Category Archives: Yoga

ज्योतिष द्वारा ग्रह कलह से मुक्ति कैसे पायें (आसान उपाय)

गृहस्थ जीवन में सुख की चाह हर व्यक्ति के मन में समाई हुई होती है. जीवन का सच्चा सुख व्यक्ति को हर राह पर आगे ही लेकर जाता है परंतु परिवार में व्याप्त कलह – कलेश व्यक्ति के जीवन को … Continue reading

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कुण्डली से जाने व्यवसाय में सफलता | Kundali informs about success of business

व्यवसाय में कैसी स्थिति रहेगी इस विषय का आंकलन ज्योतिष द्वारा किया जा सकता है. ग्रहों की किस प्रकार की दृष्टि, युति या स्थान परिवर्तन कैसा हो रहा है, इन सभी तथ्यों के आधार पर कारोबार में सफलता-असफलता एवं लाभ … Continue reading

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क्या आप व्यवसाय में सफल होंगे? ज्योतिष द्वारा जानिये

कुण्डली के बारह भावों में जलग्न को प्रमुख स्थान दिया जाता है. जातक परिजात के अनुसार लग्न, लग्नेश एवं लग्न के कारक सूर्य के बलवान होने पर जातक सुख सुविधा से संपन्न जीवन व्यतीत करता है. लग्न पर यदि सूर्य … Continue reading

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कुण्डली में विवाह योग कैसे बनते हैं | How are marriage yogas formed in a Kundali | Marriage Yogas in Kundali | Marriage Yogas

विवाह के समय का निर्धारण करने में कुण्डली में बन रहे योग विशेष भूमिका निभाते है. किसी व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में कितना सुख मिलेगा यह सब कुण्डली के योगों पर निर्भर करता है. शुभ ग्रह, शुभ भावों के स्वामी … Continue reading

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गण्डमूल नक्षत्र का प्रभाव | Effect of Gandmool Nakshatra | Gand Mool Nakshatra Effects

ज्योतिष ग्रंथों में अनेक स्थानों पर गंडांत अर्थात गण्डमूल नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है. रेवती नक्षत्र की अंतिम चार घड़ियाँ और अश्वनी नक्षत्र की पहली चार घड़ियाँ गंडांत कही जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र  में गण्डमूल नक्षत्र के विषय में विस्तारपूर्वक … Continue reading

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केमद्रुम योग कैसे बनता है और उसका प्रभाव क्या होता है

केमद्रुम योग ज्योतिष में चंद्रमा से निर्मित एक महत्वपूर्ण योग है. वृहज्जातक में वाराहमिहिर के अनुसार यह योग उस समय होता है जब चंद्रमा के आगे या पीछे वाले भावों में ग्रह न हो अर्थात चंद्रमा से दूसरे और चंद्रमा … Continue reading

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पितृ दोष के विशेष योग और उपाय | Yogas for Pitra Dosha and Remedies for it

जन्म के समय व्यक्ति अपनी कुण्डली में बहुत से योगों को लेकर पैदा होता है.  यह योग बहुत अच्छे हो सकते हैं, बहुत खराब हो सकते हैं, मिश्रित फल प्रदान करने वाले हो सकते हैं या व्यक्ति के पास सभी … Continue reading

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क्या आप धनवान बनेंगे? अपनी कुण्डली से स्वयं जानिये

ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि में धन वैभव और सुख के लिए कुण्डली में मौजूद धनदायक योग या लक्ष्मी योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं.  जन्म कुण्डली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब जन्म व चंद्र कुंडली में … Continue reading

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कुण्डली में अरिष्ट योग | Reasons for the formation of inauspicious yogas in a Kundali

जन्मकुंडली के माध्यम से जातक के अरिष्ट होने के योग या कारण को जाना जा सकता है. जन्मकुंडली में ग्रह स्थिति, गोचर तथा दशा-अन्तर्दशा से अरिष्ट योगों को समझा जा सकता है. रोगों का विचार अष्टमेश और आठवें भाव में … Continue reading

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क्या होता है गण्डमूल नक्षत्र और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार भचक्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इन सत्ताईस नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र ऎसे होते हैं जिनका क्षेत्र अति संवेदनशील होता है और इन्हीं नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. सभी नक्षत्रों का अपना मूल … Continue reading

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