Author Archives: astrobix

गुरू का ज्योतिष में महत्व | Importance of Jupiter in astrology

गुरु (बृहस्पति) ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं. गुरू मुख्य रूप से आध्यात्मिकता को विकसित करने का कारक हैं. तीर्थ स्थानों तथा मंदिरों, पवित्र नदियों तथा धार्मिक क्रिया कलाप से जुडे हैं. गुरु ग्रह … Continue reading

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कुण्डली में त्रिमूर्ती योग कैसे बनता है, और इसका आप पर क्या प्रभाव होगा

ज्योतिष शास्त्र में अनेक प्रकार के योगों के विषय में उल्लेख प्राप्त होता है. कुण्डली में बनने वाले यह योग जातक के जीवन पर अनेक प्रकार से प्रभाव डालते हैं. इन सभी योगों का जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव … Continue reading

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शनि शांति के ज्योतिष द्वारा आसान उपाय – खुद करें

ज्योतिष शास्त्रों में शनि की व्याख्या अधिक की गई है, शनि की महादशा और शनि की साढेसाती से हर व्यक्ति प्रभावित होता है. शनि  व्यक्ति को जीवन के उच्चतम शिखर या निम्नतम स्तर में बिठा सकते है. ज्योतिष शास्त्र के … Continue reading

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मूल नक्षत्र क्या है और उससे आपके जीवन पर क्या प्रभाव होगा, जानिये

अश्वनी ,आश्लेषा ,मघा ,ज्येष्ठा ,मूल तथा रेवती  नक्षत्र  गण्डमूल नक्षत्र कहे जाते हैं. यह नक्षत्र संधि क्षेत्र में आने से  दुष्परिणाम देने वाले माने जाते हैं. इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले बच्चों के सुखमय भविष्य के लिए इन नक्षत्रों … Continue reading

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कुण्डली से जाने संतान सुख का योग | Yogas for a Child in a kundali

कुण्डली में स्थित ग्रहों कि स्थिति के द्वारा संतान सुख के विषय में जाना जा सकता है. किसी की कुण्डली में ग्रहों की ऐसी स्थिति होती है जो उन्हें कई संतानों का सुख देती है. तो किसी कि कुण्डली संतान … Continue reading

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बुध ग्रह आपके लिये फलदायी होगा या नहीं, अपनी कुण्डली स्वयं देखिये

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह रजो गुण वाले हैं और वाणी का प्रतिनिधित्व करते हैं. बुध शांत एवं सौम्य प्रवृत्ति के ग्रह हैं. बुध ग्रह के अधिदेवता एवं प्रत्यधिदेवता भगवान विष्णु हैं तथा इनकी महादशा 17 वर्ष की होती … Continue reading

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आपका कौन सा ग्रह बली है? राशि और ग्रहबल के बारे में जानिये

ज्योतिष में ग्रहों और राशियों को अनेक प्रकार के बल प्राप्त हैं. इन बलों के आधार पर ग्रहों एवं राशियों की स्थिति एवं उसके अच्छे एवं बुरे प्रभावों को जाना जा सकता है. वैदिक ज्योतिष में ग्रहों और राशियों के … Continue reading

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कुंडली कैसे मिलायें? अपनी कुंडली स्वयं मिलाएं इस तरीके से

हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डली मिलान में बहुत सी बातों का विचार किया जाता है जिसमें से मांगलिक योग, अष्टकूट मिलान तथा दशाक्रम इत्यादि को देखा जाता है. … Continue reading

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उत्तरायण और दक्षिणायन | Uttarayan and Dakshinayan

हिंदु पंचांग के अनुसार एक वर्ष में दो अयन होते हैं. अर्थात एक साल में दो बार सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है और यही परिवर्तन या अयन ‘उत्तरायण और दक्षिणायन’ कहा जाता है. कालगणना के अनुसार जब सूर्य … Continue reading

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ज्योतिष में दशाओं का महत्व | Importance of Dashas in Astrology

ज्योतिष में दशाओं का महत्वपूर्ण स्थान है और व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण घटनाक्रम में यह अपना विशेष प्रभाव डालती हैं. यह दशाएं ग्रहों द्वारा गत जन्म के कर्मफलों को इस जन्म में दर्शाने का माध्यम है. महादशाओं के गणना … Continue reading

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