Category Archives: Marriage

वैवाहिक सुख में कमी के कारण

वैदिक ज्योतिष में बहुत से अच्छे तथा बुरे योगों का उल्लेख मिलता है. इन योगों का फल कब मिलेगा इसका अध्ययन करना बहुत जरुरी है और इनका अध्ययन दशा, गोचर और कुंडली के योगो के आधार पार किया जाता है. … Continue reading

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विवाह मिलान में अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगा तलाक/अलगाव

विवाह के सन्दर्भ में कुंडली मिलान का जिक्र आता ही है. कुंडली मिलान वह प्रक्रिया है जिसे लड़का और लड़की की कुंडली मिलाकर पूरा किया जाता है. कुंडली मिलान में मुख्य रुप से गुण मिलान और मांगलिक योग देखा जाता … Continue reading

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तलाक के ज्योतिषीय कारण | Astrological Reasons for Divorce

ज्योतिष में बहुत से योगो का उल्लेख मिलता है. यह सभी योग हमारे ऋषि मुनियो द्वारा हजारो वर्षो पूर्व लिख दिए गए हैं. जब यह सभी योग लिखे गए थे तब से लेकर अब तक समय में बहुत अंतर आ … Continue reading

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विवाह सहम – Vivah Saham – Sensitive Marriage Point in Horoscope

जन्म कुण्डली में सप्तम भाव से विवाह का विश्लेषण किया जाता है. विवाह कब होगा, कैसा होगा आदि सभी बाते सप्तम भाव, सप्तमेश तथा इनसे संबंध बनाने वाले ग्रहों के आधार पर देखी जाती हैं. सबसे पहले तो सप्तम से … Continue reading

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विवाह में नवांश की भूमिका | Role of Navansh in A Marriage

विवाह में जन्म कुण्डली की भांती नवांश वर्ग कुण्डली की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नवांश जिसे D-9 भी कहा जाता है. इसका उपयोग विवाह समय, वैवाहिक जीवन, जीवन साथी के व्यवहार , उसके चरित्र, मानसिक तथा दैहिक स्वरुप को … Continue reading

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विवाह और संतान-सुख में उपपद का महत्व

ज्योतिष में सामान्यत: विवाह सुख और संतान सुख का विचार सप्तम एवं पंचम भाव से किया जाता है, परंतु इसके साथ ही साथ विवाह एवं संतान के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. उपपद से … Continue reading

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शुक्र का ज्योतिष में महत्व | Importance of Venus in astrology

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का का कारक माना गया है. यह विवाह का कारक ग्रह है, ज्योतिष में शुक्र से काम सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है. शुक्र से आराम पसन्द होने … Continue reading

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कुंडली कैसे मिलायें? अपनी कुंडली स्वयं मिलाएं इस तरीके से

हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डली मिलान में बहुत सी बातों का विचार किया जाता है जिसमें से मांगलिक योग, अष्टकूट मिलान तथा दशाक्रम इत्यादि को देखा जाता है. … Continue reading

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विवाह में त्रिबल शुद्धि | Tribal in a Marriage

भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह दाम्पत्य जीवन का श्रेष्ठ स्वरुप है. इसलिए कहा गया है “धन्यो गृहस्थाश्रमः” अर्थात यह समाज को अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने तथा नई पीढ़ी को योग्य एवं श्रेष्ठ बनाने हेतु विवाह संस्कार के लिए सुयोग्य दिशा … Continue reading

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अष्टकूट मिलान | Ashtakoot Milan | Koot Milan | Guna Milan

वर्ण विचार | Varna Vichar कर्क, वृश्चिक और मीन राशियों का ब्राह्मण मेष, सिंह और धन राशियों का क्षत्रिय, वृष, कन्या और मकर राशियों का वैश्य और मिथुन , तुला, कुम्भ राशियां शुद्र वर्ण में आती हैं. वर तथा कन्या … Continue reading

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