राजनीतिक सफलता के लिए भाव और ग्रह स्थिति

राजनीति में सफलता को पाने के लिए कुंडली में मौजूद दशाओं और ग्रहों की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है. राजनीति में धाक जमाने के लिए कुछ ग्रहों का साथ बहुत जरुरी होता है. उनके बिना इस क्षेत्र में आगे बढ़ना संभव नहीं हो सकता है. राजनीतिक सत्ता की चाहत हमेशा लोगों में सबसे ऊपर रह सकती है. लोग किसी भी काम में हों लेकिन वह सत्ता में अपनी उपस्थिति की चाहत से दूर नहीं होना चाहेंगे. विभिन्न क्षेत्रों के अधिकांश सफल व्यक्ति हमेशा राजनीतिक सत्ता के आकांक्षी देखे जा सकते हैं.

राजनीति पूरी तरह शक्ति और अधिकार के बारे में है. इस दोनों चीजों को पाने के शुभ और पाप ग्रह दोनों की उपस्थिति बेहद महत्वपूर्ण होती है. इसलिए, राजनीतिक ऊंचाइयों को पाने के लिए सबसे मजबूत ग्रह योग और राजयोग का जन्म कुंडली में मौजूद होना जरूरी है.   

यह स्पष्ट होना चाहिए कि लग्न या लग्न के अतिरिक्त नवम भाव भी अत्यंत बली होना चाहिए. नवम भाव भाग्य का घर है और आपको राजनीति में ऊंचाई हासिल करने के लिए पर्याप्त भाग्यशाली होना चाहिए. एक, दसवां घर मजबूत लेकिन नौवां घर कमजोर होने पर, व्यक्ति किसी भी काम में ऊंचाई हासिल नहीं कर सकता. यदि किसी का नवम घर मजबूत है लेकिन 10वां घर कमजोर है तो भी वह राजनीतिक ऊंचाइयों को छू सकता है. यदि आपका दसवां घर मजबूत है और नवां घर मजबूत नहीं है, तो मेहनत और योग्यताओं के माध्यम से उस स्थिति तक पहुंच सकते हैं. ऎसे में भाग्य अधिक सहायक नहीं बन पाता है. इस कारण आसानी से चीजें हासिल भी नहीं हो पाती हैं.

राजनीतिक सफलता के लिए विशेष ग्रह और भाव 

राजनीति के क्षेत्र में आप कितने सफल होंगे इसका निर्धारण करने के लिए इससे जुड़े भाव स्थान और ग्रहों की स्थिति को जान लेना जरूरी होता है. कुछ विशेष ग्रह होते हैं. इन का मजबूत होना ही व्यक्ति को उसके कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता को देने वाला होता है. 

प्रथम भाव 

राजनीति में सफलता के लिए पहला मापदण्ड लग्न के द्वारा ही पूरा होता है. यह वो स्थान है जो व्यक्ति के संपूर्ण स्थिति की आधारशिला के रुप में स्थान पाता है. अगर कुण्डली में प्रथम भाव अच्छी स्थिति का होगा तो स्वाभाविक है कि उसके द्वारा व्यक्ति को बेहतर परिणाम मिल पाएंगे. लग्न बलवान होना चाहिए. इस पर शुभ, योगकारक ग्रहों का प्रभाव होना भी इसकी मजबूती के लिए आवश्यक शर्त के रुप में दिखाई देता है. इसके साथ ही अगर कुंडली में लग्न के साथ नवम भाव, दशम भाव या पंचम भाव का शुभ प्रभाव हो तो इसके कारण योगकारक स्थिति उसे बली बनाती है. 

अगर लग्नेश भी लग्न में मजबूत होकर बैठ जाए तो यह अच्छी स्थिति की पुष्टि करता है. एक मजबूत लग्न एक मजबूत व्यक्तित्व को देने में सहायक बनता है. यह जीवन में एक अच्छी स्थिति तक पहुंचने में मदद करने वाला भाव होता है. आपकी छवि लोगों को कितना आकर्षित करती है वो इसी के द्वारा संभव हो पाती है. अगर आप निडर और प्रभावशाली दिखते हैं तो वह आपके लग्न की शुभता के द्वारा संभव होता है.

नवम भाव 

राजनीति में सफलता के लिए दूसरा पक्ष नवम के द्वारा ही पूरा होता है. यह वो स्थान है जो व्यक्ति भाग्य द्वारा संपूर्ण स्थिति की आधारशिला को देख पाता है. अगर कुण्डली में नवम भाव अच्छी स्थिति का होगा तो स्वाभाविक है कि उसके द्वारा व्यक्ति को बेहतर परिणाम मिल पाएंगे. नवम बलवान होना चाहिए. इस पर शुभ, योगकारक ग्रहों का प्रभाव होना भी इसकी मजबूती के लिए आवश्यक शर्त के रुप में दिखाई देता है. इसके साथ ही अगर कुंडली में लग्न के साथ नवम भाव, दशम भाव या पंचम भाव का शुभ प्रभाव हो तो इसके कारण योगकारक स्थिति उसे बली बनाती है. 

अगर नवमेश अपन नवम स्थान में मजबूत होकर बैठ जाए तो यह अच्छी स्थिति की पुष्टि करता है. एक मजबूत नवम भाव एक मजबूत भाग्य को देने में सहायक बनता है. यह जीवन में एक अच्छी स्थिति तक पहुंचने में मदद करने वाला भाव होता है.व्यक्ति को भाग्य से लोगों के स्थान मिलता है, वह अधिकार्यों एवं उच्च संपन्न लोगों का साथ ही भाव के द्वारा  कर पाता है.  

नवम भाव अत्यंत बली होना चाहिए. इस पर अपने स्वयं के स्वामी या दसवें अथवा चतुर्थ के  स्वामी और लग्नेश के साथ होना चाहिए. मजबूत नवम भाव और नवमेश आपको बहुत भाग्यशाली बनाएंगे और यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि केवल भाग्यशाली व्यक्ति ही राजनीतिक नेता या विधायक या मंत्री बन सकता है.

दसवां भाव

राजनीति में सफलता के लिए तीसरा मापदण्ड दशम भाव के द्वारा ही पूरा होता है. यह वो स्थान है जो व्यक्ति के काम को दिखाता है. अगर कुण्डली में दशम भाव अच्छी स्थिति का होगा तो स्वाभाविक है कि उसके द्वारा व्यक्ति को बेहतर परिणाम मिल पाएंगे. दशम बलवान होना चाहिए. इस पर शुभ, योगकारक ग्रहों का प्रभाव होना भी इसकी मजबूती के लिए आवश्यक शर्त के रुप में दिखाई देता है. इसके साथ ही अगर कुंडली में दशम के साथ नवम भाव, लग्न भाव का शुभ प्रभाव हो तो इसके कारण योगकारक स्थिति उसे बली बनाती है.

अगर दशमेश भी मजबूत होकर बैठ जाए तो यह अच्छी स्थिति की पुष्टि करता है. एक मजबूत दशम भाव व्यक्ति को अच्छा कार्य प्रदान करने वाला होता है. यह जीवन में एक अच्छी स्थिति तक पहुंचने में मदद करने वाला भाव होता है. आपकी छवि लोगों को कितना आकर्षित करती है वो इसी के द्वारा संभव हो पाती है. अगर आप निडर और प्रभावशाली दिखते हैं तो वह आपके लग्न की शुभता के द्वारा संभव होता है.

दसवां घर बहुत मजबूत होना चाहिए. दसवां घर कर्म या पेशे का घर है. यह अधिकार, पद और प्रतिष्ठा का भी सदन है. तो मजबूत दसवां भाव व्यक्ति को अधिकार, शक्ति और पद देने में सहयोगी होता है. 

ग्रह का प्रभाव राजनीति से जुड़ने के लिए 

यदि कुंडली में ग्रहों की बात करें तो इसमें शनि और राहु की स्थिति बहुत मुख्य बन जाती है. इन दोनों के द्वारा व्यक्ति इस स्थान पर अपना प्रभुत्व जमाता है. इसके साथ ही सूर्य, बुध गुरु का मंगल का प्रभाव व्यक्ति को अन्य प्रकार के गुण देता है जो सत्ता पर अपना स्थान बनाने के लिए जरूरी होते हैं. 

This entry was posted in Ascendant, Basic Astrology and tagged . Bookmark the permalink.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *