आपकी कुंडली में चंद्रमा की एक से बारह भाव की कहानी

चंद्रमा ओर सुर्य यह ज्योतिष में दो मुख्य आधार स्तंभ हैं इनके द्वारा संपूर्ण व्यक्तित्व के सबसे प्रमुख गुण दृष्टिगोचर हो सकते हैं. जब चंद्रमा की बात आती है तो चंद्रम अके प्रत्येक पक्ष की स्थिति विशेष होती है ओर इसी के साथ कुंडली में मौजूद चंद्रमा का असर भी विशेष माना गया है.  चंद्रमा व्यक्ति के भावनात्मक और संवेदनशील चरित्र का प्रतीक बनता है. चंद्रमा जल प्रधान है और इसकी स्वामित्व की राशि भी इससे संबंधित है. चंद्रमा कर्क राशि का स्वामित्व रखता है, जो प्राकृतिक राशि चक्र में चौथा भाव स्थान भी है. चौथा भाव मन, मानस, माता, घर और भावनाओं को दर्शाता है. कुंडली में, चंद्रमा आंतरिक स्व, भावनात्मक जरूरतों और हम अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त करते हैं, का प्रतिनिधित्व करता है. चंद्र घर और परिवार से भी जुड़ा हुआ है और अतीत से हमारा संबंध भी इसी से देखा जाता है. चंद्रमा अलग-अलग भावों में अलग-अलग फल देता है. चन्द्रमा ज्योतिष में नैसर्गिक शुभ कारक है 

प्रथम भाव में चंद्रमा का होना

ज्योतिष में प्रथम भाव को लग्न भी कहा जाता है. यह व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, चरित्र और दृष्टिकोण को दर्शाता है. पहले घर में स्थित चंद्रमा यह संकेत देता है कि एक व्यक्ति खुद को दुनिया के सामने कैसे प्रस्तुत करता है और नए अनुभवों और स्थितियों को कैसे अपने लिए देखता है. चंद्रमा का प्रभाव ऊर्जा स्तर, प्रेरणा और उद्देश्य की भावना को बढ़ाने का काम करता है. जीवन के प्रति दृष्टिकोण को भी इसका विशेष सहयोग प्राप्त होता है. चंद्रमा पहले भाव में होने पर व्यक्ति में चंचलता और आकर्षण को भर देने वाला होता है. 

दूसरे भाव में चंद्रमा का प्रभाव  

चन्द्रमा अत्यंत आकर्षक ग्रह है और जब दूसरे भाव में होता है तो व्यक्ति में विशेष आकर्षण भर देता है. चेहरा मोहरा प्रभावित करने वाला होता है.व्यक्ति के चेहरे पर कोई निशान या तिल हो सकता है.  व्यक्ति वाणी में कोमल, नम्र बना देने में सहायक होता है. व्यक्ति भावुक स्वभाव का होता है, व्यक्ति को हमेशा अकेले खड़े रहना पसंद हो सकता है.  व्यक्ति दूसरों पर निर्भर रहना पसंद करता है और मूडी भी हो सकता है.  भीड़ से हट कर दिखने की प्रवृत्ति भी व्यक्ति में हो सकती है. व्यक्ति का मां से गहरा संबंध हो सकता है या उनसे लाभ मिल सकता है.  यदि चंद्रमा को किसी प्रकार का कष्ट हो तो जातक का माता के साथ जटिल संबंध हो सकता है. 

तीसरे भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

चंद्रमा के तीसरे भाव में होने पर इसका प्रभाव व्यक्ति को मिलनसार बनाने वाला हो सकता है. जब चंद्रमा तीसरे भाव में होता है, तो व्यक्ति पास रचनात्मक योग्यता एवं विशेषताएं होती हैं.  भौतिक धन से व्यक्ति का बहुत गहरा लगाव हो सकता है. चंद्रमा एक बढ़ता और घटता ग्रह है, जिसका अर्थ है कि यह एक अस्थिर ग्रह है. जब यह यहां होता है धन को लेकर अस्थिरता भी दे सकता है. यात्राएं भी देता है. बदलाव को लेकर व्यक्ति अधिक सोचता है. व्यक्ति को अपना पैसा कैसे खर्च करना चाहिए इस बारे में सोचने की अधिक आवश्यकता होगी. अपने भाई बंधुओं के साथ अच्छे मेल जोल को पाने में सफल रह सकता है. 

चतुर्थ भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

यहां चंद्रमा की स्थिति अच्छी मानी गई है. यहां चंद्रमा के होने पर व्यक्ति को कई तरह के सुख एवं लाभ मिलते हैं. व्यक्ति अपने जीवन का भरपूर आनंद उठा पाने में भी काफी सक्षम हो पाता है. व्यक्ति के पास अच्छे खान पान का सुख होता है वह अपनी माता का प्रेम पाता है उसके भाव जीवन मूल्यों का अच्छा गुण होता है और अच्छे संस्कार होते हैं. व्यक्ति आत्म-मूल्य रखने में विश्वास करता है. जीवन में अपने आत्म स्वाभिमान को लेकर वह सजग होता है.  अपने कैरियर को लेकर भी व्यक्ति अधिक जिज्ञासु होता है. चंद्रमा पोषण को दर्शाता है, इसलिए व्यक्ति का काम पोषण से संबंधित क्षेत्र में अधिक रह सकता है. अपने परिवार को लेकर वह भावनात्मक होता है और परिवार के लिए समर्पण का भाव भी रखता है. 

पंचम भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

पंचम भाव में चंद्रमा का होना यात्राओं, संचार, साहस, लेखन और संतान के साथ सुखों को जोड़ने वाला होता है.  व्यक्ति स्वयं के उद्यमों के लिए कोशिशें करता है. यहां चंद्रमा का होना एक रचनात्मक दिमाग प्रदान करता है. व्यक्ति किसी लेखन, कवि या फिर किसी रचनात्मक गुणों से प्रेरित रह सकता है. रचनात्मकता के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति स्वाभाविक रूप से आ जाती है. यह चंद्रमा सहज, भावुक और दूसरों की भावनाओं के प्रति ग्रहणशील बनाता है. मल्टीटास्किंग भी मिल सकती है. 

छठे भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

चन्द्रमा के इस भाव में होने पर व्यक्ति को सुखों की कमी परेशानी दे सकती है. यह चंद्रमा के लिए खराब स्थान होता है. व्यक्ति स्वभाव से बिखरा हुआ सा लग सकता है. चीजें समय के अंदर काम नहीं कर पाती हैं. व्यक्ति स्वाभाविक रूप से बुद्धिमान होता है लेकिन योग्यता का बेहद लाभ नहीं मिल पाता है. एक साथ कई काम करने के मौके मिल सकते हैं. एक साथ कई कलाओं में निपुणता भी मिल सकती है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानी अधिक रह सकती है तथा व्यक्ति बहुत जिज्ञासु एवं बेचैन हो सकता है. 

सप्तम भाव में चन्द्रमा का प्रभाव 

चंद्रमा का यहां होना व्यक्ति को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाता है. व्यक्तियों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. व्यक्ति को भूमि और निर्माण से बहुत लाभ मिल सकता . ऐसा जातक यदि भूमि या भवन निर्माण का कार्य करता है तो उसे खूब धन की प्राप्ति होती है. यदि चंद्रमा अच्छी स्थिति में है तो व्यक्ति के पास अपना घर और संपत्ति अच्छी हो सकती है. व्यक्ति पारिवारिक मूल्यों, मानदंडों, घर और विरासत से गहराई से जुड़ा हो सकता है. जीवन साथी का सुख प्राप्त होता है. व्यक्ति उदार और कोमल होता है. 

अष्टम भाव में चंद्रमा का प्रभाव   

आठवें भाव में चंद्रमा को निर्बल माना गया है. यहां चंद्रमा की स्थिति कुल मिलाकर व्यक्ति को भनात्मक रुप से परेशानी दे सकती है तथा माता के सुख को प्रभावित करने वाली होती है.  यदि यहां चंद्रमा मजबूत हो तो कुछ सकारात्मक भी दिखाता है. व्यक्ति को जीवन में कई तरह के संघर्ष दिखाई देते हैं लेकिन मजबूत चंद्रमा का प्रभाव उसे बचाव भी प्रदान करता है. स्वास्थ्य को लेकर कुछ अधिक सजग रहने कि आवश्यकता होती है तथा मानसिक रुप से मजबूत होना पड़ता है. 

नवम भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

नवम भाव में चंद्रमा के होने पर अपने पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है. व्यक्ति को मौज-मस्ती करना और अन्य लोगों से मिलना पसंद हो सकता है. व्यक्ति मित्र बनाने में कुशल हो सकता है. लोगों के साथ रहना पसंद कर सकता है. सामाजिक रुप से काफी अग्रसर होता है. भीड़ के मध्य आकर्षण का केंद्र होता है. रचनात्मक एवं कलात्मक गुणों में सक्षम होता है. 

दसवें भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

दसवें घर को कर्म भाव के रूप में जाना जाता है, और यहां चंद्रमा व्यक्ति को कर्म के प्रति प्रयासरत बनाता है. करियर के क्षेत्र में कुछ बदलाव का संकेत भी चंद्रमा के कारण मिलता है. व्यक्ति चिकित्सा एवं जल से जुड़े कामों में शामिल हो सकता है. व्यक्ति का स्वाभाविक रूप से आध्यात्मिक झुकाव भी रख सकता है. विदेश और संस्कृतियों के प्रति आकर्षण भी इनमें अधिक रह सकता है. अनेक प्रकार की भाषाओं को सीखने में वह कुशल होता है. 

एकादश भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

एकादश भाव में चंद्रमा भावनाओं को दर्शाता है. व्यक्ति जीवन में कई तरह की चीजों को पाने के लिए प्रयास भी करता है. वह नवीनता से जुडा़व पसंद करने वाला होता है. व्यक्ति मानसिक रुप से कई चीजों में खुद को उलझा के रख सकता है. व्यक्ति भ्रमण का भी बहुत शौक रखता है. सामाजिक रुप से वह अग्रसर भी होता है. 

बारहवें भाव में चंद्रमा का प्रभाव 

बारहवें घर को मोक्ष भाव के रूप में जाना जाता है, और यह घर आध्यात्मिकता, अवचेतन मन का स्थान है.  चंद्रमा यहां मन एवं भावनाओं को अधिक उकसाने का काम करता है. मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालने वाला होता है. व्यक्ति की आध्यात्मिक विषयों में विशेष रुचि हो सकती है. भ्रमण के अवसर भी प्राप्त होते हैं कुछ पारंपरिक शैली से जुड़ने का मौका भी प्राप्त होता है. 

This entry was posted in Ascendant, Basic Astrology, Vedic Astrology and tagged , . Bookmark the permalink.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *