वेशि योग- सूर्यादि योग | Vesi Yoga-Suryadi Yoga | Vesi Yoga Result | How is Vesi Yoga Formed | Vosi Yoga | Ubhayachari Yoga

सभी ग्रहों में सूर्य को विशेष स्थान दिया गया है, सूर्य को ग्रहों में राजा कहा गया है. वह पिता और आत्मा के कारक ग्रह है. सूर्य से ग्रहों कि विशेष स्थिति होने पर सूर्यादि योग बनते है. सूर्य से बनने वाले एक विशेष योग है. जिसे वेशी या वेशि योग के नाम से जाना जाता है.  

वेसी योग कैसे बनता है | How is Vesi Yoga Formed 

चन्द्रमा को छोडकर कुण्डली में जब सूर्य से दूसरे स्थान में कोई ग्रह हो तो इससे वेसी योग बनता है. वेसी योग वाला व्यक्ति देखने में सुन्दर, सुयोग्य, गुणवान, साहसी, प्रसन्नचित्त तथा समृ्द्धशाली होता है. 

मंगल वेशी योग | Mars Vesi Yoga 

मंगल से वेशी योग बन रहा हो तो व्यक्ति लडाई में प्रधान, उत्तम वाहन प्राप्त करने वाला, तकनीकी जानकार होता है. 

बुध वेशी योग | Mercury Vesi Yoga 

बुध वेशी योग से युक्त व्यक्ति प्रियभाषी, सुन्दर शरीर, दूसरे को मूर्ख बनाने वाला. 

गुरु वेशी योग | Jupiter Vesi Yoga 

गुरु से वेशी योग बन रहा हो तो व्यक्ति धैर्यवान, सत्यवादी, बुद्धिमान, रण में शूर-वीर होता है. 

शुक्र वेशी योग | Venus Vesi Yoga

शुक्र से वेशी योग बनने पर व्यक्ति गुणवान, विख्यात, सौम्य और शूरवीर होता है. 

शनि वेशी योग | Saturn Vesi Yoga 

जिस व्यक्ति की कुण्डली में शनि से वेशी योग बन रहा हो तो व्यक्ति व्यापार-कला में निपुण होता है. उसकी बुद्धि व्यवसायिक कार्यो में लगती है.  इसके अतिरिक्त वह दूसरों का धन प्राप्त करने का प्रयास करता है. 

सूर्यादि योगों में मुख्य रुप से वेशी योग, वोशी योग व उभयचारी योग बनते है. ये तीनों योग सूर्य के आस-पास के दोनों भावों में चन्द्र के अतिरिक्त अन्य कोई ग्रह होने पर बनते है. सूर्यादि योगों में विशेष बात यह है, कि इन योगो  में चन्द्र ग्रह की स्थिति को योग निर्माण में शामिल नहीं किया जाता है. 

वोशी योग कैसे बनता है | How is Vosi Yoga Formed 

जब कुण्डली में चन्द्र के सूर्य से बारहवें स्थान या पिछले स्थान में कोई ग्रह हो तो इससे वोसी योग बनता है. इस भाव में किसी अन्य ग्रह के साथ चन्द्र भी स्थित हो तो योग भंग हो जाता है.  वोशी योग शुभ योग है. इसलिए इस योग से प्राप्त होने वाले फल भी शुभ होते है.  

वोशी योग फल | Vosi Yoga Result 

जिस व्यक्ति की कुण्डली में वोशी योग होता है. वह व्यक्ति अति धनवान होता है. साथ ही वह लोकप्रियता प्राप्त करता है. वोशी योग युक्त व्यक्ति स्थिर वाक्य वाला होता है. बडा परिश्रमी होता है. गणित विषय का जानकार होता है. 

गुरु वोशी योग फल | Jupiter Voshi Yoga Result 

गुरु वोशी योग बडा निश्चयी होता है. उसे अनेक वस्तु संचय करने का शौक होता है. 

बुध वोशी योग फल | Mercury Voshi Yoga Result 

बुध वोशी योग बन रहा हो तो व्यक्ति दुसरों की आलोचना प्राप्त करने वाला होता है. यह योग व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में कमी कर सकता है. (Stairsupplies) स्वभाव से कोमल, विनयी होता है. 

मंगल वोशी योग फल | Mars Vosi Yoga Fruits

मंगल से वोशी योग होने पर व्यक्ति परोपकारी होता है. 

शुक्र वोशी योग फल | Venus Voshi Yoga Result 

शुक्र से वोशी योग का व्यक्ति डरपोक और कामी हो सकता है. 

शनि वोशी योग फल | Saturn Vosi Yoga Result 

ऎसा योग विपरीत लिंग में अत्यधिक रुचि लेने वाला होता है. आयु से बडा दिखने वाला होता है. तथा उसे लोगों की घ्रणा का सामना करना पडता है. 

उभयचारी योग

उभयचारी योग सूर्यादि योगों में से एक योग है. यह योग शुभ योग है. सूर्यादि योगों की यह विशेषता है, कि इन योगों राहू-केतु और चन्द्र ग्रह को शामिल नहीं किया जाता है. यहां तक की अगर उभयचारी योग बनते समय चन्द्र भी योग बनाने वाले ग्रहों के साथ युति कर रहा हो तो, यह योग भंग हो जाता है.  

उभयचारी योग कैसे बनता है | How is Ubhayachari Yoga Formed

जब कुण्डली में चन्द्रमा को छोडकर सूर्य से द्वितीय भाव और बारहवें स्थान में अथवा सूर्य के दोनों और कोई ग्रह हो तो उभयचारी योग बनता है. यह एक सुन्दर और शुभ योग है. इस योग वाला व्यक्ति रुपवान, धनी, मधुरभाषी, विद्वान, अच्छा वक्ता और लोकप्रिय होता है. 

इसके अतिरिक्त इस योग का व्यक्ति सहनशील होता है. वह दूसरों के अपराधों को क्षमा करने वाला होता है. स्थिर बुद्धि होता है. स्वयं प्रसन्न रहने का प्रयास करता है. व दूसरों को भी प्रसन्न रखता है.