अदभूत स्थल ओम पर्वत आदि कैलाश यात्रा के मार्ग में स्थित है. इसे ॐ पर्वत इसलिए कहा जाता है क्योंकि पर्वत का आकार व इस पर जो बर्फ जमी हुई है वह ओम आकार की छठा बिखेरती है तथा ओम का प्रतिबिंब दिखाई देता है. यह मनमोहक ओम पर्वत गौरी कुंड का आधार
Read More..
फल्गु नदी के तट पर बसा बिहार का प्रमुख शहर गया एक तीर्थ स्थल है. गया तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख स्थान है. श्राध के महीने में बिहार के प्रमुख तीर्थस्थल गया में लगने वाले पितृ-पक्ष मेले में दूर-दूर से लोग यहां पितरों का श्राध करने आते
Read More..
उत्तराखण्ड के चमोली क्षेत्र में गोपेश्वर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है. भगवान शिव को समर्पित यह धाम भारत के प्रमुख रमणीय स्थलों मे से एक है. इस पवित्र स्थल के दर्शन मात्र से ही समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं. गोपेश्वर धाम केदारनाथ मंदिर
Read More..
ऋशि पराशर जी प्राचीन भारतीय ऋषि मुनि परंपरा की श्रेणी में एक महान ऋषि के रूप में सामने आते हैं. प्रमुख योग सिद्दियों के द्वारा तथा अनेक महान शक्तियों को प्राप्त करने वाले ऋषि पराशर महान तप और साधना भक्ति द्वारा जीवने के पथ प्रदर्शक के रुप
Read More..
अक्षय तृतीया पर्व को कई नामों से जाना जाता है. इसे अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है. इस वर्ष यह पर्व 30 मार्च 2025 के दिन मनाया जाएगा. इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्यौहारों की श्रेणी में रखा जाता है. अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल
Read More..
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन पजूनो पूनो व्रत का विधान है. इस शुभ तिथि के अवसर पर महिलाएं संतान की खुशहाली के लिए इस व्रत का पूजन एवं नियम पूर्ण श्रद्धा के साथ करती हैं. यहां पूजन पूनो से तात्पर्य यह है कि शुक्ल पक्ष की पंद्रहवीं या चंद्रमास
Read More..
वैशाख माह में आने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है बैसाखी. इस वर्ष यह त्यौहार 14 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. बैसाखी का आगमन प्रकृत्ति के परिवर्तन को दर्शाता है. सूर्य का मेष राशि में प्रवेश बैसाखी का आगमन है. बैसाखी पर्व विशेष रुप से किसानो
Read More..
रामनवमी का त्यौहार चैत्र शुक्ल की नवमी मनाया जाता है. इस वर्ष यह त्यौहार 06 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है. हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस
Read More..
चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों का आरंभ वर्ष 2025 में 30 मार्च को रविवार के दिन से होगा. इसी दिन से हिंदु नवसंवत्सर अर्थात नए साल का आरंभ भी होता है. नवरात्र के नौ दिनों में देवी की पूजा के अलावा दुर्गा पाठ, पुराण पाठ, रामायण, सुखसागर, गीता,
Read More..
महर्षि ऋभु ब्रह्मा जी के मानस पुत्रों में से एक हैं. ऋषि ऋभु ब्रह्मतत्त्वज्ञ तथा निवृत्तिपरायण भक्त हुए. इनकी क्षमता ने इन्हें एक महान तपस्वी बनाया इनकी अगाध श्रद्धा ने ही इन्हें प्रभु के भक्त रुप दिया. इनका गुरुत्व प्राप्त करके इनके सभी
Read More..
इस वर्ष 2025 में 14 मार्च के दिन होली रंगोत्सव मनाया जाएगा. होली का त्योहर प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. होली से ठीक एक दिन पहले रात्रि को होलिका दहन होता है. उसके अगले दिन प्रात: से ही लोग रंग खेलना प्रारम्भ कर
Read More..
राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी का प्राचीन मंदिर. यह मंदिर माता के प्रमुख शक्ति स्थलों में गिना जाता है. यह देवी यहाँ की अराध्य देवी हैं मां अबुर्दा देवी
Read More..
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर - Kukke Subramanya Mandir - Kukke Subramanya Story - Kukke Subramanya Temple
Read More..
श्रावण संक्रांति में सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. श्रावण संक्रान्ति का समय 16 जुलाई 2025 को आरंभ होगा. संक्रांति के पुण्य काल समय दान, जप, पूजा पाठ इत्यादि का विशेष महत्व होता है इस समय पर किए गए दान पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता
Read More..
महान ऋषि भृगु के पुत्र थे च्यवन ऋषि, इनकी माता का नाम पुलोमा था. ऋषि च्यवन को महान ऋषियों की श्रेणी में रखा जाता है इनके विचारों एवं सिद्धांतों द्वारा ज्योतिष में अनेक महत्वपूर्ण बातों आगमन हुआ इस कारण यह ज्योतिष गुरू रुप में भी प्रसिद्ध
Read More..
चैत्र संक्रांति में सूर्य, 14 मार्च 2025 , के दिन, मीन राशि में प्रवेश करेंगे. चैत्र संक्रांति में स्नान, दान, जप इत्यादि का विशेष पुण्य काल सांय काल बाद से आरंभ हो जाएगा. इस पुण्य काल में दान- स्नान आदि कार्य करने अति शुभ माने जाते हैं.
Read More..
ऋषि मुनियों की परंपरा में दुर्वासा ऋषि का अग्रीण स्थान रहा है इतिहास के आदिकालीन महान ऋषियों में यह प्रमुख स्थान रखते हैं, ऋषि दुर्वासा सतयुग, त्रैता एवं द्वापर युगों के एक प्रसिद्ध सिद्ध योगी महर्षि माने गए हैं हिंदुओं के एक महान ऋषि हैं
Read More..
ज्येष्ठ संक्रांति में सूर्य वृष राशि में प्रवेश करेंगे यह संक्रांति 15 मई, 2025 को आरंभ होगी. इस पुण्य काल के समय दान, स्नान एवं जप करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है. इस मास में संक्रान्ति, गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी आदि पर्व मुख्य
Read More..
आषाढ़ संक्रांति में सूर्य मिथुन राशि में प्रेवश करेंगे. आषाढ़ संक्रान्ति 15 जून 2025 को मनाई जाएगी. संक्रांति पुण्य काल समय में दान-धर्म,कर्म के कार्य किये जाते हैं. जिनसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. आषाढ संक्रांति के दिन किया गया दान
Read More..
याज्ञवल्क्य जयंती भारतीय ऋषियों की परंपरा के अग्रीण ऋषि हुए हैं वह ब्रह्मज्ञानी थे, महान अध्यात्म वक्ता योगी, मंत्र दृष्टा हुए, इन्हीं के जन्म दिवस को याज्ञवल्क्य जयंती जयंती के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है. इस वर्ष 04 मार्च 2025 को