जन्म कुंडली में राहु कब देता है शुभ फल

जन्म कुंडली में सभी ग्रह अपने अनुसार शुभ फलों एवं अशुभ फलों को देने में आगे रहते हैं लेकिन जब बात आती है राहु की तो यह एक काफी गंभीर होता है. राहु ग्रह व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला होता है. कुंडली में राहु जैसे ग्रह का प्रभाव व्यक्ति को शत्रुओं, कर्ज और व्याधियों से परेशानी देने वाला होता है. कई तरह की भ्रामक समस्या का असर राहु के समय पर सबसे अधिक गंभीर रहता है. राहु के अनेकों नकारात्मक पक्ष रह सकते हैं लेकिन इसके विपरित राहु कई तरह शुभ के फल देने का भी कारक बनता है और जीवन जब राहु देता है तो वह व्यक्ति को उन सभी चीजों को प्रदान करने वाला ग्रह होता हैं जो आसानी से प्राप्त नहीं हो सकती हैं.

राहु का असर जन्म कुंडली के कुछ स्थानों में बेहद अनुकूल प्रभाव देने के लिए विशेष रहा है. जन्म कुंडली में राहु की स्थिति कई विशेष योगों के होने से शुभ फल प्रदान करने वाली होती है इसी के साथ कुछ विशेष भाव स्थान पर राहु का होना सकारात्मक फलों को देने में बहुत सकारात्मक माना गया है. राहु जब इन स्थानों पर होता है तो कई तरह के शुभ प्रदान करने वाला होता है. 

कुंडली के तीसरे भाव में राहु का प्रभाव 

राहु का असर कुंडली के तीसरे भाव में बहुत अच्छा माना गया है. कुंडली का तीसरा घर साहस, पराक्रम, यात्राओं, बातचीत इत्यादि का भाव होता है. इस कारण से इस भाव में जब राहु मौजूद होता है तो वह इस भाव के गुणों में वृद्धि करता है. छाया ग्रह राहु ग्रह प्रणाली में सबसे नकारात्मक फल देने वाला ग्रह है, राहु कोई भौतिक ग्रह नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव बहुत अधिक दूरगामि होते हैं. इसका प्रभाव गहरा और शक्तिशाली होता है, राहु भौतिकवाद और बदलाव का प्रतीक है. यह चोरी, सट्टा, बुरी आदतों जैसी चीजों में सदैव आगे रहता है. इस कारण से जब राहु तीसरे घर में प्रवेश करता है, तो यह वैदिक ज्योतिष के अनुसार तीसरे घर में गलत पहलुओं को तेज कर सकता है. तीसरे भाव में राहु का असर वर्जनाओं को तोड़ने वाले विचार दे सकता है. व्यक्ति क्रांतिकारी विचार रखने वाला भी हो सकता है. कानून का उपयोग अपने इस्तेमाल में करने के लिए उसकी समझ बेहद शानदार हो सकती है. गुप्त एवं गुढ़ समझ का भी उपयोग वह सभी को दर्शाता है. 

कुंडली के छठे भाव में राहु का प्रभाव 

जन्म कुंडली के छठे भाव में राहु का असर जब होता है व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय पाने का अच्छा मौका प्राप्त होता है. कुंडली के छठे भाव में राहु का होना कई मायनों में काफी अच्छे फल प्रदान करने वाला माना गया है. कुंडली में छठा भाव कर्ज, शत्रु और रोगों को दर्शाता है. यह एक खराब भाव स्थान के रुप में होता है जो जीवन के कष्टों को दिखाता है और उनके असर को जीवन पर डालने वाला होता है. अब एक पाप भाव में यदि कोई पप ग्रह होता है तो उसके द्वारा उस भाव के खराब फल नियंत्रण में रह पाते हैं. 

छठे भाव में राहु का नकारात्मक प्रभाव ही एक सकारात्मक गुण के रुप में दिखाई देता है. यह व्यक्ति का व्यक्तित्व निखारने में भी सहायक होता है. राहु छठे भाव में अनुकूल स्थिति में होता है, तो सफलता के लिए विशेष बन जाता है. इस स्थान पर पर राहु व्यक्ति को अपने विरोधियों के प्रति विजय दिलाने में सक्षम होता है. प्रतिस्पर्धाओं में व्यक्ति काफी अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सक्षम होता है. अगर कोई शत्रु उसे परेशानी देता है तो वह उन सभी को समाप्त करने की योग्यता पाता है. सेहत के लिहाज से यदि कोई रोग उसे प्रभावित करता है तो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छे फल देने में सहायक होती है. 

राहु का प्रभाव सूक्ष्म परिजीवियों के रुप में भी पड़ता है और जब छठे में राहु होता है तो इस प्रकार की संभावनाओं से बचाव देने में सक्षम हो जाता है. स्वास्थ्य संबंधी बीमारी का तुरंत और प्रभावी ढंग से इलाज हो पाता है.  छठे भाव में राहु का प्रभाव यदि उचित रुप में है तो यह अत्यधिक सहायक और प्रभावी होगा. किसी भी बाधा को दूर करने और अपने शत्रुओं पर विजय पाने के लिए काफी मजबूती प्राप्त होती है. अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए शक्तिशाली होने के साथ रणनीति में भी व्यक्ति सक्षम होता है. 

व्यक्ति स्वतंत्र उत्साही होता है ओर कार्यों को करने में वह साहस का परिचय भी देता है. कपड़ों पर खर्च करना और फिजूलखर्ची करना भी उसके स्वभाव में हो सकता है. बुद्धिमत्ता का गुण मिलता है जो साहस के साथ मिलकर कई उपलब्धियों को प्रदान करने में सहायक बनता है. छठे भाव में राहु की अनुकूल स्थिति अतिरिक्त काम का बोझ नहीं डालती है. व्यक्ति अपने सभी कामों को सहजता से करने में सक्षम होता है. आमतौर पर शांत और तनाव-मुक्त रह सकता है. जीवन को आनंद रुप में मुक्त होकर जीना पसंद करता है. जीवन जीने के अपने उत्साह और उत्साह के कारण, वे आमतौर पर सभी बाधाओं को आसानी से पार कर पाने में सफल हो सकता है. 

राहु का एकादश भाव प्रभाव 

राहु का एकादश भाव में होना व्यक्ति को प्रभावशाली एवं महत्वाकांक्षी बनाता है. व्यक्ति अपने समाज में कई तरह के बदलाव करने की क्षमता रखता है. व्यक्ति का दायरा काफी विस्तारित होता है. उसके मित्रों की संख्या अच्छी रहती है.  व्यक्ज्ति में श्रेष्ठ बनने और लोकप्रिय होने की भूख होती है. राहु के प्रभाव से व्यक्ति को  प्रकाशन, साहित्य, पत्रकारिता जैसे कामों में भी अच्छा अवसर मिल सकता है. वह यात्राएं करता है ओर उसमें कई तरह के नई चीजों से जुड़ता है. दूसरे के विचारों को धारण करने के लिए अपने अंतर्ज्ञान और मानसिक क्षमताओं का उपयोग करने में वह काफी सक्षम होगा.

व्यक्ति को अपने भाई-बहनों के साथ कुछ दिक्कत हो सकती है. एकादश भाव में राहु काफी अनुकूल हो सकता है, यह आध्यात्मिक रुप से भी काम करवाने में भी सहायक बनता है. शैक्षिक मामलों में रुचि दिखा सकता है राहु की स्थिति व्यक्ति को अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ और गौरवान्वित, साहसी बनाती है. व्यक्ति बुद्धिमान, आशावादी ओर साहसी भी होता है.  व्यक्ति कुछ नई कला सीखने और अच्छा पैसा कमाने में सक्षम हो सकते हैं. राहु भौतिक सुख-सुविधाओं को प्रदान करता है.व्यक्ति बहुत तेज होते हैं और दिमाग अशांत होता है. कुछ न कुछ करते रहने की इच्छा भी व्यक्ति में बहुत होती है. 

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