Category Archives: Remedies

विवाह में त्रिबल शुद्धि | Tribal in a Marriage

भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह दाम्पत्य जीवन का श्रेष्ठ स्वरुप है. इसलिए कहा गया है “धन्यो गृहस्थाश्रमः” अर्थात यह समाज को अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने तथा नई पीढ़ी को योग्य एवं श्रेष्ठ बनाने हेतु विवाह संस्कार के लिए सुयोग्य दिशा … Continue reading

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ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व | Importance of Moon in Astrology

ग्रहों में सबसे अधिक गति से चलने वाला चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है. चन्द्र को काल पुरुष का मन कहा गया है. चन्द्र माता ,मन ,मस्तिष्क ,बुद्धिमता ,स्वभाव ,जननेन्द्रियों ,प्रजनन सम्बन्धी रोगों,गर्भाशय  इत्यादि का कारक है . इसके साथ … Continue reading

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कुण्डली मिलान में दोष परिहार – किन कारणों से आपकी कुण्डली के दोष खत्म होते हैं

वैदिक ज्योतिष में विवाह पूर्व कुंडली मिलान पर बल दिया गया है. कुंडली मिलान के माध्यम से वर-वधु की कुंडलियों का आंकलन किया जाता है ताकि वह जीवनभर एक-दूसरे के पूरक बने रहें. लेकिन वर्तमान समय में केवल यह देखा … Continue reading

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अष्टकूट मिलान | Ashtakoot Milan | Koot Milan | Guna Milan

वर्ण विचार | Varna Vichar कर्क, वृश्चिक और मीन राशियों का ब्राह्मण मेष, सिंह और धन राशियों का क्षत्रिय, वृष, कन्या और मकर राशियों का वैश्य और मिथुन , तुला, कुम्भ राशियां शुद्र वर्ण में आती हैं. वर तथा कन्या … Continue reading

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ज्योतिष द्वारा ग्रह कलह से मुक्ति कैसे पायें (आसान उपाय)

गृहस्थ जीवन में सुख की चाह हर व्यक्ति के मन में समाई हुई होती है. जीवन का सच्चा सुख व्यक्ति को हर राह पर आगे ही लेकर जाता है परंतु परिवार में व्याप्त कलह – कलेश व्यक्ति के जीवन को … Continue reading

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क्या होता है गण्डमूल नक्षत्र और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार भचक्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इन सत्ताईस नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र ऎसे होते हैं जिनका क्षेत्र अति संवेदनशील होता है और इन्हीं नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. सभी नक्षत्रों का अपना मूल … Continue reading

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क्या रत्न सचमुच आपका भाग्य बदल सकते हैं? बिना लाग-लपेट के जानिये

सृष्टि में विभिन्न प्रकार के रत्नों का भण्डार मानव को कल्याणकारी मंगल कामनाओं के साथ वरदान स्वरूप प्राप्त हुआ है. व्यक्ति रत्नों को अपने भाग्य को चमकाने के लिए धारण करता है, रत्न द्वारा वह स्वयं को सुखी तथा सम्पन्न … Continue reading

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