भारत की मध्ययुगीन संत परंपरा में रविदास या कहें रैदास जी का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है. संत रैदास जी कबीर के समसामयिक थे. संत कवि रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गाँव में सन 1398 में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था रविवार के दिन जन्म होने के
Read More..
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है. भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं, पौराणिक मान्यता एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के
Read More..
वर्धमान महावीर का जन्मदिन महावीर जयन्ती के रुप मे मनाया जाता है. महावीर जयंती 21 अप्रैल 2024, के दिन मनाई जाएगी. वर्धमान महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान श्री आदिनाथ की परंपरा में चौबीस वें तीर्थंकर हुए थे. इनका जीवन काल पांच सौ ग्यारह से
Read More..
गुरू नानक देव जी के जन्म दिवस को गुरू नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है. गुरू नानक देव सिखों के प्रथम गुरू थे. इनका जन्म तलवंडी रायभोय (ननकाना साहब) नामक स्थान पर हुआ था. इनके जन्म दिवस को प्रकाश उत्सव (प्रकाशोत्सव ) भी कहते हैं,
Read More..
वाराह अवतार भगवान विष्णु का ही एक अवतार है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया में वराह जयंती मनाई जाती है. भगवान के इस अवतार में श्री हरि पापियों का अंत करके धर्म की रक्षा करते हैं. वाराह अवतार जयंती भगवान के इसी अवतरण को प्रकट करती है
Read More..
ऋषि वेदव्यास वैदिक काल के महान ऋषियों में से एक थे वेद व्यास जी महाभारत ग्रंथ के रचयिता तथा उन घटनाओं के साक्षी भी रहे जिन्होंने युग परिवर्तन किया. मुनि वेदव्यास जी धार्मिक ग्रंथों एवं वेदों के ज्ञाता थे वह एक महान विद्वान और मंत्र दृटा
Read More..
देवी मातंगी जयंती के उपलक्ष पर माता की पूजा अर्चना की जाती है. इस पावन अवसर पर जो भी कोई माता की पूजा करता है वह सर्व-सिद्धियों का लाभ प्राप्त करता है. मातंगी की पूजा व्यक्ति को सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करती है. इस वर्ष श्री मातंगी
Read More..
त्रिपुर भैरवी की उपासना से सभी बंधन दूर हो जाते हैं. इनकी उपासना भव-बन्ध-मोचन कही जाती है. इस वर्ष त्रिपुर भैरवी 15 दिसंबर 2024 के दिन मनाई जानी है. इनकी उपासना से व्यक्ति को सफलता एवं सर्वसंपदा की प्राप्ति होती है. शक्ति-साधना तथा
Read More..
भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी या वामन जयंती के रुप में मनाया जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी शुभ तिथि को श्रवण नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में श्री विष्णु के अन्य रुप भगवान वामन का अवतार हुआ था. इस वर्ष वामन जयंती,
Read More..
माँ ललिता दस महाविद्याओं में से एक हैं. ललिता जयंती का व्रत भक्तजनों के लिए बहुत ही फलदायक होता है. श्री ललिता जयंती इस वर्ष 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी. भक्तों में मान्यता है कि यदि कोई इस दिन मां ललिता देवी की पूजा भक्ति-भाव सहित करता है
Read More..
दस महा विद्याओं में छिन्नमस्तिका॒ माता छठी महाविद्या॒ कहलाती हैं. इस वर्ष देवी छिन्नमस्तिका जयंती 21 मई 2024, के दिन मनाई जाएगी. यह जयंती भारत वर्ष में धूमधाम के साथ मनाई जाती है. माता के सभी भक्त इस दिन माता की विशेष पूजा अर्चना करते हैं.
Read More..
माँ भुवनेश्वरी शक्ति का आधार हैं तथा प्राणियों का पोषण करने वाली हैं. माँ भुवनेश्वरी जी की जयंती इस वर्ष 15 सितंबर 2024,के दिन मनाई जाएगी. यही शिव की लीला-विलास सहभागी हैं. इनका स्वरूप कांति पूर्ण एवं सौम्य है. चौदह भुवनों की स्वामिनी मां
Read More..
भगवान विष्णु के कूर्म अवतार रूप में वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष कूर्म जयंती 22 मई 2024 के दिन मनाई जाएगी. हिंदु धार्मिक मान्यता अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म(कछुए) का अवतार लिया था और
Read More..
मां धूमावती जयंती के विशेष अवसर पर दस महाविद्या का पूजन किया जाता है. 14 जून 2024, को धूमावती जयंती मनाई जाएगी. धूमावती जयंती समारोह में धूमावती देवी के स्तोत्र पाठ व सामूहिक जप का अनुष्ठान होता है. काले वस्त्र में काले तिल बांधकर मां को
Read More..
इस वर्ष महाकाली जयंती 26 अगस्त 2024 के दिन मनाई जाएगी. मधु और कैटभ के नाश के लिये ब्रह्मा जी के प्रार्थना करने पर देवी जगजननी ने महाविद्या काली मोहिनी शक्ति के रूप में प्रकट होती हैं. महामाया भगवान श्री हरि के नेत्र, मुख, नासिका और बाहु
Read More..
वर्ष 2024 में 10 मई, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को परशुराम जयन्ती मनाई जाएगी. वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की रात में पहले प्रहर में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. इसलिए यह जयन्ती तृतीया तिथि के प्रथम प्रहर में मनाई जाती है. राजा
Read More..
महातारा जयंती पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई जाती है. इस वर्ष महातारा जयंती 17 अप्रैल 2024, के दिन मनाई जाएगी.चैत्र माह की नवमी तिथि तथा शुक्ल पक्ष के दिन माँ तारा की उपासना तंत्र साधकों के लिए सर्वसिद्धिकारक मानी जाती है. दस महाविद्याओं