Articles in Category vedic astrology

चिकित्सा ज्योतिष में ग्रहों के कारक तत्व | Elements of the Planets in Medical Astrology

जैसे भचक्र की भिन्न-भिन्न राशियों तथा नक्षत्रों का अधिकार क्षेत्र शरीर के विभिन्न अंगों पर है, ठीक उसी प्रकार भिन्न-भिन्न ग्रह भी शरीर के विभिन अंगों से संबंधित है. इसके अतिरिक्त कुछ रोग, ग्रह अथवा

क्या हीरा अनुकुल रहेगा? | Is Heera Stone Good for Me (Can I Wear Diamond)

शुक्र रत्न हीरा सदा से ही अपने आकर्षक आभा के कारण चर्चा का विषय रहा है. इस रत्न को वज्रमणी, इन्द्रमणी, भावप्रिय, मणीवर, कुलीश आदि नामों से भी पुकारा जाता है. हीरा धारण करने वाले व्यक्ति के वैवाहिक

साईं बाबा व्रत पूजा | Shri Sai Baba Vrat - Shirdi Sai Baba (Sai Vrat Udyapan)

साई बाबा व्रत को कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इस व्रत को करने के नियम भी अत्यंत साधारण है. साई बाबा अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते है. उनकी कृ्पा से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. मांगने से पहले ही

रोमक सिद्वान्त- ज्योतिष का इतिहास | Romaka Siddhanta - History of Astrology

प्राचीन काल में ज्योतिष अपने सर्वोत्तम स्तर पर था. मध्य काल में इस विद्या के शास्त्रों को न संभाल पाने के कारण उस समय के सही प्रमाण हमारे पास आज पूर्ण रुप से उपलब्ध नहीं है. उस समय के के शास्त्री

ग्रहों के गुण-धर्म और मूक प्रश्न | Nature of Planet and Mook Prashna

राशियों की भाँति ग्रहों के भी गुण-धर्म होते हैं. ग्रहों की दिशाएँ तथा निवास स्थान भी होते हैं. आपने पिछले अध्याय में राशियों के बारे में कुछ जानकारी हासिल की है. अब आप इस पाठ में ग्रहों के बारे में

किंस्तुघ्न करण

किंस्तुघ्न करण को कौस्तुभ करण के नाम से भी जाना जाता है. इस करण की महत्ता किसी भी शुभ योग का साथ पाकर और भी बढ़ जाती है. शुक्ल पक्ष की पहली तिथि प्रतिपदा को जब दिन के समय किंस्तुघ्न करण के साथ कोई

रूचक योग - पांच महापुरुष योग | Ruchaka Yoga - Panch Mahapurusha Yoga | Malavya Yoga | Hans Yoga | Bhadra Yoga | What is The Budhaditya Yoga | Shash Yoga Result

पांच महापुरुष योग पांच ग्रहों के अपने राशि में स्थित होने अथवा उच्च के होकर केन्द्र में होने पर बनते है. इस प्रकार बनने वाले पांच योगों में से एक योग है. रुचक योग. रूचक योग किस प्रकार बनता है | How

एकादशी जी की आरती | Ekadashi Aarti

ऊँ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता । विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ऊँ।। तेरे नाम गिनाऊँ देवी, भक्ति प्रदान करनी । गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ऊँ।। मार्गशीर्ष

ताजिक योगों का प्रश्न कुण्डली में प्रयोग | Use of Tajika Yoga in Prashna Kundli

प्रश्न कुण्डली का अध्ययन करते समय ताजिक योगों का विश्लेषण करना आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के प्रश्न कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा नहीं होगी यह ताजिक योगों से पता

चोरी का सामान कहाँ है | Place Where Stolen Goods are Kept

प्रश्न कुण्डली के द्वारा इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि चोरी किया सामान कहाँ हैं. शहर में ही है या शहर से दूर चला गया है अथवा घर के आस-पास ही है. * मेष लग्न यदि प्रश्न कुण्डली में उदय होता हो

शनिवार व्रत कैसे करे? | Saturday Fast Method - Shanivar Vrat (Sadhesati Mantra)

शनिवार का व्रत अन्य सभी वारों के व्रत में सबसे अधिक महत्व रखता है. शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों कि कुण्डली में शनि निर्बल अवस्था में हो, या अपनी पाप स्थिति के कारण अपने पूर्ण फल देने में असमर्थ

रोग तथा रोगी से जुडे़ अन्य योग | Disease and Other Yogas Related to Patient

* प्रश्न के समय यदि लग्नेश तथा षष्ठेश का इत्थशाल होता है तब बीमारी लम्बी अवधि तक बनी रहती है. * षष्ठेश तथा लग्नेश में राशि परिवर्तन हो तो भी बीमारी लम्बी अवधि तक बनी रहती है. * 2,7,12 भावों में पाप

एवेनच्यूरीन । Aventurine Upratna - Green Aventurine - Blue Aventurine

इस उपरत्न को आत्मविश्वास तथा शांति बढा़ने का उपरत्न माना जाता है. यह उपरत्न दिखने में शीशे जैसे हरे रंग का होता है. इसमें हरे रंग के गहरे धब्बे होते हैं. लाल तथा भूरे रंग के कृत्रिम उपरत्न पिघले हुए

चर दशा की गणना | Calculation of Char Dasha

सबसे पहले आप यह निर्धारित करें कि चर दशा का क्रम सव्य है अथवा अपसव्य है. चर दशा के क्रम के विषय में पिछले अध्याय में आपको जानकारी दी गई है. चर दशा के क्रम की गणना, राशि दशा से भिन्न है. राशि दशा की

वेशि योग- सूर्यादि योग | Vesi Yoga-Suryadi Yoga | Vesi Yoga Result | How is Vesi Yoga Formed | Vosi Yoga | Ubhayachari Yoga

सभी ग्रहों में सूर्य को विशेष स्थान दिया गया है, सूर्य को ग्रहों में राजा कहा गया है. वह पिता और आत्मा के कारक ग्रह है. सूर्य से ग्रहों कि विशेष स्थिति होने पर सूर्यादि योग बनते है. सूर्य से बनने

विशाखा नक्षत्र विशेषताएं | Vishakha Nakshatra Characterstics | Vishakha Nakshatra Business

ज्योतिष शास्त्र मे नक्षत्रों की गणना का विधान आदिकाल से चला आ रहा है. नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति के जन्म से ही शुरू हो जाता है, और उस व्यक्ति के आचार -विचार को निर्धारित करता है. नक्षत्र के फलस्वरूप

ऋषि पुत्र- ज्योतिष का इतिहास | Rishi Putra - History of Astrology | Rishi Putra Shakun Shastra| Aryabhatt Astrology Explanation

ऋषि गर्ग के पुत्र ऋषिपुत्र कहलायें. अपने पिता के समान ये ज्योतिष के विद्वान थे. इनके विषय में मिले ज्योतिष अवशेषों से यह ज्ञात होता है, कि इन्हें ज्योतिष पर कई शास्त्र लिखें, जिसमें से आज एक शास्त्र

कैल्सीडोनी उपरत्न । Chalcedony Gemstone | Chalcedony Meaning - Calcedony

इस उपरत्न की बनावट तन्तुमय होती है. यह सूक्ष्म मणिभ श्रेणी के स्फटिक कहे जाते हैं. यह उपरत्न छोटे मणिभ कणों के संघटित होने से बनता है. यह छिद्रयुक्त पूर्ण पत्थर है. अत: इसकी रंगाई बडी़ सरलता से हो

दोषारोपण तथा स्थानांतरण | Blames in Job and Transfer

कई बार नौकरी में कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है. ऎसी स्थिति में प्रश्नकर्त्ता के ऊपर मान-सम्मान को लेकर ठेस पहुंचाने का कार्य हो सकता है. कई बार दोषारोपण के कारण अथव अन्य कई

अष्टम भाव भाव क्या है, जानिए इसके रहस्य

ज्योतिष में जन्म कुण्डली का अष्टम भाव, आयु भाव है. इस भाव को त्रिक भाव, पणफर भाव और बाधक भाव के नाम से जाना जाता है. इस भाव से जिन विषयों का विचार किया जाता है. उन विषयों में व्यक्ति को मिलने वाला