ज्योतिष से संपत्ति के मामलों में समस्या या कोर्ट केस का कारण ?

मकान एवं संपत्ति ऎसी चीजें हैं जिनका सुख पाना एक बड़ा संघर्ष हो सकता है. कई बार इन चीजों में जीवन का संपुर्ण समय उलझा सा रहता है. संपत्ति के विवाद की स्थिति किसी न किसी रुप में जब जीवन पर आती है तो इस से बाहर निकल पाना आसान नहीं होता है. अपने घर या अपनी संपत्ति के लिए व्यक्ति बहुत संघर्ष करता है तो कुछ को सहजता से भी चीजें मिल जाती हैं. 

कई बार सहजता से मिली संपत्ति भी कानूनी झमेलों में जा सकती है. संपत्ति शायद या तो अधिकांश लोगों के लिए सबसे मूल्यवान सपना है ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दुनिया में एक व्यक्ति और वास्तव में एक परिवार के लिए संपत्ति का महत्व है. संपत्ति न केवल रहने की जगह देती है, बल्कि निवेश के लिए भी एक अद्भुत अवसर प्रदान करती है. इस को पाने के लिए व्यक्ति जीवन में लगातार संघर्ष बना रह सकता है. संपत्ति की की खरीद हो या फिर संपत्ति को पैतृक रुप में पाना यह किसी भी रुप में मिल सकती है. अब संपत्ति हमारे भाग्य में है या नहीम ओर संपत्ति में पड़े विवाद आखिर क्यों परेशान करते हैं इन बातों को जानने के लिए जन्म कुंडली एवं ग्रहों की स्थिति काफी कुछ बताने वाली होती है. 

जब संपत्ति का लेन-देन करने की बात आती है तो कई लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उनके जीवन में संपत्ति प्राप्त करना या बेचना, भारी बाधाओं के साथ हो सकता है. संपत्ति में भारी मात्रा में धन शामिल होता है, ऐसे मामलों में आने वाली कोई भी समस्या मानसिक तनाव और शांतिपूर्ण दैनिक जीवन में भी दे सकता है. संपत्ति के मामलों में आने वाली समस्याओं का समाधान क्या है  इसका समाधान कुंडली में निहित है. 

ज्योतिषी द्वारा संपत्ति की भविष्यवाणी

जब कोई व्यक्ति संपत्ति का प्रश्न करता है व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण करके देखता जाता है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति कैसी है और संपत्ति की संभावनाओं के संबंध में वे क्या परिणाम दे रहे हैं. इन बातों को कुंडली द्वारा जाना जा सकता है.  आइए देखें कि एकसंपत्ति की समस्याओं के समाधान के लिए व्यक्ति की कुंडली में क्या देखा जाना महत्वपूर्ण होता है. 

संपत्ति के भाव स्थान की स्थिति 

कुंडली में सभी भाव किसी न किसी विशेषता के साथ होते हैं इसी में संपत्ति के भाव के रुप में चतुर्थ भाव को देखा जाता है. यह कुंडली में संपत्ति का प्रधान भाव होता है. इस घर की मजबूती व्यक्ति के जीवन में संपत्ति या अचल संपत्ति की स्थिति का निर्धारण करने का आधार बनती है. चतुर्थ भाव के अलावा चतुर्थ भाव के स्वामी ओर उसके अन्य भावों के संबंध को देखना भी विशेष होता है. इसके अलावा सूर्य या चंद्रमा की शुभ स्थिति स्थिति सरकार के साथ संपत्ति के सौदे की संभावनाओं को बढ़ाती है. उदाहरण के लिए, यदि कुंडली में सूर्य चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है तो व्यक्ति को सरकार की ओर से भी भूखंड या आवासीय संरचना की प्राप्ति किसी न किसी रुप में हो सकती है. किंतु खराब सूर्य या चंद्रमा जातक को संपत्ति के मामले में सरकारी अधिकारियों से नियामक बाधाएं देने वाला होता है. संपत्ति के आर्किटेक्चर या नक्शे आदि में अधिकारियों की आपत्तियां भी इसी के कारण झेलनी पड़ सकती है. 

आठवां घर

कुंडली का आठवां घर विरासत से मिलने वाली संपत्ति का स्थान माना गया है. यहीं से पैतृक संपत्ति की प्राप्ति को देखा जाता है. इसे यह विरासत का घर भी कहा जाता है. व्यक्ति की कुण्डली में इस भाव की स्थिति उत्तराधिकार के माध्यम से संपत्ति के लाभ की संभावनाओं को प्रकट करती है. इस घर में शनि या मंगल का होना संपत्ति मिलने की स्थिति को दिखाने वाला होता है. लेकिन यहां केतु या राहु की उपस्थिति से अक्सर व्यक्ति को अपनी पैतृक संपत्ति से मिलने वाले अटकाव या की स्थिति भी परेशानी दिखाने वाली होती है. 

नौवां भाव 

नौवां घर भाग्य का घर होता है. यह भाव शुभ होने पर संपत्ति के मालिक होने का सुख देता है. यह ऐसा भाव भी है जो अचल संपत्ति या संपत्ति उद्यमों में सफल व्यवहार को बढ़ावा देता है. इस भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति होने पर व्यक्ति को अच्छी संपत्ति दिलाने वाली होती है. यहां शनि की उपस्थिति या दृष्टि अनावश्यक बाधाएँ पैदा करती है और संपत्ति के लाभ या संपत्ति की सफल बिक्री में देरी भी दिलाने वाली होती है. संपत्ति में यदि भाग्य की स्थिति अनुकूल न हो तो इस संपत्ति में विवाद हो सकता है. कानून संबंधी अड़चनें तथा विवाद को दिखाती हैं. 

ग्यारहवां भाव 

जब संपत्ति की बात आती है तो एकादश भाव भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह लाभ को दर्शाता है और चाहे संपत्ति खरीदना हो या बेचना, एक मजबूत ग्यारहवां भाव किसी के जीवन के संपत्ति क्षेत्र में लाभ सुनिश्चित करने वाला होता है. कुंडली में इस भाव की शुभ स्थिति व्यक्ति को संपत्ति से मिलने वाले लाभ को प्रदान करने वाली होती है. यदि शुभ न हो तो लाभ की प्राप्ति मुश्किल होती है. 

बारहवां भाव 

यह भाव व्यय की स्थिति के बारे में बताता है. संपत्ति खरीदने के विशेष मामले में, बारहवां भाव से संकेतित एक अच्छा व्यय का अर्थ है कि यह एक अच्छा निवेश दिलाने में सहायक हो सकता है. बारहवां भाव व्यक्ति 

संपत्ति से संबंधित ग्रह 

मकान, प्रोपर्टी से संबंधित संपत्ति के इए दो ग्रहों का विचार विशेष रुप से होता है. इन में मंगल का और शनि का प्रभाव मुख्य होता है. संपत्ति के लिए यह दोनों ग्रह महत्वपूर्ण माने गए हैं. इन दोनों ग्रहों की शुभता का प्रभाव व्यक्ति के लिए सकारात्मक रुप से काम करता है. कुंडली में मजबूत मंगल की स्थिति भूमि का लाभ प्रदान करने वाली स्थिति है. 

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