2024 में जानें ज्वालामुखी योग कब-कब बनेगा

<p> ज्योतिष में बहुत से योगों का वर्णन मिलता है. इन योगों में अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के योग मिलते हैं. ज्वालामुखी योग अशुभ योगों में से एक योग है. इस योग में कभी कोई शुभ काम आरंभ नहीं करना चाहिए. शुभ तो क्या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य इस योग में नहीं करने चाहिए. यदि कभी कोई व्यक्ति गलती से भी इस योग के समय कोई काम शुरु कर लेता है तब उसकी सफलता में संदेह बना रहता है.</p>

<p>इस योग में आरंभ किया कार्य सिद्ध नही होता है और उसे करने के लिए बार-बार प्रयास करने पड़ते हैं. हर बार विघ्न तथा बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहले यह अवश्य जाँच ले कि ज्वालामुखी योग तो नहीं चल रहा है. लेकिन  इस योग की अपनी कुछ विशेषताएँ भी है. यदि यह योग शुभ काम के लिए खराब है तो शत्रुओं पर विजय पाने के लिए इस योग को शुभ माना गया है. दुष्ट प्रवृति के शत्रुओं पर प्रयोग करने के लिए यह ज्वालामुखी योग शुभ माना गया है. </p>

<p>जब प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र पड़ता हो, पंचमी तिथि के दिन भरणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि के दिन कृतिका नक्षत्र, नवमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र या दशमी तिथि के दिन आश्लेषा नक्षत्र पड़ता हो तब ज्वालामुखी योग बनता है. ज्वालामुखी योग के अशुभ फल का बखान करने के लिए एक लोकोक्ति प्रचलित है जो इस प्रकार है : - “जन्मे तो जीवे नहीं, बसे तो उजड़े गाँव, नारी पहने चूड़ियाँ, पुरुष विहीनी होय, बोवे तो काटे नहीं, कुएँ उपजे नीर।।” </p>

<p>कई विद्वानों का कहना है कि यह लोकोक्ति अतिशयोक्तिपूर्ण है लेकिन इस योग के अशुभ प्रभाव को वह विद्वान नकारते भी नहीं हैं. इस योग से मिलने वाले अशुभ फलों को वह स्वीकारते हैं. कई प्राचीन ग्रंथों में भी इस योग का उल्लेख मिलता है. यदि किसी बच्चे का जन्म ज्वालामुखी योग में हुआ है तब उसे अरिष्ट योग हो सकता है. यदि इस योग में किसी का में किसी कन्या या पुरुष का विवाह होता है तब उसे शुभ नहीं माना जाता है. उसे वैवाहिक सुख नहीं मिलता है. </p>

<p>यदि इस योग में बीज बोया जाए +`1तो तो फसल अच्छी नहीं होती है. यदि जल प्राप्ति के लिए कुआं या तालाब खोदा जाए तब उनका पानी ज्यादा समय तक नहीं चलता और वह शीघ्र ही सूख जाता है. यदि इस योग में कोई व्यक्ति बीमार पड. जाता है तब वह काफी समय तक अपनी बीमारी से जूझता रहता है. ऎसी और भी बाते हैं जो इस योग में आरंभ करने पर पूरी नहीं होती.</p>

<h2>वर्ष 2024 में ज्वालामुखी योग बनने की तिथियाँ </h2)
प्रारंभ काल - तारीख	प्रारंभ काल - घं.मि.	तारीख - समाप्ति काल	समाप्ति काल - घं.मि.
17 अप्रैल 	15:15	18 अप्रैल	        05:19
22 जून    	06:38	22 फरवरी	17:54
26 अगस्त         03:40	26 अगस्त         15:55
26 अगस्त      	26:20	27 अगस्त         15:38
21 सितंबर  	18:44	21 सितंबर    	24:36
26 अक्टूबर       03:23   26 अक्टूबर        09:46
This entry was posted in Basic Astrology, Hindu Calendar, Hindu Maas, Hindu Rituals, Muhurta, Yoga and tagged , , , . Bookmark the permalink.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *