Author Archives: astrobix

कुण्डली से प्रेम संबंधों का आंकलन | Analysis of Love Relationships in Astrology

ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और योग के निर्माण से प्रेम संबंधों के विषय में भी जाना जाता है. रिश्तों की मजबूती तथा स्थिरता को समझने में ज्योतिष एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कुण्डली में प्रेम संबंधों को देखने के … Continue reading

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अष्टकवर्ग और गोचर | Ashtak Varga and Transits

ग्रह सदैव चलायमान रहते हैं और इस कारण सौरमण्डल में इनकी स्थिति निरंतर बदलती रहती है. ग्रहों कि यही चलायमान स्थिति गोचर कहलाती है. अष्टकवर्ग पद्धति गोचर अध्ययन की विभिन्न पद्धतियों में से एक है. इसके ज्ञान के लिए सर्वप्रथम … Continue reading

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अष्टकवर्ग में उपयोग होने वाले शब्द | Terminologies used in Ashtak Varga

अष्टकवर्ग की पद्धति प्राचीन काल से ही ज्योतिषशास्त्र में अपनी एक सशक्त भूमिका दर्शाती आई है. इस विद्या के नियमों को समझने से पूर्व हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हम इसमें उपयुक्त होने वाले शब्दों को समझें तभी … Continue reading

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अष्टकवर्ग – एक परिचय | Ashtak Varga – an Introduction | Ashtakavarga

अष्टक वर्ग भावों और ग्रहों के बल को जानने की एक विधि है. यह एक गणितिय संरचना है जिसमें ग्रहों को अंक प्राप्त होते हैं और उनका बलाबल निकलता है. अष्टकवर्ग का शाब्दिक अर्थ आठ से होता है जिसमें लग्न … Continue reading

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अष्टकवर्ग में अंकों का महत्व | Importance of Numbers in Ashtak Varga

अष्टक वर्ग में ग्रहों के अच्छे फलों की प्राप्ति में यह अंक बहुत निर्णायक भूमिका अदा करते हैं और आने वाले गोचर के निष्पादन हेतु  प्रक्रिया में सहायक होते हैं. समस्त ग्रह 0 से 3 बिन्दुओं के साथ स्थित होने … Continue reading

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अष्टकवर्ग से जाने कैसी होगी आपकी आर्थिक स्थिति

अष्टकवर्ग के द्वारा हम बहुत सी बातों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं. उसके बिन्दुओ से हमें व्यक्ति के जीवन के सुख व दुख के बारे में पता चलता है. जीवन का कौन सा काल खण्ड शुभ रहेगा और … Continue reading

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जानिये। अपनी कुंडली में राहु का फल

राहु ग्रह को विच्छेद कराने वाले ग्रह के रुप में जाना जाता है. वास्तविक रुप में राहु बिन्दू मात्र है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा पड़ता है जिस कारण इन्हें ग्रह की तरह … Continue reading

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आठवां भाव बनता है अचानक से होने वाली घटनाओं का कारक

अष्टम भाव आयु भाव है इस भाव को त्रिक भाव, पणफर भाव और बाधक भाव के नाम से जाना जाता है. आयु का निर्धारण करने के लिए इस भाव को विशेष महत्ता दी जाती है. इस भाव से जिन विषयों … Continue reading

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अष्टकवर्ग से राजयोग | Analysis of Rajyoga Through Ashtakvarga

जन्म कुण्डली में अष्टकवर्ग की गणना बहुत महत्व रखती है. इसके द्वारा बहुत सी बातों का विश्लेषण किया जा सकता है. जीवन खण्ड का कौन सा भाग शुभ होगा और कौन सा भाग अशुभ होगा आदि बाते देखने के साथ … Continue reading

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अष्टकवर्ग के द्वारा जन्म कुण्डली का निरीक्षण | Inspection of Birth Chart Through Ashtakavarga

ज्योतिष में फलकथन करने के बहुत से नियम व योग होते हैं. सभी का सूक्ष्मता से अध्ययन करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए. जन्म कुण्डली की विवेचना में अष्टकवर्ग की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. … Continue reading

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