Category Archives: Nakshatra

ज्योतिष में चाप योग क्या होता है

लग्नेश के उच्च राशिस्थ होने के साथ-साथ दशमेश और चतुर्थेश के मध्य विनिमय परिवर्तन योग होने पर निर्मित होता है. चाप योग की परिभाषाओं में कुछ भिन्नता देखने को मिलती है. यदि कुण्डली में चतुर्थ और दशम स्थानों के स्वामी … Continue reading

Posted in Basic Astrology, Nakshatra, Planets, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , , | Leave a comment

सिंहासन योग अगर आपकी कुंडली में है तो यूं बदलेगी आपकी ज़िन्दगी

दशमेश के केन्द्र, त्रिकोण, अथवा धन भाव में स्थित होने से निर्मित होता है सिंहासन योग. जन्म कुण्डली में दशम भावाधीश केन्द्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय इनमें से किसी एक स्थान पर भी स्थित हो तो ऎसा जातक उच्च स्थान पाता … Continue reading

Posted in Basic Astrology, Nakshatra, Planets, Yoga | Tagged , , , , | Leave a comment

गण्डमूल नक्षत्र का प्रभाव | Effect of Gandmool Nakshatra | Gand Mool Nakshatra Effects

ज्योतिष ग्रंथों में अनेक स्थानों पर गंडांत अर्थात गण्डमूल नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है. रेवती नक्षत्र की अंतिम चार घड़ियाँ और अश्वनी नक्षत्र की पहली चार घड़ियाँ गंडांत कही जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र  में गण्डमूल नक्षत्र के विषय में विस्तारपूर्वक … Continue reading

Posted in Nakshatra, Transit, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , , | Leave a comment

क्या होता है गण्डमूल नक्षत्र और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार भचक्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इन सत्ताईस नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र ऎसे होते हैं जिनका क्षेत्र अति संवेदनशील होता है और इन्हीं नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. सभी नक्षत्रों का अपना मूल … Continue reading

Posted in Basic Astrology, Nakshatra, Remedies, Varga Kundli, Vedic Astrology, Yoga | Tagged , , , , , | Leave a comment

क्या होगा पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने का प्रभाव? संपूर्ण जानकारी

आकाश में कुंभ राशि में 20 अंश से मीन राशि में 3 अंश 20 कला तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहता है. क्रान्ति वृ्त्त से 19 अंश 24 कला 22 विकला उत्तर में और विषुवत रेखा से 15 अंश 11 कला 21 … Continue reading

Posted in Basic Astrology, Nakshatra, Vedic Astrology | Tagged , , , , | 1 Comment