Category Archives: Yoga

नवग्रह स्त्रोत के प्रयोग से स्वयं ही ग्रह शांति कैसे करें

नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर पूर्ण रुप से प्रभाव देखा जा सकता है. इन नवग्रहों की शांति द्वारा जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकते हैं. नवग्रहों के विषय में अनेक तथ्यों को बताया गया … Continue reading

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बगलामुखी यंत्र | Baglamukhi Yantra | Importance of Baglamukhi Yantra

माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती  हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यो में शुभ माना जाता है. धर्मशास्त्रो के अनुसार बगलामुखी यंत्र … Continue reading

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महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना कर सकती है आपकी हर समस्या का समाधान

यंत्रों में शक्ति सदा विराजमान रहती है जिसके कारण यंत्र शीघ्र ही अपने प्रभावों को पूर्णतः स्पष्ट कर देते हैं. ऎसा की एक यंत्र महामृत्यंजय यंत्र है. महामृत्यंजय यंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है तथा रोग को … Continue reading

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ये आसान से मंगल मंत्र दिला सकते हैं हर प्रकार के मंगल दोष से मुक्ति

ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. इसी के अन्तर्गत मंगल ग्रह उग्र स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. यह मेष तथा वृश्चिक … Continue reading

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इन आसान तरीकों से कर सकते हैं, कुण्डली के कमजोर सूर्य को बलवान

कुण्डली में ग्रह पीडा होने पर गोचर का जो ग्रह व्यक्ति को पीडा दे रहा हो तो उक्त ग्रह से संबंधित उपाय करने पर कुछ शुभ पभावों को प्राप्त किया जा सकता है. सूर्य कुण्डली में आरोग्य शक्ति व पिता … Continue reading

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ज्योतिष में चाप योग क्या होता है

लग्नेश के उच्च राशिस्थ होने के साथ-साथ दशमेश और चतुर्थेश के मध्य विनिमय परिवर्तन योग होने पर निर्मित होता है. चाप योग की परिभाषाओं में कुछ भिन्नता देखने को मिलती है. यदि कुण्डली में चतुर्थ और दशम स्थानों के स्वामी … Continue reading

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मंत्र जाप से बदल सकता है आपका जीवन, ऐसे

प्राचीन धर्म ग्रन्थों में मंत्र जाप के महत्व को बहुत विस्तार पूर्वक बताया गया है. भारतीय संस्कृति में मंत्र जाप की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही है. प्राचीन वेद ग्रंथों में सहस्त्रों मंत्र प्राप्त होते हैं जो … Continue reading

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सिंहासन योग अगर आपकी कुंडली में है तो यूं बदलेगी आपकी ज़िन्दगी

दशमेश के केन्द्र, त्रिकोण, अथवा धन भाव में स्थित होने से निर्मित होता है सिंहासन योग. जन्म कुण्डली में दशम भावाधीश केन्द्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय इनमें से किसी एक स्थान पर भी स्थित हो तो ऎसा जातक उच्च स्थान पाता … Continue reading

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शुक्र अगर वक्री हो जाये तो क्या होगा? देखिये

शुक्र ग्रह मान सम्मान, सुख और वैभव, दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं. साधारणत: यदि यह पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट न हों तो जातक को हंसमुख एवं विनोद प्रिय बनाते हैं. जातक मिलनसार और … Continue reading

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क्या आपकी कुण्डली में राजयोग है? ऐसे जानिये

वैदिक ज्योतिष अत्यधिक व्यापक क्षेत्र है. कुण्डली का विश्लेषण करना चुनौती भरा काम होता है. किसी भी कुण्डली को देखने के लिए बहुत सी बातों का विश्लेषण करके तब किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए. कुण्डली विश्लेषण में कुण्डली के योग … Continue reading

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