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Author Archives: astrobix
तिथि क्या है और ज्योतिष में इसका महत्व क्यों है, जानिये.
ज्योतिष में तिथियों का एक महत्वपूर्ण स्थान है. हिन्दु धर्म में तिथियों के आधार पर मुहूर्त्त निकाले जाते हैं और उनके अनुसार विभिन्न कार्य किए जाते हैं. सभी कार्यों का मुहुर्त तिथियों के अनुसार बाँटा गया है. प्रतिपदा तिथि | … Continue reading
श्री यंत्र प्रतिष्ठापन और पूजा की आसान विधि
श्री यंत्र देवी लक्ष्मी का यन्त्र होता है यह कष्टनाशक होने के कारण यह सिद्धिदायक और सौभाग्यदायक माना जाता है. लक्ष्मी कृपा हेतु श्रीयंत्र साधना के बारे में बताया जाता है. श्रीयंत्र की रचना पांच त्रिकोण के नीचे के भाग … Continue reading
Posted in Mantra, Remedies, Signs, Vedic Astrology, Yantra
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ज्योतिष में चाप योग क्या होता है
लग्नेश के उच्च राशिस्थ होने के साथ-साथ दशमेश और चतुर्थेश के मध्य विनिमय परिवर्तन योग होने पर निर्मित होता है. चाप योग की परिभाषाओं में कुछ भिन्नता देखने को मिलती है. यदि कुण्डली में चतुर्थ और दशम स्थानों के स्वामी … Continue reading
मंत्र जाप से बदल सकता है आपका जीवन, ऐसे
प्राचीन धर्म ग्रन्थों में मंत्र जाप के महत्व को बहुत विस्तार पूर्वक बताया गया है. भारतीय संस्कृति में मंत्र जाप की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही है. प्राचीन वेद ग्रंथों में सहस्त्रों मंत्र प्राप्त होते हैं जो … Continue reading
ऊं नम: शिवाय मंत्र जाप की सही विधि (सही फल प्राप्ति के लिये)
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र भगवान शिव की महिमा एवं उनके स्वरुप को दर्शाता है. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप भक्त के हृदय की गहराइयों में पहुंचकर उसका साक्षात्कार शिव से कराता है. यह मंत्र भक्तों का सरल लोकप्रिय मंत्र … Continue reading
सिंहासन योग अगर आपकी कुंडली में है तो यूं बदलेगी आपकी ज़िन्दगी
दशमेश के केन्द्र, त्रिकोण, अथवा धन भाव में स्थित होने से निर्मित होता है सिंहासन योग. जन्म कुण्डली में दशम भावाधीश केन्द्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय इनमें से किसी एक स्थान पर भी स्थित हो तो ऎसा जातक उच्च स्थान पाता … Continue reading
कुण्डली के बारह भावों में मुंथा
वर्ष कुण्डली में मुंथा का अत्यधिक उपयोग किया जाता है. जन्म कुण्डली में मुन्था सदैव लग्न में स्थित रहती है और प्रत्येक वर्ष मुंथा एक राशि आगे बढ़ जाती है. मुंथा नवग्रहों के समान ही महत्व रखती है. मुंथा विचार … Continue reading
शुक्र अगर वक्री हो जाये तो क्या होगा? देखिये
शुक्र ग्रह मान सम्मान, सुख और वैभव, दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं. साधारणत: यदि यह पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट न हों तो जातक को हंसमुख एवं विनोद प्रिय बनाते हैं. जातक मिलनसार और … Continue reading
बृहस्पति के वक्री होने पर ये हो सकता है
नवग्रहों में बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा और प्रभावशाली माना गया है. गुरू को शुभ ग्रहों के रूप में मान्यता प्राप्त है. गुरू को शुभता, सत्यता, न्याय, सद्गुण व सुख देने वाला गह माना गया है. इस ग्रह को कुण्डली में … Continue reading
सभी ग्रहों के लिये सही रत्न और उनके सस्ते विकल्प
विभिन्न ग्रहों के रत्न | Gemstones for Different Planets सूर्य – माणिक्य, चन्द्र – मोती, मंगल – मूँगा, बुध – पन्ना, बृहस्पति – पुखराज, शुक्र – हीरा, शनि – नीलम, राहु – गोमेद, केतु – लहसुनिया. विभिन्न ग्रहों के उपरत्न … Continue reading