सन स्टोन, ब्लड स्टोन या रक्ताश्म

रत्न, खनिज का एक सुंदर टुकडा़ होता है. खानों से निकालने के बाद रत्नों को संवारा जाता है. इन्हें अलंकृत किया जाता है. कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद रत्नों को गहनों के रुप में इस्तेमाल किया जाता है. जो व्यक्ति रत्न खरीदने में असमर्थ होते हैं वह रत्नों के उपरत्न पहनते हैं. यह उपरत्न भी उतने ही लाभदायक हैं जितने कि मुख्य रत्न होते हैं. सभी रत्नों के कई-कई उपरत्न उपलब्ध हैं. इन उपरत्नों की श्रृंखला में सूर्य का उपरत्न रक्ताश्म भी शामिल है. रक्ताश्म को सन स्टोन और ब्लड स्टोन भी कहा जाता है.

सन स्टोन, ब्लड स्टोन पहचान

रक्ताश्म उपरत्न कठोर होता है. यह पीला और नीला रंग लिए हुए, गहरे हरे रंग का होता है. इसमें कालेपन की झलक भी दिखाई देती है. इसमें लाल रंग के धब्बे अथवा छींटे भी मौजूद होते हैं. यह एक सुंदर आकर्षक रत्न है. इसका उपयोग आभूषण बनाने में भी होता है साथ ही घर की सज्जा बढ़ाने और घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देने के लिए भी उपयोग में किया जाता है.

इस रत्न का उपयोग वास्तु दोष दूर करने के लिए भी किया जाता है. वास्तु में इस रत्न को घर की पूर्व दिशा में रखने से ऊर्जा से का संचार बिना किसी रुकावट के प्रवाहित रहता है.

ब्लड स्टोन या सनस्टोन का स्वास्थ्य पर प्रभाव

ब्लड स्टोन की खासियत है कि इसके प्रभाव से व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा रहता है. इस रत्न को पहनने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और मजबूती मिलती है. यह शरीर की विषाक्ता को दूर करने में सहायक होता है. यह एनिमिया, कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखने में सहायक होता है. शरीर में हडि़यों में होने वाले दर्द से भी बचाता है. इस रत्न का प्रभाव प्रभामण्डल पर पड़ता है. व्यक्ति को ऊर्जावान करता है. इस रत्न का प्रभाव व्यक्ति के रक्तसंचार को बेहतर करने में सक्षम होता है. रत्न का प्रभाव नकारात्मक विचारों को दूर करने में सहायक बनता है. कैंसर से जुड़े रोगों को दूर करने में सहायक होता है. त्वचा से संबंधित रोगों को दूर करता है. नेत्र रोग में लाभ मिलता है.

रक्ताश्म, सन स्टोन अथवा ब्लड स्टोन कौन धारण करे?

जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य शुभ भावों का स्वामी है और कमजोर अवस्था में स्थित है वह सूर्य के उपरत्न रक्ताश्म को धारण कर सकते हैं. यह उपरत्न औषधीय गुणों के कारण लोकप्रिय है. इसे बहुत से लोगों द्वारा धारण किया जाता है. जो व्यक्ति सूर्य को बल प्रदान करना चाहते हैं अथवा जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी है वह सूर्य के इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं.

कौन धारण ना करें?

हीरा तथा नीलम रत्न अथवा इन रत्नों के उपरत्न के साथ रक्ताश्म उपरत्न को धारण ना करें.

बल्ड स्टोन के चमत्कारिक गुण

बल्ड स्टोन पश्चिम देशों में अधिक प्रचलित रहा है. कुछ के अनुसार यह रत्न ईसा मसीह से संबंधित भी कहा गया है. इस रत्न को लेकर पूर्वी और पश्चिम देशों में बहुत अधिक उत्साह के साथ उपयोग में लाया जाता है. कई चमत्कारिक लाभ के कारण बहुत पुराने समय से ही ये रत्न लोकप्रिय रहा है. इस पत्थर का उपयोग सुरक्षा के लिए भी होता है. मान्यता है की इस पत्थर का उपयोग व्यक्ति के आने वाले संकट को रोक देने की क्षमता भी रखता है.

यदि छोटे बच्चों में बहुत अधिक डर दिखाई दे या वह छोटी छोटी चीजों को लेकर बहुत जल्दी सहम जाते हैं, तो ऎसे में इस रत्न को बच्चे के कमरे में रख देने से बच्चे का भय समाप्त होता जाता है. इसी प्रकार यदि व्यक्ति में साहस की कमी है तो इस रत्न को धारण करने से साहस और उत्साह आता है.

यदि व्यक्ति मानसिक रुप से अस्थिर है, बोलने में हिचकिचाता है ऎसी कई जटिलताओं को दूर करने में इस रत्न का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है. किसी भी निर्णय को लेने में दुविधा में रहना, विश्वसनियता से दूर होना, शरीर में थकान का अनुभव होना ऎसा होने पर सन स्टोन का यूज बेहतर होता है.

मेडिटेशन में भी इस रत्न का उपयोग बहुत किया जाता है. यह ध्यान की प्रक्रिया को मजबूत करती है. आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है. आध्यात्मिक स्तर पर आपको आगे तक ले जाने में सहायक होता है. इसका उपयोग करने पर जीवन के लक्ष्य के प्रति व्यक्ति निडर होता है साथ ही तनाव से मुक्त होने में भी इस रत्न का सहयोग बहुत अधिक होता है.