Monthly Archives: July 2013

सूर्य का विभिन्न राशियों में स्थिति पर विचार – भाग 1 | Sun in Different Signs – Part 1

वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का अपना स्वतंत्र महत्व होता है. ग्रह किस राशि में और किस भाव में क्या फल देगें, यह विस्तार का विषय है. जिसे हम धीरे-धीरे समझ सकते हैं. आज हम सूर्य की विभिन्न राशियों मेष, … Continue reading

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कर्क लग्न के दूसरे नवांश की विशेषताएं

कर्क लग्न का दूसरा नवांश सिंह राशि का होता है, जिसके स्वामी सूर्य होते हैं. इस नवांश में जन्मा जातक सौंदर्य व जोश से युक्त होता है. जातक का रंग गुलाबीपन लिए हुए साफ होता है.आंखें मोटी व तेजवान होती … Continue reading

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कर्क लग्न का पहला नवांश | First Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का पहला नवंश वर्गोत्तम होता है. यह कर्क राशि का ही होता है. इस नवांश में जन्में जातक के जीवन में स्वयं की स्थिति का ही आधार बना रहेगा. अर्थात वह कुध के विषयों से ही अधिक सोच … Continue reading

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जानें कैसा है आपका स्वभाव: क्या आपकी कुंडली में भी बनते हैं ये योग

वैदिक ज्योतिष में यदि हम सूक्ष्मता से देखें तो हर व्यक्ति के चारित्रिक गुण तथा दोषो का पता लगाने में कामयाब हो सकते हैं. व्यक्ति की जन्म कुंडली उसके व्यक्तित्व के बारे में सभी कुछ बताने में सक्षम होती है. … Continue reading

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कुण्डली में भाव परिवर्तन का महत्व | Importance of Interchange of Planets in Kundali

कुण्डली में ग्रहों की स्थिति और उनकी युति कई प्रकार के प्रभावों को सामने लाती है. जातक पर उनका अनेक प्रकार से प्रभाव देखा जा सकता है जीवन में आने वाले उतार-चढावों में ग्रहों की स्थिति व संबंध बहुत प्रभाव … Continue reading

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मिथुन लग्न का नौवां नवांश | Ninth Navamsha of Gemini Ascendant

मिथुन लग्न का नौवां नवांश मिथुन का ही होता है इस कारण से यह वर्गोत्तम स्थिति को पाता है. यह स्थिति काफी अच्छी मानी गई है इस नवांश के फलस्वरूप जातक को बुध से संबंधित फलों की प्राप्ति होती है. … Continue reading

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मिथुन लग्न का प्रभाव और इसमें जन्मे जातक की विशेषताएं

वैदिक ज्योतिष हो, जैमिनी हो या फिर पाश्चात्य ज्योतिष की ही बात क्यूँ ना करे, सभी में राशियों का महत्व माना गया है. जैमिनी ज्योतिष में तो सारी दशाएँ ही राशियों की होती है. राशियों की इस श्रृंखला में आज … Continue reading

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कुंडली में दुर्घटना तथा चोट लगने के योग

वैदिक ज्योतिष के अन्तर्गत ही चिकित्सा ज्योतिष का भी वर्णन मिलता है. इसके माध्यम से व्यक्ति के साथ होने वाले अरिष्ट का पता पहले से ही लगाया जा सकता है. हर कुंडली में स्वास्थ्य के कुछ मापदंड पहले से ही … Continue reading

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तीसरे भाव से कुण्डली का आंकलन | Assessment of Kundli by Third House

जातक की जन्म कूण्डली में तीसरा भाव उसके पराक्रम और साहस की कहानी बताता है. इसके साथ साथ इन प्रमुख बातों के अतिरिक्त इस भाव से भई बहनों का सुख और यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है. … Continue reading

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कर्क लग्न : होते हैं भावुक, आईये जानते हैं इनके जीवन के रहस्यों को

भचक्र में स्थित सभी बारह राशियों का अपना स्वतंत्र महत्व होता है. सभी के अपने कारकत्व, विशेषताएँ और महत्व होता है. जब कोई एक राशि लग्न में उदय होती है तब उसका प्रभाव व्यक्ति विशेष की कुंडली पर पड़ता है. … Continue reading

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