Articles in Category jyotish

शनिवार व्रत कैसे करे? | Saturday Fast Method - Shanivar Vrat (Sadhesati Mantra)

शनिवार का व्रत अन्य सभी वारों के व्रत में सबसे अधिक महत्व रखता है. शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों कि कुण्डली में शनि निर्बल अवस्था में हो, या अपनी पाप स्थिति के कारण अपने पूर्ण फल देने में असमर्थ

रोग तथा रोगी से जुडे़ अन्य योग | Disease and Other Yogas Related to Patient

* प्रश्न के समय यदि लग्नेश तथा षष्ठेश का इत्थशाल होता है तब बीमारी लम्बी अवधि तक बनी रहती है. * षष्ठेश तथा लग्नेश में राशि परिवर्तन हो तो भी बीमारी लम्बी अवधि तक बनी रहती है. * 2,7,12 भावों में पाप

एवेनच्यूरीन । Aventurine Upratna - Green Aventurine - Blue Aventurine

इस उपरत्न को आत्मविश्वास तथा शांति बढा़ने का उपरत्न माना जाता है. यह उपरत्न दिखने में शीशे जैसे हरे रंग का होता है. इसमें हरे रंग के गहरे धब्बे होते हैं. लाल तथा भूरे रंग के कृत्रिम उपरत्न पिघले हुए

चर दशा की गणना | Calculation of Char Dasha

सबसे पहले आप यह निर्धारित करें कि चर दशा का क्रम सव्य है अथवा अपसव्य है. चर दशा के क्रम के विषय में पिछले अध्याय में आपको जानकारी दी गई है. चर दशा के क्रम की गणना, राशि दशा से भिन्न है. राशि दशा की

वेशि योग- सूर्यादि योग | Vesi Yoga-Suryadi Yoga | Vesi Yoga Result | How is Vesi Yoga Formed | Vosi Yoga | Ubhayachari Yoga

सभी ग्रहों में सूर्य को विशेष स्थान दिया गया है, सूर्य को ग्रहों में राजा कहा गया है. वह पिता और आत्मा के कारक ग्रह है. सूर्य से ग्रहों कि विशेष स्थिति होने पर सूर्यादि योग बनते है. सूर्य से बनने

विशाखा नक्षत्र विशेषताएं | Vishakha Nakshatra Characterstics | Vishakha Nakshatra Business

ज्योतिष शास्त्र मे नक्षत्रों की गणना का विधान आदिकाल से चला आ रहा है. नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति के जन्म से ही शुरू हो जाता है, और उस व्यक्ति के आचार -विचार को निर्धारित करता है. नक्षत्र के फलस्वरूप

ऋषि पुत्र- ज्योतिष का इतिहास | Rishi Putra - History of Astrology | Rishi Putra Shakun Shastra| Aryabhatt Astrology Explanation

ऋषि गर्ग के पुत्र ऋषिपुत्र कहलायें. अपने पिता के समान ये ज्योतिष के विद्वान थे. इनके विषय में मिले ज्योतिष अवशेषों से यह ज्ञात होता है, कि इन्हें ज्योतिष पर कई शास्त्र लिखें, जिसमें से आज एक शास्त्र

कैल्सीडोनी उपरत्न । Chalcedony Gemstone | Chalcedony Meaning - Calcedony

इस उपरत्न की बनावट तन्तुमय होती है. यह सूक्ष्म मणिभ श्रेणी के स्फटिक कहे जाते हैं. यह उपरत्न छोटे मणिभ कणों के संघटित होने से बनता है. यह छिद्रयुक्त पूर्ण पत्थर है. अत: इसकी रंगाई बडी़ सरलता से हो

दोषारोपण तथा स्थानांतरण | Blames in Job and Transfer

कई बार नौकरी में कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है. ऎसी स्थिति में प्रश्नकर्त्ता के ऊपर मान-सम्मान को लेकर ठेस पहुंचाने का कार्य हो सकता है. कई बार दोषारोपण के कारण अथव अन्य कई

अष्टम भाव भाव क्या है, जानिए इसके रहस्य

ज्योतिष में जन्म कुण्डली का अष्टम भाव, आयु भाव है. इस भाव को त्रिक भाव, पणफर भाव और बाधक भाव के नाम से जाना जाता है. इस भाव से जिन विषयों का विचार किया जाता है. उन विषयों में व्यक्ति को मिलने वाला

जर्कन | Zircon | Substitute of Diamond - Shoud I Wear Zircon Sub-Stone

यह हीरे का उपरत्न है. जर्कन को हिन्दी में तुरसावा कहते हैं. अंग्रेजी में हायसिंथ और जेसिन्थ कहते हैं. जर्कन उपरत्न अपने आप में एक महत्वपूर्ण रत्न है. इसका बहुत ही पुराना ऎतिहासिक महत्व भी है. इसका

आर्द्रा नक्षत्र | Ardra Nakshatra | Ardra Nakshatra Characteristics | Ardra Nakshatra Meaning

27 नक्षत्रों की श्रृंखला में आर्द्रा नक्षत्र का स्थान छठा है. आर्द्रा से पहले मृगशिरा नक्षत्र आता है और इसके बाद में पुनर्वसु नक्षत्र आता है. आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहु है. यह नक्षत्र मिथुन

रेवती नक्षत्र विशेषताएं | Revati Nakshatra Importanc | Revati Charan Result | How to Find Revati Nakshatra

रेवती नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से सबसे अंत में आता है. यह नक्षत्र छोटे छोटे 32 नक्षत्रों से मिलकर बना है. ये 32 नक्षत्र या तारे मिलकर एक मृदंग की आकृति बनाते है. आकाश में यही मृ्दंग की आकृ्ति रेवती

बेनीटोइट उपरत्न । Benitoite Gemstone - Properties Of Benitoite

इस उपरत्न की खोज 1906 में हुई है. यह अत्यंत ही दुर्लभ उपरत्न है. यह उपरत्न सारे विश्व में केवल सैन बेनिटो में बेनिटो नदी के किनारे, कैलीफोर्निया में पाया गया था. इसलिए इसका नाम बेनीटोइट पड़ गया.

मनु संहिता- ज्योतिष का इतिहास | Manu-Samhita | History of Astorlogy | What is Manusmriti । Surya Pragyapati।

ज्योतिष के इतिहास में ऋषि मनु को विशेष आदर-सम्मान प्राप्त है, मनु ऋषि ने कई ज्योतिष ग्रन्थों की रचना करने के साथ साथ कई धार्मिक ग्रन्थों की भी रचना की. इनके द्वारा लिखे गये कुछ ग्रन्थों में से मनु

जेड उपरत्न - Substitute of Emerald

जेड उपरत्न को उर्दू में मरगज कहा जाता है. प्राचीन समय में कई शताब्दियों तक जेड को एक ही प्रकार का रत्न समझा जाता था. सन 1863 में जेड की दो किस्में स्वीकार की गई - जेडाइट और नेफ्राइट. दोनों का ही

रोज क्वार्टज उपरत्न । Rose Quartz Substone

यह उपरत्न हल्के पीले रंग की आभा लिए हुए हल्के गुलाबी रंग में पाया जाता है.(This substone is found in light pink color with a hue of light yellow). लेकिन सबसे अच्छा उपरत्न हल्का गुलाबी रंग का माना गया

कृतिका नक्षत्र । Kritika Nakshatra | Krittika Nakshatra - Characteristics of Person, Profession of Kritika Nakshatra Individual

27 नक्षत्रों में कृतिका नक्षत्र तीसरे स्थान पर आता है. इस नक्षत्र में 6 तारे माने गए हैं लेकिन प्राचीन वैदिक साहित्य में सात तारों का भी उल्लेख मिलता है. कृतिका नक्षत्र में तारों का समूह खुरपा या

सरल योग विपरीत राजयोग

जन्म कुण्डली में कुछ योग इस प्रकार के बनते हैं जिनमें उन योग का फल सीधे न मिलकर विपरीत रुप से फल मिलता है, इसका अर्थ हुआ की कष्ट तो मिलेगा लेकिन उसके बाद राहत भी मिलनी संभव हो पाएगी. विपरित राजयोग के

रत्नों का औषधि के रुप में उपयोग | Medicinal Properties of Gemstone | Ash of Ruby | Ash of Pearl | Ash of Coral

रत्नों तथा उपरत्नों के उपयोग के बारे में सभी जानते हैं. ज्योतिष तथा आयुर्वेद दोनों में ही प्रमुख नौ रत्नों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध हैं. आयुर्वेद में रत्नों का औषधि के रुप में भी