ओर साथ ही कुछ धार्मिक स्थलों पर जाने का मौका भी मिल सकता है.

मंगल के गोचर का सिंह राशि प्रभाव
मंगल का गोचर सिंह राशि वालों के लिए बारहवें भाव में होगा. 12वें भाव में इस गोचर के प्रभाव से आप के खर्चो में तो वृद्धि का दौर देखने को मिल सकता है साथ ही आपको इस समय पर स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों को भी झेलना पड़ सकता है. वाहन इत्यादि का संभल कर उपयोग करना चाहिए. तनाव इस समय अधिक रह सकता है. इस समय आपके लिए जरूरी है की आप जोखिम भरे कामों को करने ओर कोई नया काम शुरु करने से बचें. आपको अपने विरोधियों का सामन ऐस समय अधिक करना होगा लेकिन आप उन पर नियंत्रण कर पाने में भी काफी सफल रह सकते हैं.

मंगल के गोचर का कन्या राशि प्रभाव
कन्या राशि वालों के लिए नौकरी अथवा व्यवसाय में होने वाले परिवर्तन परेशान कर सकते हैं. भारी निवेश करने से इस दौरान बचें क्योंकि आप इस समय अधिक धन का खर्च भी कर सकते हैं. उच्च शिक्षा या अध्ययन के लिए आपको यात्रा करनी पड़ सकती है. आर्थिक रूप से खुद को मजबूत पा सकते हैं लेकिन आप व्यर्थ के खर्चों में पड़ कर अपनी स्थिति को कमजोर भी कर सकते हैं. किसी वरिष्ट भाई बंधु की मदद काम आ सकती है. इस समय पर आपको कुछ आयोजनों में शिरकत करने का मौका भी मिल सकता है. अपने दांपत्य जीवन में आपको साथी का सहयोग तो मिलेगा लेकिन उसके स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता होगी ही.

मंगल के गोचर का तुला राशि प्रभाव
आपके लिए मंगल का गोचर मिले जु;ए प्रभाव देने वाला होगा. कार्य क्षेत्र में सावधान रहने की जरूरत है. व्यावसायिक रूप से, आपको अपनी योग्यता साबित करने के लिए बहुत प्रयास करने होंगी. इस समय पर आपके छुपे हुए शत्रु आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं. अधिकारियों के साथ बहुत अधिक सहमती न बन पाए. आपको कड़ी मेहनत और प्रयासों को करने की आश्यकता होगी. घर परिवार की ओर से भी बहुत ज्यादा मदद या सहयोग नहीं मिल पए. इस समय कुछ निर्माण के काम भी करवा सकते हैं. विवादों और तर्कों से दूर रहने की जरूरत है इस समय आप अपने काम पर एकाग्र रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें.

मंगल के गोचर का वृश्चिक राशि प्रभाव

आप कुछ कारणों से तनावग्रस्त रह सकते हैं, आवेशपूर्ण होकर अपने फैसलों को रोकना ही सही होगा. आपके लिए इस समय पर खुद को नियंत्रित रह कर कम करने की जरूरत होगी. आप लोगों के साथ मानसिक रुप से काफी उलझनों में दिखाई देंगे. आप अधिक आक्रामक हो सकते हैं इसलिए लोग आपको ही दोषी भी ठहराते दिखेंगे. इन चीजों से बचने के लिए जरुरी है की आपको क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरुरत होगी. इस समय आर्थिक क्षेत्र में प्रयासों की जरुरत होगी. अपने काम काज में वृद्धि के लिए आपको नए मौके और अनुकूलता मिल सकती है लेकिन जरुरी होगा की आप अपनी ओर से लापरवाही से बचें. पैसों के मामले में आपके लिए समय सामान्य ही होगा. इनकम प्राप्ति की गति कुछ धीमी ही रहने वाली है. स्वास्थ्य जीवन को लेकर सतर्क रहें, वाहन चलाते समय दुर्घटना की संभावना है, पेट की समस्याओं और तनाव प्रभावित कर सकता है.

मंगल के गोचर का धनु राशि प्रभाव
धनु राशि के जातकों के लिए इस समय थोड़ी राहत रह सकती है. खर्चों पर कुछ नियंत्रण कर पाने में सफल हो सकते हैं. कार्य क्षेत्र में आपको उन्नति मिल सकती है और आप कुछ नए स्थानों पर भी जा सकते हैं. आप के लिए इस समय खुद को बाहरी संपर्क द्वारा काम के नए मौके तो मिल सकते हैं साथ ही आर्थिक पक्ष पर नजर डाली जाए तो यह गोचर व्य्वसायी ओर नौकरी पेशा लोगों को कुछ राहत दे सकता है. आपके द्वादश भाव का स्वामी मंगल होने से आपको स्वास्थ्य अथवा यात्रा इत्यादि पर कुछ खर्च करना पड़ सकता है. छोटे भाई बहनों से कुछ मामलों में तकरा हो या सहमती का अभाव परेशान कर सकता है. लापरवाही के चलते परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है इसलिए खुद को ऎसी स्थिति से बचाएं.

मंगल के गोचर का मकर राशि प्रभाव
इस समय मंगल का गोचर आपके सुख को प्रभावित करने वाला होगा. आप खुद मेम कुछ बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं. जो भ लोग भूमी से जुड़े कामों में हैं उनके लिए इस समय लाभ के मामले कुछ कम भी हो सकत अहैं. वैसे ये समय आप अपने घर में कुछ बदलाव लाने का भी सोच सकते हैं. आप अपने कार्यों या शब्दों से किसी को चोट पहुंचा सकते हैं, माता जी के स्वाथ्य एवं उनके सहयोग में कुछ कमी दिखाई दे सकती है. आपको वाणी पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि कई बार वादे समय पर पुरे न हो पाएं. अनावश्यक खर्चों के कारण धन की कुछ कमी हो सकती है लेकिन आप उस पर कंट्रोल भी कर पाने में सक्षम होंगे. मंगल की दृष्टि के कारण, आपको अपने कार्य क्षेत्र में नए अवसर मिल सकते हैं लेकिन उनका फायदा शायद आप पुरी तरह से न ले पाएं. ससुराल पक्ष की ओर से आपको कुछ परेशानी रह सकती है.

मंगल के गोचर का कुम्भ राशि प्रभाव
धन और संपत्ति के मामले में अचानक लाभ मिलने की संभावना है. धन उधार देने या ऋण लेने से बचना चाहिए. काम के क्षेत्र में रफ्तार कुछ धीमी रह सकती है. नौकरी में प्रगति मिलने की संभावना कम है जिसकी वजह से आप परेशान हो सकते हैं. प्रतिद्वंद्वी और आपके विरोधी आपकी छवि को खराब करने की कोशिश भी कर सकते हैं. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और वाहन चलाते समय सावधानी बरतें. आप थोड़े आलसी से हो सकते हैं या किसी न किसी कारण आप पर थकान का प्रभाव भी दिखाई दे सकता है.

मंगल के गोचर का मीन राशि प्रभाव

मीन राशि वालों के लिए ये समय संतान, प्रेम और शिक्षा इन बातों पर असर डालने वाला होगा. ऎसे में जरुरी है कि आप किसी न किसी रुप में इन बातों की ओर ध्यान दें. छात्रों को शिक्षा में ध्यान केंद्रित करने में कुछ कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. इसस्मय पर वो कुछ लापरवाह रह सकते हैं ओर मौज मस्ती या किसी गलत संगति में भी पड़ सकते हैं, इसलिए खुद को एकाग्रचित बना कर रखें. प्रेम संबंधों में किसी न किसी कारण से तकरार या अलगाव दिखाई देगा. अपने सहकर्मियों की वजह से चीजों में टकराव का सामना करना पड़ सकता है.
इस समय आपको सोच-समझकर खर्चा करना चाहिए. आप कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचें ओर समय को शांत होकर गुजरने दीजिए. पेट से जुड़ी कोई छोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है.

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