सूर्य शनि का षडष्टक योग

सूर्य और शनि से बनने वाला षडाष्टक योग परेशानी और मुश्किल स्थिति का समय बताता है. सूर्य और शनि से बनने वाले 6/8 एक्सिस को ही षडाष्टक योग कहा जाता है. ज्योतिष अनुसार कुछ योग नकारात्मक रुप से असर दिखाते हैं जिसमें से एक योग है षडाष्टक योग यह जब जिस ग्रह के साथ बनता है तो मुश्किल स्थितियों को दिखाता है.

षडष्टक योग क्या होता है
कुंडली में बनने वाला छठे भाव और आठवें भाव का संबंध षडाष्टक कहलाता है. षडाष्टक योग दो ग्रहों के मध्य बन सकता है जब एक ग्रह छठे भाव में हो और दूसरा ग्रह उस ग्रह से गिनती करने पर आठवें भाव में बैठ जाए तो षडाष्टक योग निर्मित होता है. ज्योतिष अनुसार कुंडली का छठा भाव और आठवां भाव मुश्किलों विलंब और परेशानियों का संकेत देता है इसी कारण इस योग के कारण दिक्कतें अधिक झेलनी पड़ सकती हैं.

सूर्य शनि के षडाष्टक योग का प्रभाव
सूर्य का प्रभाव अग्नि तत्व युक्त एवं पुरुष तत्व के पक्ष को दर्शाता है, शनि यह दर्शाता है कि विकास और सफलता के अनुशासन ओर संघर्ष कैसे आपको सफलता देगा. सूर्य और शनि का यह योग आपसी विरोधाभास का असर लेकर आता है. इस के प्रभाव से व्यक्ति अवसरों का लाभ उठाने से खुद को वंचित पाता है.

कुंडली में सूर्य और शनि का षडाष्टक योग और प्रत्येक भाव पर इसका असर

कुंडली के पहले भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के पहले भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव अभिमान की वृत्ति बढ़ा सकता है. सहयोग की भावना कम होती है. यह स्थिति एक गंभीर, अनुशासित और जिम्मेदार स्वभाव वाले व्यक्ति को इंगित कर सकती है. हालाँकि, वे आत्मविश्वास और उदासी की प्रवृत्ति से जूझ सकते हैं.

कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव के कारण बोलचाल में कठोरता बनी रह सकती है. सूर्य-शनि की यह स्थिति वित्तीय कठिनाइयों, आत्म-मूल्य के साथ चुनौतियों और धन प्रबंधन के प्रति सतर्क दृष्टिकोण का कारण बन सकती है.

कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव के कारण व्यक्ति परिश्रम का सही से लाभ नहीं ले पाता है. यह स्थिति संचार समस्याओं, भाई-बहनों या पड़ोसियों के साथ कठिनाइयों और निराशावाद की प्रवृत्ति का कारण बन सकती है.

कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के चतुर्थ भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव के कारण घरेलू स्थिति से दूरी का अनुभव होता है. असहमति बनी रहती है. सूर्य और शनि घर और परिवार के भीतर चुनौतियों के साथ-साथ भावनात्मक दूरी या घरेलू जीवन में बोझ की भावना का संकेत दे सकते हैं.

कुंडली के पंचम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के पंचम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव जिद्द और इच्छाओं के प्रति कठोर बनाता है, मित्रों के साथ संबंध प्रभावित होते हैं. प्रेम में असफलता अथवा दूरी ही अधिक झेलनी पड़ सकती है. यह योग रचनात्मकता, रोमांटिक संबंधों और अवकाश गतिविधियों का आनंद लेने की क्षमता में बाधा डाल सकता है.

कुंडली के छठे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के छठे भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव जीवन में संघरष के लिए व्यक्ति को मजबूती देता है, सूर्य-शनि की स्थिति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, काम या दैनिक दिनचर्या में समस्याओं और तनाव या चिंता की प्रवृत्ति में योगदान दे सकती है.

कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव दांपत्य जीवन को कमजोर करता है. यह स्थिति संघर्ष, सत्ता संघर्ष या साझेदारी और विवाह में कठिनाइयों का कारण बन सकती है.

कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के अष्टम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव अचानक आने वाले कष्टों को दिखाता है. सूर्य और शनि अंतरंगता, साझा संसाधनों या परिवर्तनकारी अनुभवों के साथ चुनौतियों का संकेत दे सकते हैं.

कुंडली के नवम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के नवम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव में आप अपनी ही परंपराओं को लेकर काफी कठोर होंगे, दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहेंगे. बड़ों के साथ विवाद रह सकता है. यह संयोजन उच्च शिक्षा, आध्यात्मिक खोज या लंबी दूरी की यात्रा में सीमाओं का परिणाम हो सकता है.

कुंडली के दशम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के दशम भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव जीवन में करियर को अस्थिर कर सकता है. अधिकारियों के साथ विवाद लगातार असर डाल सकता है. व्यर्थ में भागदौड़ बनी रह सकती है. सूर्य-शनि की स्थिति करियर, प्रतिष्ठा या सार्वजनिक जीवन में बाधाओं का संकेत दे सकती है.

कुंडली के एकादश भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के एकादश भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाता है. इसके कारण सामाजिक स्थिति भी प्रभावित होती है. लोगों के साथ बेहतर संबंध नहीं बन पाते हैं. दोस्ती, सामाजिक संबंधों और आशाओं और सपनों की पूर्ति में बाधा डाल सकता है.

कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव
कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य शनि का षडाष्टक योग प्रभाव खर्चों को अधिक बनाने वाला होगा. बाहरी लोगों के कारण परिवार से दूरी का असर झेलना पड़ सकता है. सूर्य और शनि अलगाव, आत्म-विनाश या आध्यात्मिकता या अवचेतन के साथ कठिनाइयों की भावनाओं में योगदान कर सकते हैं.

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