ग्रहों के गुण-धर्म और मूक प्रश्न | Nature of Planet and Mook Prashna

राशियों की भाँति ग्रहों के भी गुण-धर्म होते हैं. ग्रहों की दिशाएँ तथा निवास स्थान भी होते हैं. आपने पिछले अध्याय में राशियों के बारे में कुछ जानकारी हासिल की है. अब आप इस पाठ में ग्रहों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें.

ग्रहों के गुण-धर्म | Nature of Planet

ग्रह           पदवी         प्रवृति

सूर्य          राजा         सात्विक

चन्द्रमा      रानी          सात्विक

मंगल        सेनापति        तामसिक

बुध             राजकुमार       राजसिक

बृहस्पति        मंत्री            सात्विक

शुक्र             मंत्री            सात्विक

शनि     दास            तामसिक     

 

सात्विक(जानने वाला) - शरीर में तेज होगा. सुखी होगा, सही-गलत की पहचान होगी.

राजसिक(करनेवाला) - राग-द्वेष प्रधान, काम करने में प्रयत्नशील, मेहनत अधिक तो फल कम मिलते हैं. सांसारिक होगा.

तामसिक(ना जानने वाला) - सही को भी गलत तरीके से देखना, प्रमाद, आलस्य, निद्रा, मोह.

ग्रहों की दिशाएँ | Direction of Planet

ग्रह     दिशा

सूर्य पूर्व

चन्द्र   उत्तर-पश्चिम

मंगल        दक्षिण

बुध          उत्तर

बृहस्पति     उत्तर-पूर्व

शुक्र          दक्षिण-पूर्व

शनि          पश्चिम

राहु/केतु     दक्षिण-पश्चिम

(केतु को राहु की तरह लेगें. इसलिए केतु की दिशा भी दक्षिण-पश्चिम होगी.)

 

ग्रहों के निवास स्थान, रंग तथा उनके वस्त्रों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगें.

ग्रह     रंग     वस्त्र      निवास स्थान

सूर्य     ताम्र वर्ण     मोटा कपडा़     देवस्थान, मुखिया का स्थान

चन्द्रमा     सफेद     नया तथा स्वच्छ वस्त्र   जलयुक्त भूमि

मंगल       लाल   जला हुआ                 अग्नियुक्त भूमि, फैक्टरी, किचन

बुध     हरा     भीगा वस्त्र                  खेल का मैदान, बगीचा

बृहस्पति     पीला     सादा वस्त्र       कोषागार, बैंक, तिजोरी

शुक्र     सफेद     रेशमी तथा रंगीन वस्त्र        शयनकक्ष, मनोरंजन स्थल

शनि     काला   पुराना वस्त्र     कूडा़घर, कूडे़दान

राहु/केतु   नीला,धूम्र   गुदडी़                  कोने वाली जगहें.  

बारह राशियाँ और मूक प्रश्न |12 Signs and Mook prashna

प्रश्न कुण्डली में लग्न में आई राशियों का अपना महत्व होता है. प्रत्येक राशि की अपनी अलग पहचान तथा लक्षण हैं. इन लक्षणों के आधार पर मूक प्रश्न का निर्धारण किया जाता है. प्रश्न कुण्डली में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रश्न लग्न अपने स्वामी ग्रह से युत या दृष्ट हो तब लग्न बली हो जाता है अथवा प्रश्न लग्न में शुभ ग्रह स्थित हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तब भी शुभ होता है. आइए आपको सरल विधि से मूक प्रश्न की गणना के विषय में बता दें.

(1) मेष राशि लग्न में हो तो द्वि-पद अथवा मनुष्य के बारे में प्रश्न होता है.

(2) वृष राशि लग्न में हो तो पालतू पशु के बारे में जातक का प्रश्न होता है. वृष राशि चौपाया राशि है. अत: आधुनिक समय में आप वृष राशि से चौपाया वाहन का भी विश्लेषण कर सकते हैं. प्रश्नकर्त्ता का प्रश्न वाहन से संबंधित हो सकता है.

(3) मिथुन राशि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो गर्भ अथवा संतान से संबंधित प्रश्न हो सकता है.

(4) कर्क राशि लग्न में हो तो विवाद, लडा़ई, मुकदमा या चुनाव के बारे में प्रश्न होता है.

(5) प्रश्न कुण्डली के लग्न में सिंह राशि हो तो नौकरी, राज्य, सरकारी काम य राजनीति के विषय में जातक प्रश्न करता है.

(6) प्रश्न कुण्डली के लग्न में कन्या राशि हो तो किसी व्यक्ति के विषय में प्रश्न होत है.

(7) तुला राशि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो व्यापार, रोजगार या लाभ से संबंधित प्रश्न होता है.

(8) वृश्चिक राशि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो भय, अपयश, भ्रष्टाचार या सरकारी अभियोग के बारे में जातक प्रश्न करता है.

(9) धनु राशि यदि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो चोरी, घर से भागे व्यक्ति अथवा घरेलू मतभेद के बारे में प्रश्न होता है.

(10) मकर राशि यदि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो पापकर्म, अन्याय, षडयंत्र या तस्करी के बारे में प्रश्न होता है.

(11) कुम्भ राशि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो धर्म अथवा परोपकार के बारे में प्रश्न होता है.

(12) मीन राशि प्रश्न कुण्डली के लग्न में हो तो घर-गृहस्थी, निजी स्थिति अथवा मांगलिक कार्य के विषय में प्रश्न होता है.

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