शुक्र का गोचर कुंभ राशि में 22 जनवरी 2023 को होगा. शुक्र का कुंभ राशि प्रवेश होने पर वृष एवं तुला राशि वालों के लिए ये समय खास होगा. इन दोनों राशियों का स्वामी शुक्र है ऎसे में शुक्र का राशि बदलाव इन पर सीधेतोर पर असर डालने वाला होगा. मेष
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ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है. बुध उन शुभदायक ग्रहों में से एक है जो
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शुक्र का प्रभाव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में होगा और यह प्रवेश 2022 में काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मकर राशि में शनि के साथ मंगल का युति संबंध हो रहा है और अब शुक्र का भी मकर राशि में आना परिस्थितिओं में काफी आक्रामक स्थिति को दिखाने
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सूर्य गोचर समय 13 फरवरी 2023, को होगा इस समय गोचर 09:44 सुबह के समय पर होगा. सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर 13 फरवरी की प्रात:काल में प्रवेश होगा. मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश शनि की अन्य राशि कुंभ में होने पर बदलावों को देखा
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मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस राशि में गोचर के कारण कर्क राशि वालों के
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शुक्र का उदय ओर अस्त होना ज्योतिष शास्त्र में गोचर की विशेष घटना क्रम में से होता है. जिस प्रकार बृहस्पति अपनी शुभता एवं सौभाग्य के प्रतिक माने जाते हैं उसी प्रकार शुक को भी शुभता एवं समृद्धि का प्रतिक माना जाता है. ज्योतिष में इन दोनों का
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बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में - 22 अप्रैल 2023 बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति ज्ञान, पिता, शिक्षक, परिवार के बुजुर्गों,
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सूर्य का मकर राशि में गोचर (14 जनवरी, 2023) सूर्य का मकर राशि में गोचर शुक्रवार 14 जनवरी 2023 को 20:44 बजे होगा. ज्योतिष में, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय पर सूर्य का प्रवेश अपने पुत्र शनि देव के घर पर
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वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर 13 नवंबर, 2022 वैदिक ज्योतिष के तत्वों के आधार पर वक्री मंगल का वृष राशि 13 नवंबर, 2022 में गोचर. इस गोचर का 12 राशियों के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. कुछ के लिए यह सकारात्मकता लाएगा, जबकि अन्य को
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बुध का गोचर मकर राशि में 07 फरवरी 2023 को होगा. बुध इस समय धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 27 जनवरी 2023 के मध्य तक यहीं रहेंगे. बुध एक युवा और ऊर्जावान ग्रह है, जो संचार पर अधिकार रखता है. बुद्धि के कारक ग्रह के रूप में
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सूर्य का गोचर पुनर्वसु नक्षत्र में तब होता है जब सूर्य मिथुन राशि के अंतिम चरणों की ओर अग्रसर होता है. पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण मिथुन राशि में ही पड़ते हैं और इसका अम्तिम चरण कर्क राशि में होता है. ऎसे में सूर्य मिथुन ओर कर्क दोनों राशि
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बुध को बुद्धि, तर्क एवं वाणी का ग्रह माना गया है. देवताओं में यह राजकुमार की श्रेणी को पाता है. बुध अपनी तीव्र बुद्धि के लिए प्रसिद्ध है. ज्योतिष में बुध ईश्वर का दूत भी कहा जाता है. यह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है, और सूर्य के सबसे
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वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर - 30 अक्टूबर 2022 मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहस, ताकत और पराक्रमी बनाता है, जबकि कमजोर अवस्था में ग्रह व्यक्ति के आत्मविश्वास को कमजोर करता है. यह मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी है. इसका राशि बदलाव
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शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का वृश्चिक राशि में प्रवेश गोचर 11 नवंबर 2022 को
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सूर्य की शक्तिशाली ऊर्जा किसी भी ग्रह को जला सकती है और ग्रह की शक्ति को भड़का भी सकती है, जिसके सूर्य निकट होता है. शुक्र का अस्त होना अशांत प्रेम जीवन का प्रतीक बन सकता है. अधिकांश मामलों में प्यार का बलिदान करियर या अन्य व्यक्तिगत
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सूर्य को आत्मा एवं ऊर्जा माना जाता है, वैदिक ज्योतिष में यह इन्हीं तत्वों का कारक बनकर जीवन के विकास में सहायक बनता है. कुण्डली में यह राष्ट्र राजा और पिता का स्वाभाविक कारक होता है. इस ग्रह की शक्ति व्यक्ति की समाज में स्थिति को निर्धारित
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मंगल ग्रह साहस, हिम्मत और बहादुरी और ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल जब एक राशि से निकल कर किसी दूसरी राशि में जाता है तो इस समय को मंगल के राशि गोचर के रुप में जाना जाता है. मंगल का गोचर मिथुन राशि में होना गोचर की दृष्टि से महत्वपूर्ण
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सूर्य 30 दिनों की अवधि के लिए वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे. कुंडली में सूर्य की स्थिति का जीवन में बहुत महत्व होता है और यह उसके समग्र व्यक्तित्व को प्रभावित करती है. सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर बहुत विशेष होता है. सूर्य को नेतृत्व,
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर किसी व्यक्ति के संचार, व्यवहार, व्यवसाय और तर्क -विश्लेषण के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाने वाला होता है. यह गोचर विभिन्न राशियों के लोगों के लिए कई सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देने वाला हो सकता है. बुध का शुभ