दशावतार व्रत | Dashavatar Vrat | Dashavatar Vrat 2020
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन दशावतार व्रत का विधान बताया गया है. इस दिन भगवान श्री विष्णु जी के दस अवतारों की पूजा की जाती है तथा कथा श्रवण होता है. भगवान विष्णु को की नामों से जाना जाता है वह अपने अवतारों के रूप में अपने लीला रूप में अनेक नामों से संबोधित किए जाते हैं.
भक्त उन्हें कई नामों से पुकारते हैं उनकी महिमा का वर्णन करते हैं श्री नारायण, श्री कृष्ण, बैकुण्ठ, लक्ष्मीकांत, देवकीनन्दन, दामोदर, हृषीकेश, केशव,पुण्डरीकाक्ष, गोविन्द, गरुड़ध्वज, माधव, स्वभू, दैत्यारि, पीताम्बर, विष्वक्सेन, जनार्दन, उपेन्द्र, इन्द्राव, शौरि, श्रीपति, पुरुषोत्तम, कंसाराति, अधोक्षज, विश्वम्भर, कैटभजित , विधु, श्री हरि और गिरधर गोपाल आदि नाम भगवान विष्णु जी के प्रसिद्ध नाम हैं.
भगवान विष्णु के प्रमुख अवतार | Important Incarnations Of Lord Vishnu
भगवान श्री विष्णु के अनेकों अवतार हुए, भक्तों को बचाने एवं धर्म की रक्षा हेतु प्रभु ने हर काल में अवतार लिया. विष्णु भगवान के रूप को वेदों पुराणों में बहुत ही सुंदर तरीके से दर्शाया गया है. भगवान स्वयं कहते हैं कि जब पृ्थवी पर धर्म की हानी होती है तो मै धर्म की स्थापना हेतु अवतार लेता हूँ. इसी कारण भगवान ने हर युग में अवतार लिए और पृथवी की रक्षा की. सनातन धर्म में भगवान विष्णु के 24 अवतार माने गए हैं, जिनमें से दस प्रमुख रुप से विशेष स्थान पाते हैं जो इस प्रकार हैं.
मत्स्य अवतार | Matsya Avatar
भगवान विष्णु ने मछली का रूप धरा ओर पृथ्वी के जल मग्न होने पर ऋषि समेत कई जीवों की रक्षा की भगवान ने उस ऋषि की नाव की रक्षा की थी तथा ब्रह्मा जी ने पुनः जीवन का निर्माण किया एक अन्य कथा अनुसार शंखासुर राक्षस जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा गया तब विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को मुक्त करके उन्हें पुनः स्थापित किया.
कूर्म अवतार | Kurma Avatar
इस अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था उनकी सहायता से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नों की प्राप्ति की.
वराह अवतार | Varaha Avatar
वाराह अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी कि रक्षा की थी, एक पोराणिक कथा अनुसार भगवान ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध किया था.
नरसिंहावतार | Narsingha Avatar
नृसिंह रुप धरकर भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करके भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी.
वामन अवतार | Vamana Avatara
वामन अवतार रूप में विष्णु जी ने वामन ब्राहम्ण का रुप धरा और राजा बलि से देवतओं की रक्षा की.
राम अवतार | Ram Avatar
त्रेता युग में 'राम' अवतार लेकर रावण का वध किया और असत्य पर सत्य की विजय को दर्शाया.
कृष्ण अवतार | Krishna Avatar
द्वापर में कृष्णावतार रूप में कंस का करके प्रजा की रक्षा की ओर धर्म को अनुशासित एवं स्थापित किया.
परशुराम अवतार | Parshuram Avatar
परशुराम अवतार लेकर विष्णु जी ने असुरों का संहार किया.
कल्कि अवतार | Kalki Avatar
माना जाता है कि 'कल्कि अवतार' में श्री विष्णुजी भविष्य में कलियुग के अंत में आयेंगे और पापियों का अंत करके लोगों के दुख दूर करेंगे. इस प्रकार भगवान विष्णु जी ने सभी युगों में धर्म की रक्षा की और लोगों को अत्याचारियों के हाथों से मुक्त किया.
दशावतार पूजन | Dashavatara Puja
सर्व प्रथम प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त हो कर ,स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुद्ध मन सहित भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए. भगवान विष्णु की मूर्ती के समक्ष दीपक प्रज्वलित कर सविधि पूजा आरम्भ करनी चाहिए. दशावतार पूजन में रोली, हल्दी, अक्षत, पीट वस्त्र ,श्वेत चन्दन .श्वेत वस्त्र, दीपक, पुष्माला ,नारियल नैवेद्या,कपूर, फल, गंगाजल, यज्ञो पवीत ,कलश ,तुलसीदल इत्यादि वस्तुओं को रखना चाहिए.
इनके द्वारा पंचोपचार पूजन करके मंत्र जाप, स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए. इस प्रकार भाद्रपकद की शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन दशावतार पूजन एवं व्रत करके श्री विष्णु की शरण में जाकर श्री विष्णु के नामों का कीर्तन, स्मरण, दर्शन, वन्दन, श्रवण करने से समस्त पाप-ताप नष्ट हो जाते हैं. "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" महामंत्र के जाप से सभी के कष्ट दूर होते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.