तुला संक्रांति, जिसे सूर्य के तुला राशि में प्रवेश का समय कहा जाता है. तुला सूर्य संक्रमण का वो खास समय होता है जब सूर्य दक्षिणायन की गति में आरंभ होता है. इस दिन को संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. देश भर में इस दौरान भगवान सूर्य की पूजा के साथ साथ पितरों के पूजन का समय भी रहता है. इस दिन सूर्य अपनी स्थिति बदलता है और तुला राशि में प्रवेश करता है. तुला संक्रांति के दौरान तुला महीने में पवित्र स्नान के साथ साथ दान को शुभ माना जाता है. इस दिन लोपामुद्रा नाम की एक लड़की की कहानी है, जो बाद में कावेरी के नाम से जानी गई और उसकी यात्रा से कोडागु के लोगों को लाभ हुआ.
तुला संक्रांति अनुष्ठान और महत्व
तुला संक्रांति के समय को सूर्य के दक्षिणायन का समय भी माना जाता है. एक वर्ष में कुल बारह संक्रांति होती हैं और लोग इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. तुला संक्रांति का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है. इस दिन को विशेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है और हिंदू सौर पंचांग में कार्तिक महीने का पहला दिन भी माना गया है. यह दिन महाष्टमी के दिन ही आता है और पूरे देश में मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर सूर्य अपनी स्थिति बदलता है और तुला राशि में प्रवेश करता है. यह दिन ओडिशा और कर्नाटक में विशेष रूप से मनाया जाता है और उत्तर भारत में इसकी लोक परंपरा अलग ही रुप में दिखाई देती है.
तुला संक्रांति पर लक्ष्मी पूजन
दक्षिण भारत में इस संक्रांति पर पवित्र स्नान का आयोजन होता है. जिसे न केवल शुभ माना जाता है बल्कि संक्रांति के दिन नहीं बल्कि पूरे तुला महीने में देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग पूजा की जाती है ताकि वह हर साल किसानों को अच्छी फसल प्रदान करें. किसानों का पूरा परिवार पूजा समारोह में शामिल होता है और भगवान से प्रार्थना करता है जिसके बाद वे यह विश्वास करते हुए भरपूर भोजन करते हैं कि भविष्य में उनके पास भोजन की कोई कमी नहीं होगी.
तुला संक्रांति : कावेरी नदी पूजन
हिंदू धर्मग्रंथ, स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार लोपामुद्रा या विष्णुमाया नाम की एक लड़की थी जिसे भगवान ब्रह्मा की पुत्री माना जाता है जिसे कावेरा मुनि ने गोद लिया था और कावेरा मुनि ने बाद में उसका नाम कावेरी रखा. प्रसिद्ध ऋषि अगस्त्य उससे प्रेम करने लगे इसलिए एक दिन वह धार्मिक गतिविधियों में इतने व्यस्त थे कि वह अपनी पत्नी कावेरी के पास जाना भूल गए. उनके द्वारा उपेक्षित होने के बाद, नदी के रुप में बह निकली, जिसकी वह हमेशा अपनी शादी से पहले भी कामना करती थी. भक्त लोग इस संक्रांति के समय पर नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं. तुला संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान सूर्य के कन्या राशि से तुला राशि में संक्रमण का प्रतीक है और इस शुभ दिन लोग भगवान सूर्य, देवी लक्ष्मी और कावेरी की पूजा करते हैं.
तुला राशि में सूर्य के गोचर का अन्य सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि संक्रांति फल
मेष राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर सप्तम भाव में रहेगा. सूर्य के कमजोर होने से आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है. कार्यस्थल पर अधिकारियों या सहकर्मियों से अनावश्यक अलगाव हो सकता है. इस समय मेहनत अधिक रहने वाली है. ऑफिस में राजनीति से बचना होगा, अन्यथा छवि कमजोर हो सकती है. किसी कारण से दांपत्य जीवन में अलगाव या दूरियां आ सकती हैं.
वृषभ राशि संक्रांति फल
वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर छठे भाव में रहेगा. सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा. कार्यस्थल पर किसी भी तरह के वाद-विवाद या संघर्ष से बचना उचित रहेगा. इस अवधि में आपको पाचन संबंधी कुछ समस्याएं, पेट दर्द, आंखों की समस्या और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान छात्रों में आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी.
मिथुन राशि संक्रांति फल
मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर पांचवें भाव में रहेगा. कुछ नए लोगों से मेलजोल होगा और नए रिश्ते प्यार में बदल सकते हैं. जो छात्र किसी रचनात्मक कार्य से जुड़े हैं, उन्हें इस समय अपनी योग्यता दिखाने का मौका मिलेगा. शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों में छात्रों पर अधिक दबाव रह सकता है. उन्हें खुद को साबित करने और अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
कर्क राशि संक्रांति फल
कर्क राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव में गोचर करेगा. काम की अधिकता रहेगी, इसलिए आपको फोकस बनाए रखना होगा. छोटी-छोटी गलतियां आपको परेशान कर सकती हैं. घर के बड़ों के साथ अधिक समय बिताएं. दांपत्य जीवन में ससुराल पक्ष से आपके संबंध मजबूत होंगे. आपको कुछ महत्वपूर्ण काम करने की अधिक जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं.
सिंह राशि संक्रांति फल
सिंह राशि के लिए सूर्य आपकी राशि का स्वामी है और अभी सूर्य तीसरे भाव में रहेगा. परिवार और काम के चलते यात्रा करने की संभावना रहेगी. आप कुछ समय निकाल सकते हैं और अपनी पसंद की चीजों में अधिक रुचि ले सकते हैं. लोगों से मेलजोल बढ़ाने का समय मिलेगा, लेकिन प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ेगी. आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा, आप अपने प्रियजनों पर अधिक धन खर्च कर सकते हैं.
कन्या राशि संक्रांति फल
कन्या राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव में गोचर करेगा. इस समय व्यय भाव का स्वामी कमजोर अवस्था में धन भाव में रहेगा. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं, बाहर के खाने और जंक फूड से दूर रहकर स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है. आपको कुछ छोटी यात्राओं पर जाना पड़ सकता है, यात्रा के दौरान अपने सामान का ध्यान रखें, लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है.
तुला राशि संक्रांति फल
तुला राशि वालों के लिए सूर्य का प्रभाव स्वभाव, व्यक्तिगत अभिव्यक्ति और आपसी संबंधों पर अधिक देखने को मिल सकता है. अपने सभी कामों को पूरी लगन से करने पर आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा. पैसों को लेकर अधिक चिंता हो सकती है. इस समय आप अपने प्रियजनों को लेकर भी काफी गंभीर रहेंगे, उनका सहयोग पाने के लिए निरंतर प्रयास सकारात्मक परिणाम देने में सहायक होंगे.
वृश्चिक राशि संक्रांति फल
वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर बारहवें भाव में होगा. कार्यस्थल पर आपको तनावपूर्ण माहौल का सामना करना पड़ सकता है, अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने और अपनी योग्यता साबित करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी. शरीर में कुछ दर्द और गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है. इस अवधि में आप ऊर्जा और उत्साह की कमी महसूस कर सकते हैं.
धनु राशि संक्रांति फल
धनु राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर आय और लाभ के भाव में होगा. इस समय आपको अपने वरिष्ठों की बातें पसंद नहीं आ सकती हैं या आप सख्त निर्देशों का पालन करने के खिलाफ विद्रोह कर सकते हैं. पैतृक संपत्ति से संबंधित कुछ विवाद होने की भी संभावना है, इसलिए इस समय भ्रम और दूसरों की बातों में अधिक रुचि लेने से बचना उपयोगी होगा. विद्यार्थी अपनी एकाग्रता की कमी से परेशान रहेंगे.
मकर राशि संक्रांति फल
सूर्य का गोचर मकर राशि के कार्य क्षेत्र को सबसे अधिक प्रभावित करेगा. अपनी रुचि दिखाने के साथ-साथ आप छुपी हुई प्रतिभाओं से भी परिचित होंगे. जो लोग अपना खुद का व्यवसाय करते हैं, वे आय के नए स्रोत उत्पन्न करने में सक्षम होंगे. यदि आप नौकरीपेशा हैं, तो काम में वृद्धि के साथ-साथ आय में वृद्धि के संकेत मिल सकते हैं. सहकर्मियों के साथ तालमेल बिगड़ सकता है.
कुंभ राशि संक्रांति फल
कुंभ राशि के भाग्य भाव में सूर्य देव शुभता प्रदान करते हैं. आप आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. प्रियजनों के साथ आपके सहयोग की कई मौकों पर प्रशंसा भी मिलेगी. आप समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सक्षम होंगे. इस दौरान आप जनसंपर्क के क्षेत्र में अधिक काम कर सकते हैं.
मीन राशि संक्रांति फल
मीन राशि के लिए सूर्य का गोचर अष्टम भाव में होता है. चीजों को हासिल करने के लिए आपको कठिन संघर्ष करना पड़ेगा. किसी का सहयोग सकारात्मक तरीके से काम करेगा. उत्साह और इच्छाएं आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध होंगी. आपको किसी से अचानक धन प्राप्ति भी हो सकती है. इस समय शांति से सबकी बात समझने की कोशिश करेंगे तो चीजें सुलझ जाएंगी.