आठवें भाव में मंगल का होना मांगलिक प्रभाव क्यों देता है परेशानी

आठवें भाव में मंगल की स्थिति को व्यापकर रुप से शोध का विषय माना गया है. यहां मंगल की उपस्थिति को साधारण रुप से नहीं देखा जा सकता है. जन्म कुंडली में सभी ग्रहों का और भाव स्थिति का महत्व किसी न किसी रुप जीवन पर अपना प्रभाव डता है लेकिन जब बात आती है मंगल की और मंगल के किसी विशेष भाव स्थान में बैठ जाने की तब जरुरत पड़ती है इस पर उचित रुप से विचार किया जाए.

कुंडली के कुछ भाव बेहद गहन अर्थों से संबंधित होते हैं. हर भाव की अपनी महत्ता और स्थिति होती है. इस भाव में मंगल का होना व्यक्ति के भावेशों में अलग असर देने वाला होगा. यह अपनी आवेगी प्रवृत्ति का विरोध नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब उनकी इच्छाओं की बात आती है तो वे बहुत गणनात्मक और ठंडे होते हैं. इस कारण से चीजों को डिल कर पाना भी बहुत मुश्किल हो जाएगा. 

मंगल आठवें भाव में

मंगल के आठवें भाव में होने के कई तरह के परिणाम हमारे सामने होंगे. यह मंगल और भाव की स्थिति के अनुसार होंगे. मंगल के लोग अधिक से अधिक चीजों को जानने के लिए ऊर्जावान, कामुक और उत्साही होते हैं, यह समझने के लिए कि लोग कैसे काम करते हैं और उनके रहस्यों को जानने के लिए. उन्हें रिश्तों में कुछ समस्याएँ हो सकती हैं, इसलिए एक साथी जो उन्हें अधिक आर्थिक रूप से स्थिर होने में मदद कर सकता है, वह उनका सच्चा हीरो भी बन सकता है. विवाह बहुत अधिक आवश्यकता नहीं अपितु रिश्तों में निष्ठा और समर्पण में अधिक रुचि संभव होती है. 

आठवां भाव रंध्र स्थान जहां मंगल की ऊर्चा का अनिश्चित स्वरुप 

आठवां भाव एक ऎसा छिद्र स्थान है जहां मंगल का होना हर बार कुछ नए अनुभव देने वाला बन जाता है. ऊर्जा का विस्तार होता है लेकिन स्थिर नहीं हो पाती है. इन व्यक्तियों को किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो उनके साथ सब कुछ साझा करना चाहता हों. यहां बंधन की बात ही नहीं किंतु समर्पण की इच्छा अधिक रह सकती है. यहां सहयोग की भावना बहुत अधिक रुप में काम करती है. इसलिए अगर पूर्णता के करीब पहुंचना चाहते हैं, तो जुनून को कम करने की जरूरत भी मंगल के लिए आवश्यक शर्त बन जाती है. आठवें भाव में मंगल वाले व्यक्ति में एक अहंकार होता है जो या तो जानबूझकर या अनजाने में उन्हें हमेशा खुद को बदलने के लिए मजबूर करता है. पूरी तरह से अलग व्यक्ति बनने के लिए दूसरों से बहुत प्रभावित हो सकते हैं. 

जीवन में अंस्तुष्टि भी होती है. मंगल कई दिशाओं की ओर ले जाने में आगे रहता है. ऎसे में ऊर्जा कई जगह पर बंट जाती है. मंगल मार्गदर्शक का काम नही कर पाता है, अगर लग्न पर शुभ दृष्टि न हो तो सदैव ही भटकाव रहता है. किंतु यदि शुभ ग्रह की लग्न को दृष्टि मिल जाती है तो मंगल कुछ सकारात्मक रुप से सहायक भी बन सकता है.

आठवें भाव में मंगल वाले लोगों के पास यह ग्रह स्थिति है जहां संसाधनों को साझा करने का उन पर अधिकार भी होता है. व्यक्ति इतना देख और जान सकता है कि चीजें कैसे काम करती हैं और नए विचारों से आसानी से ग्रहण भी कर सकता है. जितने अधिक छिपे हुए तथ्यों को प्राप्त करते जाते हैं. वे काम में उतने ही प्रसन्न भी होंगे. 

भौतिक एवं आध्यात्मिक मार्ग उलझन भरा 

अष्टम में मंगल का होना भौतिक और आध्यात्मिक के मध्य द्वंद को भी दिखाता है. संपत्ति या संपत्ति पर बहस अधिक झेलनी पड़ सकती है. यहां ध्यान से विश्लेषण करना चाहिए कि वास्तव में जीवन में क्या चाहते हैं और क्या नहीं चाहते हैं. क्योंकि इस स्थिति के कारण साथी के साथ भी विवाद रह सकता है. यहां आवश्यकता होती है समझोते की. अधिक संचार उन्हें बेहतर संबंध बनाने में मदद कर सकता है. अगर बदलना चाहते हैं, तो बस उन चीजों को छोड़ देना चाहिए जो महत्वपूर्ण नहीं हैं. जब यौन संबंधों की बात आती है तो मंगल का यहां होना बहुत तीव्रता देने वाला होता है इसलिए बहुत से लोग ऎसे व्यक्ति को बहुत ही कुशल प्रेमी के रूप में देखते हैं, लेकिन यह प्रेम से इतर की बात है.                       

मनोगत और आध्यात्मिक दुनिया से भी व्यक्ति बहुत आकर्षित दिखाई दे सकता है. सभी प्रकार के रहस्यों और असामान्य गतिविधियों का पता लगाने में भी उनका रुझान दिखाई दे सकता है.  उनके लिए दूसरों को बदलने या बेहतर करने का गुण भी होता है. क्योंकि वे लोगों को अपनी ताकत खोजने और दर्दनाक परिस्थितियों से उबरने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. जीवन का एक मुख्य उद्देश्य अपने भीतर की शक्ति को खोजना और अपनी पूरी क्षमता से जीना ही अष्टम मंगल की विशेषता का गुण बन सकता है. अनुसंधान और रहस्यों के समाधान खोजने के लिए बहुत जुनून हो सकते हैं. जीवन में जो कुछ छिपा हुआ है, उसे सामने लाना उनके लिए एक कुशलता है. 

मांगलिक होने का असर 

मंगल की यह स्थिति मांगलिक बनाती है. इसका मुख्य रुप से प्रभाव संबंधों को लेकर पड़ता है. जिस भाव में मंगल होता है वह यौन इच्छाओं का स्थन भी होता है जो छिपी हैं लेकिन मंगल जब मेजबानी कर रहा है तो इसका मतलब यह है कि व्यक्ति यौन रूप से आकर्षित होने पर कोई कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे, लेकिन यहां यह समझना की वह गलत है नहीं अपितु वह अपनी इच्छाओं को व्यक्त करने में दूसरों से अधिक निडर होगा. उसके भीतर दिखावे से अधिक वास्तविकता होगी जो उसके रिश्ते को मजबूती देने का काम करती है. बहुत भावुक और प्रखर बुद्धि भी पाते हैं, इन लोगों का एक मजबूत भावनात्मक पक्ष होता है और वे दूसरों की तुलना में मृत्यु के बारे में अधिक बार सोचते हैं.  जिसका अर्थ हुआ की साहस की कमी नहीं होती है और विपदा का सामना करने का हौसला रखते हैं. 

आठवें भाव में मंगल अंतरंगता पर अधिकार को दर्शाता है. प्यार के संबंध में लोग भावुक होते हैं. 8वें घर में मंगल के साथ प्रेम संबंध के लोगों का एक स्याह पक्ष है और उनके विवाह में घरेलू हिंसा, यौन शोषण और जुनून जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं. यह उनके साथ पीड़ा और दर्द के बारे में अधिक रह सकता है. इस कारण मांगलिक उर्जा यदि गैर मांगलिक के साथ जुड़ती है तो इस पर काम नहीं कर पाती है. इसलिए आवश्यकता होती है मांगलिक के मांगलिक के साथ जुड़ने की जिससे कुछ चीजों का नियंत्रण समान रुप से बन पाए.              

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