2024 में इन पर रहेगी शनि की साढे़साती और शनि ढैय्या

शनि एक धीमी गति के ग्रह हैं ऎसे में इनका गोचर एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. शनै: शनै: चलने वाले शनि की गति और उनका किसी राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा इन सभी बातों को जानने की उत्सुकता तो रहती ही है, पर सबसे अधिक इस बात को लेकर ध्यान अधिक जाता है की की शनि का गोचर किन राशि के लोगों के लिए साढेसाती का आरंभ करने वाला है और किन के लिए शनि ढैय्या लाने वाला होगा. जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है लोग यह जानने को उत्सुक होते हैं कि उनके लिए यह राशि परिवर्तन क्या फल देने वाला है. शनिदेव को न्याय और कर्म के अनुसार फल देने वlले देव का स्थान प्राप्त है. जातक का आचरण उसका व्यवहार एवं उसके कर्मों का स्वरुप ही शनि के द्वारा दिए जाने वाले फलों का शुभ और अशुभ रुप में निर्धारण करता है.

शनि का साल 2024 में होने वाला राशि परिवर्तन कुछ लोगों की साढे़साती की समाप्ति का समय होगा तो कुछ लोगों की साढ़ेसाती का आरंभ बनेगा. इसी के साथ शनि की ढैय्या का प्रभाव भी कुछ पर से अपना असर कम करेगा तो कुछ पर अपना प्रभाव देना आरंभ होगा.

क्या होती है शनि की साढे़साती

गोचर में जब शनि किसी जातक की जन्म राशि से बारहवें भाव, पहले भाव और दूसरे भाव में होता है तो उस समय शनि की स्थिति उस जातक के लिए शनि की साढे़साती का समय कहलाती है. शनि की सढे़साती को ज्योतिष शास्त्र में मानसिक रुप से चिंताओं को बढ़ाने वाला समय कहा गया है. ये प्रियजनों से अलगाव दे सकती है. शारीरिक कष्ट को भी बढ़ा सकती है.आर्थिक क्षेत्र में घाटा भी झेलना पड़ सकता है. ऎसी बहुत सी बातें होती हैं जो इस समय के दौरान जातक पर अलग अलग रुप से अपना असर डालती हैं.

शनि की साढे़साती 2024 से किन राशियों पर असर डालेगी

मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती पांव से उतर रही है, इस समय मकर जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का ये महत्वपूर्ण दौर रहने वाला है. शनि की साढे़साती का ये समय आखिरी पड़ाव जाते-जाते कई सारी ऎसी अनचाही चीजें भी दे सकता है जो लम्बे समय तक प्रभाव डालने वाली होगी. मकर राशि वालों को चाहिए की किसी प्रकार की जल्दबाजी में अगर कोई नए फैसले लेने से पहले उचित प्रकार से उनके बारे में सोचें जरुर. अपनी आर्थिक स्थिति के विषय में भी ध्यान रखें.

मकर राशि वालों के लिए शनि पहले भाव और दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और इस समय शनि आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे तो आप आर्थिक क्षेत्र में परेशान तो रहेंगे ही पर साथ ही साथ कोई संपत्ति का मामला भी आपके लिए एक मुख्य विषय के रुप में रहेगा.आपके लिए ये समय आलस्य वाला रहेगा या आप चाह कर भी बहुत से कामों को करने में दूरी बना सकते हैं. शनि का ताम्र पाया होने के कारण आपकी आय के स्रोत किसी न किसी रुप में बने रहेंगे. आपको वाहन और संपत्ति का कुछ लाभ भी इस समय हो सकता है.

कुम्भ राशि – कुंभ पर शनि का आगमन यानी आपके चंद्रमा पर सीधे शनि का गोचर हो रहा है. शनि की साढे़साती कुंभ राशि वालों के हृदय पर होगी. यह साढे़साती का मध्य समय होगा. आपके लिए शनि मानसिक रुप से तनाव बढ़ाने वाला होगा. पर कुछ मामलों में स्वराशिगत शनि की शुभता भी मिलेगी. नए लोगों के साथ संपर्क बनेंगे. अचानक से धन लाभ और ट्रैवलिंग के अवसर भी दे सकता है.

कुंभ राशि वालों के लिए चांदी का पाया होने से थोड़ा स्थिति सकारात्मक भी होगी. पूर्व में किए गए कामों से लाभ मिलेगा. संपत्ति सुख के साथ परिवार की ओर से भी आप को कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है, लेकिन चिंताओं एवं जिम्मेदारियों के लिए समय भी काफी महत्वपूर्ण होगा.

मीन राशि – शनि कुंभ राशि में होंगे ऎसे में मीन राशि के जातकों की शनि के साढे़साती का आरंभ होगा. मीन राशि वालों के लिए ये समय शनि की साढे़साती के आरंभ का समय है. मीन राशि वालों के लिए शनि की साढे़साती का प्रभाव आरंभ अवस्था में होगा. मीन राशि वालों के लिए शनि का गोचर बारहवें भाव में रहेगा. ऎसे में खर्च की अधिकता तो रहने ही वाली है. स्वास्थ्य से संबंधी परेशानी भी इस समय आप पर अपना असर डालेगी. ये तीन राशियां इस समय अवधि के दौरान शनि की साढे़साती के प्रभाव में रहने वाली हैं. इन पर शनि का प्रभाव सबसे अधिक रहने वाला है. इस मामले में इन राशि के जातकों को अपने काम और अपने परिवार की ओर से बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

धनु राशि – धनु राशि के लोगों के लिए शनि की साढ़ेसाती पांव से उतर रही है, इस समय धनु जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का ये अंतिम दौर होगा. तो अब साढेसाती से मुक्ति का समय भी है धनु के लिए शनि का प्रभाव काफी असरदायक तो होगा ही.

क्या होती है शनि की ढैय्या
गोचर में जब शनि की स्थिति जन्म राशि के चंद्रमा से चौथे अथवा आठवें भाव में होती है तो वह समय जातक के लिए शनि की ढैय्या का समय कहलाता है. यह ढ़ाई वर्ष का समय ढैय्या कहलाता है. इसे भी अनुकूल नहीं माना आता है. इसे लघु कल्याणी (ढैय्या) के नाम से भी जाना जाता है. शनि की ढैय्या जातक को व्यर्थ की भागदौड़ देने वाली होती है. प्रयास अधिक करने पड़ते हैं लेकिन लाभ कम ही मिल पाता है. अनावश्यक खर्च भी बढ़ जाते हैं. अपने लोगों के साथ विर्ध भी बढ़ने लगता है.

वर्ष 2023 में शनि ढैय्या से प्रभावित राशियां शनि की ढैय्या का प्रभाव कर्क, वृश्चिक राशि के जातकों पर रहेगा. मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद दिखाई देती है.

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव सभी जातकों के लिए एक जैसा नही रहता है. यह बहुत सी चीजों के कारण अलग अलग फल देने वाला बनता है. इसका एक कारण की यह है की जिस कुण्डली में शनि पहले भाव, पांचवें भाव और नवें भाव का स्वामी हो तो यह त्रिकोण भाव के स्वामी बनेगा, किसी कुंडली में उच्च या मित्र क्षेत्री हो शुभ ग्रह से दृष्ट हो शुभ स्थानों का स्वामी होकर अपने बुरे प्रभावों को कुछ कम सकता है. लेकिन इसके साथ ही जन्म कुण्डली में ग्रहों की स्थिति और दशा का प्रभाव अनुसार भी शनि की साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव जातक पर अपना असर डालता है. इसलिए किसी एक तथ्य पर बात करते हुए शनि ग्रह के फलों के विषय में नहीं कहा जा सकता है.

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