29 मार्च 2025, शनिवार को 11:01 पी एम बजे शनि का प्रवेश मीन राशि में होगा. साल की शुरुआत के साथ, शनि बड़ी परिवर्तनकारी ग्रह घटना को देगा जिसका असर देश दुनिया से लेकर सभी राशियों पर होगा. यह एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना होगी. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि देव मीन राशि में अपना गोचर करने जा रहे हैं. यह कोई सामान्य गोचर नहीं है. ग्रह अन्य राशियों में 30 वर्षों के गोचर के बाद मीन राशि में है. यह गुरु के घर वापसी जैसा है. शनि लगभग ढाई साल तक इस राशि में आगे और पीछे चलता रहेगा.
आपकी कुंडली पर शनि का प्रभाव
जब कुंडली में शनि अनुकूल स्थिति में होता है, तो व्यक्ति अच्छी संचार शक्तियों वाला विद्वान बनता है. जब यह अशुभ होता है, तो इसमें शुभता को भी कमजोर कर देने की शक्ति होति है. दूसरी ओर, यदि यह शुभ है, तो यह जीवन में सौभाग्य प्रदान करता है. शुभ शनि वाले जातकों के लिए व्यापार में करियर बनाने की अच्छी संभावनाएं होती हैं, चाहे वह मशीनरी, चमड़ा, सीमेंट, भट्टी, लकड़ी, रबर आदि से संबंधित हो.लेकिन, शनि के कमजोर या अशुभ प्रभाव देने पर व्यक्ति को जीवन में संघर्षों का सामना करा सकता है. स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं, मुख्य रूप से पाचन तंत्र, पेट और पाचन नली से संबंधित. उन्हें जीवन में धन हानि या कानूनी मुद्दों का शिकार होने की भी संभावना है. अब शनि का मीन राशि में जाना कई राशियों के लिए रह सकता है विशेष तो कईयों को मिल सकता है फेरबदला.
मेष राशि
मेष की जन्म कुंडली में शनि 10वें और 11वें भाव का स्वामी है. यह बारहवें भाव (यात्रा और व्यय का भाव) से गोचर करेगा. यह आपके लिए साढ़ेसाती का पहला चरण है. आपसे सामान्य से थोड़ा अधिक प्रभावी ढंग से काम करने की उम्मीद की जाएगी. कई बार कार्यस्थल पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ आ सकती हैं. गोचर का आप पर क्या अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा इसके लिए जन्म कुंडली से जानें शनि गोचर प्रभाव. शनि के मीन राशि प्रवेश का मेष पर असर 2025
वृष राशि
9वें और 10वें भाव का स्वामी यह ग्यारहवें भाव से गोचर करेगा जो लाभ का भाव है. यह आपके पेशेवर जीवन के लिए एक अच्छा चरण प्रतीत होता है. आप अधिक मेहनती होंगे और अपने अधीनस्थों के साथ भी अच्छे संबंध रखेंगे. क्या वित्तीय मोर्चे के संबंध में गोचर अनुकूल है जिसका उत्तर आपको अपनी जन्म कुंडली से ज्ञात होगा.
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए, शनि 8वें और 9वें भाव का स्वामी है. यह इस समय 10वें भाव में गोचर कर रहा है. यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण गोचर है क्योंकि यह भाव लक्ष्यों की पूर्ति पर केंद्रित है. आपको अपनी ऊर्जा के स्तर को और अधिक उत्साही स्तर पर ले जाने की आवश्यकता होगी. हालाँकि, आपको वित्तीय निर्णयों के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है.
कर्क राशि
शनि आपके लिए 7वें और 8वें भाव का स्वामी है.शनि इन राशि वालों की जन्म कुंडली में 9वें भाव से गोचर करेगा. इस भाव में गोचर के कारण, आप धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राओं के प्रति अधिक इच्छुक होंगे. गोचर आपको आसपास के लोगों के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद करेगा. आपको काम पर पदोन्नति मिलने वाली है.
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए, शनि आपकी जन्म कुंडली में 6वें और 7वें भाव पर शासन करता है. शनि आपकी कुंडली में 8वें भाव में गोचर कर रहा है, इसलिए आप ढैया (छोटी पनोती) के प्रभाव में रहेंगे. अपने करियर की योजना अधिक झुकाव के साथ बनाना शुरू करें, क्योंकि ग्रह आपके दृढ़ संकल्प की परीक्षा लेगा. गोचर चरण के दौरान परिस्थितियों का सामना करने के लिए पर्याप्त साहसी और आत्मविश्वासी बनें.
कन्या राशि
शनि कन्या राशि वालों के लिए 5वें और 6वें भाव का स्वामी ग्रह है. यह आपकी जन्म कुंडली में 7वें भाव (साझेदारी का भाव) में प्रवेश करेगा. आपको अपने वैवाहिक जीवन में धैर्य रखने की आवश्यकता होगी, क्योंकि गोचर उसमें असंतुलन पैदा कर सकता है. अपने करियर जीवन में नए कौशल विकसित करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. करियर में अपने पिछले कार्यों पर फिर से विचार करने और अपनी गलतियों से सीखने का यह एक अच्छा समय होगा. इस समय नौकरी में स्थानांतरण या कार्यालय में पदोन्नति मिलने की संभावना होगी.
तुला राशि
शनि तुला राशि वालों के लिए चौथे और पांचवें भाव का स्वामी है. यह विरोधियों के छठे भाव से होकर गुजरेगा. इस कारण आपको चतुराई से काम लेना होगा.अपने वरिष्ठों से शांति से बात करें. आपको अपने वित्त की योजना बनाने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि कुछ अप्रत्याशित खर्चे होने की संभावना है. जैसे-जैसे गोचर आगे बढ़ेगा, शनि आपके लिए कुछ आश्चर्य लेकर आएगा.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि तीसरे और चौथे भाव का स्वामी है. शनि इस बार यह 5वें भाव में गोचर कर रहा है. 23 जनवरी 2020 तक आप ढैय्या (शनि की छोटी पनोती) के प्रभाव में रहेंगे. इसके कारण पिछले वर्षों में घरेलू या सामाजिक जीवन से जुड़े कुछ मुद्दे सामने आए होंगे. अब, आने वाले गोचर में आपका ढैय्या चरण समाप्त हो जाएगा. आगामी गोचर चरण में आपका समग्र जीवन पथ बदलने वाला है.
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव का स्वामी है. शनि आपकी कुंडली में चौथे भाव में गोचर कर रहा है, इसलिए आप ढैया (छोटी पनोती) के प्रभाव में रहेंगे. सीमाओं का ग्रह होने के कारण, यह आपको सीमित महसूस कराएगा. लेकिन आपको अपना दृढ़ संकल्प और आशावाद सर्वोच्च स्तर पर रखना चाहिए. क्या यह चरण आपको अपने करियर में उच्च ऊंचाई प्राप्त करने में मदद करेगा
मकर राशि
मकर राशि के पहले और दूसरे भाव का स्वामी शनि इस समय तीसरे भाव में गोचर करेगा. इसलिए आपको वित्तीय बाधाओं का अनुभव हुआ होगा. इस चरण के बाद, शनि आपकी जन्म कुंडली में तीसरे भाव से गोचर करेगा. यह आपके करियर के लिए लाभदायक समय प्रतीत होता है. पदोन्नति मिलने के योग बनने वाले हैं.
कुंभ राशि
शनि कुंभ राशि वालों के लिए पहले और बारहवें भाव का स्वामी ग्रह है. आप साढ़ेसाती के प्रभाव में रहेंगे. इस वजह से आपको करियर या विवाह संबंधी मामलों में मंदी का सामना करना पड़ सकता है. इसके बाद, आपकी कुंडली में शनि के दूसरे भाव में गोचर के साथ साढ़ेसाती का तीसरा चरण शुरू होगा. क्या आने वाले चरण में आपके लिए कुछ उज्ज्वल अवसर हैं
मीन राशि
मीन राशि के लिए शनि ग्यारहवें और बारहवें भाव का स्वामी है. आपकी जन्म कुंडली में पहले भाव स्वयं के भाव में प्रवेश कर रहा है. यह लगभग 30 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद मकर राशि में वापस आ रहा है. इस गोचर में आप साढ़ेसाती के दूसरे चरण में प्रवेश करेंगे. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के दौरान खुद पर विश्वास और मजबूत आत्मविश्वास सामने आएगा. आने वाले गोचर चरण में आपके लिए बदलाव होगा.
अपनी कुंडली से जानें कैसा रहेगा शनि का मीन राशि गोचर आपके लिए क्या शनि साढ़ेसाती या शनि ढैय्या करेगी आपको प्रभावित Saturn Sadesati Analysis