मिथुन लग्न तो जान लें कौन सी दशा है शुभ और कौन सी है अशुभ

मिथुन लग्न वालों के लिए नौ ग्रह अपनी दशा और अपना प्रभाव दिखाते हैं। मिथुन लग्न के लोगों को शुक्र, बुध और चंद्रमा की दशा में अच्छे और अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन मंगल और बृहस्पति की दशाएं बहुत सहायक नहीं होती हैं। इसी तरह शनि और सूर्य की दशाएं मध्यम तरीके से अपना प्रभाव दिखाती हैं।

मिथुन लग्न के लिए कुछ ग्रह शुभ हो सकते हैं, जबकि कुछ ग्रह बहुत बुरे हो सकते हैं। आमतौर पर इस लग्न के लोगों के लिए ग्रह इस प्रकार की भूमिका निभाते हैं। मिथुन लग्न पर बुध का प्रभाव होता है क्योंकि इस लग्न का स्वामी बुध होता है। अब बुध के मित्र और शत्रु ग्रहों की स्थिति के अलावा इस लग्न के लिए शुभ और अशुभ ग्रहों को जानने के बाद ही उनके दशा परिणामों को समझना संभव है। आइए देखें कि इस लग्न के लिए कौन से ग्रह शुभ और अशुभ ग्रह बनते हैं और वे अपनी दशा का प्रभाव कैसे दिखाते हैं।

शुक्र महादशा

मिथुन लग्न के लिए शुक्र महादशा को अनुकूल शुक्र दशा के रूप में देखा जाता है। इस दौरान व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं लेकिन यह व्यक्ति के आर्थिक पक्ष को भी प्रभावित करता है। इस समय जातक अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने में सक्षम होता है। यह जीवन में नई चीजों की प्राप्ति के साथ-साथ नए रोमांच का समय होता है। जातक अपने आस-पास के लोगों से घुल-मिल जाता है और कई नए रिश्ते भी बनाता है। वह स्वभाव से अच्छा रह पाता है और समय कुछ हद तक भाग्यशाली साबित हो सकता है। अधिकांश लाभ दूसरों के प्रयासों से भी प्राप्त होते हैं। लेखन, अभिनय, नृत्य, संगीत से जुड़ने का अवसर मिलता है। वह इन जगहों पर अधिक शामिल हो पाता है। जीवन में सफलता का स्वाद चखने और लोकप्रिय होने का अवसर मिलता है।

बुध महादशा
मिथुन लग्न के बुध महादशा का प्रभाव शुभ होता है। बुध इस लग्न का स्वामी है। इसलिए यह अच्छा है। इस समय जातक समाज में असाधारण रूप से आगे बढ़ सकता है। जातक सुख-सुविधाओं, भोजन, स्वास्थ्य और रखरखाव पर अधिक धन खर्च करता है। वह सौंदर्य प्रसाधनों और कपड़ों पर बहुत अधिक खर्च कर सकता है। जातक इस समय अपने व्यवसाय के माध्यम से बहुत अधिक धन अर्जित करने में सक्षम होता है। यह दशा व्यवसाय में चमक लाती है। इस दशा के दौरान व्यक्ति का झुकाव कला और रचनात्मक चीजों की ओर भी होता है। जातक को अपने प्रियजनों से अधिक लगाव होता है। तकनीकी कार्यों में निखार आता है। किसी व्यवसाय में भागीदार के रूप में शामिल होने का भी मौका मिलता है। जातक को शिक्षण संस्थाओं और समाज कल्याण या धर्मार्थ ट्रस्ट से जुड़ने का अवसर मिलता है। कुछ लोगों को पाचन तंत्र और त्वचा रोगों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

शनि महादशा
शनि मिथुन लग्न के लिए भाग्येश होने के साथ अष्टम भी होता है. अब इस स्थिति शनि अपने फलों को मिश्रित रुप में देता है. शनि वैसे बुध का मित्र होता है ऎसे में यह दशा कुछ सकारात्मक भी होती है. शनि की दशा में व्यापार में तीव्र उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. इस समय व्यक्ति परिणामों को धीमे रुप में पाता है. लोहा, इस्पात, धातु, कृषि व्यवसाय जैसी चीजों में जुड़ सकता है. व्यक्ति को विदेशी मुद्रा का लाभ भी इस समय पर मिल सकता है. ऋण चुकाने में व्यक्ति को लम्बा समय लग जाता है. कई बार दूसरों के कारण अपना हिस्सा खोना पड़ सकता है. कुछ नकली या जाली दस्तावेज के कारण भी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है. सेहत के मामले में कोई ऎसी व्याधी इस समय यदि हो जाए तो वह लम्बी व्याधी बन सकती है. इस दशा के दौरान मजबूत मित्रों और रिश्तेदारों का सहयोग प्राप्त होगा. साझेदारों को धोखा देने के कारण बदनामी हो सकती है.

मंगल महादशा
मिथुन लग्न के लिए मंगल दशा काफी उतार-चढ़ाव ला सकती है. इस दशा के दौरान कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. कर्ज को लेकर परेशान रह सकते हैं या धन का अचानक से नुकसान झेलना पड़ सकता है, अपने उधार चुकाने के लिए संघर्ष अधिक रहता है. हीं चुका पाते हैं. समाज में अच्छा नाम होगा लेकिन कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है. इस समय विशेष रुप से साहस में वृद्धि होती है. व्यक्ति कठोर कार्यों को कर पाने में सक्षम होता है. सेहत की समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ सकता है. इस दशा के दौरान कुछ दुष्प्रभाव को कम करने के लिए, दशा के दौरान कम से कम दशा शांति कर लेना अनुकूल रहता है.

चंद्रमा महादशा
मिथुन लग्न के लिए चंद्रमा की दशा का प्रभाव न्यूट्रल रुप में अधिक देखा जाता है. यह दशा विदेश यात्रा धन लाभ के मौके देते हैं. इस समय के दोरान व्यक्ति सभाव से काफी चंचल भी रह सकता है. एक निर्णय पर टिक पाना मुश्किल होता है. इच्छाओं की अधिकता रहती है. परिवार के साथ सहयोग मिलता है. व्यक्ति इस समय पर ऎसे कार्यों में लाभ पाता है जो चंद्रमा से संबंधित होते हैं. इसके अलावा शिक्षण संस्थान, सिनेमा, सोशल मीडिया में व्यक्ति अधिक शामिल रह सकता है. इस दौरान व्यक्ति को जलीय यात्राओं को करने का मौका मिलता है. स्वास्थ्य को लेकर कफ एवं वात की समस्या अधिक प्रभावित कर सकती है.

सूर्य महादशा
सूर्य की दशा व्यक्ति के लिए साहस और परिश्रम का समय दिखाती है. इस समय व्यक्ति अपने रिश्तों एवं अपने कार्य को लेकर अधिक भागदौड़ करता है. भाई बंधुओं की ओर से जीवन अधिक प्रभावित होता है. अपने कार्य क्षेत्र में उसे सफलता मिलती है. व्यवसाय फलता-फूलता है. इस समय नकारात्मक रुप से उसक अक्रोध और जिद परेशानी अधिक रह सकती है. नेत्र दृष्टि पर भी असर पड़ सकता है. पारिवारिक जीवन में स्थिति साधारण रह सकती है. मित्र की ओर से कुछ धोखा मिल सकता है अथवा अधिकारी परेशानी बन सकते हैं. कानून के अनुसार बाधाएँ खड़ी हो सकती हैं.

गुरु महादशा
मिथुन लग्न के लिए गुरु की दशा अधिक सहयोगात्मक नहीं बन पाती है. इस समय के दौरान ज्ञान तो होता है लेकिन उसका उपयोग सही रुप से नहीं हो पाता है. श्वास संबंधी समस्या, दमा कुछ परेशानी पैदा कर सकता है. स्त्रियों से लाभ होता है लेकिन गुरु जनों से स्खत निर्देश मिलते हैं. धन लाभ होता है मातृपक्ष से सहयोग मिलता है. कुछ लोगों को पैतृक संपत्तियों को कम दरों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ज्ञान और बुद्धि होने के बावजूद शिक्षा में परिणाम मध्यम ही रह पाते हैं. खराब परिणामों के बावजूद व्यक्ति का आत्मविश्वास ऊंचा रहता है. कई स्थितियों में अपने नेतृत्व के कारण अच्छ अप्रदर्शन कर पाते हैं.

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