Articles in Category jyotish

रोडोक्रोसाईट उपरत्न | Rhodochrosite Gemstone Meaning | Rhodochrosite - Metaphysical, Healing Properties

यह उपरत्न वैसे तो कई विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है परन्तु गहनों के रुप में या सजावटी तौर से उपयोग में लाया जाने वाले शुद्ध रुप में इसकी आपूर्त्ति कम ही है. यह उपरत्न अपने विभिन्न प्रकार के रंगों

वशिष्ठ सिद्धान्त- सिद्धान्त ज्योतिष - ज्योतिष इतिहास | Vashishtha Siddhanta ( Siddhanta Jyotish ) History of Astrology | Romaka Siddhanta

भारत में ज्योतिष का प्रारम्भ कब से हुआ, यह कहना अति कठिन है. इसे प्रारम्भ करने वाले शास्त्री कौन से है. उनका उल्लेख स्पष्ट रुप से मिलता है. उनमें सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ठ, अत्रि, पराशर, कश्यप,

तिथियों में किए जाने वाले कार्य | Activities Related to Tithis | Meaning of Tithis

तिथियों के बिना कोई भी मुहुर्त नहीं होता है. ज्योतिष में तिथियों का एक महत्वपूर्ण स्थान है. अलग-अलग तिथियों के अनुसार विभिन्न कार्य किए जाते हैं. सभी कार्यों का मुहुर्त तिथियों के अनुसार बाँटा गया

वृश्चिक राशि क्या है | Scorpio Sign Meaning | Scorpio - An Introduction । Who is the Lord of the Scorpio sign

ज्योतिष शास्त्रों में वृ्श्चिक राशि को रहस्यमयी राशि कहा गया है. इस राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभाव से रहस्यमयी प्रकृ्ति के होते है. इस राशि के व्यक्ति गहरी भावनाओं से युक्त होते है.

आश्चिन मास - 12 चन्द्र मास | Ashwin Month -12 Moon Month । Hindu Calendar Paush Month

आश्चिन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से माता के नवरात्रे शुरु होते है. इन नौ दिनों में माता का पूजन और उपवास करने पर भक्तों को विशेष पुन्य की प्राप्ति होती है. इस माह के शुरु होने के साथ ही पितृ पक्ष

मिथुन राशि क्या है । Gemini Sign Meaning | Gemini - An Introduction | Who is the Lord of Gemini

मिथुन राशि के व्यक्तियों में बौद्धिक योग्यता सामान्य से अधिक होती है. सभी व्यक्ति अपनी जन्म राशि की विशेषताओं के अनुरुप व्यवहार करते है. जिन व्यक्तियों की जन्म राशि मिथुन है, वे स्वभाव से विनोदी, और

कार्नेलियन । रात-रतुवा । रोडोनाइट । Substitute of Red Coral | Carnelian | Rhodonite Stone | Substitute of Moonga | Stone of Love

कार्नेलियन उपरत्न को हिन्दी में "रात-रतुवा" कहा जाता है(Carnelion stone is called Rat-Ratua in Hindi). रात-रतुवा को रोडोनाइट के नाम से भी जाना है. इस उपरत्न को मूँगा रत्न के स्थान पर धारण किया जा

9th भाव-भाग्य भाव क्या है | Bhagya Bhava Meaning | Navam House in Horoscope | 9th House in Indian Astrology

नवम भाव धर्म का भाव है. इस भाव से सौभाग्य देखा जाता है. इसके अतिरिक्त नवम भाव पिता, पुत्र का भाव भी है. व्यक्ति की धार्मिक आस्था इसी भाव से देखी जाती है. किसी भी व्यक्ति का ईष्टदेव कौन सा होना चाहिए,

वृषभ राशि क्या है. | Taurus Sign Meaning | Taurus - An Introduction | Who is the Lord of the Taurus sign

राशिचक्र 12 राशियों से मिलकर बना है, इस चक्र में 360 अंश होते है. तथा 360 अंशों को 12 भागों में बराबर बांटने पर 12 राशियों का निर्माण होता है. सभी व्यक्तियों का जीवन 12 राशियों, 9 ग्रह और 27

सोमवार के दिन क्या कार्य करना शुभ है? | Auspiciousness of Monday in Daily Life

वर्तमान समय में दैनिक जीवन के सभी कार्यों को शुभ मुहूर्त निकाल कर करना संभव नहीं है. अगर कोई व्यक्ति ऎसा प्रयास करता भी है तो मुहूर्त समय की शुद्धि में कमी रहेगी. या फिर व्यक्ति के कार्य विल्मबित

कनकदण्ड-इष्टबल-कीर्ति-चामर-कुलश्रेष्ठ-भाग्य योग कैसे बनता है | How is Formed Kanak Danda Yoga | What is Eshtha Bal Yoga | How is Formed Kirti Yoga | How is Formed Kirti Yoga

कनकदण्ड योग उस समय बनता है, जब सातों ग्रह मीन, मेष, वृ्षभ, और तुला राशियों में होते है. यह योग व्यक्ति को श्रेष्ठ धर्मपरायण बनाता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है. जिस भी क्षेत्र

सावन के माह का महत्व । Sawan Month | Importance of Sawan Month | Why Shiva Puja is Done

हिन्दू कैलेण्डर के बारह मासों में से सावन का महीना अपनी विशेष पहचान रखता है. इस माह में चारों ओर हरियाली छाई रहती है. ऎसा लगता है मानों प्रकृति में एक नई जान आ गई है. वेदों में मानव तथा प्रकृति का

बव करण फल

चन्द्रमा की एक कला तिथि कहलाती है. एक तिथि से दो नक्षत्र बनते है. इस प्रकार कृ्ष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की तिथियां मिलाकर 30 तिथियां बनती है. चरण एक तिथि में दो होते है. इस हिसाब से करण

लग्न में स्थित राशि का व्यवसाय पर प्रभाव । Effect of Sign Present in Ascendant । Movable Sign | Fixed Sign | Dual Sign

अनेक विद्वानों के मतानुसार लग्न की राशि के अनुसार व्यक्ति का व्यवसाय होता है. लग्न में जो राशि आती है और लग्न में स्थित ग्रहों के गुणधर्म के अनुसार व्यक्ति की आजीविका होती है. कई विद्वानों का मानना

शनि क्या है । The Saturn in Astrology । Know Your Planets- Saturn | Satrun and Choice of Profession

शनि ग्रह को समझने के लिए सबसे पहले शनि की कारक वस्तुओं को जानना आवश्यक है. शनि ज्योतिष में आयु का कारक ग्रह है. इसके प्रभाव से प्राकृ्तिक आपदायें, मृ्त्यु, बुढापें, रोग, निर्धनता,पाप, भय, गोपनीयता,

शुक्र क्या है । The Venus in Astrology । Know Your Planets- Venus | Venus and Choice of Profession

शुक्र पत्नी का प्रतिनिधित्व करता है. वह विवाह का कारक ग्रह है, ज्योतिष में शुक्र से वाहन, काम सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है. शुक्र से आराम पसन्द होने की प्रकृ्ति, प्रेम संबन्ध, इत्र,

द्वितीय भाव क्या है । Dhan Bhava Meaning | Second House in Horoscope | 2nd House in Indian Astrology

कुण्डली के दूसरे भाव को द्वितीय भाव भी कहते है. यह भाव पनफर भाव, मारक स्थान भी कहलाता है. द्वितीय भाव को धनभाव, कुटुम्ब स्थान, वाक स्थान के नाम से भी जाना जाता है. धन भाव क्या दर्शाता है. | What does

जन्म कुण्डली तथा होरा कुण्डली | Janam Kundali and Hora Kundali

वर्ग कुण्डलियाँ | Varga Kundalis किसी भी कुण्डली का अध्ययन करते समय संबंधित भाव की वर्ग कुण्डली का अध्ययन अवश्य करना चाहिए. वैदिक ज्योतिष में कई वर्ग कुण्डलियों का अध्ययन किया जाता है. जिनमें से कुछ

स्वतंत्र रुप से व्यापार करने के योग | Yogas of Doing Business Independently, Business Related Yogas, Career, Profession

कई व्यक्ति जीवन में दूसरों के अधीन रहकर कार्य करते हैं अर्थात नौकरी से अपनी आजीविका प्राप्त करते हैं. बहुत से व्यक्ति ऎसे भी होते हैं जिन्हें किसी के अधीन रहकर कार्य करना रास नही आता है. ऎसे व्यक्ति

एपिडोट उपरत्न | Epidote Gemstone Meaning, Epidote - Metaphysical And Healing Properties, Epidote Crystals

इस उपरत्न की जानकारी 18वीं सदी से प्राप्त होती है. यह एक टिकाऊ उपरत्न है. यह पारदर्शी, पारभासी अथवा अपारदर्शी तीनों ही रुपों में पाया जाता है. इस उपरत्न का रंग लौह सांद्रता के आधार पर होता है. कई बार