Category Archives: Planets

महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना कर सकती है आपकी हर समस्या का समाधान

यंत्रों में शक्ति सदा विराजमान रहती है जिसके कारण यंत्र शीघ्र ही अपने प्रभावों को पूर्णतः स्पष्ट कर देते हैं. ऎसा की एक यंत्र महामृत्यंजय यंत्र है. महामृत्यंजय यंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है तथा रोग को … Continue reading

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ये आसान से मंगल मंत्र दिला सकते हैं हर प्रकार के मंगल दोष से मुक्ति

ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. इसी के अन्तर्गत मंगल ग्रह उग्र स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. यह मेष तथा वृश्चिक … Continue reading

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इन आसान तरीकों से कर सकते हैं, कुण्डली के कमजोर सूर्य को बलवान

कुण्डली में ग्रह पीडा होने पर गोचर का जो ग्रह व्यक्ति को पीडा दे रहा हो तो उक्त ग्रह से संबंधित उपाय करने पर कुछ शुभ पभावों को प्राप्त किया जा सकता है. सूर्य कुण्डली में आरोग्य शक्ति व पिता … Continue reading

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विवाह और संतान-सुख में उपपद का महत्व

ज्योतिष में सामान्यत: विवाह सुख और संतान सुख का विचार सप्तम एवं पंचम भाव से किया जाता है, परंतु इसके साथ ही साथ विवाह एवं संतान के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. उपपद से … Continue reading

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ज्योतिष में चाप योग क्या होता है

लग्नेश के उच्च राशिस्थ होने के साथ-साथ दशमेश और चतुर्थेश के मध्य विनिमय परिवर्तन योग होने पर निर्मित होता है. चाप योग की परिभाषाओं में कुछ भिन्नता देखने को मिलती है. यदि कुण्डली में चतुर्थ और दशम स्थानों के स्वामी … Continue reading

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ऊं नम: शिवाय मंत्र जाप की सही विधि (सही फल प्राप्ति के लिये)

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र भगवान शिव की महिमा एवं उनके स्वरुप को दर्शाता है. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप भक्त के हृदय की गहराइयों में पहुंचकर उसका साक्षात्कार शिव से कराता है. यह मंत्र भक्तों का सरल लोकप्रिय मंत्र … Continue reading

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सिंहासन योग अगर आपकी कुंडली में है तो यूं बदलेगी आपकी ज़िन्दगी

दशमेश के केन्द्र, त्रिकोण, अथवा धन भाव में स्थित होने से निर्मित होता है सिंहासन योग. जन्म कुण्डली में दशम भावाधीश केन्द्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय इनमें से किसी एक स्थान पर भी स्थित हो तो ऎसा जातक उच्च स्थान पाता … Continue reading

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शुक्र अगर वक्री हो जाये तो क्या होगा? देखिये

शुक्र ग्रह मान सम्मान, सुख और वैभव, दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं. साधारणत: यदि यह पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट न हों तो जातक को हंसमुख एवं विनोद प्रिय बनाते हैं. जातक मिलनसार और … Continue reading

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बृहस्पति के वक्री होने पर ये हो सकता है

नवग्रहों में बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा और प्रभावशाली माना गया है. गुरू को शुभ ग्रहों के रूप में मान्यता प्राप्त है. गुरू को शुभता, सत्यता, न्याय, सद्गुण व सुख देने वाला गह माना गया है. इस ग्रह को कुण्डली में … Continue reading

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सभी ग्रहों के लिये सही रत्न और उनके सस्ते विकल्प

विभिन्न ग्रहों के रत्न | Gemstones for Different Planets सूर्य – माणिक्य, चन्द्र – मोती, मंगल – मूँगा, बुध – पन्ना, बृहस्पति – पुखराज, शुक्र – हीरा, शनि – नीलम, राहु – गोमेद, केतु – लहसुनिया. विभिन्न ग्रहों के उपरत्न … Continue reading

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