मार्च में कौन से दिन होंगे शादी-विवाह के लिए शुभ, जानिए ।

हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है. विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुंडली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है क्योंकि विवाह की तिथि तय होने के बाद, कुण्डलियों की मिलान प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए.

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह – मीन राशि की कन्या से हो रहा हो, तो दोनों के विवाह के लिये 1,2,6  तिथियाँ एक समान होने के कारण शुभ रहेगी.

मार्च 2025 में निम्न तिथियों में विवाह करना शुभ रहेगा. यहां जन्म राशि से अभिप्राय: चन्द्र स्थित राशि से है. इन विवाह मुहूर्तो में त्रिबल शुद्धि, सूर्य-चन्द्र शुद्धि व गुरु की शुभता का ध्यान रखा गया है.

वर(लड़के) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 1,2,6,7,12
वृष राशि 1,2,6,7,12
मिथुन राशि 1,2,6,7,12
कर्क राशि 1,2,6,7,12
सिंह राशि 1,2,6,7,12
कन्या राशि 1,2,6,7,12
तुला राशि 1,2,6,7,12
वृश्चिक राशि 1,2,6,7,12
धनु राशि 1,2,6,7,12
मकर राशि 1,2,6,7,12
कुम्भ राशि 1,2,6,7,12
मीन राशि 1,2,6,7,12
वधु(लड़की) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 1,2,6,7,12
वृष राशि 1,2,6,7,12
मिथुन राशि  1,2,6,7,12
कर्क राशि 1,2,6,7,12
सिंह राशि 1,2,6,7,12
कन्या राशि 1,2,6,7,12
तुला राशि 1,2,6,7,12
वृश्चिक राशि 1,2,6,7,12
धनु राशि 1,2,6,7,12
मकर राशि 1,2,6,7,12
कुम्भ राशि  1,2,6,7,12
मीन राशि 1,2,6,7,12

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शुभ विवाह मुहूर्त फरवरी

हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है. विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुंडली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है क्योंकि विवाह की तिथि तय होने के बाद, कुण्डलियों की मिलान प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए.

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये वृष राशि के वर का विवाह – कर्क राशि की कन्या से हो रहा हो, तो दोनों के विवाह के लिये 2, 3 ,6, 7
तिथियाँ एक समान होने के कारण शुभ रहेगी.

फरवरी 2025 में निम्न तिथियों में विवाह करना शुभ रहेगा. यहां जन्म राशि से अभिप्राय: चन्द्र स्थित राशि से है. इन विवाह मुहूर्तो में त्रिबल शुद्धि, सूर्य-चन्द्र शुद्धि व गुरु की शुभता का ध्यान रखा गया है.

वर(लड़के) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
वृष राशि  2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मिथुन राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कर्क राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
सिंह राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कन्या राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
तुला राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
वृश्चिक राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
धनु राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मकर राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कुम्भ राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मीन राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
वधु(लड़की) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
वृष राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मिथुन राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कर्क राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
सिंह राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कन्या राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
तुला राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
वृश्चिक राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
धनु राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मकर राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
कुम्भ राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मीन राशि 2, 3 ,6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
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जानिए जनवरी के शुभ विवाह मुहूर्त कौन से हैं

हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है. विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुंडली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है क्योंकि विवाह की तिथि तय होने के बाद, कुण्डलियों की मिलान प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए.

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह – कर्क राशि की कन्या से हो रहा हो, तो दोनों के विवाह के लिये  16, 17, 18, 19 तिथियाँ एक समान होने के कारण शुभ रहेगी.

जनवरी 2025 में निम्न तिथियों में विवाह करना शुभ रहेगा. यहां जन्म राशि से अभिप्राय: चन्द्र स्थित राशि से है. इन विवाह मुहूर्तो में त्रिबल शुद्धि, सूर्य-चन्द्र शुद्धि व गुरु की शुभता का ध्यान रखा गया है.

वर(लड़के) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
वृष राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
मिथुन राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कर्क राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
सिंह राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कन्या राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
तुला राशि 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
वृश्चिक राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
धनु राशि  16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27 
मकर राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कुम्भ राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
मीन राशि 16,17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
वधु(लड़की) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
वृष राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
मिथुन राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कर्क राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
सिंह राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कन्या राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
तुला राशि 16,17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
वृश्चिक राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
धनु राशि 16,17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
मकर राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
कुम्भ राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
मीन राशि 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23,24, 26, 27
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साल 2025 में जानिए विवाह के लिए शुभ और अशुभ समय

विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह के लिए मुहूर्त निकालने की पद्धति को अपनाकर एक शुभ और योग्य समय का चयन किया जा सकता है. विवाह के लिए शुभ समय जानने के लिए जहां वर और कन्या की जन्म कुण्डली को देखा जाता है, वहीं उसके साथ शुभ दिन माह और योग इत्यादि भी देखने आवश्यक होते हैं.

विवाह के मुहूर्त में मुख्य रुप से दस दोषों का विचार किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इन दस दोषों में लता, पात, युति, वेध, जामित्र, पंचबाण, एकार्गल, उपग्रह, क्रान्ति साम्य और दग्धातिथि का ध्यान रखा जाता है. इन दस दोषों में से वेध, मृत्युबाण ओर क्रांतिसाम्य नाम के तीन दोष को पूर्ण रुप से ही त्यागा जाता है. शेष बचे हुए सात दोषों में से अगर चार दोष बच भी जाते हैं तो विवाह मुहूर्त में लग्न शुद्धि से वह नष्ट हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त भी कुछ मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. विवाह लग्न मुहूर्त ज्ञात करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है. जैसे – गुरु, शुक्र का अस्तांगत होना, चन्द्र अथवा सूर्य ग्रहण, पितृपक्ष, भीष्म पंचक आदि समय में विवाह करना शास्त्र संगत नहीं माना जाता है.

वर-वधू के वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाये रखने के लिये विवाह (शादी) की तिथि ज्ञात करने के लिये सर्वश्रेष्ठ शुभ तिथि का उपयोग किया जाता है. शुभ विवाह की तिथि जानने हेतु वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. विवाह मुहूर्त के चयन में अनेक बातों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक होता है तभी विवाह में शुभता बनी रहती है, जैसे वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है. विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुण्डली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है क्योंकि विवाह की तिथि तय होने के बाद, कुण्डलियों की मिलान प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए.

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. वर और कन्या की कुण्डलियों का मिलान कर लेने के पश्चात उनकी राशियों में जो-जो तारीखें समान होती हैं उन तारीखों में वर और कन्या का विवाह शुभ व ग्राह्य माना जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह कर्क राशि की कन्या से हो रहा हो तो दोनों के विवाह के लिये यदि तिथियाँ एक समान हों तो शुभ रहेंगी.

विवाह मुहूर्तों में त्रिबल शुद्धि
विवाह मुहूर्तों में त्रिबल शुद्धि, सूर्य-चन्द्र शुद्धि व गुरु की शुभता का ध्यान रखा गया है. सूर्य व गुरू स्वक्षेत्री या मित्रक्षेत्री हों तो उन्हें शुभ और ग्राह्य मान लिया जाता है. विवाह समय में अशुभ ग्रहों का यथाशक्ति दान व पूजन करवा लेना चाहिए ऎसा करने से वैवाहिक जीवन में शुभता बनी रहती है तथा मांगल्ये की प्राप्ति होती है. इन विवाह मुहूर्तों में सभी दोषो की गणना भी की गई है. जिन मुहूर्तों में गुरु की केन्द्र त्रिकोण में स्थिति है अथवा गुरु की शुभ दृष्टि भी पड़ रही है उनका परिहार हो जाता है जिससे उन मुहूर्तों को विवाह मुहूर्त में शामिल कर लिया जाता है.

विवाह के लिए वर्जित समय | Time period prohibited to marry in 2025
गुरु के अस्त और उदय होने का समय (अस्तोदय) | Jupiter Astudaya (set and rise)

गुरु के अस्त और उदय होने का समय ये समय विवाह के अनुकूल नहीं माना जाता है.
10 जून 2025 को गुरु अस्त होंगे और 06 जुलाई 2025 को पूर्व में उदय होगा.

गुरु वार्धक्य तथा बालत्व | Guru Vardhakya and Balatva
गुरु वार्धक्य दोष होगा. वार्धक्य का अर्थ है गुरु के अस्त होने से पहले की स्थिति है जिसे अच्छा नहीं माना जाता है..गुरु बाल्यावस्था यह गुरु के उदय होने के ठीक बाद वाली स्थिति होती है जिसे विवाह आदि के नजरिये से शुभ नहीं माना गया है.

शुक्र के अस्त और उदय होने का समय (अस्तोदय) | Venus Astudaya (set and rise)
शुक्र विवाह का कारक ग्रह होता है इसलिए इसके अस्त होने की स्थिति में विवाह नहीं किया जाता है.
शुक्र 12 दिसंबर 2025 को अस्त होंगे ओर इसके बाद 31 जनवरी 2026 को उदय होगा.

शुक्र वार्धक्य व बालत्व | Venus vardhakya and Balatva
शुक्र वार्धक्य का अर्थ शुक्र के अस्त होने से पहले की स्थिति है जो शुभ नहीं मानी जाती है. शुक्र बाल्यत्व अर्थात शुक्र बाल्य अवस्था में रहेंगे और इस अवस्था को भी विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता है.

होलाष्टक | Holashtak
07 मार्च से 13 मार्च 2025 की अवधि के दौरान होलाष्टक है.

श्राद्ध पक्ष | Shraddha Paksha
वर्ष 2025 में 07 सितंबर से 21 सितंबर तक श्राद्ध रहेंगे और इस समय विवाह निषेद्ध माना गया है.

भीष्म पंचक | Bhishma Panchaka
वर्ष 2025 में 01 नवंबर से 05 नवंबर भीष्म पंचक रहेंगे जिसमें विवाह करना वर्जित होता है.

चातुर्मास्यादि का विचार | Chaturmas ka Vichar
उत्तर भारत के बहुत से भागों में चातुर्मास्यादि में विवाह करना वर्जित माना जाता है. आषाढ़ माह की शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक माह की पूर्णिमा तक विवाह नहीं किए जाते हैं.

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2025 का हिन्दू कैलेंडर पंचांग, जानिए कब है कौन सा व्रत और त्यौहार

नववर्ष के आरंभ के साथ ही आरंभ होता है एक बार फिर से व्रत और त्यौहारों के पुनरागमन का समय होता है. इस वर्ष 2025 में आने वाले व्रत और त्योहारों का एक विस्तृत रुप हमें देखने को मिलेगा और ये व्रत और त्योहार हम सभी को एक सूत्र में बांधने का कार्य भी करेंगे. हर एक व्रत व त्यौहार अपने पीछे बहुत सी कहानियों और कथाओं को समेटे होता है. लोक जीवन और या शहरी जीवन यह त्यौहार हर क्षेत्र में अपना रंग बिखेरते दिखाई देते हैं.

आने वाले सभी दिवसों में कोई न कोई महत्वपूर्ण बात जरुर छिपी होती है जो जीवन में नई चेतना और ऊर्जा का संचार करने में सहायक बनती है. यह सभी महत्वपूर्ण त्योहार एवं उपवास हम सभी को प्रकृति और ईश्वर से जुड़ने का साधन बनते हैं. यह व्रत-त्योहार हमारे दैनिक जीवन में एक अलग उत्साह लाते हैं और एक दूसरे के साथ संपर्क जोड़ने का मार्ग भी बनते हैं. यह समय मेल जोल और प्रेम को बढ़ाने वाला होता है.

हमारे जीवन के दुख, कलेश और नकारात्मकता को दूर करने में भी इन व्रत एवं त्यौहारों का एक अत्यंत चमत्कारिक असर भी होता है. ऎसे में हम सभी को मिलकर इन शुभ दिनों का स्वागत करना चाहिए.

आईये जानते हैं वर्ष 2025 के व्रत एवं त्योहार के बारे में और उत्साह व उमंग के साथ स्वागत करते हैं इन सभी शुभ दिवसों का जिनके आने से हमारे जीवन में भी शुभता का आगमन होता है.

2025 के फास्ट एण्ड फैस्टिवल लिस्ट

जनवरी माह के त्यौहार-व्रत-उपवास, 2025

दिनांक प्रमुख त्यौहार

10 शुक्रवार पौष पुत्रदा एकादशी
11 शनिवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
13 सोमवार पौष पूर्णिमा व्रत
14 मंगलवार पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
17 शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी
25 शनिवार षटतिला एकादशी
27 सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
29 बुधवार माघ अमावस्या

फरवरी माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2024

2 रविवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
8 शनिवार जया एकादशी
9 रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
12 बुधवार कुम्भ संक्रांति, माघ पूर्णिमा व्रत
16 रविवार संकष्टी चतुर्थी
24 सोमवार विजया एकादशी
25 मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
26 बुधवार महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि
27 गुरुवार फाल्गुन अमावस्या

मार्च माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

10 सोमवार आमलकी एकादशी
11 मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
13 गुरुवार होलिका दहन
14 शुक्रवार होली, मीन संक्रांति, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
17 सोमवार संकष्टी चतुर्थी
25 मंगलवार पापमोचिनी एकादशी
27 गुरुवार प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
29 शनिवार चैत्र अमावस्या
30 रविवार चैत्र नवरात्रि, उगाडी, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा
31 सोमवार चेटी चंड

अप्रैल माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

6 रविवार राम नवमी
7 सोमवार चैत्र नवरात्रि पारणा
8 मंगलवार कामदा एकादशी
10 गुरुवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
12 शनिवार हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
14 सोमवार मेष संक्रांति
16 बुधवार संकष्टी चतुर्थी
24 गुरुवार वरुथिनी एकादशी
25 शुक्रवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
26 शनिवार मासिक शिवरात्रि
27 रविवार वैशाख अमावस्या
30 बुधवार अक्षय तृतीया

मई माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

8 गुरुवार मोहिनी एकादशी
9 शुक्रवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
12 सोमवार वैशाख पूर्णिमा व्रत
15 गुरुवार वृष संक्रांति
16 शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी
23 शुक्रवार अपरा एकादशी
24 शनिवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 रविवार मासिक शिवरात्रि
27 मंगलवार ज्येष्ठ अमावस्या

जून माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

6 शुक्रवार निर्जला एकादशी
8 रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
11 बुधवार ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
14 शनिवार संकष्टी चतुर्थी
15 रविवार मिथुन संक्रांति
21 शनिवार योगिनी एकादशी
23 सोमवार मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 बुधवार आषाढ़ अमावस्या
27 शुक्रवार जगन्नाथ रथ यात्रा

जुलाई माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

6 रविवार देवशयनी एकादशी, अषाढ़ी एकादशी
8 मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
10 गुरुवार गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
14 सोमवार संकष्टी चतुर्थी
16 बुधवार कर्क संक्रांति
21 सोमवार कामिका एकादशी
22 मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
23 बुधवार मासिक शिवरात्रि
24 गुरुवार श्रावण अमावस्या
27 रविवार हरियाली तीज
29 मंगलवार नाग पंचमी

अगस्त दिसंबर माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

5 मंगलवार श्रावण पुत्रदा एकादशी
6 बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
9 शनिवार रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत
12 मंगलवार संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज
16 शनिवार जन्माष्टमी
17 रविवार सिंह संक्रांति
19 मंगलवार अजा एकादशी
20 बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
21 गुरुवार मासिक शिवरात्रि
23 शनिवार भाद्रपद अमावस्या
26 मंगलवार हरतालिका तीज
27 बुधवार गणेश चतुर्थी

सितंबर माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

3 बुधवार परिवर्तिनी एकादशी
5 शुक्रवार प्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम
6 शनिवार अनंत चतुर्दशी
7 रविवार भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
10 बुधवार संकष्टी चतुर्थी
17 बुधवार इन्दिरा एकादशी, कन्या संक्रांति
19 शुक्रवार मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
21 रविवार अश्विन अमावस्या
22 सोमवार शरद नवरात्रि, घटस्थापना
28 रविवार कल्परम्भ
29 सोमवार नवपत्रिका पूजा
30 मंगलवार दुर्गा महा अष्टमी पूजा

अक्टूबर माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

1 बुधवार दुर्गा महा नवमी पूजा
2 गुरुवार दुर्गा विसर्जन, दशहरा, शरद नवरात्रि पारणा
3 शुक्रवार पापांकुशा एकादशी
4 शनिवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
7 मंगलवार अश्विन पूर्णिमा व्रत
10 शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ
17 शुक्रवार रमा एकादशी, तुला संक्रांति
18 शनिवार धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
19 रविवार मासिक शिवरात्रि
20 सोमवार नरक चतुर्दशी
21 मंगलवार दिवाली, कार्तिक अमावस्या
22 बुधवार गोवर्धन पूजा
23 गुरुवार भाई दूज
28 मंगलवार छठ पूजा

नवंबर माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

2 रविवार देवुत्थान एकादशी
3 सोमवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
5 बुधवार कार्तिक पूर्णिमा व्रत
8 शनिवार संकष्टी चतुर्थी
15 शनिवार उत्पन्ना एकादशी
16 रविवार वृश्चिक संक्रांति
17 सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 मंगलवार मासिक शिवरात्रि
20 गुरुवार मार्गशीर्ष अमावस्या

दिसंबर माह के त्यौहार-व्रत-उपवास 2025

1 सोमवार मोक्षदा एकादशी
2 मंगलवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
4 गुरुवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
7 रविवार संकष्टी चतुर्थी
15 सोमवार सफला एकादशी
16 मंगलवार धनु संक्रांति
17 बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
18 गुरुवार मासिक शिवरात्रि
19 शुक्रवार पौष अमावस्या
30 मंगलवार पौष पुत्रदा एकादशी

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नव संवत्सर 2080 के बारे में हर बात जानिये, क्या होगा इस संवत्सर में ?

22 अप्रैल 2023 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2080 का नव संवत्सर “पिंगल” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा बुध होंगे और मंत्री शुक्र होंगे. पिंगल नामक संवत के प्रभाव से विकास के कार्यों में व्यवधान की स्थिति देखने को मिल सकती है. इस समय पर राजा और मंत्री दोनों के कारण स्थिति थोड़ी मुश्किल हो सकती है. इस समय पर लोगों के मध्य निरंकुशता का प्रभाव देखने को मिल सकता है.

सम्वत राजा बुध

इस वर्ष संवत का राजा बुध होगा. बुध के प्रभाव से एक चीज जो मुख्य रुप से देखने को मिल सकती है वह है लोगों के भीतर उत्साह ओर क्रोध. इस समय पर दुर्घटनाओं के प्रभाव से शुभ जन मानस के साथ प्रकृति भी प्रभावित हो सकती है. मंगल के प्रभाव के कारण चीजों में उछाल भी देखने को मिल सकता है. इस समय पर प्रक्रति में बदलाव भी देखने को मिलेगा. भारी वर्षा और चक्रवात की स्थिति हो सकति है. अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि भी देखने को मिल सकती है. पशों की कमी या पशुओं की हानि हो सकती है. शासन के प्रति आरोप प्रत्यारोपों का दोर भी देखने को मिल सकता है. 

सम्वत मंत्री शुक्र

इस वर्ष के मंत्री दोनों ही शुक्र हैं. इस कारण स्थिति थोड़ी जटिल हो सकती है. मंत्री होने के कारण भौतिक सुख सुविधाओं को लेकर खिंचतान रह सकती है. राज्यों में चोरी ठगी, भ्रष्टाचार होने से हिंसा की स्थिति पनपेगी. जनता के मध्य उपद्रव होने की स्थिति रहेगी. जन धन की हानि होने और नेताओं में परस्पर विरोध की स्थिति भी दिखाई देगी. रोगों की अधिकता से लोगों के मध्य भय की स्थिति रह सकती है. धार्मिक भावनाओं के प्रति रुढी़वादीता देखने को मिलेगी. लोग चोरों और तस्करों के कारण परेशानी जेल सकते हैं.

सस्येश (फसलों) का स्वामी सूर्य

इस समय सस्येश सूर्य के होने से रस भरे फलों की कम पैदावार हो सकती है. सूर्य का प्रभाव होने से रस और दूध और फलों की वृद्धि की कमी दिखाई दे सकती है. इस के साथ ही इन फलों के अतिरिक्त गेहूं, ईख (गन्ना) और फलदार वृक्षों और फूलों की पैदावार भी अच्छी हो सकती है. मौसमी फलों की पैदावार भी अच्छी हो सकती है.सोना, चांदी घी तेल चावल इत्यादि का व्यापार करने वालों के लिए समय लाभ का होगा. कृषि के क्षेत्र में अच्छा रुख दिखाई दे सकता है.पशुओं से लाभ मिलने की उम्मीद भी दिखाई देती है. खेती से जुड़े व्यापारियों को भी लाभ मिलने की अच्छी स्थिति दिखाई देती है.

मेघश गुरु का प्रभाव

मेघेश यानी के वर्षा का स्वामी. इस वर्ष गुरु को मेघेश का स्थान प्राप्त हो रहा है. गुरु के प्रभाव से प्रतिकूल वर्षा की स्थिति देखने को मिल सकती है. समाज में इस कारण अव्यवस्था फैल सकती है. बाढ़ और भूस्खलन का प्रभाव भी पड़ सकता है.

मेघश का प्रभाव जहां पर होगा उस स्थान पर दूध और रस दार पदार्थों का प्रभाव अनुकूल रुप से रहेगा. लोगों को इन सभी से लाभ मिलेगा. गेहू और धान की पैदावार अच्छी होगी. वृक्षों पर फल फूलों की पर्याप्त मात्रा बनी रहने वाली है.

धान्येश शनि का प्रभाव

धान्येश अर्थात अनाज और धान्य जो हैं उनके स्वामी शनि होंगे. शनि के प्रभाव से खेती अच्छी होगी और अनाज की पैदावार भी अच्छे से होती है. वर्षा का शुभ प्रभाव होने से लाभ की प्राप्ति होती दिखाई देती है. सभी प्रकार के रस भरे पदार्थों में बहुत अच्छी स्थिति रह सकती है. मूल्यों में वृद्धि अधिक रह सकती है. इस समय पंजाब से जुड़े क्षेत्रों में कृषी पर प्रभाव देखने को मिल सकता है. घाटे की स्थिति प्रभावित कर सकती है. इस समय वर्षा की कमी भी इसका कारण हो सकती है. पदार्थों में तेजी आएगी ये वस्तुएं महंगी हो सकती है.शासन की ओर से मदद भी मिल सकती है.

रसेश मंगल का प्रभाव

रसों का अधिकारी मंगल बनेंगे. मंगल के प्रभाव से वर्षा की स्थिति कम हो सकती है. भौतिक सुख कुछ कम रह सकते हैं. इस समय पर गर्मी के कारण रसों में कमी का प्रभाव भी आ स्कता है. घी मक्खन, तेल में कुछ कमी होने से इनका महंगा प्रभाव भी रहेगा.इस समय पर प्रजा में चीजों की कमी का भय भी रह सकता है. प्रजा और शासन के मध्य में तनाव भी बढ़ सकता है. रसेश के प्रभाव से रुखापन जीवन में अधिक रहने वाला है.

नीरसेश सूर्य का प्रभाव

नीरसेश अर्थात ठोस धातुओं का स्वामी. इनका स्वामी सूर्य है. सूर्य के प्रभाव से सुंगधित वस्तुओं का व्यापार अच्छे से होने की उम्मीद दिखाई देती है. चीजों में आकर्षण का भाव होगा लोगों में भी इसकी ओर झुकाव रहेगा. इन चीजों की खरीदारी भी अच्छी हो सकती है.

फलेश गुरु का प्रभाव

फलेश अर्थात फलों का स्वामी. फलेश गुरु के प्रभाव से शुभ प्रभाव की प्राप्ति हो सकती है. शासन में लोगों का कुछ विश्वास गहरा होगा. न्याय के प्रति लोगों की समझ विकसित होगी. विद्वानों को इस समय लाभ मिल सकता है.

धनेश सूर्य का प्रभाव

धनेश अर्थात धन का स्वामी राज्य के कोश का स्वामी. धनेश सूर्य के होने से यह समय आर्थिक क्षेत्र में थोड़ा अनुकूल कहा जा सकता है. इस समय पर लोगों की ओर से लाभ में वृद्धि का कुछ मौका मिल सकता है. शासन व्यवस्था में व्यापार करने वालों के लिए ये कुछ सकारात्मक स्थिति हो सकती है.

दुर्गेश गुरु का प्रभाव

दुर्गेश अर्थात सेना का स्वामी. गुरु के दुर्गेश होने से सैन्य कार्य थोड़े सुस्त देखाई दे सकते हैं. इस समय पर नए चीजों का आगमन तो होगा लेकिन प्रभावशीलता अधिक न दिखाई दे पाए.

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राहु-केतु का राशि परिवर्तन । Rahu Ketu Transit 2024 | Change in Signs of Rahu-Ketu 2024

राहु-केतु का 2024 में राशि परिवर्तन होगा. राहु केतु का राशि में प्रवेश जब भी किसी राशि में होगा तो वह सभी राशियों पर खास रुप से असर डालने वाला होता है. राहु और केतु जब भी जिस राशि में प्रवेश करते हैं तो पूरे वर्ष उस राशियों पर ग्रहण का प्रभाव डालते हैं  राहु केतु का राशि परिवर्तन सभी पर प्रभाव डालने वाला होगा. इन दो पाप ग्रहों का गोचर विश्व में अनेक प्रकार के बदलाव और चिंताएं बढ़ाने वाला होगा.

आइये जानते हैं राहु-केतु के गोचर का फल विभिन्न राशियों पर कैसा रहेगा । Learn about the effects of the transit of Rahu-Ketu in different signs

 

मेष राशि | Aries Sign

राहु केतु का गोचर इस समय मेष राशि के जातकों के जीवन में अचानक से बदलाव को दिखाने वाला होगा. इस समय आप के कुछ कार्य जल्दी से पूरे हो सकते हैं. आपमें कम को लेकर जल्दबाजी भी अधिक रहने वाली है. क्रोध अधिक बढ़ सकता है. नए लोगों से मुलाकात के मौके बनेंगे और यात्राएं भी होंगी.

वृषभ राशि | Taurus Sign

खर्च में अधिकता और वाणी में गुस्सा अधिक झलक सकता है. आप चीजों को लेकर जल्द ही परेशान भी हो सकते हैं. धन प्राप्ति के योग बने हुए हैं, पैतृक संपत्ति का लाभ भी मिल सकता है. घरेलू विवाद रहेंगे और तनाव भी रह सकता है.

मिथुन राशि | Gemini Sign

आपकी राशि पर ही राहु का गोचर हो रहा है, ऎसे में मानसिक उलझने अधिक बढ़ सकती हैं. आर्थिक क्षेत्र में लाभ ओर पद प्राप्ति भी हो सकती है. इस समय आपके खर्च भी अधिक रहेंगे. आपको इस समय मिलेजुले परिणाम मिलेंगे. जिसमें से कुछ अच्छे तो कुछ निराशाजनक रहेंगे.

कर्क राशि | Cancer Sign

कर्क राशि से राहु निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश कर रहे हैं, आपके लिए स्थिति थोड़ी सकारात्मक रहेगी. लेकिन दूसरी तरफ अचानक से किसी बड़े खर्च की स्थिति उभर सकती है. आपको अचानक से कोई यात्रा भी करनी पड़ सकती है.

सिंह राशि | Leo Sign

आपको कोई पद प्राप्ति या कुछ नवीन वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है. काम काज में आपके लिए नए मौके उभरेंगे और आप कुछ बेहतर मौके भी मिलेंगे. बाहरी संपर्क से लाभ मिल पाएगा.

कन्या राशि | Virgo Sign

आपके लिए कार्य क्षेत्र में बदलाव का दौर रहने वाला है. काम में बदलाव हो सकता है. आय में कमी हो सकती है. आपके जो पुराने काम थे वे अब बन सकते हैं.

तुला राशि | Libra Sign

आपके पास काम को लेकर कमी रहने वाली है. लेकिन आप अपनी ओर से परिश्रम में कमी नहीं आने देना क्योंकि आपके प्रयास ही सफलता दिला सकता है. प्रेम संबंधों में तकरार अधिक रह सकती है. रिश्तों में आपसी सहमती की कमी रहने वाली है.

वृश्चिक राशि | Scorpio Sign

स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए समय अधिक अनुकूल नहीं रह पाए. ऎसे में चिकित्सक के पास जाना पड़ सकता है. विरोधियों का दबाव भी झेलना पड़ सकता है. धार्मिक यात्राओं पर जाने के मौके मिलेंगे. अचानक धन लाभ के मौके भी मिलेंगे.

धनु राशि | Sagittarius Sign

धनु राशि के जातकों के लिए समय मानसिक तनाव और दुविधाओं से भरा रहने वाला है. शारीरिक कष्ट बढ़ सकते हैं. जीवन साथी के साथ मतभेद भी उभर सकते हैं.

मकर राशि | Capricorn Sign

प्रयासों में सफलता नहीं मिल पाए. निराशा का भाव बहुत अधिक रह सकता है. भाग्य की ओर से कुछ सहायता मिल सकती है. किसी यात्रा पर जाने के मौके भी मिलेंगे. लोगों से मेल-जोल के मौके बनेंगे. इस समय आप में क्रोध की अधिकता हो सकती है साथ ही चिंताएं अधिक रह सकती है.

कुम्भ राशि | Aquarius Sign

घरेलू जीवन में समस्याएं अधिक रह सकती हैं. विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई में ध्यान भंग हो सकता है. कुछ ऎसी चिंताएं रहेंगी जिन्हें आप सब के सामने बता न पाएं. संतान और परिवार से संबंधित चीजें आप पर असर डाल सकती हैं.

मीन राशि | Pisces Sign

मेहनत में वृद्धि होगी, आप अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए काफी मदद मिल सकती है. परिवार में एक दूसरे के साथ न मिल पाने से भी आप काफी तनाव में रहें. संघर्ष के बाद ही सफलता होगी.

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गुरू का धनु राशि में गोचर कैसा रहेगा ? । Transit of Jupiter In Sagittarius Sign । Jupiter transit in sagittarius 2019

गुरु (बृहस्पति) 29 मार्च 2019 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे. गुरू वृश्चिक राशि से अब धनु में गोचर करेंगे. देव गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल 2019 को वक्री होंगे. 22 अप्रैल 2019 को वक्री अवस्था में एक बार फिर से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. इस पूरे समय वृश्चिक में ही रहेंगे उसके बाद 11 अगस्त 2019 को मार्गी होंगे. 5 नवम्बर 2019 को प्रात:काल 05:16 मिनिट पर धनु में प्रवेश करेंगे और संवत के अंत तक धनु राशि में ही गोचरस्थ होंगे.

धनु राशि में गुरु के गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव । Effect of transition of Jupiter in Sagittarius sign on different signs


मेष राशि पर प्रभाव । Effect on Aries sign

गुरु का भाग्य भाव में गोचर होने पर आपको कार्यों में सफलता प्राप्ती होने की संभावना रहेगी. आप अपने मनोकूल कुछ कार्य भी कर पाएंगे. आप इस समय कोई यात्रा भी कर सकते हैं मुख्य रुप से धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. आर्थिक क्षेत्र में लाभ तो प्राप्त होगा ही, परंतु साथ ही खर्च में भी वृद्धि के योग दिखाई देते हैं. किसी प्रकार के वाहन एवं वस्त्र की प्राप्ति होगी. संतान संबंधी सुख भी मिल सकता है.

वृषभ राशि पर प्रभाव । Effect on Taurus sign

वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का अष्टम भाव में गोचर होने से थोड़ी परेशानियां रह सकती हैं. कुछ कार्यों में विलम्ब की स्थिति भी प्रभावित कर सकती है. संघर्ष अधिक रहेगा तभी कुछ थोड़ा बहुत लाभ भी मिल पाएगा. अगर लापरवाही करते है तो परेशानी झेलनी पड़ेगी. आप इस समय कुछ व्यर्थ की उलझनों में उलझे होंगे. परिवार की बातों ओर काम काज के दबाव के चलते मानसिक रुप से तनाव रहने वाला है. आपके लिए जरूरी है की स्वयं को अधिक दबाव में नहीं आनें दें और स्थिति के अनुरुप काम करते रहें. कुछ पैतृक संपत्ति से जुड़े लाभ मिल सकते हैं. जो छात्र अपने प्रोजेक्ट कर रहे थे उन्हें कुछ बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं.

मिथुन राशि पर प्रभाव । Effect on Gemini Sign

आपके लिए गुरू सातवें भाव में गोचरस्थ हो रहें है. आपके लिए किसी नए काम की शुरुआत का मौका बनता है. मित्रों के सहयोग एवं अपने किसी करीबी की सहायता से आपके अटके हुए काम पूरे होने की उम्मीद दिखाई देगी. विवाह इत्यादि का योग भी दिखाई देता है. संघर्ष की स्थिति प्रभावित करने वाली रहेगी. आय के क्षेत्र में आपके लिए प्रयास अधिक रहने वाले हैं. भागदौड़ अधिक रहने वाली है.

कर्क राशि पर प्रभाव । Effect on Cancer Sign

यह समय आपके लिए संघर्ष और प्रतियोगिताओं वाला होगा. धनार्जन कम होगा और खर्च अधिक होने वाला है. इस समय आप को कुछ रोग अधिक परेशान कर सकते हैं. अचानक से ही आपसी रिश्तों में अनबन की स्थिति उभर सकती है. मन में परेशानी अधिक रह सकती है. आपके विरोधी आप पर दबाव बढ़ा सकते हैं.

सिंह राशि पर प्रभाव । Effect on Leo Sign

आपके लिए गुरु का गोचर शुभ फलों को देने वाला होगा. शिक्षा के क्षेत्र में आप अच्छा कर सकने में सक्षम होंगे. विद्यार्थियों के लिए बेहतर मौके उभरेंगे. बच्चों से संबंधित सुख की प्राप्ति हो सकती है. वाहन इत्यादि का सुख भी प्राप्त हो सकता है. आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं. वित्तिय लाभ की उम्मीद भी बंधती दिखाई देती है.

कन्या राशि पर प्रभाव । Effect on Virgo Sign

घर पर किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. साथ ही वस्त्र आभूषण इत्यादि की प्राप्ति भी हो सकती है. संघर्ष बने रहेंगे और परिवार में कुछ बदलाव होने की संभावना भी बनी हुई है. सुख की कमी होने से आप घर से दूरी बना सकते हैं और अधिकांश समय अपने में ही सीमित से रह सकते हैं. खर्चों की अधिकता के कारण आपके मन चिंता अधिक रहने वाली है, पर किसी न किसी रुप में खर्च पूरे होते रहेंगे.

तुला राशि पर प्रभाव । Effect on Libra Sign

तुला राशि के तीसरे भाव गुरु का गोचर होने पर आय कम और खर्च अधिक रहेंगे. भाई बहनों की ओर से कुछ बदलाव होंगे. आपकी मेहनत में भी वृद्धि होगी. नौकरी में आपकी योजनाएं सामने आएंगी साथ ही आपको उन्नती के मौके भी मिलेंगे. आप थोड़े सकारात्मक होकर काम करेंगे. नई योजनाओं को एक बार पुन: सामने लाने का मन बना सकते हैं. मानसिक रुप से चीजों को लेकर एक पक्ष उभर नहीं पाए. दो विचारधाराएं बनी रहने वाली हैं. आप लगातार कुछ चिजों को लेकर काम में व्यस्त रहने वाले हैं.

वृश्चिक राशि पर प्रभाव । Effect on Scorpio Sign

धन लाभ के मौके बनेंगे और आपको मित्रों की ओर से मदद भी मिलेगी. आपके पूर्व में जो अपने योजनाएं बनाई हुई थीं उन्हें इस समय पर आप पूरा कर पाएंगे. धार्मिक कार्यों में भी इस समय पर आप धन व्यय कर सकते हैं और साथ ही धार्मिक क्षेत्र में रुझान भी बढ़ सकता है. किसी के प्रति आपके मन में प्रेम संबंधों को नई दिशा भी मिल सकती है. कुछ आवश्यक कार्यों के लिए लम्बी दूरी की यात्राओं पर जा सकते हैं. परिवार में कुछ बातों को लेकर मतभेद बढ़ सकते हैं जिसके कारण आप कुछ समय के लिए मानसिक तनाव से गुज़र सकते हैं पर जल्द ही स्थिति सुधरेगी.

धनु राशि पर प्रभाव । Effect on Sagittarius Sign

आपके समक्ष कुछ नई चीजों का कार्य होगा, मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकते हैं. आप के लिए भागदौड़ का समय भी है. धनार्जन के लिए संघर्ष रहेगा. आप अपने निर्णयों पर कुछ अधिक कठोर भी रह सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल रखें, मानसिक चिंताओं में वृद्धि रह सकती है. इस दौरान आप मानसिक रूप से अधिक सोच विचार में लगे दिखाई देंगे. जीवन साथी के साथ मतभेद रह सकते हैं लेकिन कोशिस करें की इस मामले को अधिक नही बढ़ने दीजिए. अपनी भाषा शैली और व्यवहार पर नियंत्रण रखें और दूसरों की भावनाओं को भी समझने का प्रयास करें.

मकर राशि पर प्रभाव । Effect on Capricorn Sign

आपके लिए इस समय गुरु का गोचर थोड़ा चिंता और भागदौड़ को बढा़ने वाला हो सकता है. ये समय आप दूसरों के कारण भी परेशानी में रह सकते हैं. स्वास्थ्य से संबंधी मामलों में चिकित्सक और अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं. खर्चों में वृद्धि होगी. बाहरी संपर्क बनेंगे और उनसे कुछ लाभ भी मिल सकता है जो आपके खर्चों में कटौती कर पाए. संभावनाओं का दौर जारी रहने वाला है पर जल्द ही स्थिति में सुधार होगा. अभी बहुत जल्द कोई निर्णय नहीं लीजिए थोड़ा समय का इंतजार कीजिए.

कुम्भ राशि पर प्रभाव । Effect on Aquarius Sign

आपके लिए समय थोड़ा अनुकूलता भरा रह सकता है. आपको किसी व्यक्ति विशेष की सहायता से लाभ भी हो सकता है. विद्या के क्षेत्र में भी आपको सफलता प्राप्त होगी और आप किसी अच्छे संस्थान में प्रवेश भी प्राप्त कर सकते हैं. आपको अपने भाई बहनों की ओर से भी कुछ सहयोग मिल सकता है, पर साथ ही उनकी ओर से कुछ मानसिक चिंता भी रह सकती है. आपके सामने इस समय कुछ ऎसे मौके भी आएंगे जब आपको मौका मिलेगा आप अपनी प्रतिभा को बेहतर ढंग से सामने रख पाएंगे.

मीन राशि पर प्रभाव । Effect on Pisces Sign

आपके लिए कार्य क्षेत्र में कुछ नए नियम और कुछ नए काम शामिल होंगे. इस समय आपका ध्यान काम काज की ओर अधिक रह सकता है. कुछ मामलों में आप अपने परिवार और काम के मामले में इतने व्यस्त रहेंगे जिसमें आप स्वयं के लिए समय नहीं निकाल पाएं. घर पर कुछ मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकते हैं. तनाव बना रहने वाला है. छोटे-मोटे रोग भी इस समय पर आप पर प्रभाव डाल सकते हैं. कार्यों में दूसरों की सलाह भी अवश्य सुनें और अपने सभी बातों पर विचार करते हुए आगे बढ़ें

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सर्वार्थ सिद्धि योग करता है आपके सभी कार्य सिद्ध

ज्योतिष में मुहूर्त एक ऎसा विषय है जो व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालने वाला होता है. एक शुभ मुहूर्त्त आपके किसी भी अटके हुए काम और रुके हुए काम को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक होता है. कहीं नौकरी के लिए जाना है, कोई डील फाइनल करनी है, कहीं किसी नए काम की शुरुआत करनी है, या फिर ऎसा कोई भी छोटा या बड़ा ऎसा काम करना है जिसमें आप सफल होने की इच्छा रखे हुए हों. तो ऎसे में मुहूर्त शास्त्र का उपयोग अत्यंत लाभदायक माना गया है.

मुहूर्त शास्त्र के अंतर्गत हमें अनेक प्रकार के शुभ एवं अशुभ समय का चयन करने कि जानकारी प्राप्त होती है. मुहूर्त कि ये जानकारी ही हमारे आगे के मार्ग को प्रश्स्त करने में भी हमारे लिए अत्यंत ही उपयोगी भी सिद्ध होती है. इसी मुहूर्त के अंतर्गत आता है एक अत्यंत ही शुभ समय जो कहलाता है सर्वार्थ सिद्धि योग का समय.

सर्वार्थ सिद्धि योग एक अत्यंत ही शुभ समय का प्रतीक होता है. कई बार जल्दबाजी और सभी बातों को ध्यान में नही रख पाने के कारण कुछ न कुछ अधुरा सा रह ही जाता है. समय की कमी के कारण कोई निश्चित मुहूर्त्त नहीं मिल पाने के समय के दौरान, सर्वार्थ सिद्धि योग का उपयोग अत्यंत लाभदायी बन सकता है. सर्वार्थ सिद्धि योग का उपयोग करके हम उस अधूरेपन को दूर करने के योग्य बन सकते हैं जिसे हम पूरा नहीं कर पा रहे हों.

आईये जानते हैं की 2024 में किस दिन और कब बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग –

जनवरी माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in January 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
3 जनवरी 14:46 4 जनवरी सूर्योदय
6 जनवरी सूर्योदय 6 जनवरी 21:23
8 जनवरी सूर्योदय 8 जनवरी 22:03
12 जनवरी 15:18 13 जनवरी 12:50
16 जनवरी सूर्योदयकाल 17 जनवरी 04:38
18 जनवरी सूर्योदयकाल 19 जनवरी 02:58
21 जनवरी 03:09 21 जनवरी सूर्योदय
22 जनवरी सूर्योदय 22 जनवरी 23:59
25 जनवरी सूर्योदय 26 जनवरी सूर्योदय

फरवरी माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in February 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
05 फरवरी सूर्योदय 05 फरवरी 07:54
09 फरवरी सूर्योदयकाल 09 फरवरी 23:29
13 फरवरी सूर्योदय 15 फरवरी 09:26
13 फरवरी सूर्योदयकाल 13 फरवरी 12:36
15 फरवरी सूर्योदयकाल 15 फरवरी 09:26
17 फरवरी 08:42 18 फरवरी सूर्योदय
22 फरवरी सूर्योदयकाल 22 फरवरी 16:43
26 फरवरी 01:24 26 फरवरी सूर्योदयकाल
28 फरवरी सूर्योदय 28 फरवरी 07:33

मार्च माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in March 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
08 मार्च सूर्योदयकाल 08 मार्च 10:41
11 मार्च 12:43 11 मार्च सूर्योदयकाल
12 मार्च 20:30 13 मार्च सूर्योदयकाल
11 मार्च 07:11 12 मार्च सूर्योदयकाल
16 मार्च सूर्योदयकाल 16 मार्च 16:06
23 मार्च 04:28 23 मार्च सूर्योदयकाल
24 मार्च 07:34 25 मार्च सूर्योदयकाल
29 मार्च 20:36 30 मार्च सूर्योदयकाल
31 मार्च 27:57 28 मार्च सूर्योदयकाल
30 मार्च सूर्योदयकाल 01 अप्रैल सूर्योदयकाल

अप्रैल माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in April 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
07 अप्रैल 12:58 08 अप्रैल सूर्योदयकाल
09 अप्रैल 07:32 10 अप्रैल 05:07
11 अप्रैल 03:06 11 अप्रैल सूर्योदयकाल
16 अप्रैल 03:06 16 अप्रैल सूर्योदयकाल
21 अप्रैल सूर्योदयकाल 22 अप्रैल सूर्योदयकाल
25 अप्रैल 26:24 27 अप्रैल 03:40
28 अप्रैल सूर्योदयकाल 29 अप्रैल 04:49

मई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in May 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
05 मई सूर्योदयकाल 05 मई 19:57
07 मई सूर्योदयकाल 07 मई 15:32
08 मई 13:34 09 मई सूर्योदयकाल
13 मई 11:24 14 मई सूर्योदयकाल
19 मई सूर्योदयकाल 20 मई 03:16
23 मई 09:15 24 मई 10:10
26 मई सूर्योदयकाल 26 मई 10:36

जून माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in June 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 जून 25:40 03 जून सूर्योदयकाल
04 जून 22:35 06 जून सूर्योदयकाल
09 जून 20:21 10 जून 21:40
11 जून सूर्योदयकाल 11 जून 23:39
16 जून सूर्योदयकाल 16 जून 11:13
19 जून 17:23 20 जून 18:10
23 जून 17:04 24 जून सूर्योदयकाल
24 जून 15:54 25 जून सूर्योदयकाल
30 जून 07:34 01 जुलाई सूर्योदयकाल

जुलाई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in July 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 जुलाई सूर्योदयकाल 03 जुलाई 04:40
03 जुलाई सूर्योदयकाल 04 जुलाई सूर्योदयकाल
06 जुलाई 04:07 06 जुलाई सूर्योदयकाल
07 जुलाई सूर्योदयकाल 08 जुलाई 06:03
09 जुलाई सूर्योदयकाल 09 जुलाई 07:53
17 जुलाई सूर्योदयकाल 18 जुलाई 03:13
21 जुलाई सूर्योदयकाल 21 जुलाई 24:14
22 जुलाई सूर्योदयकाल 22 जुलाई 22:21
26 जुलाई 14:30 27 जुलाई सूर्योदयकाल
28 जुलाई सूर्योदयकाल 28 जुलाई 11:48
30 जुलाई सूर्योदयकाल 30 जुलाई 10:23
31 जुलाई सूर्योदयकाल 01 अगस्त सूर्योदयकाल

अगस्त माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in August 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 अगस्त 10:59 03 अगस्त सूर्योदयकाल
04 अगस्त सूर्योदयकाल 04 अगस्त 13:26
11 अगस्त 05:49 11 अगस्त सूर्योदयकाल
14 अगस्त  सूर्योदयकाल 14 अगस्त 12:13
18 अगस्त सूर्योदयकाल 18 अगस्त 10:15
19 अगस्त सूर्योदयकाल 19 अगस्त 08:10
22 अगस्त 22:06 24 अगस्त सूर्योदयकाल
26 अगस्त 15:55 27 अगस्त सूर्योदयकाल
28 अगस्त सूर्योदयकाल 18 अगस्त 15:53
29 अगस्त 16:40 30 अगस्त 17:56

सितंबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in September 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
07 सितंबर 12:34 08 सितंबर सूर्योदयकाल
09 सितंबर 18:04 10 सितंबर सूर्योदयकाल
14 सितंबर 20:33 15 सितंबर सूर्योदयकाल
19 सितंबर 08:04 20 सितंबर 26:43
23 सितंबर सूर्योदयकाल 24 सितंबर सूर्योदयकाल
26 सितंबर सूर्योदयकाल 27 सितंबर सूर्योदयकाल

अक्तूबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in October 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
02 अक्तूबर 12:23 03 अक्तूबर सूर्योदयकाल
05 अक्तूबर सूर्योदयकाल 05 अक्तूबर 21:23
07 अक्तूबर सूर्योदयकाल 07 अक्तूबर 26:25
12 अक्तूबर 05:25 13 अक्तूबर 04:28
15 अक्तूबर 22:09 16 अक्तूबर सूर्योदयकाल/span>
17 अक्तूबर सूर्योदयकाल 18 अक्तूबर 13:26
21 अक्तूबर सूर्योदयकाल 22 अक्तूबर 05:51
24 अक्तूबर सूर्योदयकाल 25 अक्तूबर सूर्योदयकाल
30 अक्टूबर  सूर्योदयकाल 30 अक्टूबर 21:44

नवम्बर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in November 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
04 नवम्बर सूर्योदयकाल 04 नवम्बर 08:04  
08 नवम्बर 12:03 09 नवम्बर 11:48
12 नवम्बर 07:52 13 नवम्बर 05:40
14 नवम्बर सूर्योदयकाल 14 नवम्बर 24:33
16 नवम्बर 19:28 17 नवम्बर सूर्योदयकाल
18 नवम्बर सूर्योदयकाल 18 नवम्बर 15:49
21 नवम्बर सूर्योदयकाल 21 नवम्बर 15:36
24 नवम्बर 22:17 25 नवम्बर सूर्योदयकाल

दिसंबर माह में सर्वार्थ सिद्धि योग तिथियाँ 2024 | Sarvartha Siddhi Yoga in December 2024

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
10 दिसंबर सूर्योदयकाल 10 दिसंबर 13:30
12 दिसंबर सूर्योदयकाल 12दिसंबर 09:53
14 दिसंबर सूर्योदयकाल 15 दिसंबर 03:55
22 दिसंबर सूर्योदयकाल 23 दिसंबर सूर्योदयकाल
27 दिसंबर 20:29 28 दिसंबर सूर्योदयकाल
29 दिसंबर 23:22 30 दिसंबर सूर्योदयकाल
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जानिए, अमृत सिद्धि योग क्या होता है और साल 2025 में कब-कब देगा शुभ फल

हम सभी चाहें जो भी काम करने का सोचें उसमें सफलता की इच्छा भी हमारे भीतर उस समय के साथ ही बढ़ने लगती है. हम सदैव यही चाहते हैं की हमारे सभी काम सफल रहें और उनके पूरा होने में हमारे सामने कम से कम परेशानी या बिलकुल भी कोई बाधा नही आ पाए. अपनी इन मनोकामनाओं को पूरा करने का अत्यंत सुगम साधन ही ज्योतिष में मुहूर्त्त कहलाता है.

ऎसे में किसी भी मुहूर्त्त का चयन करने में अत्यंत जागरुकता की भी आवश्यकता होती है. कुछ मामलों में जब हमें जल्द से या फिर अचानक से ही कोई काम करना पड़ता है तो और उस समय इतना समय नहीं मिल पाता है की पूर्ण रुप से मुहूर्त्त को समझ पाएं तो ऎसे में अमृत सिद्धि योग का समय एक बहुत ही सुगम मार्ग होता है सफलता और शुभता की प्राप्ति के लिए.

यह सरल-सुगम अमृत सिद्धि योग अपने नाम के अनुरुप ही कार्य भी करता है. इस समय किए गए कामों में व्यक्ति को अमृत के समान फल भी प्राप्त होता है. तो आपको किसी काम पर अचानक से जाना पड़ रहा हो या कार्य को करना जरुरी हो तो ऎसे में उस समय के दौरान अगर अमृत सिद्धि योग की प्राप्ति हो जाती है तो यह आपके काम की सफलता में एक महत्वपुर्ण पड़ाव के रुप में काम करता है और काम में मिलने वाली सफलता की गारंटी को भी बढ़ाता है. आईये जानते हैं कि इस वर्ष 2025 में कौन-कौन से दिन रहेगा अमृत सिद्धि योग –

इस वर्ष 2025 में बनने वाले अमृत सिद्धि योग तिथियां इस प्रकार हैं

अमृत योग तिथियाँ 2025 | Amrit Siddhi Yoga Dates 2025

इस वर्ष 2025 में बनने वाले अमृत सिद्धि योग तिथियां इस प्रकार हैं

अमृत योग तिथियाँ 2025

अमृत योग तिथियाँ 2025

प्रारंभ काल समाप्तिकाल
दिनाँक समय (घं. मि.) दिनाँक समय (घं. मि.)
07 जनवरी 17:50 08 जनवरी सूर्योदयकाल
11 जनवरी सूर्योदयकाल 11 जनवरी 12:29
19 जनवरी 17:30 20 जनवरी सूर्योदयकाल
04 फरवरी सूर्योदयकाल 04 फरवरी 21:50
16 फरवरी सूर्योदयकाल 17 फरवरी 04:31
16 मार्च सूर्योदयकाल 16 मार्च 11:45
19 मार्च 20:50 20 मार्च सूर्योदयकाल
16 अप्रैल सूर्योदयकाल 17 अप्रैल 05:55
14 मई सूर्योदयकाल 14 मई 11:47
23 मई 16:03 24 मई सूर्योदयकाल
20 मई सूर्योदयकाल 20 जून 21:45
21 जुलाई 21:07 22 जुलाई सूर्योदयकाल
24 जुलाई 16:44 25 जुलाई सूर्योदयकाल
16 अगस्त 28:39 17 अगस्त सूर्योदयकाल
18 अगस्त सूर्योदयकाल 18 अगस्त 26:06
21 अगस्त सूर्योदयकाल 21 अगस्त 24:09
13 सितंबर 10:12 14 सितंबर सूर्योदयकाल
15 सितंबर सूर्योदयकाल 15 सितंबर 07:32
18 सितंबर सूर्योदयकाल 18 सितंबर 05:51
07 अक्टूबर 25:28 08 अक्टूबर सूर्योदयकाल
11 अक्टूबर सूर्योदयकाल 11 अक्टूबर 15:20
19 अक्टूबर 17:50 20 अक्टूबर सूर्योदयकाल
04 नवंबर 12:35 05 नवंबर सूर्योदयकाल
16 नवंबर सूर्योदयकाल 16 नवंबर 26:11
02 दिसंबर सूर्योदयकाल 02 दिसंबर 20:52
14 दिसंबर सूर्योदयकाल 14 दिसंबर 08:19
17 दिसंबर 17:12 18 दिसंबर सूर्योदयकाल

 

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