Author Archives: astrobix

जैमिनी ज्योतिष में अर्गला | Argala in Jaimini Astrology

प्रत्येक राशि और ग्रह अपनी स्थिति और प्रकृति के अनुसार दूसरी राशियों और ग्रहों पर दृष्टि डालते हैं. इस दृष्टि का शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति को ग्रहों व राशियों की शुभता और अशुभता के अनुरूप प्राप्त होता है, इसे … Continue reading

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वर्षफल और ताजिक योग | Varshaphal and Tajik Yoga

वर्ष कुण्डली में ताजिक योगों का उपयोग किया जाता है. वर्ष फल में इन योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के वर्ष कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा नहीं होगी … Continue reading

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संकटनाशनगणेशस्तोत्रम् | Sankat Nashan Ganesha Stotram

संकटनाशनगणेशस्तोत्रम भगवान गनपति जी का अत्यंत प्रभावि स्त्रोत है. इसके स्मरण मात्र से सभी संकटों का नाश होता है. यदि प्रतिदिन इस स्त्रोत का पाठ किया जाए तो व्यक्ति को सभी परेशानियों से निजात मिलने लगती है. भगवान गणेश प्रथम … Continue reading

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ग्रहों के कारक तत्व | Karak Elements of Planets | Karak Elements

सभी ग्रह के कारक उस ग्रह के प्रभावों को प्रदर्शित करने में सहायक होते हैं. नौ ग्रहों में से जब कोई भी ग्रह अपने प्रभाव देता है तो उसे समझने के लिए उसके कारकों पर दृष्टि डालनी आवश्यक होती है. … Continue reading

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बीसा यंत्र | Beesa Yantra | Importance of Beesa Yantra

यंत्र शास्त्र में बीसा यंत्र को प्रमुख स्थान प्राप्त है, विभिन्न यंत्रों की श्रेणी में बीसा यंत्र भी कई प्रकार के हो सकते हैं. यंत्र की अलौकिक शक्तियां साधक की कामना की पूर्ति करने में समर्थ होती हैं. यंत्र अक्षय … Continue reading

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विवाह में नवांश की भूमिका | Role of Navansh in A Marriage

विवाह में जन्म कुण्डली की भांती नवांश वर्ग कुण्डली की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नवांश जिसे D-9 भी कहा जाता है. इसका उपयोग विवाह समय, वैवाहिक जीवन, जीवन साथी के व्यवहार , उसके चरित्र, मानसिक तथा दैहिक स्वरुप को … Continue reading

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श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्त्रोत | Shree Ganpati Atharvasheersha Stotra | Ganpati Atharvasheersha Stotra

भगवान गणेशजी की आराधना शीघ्र फलदायी कही गई है. प्रथम पूज्य श्री गणेश सभी संकटों का नाश करने वाले एवं विघ्नहर्ता हैं. गणेशजी की प्राण प्रतिष्ठित करके मंत्रों का जाप करते हुए सुगंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पण … Continue reading

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इत्थशाल योग | Ithasala Yoga | Ithasala Yoga Importance

इत्थशाल योग का उपयोग ताजिक शास्त्र में देखा जा सकता है. ताजिक ज्योतिष वर्ष फल बताने की एक पद्धति है. इत्थशाला योग का ताजिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है. इत्थशाला शब्द का अर्थ है अवश्य संभावी अर्थात निश्चित सीमा तक … Continue reading

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नामकरण संस्कार करने की सही शास्त्रोक्त विधि

नाम के इस व्यवहारिक महत्व को हमारे धर्म गुरुओं ने वर्षों पहले ही समझ लिया था. उसी मह्त्ता के आधार पर नामकरण संस्कार को आधार मिला तथा नामकरण की धार्मिक प्रक्रिया शुरु हुई.  भारतीय ज्योतिष में नामकरण को शादी-विवाह जैसे … Continue reading

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जैमिनी ज्योतिष में राशियों पर ग्रहों की दृष्टि का परिणाम

जैमिनी ज्योतिष में राशियों पर ग्रहों की दृष्टि को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस ज्योतिष विधि में कहा गया है कि किसी व्यक्ति के भविष्य कथन में ग्रहों की दृष्टि को महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखना चाहिए. जैमिनी … Continue reading

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