Category Archives: Yoga

क्या आप धनवान बनेंगे? अपनी कुण्डली से स्वयं जानिये

ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि में धन वैभव और सुख के लिए कुण्डली में मौजूद धनदायक योग या लक्ष्मी योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं.  जन्म कुण्डली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब जन्म व चंद्र कुंडली में … Continue reading

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कुण्डली में अरिष्ट योग | Reasons for the formation of inauspicious yogas in a Kundali

जन्मकुंडली के माध्यम से जातक के अरिष्ट होने के योग या कारण को जाना जा सकता है. जन्मकुंडली में ग्रह स्थिति, गोचर तथा दशा-अन्तर्दशा से अरिष्ट योगों को समझा जा सकता है. रोगों का विचार अष्टमेश और आठवें भाव में … Continue reading

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क्या होता है गण्डमूल नक्षत्र और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार भचक्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इन सत्ताईस नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र ऎसे होते हैं जिनका क्षेत्र अति संवेदनशील होता है और इन्हीं नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. सभी नक्षत्रों का अपना मूल … Continue reading

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क्या रत्न सचमुच आपका भाग्य बदल सकते हैं? बिना लाग-लपेट के जानिये

सृष्टि में विभिन्न प्रकार के रत्नों का भण्डार मानव को कल्याणकारी मंगल कामनाओं के साथ वरदान स्वरूप प्राप्त हुआ है. व्यक्ति रत्नों को अपने भाग्य को चमकाने के लिए धारण करता है, रत्न द्वारा वह स्वयं को सुखी तथा सम्पन्न … Continue reading

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जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है

इस संसार में जितने भी जीव हैं वह किसी ना किसी योनि से अवश्य ही संबंध रखते हैं. वैदिक ज्योतिष में भी इन योनियों के महत्व पर बल दिया गया है और इनका संबंध नक्षत्रों से जोड़ा गया है. योनियों … Continue reading

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क्या होगा आपके ग्रहों की शयनादी अवस्था का प्रभाव? ज्योतिष से जानिए

वैदिक ज्योतिष में बहुत से योगों तथा अवस्थाओं का वर्णन मिलता है. इन अवस्थाओं को भिन्न – भिन्न नामों से जाना जाता है. इन अवस्थाओं के नाम के अनुसार ही इनका प्रभाव भी होता है और व्यक्ति को अपने जीवन … Continue reading

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ज्योतिष में ग्रह कि जाग्रतादि अवस्थाओं की महत्ता

ग्रहों की कई प्रकार की अवस्थाएं होती हैं. यह अवस्थाएँ ग्रहों के अंश अथवा अन्य कई नियमों के आधार पर आधारित होती हैं. इन्हीं अवस्थाओं में से ग्रहों की एक अवस्था जाग्रत या जाग्रतादि अवस्थाएँ होती हैं. इन अवस्थाओं के … Continue reading

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लज्जितादी अवस्थाओं का महत्व और प्रभाव. पूर्ण विवरण देखिये

ग्रहों की कई प्रकार की अवस्थाएँ होती हैं. यह अवस्थाएँ ग्रहों के अंश अथवा अन्य कई नियमों के आधार पर आधारित होती हैं. इन्हीं अवस्थाओं में से ग्रहों की एक अवस्था लज्जितादि अवस्थाएँ होती हैं. इन अवस्थाओं के आधार पर … Continue reading

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