सूर्य का कन्या राशि में गोचर (16 सितंबर 2025)

वैदिक ज्योतिष में, सूर्य को सभी ग्रहों में राजा का प्रतिनिधित्व प्राप्त है. सूर्य की स्थिति सभी ग्रहों के लिए नियंत्रक के रुप में होती है. सौर गणना द्वारा सौर मास का निर्धारण करती है. सूर्य का  कन्या राशि गमन विशेष रुप से खास होता है. सूर्य की स्थिति में इस समय शीतलता का प्रभाव भी समाहित होता है. कन्या राशि स्त्री तत्व को अधिक दर्शाती है और सूर्य की उर्जा यहां आकर इस उर्जा के साथ समाहित होकर विशेष असर डालने में सक्षम होती है. 

सूर्य फिर से अपना स्थान परिवर्तन कर रहे हैं 16 सितंबर 2025 को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. 16 सितंबर को रात में 24:16 में कन्या राशि प्रवेश होगा.

सिंह से निकल कर बुध की राशि कन्या में इनका प्रवेश बौद्धिक एवं राजनैतिक समिकरण पर अपना असर डालने वाला होगा. इस गोचर का सभी राशियों पर असर देखने को भी मिलेगा. 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है. इस समय गोचर में सूर्य का प्रभाव छठे घर पर होगा. छठा घर रोग शत्रु और ऋण का होता है. यहां सूर्य आपको एक अत्यधिक शक्ति देने में सहायक होगा. विरोधियों का दबाव होगा लेकिन अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में कामयाबी भी हासिल कर पाएंगे. कार्य क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनी रह सकटि है पर सफलता मिलेगी. काम पर चीजें बहुत सहज नहीं होंगी, इसलिए स्वयं को शांत रखते हुए चीजों के साथ ढलने की कोशिश करना उचित होगा.

वृषभ राशि

वृष राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है. इस समय सूर्य का गोचर पांचवें घर पर होगा. प्रेम, रोमांस, संतान के घर में सूर्य की स्थिति थोड़ी कमजोर रह सकती है. इस अवधि के दौरान कुछ समस्याएं होने की संभावना है लिए जहां तज है कुछ अच्छे परिणाम भी देख पाएंगे. इस समय संभल कर ओर धैर्य के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी. जल्दबाजी में किए गए काम परेशानी का सबब हो सकते हैं. कार्य पर ध्यान केंद्रित करना ही इस समय उचित होगा. 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी होता है और इस समय चौथे घर पर गोचर करेगा. इस समय चौथे घर में सूर्य का होना सुख के स्थान में बेचैनी का कारण बन सकता है. घरेलू मुद्दे परेशानी देंगे लेकिन जरूरी होगा की स्थिति को बेहतर तरीके से काम करने की आवश्यकता होगी. चतुर्थ भाव में गोचर के दौरान सुख-सुविधाएं भी प्राप्त होंगी. लोगों के साथ खुल कर चर्चा करने का यह अच्छा समय रह सकता है. 

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी होता है और इस समय पर तीसरे भाव पर गोचर करेगा. साहस, भाई-बहनों और छोटी यात्राओं के भाव पर सूर्य इन सभी चीजों पर तीव्रता दिखाने वाला होगा. इस गोचर के दौरान समय अनुकूल रहेगा.  साहस और पराक्रम द्वारा सफलताओं को प्राप्त कर पाने में सक्षम हो सकते हैं. अपने कार्यस्थल पर अच्छा योगदान दे सकते हैं. 

सिंह राशि

सिंह राशि के लिए सूर्य पहले भाव का स्वामी होता है और इस समय सूर्य का गोचर दूसरे भाव में होगा.  इस गोचर के दौरान अचानक धन लाभ के अवसर मिल सकते हैं. जोखिम लेने पर माध्यम से जीत हासिल कर सकते हैं, समाजिक क्षेत्र में पद प्राप्ति का अवसर प्राप्त होगा. संचार कौशल में सुधार होने की संभावना है और जिसके द्वारा सामाजिक दायरा भी विस्तार पाएगा.  विदेश कार्यों से भी लाभ प्राप्ति के अवसर मिल सकते हैं. कुछ लम्बी दूरी की यात्राएं भी इस समय पर होने वाली हैं.

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी होता है. इस समय गोचर में यह इस राशि पर ही अर्थात पहले घर पर ही होगा. राशि में ही गोचर करने पर स्वभाव में बदलाव दिखाई देगा. क्रोध, बेचैनी ओर उग्रता का अनुभव हो सकता है. कुंडली का पहला भाव अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह व्यक्तित्व, शरीर, शारीरिक बनावट को दर्शाता है. सामाजिक छवि,मान- सम्मान और स्वास्थ्य का निर्धारण होता है ऐसे में सूर्य का कन्या राशि में गोचर मिलेजुले फलों को देने वाला होगा. 

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य का गोचर द्वादश भाव में होगा. इस समय पर खर्च की अधिकता रह सकती है. राशि से बारहवें भाव में सूर्य का गोचर यात्राओं को दर्शा सकता है. विदेश जाने या निवास स्थान से दूर जाने के लिए अधिक उत्सुक रह सकते हैं. काम के सिलसिले में भी यात्राएं रह सकती है. कुछ समय के लिए घर से दूर रहने के लिए बाध्य हो सकते हैं. या फिर घूमने फिरने का भी अवसर मिल सकता है. इस समय अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता होगी. 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का गोचर एकादश भाव में होगा. कुंडली में एकादश भाव लाभ वृद्धि का स्थान होता है, इस भाव में सूर्य का गोचर आपके जीवन में बहुत से बदलावों का पूर्वाभास देता है. संपत्ति से आय, बड़े भाई-बहनों, वरिष्ठ अधिकारियों, महत्वाकांक्षाओं और आय के स्रोत इस समय प्रभावित होंगे. सूर्य का गोचर फायदेमंद रह सकता है. इस दौरान उत्साहित नजर आ सकते हैं. आय के स्रोतों का विस्तार होगा, और कई माध्यम से पैसा कमाने में सक्षम हो सकते हैं. 

धनु राशि

धनु राशि के लिए सूर्य का गोचर दशम भाव में होगा, कर्म भाव कुंडली का दशम भाव है. इससे करियर आदि के बारे में जान सकते हैं. सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान दशम भाव से सूर्य के गोचर के कारण अतिरिक्त ऊर्जा शक्ति प्राप्त होगी. विशेष रूप से कार्यक्षेत्र में कुछ उपलब्धियां प्राप्त हो सकती हैं. नौकरीपेशा लोगों को पदों पर उन्नति के अवसर पाने का अवसर मिल सकता है. इस समय काम को लेकर कोई उपलब्धि हासिल करने की संभावना भी अधिक दिखाई दे सकती है. 

मकर राशि

मकर राशि के अष्टम भाव का स्वामी सूर्य होता है और इस समय गोचर में नवम भाव में गोचर कर रहा है. कुंडली में नवम भाव को भाग्य का स्थान माना गया है. इसके साथ ही व्यक्ति के धार्मिक विचारों, लंबी यात्राओं, तीर्थयात्राओं, गुरु और गुरु जैसे व्यक्तियों, समाज में सम्मान आदि के बारे में इसी से ज्ञात होता है. ऐसे में सूर्य के नवम भाव में गोचर का प्रभाव जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है. गतिविधियों के बारे में सतर्क रहते हुए संयम बनाए रखना चाहिए.

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी होता है और इस गोचर के दौरान अष्टम भाव में इसका गोचर होगा. वैदिक ज्योतिष में अष्टम भाव को अत्यंत रहस्यमय भाव माना गया है. इस के माध्यम से जीवन में बड़े बदलाव, आध्यात्मिकता, जीवन की समस्याओं और बाधाओं, अप्रत्याशित लाभ और हानि को देखा जाता है. सूर्य के अष्टम भाव में होने के कारण इस समय जीवन में कुछ चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है. शक्ति और बुद्धि इस समय संघर्ष का कारण बन सकती है, 

मीन राशि

मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर सातवें घर पर होगा. सूर्य का प्रभाव साझेदारी के साथ-साथ आपकी शादी, जीवनसाथी, बिजनेस पार्टनर, आयात-निर्यात व्यवसाय, सामाजिक छवि आदि को प्रभावित करने वाला होगा. सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान वैवाहिक जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है जिसके कारण जीवनसाथी से दूरी या तनाव की स्थिति उभर सकती है. इसके अतिरिक्त पति या पत्नी और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता उभर सकती है. इस समय क्रोध एवं अहंकार को अपने रिश्तों पर हावी नहीं होने देना चाहिए. इस समय चीजों को धैर्य के साथ संभालने की आवश्यकता है. 

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