Articles in Category jyotish

जैमिनी ज्योतिष-आधारभूत सिद्धांत | Jaimini Astrology-General Principles

जैमिनी ज्योतिष | Jaimini Astrology ज्योतिष के संसार में दो महर्षियों की महान देन रही है. महर्षि पराशर तथा महर्षि जैमिनी. महर्षि पराशर ने वैदिक ज्योतिष से लोगों को परिचित कराया तो जैमिनी ज्योतिष

अक्षवेदाँश तथा षष्टियाँश कुण्डली | Akshavedansha and Shastiyansha Kundali

अक्षवेदांश चतु:चत्वारिशांश या D-45 | Akshavedansha or Chatu Chatvariyansha Kundali or D-45 इस वर्ग कुण्डली को पंच चत्वार्यांश भी कहते हैं. इस कुण्डली से व्यक्ति विशेष का चरित्र देखा जाता है.

गर्भ संबंधी विचार | Analysis of Pregnancy Related

जीवनसाथी के विषय से जुडे़ अनेक प्रश्न होते हैं, उनके साथ ही विवाह संबंधी प्रश्न के बाद प्रश्नकर्त्ता का अगला प्रश्न संतान से संबंधित होता है. संतान कब तक होगी? कैसी होगी? सब ठीक होगा? आदि प्रश्नों का

सन स्टोन, ब्लड स्टोन या रक्ताश्म

रत्न, खनिज का एक सुंदर टुकडा़ होता है. खानों से निकालने के बाद रत्नों को संवारा जाता है. इन्हें अलंकृत किया जाता है. कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद रत्नों को गहनों के रुप में इस्तेमाल किया जाता है.

जानिए, राक्षस गण क्या होता है?

वर-वधू की कुण्डली का मिलान करते समय मांगलिक दोष व अन्य ग्रहों दोषों के साथ साथ अष्टकूट मिलान भी किया जाता है. अष्टकूट मिलान के अलावा इसे कूट मिलान भी कहा जाता है. कूट मिलान करते समय आठ मिलान प्रकार

सूर्य सिद्धांत | Surya Siddhanta - History of Astrology | Ancient Indian Astrology| Pitahma Siddhanta Description

वैदिक ज्योतिष के गर्भ में झांकने पर ज्योतिष के अनसुलझे रहस्य परत दर परत खुलते जाते है. वैदिक ज्योतिष से परिचय करने में वेद और प्राचीन ऋषियों के शास्त्र, सिद्धान्त हमारे मार्गदर्शक का कार्य करते है.

कैसिटेराइट उपरत्न । Cassiterite Gemstone | Cassiterite - Metaphysical Properties

कैसिटेराइट बहुत ही महत्वपूर्ण तथा दुर्लभ अयस्क है जो टिन से मिलता है. यह उपरत्न काले, हल्के काले, काले-भूरे, पीलेपन में, हरापन लिए, लाल तथा रंगहीन रुप में पाया जाता है. इस उपरत्न को यह नाम

हर्ष योग | हर्ष विपरीत राज योग | Harsh Vipreet Raj Yoga | Harsh Yoga | Harsh Yoga Result

विपरीत राज योग त्रिक भावों के स्वामियों के परस्पर स्थान परिवर्तन से बनता है. यह योग तीन प्रकार से बन सकता है. तीनों प्रकारों के नाम अलग अलग है. इन्हीं तीनों योगों में से एक योग है, हर्ष योग.. हर्ष

क्या है फाल्गुन माह का महत्व और फाल्गुन माह में आने वाले व्रत त्योहार

फाल्गुन माह को फागुन माह भी हा जाता है. इस माह का आगमन ही हर दिशा में रंगों को बिखेरता सा प्रतीत होता है. मौसम में मन को भा लेने वाला जादू सा छाया होता है. इस माह के दौरान प्रकृति में अनूपम छटा बिखरी

बुधवार व्रत | How to Observe Budhvar Vrat? - Wednesday Fast Aarti (Wednesday Vrat Katha) | Wednesday Fasting in Hindi

बुधवार का व्रत करने की विधि | Wednesday Fast Method जिस व्यक्ति को बुधवार का व्रत करना हों, उस व्यक्ति को व्रत के दिन प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए. उठने के बाद प्रात: काल में उठकर पूरे घर

चिकित्सा ज्योतिष में ग्रहों के कारक तत्व | Elements of the Planets in Medical Astrology

जैसे भचक्र की भिन्न-भिन्न राशियों तथा नक्षत्रों का अधिकार क्षेत्र शरीर के विभिन्न अंगों पर है, ठीक उसी प्रकार भिन्न-भिन्न ग्रह भी शरीर के विभिन अंगों से संबंधित है. इसके अतिरिक्त कुछ रोग, ग्रह अथवा

क्या हीरा अनुकुल रहेगा? | Is Heera Stone Good for Me (Can I Wear Diamond)

शुक्र रत्न हीरा सदा से ही अपने आकर्षक आभा के कारण चर्चा का विषय रहा है. इस रत्न को वज्रमणी, इन्द्रमणी, भावप्रिय, मणीवर, कुलीश आदि नामों से भी पुकारा जाता है. हीरा धारण करने वाले व्यक्ति के वैवाहिक

साईं बाबा व्रत पूजा | Shri Sai Baba Vrat - Shirdi Sai Baba (Sai Vrat Udyapan)

साई बाबा व्रत को कोई भी व्यक्ति कर सकता है. इस व्रत को करने के नियम भी अत्यंत साधारण है. साई बाबा अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते है. उनकी कृ्पा से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. मांगने से पहले ही

रोमक सिद्वान्त- ज्योतिष का इतिहास | Romaka Siddhanta - History of Astrology

प्राचीन काल में ज्योतिष अपने सर्वोत्तम स्तर पर था. मध्य काल में इस विद्या के शास्त्रों को न संभाल पाने के कारण उस समय के सही प्रमाण हमारे पास आज पूर्ण रुप से उपलब्ध नहीं है. उस समय के के शास्त्री

ग्रहों के गुण-धर्म और मूक प्रश्न | Nature of Planet and Mook Prashna

राशियों की भाँति ग्रहों के भी गुण-धर्म होते हैं. ग्रहों की दिशाएँ तथा निवास स्थान भी होते हैं. आपने पिछले अध्याय में राशियों के बारे में कुछ जानकारी हासिल की है. अब आप इस पाठ में ग्रहों के बारे में

किंस्तुघ्न करण

किंस्तुघ्न करण को कौस्तुभ करण के नाम से भी जाना जाता है. इस करण की महत्ता किसी भी शुभ योग का साथ पाकर और भी बढ़ जाती है. शुक्ल पक्ष की पहली तिथि प्रतिपदा को जब दिन के समय किंस्तुघ्न करण के साथ कोई

रूचक योग - पांच महापुरुष योग | Ruchaka Yoga - Panch Mahapurusha Yoga | Malavya Yoga | Hans Yoga | Bhadra Yoga | What is The Budhaditya Yoga | Shash Yoga Result

पांच महापुरुष योग पांच ग्रहों के अपने राशि में स्थित होने अथवा उच्च के होकर केन्द्र में होने पर बनते है. इस प्रकार बनने वाले पांच योगों में से एक योग है. रुचक योग. रूचक योग किस प्रकार बनता है | How

एकादशी जी की आरती | Ekadashi Aarti

ऊँ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता । विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ऊँ।। तेरे नाम गिनाऊँ देवी, भक्ति प्रदान करनी । गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ऊँ।। मार्गशीर्ष

ताजिक योगों का प्रश्न कुण्डली में प्रयोग | Use of Tajika Yoga in Prashna Kundli

प्रश्न कुण्डली का अध्ययन करते समय ताजिक योगों का विश्लेषण करना आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के प्रश्न कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा नहीं होगी यह ताजिक योगों से पता

चोरी का सामान कहाँ है | Place Where Stolen Goods are Kept

प्रश्न कुण्डली के द्वारा इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि चोरी किया सामान कहाँ हैं. शहर में ही है या शहर से दूर चला गया है अथवा घर के आस-पास ही है. * मेष लग्न यदि प्रश्न कुण्डली में उदय होता हो